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Genetic Engineering: क्या है जेनेटिक इंजीनियरिंग? इस कोर्स के बाद कहां मिलेगी जॉब, कितनी सैलरी

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Genetic Engineering Courses: मेडिकल साइंस एक जरूरी फील्ड है, जो टेक्नोलॉजी में काफी आगे है। जब रिसर्चर ने बायोलॉजी को प्रोग्रेसिव टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा, तो इसने बायोटेक्नोलॉजी के व्यापक क्षेत्र को बनाया और मेडिकल साइंस में क्रांति ला दी। नए उभरते क्षेत्रों के साथ, बायोलॉजी कई ब्रांच में उभरा है। बायोलॉजी की ऐसी ही एक ब्रांच है, जेनेटिक इंजीनियरिंग है जो बायोटेक्नोलॉजी और जेनेटिक के साइंस को मिक्स करती है। यह किसी विशेष जीव के जीन के सीधे हेरफेर की सुविधा के लिए बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग करता है।

यदि आप इस बारे में उत्सुक हैं कि कैसे जेनेटिक और टेक्नोलॉजी हमारे मेडिकल साइंस को देखने के तरीके में क्रांति ला सकती है, तो आप दुनिया भर में ऑफर किए जाने वाले कई जेनेटिक इंजीनियरिंग कोर्स में से चुन सकते हैं।

जेनेटिक इंजीनियरिंग कोर्स का सिलेबस (Syllabus of Genetic Engineering Courses)

बायोकेमेस्ट्री (Biochemistry)
बायोकेमेस्ट्री को बायोलॉजी की ब्रांच के रूप में रिफर्ड (referred) किया जा सकता है जो किसी भी बायोलॉजिकल प्रोसेस के केमिकल एसपेक्टस से संबंधित है। ऑर्गेनिक मटेरियल के बजाय सिंथेटिक के आ जाने के कारण कंटेम्पररी रिसर्च में बायोकेमेस्टी साइंस की एक जरूरी ब्रांच है। इस बदलाव ने हेल्थ सेक्टर के साथ-साथ माइक्रोबायोलॉजी सेक्टर को भी प्रभावित किया है और बायोकेमेस्ट्री के क्षेत्र में महत्व (significance) लाया है।

इम्यूनोलॉजी (Immunology)
इम्यूनोलॉजी एक जीव की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) का अध्ययन है और यह कैसे परजीवियों (parasites) और अन्य रोग पैदा करने वाले जीवों (disease-causing organisms) से अपनी रक्षा करता है। इम्यूनोलॉजी माइक्रोबायोलॉजी का एक अनिवार्य हिस्सा है, क्योंकि कुछ घातक बीमारियां जिससे मानव शरीर ग्रस्त हैं, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों के कारण होती हैं। इम्यूनोलॉजी इन जीवों से होने वाले नुकसान का पता करने में मदद करती है और इन बीमारियों का इलाज विकसित करने और भविष्य में उन्हें रोकने पर काम करती है।
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बायोइनफॉरमैटिक्स (Bioinformatics)
यह एक अंतःविषय (interdisciplinary) सब्जेक्ट है जो जैविक डेटा को समझने के लिए जीव विज्ञान, कंप्यूटर एप्लीकेशन और मैथ्स को जोड़ता है। इस क्षेत्र का उपयोग मुख्य रूप से जैविक डेटा का आकलन करने और रिसर्च करने के लिए वैध (valid) और आवश्यक (necessary) एलिमेंटस की पहचान करने के लिए किया जाता है।

नैनोटेक्नोलॉजी (Nanotechnology)
नैनोटेक्नोलॉजी एक अन्य अंतःविषय (interdisciplinary) फील्ड है जो जेनेटिक इंजीनियरिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आणविक (molecular) या परमाणु पैमाने (atomic scale) पर पदार्थ के हेरफेर (manipulation) से संबंधित है। हेल्थ केयर में शामिल विभिन्न प्रक्रियाओं को देखने के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग में इस क्षेत्र का उपयोग किया जाता है। नैनो टेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग दो प्रमुख क्षेत्र हैं जिन्होंने हेल्थ सेक्टर में सुधार के लिए गहन रूप से काम किया है।

जेनेटिक इंजीनियरिंग कोर्स के लिए योग्यता (Genetic Engineering Courses: Eligibility Criteria)
जेनेटिक इंजीनियरिंग में प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के इच्छुक व्यक्ति फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स व बायोलॉजी के साथ अपने 10 + 2 साइंस के बाद बीटेक कोर्स कर सकते हैं। जेनेटिक इंजीनियरिंग में बीटेक में एडमिशन विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा इन-हाउस आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से या देश भर में आईआईटी / एनआईटी और सीएफटीआई के लिए जेईई जैसी राष्ट्रीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के अंकों के माध्यम से किया जाता है।
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भारत में टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज (To p Genetic Engineering Colleges in India)
  1. एसआरएम विश्वविद्यालय चेन्नई, तमिलनाडु
  2. भारत विश्वविद्यालय चेन्नई, तमिलनाडु
  3. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, बिहार
  4. जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र, बैंगलोर, कर्नाटक
  5. महात्मा ज्योति राव फूल विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान
  6. भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
  7. भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, कर्नाटक
  8. कुवेम्पु विश्वविद्यालय, कर्नाटक
  9. मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, तमिलनाडु
  10. इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी स्कूल (सेट), शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा

कोर्स की फीस
यूजी, पीजी और डॉक्टरेट स्तर के लिए न्यूनतम और अधिकतम फीस
  1. यूजी - 6 लाख से 10 लाख रुपए
  2. पीजी - 99 हजार-7.5 लाख रुपए
  3. डॉक्टरेट - 3.6 लाख-5.04 लाख रुपए
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स्किल्स
  • साइंटिफिक मैथर्ड और नियमों की मजबूत समझ
  • पर्ल, पायथन
  • कंप्यूटर एडेड डिजाइन (सीएडी) का उपयोग करने की क्षमता
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग और क्रिटिकल थिंकिंग
  • ग्राफिक्स या फोटो इमेजिंग
  • वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम
  • एक्सीलेंट मैथेमेटिकल, डिडक्टिव और इंडक्टिव तर्क, पढ़ना, लिखना और ओरल कंप्रिहेंसिव स्किल
  • लेजर स्पेक्ट्रोमीटर, प्रकाश प्रकीर्णन उपकरण (light scattering equipment), बायनाकुलर्स लाइट कंपाउंड माइक्रोस्कोप आदि का उपयोग करने की क्षमता।

जॉब प्रोफाइल और सैलरी (Job Profiles & Salary)
  • प्रोफेसर (Professor) 5–7.5 लाख तक
  • जेनेटिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) 4–5.7 लाख
  • जेनेटिक्स्ट (Geneticist) 5–8.5 लाख
  • जेनोमिक्स (Genomics) 3.5–6.5 लाख
  • मेडिकल राइटर (Medical Writer) 2.5–6 लाख
  • इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी इंजीनियर (Information Security Engineer) 4–8 लाख

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