Master of Commerce: मार्स्टस ऑफ कॉमर्स, यानि M.Com करने बाद भी क्या आप एक अच्छी सैलरी वाले जॉब के लिए परेशान हैं? और बेहतर ऑप्शन्स तलाश रहे हैं? तो यह आर्टिकल आपके लिए है। हम बता रहें वो बेस्ट करियर ऑप्शन्स जो आप M.Com करने के बाद चुन सकते हैं।
ये टॉप करियर स्कोप वाले कोर्स देश मे ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट मे भी आपके लिए कई ऑपॉर्च्युनिटी जनरेट करते हैं।
मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA)
M.com के बाद बेहतरीन करियर के लिए MBA सबसे ज्यादा किये जाना वाले कोर्सों मे से एक है। इस कोर्स मे आप केवल बिजनेस फिल्ड के थ्योरीस ही नही बल्कि उन टेक्निक्स के बारे में जानते है, जो रियल बिजनेस वर्ल्ड में किसी ऑर्गनाइजेशन मे प्रोब्लम के सॉल्युशन और बिजनेस ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यही कारण है कि कोई भी कंपनी मैनेजमेंट पॉजिशन के लिए MBA उम्मीदवार को प्रीफरेंस देती है। MBA करने के बाद आपकी औसतन सैलरी लगभग 7.2 लाख रुपए सालाना होती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)
यदि आपको टैक्सेशन और अकाउंटेंसी जैसे सब्जेक्टस पंसद हैं तो चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक अच्छा करियर विकल्प है। CA उम्मीदवार ऑडिटिंग फर्मों, बैंकों, फाइनेंस कंपनियों, स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों, कानूनी फर्मों जैस जगहों पर अपनी सेवाएं देते हैं। आप M.com के बाद CA के इंटरमीडिएट कोर्स IPCC में डायरेक्ट प्रवेश ले सकते हैं। IPCC और 3 साल की इन्टर्नशिप/आर्टिकलशिप पूरा करने बाद आप CA फाइनल्स देने के लिए एलिजिबल होते हैं। हालांकि आर्टिकलशिप के दौरान सैलरी कम होती है लेकिन कोर्स पूरा करने के बाद आप एक हेंडसम सैलरी पैकेज एक्सपेक्ट कर सकते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की औसतन सैलरी लगभग 7.9 लाख रुपए सालाना होती है।
इसे भी पढ़ें: Aviation career: क्या होते हैं केबिन क्रू और एयर होस्टेस, इनमें कैसे बनायें अपना करियर
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स (ACCA)
कॉर्मस के फील्ड में ACCA ग्लोबल लेवल पर मान्यता प्राप्त कोर्सेस मे से एक हैं। मतलब कि अगर आपने भारत में रहते हुए ACCA कंपलिट कर लिया है तो आप देश और विदेश कहीं पर भी नौकरी करने के लिए एलिजिबल होगें। यह सर्टिफिकेट प्रोग्राम उन उम्मीदवारों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जो बैंकिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, फाइनेंस, जैसे प्रोफेशन में अपना करियर बनाना चाहते हैं। आप ACCA के लिए नामाकंन 10+2 या ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। खास बात यह है कि कोर्स की समय सीमा आपके लेटेस्ट डिग्री पर आधारित होती है।
ACCA के लिए उम्मीदवारों का चयन मैरिट या एंट्रेंस एग्जाम द्वारा किया जाता है। M.com छात्रों के पास अकाउंटिंग कॉन्सेप्ट्स की बेहतर समझ होने कारण ACCA उनके लिए आसान और सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स की औसतन सैलरी लगभग 5 लाख से 16 लाख रुपए सालाना होती है।
कंपनी सेक्रेटरी (CS)
किसी भी पब्लिक या प्राइवेट फर्म में कंपनी सेक्रेटरी एक हाईयर पॉजिशन होल्डर होता है। जिसका काम कानुनी मुद्दों के साथ कंपनी डायरेक्टरों को फर्म के मेनेजमेंट से संबंधित मुद्दों पर सलाह देना होता है। इसके लिए लिए नामाकंन 10+2 या ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। CS कोर्स के उम्मीदवारों को कंपनी सेक्रेटरी क्रेडेंशियल प्राप्त करने के लिए फाउंडेशन प्रोग्राम, एक्ज्युकिटिव प्रोग्राम, प्रोफेशनल प्रोग्राम और 15 महीने का प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करना जरुरी होता है।
