Career In Rural Development: रूरल मैनेजमेंट एक यूनिक स्पेस्लाइजेशन है। इसके स्पेस्लाइज्ड प्रोफेशनल्स भारत के ग्रामीण परिदृश्य के सुधार के लिए प्लान बनाने, स्ट्रैटजी बनाने, मैनेज करने और इंप्लीमेंट करने के लिए विकास योजनाएं तैयार करते हैं। इस कोर्स में नए प्रोफेशनल्स के उचित ग्रोथ की भरपूर संभावनाएं हैं क्योंकि गांवों के भीतरी इलाकों में अत्यधिक बेरोजगारी है और इस बेरोजगार क्षेत्र को टैप करने के लिए भारी निवेश को बढ़ावा दिया गया है।
भारत में टॉप रुरल मैनेजमेंट कॉलेज
रूरल मैनेजमेंट करने के बाद सैलरी
रूरल मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए योग्यता
डिप्लोमा
रूरल मैनेजमेंट में डिप्लोमा एक फाउंडेशन कोर्स है जिसे आपके द्वारा 10+2 पूरा करने के बाद न्यूनतम 50% मार्क्स लाने वाले कैंडिडेट्स कर सकते हैं।
अंडर ग्रेजुएट
न्यूनतम 50% मार्क्स के साथ किसी भी स्ट्रीम में 10+2 पूरा करने के वाले कैंडिडेट रूरल मैनेजमेंट में बीए के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट
किसी मान्यता प्राप्त संस्थान / कॉलेज से न्यूनतम 50% मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन पूरा करने वाले कैंडिडेट पोस्ट ग्रेजुएट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
डॉक्टरेट कोर्स
रूरल मैनेजमेंट में पीएच.डी. के लिए कैंडिडेट के पास एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से रूरल मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिग्री होनी चाहिए। इसके बाद इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपके पहले स्टेप के तौर पर एंट्रेस टेस्ट देना होगा।
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रूरल मैनेजमेंट में कोर्स
डिप्लोमा
रूरल मैनेजमेंट में डिप्लोमा 10+2 लेवल पूरा करने के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स की अवधि आमतौर पर 6 महीने से लेकर 1 साल तक की होती है।
अंडरग्रेजुएट
रूरल मैनजमेंट में ग्रेजुएशन कोर्स को रूरल मैनेजमेंट/रूरल डेवलपमेंट में बीए के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर यह कोर्स 3 साल की अवधि का होता है।
पोस्ट ग्रेजुएट
रूरल मैनेजमेंट के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री 2 साल की अवधि के लिए आयोजित की जाती है। कोर्स के अंत में डिग्री रूरल मैनेजमेंट में पीडीजीएम या रूरल मैनेजमेंट में एमबीए के रूप में दी जाती है।
डॉक्टरेट कोर्स
डॉक्टरेट के कोर्स को पीएच.डी. के रूप में जाना जाता है। यह कोर्स रूरल मैनेजमेंट के फील्ड में हाइएस्ट लेवल डिग्री है। यह आम तौर पर 3 से 4 साल की अवधि में पूरा हो जाता है।
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रूरल मैनेजमेंट एंट्रेंस एग्जाम
डिप्लोमा
स्टेट बोर्ड की ओर से रूरल मैनेजमेंट डिप्लोमा में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित की जाती है। इच्छुक उम्मीदवार सामान्य प्रवेश फॉर्म के लिए आवेदन कर सकते हैं जो ऑनलाइन भी उपलब्ध होते हैं।
अंडरग्रेजुएट के लिए
स्नातक कोर्स में एडमिशन के लिए, संबंधित यूनिवर्सिटी, कॉलेज में आवेदन करें जिनमें रूरल मैनेजमेंट कोर्स पाठ्यक्रम संचालित होते हैं।
पोस्टग्रेजुएट
भारत में टॉप रुरल मैनेजमेंट कॉलेज
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनउ
- इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल मैनेजमेंट आनंद गुजरात
- जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट भूवनेश्वर
- जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस, झारखंड
- चंद्र शेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, कानपुर
- जेवियर यूनिवर्सिटी, भूवनेश्वर
- सिंबोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस, पूणे
- केरला एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, केरला
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग, जयपुर
रूरल मैनेजमेंट करने के बाद सैलरी
- एरिया एक्जीक्यूटिव - 4 से 5 लाख
- मार्केटिंग एंड सेल्स मैनेजर - 4 से 5 लाख
- रूरल मैनेजर -1 से 3 लाख
- सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर - 4 से 5 लाख
- रिसर्च हेड - 7 से 8 लाख
रूरल मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए योग्यता
डिप्लोमा
रूरल मैनेजमेंट में डिप्लोमा एक फाउंडेशन कोर्स है जिसे आपके द्वारा 10+2 पूरा करने के बाद न्यूनतम 50% मार्क्स लाने वाले कैंडिडेट्स कर सकते हैं।
अंडर ग्रेजुएट
न्यूनतम 50% मार्क्स के साथ किसी भी स्ट्रीम में 10+2 पूरा करने के वाले कैंडिडेट रूरल मैनेजमेंट में बीए के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट
किसी मान्यता प्राप्त संस्थान / कॉलेज से न्यूनतम 50% मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन पूरा करने वाले कैंडिडेट पोस्ट ग्रेजुएट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
डॉक्टरेट कोर्स
रूरल मैनेजमेंट में पीएच.डी. के लिए कैंडिडेट के पास एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से रूरल मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिग्री होनी चाहिए। इसके बाद इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपके पहले स्टेप के तौर पर एंट्रेस टेस्ट देना होगा।
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रूरल मैनेजमेंट में कोर्स
डिप्लोमा
रूरल मैनेजमेंट में डिप्लोमा 10+2 लेवल पूरा करने के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स की अवधि आमतौर पर 6 महीने से लेकर 1 साल तक की होती है।
अंडरग्रेजुएट
रूरल मैनजमेंट में ग्रेजुएशन कोर्स को रूरल मैनेजमेंट/रूरल डेवलपमेंट में बीए के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर यह कोर्स 3 साल की अवधि का होता है।
पोस्ट ग्रेजुएट
रूरल मैनेजमेंट के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री 2 साल की अवधि के लिए आयोजित की जाती है। कोर्स के अंत में डिग्री रूरल मैनेजमेंट में पीडीजीएम या रूरल मैनेजमेंट में एमबीए के रूप में दी जाती है।
डॉक्टरेट कोर्स
डॉक्टरेट के कोर्स को पीएच.डी. के रूप में जाना जाता है। यह कोर्स रूरल मैनेजमेंट के फील्ड में हाइएस्ट लेवल डिग्री है। यह आम तौर पर 3 से 4 साल की अवधि में पूरा हो जाता है।
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रूरल मैनेजमेंट एंट्रेंस एग्जाम
डिप्लोमा
स्टेट बोर्ड की ओर से रूरल मैनेजमेंट डिप्लोमा में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित की जाती है। इच्छुक उम्मीदवार सामान्य प्रवेश फॉर्म के लिए आवेदन कर सकते हैं जो ऑनलाइन भी उपलब्ध होते हैं।
अंडरग्रेजुएट के लिए
स्नातक कोर्स में एडमिशन के लिए, संबंधित यूनिवर्सिटी, कॉलेज में आवेदन करें जिनमें रूरल मैनेजमेंट कोर्स पाठ्यक्रम संचालित होते हैं।
पोस्टग्रेजुएट
- कैट CAT
- मैट MAT
- जैट XAT
- आईआरएमए IRMA
- एनएमआईएमएस NMIMS
- एसएनएपी SNAP
- ईक्फाई ICFAI
- सीमैट CMAT
- एमएच-सीईटी MH-CET
- केमैट KMAT
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