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UGC NET EXAM: यूजीसी नेट एग्जाम की योग्यता की शर्तों, ऐप्लिकेशन के बारे में जानें सबकुछ

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UGC NET application form and eligibility: अब साल में दो बार यूजीसी नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) की परीक्षा होती है। पहले यूजीसी नेट की परीक्षा का आयोजन सीबीएसई द्वारा किया जाता था। लेकिन अब नैशनल टेस्टिंग एजेंसी परीक्षा का आयोजन करती है। अब असिस्टेंट प्रफेसर और जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) की आयु सीमा में भी बदलाव किया गया है। परीक्षा का आयोजन कई स्लॉटों में होता है। कैंडिडेट्स अपनी प्राथमिकता के आधार पर सही तारीख का चुनाव कर सकते हैं। आइए आज हम आपको यूजीसी नेट से खास जानकारी जैसे योग्यता, ऐप्लिकेशन फॉर्म आदि के बारे में बताते हैं।

यूजीसी नेट एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया (UGC NET Eligibility Criteria)
यूजीसी नेट के एग्जाम के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स को आयु सीमा और शैक्षिक योग्यता से संबंधित निम्न शर्तों को पूरा करना होगा। वैसे अब जेआरएफ के लिए अधिकतम आयु सीमा को 28 साल से बढ़ाकर 30 साल किया गया है।

आयु सीमा (जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए)
जेआरएफ के लिए कैंडिडेट्स की अधिकतम आयु सीमा 20 साल होनी चाहिए।
आरक्षित श्रेणियों के कैंडिडेट्स को 5 साल की छूट दी जाती है।
एलएलएम डिग्री धारकों को ऊपरी सीमा में 3 साल की छूट दी जाती है।

असिस्टेंट प्रफेसर के लिए आयु सीमा
असिस्टेंट प्रफेसर के लिए आयु सीमा नहीं है।

शैक्षिक योग्यता
आवेदक के पास कम से कम 55 फीसदी अंकों के साथ पीजी डिग्री होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी के आवेदकों को 50 फीसदी नंबर होने चाहिए।
पोस्ट ग्रैजुएशन फाइनल ईयर का एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स भी आवेदन कर सकते हैं।

यूजीसी नेट ऐप्लिकेशन फॉर्म (UGC NET Application Form)
यूजीसी नेट एग्जाम के लिए ऐप्लिकेशन फॉर्म (UGC NET 2020 exam)सिर्फ ऑनलाइन मोड में उपलब्ध होगा। कैंडिडेट्स को ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर ऐप्लिकेशन फॉर्म भरना और जमा करना होगा। वैसे आवेदन की तारीखों की घोषणा के बाद डायरेक्ट लिंक से भी आवेदन कर सकते हैं। कैंडिडेट्स को अपनी डीटेल्स भरनी होती है और ऐप्लिकेशन फॉर्म पर हालिया फोटोग्राफ और ऐप्लिकेशन फॉर्म की स्कैन की हुई कॉपियां अपलोड करनी होती है।
एनटीए ऑफिस को आवेदन की हार्ड कॉपी भेजने की कोई जरूरी नहीं है।

ऐप्लिकेशन फॉर्म में देनी होगी निम्न डीटेल्स
1. कैंडिडेट के नाम, पिता के नाम, माता के नाम और जन्मतिथि के लिए बोर्ड या यूनिवर्सिटी का सर्टिफिकेट
2. आईडी प्रूफ में बैंक अकाउंट नंबर, राशन कार्ड, पासपोर्ट नंबर या फिर अन्य सरकारी आईडी
3. आधार कार्ड
4. आखिरी सेमेस्टर की मार्कशीट या सर्टिफिकेट
5. पिन कोड के साथ स्थायी और संचार का पता
6. परीक्षा शहर का चार विकल्प
7. नेट सब्जेक्ट कोड
8. पोस्ट ग्रैजुएशन लेवल पर सब्जेक्ट कोड
9. पोस्ट ग्रैजुएशन कोर्स का कोड
10. सर्टिफिकेट की कैटिगरी
11. लागू होने पर पीडब्ल्यूडी सर्टिफिकेट
12. अपना खुद का मोबाइल नंबर और ईमेल अड्रेस
13.जेपीजी/जेपीईजी फॉर्मेट में फोटोग्राफ और हस्ताक्षर

कैसे करें आवेदन (How to Apply for UGC NET)
यूजीसी नेट की ऑफिशल वेबसाइट पर जाएं। आवेदन का लिंक खोजें और नीचे बताए गए तरीके से आवेदन करें।

पहला पार्ट: खुद का रजिस्ट्रेशन कराएं
अपना नाम, पिता का नाम और माता का नाम डालें
जन्मतिथि डालें
मोबाइल नंबर और ईमेल अड्रेस दें

दूसरा पार्ट: ऐप्लिकेशन फॉर्म को भरें
1. अपनी कैटिगरी चुनें। जो कैंडिडेट्स ओबीसी-एनसीएल कैटिगरी में नहीं आते हैं, उनको अपनी कैटिगरी जनरल के तौर पर चुननी चाहिए।
2. पिन कोड के साथ अपने पत्राचार के पते और स्थायी पते को मुहैया कराएं
3. परीक्षा केंद्र के शहरों का चार विकल्प दें
4. नेट के विषयों का चुनाव करें
5. पोस्ट ग्रैजुएट लेवल के विषय का चुनाव करें
6. पोस्ट ग्रैजुएशन कोर्स का चुनाव करें

पार्ट III: स्कैन की हुई इमेज को अपलोड करें
1. 10 केबी से 200 केबी के बीच के आकार के जेपीजी/जेपीईजी फॉर्मेट में फोटोग्राफ को अपलोड करें
2. सिग्नेचर 4 केबी से 30 केबी के बीच जेपीजी/जेपीजी फॉर्मेट में होना चाहिए।

पार्ट IV: भुगतान करें
ऐप्लिकेशन फीस की भुगतान डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग और ई-चालान के माध्यम से भुगतान करें और भुगतान का साक्ष्य रखें। अलग-अलग कैटिगरी के लिए यूजीसी नेट की एग्जाम फीस निम्न होगी।
जनरल कैंडिडेट्स: रुपये 1000/-
ओबीसी (नॉन क्रीमी लेयर) कैंडिडेट्स: रुपये 500/-
एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी, ट्रांसजेंडर कैंडिडेट्स: रुपये 250/-

भुगतान का माध्यम
कैंडिडेट्स ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम दोनों से भुगतान कर सकते हैं।
ऑनलाइन मोड: इस मोड में कैंडिडेट्स को अपनी ऐप्लिकेशन फीस क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करके ऑनलाइन करना होता है।
ऑफलाइन मोड: ऑफलाइन मोड में आवेदकों को ई-चालान का प्रिंट आउट लेना होता है और सिंडिकेट, कैनरा या आईसीआईसीआई बैंक की किसी ब्रांच में कैश जमा करना होता है।

सफलतापूर्वक फॉर्म जमा करने के बाद भविष्य में इस्तेमाल के लिए कन्फर्मेशन पेज का एक प्रिंट आउट जरूर ले लें। फॉर्म जमा करने के दौरान अगर कुछ गलती हो जाती है तो उसे दोबारा करेक्शन करने का भी मौका दिया जाता है। एनटीए द्वारा करेक्शन विंडो को कुछ सीमित समय के लिए खोला जाता है। उस सीमित समय के अंदर कैंडिडेट्स अपने फॉर्म में करेक्शन कर सकते हैं।

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UGC NET EXAM: जानें यूजीसी नेट एग्जाम पैटर्न, मार्किंग स्कीम और सिलेबस के बारे में

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यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (university grants commission national eligibility test) यानी यूजीसी नेट (UGC NET) कंप्यूटर आधारित परीक्षा यानी ऑनलाइन परीक्षा है। इसका आयोजन साल में दो बार किया जाता है। पहले इस परीक्षा का आयोजन यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) की ओर से सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) करता था। अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को सौंप दी है। दिसंबर 2018 के बाद परीक्षा का आयोजन नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जा रहा है। उससे पहले तक 263 चुने हुए शहरों में सीबीएसई द्वारा 81 विषयों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था।

नोट परीक्षा में पहले तीन पेपर हुआ करते थे जिसे अब दो कर दिया गया है। पहला पेपर 1 घंटे का होता है और दूसरा पेपर 2 घंटे का होता है। परीक्षा का आयोजन कई दिनों तक दो शिफ्टों में होता है।

यूजीसी नेट 2019 एग्जाम पैटर्न (UGC NET 2019 Exam Pattern)
नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट या नेट एग्जाम एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जिसका आयोजन यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) की ओर से एनटीए द्वारा किया जाता है। यह क्वॉलिफाइंग एग्जाम यूनिवर्सिटियों में लेक्चरशिप के लिए है। यह जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए भी अनिवार्य है। एग्जाम पैटर्न से जुड़ी काम की बातें इस तरह से हैं...

पेपरों की कुल संख्या: 2

सवालों की कुल संख्या:
परीक्षा में कुल 150 सवाल पूछे जाएंगे। पहले पेपर से 50 सवाल और दूसरे पेपर से 100 सवाल पूछे जाएंगे। सभी सवालों का जवाब देना अनिवार्य होता है।

विषय:
पहले पेपर में जनरल ऐप्टिट्यूड से जुड़े सवाल होते हैं और पेपर 2 में कैंडिडेट्स द्वारा चुने गए विषय से सवाल होते हैं।

पेपर की भाषा:
यूजीसी नेट के पेपर सिर्फ दो भाषा में होते हैं। वे दो भाषाएं हिंदी और इंग्लिश हैं। फॉर्म भरते समय कैंडिडेट्स को भाषा का विकल्प चुनना होता है।

नेगेटिव मार्किंग:
यूजीसी नेट में एनटीए नेगेटिव मार्किंग पर अमल नहीं करता है।

अन्य डीटेल्स
एग्जाम का माध्यम
*परीक्षा कंप्यूटर आधारित यानी ऑनलाइन परीक्षा होती है।
* हर कैंडिडेट को अलग-अलग डेस्कटॉप आवंटित किया जाता है। डेस्कटॉप में पहले से सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया रहता है। सॉफ्टवेयर खासतौ पर परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है।
* परीक्षा शुरू होने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि सिस्टम और माउस उचित रूप से काम कर रहा है।

सवालों की प्रकृति
* दोनों पेपर वास्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे। यानी सभी सवाल बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे जिनमें 4 विकल्प होंगे।
कैंडिडेट्स को उचित जवाब चुनना होगा।
* पहले पेपर के लिए एग्जाम की अवधि 60 मिनट यानी 1 घंटे होगी और दूसरे पेपर के लिए 120 मिनट यानी 2 घंटे होगी।

सवालों की संख्या
* पहले पेपर में 50 सवाल और दूसरे पेपर में 100 सवाल होते हैं।
* किस सेक्शन का जवाब पहले देना है, ऐसी कोई सीमा नहीं है।
* सभी सवालों का जवाब देना अनिवार्य होता है।

यूजीसी नेट मार्किंग स्कीम (UGC NET Marking Scheme)
* सभी सवालों के लिए एक बराबर मार्किंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि पहले और दूसरे पेपर के सही सवालों के लिए 2-2 मार्क्स होते हैं।
* यूजीसी नेट एग्जाम के रिवाइज्ड एग्जाम पैटर्न के मुताबिक, गलत जवाबों के लिए नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी।
* इसलिए अब किसी सवाल को छोड़ने की बजाय अनुमान लगाकर आप आंसर मार्क कर सकते हैं।

यूजीसी नेट के दो पेपर होंगे। पहले पेपर में तो जनरल ऐप्टिट्यूड के सवाल होंगे। ये सामान्य प्रकृति के सवाल होते हैं। इसका मकसद कैंडिडेट की पढ़ाने या अनुसंधान की क्षमता का आकलन करना होता है। इसकी मदद से एक कैंडिडेट की तार्किक योग्यता, समझ, अलग-अलग विचार और सामान्य चीजों के बारे में ज्ञान को परखा जाता है।

यूजीसी नेट के पेपर दो का चयन कैंडिडेट को खुद करना होता है। हर विषय का अलग-अलग सिलेबस होता है। सभी विषय का अलग-अलग सिलेबस देखने के लिए यहां क्लिक करें

यूजीसी नेट एग्जाम के लिए ऐप्लिकेशन फॉर्म (UGC NET 2020 exam)सिर्फ ऑनलाइन मोड में उपलब्ध होगा। कैंडिडेट्स को ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर ऐप्लिकेशन फॉर्म भरना और जमा करना होगा। वैसे आवेदन की तारीखों की घोषणा के बाद डायरेक्ट लिंक से भी आवेदन कर सकते हैं। कैंडिडेट्स को अपनी डीटेल्स भरनी होती है और ऐप्लिकेशन फॉर्म पर हालिया फोटोग्राफ और ऐप्लिकेशन फॉर्म की स्कैन की हुई कॉपियां अपलोड करनी होती है।

फॉर्म सफलतापूर्वक फॉर्म जमा करने के बाद भविष्य में इस्तेमाल के लिए कन्फर्मेशन पेज का एक प्रिंट आउट जरूर ले लें। फॉर्म जमा करने के दौरान अगर कुछ गलती हो जाती है तो उसे दोबारा करेक्शन करने का भी मौका दिया जाता है। एनटीए द्वारा करेक्शन विंडो को कुछ सीमित समय के लिए खोला जाता है। उस सीमित समय के अंदर कैंडिडेट्स अपने फॉर्म में करेक्शन कर सकते हैं।

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IBSAT Exam Pattern And Syllabus: पढ़ें एग्जाम पैटर्न और सिलेबस की पूरी डीटेल

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IBSAT Exam Syllabus And Pattern: इबसैट परीक्षा मुख्य तौर पर चार सेक्शन में बंटी होती है और प्रत्येक सेक्शन का सिलेबस अलग-अलग होता है। जो आवेदक इस परीक्षा को देना चाहते है उन्हें पहले इस एग्जाम का सिलेबस और एग्जाम पैटर्न की जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि इसी के आधार पर तैयारी की जाती है।

