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बिंदु और रेखाओं वाला विषय भूमिति, यूं करें तैयारी

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नवीन पांडे, मुंबई
महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के गणित के दो पेपर होते हैं। विद्यार्थियों की तरफ से बीजगणित और भूमिति को लेकर कई सवाल पूछे गए थे। एनबीटी के विशेषज्ञों ने बीजगणित की योजनाबद्ध तरीके से तैयारी के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। इसी कड़ी में गणित के दूसरे प्रश्न-पत्र यानी भूमिति को लेकर सुझाव दिए जा रहे हैं, जिनके आधार पर तैयारी करके विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। भूमिति गणित की वह शाखा है, जिसमें बिंदुओं, रेखाओं, वक्रों, समतलों इत्यादि का अध्ययन होता है। भूमि के नाप संबंधी कार्यों से इसकी उत्पत्ति हुई, इसलिए गणित की इस विधा को भूमिति कहते हैं।

40 अंक का दूसरा प्रश्न-पत्र
भूमिति दसवीं कक्षा का गणित का दूसरा प्रश्न-पत्र है। परीक्षा में 2 घंटे में 40 अंक के प्रश्न-पत्र को हल करना होता है, जबकि प्रश्न-पत्र में विकल्प सहित 60 अंक के लिए प्रश्न पूछे जाते हैं। विद्यार्थियों को उन्हीं प्रश्नों को हल करना चाहिए, जो उन्हें अच्छे से आते हों। परीक्षा में प्रश्न-पत्र के चार सेट (संच) होते हैं, हर विद्यार्थी को इन्हीं में से कोई एक प्रश्न-पत्र मिलता है।

ऐसा है प्रश्न-पत्र का प्रारूप
भूमिति के प्रश्न-पत्र में पांच प्रश्न पूछे जाते हैं। पहला प्रश्न 5 अंक के लिए होता है। इसमें 6 उप-प्रश्नों में से किन्हीं 5 को हल करना होता है। प्रत्येक उप-प्रश्नों के लिए एक अंक निर्धारित होता है। दूसरा प्रश्न 8 अंक का होता है। इसमें 6 उप-प्रश्न होते हैं, जिसमें से विद्यार्थियों को किन्हीं चार उप-प्रश्नों को हल करना होता है। हर उप-प्रश्न के लिए 2 अंक होते हैं। तीसरा प्रश्न 9 अंक का होता हैं। प्रश्न-पत्र में 3-3 अंक के लिए पांच उप-प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनमें से तीन उप-प्रश्नों को हल करना अनिवार्य होता है। चौथे प्रश्न में 8 अंक के लिए तीन उप-प्रश्न आते हैं, विद्यार्थियों को अपने सुविधा के अनुसार किन्हीं दो प्रश्नों को हल करना होता है। अंतिम यानी पांचवा प्रश्न 10 अंकों का होता है। इसमें तीन उप-प्रश्न दिए होते हैं। विद्यार्थियों को इनमें से किन्हीं दो उप-प्रश्नों को हल करना होता है। अगर फॉर्म्युला से आधारित प्रश्न परीक्षा में आएं, तो पहले फॉर्म्युला को लिखें। इसके बाद स्टेपवाइज प्रश्न को हल करें।

प्रमेय पर दें ध्यान
समानुपात का मुलभूत प्रमेय (बी.पी.टी), चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण संपूरक होते हैं, इनकी तैयारी ध्यानपूर्वक करें। आकृति को साफ-सुथरे तरीके से बनाएं। प्रमेय भूमिति का मुख्य भाग होता है, इसकी तैयारी अच्छे तरीके से करें। जितने भी प्रमेय दिए गए हैं, उस पर आधारित उदाहरण को समझें। प्रश्न 4 में एक प्रमेय अवश्य पूछा जाता है। पिछले कुछ वर्ष से चक्रीय चतुर्भुज पर आधारित प्रमेय आ रहा है, इसलिए समरूपता और वृत्त वाले पाठ में प्रमेय पर ध्यान देने की जरूरत है।

कारण जरूर लिखें
बीजगणित की तरह भूमिति में भी पूरा अंक मिलते हैं, लेकिन इसमें विद्यार्थी छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं। इससे अंक कट जाते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तर लिखते समय आकृतियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही उत्तर लिखते समय विद्यार्थी जल्दबाजी में ऐसी रेखा अथवा निशान खींच देते हैं, जिससे पूरा उत्तर सही लिखने के बावजूद अंक कटते हैं। इसके साथ जहां आवश्यक समझें, वहां कारण भी लिखें।

तीन पाठ से 32 अंक
पाठ्यपुस्तक में कुल 6 पाठ हैं। इसमें से तीन पाठ पर विकल्प सहित 32 अंक निर्धारित हैं। प्रश्न-पत्र में समरूपता से 12, भूमितीय रचनाएं से 10 और वृत्त से 10 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं। अगर विद्यार्थी परीक्षा के दौरान इन्हीं तीन पाठ का अध्ययन कर लें, तो भी उसे अच्छे अंक मिल सकते हैं। साथ ही प्रश्न-पत्र में त्रिकोणमिति से 10 अंक, निर्देशांक भूमिति से 8 और क्षेत्रमिति से 8 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं। जिन विद्यार्थियों की अच्छे से तैयारी नहीं हो पाई है, उन्हें अपने रुचि के अनुसार पाठ का चयन कर लेना चाहिए। उन्हें पूरे पाठ्यक्रम को पढ़ने से बचना चाहिए।

इन बातों का रखें खयाल
- विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तक में दिए गए उदाहरण को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए, इससे वह आसानी से इस पेपर में उत्तीर्ण हो सकता है।

- सूत्रों के आधार पर प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए लंबाई, त्रिज्या, चौड़ाई, क्षेत्रफल, घनफल, पृष्ठफल से संबंधित उदाहरणों को हल करें और फॉर्म्युला को अच्छे तरीके से याद करें।

- परीक्षा में सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। अगर विद्यार्थियों को किसी प्रश्न का पूरा हल करना नहीं आता है, तो उन्हें जितना भी आता है, उतना जरूर लिखें।

- परीक्षा में कैल्कुलेटर (गणकयंत्र) का उपयोग करना मना है, इसलिए विद्यार्थियों को परीक्षा हॉल में इसे नहीं ले जाना चाहिए।

- प्रमेय सिद्ध करने के लिए आकृति अवश्य बनाएं। इससे उत्तर लिखने में आसानी होती है।

- उत्तर लिखते समय रचनाओं के सभी निशान साफ और स्पष्ट बनाएं।

- प्रश्नों का हल समय के हिसाब से करें, किसी भी प्रश्न पर अधिक समय बर्बाद न करें।

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