नोएडा
10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम शुरू होने में अब एक महीने से कम समय बचा है। स्टूडेंट अपनी तैयारी में जुट गए हैं। बोर्ड एग्जाम का प्रेशर ऐसा है कि छात्रों के साथ-साथ पैरंट्स भी तनाव में आ जाते हैं। इसलिए घर का माहौल भी बदला-बदला सा नजर आने लगता है। इसी तनाव को कम करने के लिए एनबीटी आज से यह सीरीज शुरू कर रहा है। इसमें हर रोज एक सब्जेक्ट के विशेषज्ञ से बात कर एग्जाम की तैयारी के जरूरी टिप्स दिए जाएंगे। आज बात 12वीं क्लास के इंग्लिश सब्जेक्ट की, जिसका पेपर 9 मार्च को है। सेक्टर-39 स्थित रायन स्कूल की इंग्लिश टीचर सुनीता चड्ढा ने इंग्लिश की तैयारी करने के लिए बताईं जरूरी बातें :-
अंग्रेजी विषय यूं तो कठिन नहीं है लेकिन छात्र इसे मुश्किल मानते हैं और यही सोच उन्हें अंग्रेजी में अच्छे स्कोर करने से रोकती है। छात्र इस डर को पीछे छोड़कर इंग्लिश की तैयारी करना शुरू कर दें। छात्रों को रोज कम से कम 3-4 घंटे इंग्लिश के पेपर की तैयारी करनी चाहिए।
इंग्लिश में हर चैप्टर को पूरी तरह पढ़ना और उसे समझना जरूरी है ताकि अगर चैप्टर के बीच से प्रश्न आते हैं तो आप उसे आसानी से हल कर सकें। अंग्रेजी में लोकल और ग्लोबल कॉम्प्रिहेंसिव को जानना व समझना जरूरी है। इसके लिए काफी प्रैक्टिस की जरूरत है।
बेशक 12वीं में अंग्रेजी का कोर्स कम है लेकिन उसकी गहराई से तैयारी जरूरी है। इसके लिए टेक्सट बुक्स ही काफी है। हेल्प बुक्स बिल्कुल न लें। अधिक अभ्यास के लिए पिछले कुछ सालों के पेपर और सैंपल पेपर सॉल्व करें। यह एग्जाम की तैयारी का अहम हिस्सा है।
इसके अलावा लेटर, ऐडवर्टाइजमेंट व नोटिस का अभ्यास लिखकर करें। इनमें तय फॉर्मेट को फॉलो करना जरूरी है। इस फॉर्मेट का लिखकर अभ्यास करें। कई तरह की तैयारियां जैसे जॉब ऐप्लिकेशन, इंक्वायरी आदि से संबंधित नोटिस व लेटर आदि की प्रैक्टिस हर टीचर करवाता है। साथ ही आसान शब्दों का प्रयोग करें। इससे गलतियां भी कम होगी और नंबर भी ज्यादा आएंगे।
इंग्लिश का पेपर लंबा आता है। ऐसे में प्रश्नों को हल करते समय वर्ड लिमिट का ध्यान रखें। टू द पॉइंट आंसर लिखें। प्रश्न संख्या 3 नोट मेकिंग से आता है। अक्सर छात्र इसमें पूरे वाक्य लिखते हैं, जबकि इसे पॉइंट में लिखना चाहिए। नॉवल को ठीक से पढ़े। इसके करेक्टर और इवेंट आदि के राइटअप की तैयारी लिखकर करें।
कैसा हो सकता है पेपर
सेक्शन ए - रिडिंग : इसमें अनसीन पैसेज आता है, जिसमें मल्टिपल चॉइस क्वेश्चन व शॉर्ट आंसर आते हैं। (मार्क्स 30)
सेक्शन बी - राइटिंग स्किल : इसमें शॉर्ट क्वश्चन-आंसर आते हैं, जिसमें ऐडवर्टाइजमेंट ऐंड नोटिस, फॉर्मल ऐंड इनफॉर्मल इनविटेशन शामिल होते हैं। लंबे प्रश्नों में वर्बल या विजूअल इनपुट के आधार पर लेटर लिखने को दिया जाता है। इसके अलावा अधिक लंबे प्रश्नों में कंपोजिशन लिखने को दी जाती है। (मार्क्स 30)
