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Career in Medicine: 12वीं के बाद मेडिसिन में बना सकते हैं बेहतर करियर, ऐसे करें तैयारी

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इंडिया में मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एमबीबीएस अंडरग्रेजुएट डिग्री डिग्री है, जिसका लक्ष्‍य छात्रों को मेडिसिन की फील्ड में ट्रेंड करना है। एमबीबीएस पूरी होने के बाद छात्र किसी भी पेसेंट को डायग्नोस करने के बाद उन्हें मेडिसिन्स प्रिस्क्राइब करने के योग्य बन जाते हैं, यह डिग्री मेडिसिन के क्षेत्र में प्राथतिक मानी जाती है। हालांकि मेडिसिन के क्षेत्र में माहरत हासिल करने के लिए छात्रों को काफी मेहनत करनी पड़ती है।

मेडिसिन में क्‍या है कोर्सेज और उन को कैसे करें
इंडिया में आमतौर पर स्टूडेंट्स 12वीं क्लास पास करने के बाद कोर मेडिकल कोर्सेज में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। यहां उन कोर्सेज की लिस्ट दी जा रही है जो मेडिकल डिग्री प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट्स चुन सकते हैं, ताकि उनके शानदार करियर का निर्माण हो सके।

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज
छात्र 12वीं के बाद मेडिसिन में अंडरग्रेजुएट कोर्स पूरा कर सकते हैं, इसकें बाद छात्रों को एमबीबीएस डॉक्टर का शानदार टाइटल मिल जाता है। एमबीबीएस बैचलर ऑफ़ मेडिसिन का संक्षिप्त रूप है1 एमबीबीएस कोर्स की अवधि 5 वर्ष की होती है जिसमें डिग्री प्रोग्राम पूरा करने के लिए 6 माह की ट्रेनिंग भी शामिल है।

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज
मेडिसिन की फील्ड में पोस्ट ग्रेजुएशन को एमडी डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन के तौर पर जाना जाता है। यह मेडिसिन की फील्ड में सुपर-स्पेशलाइजेशन है और इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष की है।

डॉक्टोरल कोर्सेज
डीएम बनने के लिए छात्र हायर स्टडीज जारी रख सकते हैं, इसके बाद डीएम की डिग्री पीएचडी की डिग्री के समकक्ष है। डॉक्टोरल कोर्स की अवधि 3-4 वर्ष की है। यह अवधि यूनिवर्सिटी गाइडलाइन्स के अनुसार थीसिस पूरी करने के लिए लगने वाले समय पर भी निर्भर करती है।
इसे भी पढ़ें: Career In Liberal Arts: क्‍या है लिबरल आर्ट्स? कितने हैं करियर ऑप्शन, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

कैसे लें मेडिकल कॉलेजेस में एडमिशन
किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन प्राप्त करने के लिए छात्रों में कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। इस प्रोफेशन के लिए आपमें न केवल प्रोफेशनल कमिटमेंट ही होनी चाहिए बल्कि, किसी रोगी का जीवन बचाने का जज्बा भी होना चाहिए। हम आपको बताएंगे कि मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए किन एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की जरूरत पड़ेगी

अंडरग्रेजुएट कोर्स
अंडरग्रेजुएट कोर्स को एमबीबीएस के नाम से जाना जाता है। यह 12वीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ने वाले वे छात्र कर सकते हैं, जिन्‍हें 12वीं में कम से कम 55 फीसदी मार्क्स प्राप्त हुए हैं। ऐसे छात्र एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं।

पोस्टग्रेजुएट कोर्स
डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन या एमडी की डिग्री प्राप्त करने के लिए, छात्र के पास एमबीबीएस की डिग्री और इंटर्नशिप का अनुभव अवश्य होना चाहिए।

डॉक्टोरल कोर्स
डॉक्टोरल या डीएम का कोर्स वह कोर्स है जो यूएस की कई यूनिवर्सिटीज सफल छात्रों को प्रदान करती हैं। यह डिग्री पीएचडी के समकक्ष डिग्री है। जिन डॉक्टर्स के पास एमडी की डिग्री होती है, वे यह कोर्स कर सकते हैं।

क्‍या मिलती है सैलरी
किसी एमबीबीएस डॉक्टर को अपने करियर की शुरुआत में लगभग 3.4 लाख सैलरी मिलती है जैसे-जैसे उनका अनुभव और नॉलेज बढ़ते जाते हैं, वैसे- वैसे सैलारी बढ़ती है।
इसे भी पढ़ें: Mtech Without GATE: गेट एग्जाम के बिना एमटेक में एडमिशन कैसे लें? यहां है पूरी जानकारी