यह परीक्षा एमबीए कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित होती है इसलिए इस परीक्षा में अन्य सभी बड़े एमबीए एंट्रेंस का सिलेबस शामिल होता है। अगर आपने CAT, XAT MAT जैसे एंट्रेंस दिए हैं तो आपको इस परीक्षा का एंट्रेंस भी मिलता-जुलता लगेगा। यह ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित टेस्ट होता है यहां हम आपको इस परीक्षा का सिलेबस और एग्जाम पैटर्न की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

ये है इबसैट परीक्षा का एग्जाम पैटर्न ( IBSAT Exam Pattern)

सेक्शन

सवालों की संख्या

स्कोर

वर्बल एबिलिटी

50

50

रीडिंग कम्प्रेहेंसन

30

30

क्वांटिटीव एबिलिटी

30

30

डेटा इंटेप्रेटेशन और डेटा सफिशिएंसी

30

30

कुल

140

140



इबसैट एग्जाम सिलेबस की पूरी डीटेल (IBSAT Exam Syllabus)
वर्बल एबिलिटी- इस सेक्शन में कुल 50 सवाल पूछे जाते हैं और प्रत्येक सही जवाब के लिए एक अंक दिया जाता है। इसमें वोकाबली के 25 सवाल इंगिलिश यूसेज के 10 सवाल, इंगलिश ग्राम के 10 सवाल और क्लोज टेस्ट के 5 सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन में पूछे जाने वाले टॉपिक्स की जानकारी हम नीचे आपको दे रहे हैं।

IBSAT Verbal Ability Syllabus

वाक्य सुधार

सिलोगिज्म

ग्रामर

विलोम शब्द

एनालॉजिस

एक शब्द के कई उपयोग

असंगत को अलग करना

मुहावरे

जम्बल्ड पैराग्राफ

इंगलिश में विदेशी भाषा के शब्द

रिक्त स्थान भरें

वन वर्ड सब्स्टीट्यूशन

वाक्य पूरा करना





रीडिंग कम्प्रेहेंसन- इस सेक्शन में कुल 30 सवाल पूछे जाते हैं और प्रत्येक सवाल के लिए 1 अंक निर्धारित होता है। इस सेक्शन में तीन अनसीन पैसेज होते हैं और इनसे जुड़े आठ सवाल होते हैं। वहीं एक आरसी पैसेज होता है और इससे जुड़े आठ सवाल होते हैं यह पैसेज 500-600 शब्दों का होता है। इसें कुछ सवालों के जवाब सीधे पैसेज में दिए गए होते हैं लेकिन कुछ सवालों के सीधे जवाब पैसेज में नहीं दिए गए होते हैं इसके लिए आपको थोड़ा मेहनत करनी पड़ सकती है।

क्वांटिटिव एबिलिटी- इबसैट परीक्षा के इस सेक्शन में भी कुल 30 सवाल पूछे जाते हैं और इस सेक्शन का अधिकम स्कोर 30 है। इस सेक्शन में नीचे दिए गए टॉपिक्स के आधार पर सवाल पूछे जाते हैं। अधिकतर सवाल गणितीय समस्या से जुड़े पूछे जाते हैं जिसमें गणना या हिसाब लगाने का काम होता है।

दूरी, समय और गति

समय और काम

एलजेबरा

प्रतिशत

लाभ-हानि और डिस्काउंट

सिंपल इंटरेस्ट और पार्टनरशिप

नंबर सिस्टम

रेश्यो

ज्यामीतिय और मेंसुरेशन

क्रमपरिवर्तन और संभाव्यता

सांख्यिकी

लाइन ग्राफ

कोर्डिनेट ज्योमेट्री

पाई चार्ट



डेटा इंटेप्रेटेशन और डेटा सफिशिएंसी- इबसैक्ट परीक्षा के इस सेक्शन में प्रश्नों की संख्या 30 होती है। इसमें सवाल डेटा इंटेप्रेटेशन और 15 सवाल डेटा सफिशिएंसी से जुड़े होते हैं। इस सेक्शन में नीचे दिए गए प्रमुख टॉपिक्स से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

मैट्रिक्स अरेंजमेंट

वेन डायग्राम

लिनियर अरेंजमेंट

लाइन चार्ट और पाई चार्ट

ग्राफ रेप्रेजेंटेटिंग एरिया

सीरिज के अगले नंबर को पहचानना

अनुक्रमण

लाइन चार्ट और पाई चार्ट

कॉज एंड इफेक्ट

स्टेटमेंट और कनक्लूजन

चिन्ह आधारित समस्या

पहेलियां

कोडिंग और डीकोडिंग

फैमिली ट्री



डेटा सफिशिएंसी

डेटा इंटेप्रेटेशन (पाई चार्ट)

डेटा इंटेप्रेटेशन (लाइन और टेबल)

डेटा इंटेप्रेटेशन (लाइन, बार, ग्राफ)

बता दें कि इस परीक्षा में किसी तरह निगेटिव मार्किंग नहीं होती है। 2019 में आयोजित हुई परीक्षा के सिलेबस में पिछले सालों की तुलना में आयोजित हुए परीक्षा में ज्यादा बदलावा नहीं किया गया था। इसे टेस्ट को 4 टेस्टिंग विंडों में आयोजित किया जाता है। आवेदक किसी एक सेशन में हिस्सा ले सकता है। प्रत्येक सही जवाब के लिए एक अंक दिया जाता है। पूरे पेपर में अधिकतम 140 अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। पूरे पेपर के लिए कुल 120 मिनट का समय दिया जाता है इसका मतलब एक सवाल का जवाब देने के लिए आपके पास एक मिनट से भी कम का समय होता है। पेपर में सभी सवाल मल्टीपल चॉइस आधारित होते हैं।

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JEE Main Exam: जेईई मेन परीक्षा, योग्यता और ऐप्लिकेशन फॉर्म के बारे में जानें सबकुछ

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JEE Main Exam: जेईई मेन यानी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेंस परीक्षा का आयोजन अब साल में दो बार और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाता है। पहले इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी सीबीएसई की होती थी। एक बार परीक्षा का आयोजन जनवरी में और दूसरी बार अप्रैल में होता है। कोई भी कैंडिडेट्स एक या दोनों सेशन की परीक्षा दे सकता है। जेईई मेन में दो पेपर होता है। पहला पेपर बीई/बीटेक में दाखिले के लिए होता है और दूसरा बी.आर्क/बी.प्लानिंग में दाखिले के लिए होता है। आपको बता दें कि आईआईटी और एनआईटी समेत देश के अग्रणी इंजिनियरिंग संस्थानों में जेईई अडवांस्ड के आधार पर दाखिला होता है। लेकिन जेईई अडवांस्ड में बैठने के लिए जेईई मेन क्लियर होना जरूरी है। आईआईटी और आईएसएम धनबाद को छोड़कर देश के कुछ प्रमुख इंजिनियरिंग संस्थानों में जेईई मेन के आधार पर भी अंडरग्रैजुएट लेवल पर इंजिनियरिंग कोर्सों में दाखिला होता है।

जेईई मेन योग्यता की शर्तें (JEE Main Eligibility Criteria)
जेईई मेन के लिए आयु सीमा, जरूरी शैक्षिक योग्यता, क्वॉलिफाइंग एग्जाम में पढ़े गए विषय, पास पर्सेंटेज आदि के बारे में जानना जरूरी है। जेईई मेन की परीक्षा देने के लिए पात्रता की शर्तें निम्न हैं।

आयु सीमा: जेईई मेन के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।

क्वॉलिफाइंग एग्जाम: जेईई मेन के लिए आवेदन करते समय कैंडिडेट्स 12वीं क्लास या समकक्ष परीक्षा पास कर चुका हो। वे छात्र भी जेईई मेन के लिए आवेदन कर सकते हैं और परीक्षा दे सकते हैं, जो उस साल 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं।

विषय: कैंडिडेट्स ने 12वीं में कम से कम पांच विषय पढ़ा हो। वे विषय गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र/जीव विज्ञान/बायॉटेक्नॉलजी/टेक्निकल वोकेशनल विषय, भाषा और कोई अन्य विषय शामिल है। जिन छात्रों ने 4 विषय लिया हो, वे परीक्षा नहीं दे पाएंगे।

प्रयासों की संख्या: एक छात्र एक साल में दो बार परीक्षा दे सकता है। कोई भी छात्र लगातार तीन साल परीक्षा दे सकता है। यानी इस तरह से छात्र कुल 6 बार परीक्षा पास होने का प्रयास कर सकता है।

जेईई मेन पेपर II के लिए योग्यता: बी.आर्क प्रोग्राम के लिए आवेदन करने वाले छात्रों ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में अलग-अलग भी और कुल मिलाकर भी कम से कम 50 फीसदी नंबरों के साथ 12वीं या समकक्ष परीक्षा पास की हो। प्रवेश परीक्षा के लिए डिप्लोमा धारक योग्य नहीं हैं।

आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी और सीएफटीआई में दाखिले के लिए क्वॉलिफाइंग मार्क्स: जनरल/ओबीसी कैंडिडेट्स ने अपनी-अपनी बोर्ड परीक्षाओं में कम से कम 75 फीसदी नंबर हासिल किए हों या फिर टॉप 20 परसेंटाइल में हों। एससी/एसटी कैटिगरी के छात्रों को अपनी-अपनी बोर्ड परीक्षाओं में कम से कम 65 फीसदी या 20 परसेंटाइल हासिल करना जरूरी है।

जेईई मेन ऐप्लिकेशन फॉर्म (JEE Main Application Form)
जेईई मेन के जनवरी सेशन के लिए आमतौर पर पिछले साल के सितंबर महीने में और अप्रैल सेशन के लिए परीक्षा वाले साल में ही फरवरी में ऐप्लिकेशन फॉर्म जारी किया जाता है। जनवरी सेशन के लिए आवेदन की अंतिम तारीख आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में होती है। वहीं अप्रैल सेशन के लिए फरवरी के आखिरी सप्ताह में आखिरी समय होता है।

ऐसे भरें फॉर्म (How to fill JEE Main Application Form)
कैंडिडेट्स जेईई मेन परीक्षा के लिए आवेदन करते समय निम्न बातों पर ध्यान रखें। आवेदन करने से पहले योग्यता की शर्तों को चेक कर लें।

पंजीकरण
आवेदन भरने की प्रक्रिया का पहला चरण पंजीकरण से शुरू होता है। इस चरण में छात्रों को जेईई मेन की परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण कराना पड़ता है। पंजीकरण के लिए अपनी पात्रता की स्थिति, पहचान का प्रकार, पहचान की आईडी, नाम, जन्मतिथि और लिंग का प्रमाण जमा करना होता है।

ऐप्लिकेशन फॉर्म भरना
दूसरे नंबर पर ऐप्लिकेशन भरने की बारी होती है। छात्रों को एग्जाम के लिए अपना पेपर चुनना होता है। इस दौरान निजी, शैक्षिक और संपर्क से संबंधित विवरण डालना होता है। लॉगिन के मकसद के लिए छात्र को एक मजबूत पासवर्ड बनाना पड़ता है।

दस्तावेजों को अपलोड करना

ऐप्लिकेशन भरने के बाद छात्रों को अपनी स्कैन किए हुए फोटो और सिग्नेचर को अपलोड करना होता है। फोटो ग्राफ और सिग्नेचर की डीटेल्स इस तरह से है।

फोटोग्राफ: कैंडिडेट को अपनी एक स्कैन की हुई फोटो अपलोड करना होगा। फोटो का साइज 10 केबी से लेकर 200 केबी तक होना चाहिए और विमाएं 3.5 cm x 4.5 cm। फोटो जेपीईजी/जेपीजी फॉर्मेट में हो।

सिग्नेचर: कैंडिडेट के सिग्नेचर का आकार 4 केबी से 30 केबी हो। विमाएं 3.5 cm x 1.5 cm और फोटो जेपीईजी/जेपीजी फॉर्मेट में हो।

फीस का भुगतान
छात्रों को निर्धारित परीक्षा फीस का भुगतान करना होगा। भुगतान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से की जा सकती है। ऑनलाइन में नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट करें। ई-चालान के माध्यम से एसबीआई की किसी ब्रांच में फीस जमा करना होगा।

अकनॉलजेमेंट पेज का प्रिंट आउट
कैंडिडेट्स को भविष्य में इस्तेमाल के लिए अपने अकनॉलेजमेंट पेज की चार फोटोकॉपी ले लेनी चाहिए।

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JEE Main Exam Pattern: जानें जेईई मेन के एग्जाम पैटर्न, सिलेबस, मार्किंग स्कीम के बारे में

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JEE Main Exam: जेईई मेन यानी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेंस परीक्षा का आयोजन अब साल में दो बार और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाता है। पहले इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी सीबीएसई की होती थी। एक बार परीक्षा का आयोजन जनवरी में और दूसरी बार अप्रैल में होता है। कोई भी कैंडिडेट्स एक या दोनों सेशन की परीक्षा दे सकता है। जेईई मेन में दो पेपर होता है। पहला पेपर बीई/बीटेक में दाखिले के लिए होता है और दूसरा बी.आर्क/बी.प्लानिंग में दाखिले के लिए होता है। आपको बता दें कि आईआईटी और एनआईटी समेत देश के अग्रणी इंजिनियरिंग संस्थानों में जेईई अडवांस्ड के आधार पर दाखिला होता है। लेकिन जेईई अडवांस्ड में बैठने के लिए जेईई मेन क्लियर होना जरूरी है। आईआईटी और आईएसएम धनबाद को छोड़कर देश के कुछ प्रमुख इंजिनियरिंग संस्थानों में जेईई मेन के आधार पर भी अंडरग्रैजुएट लेवल पर इंजिनियरिंग कोर्सों में दाखिला होता है। परीक्षा के लिए आवेदन करने के साथ ही छात्रों को सिलेबस, एग्जाम पैटर्न, मार्किंग स्कीम और परीक्षा की तैयारी के बारे में सबकुछ जान लेना चाहिए। आइए आज आपको परीक्षा की तैयारी, एग्जाम पैटर्न, सिलेबस और मार्किंग स्कीम के बारे में सबकुछ बताते हैं...

