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म्यूजियम से है प्यार तो यूं बनाएं करियर, खूब है स्कोप

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संस्कृति और विरासत का शिक्षा से गहरा संबंध है। अवशेषों और प्राचीन सामग्रियों को सुरक्षित रखकर संग्रहालय मानव इतिहास, संस्कृति और धर्म आदि की रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। यह अतीत को सुरक्षित रखने, शोध करने औऱ उसके बारे में जानकारी हासिल करने में मदद करता है। आप चाहे तो संग्रहालय की फील्ड में करियर बनाकर अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजकर रखने में मदद कर सकते हैं। मौजूदा समय में संग्रहालय विज्ञान बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है...

भारत में भी बढ़ी डिमांड
पश्चिम में तो संग्रहालय विज्ञान काफी समय से लोकप्रिय है लेकिन भारत में पढ़ने के एक विषय के तौर पर इसका महत्व बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संग्रहालय के संग्राहलय विज्ञान विभाग की अध्यक्ष मान्वी सेठ ने बताया, 'संग्रहालय का विचार पश्चिम में पैदा हुआ। इसलिए वहां भारत की तुलना में संग्रहालय का अध्ययन ज्यादा लोकप्रिय है। लेकिन भारत में भी इसकी मांग पिछले कुछ सालों में बढ़ी है। देश के अंदर कई प्राइवेट आर्ट गैलरी आ गई हैं। सरकार भी राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण पर जोर दे रही है।' संग्रहालय विज्ञान के मैदान में करियर के कई ऑप्शन हैं जैसे संग्रहालय निदेशक, क्यूरेटर, एजुकेटर, एगजिबिट डिजाइनर, आर्किविस्ट और कन्जर्वेशन स्पेशलिस्ट।

कौन कर सकता है संग्रहालय विज्ञान में कोर्स?
किसी भी उपयुक्त विषय में बैचलर्स डिग्री के बाद आप संग्रहालय विज्ञान का कोर्स कर सकते हैं। वैसे एंथ्रोपॉलजी, आर्ट हिस्ट्री, बोटनी, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, जिऑलजी, हिस्ट्री, फिजिक्स, विजुअल आर्ट, जूलोजी या मकैनिकल, ईसीई, सीएसई आदि में बीई/बीटेक के बाद म्यूजियॉलजी का कोर्स करें तो ज्यादा बेहतर है।

कोर्स कराने वाले संस्थान
कुछ यूनिवर्सिटियों में पीजी लेवल पर मुख्य रूप से म्यूजियॉलजी का कोर्स ऑफर किया जाता है। उन यूनिवर्सिटियों में में एमएस यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीचएयू), यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, नैशनल म्यूजियम इंस्टिट्यूट, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, रबिंद्र भारती यूनिवर्सिटी (सेल्फ फाइनैंस्ड) दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च ऐंड मैनेजमेंट शामिल हैं। इसके अलावा कुछ यूनिवर्सिटियों में सेंटर्स ऑफ म्यूजियॉलजी हैं जैसे जम्मू यूनिवर्सिटी (सीबीसीएस के हत म्यूजियॉलजी का ऑप्शनल पेपर), राजस्थान यूनिवर्सिटी, असम यूनिवर्सिटी (सिल्चर कैंपस) आदि।

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टी टेस्टर: चाय से है प्यार तो यहां करियर के मौके अपार

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टी टेस्टर यानी चाय चखने और परखने की फील्ड में भी करियर का सुनहरा अवसर होता है। एक टी टेस्टर को न सिर्फ चाय का स्वाद चखना होता है बल्कि उनको चायों के बीच में फर्क भी बताना होता है। वह क्वॉलिटी के मुताबिक एक ब्रैंड को अलग-अलग वरायटी तैयार करने में मदद करता है। टी टेस्टिंग की फील्ड में करियर का काफी स्कोप है। आइए जानते हैं कि इस फील्ड में आप कैसे करियर बना सकते हैं, करियर का स्कोप क्या है और कितना तक सैलरी पैकेज मिलता है...

संभावनाएं
जितने भी पेय पदार्थ हैं, उनमें चाय और कॉफी का इतिहास काफी पुराना है। यह सबसे लोकप्रिय पेय में शामिल है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टी टेस्टिंग की फील्ड में जॉब का क्या स्कोप और भविष्य है। टी टेस्टर चाय उद्योग में स्पेशलाइज्ड प्रफेशनल होता है और दुनिया में इसे एक अच्छी जॉब माना जाता है।

कैसे बनाएं करियर
टी टेस्टर बनने के लिए कोई खास डिग्री नहीं है। इस फील्ड में कुछ सर्टिफिकेट कोर्स कराए जाते हैं। उन कोर्सों में चाय चखने और परखने की बुनियादी तकनीक और वैज्ञानिक जानकारी मुहैया कराई जाती है। ये कोर्स 3 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर 1 साल के डिप्लोमा कोर्स तक होते हैं। अगर आपको पास फूड साइंस, हॉर्टिकल्चर, ऐग्रिकल्चर या बोटनी में डिग्री है तो और ज्यादा बेहतर होगा।

जरूरी स्किल्स
चाय को चखना और परखना पूरी तरह आर्ट है लेकिन आधुनिक चाय उद्योग में करियर बनाने के लिए वैज्ञानिक जानकारी भी जरूरी है। एक टी टेस्टर के पास अच्छा टेस्ट बड भी होना जरूरी है ताकि वह दिए गए सैंपलों में हर सैंपल के अलग-अलग स्वाद और सुगंध का पता लगा सके। उनको चाय के पौधे की खेती और उत्पादन की प्रक्रियाओं की जानकारी होनी चाहिए। प्राचीन काल में टी टेस्टर्स के पास अनुभव का होना ही काफी था लेकिन आधुनिक समय में उनको वैज्ञानिक विधियों की भी जानकारी होनी चाहिए।

संस्थान जो कराते हैं कोर्स
Department of Tea Husbandry and Technology, Assam Agricultural University
Dipras Institute of Professional Studies, Kolkata
Darjeeling Tea Research and Management Association
Darjeeling University of North Bengal
Darjeeling Birla Institute of Management and Futuristic Studies
Kolkata Indian Institute of Plantation Management, Bangalore

जॉब डीटेल्स
एक टी टेस्टर की जिम्मेदारी होती है कि वह अलग-अलग प्रकार की चाय की क्वॉलिटी के मुताबिक, उसका ग्रेड तय करे। बड़ी चाय कंपनियों द्वारा क्वॉलिटी का स्टैंडर्ड तय करने और अलग-अलग चाय के नमूनों की पहचान के लिए टी टेस्टर को हायर किया जाता है।

मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में वे उत्पादन के समय कोई दोष होने पर उसका पता लगाते हैं। वे पत्तियों का रंग और आकार देखकर तय करते हैं उनमें कोई कमी तो नहीं है। किसी तरह की कमी होने पर वे उसके वापस फैक्ट्री में भेज देते हैं, जहां कमी को दूरी किया जाता है।

वे बागानों के साथ भी काम करते हैं जहां वे चाय की खेती की पूरी प्रक्रिया में सहयोग करते हैं। वह चाय के आयात और निर्यात के काम को भी देखते हैं। वे चाय के वाणिज्यिक घटकों जैसे स्वाद, आर्थिक अहमियत को लेकर अनुसंधानकर्ताओं को सलाह देते हैं। ब्रोकरों के दफ्तर में टी टेस्टर अहम भूमिका निभाते हैं। वहां वह उनको कीमती सुझाव देते हैं और उत्पादक को मार्केट का रुझान बताते हैं।

चाय की खरीदारी करने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठान में भी उनकी जरूरत होती है। वे वहां गुणवत्ता सुनिश्चित करने के अलावा पता लगाते हैं कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्या चल रहा है।

अनुभवी टी टेस्टर अपनी कंसल्टेंसी सर्विसेज भी खोल लेते हैं। वहां वह विभिन्न प्रकार की चायों के उत्पादन, नई किस्मों और उनके स्रोत की जानकारी, कर्मियों की भर्ती और प्रशिक्षण, श्रमिकों का वेतन, लाभ आदि के बारे में सलाह देते हैं।

सैलरी
ट्रेनी को इस फील्ड में औसतन 5,000 रुपये हर महीने वेतन मिलता है। वहीं वरिष्ठ प्रफेशनल्स हर महीने 25,000 रुपये तक कमा लेते हैं। स्पेशलाइज्ड प्रफेशनल्स 40 हजार से 50 हजार रुपये तक कमा सकते हैं।

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एथिकल हैकिंग में बनाएं करियर, जानें सबकुछ

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कई बार आपके पास फर्जी ईमेल आते होंगे, आपका ईमेल अकाउंट कभी हैक भी हुआ होगा, या आपने अपने किसी दोस्त से सुना होगा कि उसका अकाउंट किसी ने हैक कर लिया है और उससे ठगी वाले कुछ मेल भेजे जा रहे हैं। हैकिंग का यह रूप पेशेवर नहीं है, लेकिन इसका एक रूप ऐसा भी है जिसकी मदद से सरकार या खुफिया एजेंसियां किसी एकाउंट को हैक कर वहां से गोपनीय जानकारी इकट्ठा करती हैं। इससे उन्हें अपनी जांच को आगे बढ़ाने या सबूत जुटाने में मदद मिलती है। इसे देखते हुए एथिकल हैंकिंग जैसा कोर्स करियर के लिहाज से काफी अहम है।

