संस्कृति और विरासत का शिक्षा से गहरा संबंध है। अवशेषों और प्राचीन सामग्रियों को सुरक्षित रखकर संग्रहालय मानव इतिहास, संस्कृति और धर्म आदि की रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। यह अतीत को सुरक्षित रखने, शोध करने औऱ उसके बारे में जानकारी हासिल करने में मदद करता है। आप चाहे तो संग्रहालय की फील्ड में करियर बनाकर अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजकर रखने में मदद कर सकते हैं। मौजूदा समय में संग्रहालय विज्ञान बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है...
भारत में भी बढ़ी डिमांड
पश्चिम में तो संग्रहालय विज्ञान काफी समय से लोकप्रिय है लेकिन भारत में पढ़ने के एक विषय के तौर पर इसका महत्व बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संग्रहालय के संग्राहलय विज्ञान विभाग की अध्यक्ष मान्वी सेठ ने बताया, 'संग्रहालय का विचार पश्चिम में पैदा हुआ। इसलिए वहां भारत की तुलना में संग्रहालय का अध्ययन ज्यादा लोकप्रिय है। लेकिन भारत में भी इसकी मांग पिछले कुछ सालों में बढ़ी है। देश के अंदर कई प्राइवेट आर्ट गैलरी आ गई हैं। सरकार भी राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण पर जोर दे रही है।' संग्रहालय विज्ञान के मैदान में करियर के कई ऑप्शन हैं जैसे संग्रहालय निदेशक, क्यूरेटर, एजुकेटर, एगजिबिट डिजाइनर, आर्किविस्ट और कन्जर्वेशन स्पेशलिस्ट।
कौन कर सकता है संग्रहालय विज्ञान में कोर्स?
किसी भी उपयुक्त विषय में बैचलर्स डिग्री के बाद आप संग्रहालय विज्ञान का कोर्स कर सकते हैं। वैसे एंथ्रोपॉलजी, आर्ट हिस्ट्री, बोटनी, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, जिऑलजी, हिस्ट्री, फिजिक्स, विजुअल आर्ट, जूलोजी या मकैनिकल, ईसीई, सीएसई आदि में बीई/बीटेक के बाद म्यूजियॉलजी का कोर्स करें तो ज्यादा बेहतर है।
कोर्स कराने वाले संस्थान
कुछ यूनिवर्सिटियों में पीजी लेवल पर मुख्य रूप से म्यूजियॉलजी का कोर्स ऑफर किया जाता है। उन यूनिवर्सिटियों में में एमएस यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीचएयू), यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, नैशनल म्यूजियम इंस्टिट्यूट, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, रबिंद्र भारती यूनिवर्सिटी (सेल्फ फाइनैंस्ड) दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च ऐंड मैनेजमेंट शामिल हैं। इसके अलावा कुछ यूनिवर्सिटियों में सेंटर्स ऑफ म्यूजियॉलजी हैं जैसे जम्मू यूनिवर्सिटी (सीबीसीएस के हत म्यूजियॉलजी का ऑप्शनल पेपर), राजस्थान यूनिवर्सिटी, असम यूनिवर्सिटी (सिल्चर कैंपस) आदि।
भारत में भी बढ़ी डिमांड
पश्चिम में तो संग्रहालय विज्ञान काफी समय से लोकप्रिय है लेकिन भारत में पढ़ने के एक विषय के तौर पर इसका महत्व बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संग्रहालय के संग्राहलय विज्ञान विभाग की अध्यक्ष मान्वी सेठ ने बताया, 'संग्रहालय का विचार पश्चिम में पैदा हुआ। इसलिए वहां भारत की तुलना में संग्रहालय का अध्ययन ज्यादा लोकप्रिय है। लेकिन भारत में भी इसकी मांग पिछले कुछ सालों में बढ़ी है। देश के अंदर कई प्राइवेट आर्ट गैलरी आ गई हैं। सरकार भी राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण पर जोर दे रही है।' संग्रहालय विज्ञान के मैदान में करियर के कई ऑप्शन हैं जैसे संग्रहालय निदेशक, क्यूरेटर, एजुकेटर, एगजिबिट डिजाइनर, आर्किविस्ट और कन्जर्वेशन स्पेशलिस्ट।
कौन कर सकता है संग्रहालय विज्ञान में कोर्स?
किसी भी उपयुक्त विषय में बैचलर्स डिग्री के बाद आप संग्रहालय विज्ञान का कोर्स कर सकते हैं। वैसे एंथ्रोपॉलजी, आर्ट हिस्ट्री, बोटनी, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, जिऑलजी, हिस्ट्री, फिजिक्स, विजुअल आर्ट, जूलोजी या मकैनिकल, ईसीई, सीएसई आदि में बीई/बीटेक के बाद म्यूजियॉलजी का कोर्स करें तो ज्यादा बेहतर है।
कोर्स कराने वाले संस्थान
कुछ यूनिवर्सिटियों में पीजी लेवल पर मुख्य रूप से म्यूजियॉलजी का कोर्स ऑफर किया जाता है। उन यूनिवर्सिटियों में में एमएस यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीचएयू), यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, नैशनल म्यूजियम इंस्टिट्यूट, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, रबिंद्र भारती यूनिवर्सिटी (सेल्फ फाइनैंस्ड) दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च ऐंड मैनेजमेंट शामिल हैं। इसके अलावा कुछ यूनिवर्सिटियों में सेंटर्स ऑफ म्यूजियॉलजी हैं जैसे जम्मू यूनिवर्सिटी (सीबीसीएस के हत म्यूजियॉलजी का ऑप्शनल पेपर), राजस्थान यूनिवर्सिटी, असम यूनिवर्सिटी (सिल्चर कैंपस) आदि।
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