Resume And CV Difference In Hindi: अगर आप अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब करने जा रहे हैं, तो आपको सीवी या रेज्यूमे की जरूरत जरूर पड़ेगी। क्योंकि मार्केट में सीवी या रेज्यूमे ही कैंडिडेट का चेहरा होते है। इसमें मौजूद जानकारी को पढ़कर ही एक एम्प्लॉयर कैंडिडेट की इमेज बनाते हैं और इसके आधार पर ही कैंडिडेट को सिलेक्ट या रिजेक्ट करने की सोचते हैं। इसलिए सीवी या रेज्यूमे को जॉब सेक्टर में फर्स्ट इम्प्रेशन माना जा सकता है, लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कैंडिडेट इसे सीरियसली नहीं लेते। बस खाना-पूर्ति करके एम्प्लॉयर को देते हैं और उम्मीद करते हैं कि उन्हें जॉब मिल जाएगी।
वहीं सबसे बड़ी बात यह कि जॉब के लिए अप्लाई कर रहे कई युवाओं को यह भी पता नहीं होता है कि सीवी और रेज्यूमे में अंतर क्या है और जॉब अप्लाई करते समय एम्प्लॉयर को क्या भेजना है। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे कि सीवी और रेज्यूमे में अंतर क्या है और उसका सही फॉर्मेट क्या होना चाहिए। साथ ही क्यों, कैसे उसे लगातार अपडेट करते रहना चाहिए। ताकि आपके जॉब पाने के चांस बढ़ाए जा सकें।
ऐसे बनता है रिज्यूमे
अगर आप किसी जॉब के लिए अप्लाई कर रहे है और कंपनी आपको रिज्यूमे सबमिट करने के लिए कह रही है, तो इसका मतलब है आपको वहां रिज्यूमे ही सबमिट करना है, सीवी नहीं। रेज्यूमे एक फ्रेंच भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है 'समरी'। रिज्यूमे वो फॉर्मेट होता है जिसमें आपके बारे में शॉर्ट में लिखा होता है। रिज्यूमे सिर्फ सरसरी निगाह से देखा जाता है, इसलिए इसमें आपके बारे में जो भी लिखा जाता है वह शॉर्ट में होता है। दरअसल रिज्यूमे नौकरी के लिए इंटरव्यू तक ले जाने वाला रास्ता होता है जो अधिकतर ईमेल के द्वारा भेजा जाता है। इसलिए रिज्यूमे में हर चीज शॉर्ट में रखी जाती है इसमें आपकी स्किल्स और क्वालिफिकेशन के बारे में और आपके क्षेत्र के स्पेशलाइजेशन के बारे में लिखा होता है।
रिज्यूमे से रिक्रूटर को आपके अनुभव और उस जॉब के लिए दिए गये क्वालिफिकेशन के बारे में पता चलता है। रिज्यूमे सिर्फ एक या दो पेज का ही होता है। रिज्यूमे में सिर्फ जरूरी बाते ही लिखी जाती है ये जरूरी नही की इसमें हर जॉब, अवार्ड और अचीवमेंट्स के बारे में लिखा जाए। रिज्यूमे सिर्फ उस जॉब के इंटरव्यू तक पहुंचने का एक रास्ता है। वहीं इंटरव्यू के दौरान आपसे सीवी मांगा जाता है, रिज्यूमे नही।
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जानें सीवी में कैसे लिखते हैं डिटेल
सीवी का इस्तेमाल हमेशा रिज्यूमे से ज्यादा डिटेल देने के लिए किया जाता है। सीवी का मतलब होता है Curriculum Vitae यह लैटिन भाषा के शब्दों से मिलकर बना है जिसका मतलब होता है 'कोर्स ऑफ लाइफ'। सीवी 3 से 4 पेज तक का हो सकता है। वहीं आपके अनुभव व उपलब्धियों के आधार पर यह कभी कभी यह 5 पेज का भी हो सकता है, लेकिन इससे ज्यादा नही। सीवी ज्यादातर ऑफिसर लेवल या एक्सपीरियंस जॉब के लिए उपयुक्त माना जाता है। किसी ऊंची पोस्ट पर विशेष जिम्मेदारी के लिए भी सीवी भेजना ही अच्छा होता है।