साइबर स्पेस में हैकिंग एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर आम तौर पर लोग सहम जाते हैं। वास्तव में हैकिंग भी वायरस की तरह कंप्यूटर की एक बड़ी समस्या है। हैकिंग के द्वारा हैकर आपके कंप्यूटर या आपके संबंधित अकाउंट पर पूरी तरह से हावी हो जाता है। इसके बाद उसे आपके डेटा को चुराने या खत्म करने की आजादी मिल जाती है। वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन से चलने वाले सिस्टम को हैक करना ज्यादा आसान होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटर में घुसपैठ की बढ़ती समस्या से ही निपटने के लिए एथिकल हैकर्स का नया कोर्स करियर के लिए विकल्प के तौर पर एक बेहतरीन मौका बनकर सामने आया है।

बढ़ती डिमांड
यह कोर्स नया है, इसके बारे में लोगों की जानकारी भी कम है। इस वजह से यह क्षेत्र काफी एक्साइटिंग है। इसके विशेषज्ञों की मांग लगातार बढ़ रही है। जैसे-जैसे लोगों की निर्भरता इंटरनेट पर बढ़ती जा रही है, नेटवर्क सिक्यॉरिटी एक चुनौती बनती जा रही है। इस लिहाज से आने वाले दिनों में एथिकल हैंकर्स की डिमांड उम्मीद से कहीं ज्यादा होगी। हरेक कंपनी अपने आंकड़ों को सुरक्षित रखने या प्रतिद्वंद्वी कंपनी की रणनीति को समझने के लिए एथिकल हैकर्स रखने लगी हैं।

एथिकल हैकर के गुण
एथिकल हैकर एक ऐसा व्यक्ति है जो कानूनी तौर पर हैकिंग से बचने के लिए अपने सिस्टम को चुस्त बनाता है। ऐसे लोगों को क्रिमिनल की तरह सोचने की क्षमता होनी चाहिए, ताकि अपराधियों के दिमाग को समझा जा सके और किसी संभावित अटैक से सिस्टम को बचाया जा सके। उसे कंप्यूटर के टूल्स और तकनीक का गहन ज्ञान होना चाहिए। इस क्षेत्र में कामयाबी के लिए हैकर को कंप्यूटर की गहरी जानकारी के अलावा इंटरनेट की बारीकियों से भी अवगत होना जरूरी है। साइबर क्राइम और एथिकल हैकिंग के बारे में अपडेट रहने से भी हैकर को काफी मदद मिलती है। ईमेल ट्रेस करना, नेटवर्क हैक करना, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की छानबीन और फायरवॉल को उड़ाने का बेसिक ज्ञान हैकर्स के लिए जरुरी है।

कोर्स में क्या?
एथिकल हैकिंग कोर्स में इंटरनेट से संबंधित तमाम बारीक चीजों के बारे में सिखाया जाता है। इससे संबंधित कोर्स में सिक्यॉरिटी टेस्टिंग की कार्य प्रणाली, ऑफेसिंग स्निफिंग, प्रीविलेज एस्कलेटिंग, हैकिंग, अटैकिंग नेटवर्क वर्क सिस्टम, हैकिंग वेब ऐप्लिकेशन, क्रॉस साइट स्क्रिप्टिंग, ब्रेकिंग आईपी, डिफेसमिंव टेकनीक, सिस्टम हैकिंग पासवर्ड क्रैकिंग, पैनेट्रेशन टेस्टिंग हैकिंग वेबसर्विस वायरस ऐंड वर्म आदि से संबंधित जानकारी दी जाती है।

योग्यता
भारत में कम संस्थान इस कोर्स को कराते हैं। ज्यादातर संस्थानों से एथिकल हैकिंग में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा किया जा सकता है। इसके लिए ग्रैजुएट होना जरूरी है। वर्तमान में कंप्यूटर के एक्सपर्ट ही ऐसे कोर्स कर रहे हैं जिसके कारण एथिकल हैकर्स की काफी कमी है। सरकारी खुफिया विभाग या अन्य विभाग के लोग भी इस कोर्स को कर रहे हैं। विदेश में यह कोर्स इंटरनेट के जानकार अनिवार्य रूप से कर रहे हैं।

जॉब प्रॉस्पेक्ट
इंटरनैशनल डेटा कॉर्प की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी प्रफेशनल्स की मांग आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ेगी। इस बढ़ी हुई जरूरत के कारण ही बड़ी-बड़ी आईटी और कम्यूनिकेशन कंपनियां तक एथिकल हैकर्स की नियुक्ति को प्राथमिकता दे रही है। आईटी और कंप्यूटर से जुड़ी कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों में भी साइबर स्पेस की सुरक्षा के लिए एथिकल हैकर्स की मांग बढ़ी है।
संस्थान कोर्सो
रिलायंस वर्ल्ड आउटलेट्स अंकित फाडिया सर्टिफाइड एथिकल हैकर कोर्स
डोएक कालीकट पीजी डिप्लोमा इन इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी ऐंड सिस्टम ऐडमिनिस्ट्रेशन
इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी सीआईएसएसपी ट्रेनिंग
सर्टिफाइड प्रफेशनल फॉरेंसिक कंसल्टेंट्स
सर्टिफाइड इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी कंसल्टेंट
सर्टिफाइड प्रफेशनल हैकर
इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी कंप्यूटर साइंस और इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी में एमटेक
मद्रास यूनिवर्सिटी साइबर फरेंसिक और इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी में एमएससी
एसआरएम यूनिवर्सिटी इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी और कंप्यूटर फरेंसिक में एमटेक





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ग्राफिक डिजाइनिंग में खूब मौके, जानें कोर्स के बारे में सबकुछ

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अगर आप क्रिएटिव हैं और नया करते रहना अच्छा लगता है, तो ग्राफिक डिजाइनिंग आपके लिए एक अच्छा करियर ऑप्शन हो सकता है। जरूरी नहीं इसके लिए किसी इंस्टिट्यूट से कोर्स किया जाए, कंप्यूटर और इंटरनेट हो तो घर बैठे ही आप इस फील्ड में ब्राइट करियर बना सकते हैं...

क्या है ग्राफिक डिजाइनिंग?
ग्राफिक डिजाइन एक तरह की आर्ट है, जिसमें टेक्स्ट और ग्राफिक की मदद से मेसेज इफेक्टिव बनाया जाता है। मेसेज ग्राफिक्स, लोगो, ब्रोशर, न्यूज लेटर, पोस्टर या फिर किसी भी रूप में हो सकता है।

क्या हैं करियर ऑप्शंस?
हर तरफ दिखती चमक ग्राफिक डिजाइनर्स की ही मेहनत है। पब्लिक रिलेशन, न्यूज पेपर, ऐडवर्टाइजिंग एजेंसी, वेब पेज मैगजीन और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसी फील्ड्स में ग्राफिक डिजाइनर्स की डिमांड रहती है। फिल्म, विज्ञापन और एनिमेशन फील्ड में इनकी डिमांड तेजी से बढ़ी है।

कैसा मिलता है पैकेज?
इस फील्ड में 15 से 30 हजार रुपये से ही शुरुआत होती है, लेकिन बाद में एक्सपीरियंस बढ़ने के साथ आपकी सैलरी एक-डेढ़ लाख रुपये तक भी जा सकती है।

कोर्स सिलेबस
ग्राफिक डिजाइनिंग के सिलेबस में कोरल ड्रॉ, फोटोशॉप, थ्री डी, क्वॉर्क जैसे कई सॉफ्टवेयर सिखाए जाते हैं। साथ ही डिजिटल, ऑडियो-विडियो प्रॉडक्शन के अलावा ग्राफिक से जुड़ी कई टेक्निकल चीजों भी बताई जाती हैं।

कोर्स व ड्यूरेशन
- बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए)
यह चार साल का कोर्स है। इसके लिए आपको 12वीं पास होना जरूरी है।
- बीएससी मल्टीमीडिया
यह तीन साल का कोर्स है। इसे आप 12वीं के बाद ही कर सकते हैं।
- पीजी डिप्लोमा इन ग्राफिक ऐनिमेशन
एक साल का कोर्स है। यह ग्रैजुएशन के बाद किया जाता है।
- डिप्लोमा इन ग्राफिक
यह छह महीने का कोर्स है। इसे आप 12वीं के बाद कर सकते हैं।
- मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (एमएफए)
2 साल का कोर्स है।
- सर्टिफिकेट इन थ्री डी ऐनिमेशन
तीन महीने का कोर्स है। इसे आप 12वीं के बाद कर सकते हैं।