जेईई मेन सिलेबस (JEE Main Syllabus)
जेईई मेन के सिलेबस में मुख्य रूप से तीन विषय होते हैं। फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स। ज्यादातर सवाल 11वीं और 12वीं के सिलेबस पर आधारित होते हैं। फिजिक्स के 20, मैथमेटिक्स के 16 और केमिस्ट्री के 28 टॉपिक से सवाल पूछे जाते हैं।

जेईई मेन फिजिक्स सिलेबस


जेईई मेन केमिस्ट्री

जेईई मेन मैथ्स

जेईई मेन एग्जाम पैटर्न
जेईई मेन के एग्जाम को 2 कैटिगरी में बांटा जा सकता है। पहला पेपर बीई/बीटेक के लिए और दूसरा पेपर बी.आर्क/बी.प्लानिंग में दाखिले के लिए होता है। पहले पेपर से संबंधित पूरी जानकारी नीचे दी गई है।

परीक्षा का माध्यम: छात्रों को परीक्षा के दो माध्यमों में से कोई एक का चुनाव करना होता है। वे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों मोड में से किसी का चुनाव कर सकते हैं। सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स होता है। कुल 30 ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल होते हैं जिनमें से सभी को बराबर वेटेज दिया जाता है।

समयसीमा:
पेपर की समयसीमा 3 घंटे है। ऑनलाइन एग्जाम का आयोजन दो शिफ्टों में होता है। पहली शिफ्ट की परीक्षा 9.30 बजे से लेकर 12.30 बजे दिन तक और दूसरी शिफ्ट की परीक्षा दिन के 2.00 बजे से लेकर शाम के 5.00 बजे तक होती है। 40 फीसदी विकलांगता वाले छात्रों को अपना पेपर पूरा करने के लिए एक घंटा अतिरिक्त दिया जाता है।

भाषा: परीक्षा इंग्लिश/हिंदी और गुजराती भाषा में दी जा सकती है। गुजराती भाषा गुजरात क्षेत्र के छात्रों के लिए है। ऐप्लिकेशन भरते समय इसका चुनाव करना होता है। एक बार फॉर्म भर जाने के बाद इसमें बदलाव नहीं कर सकते हैं।

मार्किंग स्कीम: तीनों विषय के 30-30 सवाल होंगे और हर सवाल के लिए 4 नंबर होंगे। हर गलत सवाल के एक चौथाई मार्क्स अतिरिक्त कटेंगे। तीनों विषय के कुल 360 नंबर होंगे।

दूसरे पेपर की डीटेल्स

परीक्षा का माध्यम: दूसरे पेपर के लिए सिर्फ ऑनलाइन मोड में ही परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए ऑनलाइन का ऑप्शन नहीं है।

विषय: गणित पार्ट I, ऐप्टिट्यूड टेस्ट पार्ट II और ड्रॉइंग टेस्ट पार्ट III। मैथमेटिक्स और ऐप्टिट्यूड सेक्शन से 30 सवाल होते हैं। ड्राइंग सेक्शन से सिर्फ 7 सवाल होते हैं। भाषा और मार्किंग स्कीम पहले पेपर की तरह ही होगी।

तैयारी कैसे करें (JEE Main Preparation)
1. 11वीं क्लास से 45 फीसदी जबकि 12वीं क्लास से 55 फीसदी सवाल होते हैं। इसलिए तैयारी में 12वीं क्लास के टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान दें।
2. जेईई मेन में अच्छा नंबर लाने के लिए कॉन्सेप्ट को क्लियर करना और प्रैक्टिस जरूरी है।
3. अगर किसी कोचिंग सेंटर नहीं जाना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन वेबसाइट या ऐप का सहारा लेना चाहिए।
4. 11वीं क्लास से ही जेईई मेन की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें। इन दो सालों की तैयारी से काफी मदद मिलेगी।
5. एग्जाम के पैटर्न और सवालों को समझने के लिए पिछले साल के क्वेस्चन पेपरों से अवगत रहें
6. आखिरी दिनों में तैयारी की बजाय शुरुआत से ही इस पर समय देते रहें। 10वीं के बाद ही इसके लिए उचित स्ट्रैटिजी बनाएं और समय बर्बाद न करें
7. सेल्फ स्टडी काफी अहम है इसलिए सेल्फ स्टडी पर फोकस करें
8. चरणबद्ध तरीके से तैयारी को सफलता की कुंजी माना जाात है। विषय के हिसाब से साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक योजना बनाकर उस हिसाब से तैयारी करें
9. पढ़ाई के दौरान ब्रेक जरूरी लें। इससे आपके अंदर नई ऊर्जा भर जाती है।
10. एग्जाम वाले दिन पहले उस सेक्शन को सॉल्व करें जिसके सवाल ज्यादा और अच्छी तरह से आते हों। जिसमें टाइम लगने का डर हो और सवाल उलझाने वाले हों, उनको बाद में हल करें।

जेईई मेन मॉक टेस्ट (JEE Main Mock Test)
एनटीए ने परीक्षार्थियों की आसानी के लिए कई टेस्ट प्रैक्टिस सेंटर बनाए हैं। आगामी परीक्षा की प्रैक्टिस करने के लिए कैंडिडेट्स इन केंद्रों के लिए एनटीए की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। मॉक टेस्ट भी डाउनलोड कर सकते हैं। कैंडिडेट्स मॉक टेस्ट देकर परीक्षा के पैटर्न को समझ सकते हैं और अपनी तैयारी का आकलन कर सकते हैं। इससे वे समय रहते हुए किसी तरह की कमी पर काबू पा सकते हैं जिससे आगे परीक्षा में उनकी सफलता के चांस बढ़ जाते हैं।

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पढ़ें IIFT Exam Pattern और Syllabus की पूरी डीटेल

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IIFT Exam Pattern And Syllabus: आईआईएफटी परीक्षा के देने से पहले आपको इस एग्जाम के सिलेबस और पैटर्न के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। इस परीक्षा का आयोजन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के एमबीए कोर्स में दाखिले के लिए किया जाता है। यह कुल 2 घंटे का एग्जाम होता है और इस परीक्षा में 4 सेक्शन होते हैं।

परीक्षा की तैयारी उसका सिलेबस और पैटर्न देखकर ही करनी चाहिए। इस परीक्षा में मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं। प्रत्येक सेकशन में सवालों की संख्या और उनमें मिलने वाले अंक अलग-अलग होते हैं। परीक्षा में किसी एक सेक्शन के लिए कोई तय समय नहीं है बल्कि पूरी परीक्षा के लिए 2 घंटे का समय दिया जाता है।

आईआआईएफटी एग्जाम का ऐसा होता है पैटर्न (IIFT Exam Pattern)

आईआईएफटी परीक्षा में कुल 4 सेक्शन होते हैं प्रत्येक सेक्शन के लिए कोई समय तय नहीं है लेकिन आप अपने हिसाब से समय तय कर सकते हैं। यहां हम आपको इन्ही चारों सेक्शन के बारे में बता रहे हैं।

सेक्शन नाम

सवालों की संख्या

जनरल अवेयरनेस

18

रीडिंग कम्प्रेहेंसन और इंगलिश यूसेज

36

क्वांटिटेटिव एबिलिटी

20

लॉजिकल रीजनिंग और डेटा इंटरप्रेटेशन

40

कुल

114



सेक्शन वाइज आईआईएफटी परीक्षा का सिलेबस (IIFT Exam Syllabus)

जनरल अवेयरनेस- इस सेक्शन को पेपर के सबसे कठिन सेक्शन में से एक माना जाता है और सबसे कम सवाल भी इसी सेक्शन से पूछे जाते हैं। इस सेक्शन में मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 0.50 अंक दिए जाते हैं जबकि प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिए जाते हैं।


इस सेक्शन के प्रमुख टॉपिक्स

सोसायटी

अर्थशास्त्र

इतिहास

बैंकिंग

फिल्म

बिजनेस

ब्रैंड

राजनीति

करंसी और देश



लॉजिकल रीजनिंग- इस सेक्शन में कुल 20 सवाल पूछे जाते हैं इसमें प्रत्येक सही उत्तर के लिए एक अंक और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिया जाता है। इस सेक्शन में भी मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं।

इस सेक्शन के प्रमुख टॉपिक्स
स्टेटमेंट-निष्कर्ष

टीम आधारित सवाल

बहस

खून के रिश्ते

निष्कर्ष

घड़ी

कैलेंडर

कोडिंग डी-कोडिंग

डायरेक्शन सेंस

सीटिंग अरेंजमेंट

कम्पेरिजन

चयन


डेटा इंटरप्रेटेशन- यह भी एक तरह से अलग सेक्शन बन गया है। 2020 के सिलेबस में इसे एक अलग सेक्शन का दर्जा दिया गया है। इस सेक्शन में कुल 20 मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन में प्रत्येक सही उत्तर के लिए 0.75 अंक दिए जाते हैं जबकि प प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिए जाते हैं।

डेटा इंटरप्रेटेशन सेक्शन के प्रमुख टॉपिक्स
लाइन ग्राफ

बार ग्राफ

पाई चार्ट

टेबल

कैसलेट्स



वर्बल एबिलिटी- 2020 के एग्जाम से यह एक अलग सेक्शन होगा। इस सेक्शन में कुल 20 सवाल पूछे जाते हैं जो मल्टीपल चॉइस आधारित होते हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए आवेदक को 1 अंक दिया जाता है और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिया जाता है। इस सेक्शन के प्रमुख टॉपिक इस प्रक्रार हैं।

ग्रामर

प्रीपोजिशन

मुहावरे

विराम चिह्न

वाक्य में सुधार

एनालॉजी

सही जगह पर वाक्य को लगाना

उपसर्ग और प्रत्यय

रिक्त स्थानों को भरें

जंबल्ड वाक्य

स्पेलिंग करेक्शन

एक्टिव-पैसिव

विलोम/पर्यायवाची

वन वर्ड सब्सटीट्यूशन



रीडिंग कम्प्रेहंसन- इस सेक्शन में कुल 4 पैसेज होते हैं और इनसे जुड़े 16 सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन में भी मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं प्रत्येक सही उत्तर के लिए आवेदक को 1 अंक दिया जाता है और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिया जाता है। इस सेक्शन में नीच दिए गए टॉपिक शामिल होते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय घटनाएं और उनका भारत पर असर

ओपिनियन आधारित टॉपिक

तर्क आधारित टॉपिक

करंट अफेयर्स- बिजनेस और इकोनॉमी

देश में सामाजिक माहौल

क्वांटिटेटिव एबिलिटी - इस सेक्शन में कुल 20 सवाल पूछे जाते हैं पहले 22-25 सवाल पूछे जाते थे। इस सेक्शन में भी सभी सवाल मल्टीपल चॉइस आधारित होते हैं। दूसरे सेक्शंस की तरह इस सेक्शन में भी प्रत्येक सही उत्तर के लिए आवेदक को 1 अंक दिया जाता है और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिया जाता है।

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JEE Advanced: योग्यता, ऐप्लिकेशन फॉर्म और ऐडमिशन के बारे में सबकुछ जानें

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जेईई यानी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन अडवांस्ड टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। इसका आयोजन साल में एक बार किया जाता है। आयोजन की जिम्मेदारी हर साल अलग-अलग आईआईटी की होती है। परीक्षा का आयोजन जॉइंट ऐडमिशन बोर्ड (जेएबी) के मार्गदर्शन में होता। इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम) समेत देश की 23 आईआईटीज में ऑफर किए जाने वाले बैचलर प्रोग्रामों, इंटेग्रेटिड मास्टर प्रोग्राम के साथ-साथ डुअल डिग्री प्रोग्राम में दाखिला इसके आधार पर होता है। जेईई अडवांस्ड के आधार पर निम्नलिखित कोर्सों में दाखिला लिया जा सकता है।

4 साल का बैचलर प्रोग्राम जैसे बीटेक और बीएस
5 साल का बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर
5 साल का डुअल डिग्री प्रोग्राम जैसे बीटेक, एमटेक, बीएस या एमएस
5 साल का इंटेग्रेटिड मास्टर प्रोग्राम जैसे एमटेक, एमएससी या डुअल डिग्री

जेईई अडवांस्ड योग्यता (JEE Advanced Eligibility)
जेईई अडवांस्ड का एग्जाम देने के लिए जेईई मेन क्लियर होना जरूरी है। इस एग्जाम की चाहत रखने वाले छात्रों को जेएबी द्वारा निर्धारित कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। जेईई अडवांस्ड की योग्यता की शर्तें निम्न हैं।

जेईई मेन में परफॉर्मेंस
कैंडिडेट्स का जेईई मेन परीक्षा पास होना जरूरी है। कैंडिडेट्स ने जेईई अडवांस्ड के लिए न्यूनतम कटऑफ मार्क्स हासिल किया हो। वह टॉप 245000 कैंडिडेट्स में शामिल हो।

जेईई अडवांस्ड में बैठने के लिए जेईई मेन में क्वॉलिफाइंग कटऑफ निम्न है...
कैटिगरी कटऑफ एनटीए स्कोर (परसेंटाइल)
कॉमन रैंक लिस्ट 89.7548849
जनरल-ईडब्ल्यूएस 78.2174869
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी-गैर क्रीमी लेयर) 74.3166557
अनुसूचित जाति 54.0128155
अनुसूचित जनजाति 44.3345172
दिव्यांग 0.11371730

आयु सीमा: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक हालिया फैसले के मुताबिक, जेईई अडवांस्ड में बैठने के लिए आयु सीमा समाप्त कर दी गई है। जेईई अडवांस्ड में किसी भी उम्र का कैंडिडेट बैठ सका है।

प्रयासों की संख्या: कोई भी छात्र लगातार दो सालों तक दो बार जेईई अडवांस्ड की परीक्षा दे सकता है।

12वीं क्लास की परीक्षा: कैंडिडेट्स ने 12वीं की परीक्षा दे दी हो।

IIT/ISM में ऐडमिशन:
छात्र का पहले आईआईटी में दाखिला नहीं हुआ हो।

अगर किसी छात्र ने किसी आईआईटी में कोई प्रारंभिक पाठ्यक्रम में दाखिला लिया हो तो वह जेईई अडवांस्ड दे सकता है।

अगर किसी छात्र ने पिछले साल सीट के लिए फीस जमा कर दी हो लेकिन किसी रिपोर्टिंग केंद्र पर नहीं गए या सीट अलॉटमेंट की लास्ट राउंड से पहले नाम वापस ले लिया या सीट अलॉटमेंट के लिए आखिरी राउंड से पहले अपनी सीट कैंसल कर दी हो, वे छात्र जेईई अडवांस्ड दे सकते हैं।

