इंटरव्यू कई तरह के होते हैं। अब शॉर्टलिस्ट होने पर आप इंटरव्यू का अपना पसंदीदा तरीका तो नहीं चुन सकते, लेकिन रिक्रूटर से प्रोसेस पूछकर तैयारी जरूर कर सकते हैं। चूंकि इंटरव्यू अलग-अलग तरह के होते हैं इसलिए तैयारी भी उन्हीं के हिसाब से करें। लेकिन इसके लिए आपको पहले यह पता होना चाहिए कि इंटरव्यू कितने प्रकार और किस तरह के होते हैं। यहां इन्हीं के बारे में बताया जा रहा है:
वन-ऑन-वन
पहले एचआर और फिर रिपोर्टिंग मैनेजर के साथ आपका कम से कम एक-एक इंटरव्यू तो होता ही है। इंटरव्यू का पैटर्न तय है तो आप कंपनी, रिक्रूटर से उसके फॉर्मैट और कंटेंट के बारे में पूछ सकते हैं। अगर तय पैटर्न नहीं है तो आपको अपने बारे में बताने का अधिक मौका मिलेगा।
फोन
फोन पर दिए जाने वाले इंटरव्यू अक्सर फेस-टू-फेस मीटिंग से पहले होते हैं। इनमें कैंडिडेट को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। फोन इंटरव्यू में सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आप बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के हाव-भाव से प्रभाव नहीं डाल सकते। इसकी पहले से तैयारी करें और इंटरव्यू देने के लिए शांत जगह चुनें। फॉर्मल ड्रेस पहनकर फोन इंटरव्यू देने पर इस प्रक्रिया की संजीदगी बढ़ जाती है। अगर आपको फोन पर कोई सवाल साफ सुनाई नहीं देता या समझ नहीं आता तो दोबारा पूछें। पूछे गए सवाल नोट करें और अपने पॉइंट्स भी लिखते जाएं। फोन इंटरव्यू के वक्त रेज्यूमे भी अपने पास रखना चाहिए।
पैनल
अगर इंटरव्यू पैनल में निर्णय लेने वाले एक से अधिक लोग हैं तो मैनेजर और स्पेशलिस्ट कई सवाल पूछेंगे। जवाब देते वक्त सवाल पूछने वाले के अलावा पैनल में शामिल दूसरे लोगों की तरफ भी देखें। इससे उनका ध्यान भी आप पर बना रहेगा। ऐसे इंटरव्यू में एक तरह के सवाल नहीं पूछे जाते। इसमें पैनल के हर सदस्य की अलग जिम्मेदारी होती है। वे अपने हिसाब से इंटरव्यू देने वाले को परखते हैं इसलिए इसकी तैयारी थोड़ा संभलकर करें।
स्काइप/विडियो
विडियो इंटरव्यू लाइव या फिर रिकॉर्डेड हो सकता है। अगर कैमरे के सामने आपको बोलने की आदत नहीं है तो इंटरव्यू से पहले विडियो रिकॉर्ड करके अभ्यास करें। फिर रिकॉर्डिंग देखकर अपने हाव-भाव, विजुअल इंपैक्ट, प्रजेंस ऑफ माइंड का विश्लेषण करके उनमें सुधार लाएं। रिकॉर्डिंग को दोस्तों और सहकर्मियों को भी दिखाएं। विडियो इंटरव्यू फॉर्मल होता है। इसलिए आपके कपड़े भी वैसे ही होने चाहिए।
ग्रुप इंटरव्यू
जूनियर या एंट्री लेवल में अक्सर बड़े पैमाने पर भर्तियां की जाती हैं। इसके लिए ग्रुप इंटरव्यू किए जाते हैं। इसकी तैयारी दोस्तों के साथ नकली ग्रुप इंटरव्यू के जरिये की जा सकती है। ग्रुप डिस्कशन में विनम्र बने रहें। दूसरों को बोलने दें और सही तथ्य रखें। अगले राउंड में जाने के लिए इतना मौका काफी होता है। ग्रुप डिस्कशन में अच्छे प्रदर्शन के लिए जल्द पहुंचकर टीम के दूसरे सदस्यों से बातचीत करने से मदद मिलती है।
जॉब फेयर
जॉब फेयर (मेला) में आपके पास इंटरव्यू लेने वाले को प्रभावित करने का बहुत कम समय होता है। इसकी तैयारी के लिए स्टैंडर्ड सवालों के जवाब की प्रैक्टिस पहले करें। अपने बारे में बताएं, ऐकडेमिक/पिछली जॉब का अनुभव, आपको क्यों हायर करें, आपको यह जॉब क्यों चाहिए आदि ऐसे सवाल हैं, जिनकी पहले से तैयारी की जा सकती है। हर सवाल के 30 सेकेंड और 2 मिनट के जवाब तैयार रखें।