यहां ट्राई करें
इंडिया में कई इंस्टिट्यूट हैं, जहां से आप यह कोर्स कर सकते हैं...
- नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद ।
- जेड इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिएटिव आर्ट्स (जिका), मुंबई।
- एंट्रेंस ऐनिमेशन ट्रेनिंग स्कूल, बेंगलुरु।
- डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन, आईआईटी, गुवाहाटी।
- टीजीसी ऐनिमेशन ऐंड मल्टीमीडिया, नई दिल्ली।
- माया अकैडमी ऑफ अडवांस सिनेमेटिक्स (मैक) मुंबई।
- एरीना ऐनिमेशन, मुंबई।
- वाडिया डिजाइन इंस्टिट्यूट, अहमदाबाद।

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जानें TOEFL Exam की फीस, योग्यता, रजिस्ट्रेशन और एग्जाम पैटर्न की पूरी जानकारी

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TOEFL Exam: टोफल एग्जाम का आयोजन ETS करता है। इस परीक्षा का पूरा नाम टेस्ट ऑफ इंगलिश फॉरेन लैंगवेज है। इस टेस्ट के जरिए किसी भी छात्र की इंगलिश भाषा की जानकारी को परखा जाता है। यह टेस्ट उन लोगो के लिए आयोजित किया जाता है जिनकी मातृभाषा इंगलिश नहीं है। जो छात्र विदेशों में पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हे टोफल टेस्ट देना होता है। इस टेस्ट का आयोजन हर साल किया जाता है।

टोफल टेस्ट क्यों है जरूरी (Why is Toefl Test Required)
अगर आप विदेश की किसी इंगलिश स्पीकिंग यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको यह टेस्ट पास करना होगा। टोफल टेस्ट में स्कोर जारी किए जाते है। हर यूनिवर्सिटी में अलग-अलग स्कोर को मान्यता दी जाती है। यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित और पेपर आधारित दोने ही तरह से आयोजित की जाती है लेकिन अधिकतर देशों में कंप्यूटर आधारित परीक्षा ही ली जाती है।


टोफल टेस्ट के लिए जरूरी योग्यता (Eligibility Criteria for TOEFL)
इस टेस्ट को देने के लिए छात्र को कम से कम हाई स्कूल पास होना चाहिए। हालांकि इस टेस्ट को देने की कोई आयु सीमा नहीं और इसे कितनी भी बार दिया जा सकता है हालांकि एक टेस्ट देने बाद दूसरा टेस्ट देने के बीच कम से कम 12 दिन का गैप होना चाहिए।


कैसे कराएं टोफल टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन (TOEFL Registration Process)

टोफल टेस्ट का रजिस्ट्रेशन कराना बहुत आसान है इस टेस्ट के लिए चार तरीके से रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। यहां हम आपको इन चारों तरीकों के बारे में बता रहे हैं। टे

ऑनलाइन टोफल रजिस्ट्रेशन- टोफल टेस्ट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सातों दिन 24 घंटे खुला रहता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आपके टेस्ट डेट से 7 दिन पहले खत्म हो जाएगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन आप ETS की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं।

फोन पर टोफल रजिस्ट्रेशन- फोन करने से पहले आवेदकों को वेबसाइट पर उपलब्ध रजिस्ट्रेशन फॉर्म को पूरा पढ़ना होगा। फोन पर अपना वही नाम बताएं जो आपके पासपोर्ट पर लिखा है। इसके बाद फोन बताए गए निर्देशों के मुताबिक फीस का भुगतान करें।

डाक से कराएं रजिस्ट्रेशन- इसके लिए आवेदकों को वेबसाइट से टोफल का फॉर्म का प्रिंट निकालकर इसे भरना होगा। फॉर्म के साथ फीस को गुड़गांव ऑफिस भेजना होगा।

भारत में टोफल रजिस्ट्रेशन फीस (TOEFL Registration Fee in India)

टोफल रजिस्ट्रेशन की फीस दुनिया में लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग है यहां हम आपको भारत में टोफल की रजिस्ट्रेशन फीस की जानकारी दे रहे हैं। रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा अन्य फीस की डीटेल भी यहां हम दे रहे हैं।


TOEFL रजिस्ट्रेशन फीस

180 डॉलर

लेट रजिस्ट्रेशन फीस

40 डॉलर

TOEFL रीशेड्यूलिंग फीस

60 डॉलर

सेक्शन स्कोर रीव्यू (लिखना या बोलना)

80 डॉलर

सेक्शन स्कोर रीव्यू (लिखना और बोलना)

160 डॉलर


TOEFL को 130 से ज्यादा देशों मान्यता प्राप्त
बता दें कि 130 से ज्यादा देशों में शिक्षा हासिल करने के लिए यह टेस्ट पास करना जरूरी है। दुनिया की लगभग 7,500 से ज्यादा कॉलेज/यूनिवर्सिटीज़ इसे मान्यता देती हैं। यूएस के लगभग 2500 कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में ऐडमिशन के लिए यह टेस्ट जरूरी है। यह टेस्ट अमेरिका बेस्ड 'एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ईटीएस)' कंडक्ट कराती है। स्टूडेंट्स को उनकी स्कोर रिपोर्ट भेजने का काम भी यही करती है।

टोफल टेस्ट का एग्जाम पैटर्न (TOEFL Exam Pattern)
टोफल परीक्षा के मुख्य तौर पर चार भाग होते हैं। जिसमें लिखना, सुनना, बोलना और पढ़ना शामिल हैं यहां हम आपको इन चारों भागों की पूरी डीटेल दे रहे हैं। टोफल टेस्ट के लिए आप जितना पुराने सेंपल पेपर से प्रैक्टिस करेंगे उतना आपके लिए अच्छा होगा।

सेक्शन

समय

सवालों की संख्या

टास्क

पढ़ना

60-80 मिनट

36-56

3-4 सवालों को पढ़ना और उनका जवाब देना.

सुनना

60-90 मिनट

34-51

अकेडमिक लेक्चर, क्लासरूम डिस्कशन और बातों को सुनना और सवालों के जवाब देना



दो सेक्शन के बाद 10 मिनट का ब्रेक दिया जाता है इसके बाद टेस्ट फिर शुरू होता है।

सेक्शन

समय

सवालों की संख्या

टास्क

बोलना

20 मिनट

6 टास्क

छात्रो को अपने मुताबिक किसी विषय पर बोलना है जो उसने सुना और पढ़ा उसपर बोलना है।

लिखना

50 मिनट

2 टास्क

टास्क को सुनकर औक पढ़कर आवेदकों को निबंध लिखना है और इसपर अपनी राय भी देनी है।



कितने स्कूल/विश्वविद्यालय में और कब तक मान्य है टोफल (TOEFL Exam Validity)
इस टेस्ट की मान्यता टेस्ट डेट से अगले 2 साल तक होती है। हालांकि आप टेस्ट देने के 12 दिनों से पहले दूसरा टेस्ट नहीं दे सकते हैं। इस टेस्ट की मान्यता 130 देशों की 10 हजार यूनिवर्सिटिज में है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके और यूरोप की कई बड़ी यूनिवर्सिटिज इस टेस्ट को मान्यता देती हैं। टोफल एग्जाम देने के 10 दिनों बाद आवेदक के पास अपना स्कोर जांचने के लिए एक ईमेल आता है जिसमें लिखा होता है कि आपका स्कोर तैयार है। वहीं 13 दिनों बाद छात्रों को अपने स्कोर की प्रिंट रिपोर्ट मिल जाती है।

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वर्कप्लेस पर ये हरकतें आपको बना सकतीं अनप्रफेशनल

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वर्क प्लेस पर आपसे यह उम्मीद की जाती है कि आप वहां पर प्रफेशनल दिखें। आपका यह अप्रोच आपको हमेशा आगे लेकर जाता है। लेकिन, कई बार वर्क प्लेस पर लोग कॉलीग्स के बीच में अनप्रफेशनल विहेवियर करने लगते हैं। इससे वे खुद को परेशानी में डालते हैं, साथ ही वर्क प्लेस के माहौल को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप वर्क प्लेस पर अपने व्यवहार का अच्छे से विश्लेषण करते रहें। आपको कहीं कोई कमी नजर आती है, तो उसे दूर करने पर ध्यान दें। हो सकता है कि आपका कोई व्यवहार आपकी नजर में अनप्रफेशनल न हो, लेकिन याद रखें कि वर्कप्लेस पर कॉलीग्स आपके हर हाव-भाव और व्यवहार को नोट करते हैं। इसलिए सर्तकता बरतें।

जिम्मेदारियों से मुंह न मोड़ें
जब आप जिम्मेदारी उठाने से कतराते हैं, तो आपके विहवियर को अनप्रफेशनल माना जाता है। जब आप आगे बढ़कर खुद जिम्मेदारी लेते हैं तो सबके सामने आपका इम्प्रेशन पॉजिटिव पड़ता है।

पारदर्शिता के महत्व को समझें
आप बतौर टीम लीडर काम कर रहे हैं, तो आपके वर्किंग स्टाइल में परदर्शिता जरूर होनी ही चाहिए। बातचीत के क्रम में स्पष्टता और पारदर्शी होना हमेशा अच्छा माना जाता है। साफ-साफ बात करने वाले लोगों को हर कोई पसंद करता है और इससे टीम में भी भरोसे की भावना बढ़ती है। खास तौर से ऑफिस में होने वाले अहम बदलावों को जरूर शेयर करें। शुरू में इस आदत को अडॉप्ट करने में मुश्किल हो, लेकिन धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाती है। प्रफेशनल फ्रंट पर इससे हमेशा ही आपको फायदा मिलता है।

