बैंक की नौकरी को बेहतरीन नौकरियों में से एक माना जाता है। बैंक में कई डिपार्टमेंट ऐसे हैं, जो काफी रोमांच वाले हैं। इनमें से एक है बिजनेस बैंकिंग। दरअसल, आज एक बड़ी आबादी के पास अपने बैंक खाते हैं, हाथों में डेबिट-क्रेडिट कार्ड हैं। ई-बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाएं हैं। ऐसे में सभी बैंक और वित्तीय संस्थाओं को अपनी व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए पेशेवर लोगों की आवश्यकता पड़ रही है।
निजी बैंकों के साथ सरकारी बैंकों ने भी युवाओं के लिए ढेरों अवसर तैयार किए हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में कुशल प्रफेशनल्स की मांग बढ़ी है। इसी के मद्देनजर अब सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा जैसे कुछ प्रफेशनल कोर्स भी प्रचलन में आ गए हैं। यह कोर्स प्राइवेट बैंकों में करियर की राह आसान तो करते ही है सरकारी बैंकों में भी पीओ, क्लर्क, आरबीआई ऑफिसर्स की तैयारी कर रहे छात्रों को भी बैंकिंग की बारीकियां जानने का मौका देते हैं।
ये हैं सेक्टर्स
1. कॉर्पोरेट बैंकिंग ऑफिसर: कॉर्पोरेट बैंकिंग ऑफिसर व्यापार और बड़ी कंपनियों के ग्राहकों के लिए बैंकिंग परिचालन में विशेष रूप से डिजाइन के उत्पाद उपलब्ध कराने का काम करता है।
2. क्रेडिट ऑफिसर: क्रेडिट ऑफिसर बैंक के कॉर्पोरेट और एसएमई ग्राहकों की लोन की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने का प्रभारी होता है। मेजर काम बैलेंस शीट का मूल्यांकन करना, व्यापार का विश्लेषण करना और लोन की मंजूरी से पहले डायरेक्टर का इंटरव्यू करना।
3. कैश मैनेजमेंट ऑफिसर: कैश मैनेजमेंट ऑफिसर स्थापित व्यापार ग्राहकों और संभावित कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए नकदी प्रबंधन सेवाएं प्रदान करने का काम करता है। ग्राहकों की जरूरतों का आकलन, उनकी लागत का लाभ और जोखिम विश्लेषण करता है इसके अलावा प्रभावी रणनीति की सिफारिश भी करता है।
यह होता है कोर्स में
ग्लोबल पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस एक वर्ष का कोर्स है। इसके तहत बैंकिंग ऑपरेशंस, धन प्रबंधन, ट्रेड फाइनेंस, फोरेक्स जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इस कोर्स में स्टूडेंट्स कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ, व्यापार संचार और शेयर बाजार में किस तरह काम होता है उसका प्रशिक्षण दिया जाता है। छात्र एक प्रफेशनल बैंकर और ट्रेडर कैसे बने और किसी भी आपात स्थिति व परिस्थिति में किस तरह काम करे इसकी भी भली प्रकार से ट्रेनिंग दी जाती है।
योग्यता
किसी भी स्ट्रीम से ग्रैजुएशन में अंतिम वर्ष के छात्र इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं। जिन विद्यार्थी के ग्रैजुएशन में कम से कम 50 प्रतिशत है वह भी इस कोर्स में आसानी से आवेदन कर सकते हैं। मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी जाती है।
करियर और प्लेसमेंट
इस कोर्स के खत्म होने के बाद स्टूडेंट को इंटरनैशनल बैंकिंग, फोरेक्स और ट्रेजरी, कॉर्पोरेट लोन्स, फाइनैंशल रिसर्च संबंधित बड़े ब्रांडों से ऑफर मिलने लगते हैं। कई इंटरनैशनल बैंक अलग-अलग स्किल्स के बच्चों को अच्छी सैलरी पर नियुक्ति करते हैं। सार्वजनिक बैंक ज्यादातर अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा के आधार पर नियुक्तियां करते हैं।
प्रमुख संस्थान
• इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ( www.ignou.ac.nic)
• इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ( www.ipu.ac.in)
• टीकेडब्ल्यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली ( www.tkwsibf.org)
