Quantcast
Channel: Career Expert Advice: करियर सलाह, Get Free Expert Advice About Your Career, Career Advice, एग्जाम प्रिपरेशन टिप्स, Exam Preparaion Tips
Viewing all articles
Browse latest Browse all 889

पेट्रोल पंप पर काम करते हैं पिता, बेटे ने पहली बार में पास की सिविल परीक्षा

$
0
0

UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा में 93 रैंक लाने वाले बिहार के प्रदीप सिंह शुक्रवार को रिजल्ट पता चलने के बाद से सोए नहीं हैं। वह बताते हैं, 'ऐसा लग रहा है जैसे सपना देख रहा हूं। सोया नहीं हूं कि कहीं ये सपना न टूट जाए।

22 साल की उम्र में, पहले ही प्रयास में सफलता हासिल करने वाले प्रदीप के पिता मनोज सिंह मध्य प्रदेश में पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। रिजल्ट के बाद से प्रदीप के पिता को लगातार बधाइयां मिल रही हैं। प्रदीप ने बताया कि वह पिता की आंखों की यही खुशी देखने का सपना लेकर तैयारी करते थे।

अपने फैमिली बैकग्राउंड के बारे में वह बताते हैं कि उनका परिवार बिहार से है और पिता सन 1992 में नौकरी की तलाश में मध्य प्रदेश आए और यहां पेट्रोल पंप पर नौकरी करने लगे। प्रदीप की पढ़ाई इंदौर में हुई लेकिन गांव से भी हमेशा जुड़ाव रहा। प्रदीप के भाई संदीप प्राइवेट जॉब करते हैं। वह बताते हैं, 'भइया ने ही सिविल सर्विसेज के लिए गाइड किया।' बताया कि उनके माता-पिता ने भी बच्चों को पढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया।

प्रदीप ने 10वीं और 12वीं दोनों की परीक्षा CBSE बोर्ड से 81 फीसदी नंबरों के साथ पास की। उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए बीकॉम ऑनर्स के साथ अंडरग्रैड प्रोग्राम जॉइन किया था, इसके बाद एक साल तैयारी की और पहले प्रयास में परीक्षा पास कर ली।सिविल परीक्षा के लिए उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर सोशियॉलजी चुना था।

सिस्टम में क्या गड़बड़ियां दिखती हैं और इन्हें कैसे सुधारेंगे इस सवाल पर प्रदीप कहते हैं, 'मुझे 3-4 चीजों पर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत दिखाई देती है। हेल्थ, एजुकेशन, लॉ ऐंड ऑर्डर और विमिन एम्पावरमेंट। ये चार चीजें सोसायटी का पिलर हैं। अगर ये सुधर गईं तो बहुत बड़ा बदलाव दिखाई देगा।'

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए क्या करेंगे इस पर प्रदीप बताते हैं, 'विमिन एम्पारवेंट के लिए लोगों में बिहेवियरल चेंज लाने की कोशिश करूंगा। मैं छोटे से अंश में भी अगर कॉन्ट्रिब्यूशन दे पाऊंगा तो भी बदलाव आएगा।'

वह बताते हैं, लोग महिलाओं को कमजोर समझते हैं, इसमें बदलाव लाना होगा। कोशिश करूंगा कि लड़कियां सड़कों पर खुद को सुरक्षित समझें, निडर होकर घूम सकें, जीवन में अपने फैसले ले सकें।

प्रदीप को अफसोस है कि उनकी कोई बहन नहीं है लेकिन इस बात की खुशी भी है कि देश की कई बहनों के लिए काम कर सकेंगे।


बताया कि उन्हें यह बात भी कचोटती है कि देश में औरतों को देवी बताते हैं लेकिन कहीं-कहीं दासी की तरह ट्रीट किया जाता है। वह इसको भी बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह काम मुश्किल तो है लेकिन बदलाव लाया जा सकता है। वह इंदौर का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि यह शहर स्वच्छता की रैंकिंग में 154 रैंक पर था अब तीन साल से पहली रैंक पर आ रहा है। कहा, मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि जितना भी बदलाव ला सकूं, समाज के लिए उतना योगदान मैं दूं।

इंटरव्यू के सवालों पर प्रदीप ने बताया कि पैनलिस्ट ने उनके बैकग्राउंड से जुड़े ही सवाल किया जैसे उज्जैन क्यों फेमस है, उनकी एजुकेशन और पॉलिटिक्स से जुड़े जनरल नॉलेज के सवाल।

उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे सवाल भी थे, जो उन्होंने एक-दो दिन पहले ही न्यूजपेपर में पढ़े थे। वह इकॉनॉमिक्स टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबार रेग्युलर पढ़ते हैं और करंट अफेयर्स के नोट्स बनाते थे।

आखिर में वह अपनी सफलता का क्रेडिट मां-बाप को देते हुए कहते हैं, मां-बाप के सपॉर्ट के बिना मैं कुछ नहीं हूं। मेरी उम्र 22 साल है, इससे कहीं ज्यादा उनको जीवन का अनुभव है। उनके लिए ही यह सफलता हासिल की है।

गुरुमंत्र: जब भी जीवन में संघर्ष और मुश्किलें आएंगी उस वक्त ही आपको अपनी असली और छिपी ताकत का अहसास होगा। अपनेआप को कभी किसी से कम न समझें। आप कुछ भी पा सकते हैं बस अपनी छिपी ताकत को पहचानें।


मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 889

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>