इंटरनैशनल स्टूडेंट्स के लिए SAT टेस्ट साल में चार बार अक्टूबर से मई के बीच होता है। सभी की ऐप्लिकेशन डेडलाइंस कम से कम एक महीने पहले बंद हो जाती हैं।
इस बार टेस्ट 7 दिसंबर 2019, फिर 14 मार्च 2020 और 2 मई 2020 को होना है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि SAT की तैयारी के लिए किस तरह स्ट्रैटिजी बनानी चाहिए...
SAT टेस्ट की तैयारी के दौरान 3P रूल यानी प्रैक्टिस, प्रैक्टिस और प्रैक्टिस को फॉलो करने की सलाह दी जाती है। रेग्युलर प्रैक्टिस के अलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है।
टेस्ट में बेहतर परफॉर्म करने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस सवालों और फुल लेंथ प्रैक्टिस टेस्ट को अटेम्प्ट करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा हर एक सेक्शन के लिए टाइमिंग सेट करें और अपनी स्पीड मेनटेन रखें। इससे आपको टेस्ट के लिए होने वाली चिंता को काबू करने में मदद मिलेगी। satpractice.org पर फ्री टेस्ट मटीरियल भी उपलब्ध हैं।
सारे सवालों को करें अटेम्प्ट
चूंकि SAT टेस्ट में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है, ऐसे में स्टूडेंट्स भले ही किसी सवाल को लेकर श्योर न हों लेकिन सारे सवालों को अटेम्प्ट करना ही चाहिए।
अगर जरूरी हो तो सेकंड अटेम्प्ट करें
अगर पहले अटेम्प्ट में स्कोर अच्छा ना हो तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। SAT का टेस्ट साल में कई बार होता है, इसलिए आप एक और ट्राई कर सकते हैं। एक फैक्ट यह भी है कि SAT का टेस्ट दोबारा देने पर 63% स्टूडेंट्स अपना स्कोर बढ़ा लेते हैं। कॉलेज सिर्फ आपका बेस्ट स्कोर देखना चाहते हैं, ऐसे में आप अपना बेस्ट दें, भले आपको दोबारा ट्राई करना पड़े।
बता दें, अलग-अलग इंडियन और इंटरनैशनल कॉलेजों/यूनिवर्सिटीज में अंडरग्रैजुएट ऐडमिशन के लिए SAT टेस्ट स्कोर्स को देखा जाता है। इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए आप sat.org/international पर विजिट कर सकते हैं।
इस बार टेस्ट 7 दिसंबर 2019, फिर 14 मार्च 2020 और 2 मई 2020 को होना है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि SAT की तैयारी के लिए किस तरह स्ट्रैटिजी बनानी चाहिए...
SAT टेस्ट की तैयारी के दौरान 3P रूल यानी प्रैक्टिस, प्रैक्टिस और प्रैक्टिस को फॉलो करने की सलाह दी जाती है। रेग्युलर प्रैक्टिस के अलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है।
टेस्ट में बेहतर परफॉर्म करने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस सवालों और फुल लेंथ प्रैक्टिस टेस्ट को अटेम्प्ट करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा हर एक सेक्शन के लिए टाइमिंग सेट करें और अपनी स्पीड मेनटेन रखें। इससे आपको टेस्ट के लिए होने वाली चिंता को काबू करने में मदद मिलेगी। satpractice.org पर फ्री टेस्ट मटीरियल भी उपलब्ध हैं।
सारे सवालों को करें अटेम्प्ट
चूंकि SAT टेस्ट में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है, ऐसे में स्टूडेंट्स भले ही किसी सवाल को लेकर श्योर न हों लेकिन सारे सवालों को अटेम्प्ट करना ही चाहिए।
अगर जरूरी हो तो सेकंड अटेम्प्ट करें
अगर पहले अटेम्प्ट में स्कोर अच्छा ना हो तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। SAT का टेस्ट साल में कई बार होता है, इसलिए आप एक और ट्राई कर सकते हैं। एक फैक्ट यह भी है कि SAT का टेस्ट दोबारा देने पर 63% स्टूडेंट्स अपना स्कोर बढ़ा लेते हैं। कॉलेज सिर्फ आपका बेस्ट स्कोर देखना चाहते हैं, ऐसे में आप अपना बेस्ट दें, भले आपको दोबारा ट्राई करना पड़े।
बता दें, अलग-अलग इंडियन और इंटरनैशनल कॉलेजों/यूनिवर्सिटीज में अंडरग्रैजुएट ऐडमिशन के लिए SAT टेस्ट स्कोर्स को देखा जाता है। इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए आप sat.org/international पर विजिट कर सकते हैं।
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