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अब UPSC में नाकामी के बाद न हों निराश, आगे भी है नौकरी

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नरेंद्र मिश्रा

नई दिल्ली: इस साल की सिविल सर्विस परीक्षा लाखों स्टूडेंट के लिए खास होगी। अगर वे इस परीक्षा में कामयाब नहीं होते हैं, तो भी उनके लिए नौकरी पाने का मौका बन सकता है। दरअसल, पहली बार यूपीएससी की सिविल परीक्षा में इस बार वह सिस्टम लागू किया गया है, जिसके तहत स्टूडेंट पब्लिक डोमेन में अपने पाए हुए नंबर शेयर कर सकते हैं।

इसके पीछे मकसद यह है कि जो स्टूडेंट्स बेहद कम नंबर से चूक जाते हैं या जो किसी खास विषय में बेहतर नंबर लाते हैं, उन्हें उसी हिसाब से दूसरी नौकरी का मौका मिले। प्राइवेट कंपनी या पब्लिक सेक्टर यूनिट ऐसे स्टूडेंट्स को अपने यहां जरूरत के हिसाब से सीधे इंटरव्यू के लिए बुला सकती हैं। यूपीएससी ने स्टूडेंट्स की सहमति पर ऐसा करने का अलग से सिस्टम बनाया है।

सूत्रों के अनुसार, शुरुआती साल में ही इस प्रयोग को बेहतर रिस्पॉन्स मिला है और लगभग एक लाख स्टूडेंट्स ने इस विकल्प को चुना है। अब इन सभी स्टूडेंट्स को मिले नंबर को पब्लिक डोमेन में डालेगी। इसके लिए एनआईसी ने खास तौर पर वेबसाइट विकसित की है, लेकिन किसी के नंबर या डिग्री को सार्वजनिक करने से पहले यूपीएससी स्टूडेंट की सहमति लेगा।

सभी परीक्षा के लिए फॉर्म भरने के समय इस बारे में पहले से स्टूडेंट से पूछा जाएगा। जो इस बात के लिए सहमति देंगे, उनके नंबर और डिग्री ही सार्वजनिक किए जाएंगे। इस साल से होने वाली सभी परीक्षा में इस सिस्टम को लागू कर दिया गया है।

यूपीएससी ने कहा कि नंबरों को पब्लिक करने से प्राइवेंट कंपनियों को अपने यहां योग्य उम्मीदवार खोजने के लिए बड़ा विकल्प मिल जाएगा। सिस्टम के तहत ऐसे परीक्षार्थियों की एजुकेशनल क्‍वालिफिकेशन और परीक्षा में मिले नंबर जैसी सूचनाएं पब्लिक डोमेन में देने का फैसला किया है, जिन्होंने परीक्षा के अंतिम चरण में भाग लिया लेकिन उनका नाम अंतिम सफल लोगों की लिस्ट में नहीं आया।

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