बात करें सोच समझकर
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कम बोलते हैं या ज्यादा। फर्क इससे पड़ता है कि बोलते समय आप किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्कप्लेस पर लूज टॉक करने से बचें। इससे आपकी छवि खराब होती है। हमेशा बात करने के क्रम में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। भूलकर भी गलत शब्द का प्रयोग न करें। इससे दूसरों का कम आपका नुकसान ज्यादा होता है।

ओवर कॉन्फिडेंस में न रहें
वर्कप्लेस पर कॉन्फिडेंस अच्छी चीज होती है। इससे आपको प्रॉजेक्ट को डील करने में मदद मिलती है, वहीं, ओवर कॉन्फिडेंस नुकसानदायक होता है। कई बार ऐसा होता है कि आपको यह लग सकता है कि आपके जैसा कोई और नहीं है। यह आपके लिए खतरे की घंटी है। इससे रिस्क फैक्टर बढ़ने लगता है। आपको पता भी नहीं चलता है और वर्क प्लेस पर आपकी इमेज को इससे काफी नुकसान पहुंच सकता है।

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जानें TOEFL Exam Syllabus की पूरी डीटेल्स, पढ़ें तैयारी के अचूक टिप्स

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TOEFL Syllabus India: एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ETS) टोफल एग्जाम का आयोजन करवाती है। यह टेस्ट उन छात्रो को देना जरूरी होता है जो किसी विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना चाहते हैं और उनका मातृभाषा इंगलिश नहीं है। इस टेस्ट के जरिए आवेदक की इंगलिश स्किल को परखा जाता है जिसमें उसकी लिखना, बोलना, पढ़ना और समझना सभी तरह से इंगलिश की जानकारी को देखा जाता है। इस टेस्ट को पास करने से पहले इसके सिलेबस को समझना जरूरी है। बिना सिलेबस को जाने आप टेस्ट को पास नहीं कर सकते हैं।

इस टेस्ट के चार हिस्से होते हैं और हम यहां आपको इन चारो हिस्सों की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

पढ़ना (TOEFL Reading Section)

पैसेज की संख्या

पैसेज की लंबाई

प्रत्येक पैसेज के लिए समय

पैसेज में सवालों की संख्या

कुल समय

3-4

करीब 650-700 शब्द

पढ़ने और जवाब देने के लिए 20 मिनट

प्रत्येक पैसेज में 12-14 सवाल कुल 35-55 सवाल

60-100 मिनट



टेस्ट के इस सेक्शन में छात्र की पढ़ने की क्षमता को परखा जाता है। इसमें छात्र को पैसेज दिए जाते हैं फिर उनसे जुड़े जवाब मांगे जाते हैं।

सुनना (TOEFL Listening Section)

संख्या

शब्दों की संख्या

प्रत्येक बातचीत/लेक्चर में सवाल

प्रत्येक बातचीत/लेक्चरके लिए समय

4-6 लेक्चर

500-700 शब्द

6

3-6

2-3 बातचीत

12-24 एक्सचेंज

1 बातचीत में 5 सवाल


प्रत्येक के लिए 3 मिनट



इस सेक्शन में आवेदक को क्लासरूम या अकेडमिक लेक्चर की बातचीत सुनाई जाती है और इसके आधार पर सवाल पूछे जाते हैं। इसमें आवेदकों को ऑडियो रिकॉर्डिंग ध्यानपूर्वक सुनने की सलाह दी जाती है। प्रत्येक रिकॉर्डिंग में सवाल पूछे जाते हैं जिनके जवाब देने होते हैं। इस सेक्शन के लिए कुल 60-90 मिनट का समय दिया जाता है। इस सेक्शन के बाद दस मिनट का ब्रेक दिया जाता है। इसके बाद फिर अन्य दो सेक्शन शुरू होते हैं।

बोलना (TOEFL Speaking Section)

इस सेक्शन के लिए कुल 20 मिनट का समय दिया जाता है कुल 6 स्पीकिंग टास्क इस सेक्शन में दिए जाते हैं। इसमें छात्रों को किसी टॉपिक पर अपने विचार रखने होते हैं। पढ़ने और सुनने के टास्क के आधार पर इस सेक्शन में जवाब देने होते हैं।

समय

सवालों संख्या

टास्क

20 मिनट

6

किसी टॉपिक पर बोलना


टेस्ट के दौरान टाइमिंग का ध्यान रखें। कोशिश करें कि आप दिए गए समय में ही अपने सभी सवालों के जवाब दे पाएं। इस टेस्ट से पहले आप कंप्यूटर पर इस टेस्ट की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। इस सेक्शन में आपसे कोई सामान्य सा सवाल पूछा जाएगा जिसका आपको जवाब देना होगा। जैसे ‘अगर आपको कोई दोस्त विदेश से भारत आ रहा है तो आप भारत के किस शहर में उसे समय बिताने की सलाह देंगे। इसे उदाहरण के साथ समझाएं’

लिखना (TOEFL Writing Section)

समय

सवालों संख्या

टास्क

50 मिनट

2

पढ़ने और सुनने वाले सेक्शन के आधार पर निबंध लिखना



इस सेक्शन में छात्रों को कम से कम दो विषयों पर निबंध लिखना होता है। इसके लिए केवल 50 मिनट का समय दिया जाता है। इस सेक्शन में 22 स्कोर करना अच्छा माना जाता है जो इस सेक्शन का 50 फीसदी स्कोर है। पहला निबंध में आपको करीब 150 से 200 शब्दों का लिखना होता है इसमें आपको एक अकेडमिक पैसेज पढ़ने केलिए दिया जाता है और 2 मिनट की एक ऑडियो क्लिप सुनाई जाती है इन दोनो के आधार पर आपको निबंध लिखना होता है। इसे आपको 20 मिनट में लिखना होता है। वहीं दूसरे निबंध में आपको कुछ पढ़ने और सुनने के लिए नहीं दिया जाता है। इसे आपको खुद ही लिखना होता है।

इन टिप्स को आजमाएं, आसानी से क्रैक होगा TOEFL (TOEFL Exam Tips)

समय का ध्यान रखें- पूरे एग्जाम में समय की सबसे ज्यादा महत्ता है क्योंकि प्रत्येक सेक्शन के लिए तय समय दिया गया है। कोशिश करें कि तय समय से कुछ पहले ही अपना काम खत्म कर लें ताकि बाकी बचे हुए समय में अपने किए हुए कार्य को चेक किया जा सकते। किसी भी एक सवाल पर ज्यादा समय खर्च न करें। ऐसा करने से आपको जो सवाल आते हैं आप उसे समय देने से चूक जाएंगे।

कठिन सवालों को बाद में हल करें- कई ऐसे सवाल होते हैं जो आपका ज्यादा समय खराब करते हैं ऐसे कठिन सवालों पर ज्यादा समय खर्च कनरे के बजाएं आगे बढ़ें और दूसरे सवालों को हल करें। पेपर के अंत में इन कठिन सवालों को हल करने की कोशिश करें

ब्रेक का सही उपयोग करें- दूसरे सेक्शन के बाद दस मिनट का ब्रेक दिया जाता है इस दौरान आप बाथरूम का उपयोग कर सकते हैं। कहीं आसपास टहलें क्योंकि लगातार 2 घंटे कंप्यूटर के सामने बैठने से आपकी आंखे भी थक जाएंगी। कुछ खा सकते हैं या पानी पी सकते हैं।

नोट्स बनाएं- तीसरे और चौथे सेक्शन में आपको केवल सुनना और पढ़ना है ऐसे में आप जरूरी चीजों के नोट्स बना सकते हैं। अगर सुनने या पढ़ने के दौरान आपको कुछ जरूरी लगता है तो आप उसे नोट कर सकते हैं।

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डेंटल हाइजीनिस्ट में क्या है करियर का स्कोप, जानें

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वैसे तो सबको पता है कि डेंटिस्ट्री काफी आकर्षक पेशा है। लेकिन इन दिनों इस फील्ड में अन्य सहायक करियर के अवसर भी पैदा हुए हैं। उनमें से एक है डेंटल हाइजीनिस्ट। डेंटल हाइजीनिस्ट यानी वह इंसान जो आपके दांत को साफ-सुथरा और सेहतमंद रखने के बारे में बताता है। हाल के दिनों में डेंटल हाइजीनिस्ट की मांग काफी बढ़ी है। दरअसल लोग अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने पर ध्यान दे रहे हैं। ऑरल यानी मौखिक स्वास्थ्य भी इसका ही एक हिस्सा है। आने वाले सालों में भारतीय मार्केट में डेंटल हाइजीनिस्ट की काफी मांग हो सकती है।

पेशे के बारे में
डेंटल हाइजीनिस्ट एक पेशेवर होता है जो आपके मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करता है। वह दांत की समस्याओं को दूर रखने में अहम भूमिका निभाता है। डेंटल हाइजीनिस्ट को डेंटिस्ट के अधीन काम करना होता है।