सीवी में आपकी अब तक की सारी डिटेल होती है जैसे स्किल्स की लिस्ट, अब तक के सभी जॉब्स और पोजीशन, डिग्री के बारे में और स्पेशलाइजेशन के बारे में लिखा होता है। सीवी में आप अपने लाइफ के अचीवमेंट्स के बारे में भी लिख सकते है साथ ही आपकी अब तक के किए गये काम में आपके योगदान और अचीवमेंट के बारे में भी लिखा होता है। सीवी हमेशा इंटरव्यू के दौरान मांगा जाता है ताकि आपके बारें में सब कुछ जाना जा सके। सीवी अधिकतर फ्रेशर कैंडिडेट से मांगा जाता है क्योंकि उन लोगों को जॉब्स के बारे में अधिकतर पता नही होता है।
वहीं सबसे बड़ी बात यह कि जॉब के लिए अप्लाई कर रहे कई युवाओं को यह भी पता नहीं होता है कि सीवी और रेज्यूमे में अंतर क्या है और जॉब अप्लाई करते समय एम्प्लॉयर को क्या भेजना है। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे कि सीवी और रेज्यूमे में अंतर क्या है और उसका सही फॉर्मेट क्या होना चाहिए। साथ ही क्यों, कैसे उसे लगातार अपडेट करते रहना चाहिए। ताकि आपके जॉब पाने के चांस बढ़ाए जा सकें।
ऐसे बनता है रिज्यूमे
अगर आप किसी जॉब के लिए अप्लाई कर रहे है और कंपनी आपको रिज्यूमे सबमिट करने के लिए कह रही है, तो इसका मतलब है आपको वहां रिज्यूमे ही सबमिट करना है, सीवी नहीं। रेज्यूमे एक फ्रेंच भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है 'समरी'। रिज्यूमे वो फॉर्मेट होता है जिसमें आपके बारे में शॉर्ट में लिखा होता है। रिज्यूमे सिर्फ सरसरी निगाह से देखा जाता है, इसलिए इसमें आपके बारे में जो भी लिखा जाता है वह शॉर्ट में होता है। दरअसल रिज्यूमे नौकरी के लिए इंटरव्यू तक ले जाने वाला रास्ता होता है जो अधिकतर ईमेल के द्वारा भेजा जाता है। इसलिए रिज्यूमे में हर चीज शॉर्ट में रखी जाती है इसमें आपकी स्किल्स और क्वालिफिकेशन के बारे में और आपके क्षेत्र के स्पेशलाइजेशन के बारे में लिखा होता है।
रिज्यूमे से रिक्रूटर को आपके अनुभव और उस जॉब के लिए दिए गये क्वालिफिकेशन के बारे में पता चलता है। रिज्यूमे सिर्फ एक या दो पेज का ही होता है। रिज्यूमे में सिर्फ जरूरी बाते ही लिखी जाती है ये जरूरी नही की इसमें हर जॉब, अवार्ड और अचीवमेंट्स के बारे में लिखा जाए। रिज्यूमे सिर्फ उस जॉब के इंटरव्यू तक पहुंचने का एक रास्ता है। वहीं इंटरव्यू के दौरान आपसे सीवी मांगा जाता है, रिज्यूमे नही।
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जानें सीवी में कैसे लिखते हैं डिटेल
सीवी का इस्तेमाल हमेशा रिज्यूमे से ज्यादा डिटेल देने के लिए किया जाता है। सीवी का मतलब होता है Curriculum Vitae यह लैटिन भाषा के शब्दों से मिलकर बना है जिसका मतलब होता है 'कोर्स ऑफ लाइफ'। सीवी 3 से 4 पेज तक का हो सकता है। वहीं आपके अनुभव व उपलब्धियों के आधार पर यह कभी कभी यह 5 पेज का भी हो सकता है, लेकिन इससे ज्यादा नही। सीवी ज्यादातर ऑफिसर लेवल या एक्सपीरियंस जॉब के लिए उपयुक्त माना जाता है। किसी ऊंची पोस्ट पर विशेष जिम्मेदारी के लिए भी सीवी भेजना ही अच्छा होता है।
सीवी में आपकी अब तक की सारी डिटेल होती है जैसे स्किल्स की लिस्ट, अब तक के सभी जॉब्स और पोजीशन, डिग्री के बारे में और स्पेशलाइजेशन के बारे में लिखा होता है। सीवी में आप अपने लाइफ के अचीवमेंट्स के बारे में भी लिख सकते है साथ ही आपकी अब तक के किए गये काम में आपके योगदान और अचीवमेंट के बारे में भी लिखा होता है। सीवी हमेशा इंटरव्यू के दौरान मांगा जाता है ताकि आपके बारें में सब कुछ जाना जा सके। सीवी अधिकतर फ्रेशर कैंडिडेट से मांगा जाता है क्योंकि उन लोगों को जॉब्स के बारे में अधिकतर पता नही होता है।
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