वन-ऑन-वन
पहले एचआर और फिर रिपोर्टिंग मैनेजर के साथ आपका कम से कम एक-एक इंटरव्यू तो होता ही है। इंटरव्यू का पैटर्न तय है तो आप कंपनी, रिक्रूटर से उसके फॉर्मैट और कंटेंट के बारे में पूछ सकते हैं। अगर तय पैटर्न नहीं है तो आपको अपने बारे में बताने का अधिक मौका मिलेगा।
फोन
फोन पर दिए जाने वाले इंटरव्यू अक्सर फेस-टू-फेस मीटिंग से पहले होते हैं। इनमें कैंडिडेट को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। फोन इंटरव्यू में सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आप बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के हाव-भाव से प्रभाव नहीं डाल सकते। इसकी पहले से तैयारी करें और इंटरव्यू देने के लिए शांत जगह चुनें। फॉर्मल ड्रेस पहनकर फोन इंटरव्यू देने पर इस प्रक्रिया की संजीदगी बढ़ जाती है। अगर आपको फोन पर कोई सवाल साफ सुनाई नहीं देता या समझ नहीं आता तो दोबारा पूछें। पूछे गए सवाल नोट करें और अपने पॉइंट्स भी लिखते जाएं। फोन इंटरव्यू के वक्त रेज्यूमे भी अपने पास रखना चाहिए।
पैनल
अगर इंटरव्यू पैनल में निर्णय लेने वाले एक से अधिक लोग हैं तो मैनेजर और स्पेशलिस्ट कई सवाल पूछेंगे। जवाब देते वक्त सवाल पूछने वाले के अलावा पैनल में शामिल दूसरे लोगों की तरफ भी देखें। इससे उनका ध्यान भी आप पर बना रहेगा। ऐसे इंटरव्यू में एक तरह के सवाल नहीं पूछे जाते। इसमें पैनल के हर सदस्य की अलग जिम्मेदारी होती है। वे अपने हिसाब से इंटरव्यू देने वाले को परखते हैं इसलिए इसकी तैयारी थोड़ा संभलकर करें।
स्काइप/विडियो
विडियो इंटरव्यू लाइव या फिर रिकॉर्डेड हो सकता है। अगर कैमरे के सामने आपको बोलने की आदत नहीं है तो इंटरव्यू से पहले विडियो रिकॉर्ड करके अभ्यास करें। फिर रिकॉर्डिंग देखकर अपने हाव-भाव, विजुअल इंपैक्ट, प्रजेंस ऑफ माइंड का विश्लेषण करके उनमें सुधार लाएं। रिकॉर्डिंग को दोस्तों और सहकर्मियों को भी दिखाएं। विडियो इंटरव्यू फॉर्मल होता है। इसलिए आपके कपड़े भी वैसे ही होने चाहिए।
ग्रुप इंटरव्यू
जूनियर या एंट्री लेवल में अक्सर बड़े पैमाने पर भर्तियां की जाती हैं। इसके लिए ग्रुप इंटरव्यू किए जाते हैं। इसकी तैयारी दोस्तों के साथ नकली ग्रुप इंटरव्यू के जरिये की जा सकती है। ग्रुप डिस्कशन में विनम्र बने रहें। दूसरों को बोलने दें और सही तथ्य रखें। अगले राउंड में जाने के लिए इतना मौका काफी होता है। ग्रुप डिस्कशन में अच्छे प्रदर्शन के लिए जल्द पहुंचकर टीम के दूसरे सदस्यों से बातचीत करने से मदद मिलती है।
जॉब फेयर
जॉब फेयर (मेला) में आपके पास इंटरव्यू लेने वाले को प्रभावित करने का बहुत कम समय होता है। इसकी तैयारी के लिए स्टैंडर्ड सवालों के जवाब की प्रैक्टिस पहले करें। अपने बारे में बताएं, ऐकडेमिक/पिछली जॉब का अनुभव, आपको क्यों हायर करें, आपको यह जॉब क्यों चाहिए आदि ऐसे सवाल हैं, जिनकी पहले से तैयारी की जा सकती है। हर सवाल के 30 सेकेंड और 2 मिनट के जवाब तैयार रखें।
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