जॉब प्रोफाइल
एक डेंटल हाइजीनिस्ट आमतौर पर किसी मरीज के मुंह की जांच करता है और पता लगाता है कि कोई बीमारी तो नहीं है। वे मरीजों के दांतों की सफाई भी करता हैं। वे दांतों पर लगे हुए प्लाक या पीली-पीली दिखने वाली गंदगी को हटाते हैं। प्लाक को हटाने से दांत में बैक्टीरिया का प्रसार रुक जाता है। वे दांतों की स्केलिंग, सफाई और सफेद करने का काम भी करते हैं। वे मरीजों को काउंसलिंग सर्विस भी करते हैं और उनको बताते हैं कि अपने दांतों या मौखिक स्वास्थ्य का सही से रखरखाव कैसे करें।

करियर की संभावना
यह आमतौर पर 9-5 की जॉब होती है। काम का प्रेशर और टेंशन न के बराबर होती है। डेंटल हाइजीनिस्ट को डेंटल कॉलेजों के अलावा प्राइवेट डेंटल क्लिनिक्स या अस्पतालों में जॉब मिल जाती है। डेंटल सर्जरी असिस्टेंट के तौर पर भी जॉब कर सकते हैं। वे पब्लिक हेल्थ ऐडमिनिस्ट्रेशन में निकलने वाली नौकरियों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। वे डेंटल प्रॉडक्ट्स की सेल्स और मार्केटिंग में भी करियर बना सकते हैं।

सैलरी पैकेज
फ्रेशर के तौर पर एक डेंटल हाइजीनिस्ट को 10 से 15 हजार रुपये सैलरी मिलती है। अनुभव होने पर पद और पैसा दोनों बढ़ने लगता है। पश्चिमी देशों में यह एक स्थापित पेशा है इसलिए भारत के मुकाबले वहां मांग कुछ ज्यादा है। आप विदेश में भी जाकर करियर बना सकते हैं।

कोर्स की डीटेल्स
भारत के कई डेंटल कॉलेज और संस्थान डेंटल हाइजीनिस्ट में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर करते हैं। इन कोर्सों को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) की मंजूरी मिल चुकी है।

डेंटल हाइजीन में कोर्स ऑफर करने वाले पांच टॉप संस्थान
1. गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज और रिसर्च इंस्टिट्यूट, बेंगलुरु
2. दिल्ली पैरामेडिकल और मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली
3. मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, मणिपाल
4. गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, तिरुअनंतपुरम
5. पटना डेंटल कॉलेज और अस्पताल, पटना

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यूपीएससी सीएस प्री: जानें योग्यता, एग्जाम फीस, रजिस्ट्रेशन और आवेदन के बारे में

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भारत सरकार के विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन का आयोजन किया जाता है। सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं का आयोजन तीन चरणों में होता है। पहले चरण में सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स यानी प्राथमिक परीक्षा का आयोजन होता है। प्रीलिम्स के बाद मेंस या मुख्य परीक्षा का आयोजन होता है। प्रीलिम्स पास करने वाले अभ्यर्थी ही मेंस एग्जाम देने के पात्र होते हैं। तीसरा चरण इंटरव्यू का होता है। मेंस क्लियर करने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाता है। तीनों चरण में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की रैंकिंग के आधार पर विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति होती है।

यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स योग्यता (UPSC Civil Services Prelims Exam Eligibility)
यूपीएससी सिविल सर्विसेज की पात्रता को हम तीन आधार पर बांट सकते हैं। नागरिकता, शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा के आधार पर बांट सकते हैं। पात्रता की तीनों शर्तों के बारे में हम विस्तार से बताने जा रहे हैं...

यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स नागरिकता (UPSC Civil Services Prelims Exam Nationality)
भारतीय प्रशासकीय सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए सिर्फ भारतीय नागरिक ही आवेदन कर सकते हैं। बाकी अन्य सेवाओं के लिए भारत के नागरिक के अलावा निम्न भी आवेदन कर सकते हैं।

1. नेपाल या भूटान के नागरिक
2. भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से 1 जनवरी, 1962 से पहले भारत आया कोई तिब्बती शरणार्थी
3. पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, केन्या, यूगांडा, तंजानिया संयुक्त गणराज्य, जांबिया, मलावी, जायरे, इथोपिया जैसे पूर्वी अफ्रीका के देशों और वियतनाम से भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से प्रवास कर आया भारतीय मूल का कोई व्यक्ति
नोट: नेपाल/भूटान का कोई नागरिक या कोई तिब्बती शरणार्थ भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।

यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स आयु सीमा (UPSC Civil Services Prelims Exam Age limit)
जिस साल आवेदन कर रहे हैं, उस साल की 1 अगस्त तक आवेदक की आयु कम से कम 21 साल हो और 32 साल पूरी न हुई हो। आयुसीमा में एससी और एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को 5 साल की छूट मिलती है। ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 3 साल। रक्षा सेवा के कार्मिक, विदेशी के हिंसा प्रभावित क्षेत्र में या फिर देश के अंदर अशांत क्षेत्र में किसी अभियान के दौरान दिव्यांग हुए और उसके बाद सेवामुक्त हुए अभ्यर्थियों के लिए 3 साल। कमीशंड अफसर और ईसीओ/एसएससीओ समेत भूतपूर्व सैनिक जिन्होंने 1 अगस्त तक कम से कम पांच सालों तक सैन्य सेवा दी हो और सेवामुक्त कर दिए गए हों। दिव्यांगों को 10 साल की छूट।

यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स कम से कम शैक्षिक योग्यता(UPSC Civil Services Prelims Exam Minimum Educational Qualifications)
ग्रैजुएट या ग्रैजुएशन तीसरे वर्ष के छात्र भी प्री एग्जाम के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर ग्रैजुएशन के तीसरे वर्ष में हैं तो ऐसे अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करते समय प्री एग्जाम पास करने का प्रूफ देना होगा। जो अभ्यर्थी एमबीबीएस या कोई अन्य मेडिकल एग्जाम पास कर चुके हों लेकिन सिविल सर्विसेज मेन एग्जाम के लिए आवेदन करते समय इंटर्नशिप पूरी नहीं की है, फिर वे आवेदन कर सकते हैं। लेकिन उनको संबंधित यूनिवर्सिटी या संस्थान की ओर से जारी किए गए सर्टिफिकेट की एक कॉपी आवेदन के साथ लगानी होगी। सर्टिफिकेट में यह उल्लेख होना जरूरी है कि अभ्यर्थी ने संबंधित प्रफेशनल मेडिकल एग्जाम के फाइनल को पास कर लिया है।

यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स एग्जाम फीस (UPSC Civil Services Prelims Exam fees)
सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 100 रुपये शुल्क जमा करना होता है। आरक्षित वर्ग और महिलाओं को फीस से छूट प्राप्त होती है।

यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स एग्जाम ऐप्लिकेशन फॉर्म और रजिस्ट्रेशन (UPSC Civil Services Prelims Exam application form and registration)
हर साल यूपीएससी की ओर से एक कैलेंडर जारी किया जाता है। उस कैलेंडर में यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं से संबंधित पूरी तारीख दी होती है। वेकंसी का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ऑनलाइन आवेदन करना होता है। रजिस्ट्रेशन से लेकर आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन यूपीएससी की ऑफिशल वेबसाइट https://upsconline.nic.in पर करना होता है।

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Civil Services Prelims Preparation Tips: जानें कैसे करें सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स की तैयारी

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UPSC CS Prelims Preparation Strategy: अगर आप आईएएस बनने का सपना देख रहे हैं तो आपको यह जान लेना चाहिए कि आपको सबसे पहले सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स क्लिय करना होगा। प्रीलिम्स क्लियर किए बगैर आपका सपना पूरा नहीं होगा। सिविल सर्विसेज की प्रीलिम्स परीक्षा करने वाले कैंडिडेट्स ही सिविल सर्विसेज की मेंस परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसलिए यूपीएससी प्रीलिम्स को कभी हल्के में न लें। आपको बता दें कि प्रीलिम्स देने वाले हर 100 में से सिर्फ 3 कैंडिडेट्स ही मेंस के लिए चुने जाते हैं। कई छात्र सिर्फ यूपीएससी मेंस पर फोकस करते रहते हैं जिससे यूपीएससी प्रीलिम्स में फेल हो जाते हैं। आपको सबसे पहले सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स पर फोकस करना होगा।

क्या पढ़ना है?
किसी भी परीक्षा को क्लियर करने के लिए सबसे अहम है कि क्या पढ़ा जाए। कुछ छात्र कम पढ़कर भी अच्छा नंबर ले आते हैं और दूसरे ज्यादा मेहनत कर भी कुछ हासिल नहीं कर पाते हैं। इसलिए सही स्टडी मटीरियल का चुनाव भी काफी अहमियत रखता है। इसके लिए आप नेट की मदद भी ले सकते हैं और अपने सीनियर से भी पूछ सकते हैं। आपको काफी रिसर्च के बाद अपना स्टडी मटीरियल तैयार करना चाहिए। अगर सही स्टडी मटीरियल का चयन हो जाता है तो समझ लीजिए कि आपकी आधी तैयारी हो गई।