सेक्शन सी - लिट्रेचर ऐंड लॉन्ग रीडिंग टेक्सट : इसमें बुक्स और नॉवल तैयार करनी होती है। इसमें काफी छोटे प्रश्न, छोटे प्रश्न व बड़े प्रश्न आते हैं। (मार्क्स 40)
इंग्लिश टॉपर
2016 में 99 पर्सेंट के साथ 12वीं के इंग्लिश एग्जाम में टॉप करने वाली अनुजा के अनुसार बेशक एग्जाम में अब कम समय रह गया है, फिर भी इंग्लिश की तैयारी के लिए अब भी पर्याप्त समय है। इंग्लिश के सभी चैप्टर को 2-3 बार अच्छे से पढ़ना जरूरी है। मुश्किलों शब्दों व लेटर की लिखकर प्रैक्टिस करें।
‘बच्चों को हल्का व पौष्टिक आहार दें’
इस समय पढ़ाई के साथ बच्चों के खाने-पीने का ख्याल रखना जरूरी है। मौसम भी बदल रहा है और एग्जाम का दबाव भी है। ऐसे में पैरंट्स बच्चों को गरिष्ठ भोजन न दें। इससे एग्जाम की तैयारी में लगे बच्चों में अपच और आलस्य बढ़ेगा। इसकी जगह हल्का पौष्टिक आहार खाने को दें। पानी व जूस जैसे तरल पदार्थ की मात्रा ज्यादा रखें। अंकुरित खाने को बच्चों की डाइट में जरूर शामिल करें। सबके साथ बैठकर लंच और डिनर करें, इससे बच्चे का मूड भी फ्रेश होगा और वह खाना भी ठीक से खा सकेगा। दाल के अलावा सोयाबीन, हरी सब्जी व सलाद को बच्चे के नियमित आहार में शामिल करें।
गीतिका साही, डायटिशियन, सेक्टर-108
10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम शुरू होने में अब एक महीने से कम समय बचा है। स्टूडेंट अपनी तैयारी में जुट गए हैं। बोर्ड एग्जाम का प्रेशर ऐसा है कि छात्रों के साथ-साथ पैरंट्स भी तनाव में आ जाते हैं। इसलिए घर का माहौल भी बदला-बदला सा नजर आने लगता है। इसी तनाव को कम करने के लिए एनबीटी आज से यह सीरीज शुरू कर रहा है। इसमें हर रोज एक सब्जेक्ट के विशेषज्ञ से बात कर एग्जाम की तैयारी के जरूरी टिप्स दिए जाएंगे। आज बात 12वीं क्लास के इंग्लिश सब्जेक्ट की, जिसका पेपर 9 मार्च को है। सेक्टर-39 स्थित रायन स्कूल की इंग्लिश टीचर सुनीता चड्ढा ने इंग्लिश की तैयारी करने के लिए बताईं जरूरी बातें :-
अंग्रेजी विषय यूं तो कठिन नहीं है लेकिन छात्र इसे मुश्किल मानते हैं और यही सोच उन्हें अंग्रेजी में अच्छे स्कोर करने से रोकती है। छात्र इस डर को पीछे छोड़कर इंग्लिश की तैयारी करना शुरू कर दें। छात्रों को रोज कम से कम 3-4 घंटे इंग्लिश के पेपर की तैयारी करनी चाहिए।
इंग्लिश में हर चैप्टर को पूरी तरह पढ़ना और उसे समझना जरूरी है ताकि अगर चैप्टर के बीच से प्रश्न आते हैं तो आप उसे आसानी से हल कर सकें। अंग्रेजी में लोकल और ग्लोबल कॉम्प्रिहेंसिव को जानना व समझना जरूरी है। इसके लिए काफी प्रैक्टिस की जरूरत है।