जेईई अडवांस्ड ऐप्लिकेशन प्रोसेस (JEE Advanced Application Process)
जेईई अडवांस्ड के दाखिले की पूरी प्रक्रिया निम्न प्रकार से है।

जेईई अडवांस्ड रजिस्ट्रेशन या ऑनलाइन ऐप्लिकेशन फॉर्म भरना (JEE Advanced registration or filling the online application form)
जेईई अडवांस्ड एग्जाम के लिए पहला चरण ऑनलाइन ऐप्लिकेशन फॉर्म भरने का है। इसके लिए जेईई मेन 2019 के दौरान ही परीक्षा देने का विकल्प चुना जा सकता है। अगर उस समय विकल्प नहीं चुना है तो पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस को पूरा होने के बाद जेईई अडवांस्ड के ऐप्लिकेशन को वापस नहीं लिया जा सकता है। फॉर्म वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भरा जा सकता है।

जेईई अडवांस्ड ऐडमिट कार्ड (JEE Advanced Admit Card)
जेईई अडवांस्ड का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा होने के बाद कैंडिडेट्स अपना ऐडमिट कार्ड ऑफिशल पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं। जेईई अडवांस्ड रजिस्ट्रेशन के समय कैंडिडेट्स एग्जाम सेंटरों की लिस्ट में से अपना एग्जाम सेंटर चुन सकते हैं। छात्र जो एग्जाम सेंटर चुनेंगे, वह उनके ऐडमिट कार्ड पर दिखेगा। एग्जाम सेंटर के नाम के साथ ही ऐडमिट कार्ड पर उसका पता भी दिखेगा।

परीक्षा के समय कैंडिडेट्स से उनके डाउनलोड किए गए ऐडमिट कार्ड की एक कॉपी जमा करने को कहा जाएगा। जेईई अडवांस्ड ऐडमिट कार्ड की मूल प्रति को छात्र परीक्षा की सारी औपचारिकताओं को पूरी होने तक अपने पास रख सकते हैं।

जेईई अडवांस्ड रिजल्ट (JEE Advanced Result)
आमतौर पर जेईई अडवांस्ड का रिजल्ट हर साल जून में जारी किया जाता है। एग्जाम रिजल्ट में कैंडिडेट्स द्वारा एग्जाम में हासिल स्कोर और क्वॉलिफाइंग स्टैटस होता है। परीक्षा का आयोजन करने वाली आईआईटी की ऑफिशल वेबसाइट पर छात्र अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

ऐडमिशन प्रोसेस (Admission Process)
रिजल्ट आने के बाद काउंसलिंग शेड्यूल चलता है। काउंसलिंग के आधार पर कैंडिडेट्स को उनकी पसंद की आईआईटी या आईएसएम में दाखिला मिल सकता है। वैसे आईआईटी या आईएसएम में दाखिला करने के लिए कैंडिडेट्स को निम्न शर्तों को पूरा करना आवश्यक है।

छात्र अपनी 12वीं या समकक्ष बोर्ड एग्जाम में सफल छात्रों की कैटिगरी वाइज टॉप 20 पर्सेंटाइल में शामिल हो। छात्र ने परीक्षा में कम से कम 75 फीसदी नंबर हासिल किया हो। यह 75 फीसदी नंबर जनरल और ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के लिए है। एससी, एसटी और पीड्ब्ल्यूडी कैटिगरी के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा में 70 फीसदी नंबर होना जरूरी है।

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JEE Advanced Exam Pattern: जानें जेईई अडवांस्ड एग्जाम पैटर्न, सिलेबस, मार्किंग स्कीम और तैयारी के बारे में सबकुछ

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जेईई यानी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन अडवांस्ड टेस्ट एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। इसका आयोजन साल में एक बार किया जाता है। आयोजन की जिम्मेदारी हर साल अलग-अलग आईआईटी की होती है। परीक्षा का आयोजन जॉइंट ऐडमिशन बोर्ड (जेएबी) के मार्गदर्शन में होता। इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम) समेत देश की 23 आईआईटीज में ऑफर किए जाने वाले बैचलर प्रोग्रामों, इंटेग्रेटिड मास्टर प्रोग्राम के साथ-साथ डुअल डिग्री प्रोग्राम में दाखिला इसके आधार पर होता है। जेईई अडवांस्ड के आधार पर निम्नलिखित कोर्सों में दाखिला लिया जा सकता है।

जेईई अडवांस्ड एग्जाम पैटर्न (JEE Advanced Exam Pattern)
जेईई अडवांस्ड में दो पेपर होते हैं। दोनों पेपर 3-3 घंटे का होता है। क्वस्चन पेपर हिंदी और इंग्लिश में अलग-अलग आता है।
जेईई अडवांस्ड एग्जाम के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय छात्रों को क्वेस्चन पेपर की भाषा का चुनाव करना होता है।

हर क्वेस्चन पेपर में तीन अलग-अलग पार्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स होंगे।
जेईई अडवांस्ड के सवाल मल्टिपल चॉइस टाइप के होंगे। इसका मकसद किसी छात्र के कॉम्प्रिहेंशन, रीजनिंग और ऐनालिटिकल अबिलिटी को परखना होता है।
कुछ सेक्शन में गलत जवाब के लिए अतिरिक्त नंबर काटे जाएंगे।
कैंडिडेट्स को जवाब लिखने के लिए ऑप्टिकल रिस्पॉन्स शीट (ओआरएस) का दो पेज का डबलेट दिया जाएगा। ओआरएस के सामने वाले पेज पर हर सवालों के जवाब को मार्क करना होगा। जवाब के सामने गोल बबल सा बना होगा, सही जवाब के सामने वाले बबल को डार्क करना होगा।
कैंडिडेट्स को बबल को डार्क करने के लिए सिर्फ ब्लैक बॉल पॉइंट का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
वैध जवाबों के लिए बबल को डार्क करते समय छात्रों को प्रश्नपत्र पर छपे निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए।

सिलेबस
फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स का सिलेबस नीचे दी गई तस्वीर में देख सकते हैं।

फिजिक्स का सिलेबस

केमिस्ट्री का सिलेबस

मैथमेटिक्स का सिलेबस

मार्किंग स्कीम (पहला पेपर)
* पेपर के कुल 264 मार्क्स होंगे।
* सभी 3 विषयों में 3 सेक्शन होंगे।
* फिजिक्स के पहले सेक्शन में 8 सवाल, दूसरे सेक्शन में 10 सवाल और तीसरे सेक्शन में 2 सवाल होंगे।
* केमिस्ट्री के पहले सेक्शन में 8 सवाल, दूसरे सेक्शन में 10 सवाल और तीसरे सेक्शन में 2 सवाल होंगे।
* मैथमेटिक्स के पहले सेक्शन में 8 सवाल, दूसरे सेक्शन में 10 सवाल और तीसरे सेक्शन में 2 सवाल होंगे।
* पहले सेक्शन के हर सवाल के लिए 4 नंबर निर्धारित हैं। गलत होने पर नेगेटिव मार्किंग नहीं है यानी अतिरिक्त नंबर नहीं काटा जाएगा।
* दूसरे सेक्शन के लिए नेगेटिव मार्किंग होगी। हर सवाल के 4 नंबर होंगे। हर गलत आंसर के लिए 2 नंबर अतिरिक्त काटे जाएंगे।
* तीसरे सेक्शन में भी नेगेटिव मार्किंग होगी। हर सवाल के 2 नंबर होंगे और हर गलत आंसर के लिए 1 नंबर अतिरिक्त काटे जाएंगे।

दूसरे पेपर की मार्किंग स्कीम
* दूसरा पेपर कुल 240 नंबरों का होगा।
* सभी 3 विषयों में 3-3 सेक्शन होंगे।
* फिजिक्स के पहले सेक्शन में 8 सवाल, दूसरे सेक्शन में 8 सवाल और तीसरे सेक्शन में 2 सवाल होंगे।
* केमिस्ट्री के पहले सेक्शन में 8 सवाल, दूसरे सेक्शन में 8 सवाल और तीसरे सेक्शन में 2 सवाल होंगे।
* मैथमेटिक्स के पहले सेक्शन में 8 सवाल, दूसरे सेक्शन में 8 सवाल और तीसरे सेक्शन में 2 सवाल होंगे।
* पहले सेक्शन के हर सवाल के लिए 4 नंबर निर्धारित हैं। गलत होने पर नेगेटिव मार्किंग नहीं है यानी अतिरिक्त नंबर नहीं काटा जाएगा।
* दूसरे सेक्शन के लिए नेगेटिव मार्किंग होगी। हर सवाल के 4 नंबर होंगे। हर गलत आंसर के लिए 2 नंबर अतिरिक्त काटे जाएंगे।
* तीसरे सेक्शन में भी नेगेटिव मार्किंग होगी। हर सवाल के 2 नंबर होंगे और हर गलत आंसर के लिए 1 नंबर अतिरिक्त काटे जाएंगे।

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GPAT Exam: जानें योग्यता, ऐप्लिकेशन और एग्जाम फीस के बारे में

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GPAT Exam Eligibilty, Application Form, Exam Fee: राष्ट्रीय स्तर के ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट (जीपैट) की परीक्षा का आयोजन अब नैशनल टेस्टिंग एजेंसी करती है। पहले इसका आयोजन ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा कराया जाता था। इस साल 28 जनवरी, 2019 को परीक्षा का आयोजन किया गया। इसके लिए आवेदन का समय नवंबर 2018 में था। इसके आधार पर पोस्ट ग्रैजुएट फार्मेसी प्रोग्राम में दाखिले के लिए उपयुक्त छात्रों का चुनाव किया जाता है। उनको एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों, यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में दाखिला मिलता है।

क्या है जीपैट एग्जाम (What is GPAT Exam)
ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। इसका आयोजन भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के निर्देश पर हर साल किया जाता है। इसके आधार पर उपयुक्त फार्मेसी ग्रैजुएट्स का चुनाव किया जाता है जिनका मास्टर प्रोग्रामों यानी एमफार्मा कोर्सों में दाखिला होता है। जीपैट तीन घंटे का ऑनलाइन यानी कंप्यूटर आधारित परीक्षा है। इसका आयोजन एक ही सत्र में होता है।

जीपैट स्कोर के आधार पर दाखिला
ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट के स्कोर को एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त सभी संस्थानों/यूनिवर्सिटी के विभागों/यूनिवर्सिटी के कॉलेजों या उससे संबद्ध कॉलेजों में स्वीकार किया जाता है। फार्मेसी के मैदान में कुछ स्कॉलरशिप और अन्य वित्तीय सहायता भी ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट के स्कोर के आधार पर मुहैया कराई जाती है।

योग्यता की शर्तें (GPAT Eligibility Criteria)
ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट के स्कोर का आवेदन करने से पहले योग्यता की शर्तों के बारे में जान लेना चाहिए। योग्यता का विवरण नीचे दिया गया है...

नागरिकता: छात्र भारत का नागरिक होना चाहिए।

आयु सीमा: परीक्षा में किसी भी उम्र का उम्मीदवार बैठ कता है। इसमें बैठने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है।

शैक्षिक योग्यता: छात्र के पास फार्मेसी में बैचलर की डिग्री जरूर हो। लैटरल एंट्री उम्मीदवारों समेत 12वीं के बाद 4 साल का कोर्स करने वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं। जो छात्रबैचलर के आखिरी साल की परीक्षा दे रहे हैं, वे भी ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट दे सकते हैं।

कौन नहीं हैं योग्य: बी.टेक (फार्मासूटिकल और फाइन केमिकल टेक्नॉलजी) या समकक्ष प्रोग्राम के छात्रों को ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं है।

जीपैट ऐप्लिकेशन प्रोसेस (GPAT Application Process)
इस परीक्षा के पात्र छात्र को ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

रजिस्ट्रेशन सिर्फ ऑनलाइन मोड में ही हो सकता है।

ऐप्लिकेशन फॉर्म भरने के लिए आगे बढ़ने से पहले छात्रों को सभी निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए और आगे बढ़ने से पहले डिक्लेरेशन को स्वीकार करना चाहिए।

छात्रों की अपनी योग्यताओं का विवरण डालना होगा। इसके अलावा निर्धारित फॉर्मेट और आकार में अपनी ताजा फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करना होगा।

जीपैट एग्जाम फीस (GPAT 2019 Exam Fee)
अलग-अलग कैटिगरी के लिए जीपैट की एग्जाम फीस अलग-अलग है। जनरल और ओबीसी कैटिगरी के छात्रों को 1400 रुपये फीस जमा करनी होगा। इसके अलावा बैंक चार्ज भी देना होगा।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग श्रेणी के छात्रों को 700 रुपये बतौर एग्जाम फीस जमा करनी होगी। उनको भी बैंक चार्ज देना होगा।

ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट के माध्यम से दाखिला (Admission Process through GPAT)
वैसे जीपैट का एग्जाम आयोजित करने वाले अथॉरिटी रिजल्ट जारी होने के बाद खुद से केंद्रीकृत दाखिला प्रक्रिया का आयोजन नहीं करती है।

कैंडिडेट्स को काउंसलिंग प्रक्रिया में हिस्सा देने के लिए अलग-अलग प्रतिभागी संस्थानों में अपना रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है।

जीपैट स्कोर के आधार पर जो संस्थान दाखिला देते हैं, वे सभी अलग-अलग जीपैट काउंसलिंग का आयोजन करते हैं। सीट का आवंटन पूरी तरह से प्रवेश परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त स्कोर के आधार पर किया जाता है।

जीपैट परीक्षा केंद्र (GPAT Exam Centers)
जीपैट परीक्षा का आयोजन देश भर में होता है। देश के सभी राज्यों के कई शहरों में परीक्षाएं होती हैं। आइए पिछले साल जिन शहरों में परीक्षा हुई थी, उसके बारे में बताते हैं...
हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जम्मू, कानपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोच्चि, कोझिकोड, कुरनूल, लखनऊ, लुधियाना, मदुरई, मंगलुरु, मेरठ, मोहाली, मैसुरु, मुंबई, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नेल्लोर, पणजी, पटना, पुणे, रायपुर, राजमुंद्री, राजकोट, रांची, शिमला, श्रीनगर, सूरत, तिरुअनंतपुरम, तिरुपति, उदयपुर, विशाखापटनम, वडोदरा, वाराणसी, विजयवाड़ा, वारंगल, अहमदाबाद, इलाहाबाद, अमरावती, अमृतसर, औरंगाबाद, बेंगलुरु, बरेली, भोपाल, भावनगर, भिलाई-दुर्ग, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नै, कोयंबटूर, देहरादून, दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव, गुलबर्ग, गुंटूर, ग्वालियर, गुवाहाटी, गौतम बुद्ध नगर और जयपुर

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GPAT Exam: एग्जाम पैटर्न, सिलेबस और तैयारी के बारे में जानें

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GPAT Exam Pattern, Syllabus and Marking Scheme: ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट (जीपैट) एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। इसका आयोजन एम.फार्मा प्रोग्रामों में दाखिले के लिए होता है। जीपैट तीन घंटे का कंप्यूटर आधारित टेस्ट है जिसका आयोजन एक ही सेशन में होता है। आइए आज इसके एग्जाम पैटर्न, सिलेबस और तैयारी के बारे में जानते हैं....