पिछले सालों के प्रश्नपत्रों को देखें
सबसे पहले आपको पिछले कुछ सालों के प्रश्नपत्रों (UPSC Civil Services Prelims Previous Question Papers) का विश्लेषण करना चाहिए। इससे आप यह समझ पाएंगे कि ज्यादातर सवाल किस फील्ड से आते हैं। इससे आपको यह भी पता चल जाएगा कि किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं। आप यूपीएससी की ऑफिशल वेबसाइट से पिछले सालों के प्रीलिम्स के प्रश्नपत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

अपनी परीक्षा खुद लेते रहें
परीक्षा की तैयारी का सबसे बेहतर तरीका खुद की परीक्षा लेते रहना है। आप जो भी स्टडी करते हैं, आपने उस पर कितनी पकड़ बनाई है। यह जानना जरूरी है। इसके लिए आपको एक निर्धारित अंतराल पर अपनी परीक्षा लेते रहनी चाहिए। आप चाहे तो हर हफ्ते या 15 दिनों पर अपने लिए परीक्षा का एक समय निर्धारित कर सकते हैं।

एनसीईआरटी टेक्स्ट को तेजी से कैसे कवर करें?
वैसे सीएस प्रीलिम्स के लिए आपको बहुत सारे मटीरियल का अध्ययन करना होगा लेकिन उनमें एनसीईआरटी काफी मायने रखता है। आपको एक उचित रणनीति बनानी होगी कि आप एनसीईआरटी की किताबों को कितनी जल्दी कवर कर लेते हैं।

टॉपरों के इंटरव्यू से सीखें
हर साल टॉपरों का इंटरव्यू विभिन्न पत्रिकाओं, अखबारों और वेबसाइटों में छपता है। वे अपनी पढ़ने और परीक्षा पास करने की रणनीति के बारे में बताते हैं। उनसे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। जैसे आपको कैसे पढ़ाई का शेड्यूल बनाना चाहिए। किन विषयों पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।

सीसैट को नजरअंदाज न करें
आपका जीएस पेपर 1 में चाहे कितना ही ज्यादा नंबर क्यों न हो, लेकिन आपको 200 मार्क्स के सीसैट पेपर में से कम से कम 66 मार्क्स लाना जरूरी होगा। कई कैंडिडेट्स सीसैट पेपर को हल्के में लेते हैं।

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UPSC Civil Services Prelims: IAS प्रीलिम्स के सिलेबस, एग्जाम पैटर्न और मार्किंग स्कीम के बारे में सबकुछ

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Civil Services Exam Pattern: सिविल सर्विसेज के प्रीलिम्स में दो अनिवार्य पेपर होते हैं। जनरल अबिलिटी टेस्ट (जीएटी) और सिविल सर्विसेज ऐप्टिट्यूड टेस्ट (सीसैट)। सारे सवाल वास्तुनिष्ठ प्रकार के होते हैं यानी एक सवाल के जवाबों का चार विकल्प होता है। उन चारों विकल्प में से एक सही विकल्प चुनना होता है। सवाल हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में होते हैं। लेकिन इंग्लिश लैंग्वेज की कॉम्प्रिहेंशन स्किल से संबंधित सवाल सिर्फ इंग्लिश में ही होते हैं। उसका कोई हिंदी अनुवाद नहीं उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए 10वीं क्लास के स्तर का एक पैसेज दिया जाता है। आईएएस प्रीलिम्स क्वालिफाइंग होता है। इसको क्वॉलिफाई करने के लिए कम से कम 33 फीसदी नंबर होना जरूरी है। क्वालिफाइंग का मतलब है कि इंटरव्यू क्लियर करने के बाद स्कोर के आधार पर जो रैंकिंग होती है, उसमें प्रीलिम्स के नंबर को नहीं जोड़ा जाता है। प्रीलिम्स क्लियर करने के बाद ही आप मेंस की परीक्षा दे सकते हैं।

प्रीलिम्स के लिए एग्जाम पैटर्न (Civil Services Exam Pattern)
एग्जाम मोड ऑफलाइन
पेपरों की संख्या दो पेपर। पहला पेपर सीसैट और दूसरा जनरल अबिलिटी टेस्ट (जीएटी) होता है।
सवालों की संख्या पहले पेपर में 80 सवाल और दूसरे पेपर में 100 सवाल होते हैं।
कुल अंक 400
परीक्षा की प्रकृति क्वालिफाइंग
परीक्षा की अवधि प्रत्येक पेपर के लिए 2 घंटे और दृष्टिबाधित छात्रों को 20 मिनट अतिरिक्त
एग्जाम की भाषा हिंदी और इंग्लिश

यूपीएससी सिविल सर्विसेज मार्किंग स्कीम (UPSC Civil Services Marking Scheme)
1. जनरल स्टडी के सभी सवाल 2-2 नंबर के होते हैं।
2. सिविल सर्विस ऐप्टिट्यूड टेस्ट पेपर (सीसैट) के सवाल 2.5-2.5 नंबर के होते हैं।
3. हर गलत आंसर के लिए एक तिहाई नंबर काटा जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर सवाल 2 नंबर का हुआ तो गलत जवाब देने पर 0.66 मार्क्स अतिरिक्त कटेंगे। यानी एक गलत जवाब पर 2.66 नंबर कटेंगे।
4. अगर किसी अभ्यर्थी ने किसी सवाल का एक से ज्यादा जवाब दिया और उनमें से एक सही भी हो गया तो भी जवाब को गलत माना जाएगा और उपरोक्त नियम के मुताबिक ही उनका नंबर कटेगा।
5. अगर किसी सवाल को खाली छोड़ दिया जाता है यानी जवाबों में से कोई विकल्प नहीं चुना जाता है तो उस स्थिति में अभ्यर्थी का अतिरिक्त मार्क्स नहीं कटेगा।
अभ्यर्थियों को क्वालिफाई करने के लिए कम से कम 33 फीसदी नंबर चाहिए।

सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स सिलेबस 2019 (Civil Services Prelims Syllabus 2019)
सिविल सर्विसेज की परीक्षा में दो पेपर होते हैं। पहला पेपर सिविल सर्विस ऐप्टिट्यूड टेस्ट पेपर (सीसैट) और जनरल स्टडी या जनरल अबिलिटी टेस्ट (जीएटी) होता है।

जनरल अवेयरनेस
इस पेपर में देश के प्रति अभ्यर्थी के ज्ञान और रुचि का परीक्षण होता है। सवाल विभिन्न पहलुओं जैसे इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र आदि से पूछे जाते हैं। कुछ अहम टॉपिक हैं...
राष्ट्रीय हित की घटनाएं
देश की भौगोलिक परिस्थितियों पर सवाल
शासन और संवैधानिक ढांचा
देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा है
आर्थिक और सामाजिक विकास
अनुसंधान और विकास
वैज्ञानिक विकास

सीसैट (इंग्लिश और जनरल ऐप्टिट्यूड)
कॉम्प्रिहेंशन
कम्यूनिकेशन स्किल्स समेत इंटरपर्सनल स्किल्स
लॉजिकल रीजनिंग और ऐनालिटिकल अबिलिटी
डिसिजन मेकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग
जनरल मेंटल अबिलिटी
गणित के बुनियादी सवाल (10वीं क्लास के स्तर के)
इंग्लिश लैंग्वेज कॉम्प्रिहेंशन स्किल्स (10वीं क्लास के स्तर का)

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Civil Services Mains Exam: सिविल सर्विसेज मेंस योग्यता, एग्जाम फीस, ऐप्लिकेशन फॉर्म और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में जानें सबकुछ

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Civil Services Mains Exam: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विसेज के तीन चरण होते हैं। पहला चरण प्राथमिक परीक्षा का होता है जिसको यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स (UPSC Civil Services Prelims) के नाम से जाना जाता है। दूसरा चरण मेंस परीक्षा का होता है। मेंस की परीक्षा के बाद इंटरव्यू होता है। आज हम मेंस की परीक्षा से जुड़ी खास जानकारी जैसे एग्जाम फीस, ऑनलाइन पंजीकरण, ऐप्लिकेशन फॉर्म, योग्यता आदि के बारे में बताने जा रहे हैं...