इन सभी रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने के बाद आप ICSI के साथ बतौर असोसिएट मेंबर रजिस्टर्ड हो जाते हैं। अगर आप नहीं जानते तो जान लिजिए ICSI देश का एक मात्र मान्यता प्राप्त ऑर्गनाइजेशन है जो CS कोर्स करवाता है।
कंपनी सेक्रेटरी की औसतन सैलरी लगभग 4 लाख से 10 लाख रुपए सालाना होती है।
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फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर (FRM)
फाइनेंशियल इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव के कारण ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए डिमांड बढ़ी है जो रिस्क, मनी और इंवेस्टमेंट एक साथ मैनेज कर सकें। जिसके लिए ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ रिस्क प्रोफेशनल्स (GARP) द्वारा शार्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्स FRM करवाया जाता है। FRM परीक्षा में बैठने के लिए किसी भी प्रकार के कोई विशेष एकेडमिक या प्रोफेशनल एक्सपिरियंस की जरुरत नही होती है। यह एक प्रेक्टिस ऑरियंटेड एग्जाम है जो दो पार्ट्स मे कंपलिट होता है। एक सर्टिफाइड फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर बनने के लिए उम्मीदवार के पास 2 साल का वर्क एक्सपीरियंस होने के साथ मैनेजमेंट, रिस्क कंसल्टिंग या संबंधित क्षेत्र मे पोर्टफोलियो होना जरुरी है।
FRM उम्मीदवार क्रेडिट एण्ड मार्केट रिस्क, फाइनेंशियल सर्विस, ट्रेडिंग, सेल्स एण्ड मार्केटिंग जैसे डोमेन मे अपनी सर्विस देते हैं।
फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर की औसतन सैलरी लगभग 10 लाख से 18 लाख रुपए सालाना होती है।
जरूरी बातें
यहां हमने केवल आपको उन करियर स्कोप के बारे में बताया है जिसे सबसे ज्यादा M.com के बाद छात्रों द्वारा चुना जाता है। इसके अलावा CMA, CFA, CPA license, CFP, DIGITAL MARKETING ,CIB जैसे और भी ऑप्शन्स है जिसे आप अपनी सहुलियत और इंट्रेस्ट के आधार पर चुन सकते हैं।
ये टॉप करियर स्कोप वाले कोर्स देश मे ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट मे भी आपके लिए कई ऑपॉर्च्युनिटी जनरेट करते हैं।
मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA)
M.com के बाद बेहतरीन करियर के लिए MBA सबसे ज्यादा किये जाना वाले कोर्सों मे से एक है। इस कोर्स मे आप केवल बिजनेस फिल्ड के थ्योरीस ही नही बल्कि उन टेक्निक्स के बारे में जानते है, जो रियल बिजनेस वर्ल्ड में किसी ऑर्गनाइजेशन मे प्रोब्लम के सॉल्युशन और बिजनेस ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यही कारण है कि कोई भी कंपनी मैनेजमेंट पॉजिशन के लिए MBA उम्मीदवार को प्रीफरेंस देती है। MBA करने के बाद आपकी औसतन सैलरी लगभग 7.2 लाख रुपए सालाना होती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)
यदि आपको टैक्सेशन और अकाउंटेंसी जैसे सब्जेक्टस पंसद हैं तो चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक अच्छा करियर विकल्प है। CA उम्मीदवार ऑडिटिंग फर्मों, बैंकों, फाइनेंस कंपनियों, स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों, कानूनी फर्मों जैस जगहों पर अपनी सेवाएं देते हैं। आप M.com के बाद CA के इंटरमीडिएट कोर्स IPCC में डायरेक्ट प्रवेश ले सकते हैं। IPCC और 3 साल की इन्टर्नशिप/आर्टिकलशिप पूरा करने बाद आप CA फाइनल्स देने के लिए एलिजिबल होते हैं। हालांकि आर्टिकलशिप के दौरान सैलरी कम होती है लेकिन कोर्स पूरा करने के बाद आप एक हेंडसम सैलरी पैकेज एक्सपेक्ट कर सकते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की औसतन सैलरी लगभग 7.9 लाख रुपए सालाना होती है।
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एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स (ACCA)