जीपैट स्कोर की वैधता (GPAT Score Validity)
* जिस साल जीपैट की परीक्षा क्लियर की, उससे तीन सालों तक जीपैट एग्जाम का स्कोर वैध रहेगा।

* छात्रों को इसके आधार पर जीपैट स्कोर स्वीकारने वाले एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों/यूनिवर्सिटी के विभागों में दाखिला मिलेगा।

जीपैट के लिए एग्जाम पैटर्न (Exam Pattern for GPAT)
ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट का आयोजन साल 2013 से कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा के तौर पर किया जाता है। जीपैट का एग्जाम पैटर्न निम्नानुसार होता है...

सवालों की संख्या: ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट में सवालों की कुल संख्या 125 होती है।

सवालों के प्रकार: ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट यानी जीपैट में सवाल एमसीक्यू टाइप के पूछे जाते हैं।

परीक्षा की अवधि: परीक्षा की कुल अवधि 3 घंटे यानी 180 मिनट होती है।

जीपैट मार्किंग स्कीम (GPAT Marking Scheme)
जीपैट की मार्किंग स्कीम काफी सरल है। इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होती है। इसलिए कैंडिडेट्स को सावधानी से सवाल हल करना चाहिए। आइए इसकी मार्किंग स्कीम के बारे में जानते हैं...

* प्रत्येक सवाल के लिए 4 नंबर निर्धारित होते हैं। जीपैट में कुल मार्क्स 500 होते हैं।

* हर गलत सवाल के लिए आपके एक चौथाई नंबर अतिरिक्त कट जाएंगे यानी एक नंबर कट जाएंगे। इसका मतलब हुआ कि अगर आपने किसी सवाल का गलत जवाब लिखा तो उस सवाल के लिए आपके कुल पांच नंबर कटेंगे।

* अगर किसी सवाल को आप छोड़ देते हैं तो उसके लिए आपका कोई नंबर नहीं कटेगा।

जीपैट सिलेबस (GPAT Syllabus)
किसी भी परीक्षा की तैयारी से पहले एग्जाम पैटर्न और सिलेबस के बारे में जानना जरूरी होता है। छात्रों को हमेशा सिलेबस के मुताबिक ही पढ़ाई करनी चाहिए। जीपैट सिलेबस के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें

तैयारी के नुस्खे (GPAT Preparation Tips)
सही रणनीति बनाकर तैयारी करें तो इसे क्रैक करना मुश्किल नहीं है। एक बात को ध्यान में रखें कि कोई भी सारे सवालों के जवाब नहीं दे सकता है। जीपैट में सफलता की सबसे बड़ी कुंजी अपनी मजबूती पर विश्वास करना और पूरी सटीकता के साथ जवाब देना है। जिस सवाल पर थोड़ा सा भी संशय हो, उसे छोड़ देना बेहतर है क्योंकि इस स्थिति में आपके अतिरिक्त नंबर कट सकते हैं। प्रश्नपत्र मिलने के बाद अगले 15 मिनट तक ध्यान से पेपर को पढ़ें। सवालों का जवाब देने में जल्दबाजी नहीं दिखाएं। पहले उन सवालों को हल करें जिनको लेकर आप पूरी तरह आश्वसत हैं। बाद में संशय वाले सवालों को हल करें।

जीपैट एग्जाम के लिए अहम टॉपिक (Important Topics for GPAT exam)
जीपैट के कुछ टॉपिक्स काफी अहम हैं जिनसे एक न एक सवाल जरूर पूछे जाते हैं। आपको उन टॉपिक को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए।

* ड्रग्स के सभी शेड्यूल को याद कर लें क्योंकि उससे एक सवाल जरूर आता है।

* हर्बल ड्रग्स की फैमिली पर 3 से 4 सवाल जरूर होते हैं।

* अब हर साल न्यूमेरिकल की संख्या जीपैट एग्जाम में बढ़ती जा रही है। आमतौर पर फार्मेसी के सभी छात्रों में न्यूमेरिकल को हल करने को लेकर भय पाया जाता है। लेकिन जीपैट में अच्छा नंबर लाने के लिए इन न्यूमेरिकल सवालों को हल करना अनिवार्य है। जीपैट में सीमित प्रकार के न्यूमेरिकल सवाल होते हैं। ज्यादातर न्यूमेरिकल बायॉफार्मासुटिक्स, एलिगेशन कि विधि, फ्रीजिंग पॉइंट में डिप्रेशन और शरीर के वजन और उम्र के आधार पर दवा की खुराक से संबंधित होते हैं।

* हर साल रिसिप्टर्स (receptors) पर सवाल जरूर होते हैं। इसको जरूर क्लियर करना चाहिए।

* हर साल स्पेक्ट्रॉस्कोपी (spectroscop) पर 6 से 8 सवाल जरूर रहते हैं। खासतौर पर Mass spectrometry, UV, IR और NMR spectroscopy से सवाल पूछे जाते हैं।
* ड्रग्स के सभी वर्गों को का एक अलग नोट बनाएं। ड्रग्स की क्लासिफिकेशन पर आपसे सवाल जरूर पूछे जाते हैं।
* अमिनो एसिड को लेकर भी सवाल जरूर पूछे जाते हैं। इसलिए जीपैट में बैठने से पहले उन टॉपिक को जरूर क्लियर करें।

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NEET UG: जानें योग्यता, ऐप्लिकेशन फॉर्म और ऐडमिशन प्रोसेस के बारे में सबकुछ

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NEET देश की सबसे बड़ी चिकित्सा प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। इसके माध्यम से हर साल देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में करीब 90,000 एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों को भरा जाता है। ध्यान रहे कि इसमें एम्स यानी ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और जिपमेर यानी जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च शामिल नहीं है। ये दोनों संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षाओं का अलग से आयोजन करते हैं। मार्च 2018 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने विदेश अध्ययन की योजना बना रहे मेडिकल के उम्मीदवारों के लिए NEET को अनिवार्य बना दिया। NEET UG को 2013 में रद्द कर दिया गया था लेकिन साल 2016 से फिर से कॉमन मेडिकल एंट्रेंस के तौर पर इसकी वापसी हो गई। आइए आज आपको NEET के लिए योग्यता और अन्य चीजों के बारे में बताते हैं...

नीट यूजी योग्यता की शर्तें (NEET UG Eligibility Criteria)
नीट यूजी के लिए शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा एवं अन्य शर्तों के बारे में जानते हैं...

आयु सीमा (NEET UG Age Limit)
अभ्यर्थी की उम्र परीक्षा देते समय या जिस साल एमबीबीएस/बीडीएस में ऐडमिशन लेगा, उस साल की 31 दिसंबर को कम से कम 17 साल हो। परीक्षा की तारीख को अधिकतम आयु 25 साल है। ओबीसी/एससी/एसटी कैटिगरी के छात्रों को आयु सीमा में 5 साल की राहत मिलेगी।

प्रयासों की संख्या (NEET UG Number of attempts)
कोई भी कैंडिडेट्स ज्यादा से ज्यादा 3 बार परीक्षा दे सकता है।

नागरिकता (NEET UG Nationality)
भारतीय नागरिक, प्रवासी भारतीय (एनआरआई), भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई), भारतीय मूल के लोग और विदेशी नागरिक नीट यूजी की परीक्षा में बैठ सकते हैं।

मेडिकल कॉलेज में सीट के लिए शर्त (NEET UG Seat Allocation)
भारतीय नागरिक, प्रवासी भारतीय (एनआरआई), भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई), भारतीय मूल के लोग और विदेशी नागरिक को संबंधित राज्य सरकारों, संस्थान और भारत सरकार बनाए गए नियमों के मुताबिक ही मेडिकल या डेंटल कॉलेज में दाखिला मिल सकेगा। इन छात्रों को 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा सीट का लाभ मिलेगा।
विदेशी नागरिक संबंधित मेडिकल या डेंटल कॉलेज या राज्य से अपनी योग्यता की पुष्टि कर सकते हैं।

15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा सीट के लिए योग्यता
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर के छात्र 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा सीट्स के लिए पात्र नहीं हैं। इन राज्यों इस योजना के शुरू होने के समय से ही खुद को ऑल इंडिया स्कीम से दूर रखा था। अगर वे योग्यता का दावा करते हैं तो उनको ऑनलाइन सेल्फ डिक्लेरेशन जमा करना होगा और उसका कन्फर्मेशन पेज के साथ उसका प्रिंट लेकर काउंसलिंग के दौरान जमा करना होगा।

कैंडिडेट्स के ऑनलाइन सेल्फ डिक्लेरेशन की काउंसलिंग के समय जांच की जाएगी और कभी भी गलत पाए जाने पर ऐसे छात्रों का दाखिला या उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी। ऐसे छात्रों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही भी चलाई जा सकता है।

ऑनलाइन ऐप्लिकेशन भरने के लिए दस्तावेज (NEET UG Documents)
1. 10वीं क्लास की मार्कशीट
2. 12वीं क्लास की मार्कशीट
3. छात्र के पासपोर्ट साइज फोटो की स्कैन कॉपी
4. छात्र के हस्ताक्षर की स्कैन की हुई कॉपी
5. वैध आईडी प्रूफ
6. असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के छात्र राशन कार्ड नंबर या बैंक अकाउंट नंबर भी जमा कर सकते हैं। विदेशी छात्रों को पासपोर्ट नंबर देना होगा।

नीट यूजी के लिए आवेदन (NEET UG Application)
1. सबसे पहले आपको नीट के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। इससे आपको नीट रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड मिलेगा। इसके लिए आपको नीट की ऑफिशल वेबसाइट ntaneet.nic.in पर जाना होगा और New Registration पर क्लिक करना होगा।

2. सभी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ लें और Apply Online पर क्लिक करें। ऐप्लिकेशन फॉर्म में डीटेल्स जैसे अपना नाम, जन्मतिथि और अभिभावकों का नाम डालें। इसके अलावा निजी डीटेल्स जैसे राष्ट्रीयता, कैटिगरी, स्थायी पता, जन्म का जिला, धर्म, अल्पसंख्यक होने से संबंधित सूचना, दिव्यांग होने से संबंधित सूचना देनी होगी। शैक्षिक विवरण में 12वीं क्लास पास होने का साल, 12वीं और 10वीं का मार्क्स और पर्सेंटेज, 10वीं से लेकर 12वीं तक पढ़ाई जहां से की है, उस स्कूल का पता, प्रश्नपत्र की भाषा, क्वालिफाइंग एग्जाम का कोड, स्कूल एजुकेशन बोर्ड से जुड़ी जानकारी देनी होगी। अन्य डीटेल्स में सेल्फ डिक्लेरेशन, आधार कार्ड की डीटेल्स, पासपोर्ट डीटेल्स, राशन कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट की डीटेल्स देनी होगी। माता, पिता और अभिभावक की शैक्षिक योग्यता, पेशा और आय की जानकारी भी जमा करनी होगी। सारी जानकारी देने के बाद आपको ऐप्लिकेशन जमा करना होगा। एक बात ध्यान रखें फॉर्म जमा होने के बाद फिर कुछ करेक्शन का मौका नहीं मिलेगा। इसलिए जमा करने से पहले ध्यान से पढ़ लें।

3. अगले चरण में आपको अपना फोटो और सिग्नेचर अपलोड करना होगा। फोटो 10 से 100 केबी का होना चाहिए और सिग्नेचर 3 से 20 केबी का।

4. चौथे चरण में आपको अपनी फीस जमा करना होगा। फीस यूपीआई ऐप, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग और ई-वॉलिट से जमा करनी होगी। सामान्य वर्ग और ओबीसी गैर क्रीमी लेयर के लिए फीस 1,400 रुपये और एससी/एसटी/दिव्यांगों के लिए 750 रुपये है।

दाखिले की प्रक्रिया (NEET UG Admission)
परीक्षा के बाद एनटीए द्वारा मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। मेरिट लिस्ट में आने के लिए छात्रों को कम से कम 50 पर्सेंटाइल लाना जरूरी होता है। एससी/एसटी/ओबीसी श्रेणी को 40 पर्सेंटाइल लाना होता है। अगर 50 पर्सेंटाइल लाने वाले कैंडिडेट्स की संख्या कम है तो केंद्र सरकार एमसीआई और सीबीएसई से परामर्श करके परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए पर्सेंटाइल को कम भी कर सकती है। फिर काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होती है और कैंडिडेट्स को काउंसलिंग में हिस्सा लेना होता है। नीट में प्राप्त स्कोर या मेरिट के आधार पर काउंसलिंग में छात्रों को कॉलेजों में सीट आवंटित होती है।

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NEET UG: जानें एग्जाम पैटर्न, सिलेबस, मार्किंग स्कीम और तैयारी के बारे में

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NEET देश की सबसे बड़ी चिकित्सा प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। इसके माध्यम से हर साल देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में करीब 90,000 एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों को भरा जाता है। ध्यान रहे कि इसमें एम्स यानी ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और जिपमेर यानी जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च शामिल नहीं है। ये दोनों संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षाओं का अलग से आयोजन करते हैं। मार्च 2018 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने विदेश अध्ययन की योजना बना रहे मेडिकल के उम्मीदवारों के लिए NEET को अनिवार्य बना दिया। NEET UG को 2013 में रद्द कर दिया गया था लेकिन साल 2016 से फिर से कॉमन मेडिकल एंट्रेंस के तौर पर इसकी वापसी हो गई। आइए आज आपको NEET के एग्जाम पैटर्न, सिलेबस, मार्किंग स्कीम, तैयारी के टिप्स और अहम टॉपिक के बारे में बताते हैं...