सिविल सर्विसेज मेंस योग्यता (Civil Services Mains Eligibility)
सिविल सर्विसेज मेंस की परीक्षा वही अभ्यर्थी दे सकता है जिसने सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स (Civil Services Prelims) क्लियर कर ली है। मेंस के लिए योग्यता की यही सबसे बड़ी शर्त है। इसके अलावा अगर किसी छात्र ने प्रीलिम्स जिस समय दिया हो, उस समय वह ग्रैजुएशन फाइनल इयर में रहा हो तो उसको मेंस के समय ग्रैजुएशन में पास होने का साक्ष्य देना पड़ेगा।

सिविल सर्विसेज मेंस एग्जाम फीस (Civil Services Mains Examination Fee)
आवेदक को 200 रुपये का भुगतान करना होता है।
एक बार जमा की गई फीस किसी भी स्थिति में वापस नहीं होती औ न ही किसी अन्य परीक्षा के लिए उसको रिजर्व रखा जा सकता है।
जिस ऐप्लिकेशन के साथ निर्धारित फीस नहीं होगी, उसे रद्द कर दिया जाएगा।

सिविल सर्विसेज मेंस एग्जाम फीस छूट (Civil Services Mains Examination Fee exemption)
सभी महिला कैंडिडेट्स और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/शारीरिक रूप से दिव्यांग कैंडिडेट्स को फीस भुगतान से छूट प्राप्त होती है।
अन्य पिछड़ा वर्ग के कैंडिडेट्स को फीस से कोई छूट नहीं है।
शारीरिक रूप से दिव्यांग कैंडिडेट्स को फीस से छूट मिलेगी। अगर कोई दिव्यांग कैंडिडेट्स संबंधित सेवा या पद के लिए जरूरी शारीरिक और चिकित्सकीय मानकों को पूरा करता है तो दिव्यांग होने के बावजूद वह परीक्षा दे सकता है।

सिविल सर्विसेज मेंस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Civil Services Mains online registrations)
1. ऑफिशल वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं
2. UPSC Civil Services (Main) Examination के लिंक पर क्लिक करें
3. अपना 6 अंकों वाला प्रीलिम्स रोल नंबर, डेट ऑफ बर्थ, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट पर जो दर्ज है वह नाम और एक ऐक्टिव एवं वैलिड ईमेल आईडी का इस्तेमाल करके लॉगिन करें
4. कैप्चा पर एंटर करें और सबमिट बटन क्लिक करें। स्क्रीन पर मेसेज आएगा जिसमें आपका नाम और ईमेल आईडी होगी। ईमेल आईडी पर आपका पासवर्ड भेजा जाएगा।

ऐप्लिकेशन फॉर्म को ऐसे भरें
ऐप्लिकेशन फॉर्म को भरने के लिए अपने 6 अंकों वाले प्रीलिम्स रोल नंबर और पासवर्ड का इस्तेमाल करके लॉगिन करें
अपनी निजी, शैक्षिक, अभिभावक और रोजगार से संबंधित विवरण भरें
वहां छह मॉड्युल होंगे। डीटेल्स भरने के बाद हर मॉड्युल को सेव करते रहें
आखिरी बार जमा करने के बाद आप कोई बदलाव नहीं कर पाएंगे।
कुछ कॉलम खुद से भर जाएंगे जिसकी डीटेल्स आपके प्रीलिम्स फॉर्म से उठाई जाएगी।
इन डीटेल्स में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। अगर कोई गलती होगी तो आपको आयोग के पास अलग से शिकायत दर्ज करानी होगी।

दस्तावेज अपलोड करें
आयु का प्रमाण
शैक्षिक योग्यता की डिग्री
जाति/समुदाय प्रमाणपत्र, अगर लागू हो
विकलांगता प्रमाणपत्र, अगर लागू हो
फोटो पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज

ऐप्लिकेशन फीस का भुगतान
कैंडिडेट्स ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।
ऑनलाइन भुगतान के लिए कैंडिडेट्स अपने क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड/रुपे कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ऑफलाइन पेमेंट के लिए ईचालान डाउनलोड करें और अगले दिन ही एसबीआई बैंक की शाखा में नकदी फीस जमा कराएं
फीस भुगतान के बाद अपने ऐप्लिकेशन फॉर्म को डाउनलोड और सेव कर लें

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जानें CAT Exam Pattern And Syllabus की पूरी डीटेल, पढ़ें पूरी जानकारी

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CAT Exam Pattern: कैट कंप्यूटर आधारित परीक्षा होती है जो कुल 3 घंटे के लिए आयोजित की जाती है। इसे कॉमन ऐडमिशन टेस्ट या कैट कहते हैं। इस परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों को देश के 20 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIMs) और देश के 1 हजार से ज्यादा बिजनेस स्कूल में ऐडमिशन का मौका मिलता है। इस परीक्षा के मुख्य रूप से तीन हिस्से होते है जिनमें मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन और नॉन मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन पूछे जाते हैं। यहां हम आपको इस परीक्षा का एग्जाम पैटर्न और इसके सिलेबस की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

CAT Exam Pattern
सेक्शन

MCQ सवाल

नॉन MCQ सवाल

कुल सवाल

वर्बल और रीडिंग कंप्रेहेंसन

24

10

34

डेटा इंटरप्रेटेशन और लॉजिकल रीजनिंग

24

8

32

क्वांटीटिव एप्टीट्यूड

27

7

34

कुल

75

25

100



इस परीक्षा के तीन सेक्शन में अलग-अलग तरीके से छात्र की जानकारी और समझ को परखा जाता है। अब यहां हम आपको उन टॉपिक्स की जानकारी दे रहे हैं जो कैट एग्जाम सिलेबस में शामिल किए गए हैं।

कैट परीक्षा में बोलने और पढ़ने की समझ सेक्शन (Verbal and Reading Comprehension Section)
इस सेक्शन के नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें किसी भी छात्र की मौखिक और पढ़ने की समझ को परखा जाता है। इस सेक्शन में 5 पैसेज होते हैं जो करीब 500 शब्दों के होते हैं। तीन पैसेज में 6-6 सवाल होते है जबकि दो पैसेज में 3-3 सवाल होते हैं। ध्यान रहे कि यहां निगेटिव मार्किंग का प्रावधान ही सही जवाब के लिए जहां 3 अंक दिए जाते हैं वहीं गलत जवाब के लिए 1 अंक काट लिया जाता है। यहां हम आपको इस सेक्शन प्रमुख टॉपिक के बारे में बता रहे हैं।

रिक्त स्थानों को भरना

पैराग्राफ पूरा करना

मुहावरे


फैक्ट इंटफेयरेंस जजमेंट

वाक्य बनाना

एनालॉजिस

पैरा जंबल

वाक्यों का इस्तेमाल


डेटा इंटरप्रेटेशन और लॉजिकल रीजनिंग (Data Interpretation And Logical Reasoning For CAT)

पूरे एग्जाम में यह सबसे कठिन सेक्शन माना जाता है। इस सेक्शन में भी मल्टीपल चॉइस और नॉन मल्टीपल चॉइस दोनो तरह के सवाल पूछे जाते हैं। मुख्य तौर पर इस सेक्शन में टेबल चार्ट, लाइन चार्ट, क्यूब आधारित सेट्स आदि पर सवाल पूछे जाते हैं।

बार ग्राफ

ग्राफ का कॉम्बिनेशन

लाइन ग्राफ

पाइ चार्ट

केस लेट्स

टेबल

वेन डायग्राम

ब्लड रिलेशन

सिटिंग अरेंजमेंट्स

सिलोगिज्म

डेटा सफिशिएंसी

प्रपोजिशन

डेटा अरेंजमेंट

पजल्स

असंपशन

स्टेट्मेंट

क्लॉक एंड कैलेंडर

सेट्स





इस सेक्शन को सबसे कठिन माना जाता है इसलिए पहले वो सवाल हल करने की कोशिश करें जो सबसे आसान लगता है। कठिन सवाल पर ज्यादा समय नष्ट न करें। पेपर के इस सेक्शन पर ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। इसे सेक्शन में कुल 32 सवाल होते हैं जिसमें 24 मल्टीपल चॉइस और 8 नॉन मल्टीपल चॉइस होते हैं।

क्वांटीटिव एप्टीट्यूड (Quantitative Aptitude Syllabus For CAT)

इस सेक्शन में करीब 43 सवाल पूछे जाते हैं जिसमें छात्र की गणित पर पकड़ को हर ऐंगल से परखा जाता है। दूसरे सेक्शन की तरह इसमें भी मल्टीपल चॉइस और नॉन मल्टीपल चॉइस सवालों की संख्या में फेरबदल होता रहता है।

परसेंटेज

बीजगणित

एलीगेशन और मिक्सचर

लाभ और हानि

लघुगणक

समय और काम

सर्ड्स एंड इंडिक्स

असमानता

रेखीय और चतुष्कोण समीकरण

समय, गति और दूरी

टेबल्स और केस

व्यय और भागीदारी


ध्यान रहे कि कैट एग्जाम के सिलेबस में हर साल कुछ कुछ बदलाव होता रहता है। इसलिए इसके सिलेबस से हमेशा अपडेट रहें। इसके अलावा प्रत्येक सेक्शन में पूछे जाने वाले MCQ और Non MCQ सवालों की संख्या में भी बदलाव होता रहता है।

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MAT Exam Syllabus: जाने मैट एग्जाम का पूरा सिलेबस, पढ़ें पूरी डीटेल

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MAT Exam Syllabus For MBA: मैट एग्जाम का आयोजन ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) करवाता है। एग्जाम को पास करने के बाद आवेदकों को देश के विभिन्न मैनेजमेंट संस्थानों में प्रवेश का मौका मिलता है। इस पेपर में कुल 5 सेक्शन होते हैं। हालांकि हर साल इस पेपर के सिलेबस में कुछ नए टॉपिक शामिल किए जाते हैं जबकि कुछ पुराने हटा दिए जाते हैं। इसलिए एग्जाम सिलेबस की बिल्कुल सही जानकारी देना कठिन है लेकिन यहां हम आपको मोटे तौर पर एग्जाम में शामिल होने वाले टॉपिक्स की जानकारी दे रहे हैं।