बेशक 12वीं में अंग्रेजी का कोर्स कम है लेकिन उसकी गहराई से तैयारी जरूरी है। इसके लिए टेक्सट बुक्स ही काफी है। हेल्प बुक्स बिल्कुल न लें। अधिक अभ्यास के लिए पिछले कुछ सालों के पेपर और सैंपल पेपर सॉल्व करें। यह एग्जाम की तैयारी का अहम हिस्सा है।
इसके अलावा लेटर, ऐडवर्टाइजमेंट व नोटिस का अभ्यास लिखकर करें। इनमें तय फॉर्मेट को फॉलो करना जरूरी है। इस फॉर्मेट का लिखकर अभ्यास करें। कई तरह की तैयारियां जैसे जॉब ऐप्लिकेशन, इंक्वायरी आदि से संबंधित नोटिस व लेटर आदि की प्रैक्टिस हर टीचर करवाता है। साथ ही आसान शब्दों का प्रयोग करें। इससे गलतियां भी कम होगी और नंबर भी ज्यादा आएंगे।
इंग्लिश का पेपर लंबा आता है। ऐसे में प्रश्नों को हल करते समय वर्ड लिमिट का ध्यान रखें। टू द पॉइंट आंसर लिखें। प्रश्न संख्या 3 नोट मेकिंग से आता है। अक्सर छात्र इसमें पूरे वाक्य लिखते हैं, जबकि इसे पॉइंट में लिखना चाहिए। नॉवल को ठीक से पढ़े। इसके करेक्टर और इवेंट आदि के राइटअप की तैयारी लिखकर करें।
कैसा हो सकता है पेपर
सेक्शन ए - रिडिंग : इसमें अनसीन पैसेज आता है, जिसमें मल्टिपल चॉइस क्वेश्चन व शॉर्ट आंसर आते हैं। (मार्क्स 30)
सेक्शन बी - राइटिंग स्किल : इसमें शॉर्ट क्वश्चन-आंसर आते हैं, जिसमें ऐडवर्टाइजमेंट ऐंड नोटिस, फॉर्मल ऐंड इनफॉर्मल इनविटेशन शामिल होते हैं। लंबे प्रश्नों में वर्बल या विजूअल इनपुट के आधार पर लेटर लिखने को दिया जाता है। इसके अलावा अधिक लंबे प्रश्नों में कंपोजिशन लिखने को दी जाती है। (मार्क्स 30)
सेक्शन सी - लिट्रेचर ऐंड लॉन्ग रीडिंग टेक्सट : इसमें बुक्स और नॉवल तैयार करनी होती है। इसमें काफी छोटे प्रश्न, छोटे प्रश्न व बड़े प्रश्न आते हैं। (मार्क्स 40)
इंग्लिश टॉपर
2016 में 99 पर्सेंट के साथ 12वीं के इंग्लिश एग्जाम में टॉप करने वाली अनुजा के अनुसार बेशक एग्जाम में अब कम समय रह गया है, फिर भी इंग्लिश की तैयारी के लिए अब भी पर्याप्त समय है। इंग्लिश के सभी चैप्टर को 2-3 बार अच्छे से पढ़ना जरूरी है। मुश्किलों शब्दों व लेटर की लिखकर प्रैक्टिस करें।
‘बच्चों को हल्का व पौष्टिक आहार दें’
इस समय पढ़ाई के साथ बच्चों के खाने-पीने का ख्याल रखना जरूरी है। मौसम भी बदल रहा है और एग्जाम का दबाव भी है। ऐसे में पैरंट्स बच्चों को गरिष्ठ भोजन न दें। इससे एग्जाम की तैयारी में लगे बच्चों में अपच और आलस्य बढ़ेगा। इसकी जगह हल्का पौष्टिक आहार खाने को दें। पानी व जूस जैसे तरल पदार्थ की मात्रा ज्यादा रखें। अंकुरित खाने को बच्चों की डाइट में जरूर शामिल करें। सबके साथ बैठकर लंच और डिनर करें, इससे बच्चे का मूड भी फ्रेश होगा और वह खाना भी ठीक से खा सकेगा। दाल के अलावा सोयाबीन, हरी सब्जी व सलाद को बच्चे के नियमित आहार में शामिल करें।
गीतिका साही, डायटिशियन, सेक्टर-108
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