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40 लाख की नौकरी छोड़ कानपुर के शिवांश बने IAS

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UPSC Civil Services (संघ लोक सेवा आयोग) के नतीजे शुक्रवार को घोषित हो चुके हैं। इसके बाद टॉपर्स से लेकर परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स की सफलता के इंस्पिरेशनल किस्से सामने आ रहे हैं। ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है ऑल इंडिया 77वीं रैंक हासिल करने वाले शिवांश अवस्थी की। कानपुर के रहने वाले शिवांश ने IIT Kanpur से ऐरोस्पेस इंजिनियरिंग की पढ़ाई की इसके बाद जापान की मित्शुबीशी कंपनी में 40 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला।

उन्होंने जॉइन करने का फैसला लिया लेकिन पासपोर्ट बनवाने के दौरान उन्हें काफी दिक्कतें आईं, चक्कर काटने पड़े और एक बार उनका पासपोर्ट रोक दिया गया। शिवांश के पिता शैलेश अवस्थी पत्रकार रहे हैं, जिसके चलते उनका काम तो बन गया लेकिन यह घटना उनके दिमाग में बैठ गई। शिवांश को अहसास हुआ कि कैसे आम इंसान को इन छोटे-छोटे कामों के लिए भी एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है। इसके बाद ही उन्होंने प्रशासनिक सेवा में आकर सिस्टम में बदलाव लाने की ठानी।

शिवांश जापान में नौकरी के लिए तो चले गए लेकिन भारत में रहकर देश सेवा का सपना भी साथ लेकर गए। जापान में 2 साल 8 महीने के बाद शिवांश नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए। इसके बाद अपना सपना पूरा करने के लिए तैयारी शुरू की। दिल्ली में रहकर उन्होंने सिविल सर्विसेज के लिए पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में सफल हो गए।

शिवांश अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। उन्होंने बताया कि जब वह पढ़ाई करते थे तो उनकी मां अपर्णा अवस्थी पूरी रात ठीक से सोती नहीं थी कि कहीं उन्हें किसी चीज की जरूरत न पड़ जाए। वहीं, शिवांश के पिता ने बताया कि शिवांश को देर रात खुद खाने का मन होता था तो वह चुपचाप किचन में जाकर लेने लगते थे कि मां न जाग जाएं लेकिन मां आहट लेकर उनको वह चीज बनाकर दे देती थीं।


मजेदार बात यह है कि शिवांश साइंस बैकग्राउंड से हैं फिर भी उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में जिऑग्रफी को चुना। उनकी स्कूली शिक्षा कानपुर से हुई। हाई स्कूल में उन्हें 95 और इंटरमीडिएट में 92 फीसदी नंबर मिले थे।

सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू के दौरान शिवांश से ज्यादातर सवाल उनके बैकग्राउंड (इसरो, एचएएल, ऐरोस्पेस और जापान) के बारे में किए गए। उनसे पूछा गया कि जापान के अनुभव को भारत में काम करते हुए कैसे लागू करेंगे।

जापान के वर्क कल्चर के बारे में शिवांश बताते हैं कि वहां टीमवर्क पर फोकस रहता है और प्रेशर में काम नहीं करवाया जाता है। वह इस चीज से काफी प्रभावित हुए और ऐसे ही काम करना और करवाना चाहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ऑफिस पहुंचने के बाद सभी लोग कुछ देर योगा, वर्कआउट और वॉर्मअप के बाद काम शुरू करते थे।

एंटरटेनमेंट के लिए शिवांश मूवी, मोटिवेशनल विडियो और टीवी देखते हैं। उन्होंने बताया कि वह रोजाना न्यूज पेपर जरूर पढ़ते हैं इससे काफी हेल्प मिली। शिवांश स्टूडेंट्स को कोई खास टिप्स नहीं देना चाहते, उनके हिसाब से टाइम टेबल बनाकर पढ़ना और उसे स्ट्रिक्टली फॉलो करना जरूरी है। इंटरव्यू के दौरान वह ईमानदारी से और शांति के साथ सवालों के जवाब देने की सलाह देते हैं। उन्होंने बताया कि आप कैसे जवाब देते हैं से ज्यादा मायने रखता है कि क्या जवाब देते हैं।

शिवांश ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्हें कभी स्ट्रेस नहीं हुआ क्योंकि अगर पढ़ाई में बिजी रहते हैं तो अच्छा और पॉजिटिव फील करते हैं।

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