हार्डवेयर इंजिनियर बनने के लिए मुख्य रूप से दो बेसिक कोर्स करने पड़ते हैं। पहला, हार्डवेयर और दूसरा बेसिक नेटवर्किंग। हार्डवेयर रिलेटिड कोर्स से कंप्यूटर पार्ट्स के बारे में तमाम तकनीकी जानकारी मिलती है। एक हार्डवेयर इंजिनियर या सिस्टम ऐडमिनिस्ट्रेटर बनने के लिए ये दोनों कोर्स करने बेहद जरूरी हैं।
हार्डवेयर और नेटवर्किंग का क्षेत्र सीधे सीधे कंप्यूटर्स की बढ़ती संख्या से जुड़ा है। यानी जैसे-जैसे कंप्यूटर का यूज बढ़ता जाएगा, इन प्रफेशनल्स की मांग भी बढ़ती जाएगी। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभी भी यह इंडस्ट्री प्रफेशनल्स की कमी से जूझ रही है। इसलिए कोर्स करने के बाद जॉब मिलने की संभावना बहुत रहती है।
एक सर्वे के मुताबिक कंप्यूटर हार्डवेयर से जुड़ा फील्ड तेजी से बढ़ते चंद क्षेत्रों में से एक रहेगा और भारत में 2021 तक लाखों नेटवर्क इंजिनियरों की कमी होगी। सिर्फ इन्हीं तथ्यों से ही नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में कंप्यूटर के इस्तेमाल का उदाहरण लेकर भी हम हार्डवेयर में करियर की उपयोगिता समझ सकते हैं। आज शायद ही ऐसा कोई ऑफिस हो, जहां का कामकाज कंप्यूटर पर आधारित न हो। इसके अलावा, घर, स्कूल आदि जगहों पर भी सभी कामकाज कंप्यूटर पर ही किए जाते हैं।
अगर ये सुचारू रूप से काम न करें, तो सारा कामकाज अचानक ठप हो सकता है। बैंकों और अन्य सरकारी कार्यालयों में नेटवर्क फेल होने की वजह से काम ठप रहने की खबरें आपने अक्सर पढ़ी होंगी, तब इस नेटवर्क को सही करने के लिए हार्डवेयर प्रफेशनल्स की ही मदद ली जाती है। नेटवर्किंग दरअसल कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर ऐसा जाल बनाने का फील्ड है जिसमें कोई संस्थान काम कर सके। कुल मिलाकर, कंप्यूटर इंस्टॉलेशन से लेकर, इसकी मेंटेनेंस और रोजमर्रा के ऐडमिनिस्ट्रेशन तक का सारा जिम्मा कंप्यूटर सपोर्ट स्पेशलिस्ट्स यानी हार्डवेयर इंजिनियर्स के जिम्मे होता है।
हार्डवेयर और नेटवर्किंग का क्षेत्र सीधे सीधे कंप्यूटर्स की बढ़ती संख्या से जुड़ा है। यानी जैसे-जैसे कंप्यूटर का यूज बढ़ता जाएगा, इन प्रफेशनल्स की मांग भी बढ़ती जाएगी। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभी भी यह इंडस्ट्री प्रफेशनल्स की कमी से जूझ रही है। इसलिए कोर्स करने के बाद जॉब मिलने की संभावना बहुत रहती है।
एक सर्वे के मुताबिक कंप्यूटर हार्डवेयर से जुड़ा फील्ड तेजी से बढ़ते चंद क्षेत्रों में से एक रहेगा और भारत में 2021 तक लाखों नेटवर्क इंजिनियरों की कमी होगी। सिर्फ इन्हीं तथ्यों से ही नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में कंप्यूटर के इस्तेमाल का उदाहरण लेकर भी हम हार्डवेयर में करियर की उपयोगिता समझ सकते हैं। आज शायद ही ऐसा कोई ऑफिस हो, जहां का कामकाज कंप्यूटर पर आधारित न हो। इसके अलावा, घर, स्कूल आदि जगहों पर भी सभी कामकाज कंप्यूटर पर ही किए जाते हैं।
अगर ये सुचारू रूप से काम न करें, तो सारा कामकाज अचानक ठप हो सकता है। बैंकों और अन्य सरकारी कार्यालयों में नेटवर्क फेल होने की वजह से काम ठप रहने की खबरें आपने अक्सर पढ़ी होंगी, तब इस नेटवर्क को सही करने के लिए हार्डवेयर प्रफेशनल्स की ही मदद ली जाती है। नेटवर्किंग दरअसल कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर ऐसा जाल बनाने का फील्ड है जिसमें कोई संस्थान काम कर सके। कुल मिलाकर, कंप्यूटर इंस्टॉलेशन से लेकर, इसकी मेंटेनेंस और रोजमर्रा के ऐडमिनिस्ट्रेशन तक का सारा जिम्मा कंप्यूटर सपोर्ट स्पेशलिस्ट्स यानी हार्डवेयर इंजिनियर्स के जिम्मे होता है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।