नई दिल्ली
एक अच्छा फाइनैंशल अडवाइजर वह होता है जो अपने कस्टमर्स को अच्छी सर्विस और फाइनैंशल अडवाइस देने के साथ-2 उन्हें सही से गाइड भी सके। फाइनैंशल अडवाइजर्स कई तरह की सर्विस देते हैं, मसलन 'इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, इनकम टैक्स प्रेपरेशन और प्लानिंग।
बता दें कि फाइनैंशल अडवाइजर को फाइनैंशल प्लानर भी कहा जाता है। फाइनैंस के सेक्टर में हो रहे विकास के कारण आज इस क्षेत्र में करियर की काफी बेहतर संभावनाएं बनी हैं।
अपने कस्टमर्स की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए उपयोगी सलाह देने का काम फाइनैंशल अडवाइजर करते हैं। इनका काम अपने ग्राहकों को निवेश, बीमा, बचत योजनाओं, कर्ज आदि के बारे में सही सलाह देना होता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होता है कि ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा और कम से कम नुकसान हो।
योग्यता और मौके
फाइनैंस सेक्टर में करियर बनाने के लिए आप कैट एग्जाम के जरिए भारत के किसी भी अच्छे कॉलेज में ऐडमिशन ले सकते हैं। इस सेक्टर में उच्च शिक्षा के लिए किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री का होना जरूरी है। बात मौकों की करें तो आप अकाउंटेंट, ऑडिटर, इकनॉमिस्ट, इंश्योरेंस सेल्स एजेंट, इंश्योरेंस अंडरराइटर, लोन ऑफिसर, पर्सनल फाइनैंशल अडवाइजर, टैक्स इंस्पेक्टर, रेवेन्यु एजेंट आदि के तौर पर काम कर सकते हैं।
सैलरी
फाइनैंस अडवाइजर के तौर पर करियर की शुरुआत करने पर ज्यादातर कंपनियां सैलरी के साथ-साथ कमिशन भी देती हैं। वैसे, शुरुआती दौर में सैलरी 20 हजार से 30 हजार रुपये प्रति माह हो सकती है। अनुभवी प्रफेशनल्स की सैलरी 1 लाख से 2 लाख रुपये प्रति माह तक हो सकती है।
मुख्य संस्थान
डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली। www.du.ac.in
द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनैंशल एनालिस्ट ऑफ इंडिया, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई और पुणे। www.icfai.org
टीकेडब्लूएस इंस्टिटयूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनैंस, नई दिल्ली www.tkwsibf.org
इंस्टिट्यूट ऑफ फाइनैंशल मैनेजमेंट एंड रिसर्च, चेन्नई, www.ifmr.ac.in
एक अच्छा फाइनैंशल अडवाइजर वह होता है जो अपने कस्टमर्स को अच्छी सर्विस और फाइनैंशल अडवाइस देने के साथ-2 उन्हें सही से गाइड भी सके। फाइनैंशल अडवाइजर्स कई तरह की सर्विस देते हैं, मसलन 'इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, इनकम टैक्स प्रेपरेशन और प्लानिंग।
बता दें कि फाइनैंशल अडवाइजर को फाइनैंशल प्लानर भी कहा जाता है। फाइनैंस के सेक्टर में हो रहे विकास के कारण आज इस क्षेत्र में करियर की काफी बेहतर संभावनाएं बनी हैं।
अपने कस्टमर्स की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए उपयोगी सलाह देने का काम फाइनैंशल अडवाइजर करते हैं। इनका काम अपने ग्राहकों को निवेश, बीमा, बचत योजनाओं, कर्ज आदि के बारे में सही सलाह देना होता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होता है कि ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा और कम से कम नुकसान हो।
योग्यता और मौके
फाइनैंस सेक्टर में करियर बनाने के लिए आप कैट एग्जाम के जरिए भारत के किसी भी अच्छे कॉलेज में ऐडमिशन ले सकते हैं। इस सेक्टर में उच्च शिक्षा के लिए किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री का होना जरूरी है। बात मौकों की करें तो आप अकाउंटेंट, ऑडिटर, इकनॉमिस्ट, इंश्योरेंस सेल्स एजेंट, इंश्योरेंस अंडरराइटर, लोन ऑफिसर, पर्सनल फाइनैंशल अडवाइजर, टैक्स इंस्पेक्टर, रेवेन्यु एजेंट आदि के तौर पर काम कर सकते हैं।
सैलरी
फाइनैंस अडवाइजर के तौर पर करियर की शुरुआत करने पर ज्यादातर कंपनियां सैलरी के साथ-साथ कमिशन भी देती हैं। वैसे, शुरुआती दौर में सैलरी 20 हजार से 30 हजार रुपये प्रति माह हो सकती है। अनुभवी प्रफेशनल्स की सैलरी 1 लाख से 2 लाख रुपये प्रति माह तक हो सकती है।
मुख्य संस्थान
डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली। www.du.ac.in
द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनैंशल एनालिस्ट ऑफ इंडिया, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई और पुणे। www.icfai.org
टीकेडब्लूएस इंस्टिटयूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनैंस, नई दिल्ली www.tkwsibf.org
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