कॉर्मस के फील्ड में ACCA ग्लोबल लेवल पर मान्यता प्राप्त कोर्सेस मे से एक हैं। मतलब कि अगर आपने भारत में रहते हुए ACCA कंपलिट कर लिया है तो आप देश और विदेश कहीं पर भी नौकरी करने के लिए एलिजिबल होगें। यह सर्टिफिकेट प्रोग्राम उन उम्मीदवारों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जो बैंकिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, फाइनेंस, जैसे प्रोफेशन में अपना करियर बनाना चाहते हैं। आप ACCA के लिए नामाकंन 10+2 या ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। खास बात यह है कि कोर्स की समय सीमा आपके लेटेस्ट डिग्री पर आधारित होती है।
ACCA के लिए उम्मीदवारों का चयन मैरिट या एंट्रेंस एग्जाम द्वारा किया जाता है। M.com छात्रों के पास अकाउंटिंग कॉन्सेप्ट्स की बेहतर समझ होने कारण ACCA उनके लिए आसान और सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स की औसतन सैलरी लगभग 5 लाख से 16 लाख रुपए सालाना होती है।
कंपनी सेक्रेटरी (CS)
किसी भी पब्लिक या प्राइवेट फर्म में कंपनी सेक्रेटरी एक हाईयर पॉजिशन होल्डर होता है। जिसका काम कानुनी मुद्दों के साथ कंपनी डायरेक्टरों को फर्म के मेनेजमेंट से संबंधित मुद्दों पर सलाह देना होता है। इसके लिए लिए नामाकंन 10+2 या ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। CS कोर्स के उम्मीदवारों को कंपनी सेक्रेटरी क्रेडेंशियल प्राप्त करने के लिए फाउंडेशन प्रोग्राम, एक्ज्युकिटिव प्रोग्राम, प्रोफेशनल प्रोग्राम और 15 महीने का प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करना जरुरी होता है।
इन सभी रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने के बाद आप ICSI के साथ बतौर असोसिएट मेंबर रजिस्टर्ड हो जाते हैं। अगर आप नहीं जानते तो जान लिजिए ICSI देश का एक मात्र मान्यता प्राप्त ऑर्गनाइजेशन है जो CS कोर्स करवाता है।
कंपनी सेक्रेटरी की औसतन सैलरी लगभग 4 लाख से 10 लाख रुपए सालाना होती है।
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फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर (FRM)
फाइनेंशियल इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव के कारण ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए डिमांड बढ़ी है जो रिस्क, मनी और इंवेस्टमेंट एक साथ मैनेज कर सकें। जिसके लिए ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ रिस्क प्रोफेशनल्स (GARP) द्वारा शार्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्स FRM करवाया जाता है। FRM परीक्षा में बैठने के लिए किसी भी प्रकार के कोई विशेष एकेडमिक या प्रोफेशनल एक्सपिरियंस की जरुरत नही होती है। यह एक प्रेक्टिस ऑरियंटेड एग्जाम है जो दो पार्ट्स मे कंपलिट होता है। एक सर्टिफाइड फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर बनने के लिए उम्मीदवार के पास 2 साल का वर्क एक्सपीरियंस होने के साथ मैनेजमेंट, रिस्क कंसल्टिंग या संबंधित क्षेत्र मे पोर्टफोलियो होना जरुरी है।
FRM उम्मीदवार क्रेडिट एण्ड मार्केट रिस्क, फाइनेंशियल सर्विस, ट्रेडिंग, सेल्स एण्ड मार्केटिंग जैसे डोमेन मे अपनी सर्विस देते हैं।
फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर की औसतन सैलरी लगभग 10 लाख से 18 लाख रुपए सालाना होती है।
जरूरी बातें
यहां हमने केवल आपको उन करियर स्कोप के बारे में बताया है जिसे सबसे ज्यादा M.com के बाद छात्रों द्वारा चुना जाता है। इसके अलावा CMA, CFA, CPA license, CFP, DIGITAL MARKETING ,CIB जैसे और भी ऑप्शन्स है जिसे आप अपनी सहुलियत और इंट्रेस्ट के आधार पर चुन सकते हैं।
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