नीट यूजी एग्जाम पैटर्न (NEET UG Exam Pattern)
नीट यूजी की परीक्षा 3 घंटे की होती है और यह अभी तक ऑफलाइन मोड में होती है। ऑफलाइन मोड का मतलब है कि छात्रों को कागज और कापी मोड में परीक्षा देनी होती है। सवाल मल्टिपल चॉइस प्रकार के होते हैं। इसका मतलब यह है कि एक सवाल के चार विकल्प होंगे जिनमें से एक सही विकल्प का चुनाव करना होता है। फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी और बोटनी से 45-45 सवाल होते हैं यानी कुल 180 सवाल होते हैं। छात्रों को ओएमआर शीट में अपना जवाब मार्क करना होगा।

नीट यूजी मार्किंग स्कीम (NEET UG Marking Scheme)
सही सवालों के लिए चार मार्क्स मिलेंगे। हर गलत आंसर के लिए 1 नंबर अतिरिक्त कटेंगे। इसका मतलब हुआ कि अगर आपने एक सवाल गलत किया तो कुल 5 नंबर कटेंगे। जिस सवाल का जवाब नहीं देंगे, उसके लिए कोई नंबर नहीं मिलेगा। एक बार मार्क करने के बाद दूसरा आंसर नहीं बदल सकते हैं। एक साथ कई सवालों पर सही का निशान लगाते हैं तो उसको गलत माना जाएगा।

नीट यूजी अहम टॉपिक (NEET UG Important Topics)
आपकी आसानी के लिए हमने फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायॉलजी के कुछ अहम टॉपिक्स चुने हैं जिनसे सवाल ज्यादा आते हैं जिनको आप नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं।

फिजिक्स में कुल छह टॉपिक अहम हैं जो इस तरह से हैं...
Electrodynamics
Wave Optics
Semi-Conductors
Modern Physics
Rigid Body Dynamics
KTG & Thermodynamics

केमिस्ट्री
Chemical Bonding
Coordination Compounds
Carbonyl Compounds
Organic Chemistry- I

बायॉलजी
Plant Anatomy
Pollination
DNA Replication
Photosynthesis
PAGE Theory
Endocrine System
Excretory and Nervous System
Digestive System

नीट यूजी पेपर की भाषा (NEET UG Language of Question paper)
सभी परीक्षा केंद्रों पर आमतौर पर हिंदी और इंग्लिश भाषा में पेपर उपलब्ध होंगे। लेकिन कोई क्षेत्रीय भाषा का चुनाव किया है, तो उसी हिसाब से केंद्र आवंटित किया जाएगा। इंग्लिश और हिंदी में पेपर तो खैर सभी परीक्षा केंद्रों पर रहेगा और क्षेत्रीय भाषा में खास प्रदेशों के मुताबिक होगा जिनकी डीटेल्स नीचे है
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तेलुगु भाषा में
पश्चिम बंगाल में बंगाली में
कर्नाटक में कन्नड़ भाषा में
गुजरात, दमन, दादर और नगर हवेली में गुजराती भाषा में
तमिलनाडु में तमिल भाषा में
असम में असमिया भाषा में
ओडिशा में उड़िया भाषा में

नीट यूजी तैयारी के टिप्स (NEET UG Preparation Tips)
किसी भी परीक्षा को क्लियर करने के लिए एक बेहतरीन रणनीति के साथ की गई तैयारी जरूरी होती है। उसमें हर पहलू पर ध्यान देना होता है। आइए आपको तैयारी के कुछ खास टिप्स के बारे में बताते हैं...

ऐसा टाइमटेबल बनाएं जिन पर अमल करना आसान
टाइमटेबल बनाकर तैयारी करने से ज्यादा फायदा होता है। लेकिन टाइमटेबल ऐसा हो जिस पर अमल करना आसान हो। मसलन आप 24 घंटे में से 8 घंटे तैयारी पर नहीं दे पाएं। अगर आप 8 घंटे के हिसाब से टाइमटेबल बनाते हैं तो परेशानी होगा। कुछ समय आपको मनोरंजन के लिए भी निकालना चाहिए जिससे कि दिमाग फ्रेश हो सके और आपके अंदर नई ऊर्जा पैदा हो। जो टाइमटेबल बनाएं, उसमें अपनी कमजोरी और मजबूती के आधार पर समय आवंटित करें। जो मुश्किल टॉपिक है और जिनमें आप कमजोर हैं, उनको ज्यादा समय दें। जो विषय आसान लगता हो, उस पर कम समय दें।

बुनियाद से शुरू करें
आपको अपनी तैयारी एनसीईआरटी स्टैंडर्ड की किताबों से करना चाहिए। इससे आपकी बेसिक्स मजबूत होगी। अहम फॉर्म्युलों को एक जगह नोट कर लें और बार-बार उनको देखें। इससे फॉर्म्युला अच्छी तरह याद हो जाएगा। अहम विषयों का नोट्स बना लें। नोट्स को रिवाइज करने में आसानी रहती है।

नियमित रूप से अभ्यास करें
नीट की तैयारी के दौरान नियमित रूप से अभ्यास जरूरी है। इससे आपको अपनी कमी का पता चल जाता है और उसे समय रहते दूर कर सकते हैं। आपको नियमित रूप से मॉक टेस्ट देना चाहिए।

रिवाइज जरूर करें
भले ही किसी विषय पर आपकी पकड़ बहुत अच्छी है लेकिन आपको नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। नीट की तैयारी के लिए रिविजन जरूरी है।

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माइक्रोफाइनैंस में बनाएं करियर, मौके हैं बहुत

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जानकार कहते हैं कि माइक्रोफाइनैंस के अंतर्गत विभिन्न जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण जनता को छोटी-छोटी वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाती है जो उनके लिए तो फायदेमंद हैं ही, रोजगार के लिहाज से भी खास है। इसके तहत दी जानेवाली मदद किसी व्यवसाय, जैसे कृषि, डेयरी, टेलरिंग, पॉटरी, पॉल्ट्री आदि के लिए या व्यक्तिगत जरूरतों के लिए दी जाती है। इसमें 1 से 50 हजार तक की राशि ऋण के रूप में दी जाती है, जिसे साप्ताहिक या मासिक आधार पर वापस किया जाता है। यह लोन किसी एक व्यक्ति या समूह को दिया जाता है।

कोर्स और योग्यता
बैंकिंग और फाइनैंस या फिर माइक्रोफाइनैंस सेक्‍टर में करियर बनाने के लिए किसी भी संस्‍थान से डिप्‍लोमा या पीजी डिप्लोमा कोर्स करना जरूरी है। 'पीजी डिप्‍लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनैंस' और 'अडवांस डिप्‍लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनैंस' कोर्स कर इस सेक्टर में जॉब तलाश सकते हैं। डिप्‍लोमा कोर्स के लिए 12वीं कम से कम 50 फीसदी अंक के साथ पास होना जरूरी है, वहीं स्टूडेंट्स को ग्रैजुएशन के लिए किसी भी विषय में 50 फीसदी अंक से पास होना जरूरी है। कई संस्थान एससी/एसटी और ओबीसी को 5 फीसदी तक की छूट भी प्रदान करते हैं।

दाखिला
बैंकिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जहां जरूरत इस बात कि है कि संबंधित शख्स फौरन ही चीजों को समझे आौर खुद में ऐसी योग्यता डिवेलप करे जिससे वह लोगों के सवालों के जवाब सही तरीके से दे सके। बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा करने के लिए पहले तो एप्टिट्यूड टेस्ट में पास होना जरूरी है। इसके अलावा निजी रूप से साक्षात्कार भी देना होगा। इसमें अंग्रेजी, गणितीय योग्यता, लिखित परीक्षा में रीजनिंग आदि की जांच की जाती है। टेस्ट का मुख्य उद्देश्य छात्रों की बेसिक नॉलेज को जांचना होता है।

मौके
कई तरह के जॉब भारत में NABARD, SIDBI आदि के अलावा विभिन्न बैंकों द्वारा भी माइक्रोफाइनैंसिंग की सेवाएं दी जाती हैं। कई माइक्रोफाइनैंस कंपनियां (एमएफआई) ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जैसे बंधन, एसकेएस, माइक्रोक्रेडिट फाउंडेशन ऑफ इंडिया, साधना माइक्रोफिन सोसाइटी, आदि। इनमें जॉब के अवसर मिलते रहते हैं।

कमाई
सैलरी 15-20 हजार रुपये से शुरू हो सकती है। बाद में बेहतर काम से आगे के रास्ते खुलते हैं। इस सेक्टर की प्रमुख बात यह भी है कि इसमें अनुभव प्राप्त कर लेने के बाद इंश्यारेंस कंपनियों, एनजीओ, बैंकों आदि में भी जॉब मिलने के मौके मिलने लगते हैं।

अहम संस्थान
* इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली (www.ignou.ac.in)

* मणिपाल युनिवर्सिटी, कर्नाटक (www.manipal.edu)

* टीकेडब्लूएस इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग ऐंड फाइनैंस, नई दिल्ली (www.tkwsibf.edu.in)

* सिंबायॉसिस इंटरनैशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी), मुंबई, महाराष्ट्र (www.siu.edu.in)

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SSC GD Constable: जानें योग्यता और आवेदन के बारे में सबकुछ

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जीडी यानी जनरल ड्यूटी कॉन्स्टेबल एग्जाम का आयोजन स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) द्वारा किया जाता है। इसके माध्यम से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) आदि में जनरल ड्यूटी, राइफलमैन के पदों पर भर्ती होती है। इस साल की भर्ती के लिए 21 जुलाई, 2019 को नोटिफिकेशन जारी किया गया है। 24 जुलाई, 2019 से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ है। इस परीक्षा का आयोजन नियमित रूप से होता है।

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल एग्जाम भर्ती प्रक्रिया (SSC GD Constable Exam Recruitment Process)
एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल भर्ती प्रक्रिया के चार चरण होते हैं। पहले चरण में फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (पीएसटी), दूसरे चरण में फिजिकल एफिशंसी टेस्ट (पीईटी), तीसरे चरण में कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा होती है और चौथे चरण में चिकित्सीय परीक्षण होता है।

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल एग्जाम की योग्यता की शर्तें (SSC GD Constable Exam Eligibility Criteria)
एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल एग्जाम देने के इच्छुक उम्मीदवारों को न्यूनतम योग्यता मानकों को पूरा करना होगा। उसके बाद ही वे परीक्षा दे पाएंगे। आइए आपको बताते हैं कि इस परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा अलग-अलग वर्गों के लिए है।

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल एग्जाम शैक्षिक योग्यता (SSC GD Constable Exam Education Qualification)
जीडी कॉन्स्टेबल (बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसएफ, एसएसबी, एनआईए और राइफलमैन) के लिए आवेदन के इच्छुक अभ्यर्थियों का किसी मान्यता प्राप्त से 10वीं या समकक्ष पास होना जरूरी है।

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल एग्जाम आयु सीमा (SSC GD Constable Exam Age Limit)
इस पद के लिए 18 से 23 साल आयु वर्ग के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों को अधिकतम आयुसीमा में छूट मिलती है। ओबीसी को 3 साल यानी अधिकतम आयु 26 साल, एससी/एसटी को 5 साल छूट यानी 28 साल तक, भूतपूर्व सैनिक (सामान्य) को 3 साल यानी अधिकतम आयु 26 साल, ओबीसी श्रेणी के भूतपूर्व सैनिक को 6 साल यानी अधिकतम आयु 29 साल, एससी/एसटी श्रेणी के भूतपूर्व सैनिक को 8 साल यानी अधिकतम आयु 31 साल, जम्मू-कश्मीर में 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसंबर, 1989 तक निवास करने वाले सामान्य श्रेणी के भूतपूर्व सैनिकों को 5 साल यानी अधिकतम आयु 28 साल, जम्मू-कश्मीर में 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसंबर, 1989 तक निवास करने वाले ओबीसी श्रेणी के भूतपूर्व सैनिकों को 8 साल यानी अधिकतम आयु 31 साल, जम्मू-कश्मीर में 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसंबर, 1989 तक निवास करने वाले एससी/एसटी श्रेणी के भूतपूर्व सैनिकों को 10 साल यानी अधिकतम आयु 33 साल, 1984 दंगे या 2002 गुजरात दंगे में मारे गए ओबीसी श्रेणी के पीड़ितों के बच्चों और आश्रितों के लिए 8 साल यानी अधिकतम आयु 31 साल और 1984 दंगे या 2002 गुजरात दंगे में मारे गए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के पीड़ितों के बच्चों और आश्रितों के लिए 10 साल यानी अधिकतम आयु 33 साल होती है।

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल से संबंधित प्रमोशन पॉलिसी (Promotion Policy related to SSC GD Constable)
कुछ सालों के बाद एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल को कॉन्स्टेबल (जीडी) के पद पर प्रमोट होने का चांस मिलता है। नियुक्त सीएपीएफ विभाग के अधीन होती है। अलग-अलग विभाग के मुताबिक समयावधि भी अलग-अलग होती है। कभी-कभी कैंडिडेट को प्रमोशन के लिए डिपार्टमेंटल एग्जाम देना पड़ता है जबकि कभी सेवा के साल या अनुभव के आधार पर प्रमोशनल मिलता है।

एसएससी जीडी एग्जाम आवेदन शुल्क (Application Fee SSC GD)
जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट्स के लिए एसएससी जीडी एग्जाम की ऐप्लिकेशन फीस 100 रुपये होती है। एससी/एसटी/दिव्यांग श्रेणी के कैंडिडेट को आवेदन शुल्क नहीं देना होता है।

परीक्षा से जुड़ीं अहम चीजें
* एसएससी जीडी एग्जाम का आयोजन पूरे भारत में ऑनलाइन मोड से किया जाता है।
* सारे सवाल एमसीक्यू फॉर्मेट में पूछे जाते हैं और सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करना अनिवार्य होता है।
* प्रत्येक सवाल के एक नंबर होते हैं।
* परीक्षा का आयोजन इंग्लिश और हिंदी माध्यम में किया जाता है।
* एसएससी जीडी एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है।
* परीक्षार्थियों के लिए न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स तय करते समय नंबर भी बढ़ाए जा सकते हैं।
* परीक्षा केंद्र पर कैंडिडेट्स को कम से कम एक फोटो आईडी कार्ड लेकर जाना होता है। फोटो आईडी कार्ड में वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकार या अन्य कार्यालय द्वारा जारी आईडी कार्ड भी लेकर जा सकते हैं।
* जो कैंडिडेट आईडी कार्ड लेकर नहीं जाएगा, उसको एग्जाम हॉल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
* कैंडिडेट्स को कम से कम पासपोर्ट साइज 2 फोटोग्राफ लेकर जाना होगा। जरूरत पड़ने पर कंप्यूटर आधारित परीक्षा, पीएसटी/पीईटी और डीएमई/आरएमई के समयअधिकारियों/परीक्षकों की मौजूदगी में ऐडमिट कार्ड की ऑफिशल कॉपी पर फोटोग्राफ को चिपकाना होगा।
* परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को कागज और कलम उपलब्ध कराई जाएगी।
* कैंडिडेट्स को परीक्षा के लिए निर्धारित समय से पहले परीक्षा भवन/परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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SSC GD Constable: एग्जाम पैटर्न, मार्किंग और स्कीम और तैयारी के बारे में सबकुछ जानें

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जीडी यानी जनरल ड्यूटी कॉन्स्टेबल एग्जाम का आयोजन स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) द्वारा किया जाता है। इसके माध्यम से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) आदि में जनरल ड्यूटी, राइफलमैन के पदों पर भर्ती होती है। इस साल की भर्ती के लिए 21 जुलाई, 2019 को नोटिफिकेशन जारी किया गया है। 24 जुलाई, 2019 से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ है। इस परीक्षा का आयोजन नियमित रूप से होता है। आइए आज आपको एग्जाम पैटर्न, मार्किंग स्कीम और तैयारी के टिप्स के बारे में बताते हैं...