अंडरग्रेजुएट का कैसे होता है एंट्रेंस एग्जाम्स
  • एमबीबीए
  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंट्रेंस टेस्ट
  • जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च टेस्‍ट
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम
  • ऑल इंडिया प्री-मेडिकल प्री-डेंटल टेस्ट
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्री-मेडिकल टेस्ट
  • मणिपाल विश्वविद्यालय एडमिशन टेस्ट

पोस्टग्रेजुएट के लिए एग्जाम्स
ऑल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम
दिल्ली यूनिवर्सिटी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम

डॉक्टोरल कोर्स एग्जाम-
  • एनईईटी- एसएस
  • जेआईपीएमईआर डीएम
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मेडिसिन में एमबीबीएस क्या है
मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एमबीबीएस अंडरग्रेजुएट डिग्री या फर्स्ट प्रोफेशनल डिग्री है। एमबीबीएस कोर्सेज का लक्ष्य छात्रों को मेडिसिन की फील्ड में ट्रेंड करना है। एमबीबीएस पूरी होने पर, कोई व्यक्ति पेशेंट्स के रोगों को डायग्नोस करने के बाद उन्हें मेडिसिन्स प्रिस्क्राइब करने के योग्य बन जाता है। एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद व्यक्ति अपने नाम के आगे डॉक्‍टर शब्द जोड़ सकता है।

क्‍या है मेडिसिन कोर्स की स्ट्रीम्स
मेडिसिन में स्पेशलाइजेशन करने वाले छात्र, 5 वर्ष के इस कोर्स के दौरान विभिन्न फ़ील्ड्स के बारे में नॉलेज प्राप्त करते हैं। इनमें से कुछ के बार में जानकारी निम्नलिखित है।

ह्यूमन एनाटोमी
यह मेडिसिन के तहत पढ़ाया जाने वाला एक बेसिक सब्जेक्ट है। यह एनाटोमी विषय से संबंधित है जिसके तहत मानव शरीर की मैक्रोस्कोपिक और माइक्रोस्कोपिक एनाटोमी शामिल है।

बायोकेमिस्ट्री
मेडिसिन की यह ब्रांच मानव शरीर के अंदर होने वाली केमिकल प्रोसेस से संबद्ध है। इसके साथ ही यह मानव अंगों पर केमिकल प्रोसेसेस के प्रभाव को समझने पर फोकस करती है।

ऑर्थोपेडिक्स
यह स्पेशलाइजेशन आपके शरीर के हाड-पिंजर या मस्क्यूलोस्केलेटल सिस्टम की बीमारियों और जख्मों से संबंधित है। एमबीबीएस करने वाले छात्र बाद में इस विषय में एमडी भी कर सकते हैं।

रेडियोथेरेपी
इस विषय का फोकस एरिया एक्स-रेज़, गामा रेज़, इलेक्ट्रान बीम्स या प्रोटोन्स के बारे में जानकारी देना है ताकि मानव शरीर में कैंसर सेल्स जैसे विकारों को कम या समाप्त किया जा सके।

ऑपथैल्मोलॉजी
इस सब्जेक्ट में आप आंख की रचना और उसके काम करने के तरीकों के बारे में बताया जाता है। इस विषय में आंखों की विभिन्न बीमारियों और उनके इलाज के बारे में भी काफी जानकारी दी जाती है।

अनेस्थेसियोलॉजी
अनेस्थेसियोलॉजी विषय में आपको चेतना के साथ या चेतना के बिना अर्थात होश में या बेहोश करके, पूरे शरीर या शरीर के किसी अंग में दर्द महसूस होने या न होने के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि पेशेंट्स के मेजर-माइनर ऑपरेशन्स किये जा सकें।

ह्यूमन फिजियोलॉजी
ह्यूमन फिजियोलॉजी विषय मनुष्यों पर मैकेनिकल, फिजिकल, बायोइलेक्ट्रिकल या बायोकेमिकल फंक्शन्स के प्रभाव के बारे में जानकारी देता है। इसके अलावा मेडिसिन ग्रेजुएट्स को अन्य कई विषय पढ़ाए जाते हैं, छात्र इनमें से किसी एक विषय में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।

क्‍या है करियर स्‍कोप
इस क्षेत्र में डिग्री करने के बाद चाहे वह किसी प्राइवेट सेक्‍टर में हो या फिर गवर्नमेंट सेक्टर में करियर बेहतर होता है। डॉक्टर्स को अपने स्किल्स की वजह से सम्मान और विशेष पहचान मिलती है। भारत में निरंतर विकास हो रहा है और हेल्थ केयर फैसिलिटीज की तरफ खास ध्यान दिया जा रहा है। जहां पर आप जॉब कर अच्‍छा करियर बना सकते हैं।

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