एक सर्वे के मुताबिक कंप्यूटर हार्डवेयर से जुड़ा फील्ड तेजी से बढ़ते चंद क्षेत्रों में से एक रहेगा और भारत में 2017 तक लाखों नेटवर्क इंजिनियरों की कमी होगी। सिर्फ इन्हीं तथ्यों से ही नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में कंप्यूटर के इस्तेमाल का उदाहरण लेकर भी हम हार्डवेयर में करियर की उपयोगिता समझ सकते हैं।
आज शायद ही ऐसा कोई ऑफिस हो, जहां का कामकाज कंप्यूटर पर आधारित न हो। इसके अलावा, घर, स्कूल आदि जगहों पर भी सभी कामकाज कंप्यूटर पर ही किए जाते हैं। अगर ये सुचारू रूप से काम न करें, तो सारा कामकाज अचानक ठप हो सकता है। बैंकों और अन्य सरकारी कार्यालयों में नेटवर्क फेल होने की वजह से काम ठप रहने की खबरें आपने अक्सर पढ़ी होंगी, तब इस नेटवर्क को सही करने के लिए हार्डवेयर प्रफेशनल्स की ही मदद ली जाती है। नेटवर्किंग दरअसल कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर ऐसा जाल बनाने का फील्ड है जिसमें कोई संस्थान काम कर सके।
कोर्स की बात हार्डवेयर इंजिनियर बनने के लिए मुख्य रूप से दो बेसिक कोर्स करने पड़ते हैं। पहला, हार्डवेयर और दूसरा बेसिक नेटवर्किंग। हार्डवेयर रिलेटेड कोर्स से कंप्यूटर पार्ट्स के बारे में तमाम तकनीकी जानकारी मिलती है। एक हार्डवेयर इंजिनियर या सिस्टम ऐडमिनिस्ट्रेटर बनने के लिए ये दोनों कोर्स करने बेहद जरूरी हैं। नेटवर्किंग में इससे आगे कोई एक्सपर्ट बनना हो, तो अपनी पसंद के हिसाब से कुछ और बेसिक कोर्स करने होंगे, जैसे : लैन (लोकल एरिया नेटवर्क) और वैन (वाइड एरिया नेटवर्क) से जुड़े कोर्स।
जॉब की कमी नहीं एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नेटवर्किंग में कोर्स करने के बाद कंप्यूटर सपोर्ट स्पेशलिस्ट, हेल्प डेस्क टेक्नीशन, नेटवर्क या सिस्टम ऐडमिनिस्ट्रेटर, कंप्यूटर सिक्यॉरिटी स्पेशलिस्ट के रूप में करियर बना सकते हैं। आज इन एक्सपर्ट्स की जरूरत लगभग हर संस्थान में होती है। फिर चाहे वह कंप्यूटर और डाटा प्रोसेसिंग यूनिट हों, बैंक या अन्य सरकारी कार्यालय, कोई इंडस्ट्री या और कोई छोटी-बड़ी फर्म। जहां भी कामकाज कंप्यूटर आधारित है, वहां इन तकनीकी विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है।
आज शायद ही ऐसा कोई ऑफिस हो, जहां का कामकाज कंप्यूटर पर आधारित न हो। इसके अलावा, घर, स्कूल आदि जगहों पर भी सभी कामकाज कंप्यूटर पर ही किए जाते हैं। अगर ये सुचारू रूप से काम न करें, तो सारा कामकाज अचानक ठप हो सकता है। बैंकों और अन्य सरकारी कार्यालयों में नेटवर्क फेल होने की वजह से काम ठप रहने की खबरें आपने अक्सर पढ़ी होंगी, तब इस नेटवर्क को सही करने के लिए हार्डवेयर प्रफेशनल्स की ही मदद ली जाती है। नेटवर्किंग दरअसल कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर ऐसा जाल बनाने का फील्ड है जिसमें कोई संस्थान काम कर सके।
कोर्स की बात हार्डवेयर इंजिनियर बनने के लिए मुख्य रूप से दो बेसिक कोर्स करने पड़ते हैं। पहला, हार्डवेयर और दूसरा बेसिक नेटवर्किंग। हार्डवेयर रिलेटेड कोर्स से कंप्यूटर पार्ट्स के बारे में तमाम तकनीकी जानकारी मिलती है। एक हार्डवेयर इंजिनियर या सिस्टम ऐडमिनिस्ट्रेटर बनने के लिए ये दोनों कोर्स करने बेहद जरूरी हैं। नेटवर्किंग में इससे आगे कोई एक्सपर्ट बनना हो, तो अपनी पसंद के हिसाब से कुछ और बेसिक कोर्स करने होंगे, जैसे : लैन (लोकल एरिया नेटवर्क) और वैन (वाइड एरिया नेटवर्क) से जुड़े कोर्स।
जॉब की कमी नहीं एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नेटवर्किंग में कोर्स करने के बाद कंप्यूटर सपोर्ट स्पेशलिस्ट, हेल्प डेस्क टेक्नीशन, नेटवर्क या सिस्टम ऐडमिनिस्ट्रेटर, कंप्यूटर सिक्यॉरिटी स्पेशलिस्ट के रूप में करियर बना सकते हैं। आज इन एक्सपर्ट्स की जरूरत लगभग हर संस्थान में होती है। फिर चाहे वह कंप्यूटर और डाटा प्रोसेसिंग यूनिट हों, बैंक या अन्य सरकारी कार्यालय, कोई इंडस्ट्री या और कोई छोटी-बड़ी फर्म। जहां भी कामकाज कंप्यूटर आधारित है, वहां इन तकनीकी विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है।
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