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल एग्जाम पैटर्न (SSC GD Constable Exam pattern)
परीक्षा का आयोजन मुख्य रूप से तीन चरणों में किया जाएगा। पहला चरण लिखित परीक्षा का होता है। परीक्षा ऑनलाइन यानी कंप्यूटर आधारित होती है। दूसरा चरण फिजिकल एफिशंसी टेस्ट (पीईटी) का होता है। सबसे अंत में फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (पीएसटी) की बारी आती है।

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल मार्किंग स्कीम (SSC GD Constable marking Scheme)
लिखित परीक्षा में चार सेक्शन होंगे और प्रत्येक सेक्शन में 25-25 बहुविकल्पीय सवाल होंगे। प्रत्येक सवाल के लिए 1 नंबर निर्धारित होगा। गलत जवाबों के लिए एक चौथाई यानी 0.25 अतिरिक्त मार्क्स काटे जाएंगे।

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MBA Entrance Exams: सिलेबस, योग्यता, ऐप्लिकेशन फॉर्म के बारे में जानें सबकुछ

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मास्टर ऑफ बिजनस ऐडमिनिस्ट्रेशन यानी एमबीए एक प्रतियोगी कोर्स है। एमबीए प्रोग्राम में दाखिला लेने के लिए पहले एंट्रेंस टेस्ट पास करना होता है। देश में प्रबंधन संस्थानों में दाखिले के लिए कई एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन होता है। आमतौर पर एंट्रेंस टेस्ट के लिए योग्यता क्या होती है, ऐप्लिकेशन की क्या प्रक्रिया होती है, आइए सबके बारे में विस्तार से बताते हैं...

एमबीए प्रवेश परीक्षा की सामान्य योग्यता (MBA Entrance General Exam Eligibility)
आमतौर पर एमबीए प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए किसी छात्र का किसी भी डिसिप्लिन में किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट होना जरूरी होता है। कुछ प्रवेश परीक्षाओं में कैंडिडेट का ग्रैजुएशन में कम से कम नंबर 50 फीसदी होना जरूरी है। अगर कोई छात्र ग्रैजुएशन आखिरी वर्ष में है और परीक्षा दे रहा है तो वह भी इसके लिए आवेदन कर सकता है।

परीक्षा का सामान्य ढांचा
एमबीए प्रवेश परीक्षा का डिजाइन ऐसे किया जाता है कि छात्रों की कड़े फैसले लेने की क्षमता का आकलन किया जा सके। उनकी ऐप्टिट्यूड और जनरल अवेयरनेस की योग्यता को भी परखा जा सके। ज्यादातर परीक्षाएं वास्तुनिष्ठ प्रकार की होती हैं और छात्रों को चार में से कोई एक सही विकल्प चुनने के लिए दिया जाता है। लेकिन कुछ परीक्षाओं जैसे XAT में निबंध भी होता है। इसके माध्यम से एक छात्र की लेखन योग्यता को आंका जाता है। आमतौर पर एग्जाम का ढांचा कुछ इस तरह का होता है।
* Verbal Ability Component
* Quantitative Aptitude component
* Data Analysis
* Critical reasoning component
* General Awareness and Knowledge Indian/Global

वैसे देश के अंदर होने वाली अलग-अलग एमबीए प्रवेश परीक्षाओं में कुछ फर्क पाया जाता है। कुछ परीक्षाएं कागज-कलम मोड में होती है तो कुछ कंप्यूटर आधारित। लेकिन ज्यादातर में छात्रों को परीक्षा के दोनों माध्यमों में से किसी एक के चुनाव का विकल्प होता है। परीक्षा के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग के बाद छात्रों को निजी साक्षात्कार और ग्रुप चर्चा के लिए बुलाया जाता है।

देश के कुछ प्रमुख एमबीए एग्जाम...
* MAT (Management Aptitude Test)
* CAT (Common Admission Test)
* CMAT (Common Management Admission Test)
* XAT (Xavier Aptitude Test)
* GMAT (Graduate Management Aptitude Test –Abroad)
* SNAP (Symbiosis National Aptitude Test)
* N-MAT (Narsee Monjee Aptitude test)
* MH-CET (Maharshtra Common Entrance test
* IBSAT (ICFAI Business School Admission Test)
* IIFT (Indian Institute of Foreign Trade)
* ATMA (AIMS Test for Management Admissions)
* TANCET (Tamil Nadu Common Entrance Test)
* AMUCAT (Aligarh Muslim University AMU CAT)
* AMRITA (Amrita Vishwa Vidyapeetham)
* BMAT (Bharati Vidyapeeth Management Aptitude Test)
* FMS (Faculty of management Studies)
* KIITEE (KIIT Entrance Examination<)/a>
* KMAT (Karnataka Management Aptitude Test)
* MICA (Mudra Institute of Communications, Ahmedabad Admission test)
* IGNOU OPENMAT (IGNOU OPENMAT MBA Entrance Exam)
* RMAT (Rajasthan Management Aptitute Test)
* SRMCAT (SRM Common Admission Test)
* HPCAT (Himachal Pradesh Combined Aptitute Test)
* UPSEE (UP State Entrance Examination)
* TS-Icet - Telangana State - Integrated Common Entrance Test
* SRMJEEM - Srm Joint Entrance Test-Management
* TISSNET

सिलेबस
Quantitative Ability:

Number Systems

LCM and HCF

Percentage

Profit and Loss

Interest (Simple and Compound)

Speed, Time and Distance

Time and Work

Average

Ratio and Proportion

Linear Equations

Quadratic Equations

Complex Numbers

Logarithm

Progressions

Binomial Theorem

Surds and Indices

Inequalities

Permutation and Combination

Probability

Functions

Set Theory

Mixtures and Alligations

Geometry

Co-ordinate Geometry

Trigonometry

Mensuration





Data Analysis and Interpretation

Tables

Column graphs

Bar Graphs

Line charts

Pie Chart

Venn Diagrams





Verbal Ability

Reading Comprehension

Meaning-Usage Match

Jumbled Paragraph

Summary Questions

Sentence Completion

Contextual Vocabulary (homonyms)

Paragraph Completion

Facts / Inferences / Judgements

Sentence Correction

Critical Reasoning

जनरल नॉलेज और अवेयरनेस
इसके लिए छात्रों की करेंट अफेयर्स पर पकड़ होनी चाहिए और इसके इतिहास, विज्ञान, भूगोल की बुनियादी बातें पता होनी चाहिए।

इन परीक्षाओं के लिए दाखिले की प्रक्रिया
परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले छात्रों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह इसके लिए योग्य हैं। आमतौर पर परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। उसके बाद छात्रों को ऑनलाइन ऐप्लिकेशन फॉर्म भरना होता है। आवश्यक दस्तावेज, सिग्नेचर और फोटो अपलोड करना होता है। परीक्षा शुल्क आमतौर पर 1000 रुपये से 3000 रुपये की बीच होती है। परीक्षा शुल्क का भुगतान क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड, बैंक चालान, बैंक डिमांड ड्राफ्ट, संबंधित शुल्क काउंटरों पर नकदी जमा करना शामिल होता है।

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Jobs In Usa For Indian: अमेरिका में नौकरी पाना कठिन है लेकिन असंभव नहीं

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दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म और बोस्टन से मार्केटिंग कम्यूिकेशन करने वाली श्रेया कटूरी अमेरिका में नॉन स्टेम छात्रों के लिए नौकरी के मौकों के बारे में यहां बता रही हैं-

पत्रकारिता शायद भारत में एकमात्र ऐसी इंडस्ट्री है जहां छात्र कोर्स खत्म होते ही सीधा मीडिया हाउस से जुड़ जाते हैं। श्रेया ने कहा कि ‘हमारे शिक्षक हमे हमेशा इंटर्नशिप और पार्ट टाइम फ्रीलांस करने के लिए प्रेरित करते थे इसलिए अपने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपने कोर्स के दौरान मैने 4 बार इंटर्नशिप की थी।’

प्रिंट ऑर्गनाइजेशन के साथ काम करने की उनकी उत्सुकता उन्हें मार्केटिंग डिपार्टमेंट के साथ इंटर्नशिप में ले गई जहां उन्हे मीडिया कॉन्टेंट, स्ट्रेटजी मार्केट रिसर्च और एनालिसिस का मौका मिला। अपनी दूसरी इंटर्नशिप ने उन्होंने कोका कोला और शेवरले के साथ काम करने का मौका मिला। तब उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें क्रिटिविटी और स्ट्रेटजी का कॉम्बिनेशन चाहिए।

उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप के बाद मुझे एहसास हुआ कि ‘मुझे अकेडमिक कोर्स की जरूरत है जिसके बाद मैने मार्केटिंग और कम्यूनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल की।’ इसके बाद इन्होंने कोर्स करने के लिए कॉलेज खोजने शुरू कर दिए और अंत में वो कॉलेज शॉर्टलिस्ट किए जो सबसे अच्छा कोर्स कराते हैं।

श्रेया के मुताबिक ‘इंस्टीट्यूट खोजने का काम आसान नहीं है यह एक थका देने वाली प्रक्रिया है सभी विकल्पों पर कम से कम एक साल रिसर्च करना जरूरी है क्योंकि विदेश में पढ़ाई में काफी समय और पैसे खर्च होते हैं। मैं अपने शिक्षकों और पूर्व छात्रों के संपर्क में रही जिन्होंने निर्णय लेने में मेरी मदद की।’

मैने इमरसन कॉलेज बोस्टन को शॉर्टलिस्ट किया और इंटरग्रेटिड मार्केटिंग कम्यूनिकेशन का कोर्स कराता है। मैं एक ऐसे कोर्स में दाखिला लेना चाहती थी जो उदार और क्रिएटिव माहौल प्रदान करें जैसा मुझे डीयू में मिला था।’ बोस्टन में रहना आसान काम नहीं है यह अमेरिका के सबसे महंगे शहरों में से एक है। श्रेया ने यहां बजट में रहना सीख लिया और ऑन कैंपस जॉब और फेलोशिप में हिस्सा लिया।

‘’इस तरह की नौकरी आपका किराया तो अदा नहीं कर सकती लेकिन कुछ खर्चे इससे पूरे हो जाते हैं जैसे यूटिलिटी बिल, ग्रोसरी आदि।’’

श्रेया ने 2017 में इमरसन कॉलेज बोस्टन से ग्रेजुएशन की और बोस्टन में ही मार्केटिंग एसोसिएट की नौकरी शुरू कर दी।

श्रेया के मुताबिक बोस्टन में मार्केट एनालिस्ट से जुड़ी नौकरियों, एसईओ एक्सपर्ट और पेड एडवरटाइजमेंट एक्सपर्ट की काफी डिमांड है। इसके साथ में मार्केटिंग में कोर्स होना जरूरी है।

फिलहाल अमेरिका में स्टेम छात्रो को कोर्स खत्म होने के बाद नौकरी के लिए तीन सालों के वीजा को बढ़ा दिया जाता है जबकि अन्य कोर्सेस में केवल एक साल के लिए बढ़ाया जाता है। जॉब पाना अमरेका में मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। श्रेया के मुताबिक अमेरिका एक टेक्नोलॉजी पर चलने वाला देश है मार्केटिंग मार्केटिंग की स्किल्स के साथ एसईओ, एड वर्ड्स पेड एड आदि के युवा आसानी से अपने लिए जगह बना सकते हैं। अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करते समय आवेदकों को पेपर वर्क पूरा करना चाहिए और इसे ईमानदारी से भरना चाहिए लेकिन जाने से पहले इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आपकी फंडिंग कहां से आ रही है।

इमिग्रेशन पर बैठा व्यक्ति थोड़ा भयभीत करने वाल होता है लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है शांत बने रहें। जो आपसे पूछा जा रहा है उसका पूरे विश्वास से सही उत्तर दें। गलत जानकारी देने से आपका वीजा कैंसल हो सकता है।

‘बहुत से विदेशी छात्रों को रंगभेद का सामना करना पड़ता है लेकिन इस बात पर तय करता है कि आपने कौनसा शहर चुना है मुझे बोस्टन में किसी तरह के रंग भेद का सामना नहीं करना पड़ा। मुझे कई ऐसे छात्र मिले जिन्हें भेदभाव का सामना करना’।

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CAT Exam Details: जानें योग्यता, ऐप्लिकेशन प्रोसेस के बारे में सबकुछ

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इंडियन इंस्टिट्यूट्स ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) और देश के 1000 से ज्यादा बिजनस स्कूलों में दाखिले के लिए कॉमन ऐडमिशन टेस्ट या कैट परीक्षा का आयोजन होता है। इसका आयोजन आईआईमकैट द्वारा किया जाता है। आईआईमकैट की ओर से देश के आईआईएम में से कोई एक कैट एग्जाम का आयोजन करता है। कैट 2019 का आयोजन आईआईएम कोझिकोड द्वारा किया जाएगा। आइए आज योग्यता, ऐप्लिकेशन प्रोसेस आदि के बारे में जानें सबकुछ...

