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Career After 12th: संस्‍कृत भाषा में हैं कई करियर ऑप्शन, जानें किस कोर्स के बाद मिलेगी अच्छी नौकरी

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Career Options After Sanskrit: संस्कृत को विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा में से एक माना जाता है, इसे देवभाषा भी कहा जाता है। अधिकांश हिंदू धर्म ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। संस्कृत भाषा से कई भाषाएं जैसे हिंदी, पंजाबी, बांग्‍ला, मराठी आदि उत्पन्न हुई है। इस भाषा ने एकबार फिर से रिसर्च से लेकर अध्‍यापन कार्य तक में अपनी महत्‍व को बढ़ाने लगा है। जिसके कारण छात्र अब इस भाषा को करियर बनाने के लिए भी चुनने लगें है। संस्कृत से जुड़ी यह बात भी सत्‍य है कि इस भाषा की जानकारी होने के बाद विद्यार्थियों को जॉब के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता। संस्कृत का ज्ञान पूजा-पाठ, कुंडली मिलान, सोलह संस्कारों का संपादन स्वरोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराता है।

कोर्स व योग्‍यता
संस्‍कृत एक ऐसा विषय है जिसकी शिक्षा पारंपरिक व आधुनिक दोनों तरह से दी जाती है। संस्‍कृत में ग्रेजुएशन करने के लिए आपको किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थान से 12वीं की परीक्षा संस्‍कृत विषय में 50 फीसदी मार्क्‍स के साथ पास करनी होगी। इसके बाद आप किसी भी ऐसे कॉलेज या इंस्टीट्यूट्स में दाखिला ले सकते हैं जहां पर संस्कृत विषय के स्पेशलाइजेशन के साथ आपको बैचलर ऑफ आर्ट एवं अन्य डिप्लोमा कोर्सेस कराए जाते हों। संस्कृत विषय को स्पेशल सब्जेक्ट के तौर पर चुन करके 3 साल की अवधि में आपकी ग्रेजुएशन डिग्री कंप्लीट की जा सकती है। तो वहीं 1 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं। इसके अलावा आप मास्टर ऑफ आर्ट्स संस्कृत भी कर सकते हैं। इसकी अवधि 2 वर्ष की होती है। हालांकि संस्कृत विषय में रिसर्चर के तौर पर गहन शोध करने के लिए आपको डॉक्टरेट की उपाधि लेनी होगी जिसके लिए पीएचडी करना होगा।
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क्या हैं करियर संभावना
इस भाषा का ज्ञान रखने वालों के लिए संभावनाएं बेहद उज्जवल हैं। यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण करके संस्कृत में शोध किया जा सकता है। रिसर्च फैलोशिप परीक्षा उत्तीर्ण करने पर आपको आर्थिक मदद भी मिल सकती है। इसके अलावा संस्कृत साहित्य से संबंधित शॉर्ट टर्म कोर्सेज हैं। पाण्डुलिपि संरक्षण में भी अच्छे अवसर हैं, जिनके तहत इन्हें संरक्षित कर इंटरनेट पर डालना होता है। वहीं आप कर्मकांडों को कराने के अलावा संस्कृत भाषा के अनुवादक, लेखक, शिक्षक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। बड़े-बड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर पुजारी का कार्य भी कर सकते हैं। इसके अलावा शासकीय नौकरियों में भी शास्त्री और आचार्यों की भर्ती की जाती है। सेना में भी आप इसकी पढ़ाई करके सेवारत हो सकते हैं।

विदेश तक फैली संस्‍कृत भाषा
अगर आप संस्‍कृत को कमतर आंक रहे हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि यह आम भाषा नहीं है। यह पूरे देश में भाषायी तौर पर 15 विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाता है। भारत के कोन-कोने में बने इन विश्वविद्यालयों में लाखों की संख्या में छात्र संस्कृत पढ़ते और इस पर रिसर्च करते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि एक ओर संस्कृत को विश्व की सबसे पुरानी भाषा होने का गौरव प्राप्त है, वहीं दूसरी ओर विज्ञान सम्मत व्याकरण होने से सर्वाधिक परिष्कृत भाषा होने का खिताब भी इसी के नाम है। भारत से बाहर संस्कृत पूरी दुनिया के 250 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही है।
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कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान
पारंपरिक शिक्षा के लिए
  1. राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, दिल्ली
  2. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, बनारस
  3. श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, दिल्ली
  4. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बिहार
  5. तिरुपति संस्कृत विद्यापीठ, आंध्र प्रदेश

आधुनिक शिक्षा के लिए
  1. दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
  2. सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली
  3. जेएनयू, दिल्ली
  4. पटना विश्वविद्यालय, पटना
  5. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस
  6. इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद

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