आपको अपनी कंपनी कितनी भी बुरी लगती हो, पब्लिक में उसकी बुराई करने से कुछ हासिल नहीं होता। सोशल मीडिया में चंद पलों में हजारों लोगों तक पहुंच की ताकत होती है। यह आपके आपके करियर में पर्सनल ब्रैंड बिल्डर के तौर पर अहम रोल अदा कर सकता है।
जरा एक बार ट्विटर और लिंक्डइन पर मौजूद इनफ्लूएंसर्स पर नजर डालकर देखें। वे लोग अपने एरिया के एक्सपर्ट और डोमेन स्पेशलिस्ट हैं और अपना पर्सनल ब्रैंड बड़ी सावधानी से ट्वीट दर ट्वीट और पोस्ट दर पोस्ट बनाया है। इसका मतलब यह नहीं कि आप ऑफिस में किसी की धौंसपट्टी से निपटने के लिए वाजिब कदम ना उठाएं या गुस्सा ना दिखाएं।
धौंसपट्टी दिखाने वाले लोगों और संगठनों के लिए नुकसानदेह होते हैं। अगर किसी को हर मीटिंग में किसी न किसी वजह से फटकारा जाए और नाकारा साबित किया जाए तो सोचिए क्या होगा? जूनियर्स के सामने किसी सीनियर की बेइज्जती या टीम लीडर को टीम के सामने नाकारा साबित करना कैसा असर डालेगा? इससे उनके आत्मविश्वास को कितनी चोट पहुंचती होगी। ये तो बस बानगी है। धौंसपट्टी कई तरह की होती है। यह कहीं तो हर अहम फैसले में सुपर बॉस के हाथों टीम लीडर की धुलाई हो सकती है। दूसरे में यह किसी एंप्लॉयी को जानबूझकर टीम लंच या टीम मीटिंग से बाहर रखा जाना हो सकता है। इस मामले में डांट फटकार तो नहीं हो रही है लेकिन ये बरसों तक चलती है और बॉस की इस बदमाशी की अक्सर अनदेखी कर दी जाती है।
कंपनियों में ऐसी धौंसपट्टी से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं होती है। तो फिर वैसी धौंसपट्टी में क्या किया जाए जब बॉस ये काम कर रहा हो? दफ्तर में किसी सीनियर या मेंटर से मामले में दखल देने का अनुरोध करना ऑप्शन हो सकता है। धौंसपट्टी का हिसाब किताब करते हुए उसको सही मौके पर सुपर बॉस के सामने उठाना सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
धौंसपट्टी का सहने वाले पर गहरा मनोवैज्ञानिक असर हो सकता है। अगर लंबे समय तक मदद नहीं मिल पाए तो वक्त का इंतजार करें और मौके की ताक में रहें। लेकिन मामला जब हद से गुजर जाए और आप सारी भड़ास सोशल मीडिया में निकाल दें तो? गलती किसी की भी हो, इसका खामियाजा आपको भी भुगतना पड़ सकता है।
पहला, तो आप पब्लिक की नजर में पूरी तरह अनप्रोफेशनल हो जाएंगे। ऐसे में भावी नियोक्ता आपकी फैसले लेने की क्षमता पर कैसे भरोसा करेगा?
तीसरा, सोशल मीडिया पर भड़ास निकालना गलत माना जा सकता है क्योंकि यह सिक्के का एक पहलू होगा। हो सकता है कि जिसकी 'धौंसपट्टी' आप सह रहे हैं, उसका संबंध बाकी के साथ अच्छा हो। चौथा, एम्प्लॉयर या बॉस के खिलाफ भड़ास निकालने पर हो सकता है कि वे आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। इनमें से कुछ भी आपके करियर के लिए सही नहीं होगा।
जरा एक बार ट्विटर और लिंक्डइन पर मौजूद इनफ्लूएंसर्स पर नजर डालकर देखें। वे लोग अपने एरिया के एक्सपर्ट और डोमेन स्पेशलिस्ट हैं और अपना पर्सनल ब्रैंड बड़ी सावधानी से ट्वीट दर ट्वीट और पोस्ट दर पोस्ट बनाया है। इसका मतलब यह नहीं कि आप ऑफिस में किसी की धौंसपट्टी से निपटने के लिए वाजिब कदम ना उठाएं या गुस्सा ना दिखाएं।
धौंसपट्टी दिखाने वाले लोगों और संगठनों के लिए नुकसानदेह होते हैं। अगर किसी को हर मीटिंग में किसी न किसी वजह से फटकारा जाए और नाकारा साबित किया जाए तो सोचिए क्या होगा? जूनियर्स के सामने किसी सीनियर की बेइज्जती या टीम लीडर को टीम के सामने नाकारा साबित करना कैसा असर डालेगा? इससे उनके आत्मविश्वास को कितनी चोट पहुंचती होगी। ये तो बस बानगी है। धौंसपट्टी कई तरह की होती है। यह कहीं तो हर अहम फैसले में सुपर बॉस के हाथों टीम लीडर की धुलाई हो सकती है। दूसरे में यह किसी एंप्लॉयी को जानबूझकर टीम लंच या टीम मीटिंग से बाहर रखा जाना हो सकता है। इस मामले में डांट फटकार तो नहीं हो रही है लेकिन ये बरसों तक चलती है और बॉस की इस बदमाशी की अक्सर अनदेखी कर दी जाती है।
कंपनियों में ऐसी धौंसपट्टी से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं होती है। तो फिर वैसी धौंसपट्टी में क्या किया जाए जब बॉस ये काम कर रहा हो? दफ्तर में किसी सीनियर या मेंटर से मामले में दखल देने का अनुरोध करना ऑप्शन हो सकता है। धौंसपट्टी का हिसाब किताब करते हुए उसको सही मौके पर सुपर बॉस के सामने उठाना सबसे अच्छा तरीका हो सकता है।
धौंसपट्टी का सहने वाले पर गहरा मनोवैज्ञानिक असर हो सकता है। अगर लंबे समय तक मदद नहीं मिल पाए तो वक्त का इंतजार करें और मौके की ताक में रहें। लेकिन मामला जब हद से गुजर जाए और आप सारी भड़ास सोशल मीडिया में निकाल दें तो? गलती किसी की भी हो, इसका खामियाजा आपको भी भुगतना पड़ सकता है।
पहला, तो आप पब्लिक की नजर में पूरी तरह अनप्रोफेशनल हो जाएंगे। ऐसे में भावी नियोक्ता आपकी फैसले लेने की क्षमता पर कैसे भरोसा करेगा?
तीसरा, सोशल मीडिया पर भड़ास निकालना गलत माना जा सकता है क्योंकि यह सिक्के का एक पहलू होगा। हो सकता है कि जिसकी 'धौंसपट्टी' आप सह रहे हैं, उसका संबंध बाकी के साथ अच्छा हो। चौथा, एम्प्लॉयर या बॉस के खिलाफ भड़ास निकालने पर हो सकता है कि वे आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। इनमें से कुछ भी आपके करियर के लिए सही नहीं होगा।
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