इलाहाबाद/बाराबंकी/फतेहपुर
सोशल मीडिया, मोबाइल फोन और टीवी से दूरी ही भली। नियमित और एकाग्रचित होकर पढ़ाई। रिवीजन भी जरूरी। अगर ये तीन मंत्र अपना लिए तो आपको मनवांछित सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता। ये कहना है यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के टॉपर्स का। बता दें कि अंजलि वर्मा 10वीं की टॉपर हैं। 12वीं में आकाश मौर्य और रजनीश शुक्ला संयुक्त रूप से टॉप पर रहे। उल्लेखनीय है कि इस बार हाईस्कूल का 75.16% तो इंटरमीडिएट का 72.43% रिजल्ट रहा।
इंटरमीडिएट में टॉप करने वाले बाराबंकी के आकाश मौर्य के पिता कुलदीप ऑटो चलाते हैं। कुलदीप ने बताया कि बेटे की पढ़ाई के लिए वह 9 साल पहले ही पत्नी और छोटे बेटे आदित्य को लेकर बाराबंकी आ गए थे। कांशीराम कॉलोनी में कमरा लिया। अच्छे स्कूल में दाखिला करवाया। फीस और पढ़ाई के अन्य खर्चे पूरे कर सकें, इसलिए अपने सभी शौक ताक पर रख दिए। बेटे की पढ़ाई में व्यवधान न पड़े, इसके लिए वह खुद ऑटो में ही सोए।
आकाश ने भी पिता की तपस्या को जाया नहीं होने दिया। बकौल आकाश, 'मेरे कई साथियों के पास अच्छे मोबाइल फोन हैं लेकिन मैंने इस शौक को कभी अपने आसपास नहीं फटकने दिया। मैं जानता था कि इससे सिर्फ समय की बर्बादी होगी। सोशल मीडिया से भी दूरी बनाए रखी। इससे मेरा मन कभी भटका नहीं। मैंने नियमित और एकाग्रचित होकर पढ़ाई की।'
आकाश के साथ संयुक्त रूप से टॉपर रहे रजनीश ने बताया कि वह भी फोन का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं। उनका कोई भी फेसबुक अकाउंट नहीं है। रजनीश आईपीएस अफसर बनना चाहते हैं।
वहीं, हाईस्कूल की टॉपर अंजलि वर्मा मकैनिकल इंजिनियर बनना चाहती हैं। उन्हें किताबों का शौक है और वह पढ़ाई के वक्त सबकुछ भूल जाती हैं। अंजलि ने बताया, 'अगर मेरा मन किसी किताब को पढ़ने का है और वह मुझे नहीं मिलती तो मैं बेचैन हो जाती हूं। मैं सोशल मीडिया और टीवी से दूर ही रहती हूं।' मूल रूप से अम्बेडकरनगर के सुबेदारका पूरा गांव की रहने वाली अंजलि इलाहाबाद में बड़े भाई संतोष के साथ रहकर पढ़ाई कर रही हैं। अंजलि के पिता आशाराम वर्मा किसान हैं और मां चक्रवर्ती देवी प्राइमरी स्कूल भारीडीहा में प्रधानाध्यापिका हैं। अंजलि इंजिनियर बनना चाहती हैं।
सोशल मीडिया, मोबाइल फोन और टीवी से दूरी ही भली। नियमित और एकाग्रचित होकर पढ़ाई। रिवीजन भी जरूरी। अगर ये तीन मंत्र अपना लिए तो आपको मनवांछित सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता। ये कहना है यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के टॉपर्स का। बता दें कि अंजलि वर्मा 10वीं की टॉपर हैं। 12वीं में आकाश मौर्य और रजनीश शुक्ला संयुक्त रूप से टॉप पर रहे। उल्लेखनीय है कि इस बार हाईस्कूल का 75.16% तो इंटरमीडिएट का 72.43% रिजल्ट रहा।
इंटरमीडिएट में टॉप करने वाले बाराबंकी के आकाश मौर्य के पिता कुलदीप ऑटो चलाते हैं। कुलदीप ने बताया कि बेटे की पढ़ाई के लिए वह 9 साल पहले ही पत्नी और छोटे बेटे आदित्य को लेकर बाराबंकी आ गए थे। कांशीराम कॉलोनी में कमरा लिया। अच्छे स्कूल में दाखिला करवाया। फीस और पढ़ाई के अन्य खर्चे पूरे कर सकें, इसलिए अपने सभी शौक ताक पर रख दिए। बेटे की पढ़ाई में व्यवधान न पड़े, इसके लिए वह खुद ऑटो में ही सोए।
आकाश ने भी पिता की तपस्या को जाया नहीं होने दिया। बकौल आकाश, 'मेरे कई साथियों के पास अच्छे मोबाइल फोन हैं लेकिन मैंने इस शौक को कभी अपने आसपास नहीं फटकने दिया। मैं जानता था कि इससे सिर्फ समय की बर्बादी होगी। सोशल मीडिया से भी दूरी बनाए रखी। इससे मेरा मन कभी भटका नहीं। मैंने नियमित और एकाग्रचित होकर पढ़ाई की।'
आकाश के साथ संयुक्त रूप से टॉपर रहे रजनीश ने बताया कि वह भी फोन का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं। उनका कोई भी फेसबुक अकाउंट नहीं है। रजनीश आईपीएस अफसर बनना चाहते हैं।
वहीं, हाईस्कूल की टॉपर अंजलि वर्मा मकैनिकल इंजिनियर बनना चाहती हैं। उन्हें किताबों का शौक है और वह पढ़ाई के वक्त सबकुछ भूल जाती हैं। अंजलि ने बताया, 'अगर मेरा मन किसी किताब को पढ़ने का है और वह मुझे नहीं मिलती तो मैं बेचैन हो जाती हूं। मैं सोशल मीडिया और टीवी से दूर ही रहती हूं।' मूल रूप से अम्बेडकरनगर के सुबेदारका पूरा गांव की रहने वाली अंजलि इलाहाबाद में बड़े भाई संतोष के साथ रहकर पढ़ाई कर रही हैं। अंजलि के पिता आशाराम वर्मा किसान हैं और मां चक्रवर्ती देवी प्राइमरी स्कूल भारीडीहा में प्रधानाध्यापिका हैं। अंजलि इंजिनियर बनना चाहती हैं।
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