• मणिपाल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक ( www.manipal.edu)
• सिंबायोसिस इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी, मुंबई ( www.siu.edu.in)
(इनके अलावा और भी अच्छे संस्थान हैं)
निजी बैंकों के साथ सरकारी बैंकों ने भी युवाओं के लिए ढेरों अवसर तैयार किए हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में कुशल प्रफेशनल्स की मांग बढ़ी है। इसी के मद्देनजर अब सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा जैसे कुछ प्रफेशनल कोर्स भी प्रचलन में आ गए हैं। यह कोर्स प्राइवेट बैंकों में करियर की राह आसान तो करते ही है सरकारी बैंकों में भी पीओ, क्लर्क, आरबीआई ऑफिसर्स की तैयारी कर रहे छात्रों को भी बैंकिंग की बारीकियां जानने का मौका देते हैं।
ये हैं सेक्टर्स
1. कॉर्पोरेट बैंकिंग ऑफिसर: कॉर्पोरेट बैंकिंग ऑफिसर व्यापार और बड़ी कंपनियों के ग्राहकों के लिए बैंकिंग परिचालन में विशेष रूप से डिजाइन के उत्पाद उपलब्ध कराने का काम करता है।
2. क्रेडिट ऑफिसर: क्रेडिट ऑफिसर बैंक के कॉर्पोरेट और एसएमई ग्राहकों की लोन की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने का प्रभारी होता है। मेजर काम बैलेंस शीट का मूल्यांकन करना, व्यापार का विश्लेषण करना और लोन की मंजूरी से पहले डायरेक्टर का इंटरव्यू करना।
3. कैश मैनेजमेंट ऑफिसर: कैश मैनेजमेंट ऑफिसर स्थापित व्यापार ग्राहकों और संभावित कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए नकदी प्रबंधन सेवाएं प्रदान करने का काम करता है। ग्राहकों की जरूरतों का आकलन, उनकी लागत का लाभ और जोखिम विश्लेषण करता है इसके अलावा प्रभावी रणनीति की सिफारिश भी करता है।
यह होता है कोर्स में
ग्लोबल पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस एक वर्ष का कोर्स है। इसके तहत बैंकिंग ऑपरेशंस, धन प्रबंधन, ट्रेड फाइनेंस, फोरेक्स जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इस कोर्स में स्टूडेंट्स कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ, व्यापार संचार और शेयर बाजार में किस तरह काम होता है उसका प्रशिक्षण दिया जाता है। छात्र एक प्रफेशनल बैंकर और ट्रेडर कैसे बने और किसी भी आपात स्थिति व परिस्थिति में किस तरह काम करे इसकी भी भली प्रकार से ट्रेनिंग दी जाती है।
योग्यता
किसी भी स्ट्रीम से ग्रैजुएशन में अंतिम वर्ष के छात्र इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं। जिन विद्यार्थी के ग्रैजुएशन में कम से कम 50 प्रतिशत है वह भी इस कोर्स में आसानी से आवेदन कर सकते हैं। मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी जाती है।
करियर और प्लेसमेंट
इस कोर्स के खत्म होने के बाद स्टूडेंट को इंटरनैशनल बैंकिंग, फोरेक्स और ट्रेजरी, कॉर्पोरेट लोन्स, फाइनैंशल रिसर्च संबंधित बड़े ब्रांडों से ऑफर मिलने लगते हैं। कई इंटरनैशनल बैंक अलग-अलग स्किल्स के बच्चों को अच्छी सैलरी पर नियुक्ति करते हैं। सार्वजनिक बैंक ज्यादातर अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा के आधार पर नियुक्तियां करते हैं।
प्रमुख संस्थान
• इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ( www.ignou.ac.nic)
• इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली ( www.ipu.ac.in)
• टीकेडब्ल्यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली ( www.tkwsibf.org)
• मणिपाल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक ( www.manipal.edu)
• सिंबायोसिस इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी, मुंबई ( www.siu.edu.in)
(इनके अलावा और भी अच्छे संस्थान हैं)
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