लखनऊ
देश में बढ़ रही फार्मेसी रिसर्च के चलते बहुत सारे देशों की फार्मासूटिकल कंपनी अब भारत में निवेश कर रही हैं। इसलिए अब कहा जा रहा है कि भारत फार्मेसी के क्षेत्र में दुनिया के लिए राजधानी की तरह उभर रहा है। कुछ देशों में भारत को इस क्षेत्र का साइलेंट चैम्पियन कहा जाने लगा है। इसलिए इस सेक्टर में करियर बनाने के ढेरों मौके हैं। यह बातें डिपार्टमेंट ऑफ फार्मासूटिकल के सेक्रटरी वीके सुब्बुराज ने सीडीआरआई लखनऊ परिसर में नेपियर (नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मासूटिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च) के तीसरे दीक्षांत समारोह में कही।
वीके सुब्बुराज ने बताया कि वर्तमान में फार्मासूटिकल का बाजार 30 हजार बिलियन डॉलर का है। इसमें 1000 बिलियन डॉलर की ही हिस्सेदारी भारत की है। इसलिए फार्मासूटिकल के क्षेत्र में भारत में अभी भी काफी संभावना है। प्रसिद्ध केमिकल वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. मनमोहन शर्मा दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि थे। दीक्षांत समारोह में 2012-14 बैच के दवे कंदराप महेश कुमार और 2013-15 बैच के इटालिया किशन श्यामजी भाई और नेम कुमार जैन को गोल्ड मेडल दिया गया।
वहीं, मानवेन्द्र पाल सिंह, रंगाराज नागार्जुन, पूरेला लिंगेश्वर, नितिश राजेश मिश्रा, स्मिता वर्मा, जाविया दीप और काजल सुब्बा को विभिन्न क्षेत्रों के लिए सिल्वर मेडल मिले। दीक्षांत समारोह में सीडीआरआई डायरेक्टर मधु दीक्षित, सीडीआरआई के प्रॉजेक्ट डायरेक्टर पीके शुक्ला मौजूद रहे।
देश में बढ़ रही फार्मेसी रिसर्च के चलते बहुत सारे देशों की फार्मासूटिकल कंपनी अब भारत में निवेश कर रही हैं। इसलिए अब कहा जा रहा है कि भारत फार्मेसी के क्षेत्र में दुनिया के लिए राजधानी की तरह उभर रहा है। कुछ देशों में भारत को इस क्षेत्र का साइलेंट चैम्पियन कहा जाने लगा है। इसलिए इस सेक्टर में करियर बनाने के ढेरों मौके हैं। यह बातें डिपार्टमेंट ऑफ फार्मासूटिकल के सेक्रटरी वीके सुब्बुराज ने सीडीआरआई लखनऊ परिसर में नेपियर (नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मासूटिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च) के तीसरे दीक्षांत समारोह में कही।
वीके सुब्बुराज ने बताया कि वर्तमान में फार्मासूटिकल का बाजार 30 हजार बिलियन डॉलर का है। इसमें 1000 बिलियन डॉलर की ही हिस्सेदारी भारत की है। इसलिए फार्मासूटिकल के क्षेत्र में भारत में अभी भी काफी संभावना है। प्रसिद्ध केमिकल वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. मनमोहन शर्मा दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि थे। दीक्षांत समारोह में 2012-14 बैच के दवे कंदराप महेश कुमार और 2013-15 बैच के इटालिया किशन श्यामजी भाई और नेम कुमार जैन को गोल्ड मेडल दिया गया।
वहीं, मानवेन्द्र पाल सिंह, रंगाराज नागार्जुन, पूरेला लिंगेश्वर, नितिश राजेश मिश्रा, स्मिता वर्मा, जाविया दीप और काजल सुब्बा को विभिन्न क्षेत्रों के लिए सिल्वर मेडल मिले। दीक्षांत समारोह में सीडीआरआई डायरेक्टर मधु दीक्षित, सीडीआरआई के प्रॉजेक्ट डायरेक्टर पीके शुक्ला मौजूद रहे।
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