कैट योग्यता (CAT Eligibility)
कैंडिडेट का किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री पास होना जरूरी है या मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष शैक्षिक योग्यता जरूरी है। जनरल और ओबीसी गैर क्रीमी लेयर के कैंडिडेट्स के लिए कम से कम 50 फीसदी के साथ बैचलर डिग्री पास होना जरूरी है। आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेट्स का कम से कम 45 फीसदी के साथ बैचलर पास होना जरूरी है। अगर किसी कैंडिडेट्स को ग्रेड या सीजीपीए में रिजल्ट दिया गया होगा तो उनके ग्रेड्स या सीजीपीए को यूनिवर्सिटी/संस्थान द्वारा प्रमाणित प्रक्रिया से बदला जाएगा। इस स्थिति में कैंडिडेट को कॉलेज/संस्थान के प्रिंसिपल/पंजीयक द्वारा जमा एक सर्टिफिकेट जमा करना होता है। सर्टिफिकेट में यह उल्लेख होना चाहिए कि कैंडिडेट ने कोर्स की जरूरतों को पूरा कर दिया है।

ऐप्लिकेशन प्रोसेस (CAT Application Process)
इसके लिए भी आवेदन का वही तरीका है, जो अन्य एग्जाम के लिए होता है। आवेदन के लिए आईआईमकैट की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा। वहां उपलब्ध ऐप्लिकेशन फॉर्म को भरना होगा। जरूरी दस्तावेज, फोटो और हस्ताक्षर आदि अपलोड करना होगा। इसके अलावा फीस जमा करना होगा। ऐप्लिकेशन फॉर्म बहुत सावधानी से भरना होता है क्योंकि बाद में सुधार का मौका नहीं मिलता है। गलत जानकारी पाए जाने पर ऐडमिशन भी कैंसिल हो सकता है।

उन आईआईएम की सूची जो कैट के स्कोर के आधार पर दाखिला देते हैं
Indian Institute of Management, Calcutta

Indian Institute of Management, Bangalore

Indian Institute of Management, Kozhikode

Indian Institute of Management, Shillong

Indian Institute of Management, Ranchi

Indian Institute of Management, Udaipur

Indian Institute of Management, Tiruchirappalli

Indian Institute of Management, Visakhapatnam

Indian Institute of Management, Amritsar

Indian Institute of Management, Sirmaur

Indian Institute of Management, Ahmedabad

Indian Institute of Management Lucknow

Indian Institute of Management, Indore

Indian Institute of Management, Rohtak

Indian Institute of Management, Raipur

Indian Institute of Management, Nagpur

Indian Institute of Management, Kashipur

Indian Institute of Management, Bodh Gaya

Indian Institute of Management, Sambalpur

Indian Institute of Management, Jammu



कैट के आधार पर ऑफर किए जाने वाले कोर्स
PGPEM (Post Graduate Programme in Enterprise Management)
PGP-Mumbai (Post Graduate Programme at Mumbai)
PGPBM (Post Graduate Programme in Business Management)
PGP (Post Graduate Programme)
PGPWE (Post Graduate Programme for Working Executive)
PGDHRM (Post Graduate Diploma in Human Resource Management)
PGP-UAE (Post Graduate Programme at UAE)
PGP-ABM (Post Graduate Programme in Agri-Business Management)
PGPSM (Post Graduate Programme in Securities Markets)
EPGPM (Executive Post Graduate Programme)
PGPEX (Post Graduate Programme for Executives)
PGPPM (Post Graduate Programme in Public Policy and Management)
PGDM (Post Graduate Diploma in Management)

कैट 2019 एग्जाम पैटर्न (CAT 2019 Exam Pattern in Detail)
कैट का पेपर तीन भागों में बंटा होता है। वे तीन भाग होते हैं Verbal and Reading Comprehension section, Quantitative Aptitude section और Data Interpretation and Logical Reasoning। इसमें 100 बहुविकल्पीय और गैर बहुविकल्पीय सवाल होते हैं। कुल मार्क्स 300 होता है। परीक्षा के लिए कुल समय 180 मिनट यानी 3 घंटे दिया जाता है। प्रत्येक सेक्शन के लिए 60-60 मिनट दिया जाता है। सवाल सिर्फ इंग्लिश में ही पूछे जाते हैं। कैंडिडेट्स को प्रत्येक सही जवाब के लिए 3 नंबर दिए जाते हैं। गलत जवाब के लिए 1 नंबर अतिरिक्त काटा जाता है।

कैट एग्जाम का सेक्शन के मुताबिक पैटर्न
कैट में तीन सेक्शन होते हैं, Verbal and Reading Comprehension section, Quantitative Aptitude section और Data Interpretation and Logical Reasoning। आइए इन तीनों सेक्शन के एग्जाम पैटर्न के बारे में जानते हैं...

Verbal and Reading Comprehension
इस सेक्शन में इंग्लिश लैंग्वेज और ग्रैमर सेक्शन से सवाल होते हैं। इसके माध्यम से किसी कैंडिडेट की भाषा और समझ की कौशल की परख होती है। इस सेक्शन से कुल 34 सवाल पूछे जाते हैं। उन 34 में से 24 मल्टिपल चॉइस और और 10 गैर मल्टिपल चॉइस होते हैं। इस सेक्शन को 60 मिनट के अंदर हल करना होता है।

Data Interpretation and Logical Reasoning
इसमें डेटा इंटरप्रीटेशन और लॉजिकल रीजनिंग से सवाल होते हैं। डेटा इंटरप्रीटेशन में किसी दिए गए डेटा से निष्कर्ष निकालने की एक कैंडिडेट की योग्यता को परखा जाता है। इस सेक्शन से कुल 32 सवाल होते हैं। उन 32 सवालों में से 24 मल्टिपल चॉइस और 8 गैर मल्टिपल चॉइस होते हैं। इस सेक्शन को हल करने के लिए भी 60 मिनट का समय मिलता है।

Quantitative Aptitude
इस सेक्शन में मैथ्स के सवाल होते हैं। इस सेक्शन से कुल 34 सवाल पूछे जाते हैं। उन 34 सवालों में से 24 मल्टिपल चॉइस और 10 गैर मल्टिपल चॉइस होते हैं। इस सेक्शन को हल करने के लिए भी 60 मिनट दिए जाते हैं।

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Cardiac Care Technician: 12वीं के बाद बनें 'दिल का डॉक्टर', जानें डीटेल में

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मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए वैसे तो कई ऑप्शन हैं, उन्हीं में से एक है कार्डिएक केयर टेक्निशन। ये एक मेडिकल प्रफेशनल्स की तरह काम करते हैं जो बीमारी का पता लगाने के लिए मरीजों का टेस्ट्स करते हैं और इलाज खोजन में डॉक्टरों की मदद करते हैं। ये एक तरह से यह विशेषज्ञों के आंख और हाथ होते हैं।

हॉस्पिटल में बतौर टेक्निशन काम करने के लिए कुछ प्रैक्टिकल स्किल्स का होना बेहद जरूरी है क्योंकि यह ऑपरेशन के समय डॉक्टर के दाएं हाथ की तरह काम करता है। इसलिए सभी परिस्थितियों से निपटने और मशीनों की जानकारी रखना इनके लिए भी जरूरी होता है, जैसे मॉनिटर और रिकॉर्डर में तार जोड़ने के बारे में ज्ञान और बेहतर कनेक्शन सुनिश्चित करने के लिए रीदम स्ट्रीप या लीड ट्रेसिंग रिकॉर्ड करने का ज्ञान, ईसीजी वेवफॉर्म की पहचान करना, आर्टफैक्ट फ्री-ट्रेसिंग और सही लीड लगाने जैसी क्षमता होनी चाहिए।

जरूरी योग्यता
इस फील्ड में कोर्स करने के लिए कैंडिडेट का किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से 12वीं में साइंस से पास होना जरूरी है। इसके अलावा कई कॉलेज इस फील्ड में सर्टिफिकेट कोर्सेज भी उपलब्ध करते हैं, जिसे मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास कैंडिडेट भी करके करियर बना सकता है। अगर कैंडिडेट इस फील्ड में निपुणता हासिल करना चाहता है तो वह 12वीं के बाद बैचलर ऑफ साइंस इन कार्डियक केयर टेक्नॉलजी भी कर सकता है।

सैलरी कितनी
पैरामेडिकल की बढ़ती मांग को देखते हुए देश में ही नही बल्कि विदेशों से भी पैरामेडिक्स की डिमांड आ रही है। देश भर में सरकारी के अलावा प्राइवेट अस्पतालों की बढ़ती कतारों से जॉब की कोई कमी नहीं दिखती। जहां तक वेतन की बात है तो शुरुआती तौर पर एक कार्डिएक केयर टेक्निशन, मासिक 20 से 30 हज़ार रुपये तक कमा सकता है और अनुभव के आधार पर इसमें बढ़ोतरी होती जाती है। इसके अलावा कैंडिडेट सरकारी अस्पतालों में भी परीक्षा देकर आसानी से नौकरी पा सकता है।

संस्थान
* दिल्ली पैरामेडिकल ऐंड मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली
www.dpmiindia.com

* क्रैडल इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली
www.cmi-hm.com

* महर्शि मर्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी, अम्बाला, हरियाणा
www.mmumullana.org

* शिवालिक इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नॉलजी, चंडीगढ़
www.shivalikinstitute.org
(संस्थानों के नाम सिर्फ संकेत के लिए )

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MBA करने के बाद सेल्स और मार्केटिंग में बढ़ाएं कदम

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करियर और एजुकेशन को लेकर सबके मन में कुछ न कुछ सवाल होते हैं, जिनके लिए सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब दे रहे हैं हमारे एक्सपर्ट अशोक सिंह...

सवाल: मैं ग्रैजुएट हूं। हैंडीकैप्ड और OBC का सर्टिफिकेट भी है। गवर्नमेंट जॉब के लिए लगातार कोशिश कर रहा हूं, लेकिन अब तक नहीं मिली है। मुझे क्या करना चाहिए?- शाबान अब्बासी
जवाब: हमारी सलाह तो यही है की आपको जगह-जगह एप्लाई करने के साथ धैर्य भी रखना चाहिए। यकीन रखिए, देर-सबेर जॉब मिल ही जाएगी।

सवाल: 12वीं के बाद बेसिक कंप्यूटर कोर्स कर चुका हूं। अब 29 साल की उम्र में भी जॉब नहीं मिल सकी है। समझ नहीं आ रहा है कि मुझे क्या करना चाहिए?- महेंद्र सिंह
जवाब: शायद आपने करिअर को गंभीरता से नहीं लिया। इसी कारण जॉब नहीं मिल सकी है। अब तो यही विकल्प है कि आप 6 माह से लेकर 1 साल तक का हुनर/कौशल पर आधारित कोई ट्रेनिंग हासिल कर जॉब या सेल्फ एम्प्लॉयमेंट की ओर कदम बढाएं। इन कोर्सेज में कंप्यूटर, मोबाइल, एयर कंडिशनर, ऑटो रिपेयरिंग आदि का नाम लिया जा सकता है।

सवाल: B.Tech कर रहा हूं। मुझे इसके बाद M.Tech करना चाहिए या MBA?-कुशाग्र त्यागी
जवाब: अगर अकेडेमिक्स और रिसर्च में करिअर बनाना है तो M.Tech के बारे में सोचिए। सेल्स/मार्केटिंग और मैनेजमेंट क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो MBA कर सकते हैं। अंतिम फैसला आपको ही करना है।

सवाल: 10वीं के बाद तीन वर्ष के डिप्लोमा इन कैमिकल इंजिनियरिंग कोर्स में ऐडमिशन लिया था। अब यह कोर्स समाप्त होने वाला है। क्या इसके बाद मुझे ओपन स्कूल से 12वीं करनी चाहिए? आदित्य शर्मा
जवाब: 12वीं में ऐडमिशन लेने से बेहतर होगा कि आप B.Tech (सेकंड इयर) में लेटरल एंट्री से ऐडमिशन लेने का प्रयास करें। अन्यथा जॉब के बारे में भी विचार कर सकते हैं।

सवाल: B.Sc (न्यूरो साइंस) कोर्स में दिलचस्पी है। M.Sc (न्यूरो साइंस) के बाद किस तरह का भविष्य बनाया जा सकता है?-सृष्टि मित्तल
जवाब: इस कोर्स के बाद न्यूरो साइंस के क्षेत्र में रिसर्च एंड डिवेलपमेंट संबंधित काम करने वाले संस्थानों में जॉब की तलाश की जा सकती है। यही नहीं हायर स्टडीज के लिए अमेरिका सहित अन्य प्रमुख देशों की यूनिवर्सिटी में भी मौके मिल सकते हैं। न्यूरो साइंस के कामकाज से जुड़ी बायोटेक्नॉलजी कंपनियों में भी करिअर निर्माण संभव है।

सवाल: 12वीं (कॉमर्स) के बाद अब SOL से ग्रैजुएशन किस स्ट्रीम में करनी चाहिए ताकि कम्पीटीटिव एग्जाम्स की तैयारी में मदद मिले?-मोईन खान
जवाब: ग्रैजुएशन स्तर के कोर्सेज के सिलेबस से आपको कम्पीटीटिव एग्जाम्स में कुछ खास मदद नहीं मिल सकेगी। इसलिए आप मानकर चलिए कि आपको यह तैयारी अलग से ही करनी पड़ेगी।

पढ़ाई या करियर के बारे में आपको कोई सवाल है तो अंग्रेजी या हिंदी में educationnbt@gmail.com पर मेल करें। आपको सवालों के जवाब हमारे एक्सपर्ट देंगे।

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