यहां जो टॉपिक हम आपको बता रहे हैं उनके आधार पर आप अपने एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं। हम आपको सेक्शन वाइज टॉपिक की जानकारी दे रहे हैं।

मैट एग्जाम का लैंगवेज और कम्प्रेहेंसन सेक्शन (MAT Exam Language Comprehension Section)
मैट एग्जाम का यह सेक्शन दो भागों में बंटा है पहले सेक्शन में रीडिंग कम्प्रेहेंसन पैसेज है वहीं दूसरे भाग में ग्रामर और अन्य मौखिक योग्यता को परखा जाता है। पिछले पेपर में इस एग्जाम में लगभग 12 टॉपिक को शामिल किया गया था जिसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं। इस सेक्शन में कुल 40 सवाल पूछे जाते हैं जो नीचे दिए गए टॉपिक के आधार पर होते हैं।

क्रिया संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया विशेषण

भाषण

ग्रामर

वाक्य निर्माण और सुधार

पर्यावाची शब्द

रिक्त स्थान भरना

वन वर्ड सब्स्टीट्यूशन

विलोम शब्द

पैरा जंबल

रीडिंग कम्प्रेहेंसन

मुहावरे

शब्दावली



रीडिंग कम्प्रेहेंसन में अधिकतर पैसेज इंगलिश साहित्य की किताबों से से लिए जाते हैं।

इंटेलीजेंस एंड क्रिटिकल रीजनिंग (Intelligence And Critical Reasoning For MAT)

यह सेक्शन कहने को तो छोटा होता है लेकिन इस सेक्शन में सबसे कठिन और घुमावदार सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन को दो भागों में बांटा जाता है पहले भाग में सिलेबस फॉर इंटेलीजेंस रीजनिंग और दूसरे भाग में सिलेबस फॉर क्रिटिकल रीजनिंग होता है। इस सेक्शन में भी मल्टीपल चॉइस प्रश्न पूछे जाते हैं।

समानता

सिटिंग अरेंजमेंट

ब्लड रिलेशन

दूसरों के बीच बयान और तर्क

क्लॉक्स

कैलेंडर्स

पैसेज कन्क्लूजन

बाइनरी लॉजिक

लॉजिकल सिक्वेंस

कल्पना

क्षेत्र

तथ्य निष्कर्ष निर्णय

टीम फॉर्मेशन

निर्देश देने का ज्ञान और निर्णय लेने की क्षमता

इनपुट-आउटपुट

सिलोगिज्म

रैखिक और मैट्रिक्स व्यवस्था

क्यूब्स

पंक्तियां

पजल्स

सीरिज

मात्रात्मक तर्क

वेन डायग्राम

महत्वपूर्ण तर्क



इस सेक्शन में कुल 40 मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन के लिए ज्यादा प्रैक्टिस की जरुरत होती है।

गणितीय कौशल (Mathematical Skills Syllabus For MAT)
मैट एग्जाम के इस सेक्शन में भी कुल 40 मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस सेक्शन में गणित के अलग-अलग भागों से सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन को पास करने के लिए भी अच्छे गणित कौशल की जरुरत होती है।

ब्याज

गति, समय और दूरी

साधारण गणित

नंबर सिस्टम

कमर्शियल मैथ्स

प्रतिशत

लाभ और हानि

नंबर से जुड़े सवाल


मिक्सचर्स एंड एलीगेशन

ऐकिक विधि

LCM और HCF

क्रमपरिवर्तन और संयोजन

ऊंचाई और दूरी


अनुक्रम और श्रृंखला

त्रिकोण

गोलाई

ज्यामीतिय

वेन डायग्राम

कॉम्पलेक्स नंबर्स

लघुगणक

द्विपद प्रमेय

असमानता


समुच्चय सिद्धान्त




इस सेक्शन में सवालों की संख्या 40 होती है यह मल्टीपल चॉइस सवाल होते हैं। परसेंटाइल कैलकुलेशन में इस सेक्शन की वेटेज करीब 25 फीसदी होती है। इस भाग में गणित के अलग-अलग सेक्शन से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

डेटा एनालिसिस और सफिशिएंसी (Data Analysis And Sufficiency Syllabus)
इस सेक्शन में भी सवालों की कुल संख्या 40 होती है और सभी मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं। इस सेक्शन में सबसे ज्यादा सवाल डेटा इंटरप्रेटेशन से जुड़े पूछे जाते हैं जो कुल सवालों का 50 फीसदी तक होता है। इस सेक्शन को हल करते समय का ध्यान रखें और कठिन सवालों पर ज्यादा समय न लगाएं।

बार डायग्राम और चार्ट

डेटा चार्ट

वेन डायग्राम

पाई चार्ट

डेटा सफिशिएंसी

ग्राफ्स

डेटा एनालिसिस

डेटा टेबल

डेटा कंपेरिजन



इंडियन और ग्लोबल एनवायरमेंट (Indian And Global Environment Syllabus For MAT)
इस सेक्शन में मुख्य तौर पर सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें बिजनेस के बारे में आपको सारी समझ होनी चाहिए इसके अलावा मौजूदा समय में कौन कहां, किस पोजिशन पर है इसकी जानकारी भी होना चाहिए। इसे सेक्शन में 40 मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाते हैं।

-भारत और विश्व का करंट अफेयर्स

-भारत और राज्य

-कौन किस पद पर है

-नैशनल और इंटरनैशनल इवेंट

-करंसी, कैपिटल आदि से जुड़े सवाल संविधान आदि

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Civil Services Mains Preparation: जानें कैसे करें सिविल सर्विसेज मेंस की असरदार तैयारी

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सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स क्लियर करने के बाद सिविल सर्विसेज मेंस (Civil Services Mains) की बारी आती है। सिविल सर्विसेज मेंस (Civil Services Mains) की तैयारी बहुत से कैंडिडेट्स को परेशान करती है। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप कड़ी मेहनत, बेहतरीन स्ट्रैटिजी और स्मार्ट तरीके से तैयारी करके इस मुश्किल परीक्षा को क्लियर कर सकते हैं। आइए आज आपको सिविल सर्विसेज मेंस (Civil Services Mains) की तैयारी के बारे में बताते हैं।

कुल नौ पेपर
इसमें जनरल स्टडी के चार पेपर, 2 ऑप्शनल पेपर, 1 निबंध का पेपर, 2 क्वालिफाइंग लैंग्वेज के पेपर होते हैं।

आंसर लिखने में क्वॉलिटी का ध्यान रखें
आपने तैयारी पर कितनी मेहनत की, यह मायने नहीं रखता है बल्कि आपने कॉपी में क्या लिखा है, वही आपका भविष्य तय करेगा। इसलिए किसी भी सवाल का जवाब लिखते समय आपका ध्यान गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर होना चाहिए।

आपको यह पता होना चाहिए कि किसी खास सवाल के जवाब में असल में क्या लिखना है। कभी टॉपिक से परे न जाएं। परीक्षक को सवाल के जवाब के अलावा अतिरिक्त कुछ और आपसे जानने की जरूरत नहीं है। मुख्य बिंदुओं पर ही ध्यान केंद्रित करें और उनको अच्छे तरीके से समझाएं। जहां कहीं भी आपको जरूरत महसूस हो, वहां उदाहरण का इस्तेमाल करें।

जहां कहीं भी जरूरत हो, वहां अहम शब्दों और वाक्यों को हाइलाइट (अंडरलाइन) करें। उदाहरण के लिए, अगर आप चंद्रयान पर किसी सवाल का जवाब लिख रहे हैं तो चंद्रयान-2, इसरो और वैज्ञानिकों के नाम को हाइलाइट कर दें। इसके अलावा इस मिशन से जुड़ी जो भी चीजें अहम हैं जैसे चंद्रयान-2 के हिस्सों के नाम आदि को हाइलाइट जरूर कर दें।

नोट्स बनाने पर फोकस करें
अलग-अलग विश्वसनीय स्रोतों से लिखित नोट्स बनाएं। इससे न सिर्फ आपको अच्छी क्वॉलिटी के उत्तर लिखने में मदद मिलेगी बल्कि विषयों को लेकर आपकी जानकारी भी बढ़ेगी।

इंटरनेट पर संबंधित वेबसाइटों को देखते रहें और उनके लिंकों को अपने फोल्डर्स में जमा करते रहें। उन लिंकों की मदद से लिखित नोट्स बनाएं। लिखित नोट्स बनाने का एक फायदा यह होता है कि बहुत सी चीजें आपको याद भी हो जाती हैं।

टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें
परीक्षा के दौरान समय कम होता है और सवाल ज्यादा। इससे निपटने के लिए आपको शुरू से ही समय के सही प्रबंधन की कला सीखनी होगी। इसके लिए आप बार-बार मॉक टेस्ट की मदद ले सकते हैं। मॉक टेस्ट से आपको कम समय में संतुलित आंसर लिखने की कला पर दक्षता हासिल करने में मदद मिलती है।

जनरल स्टडी के पेपर की तैयारी
जनरल स्टडी में रट्टा मारने पर ध्यान न दें। सवालों की थीम को समझें तो ज्यादा फायदा होगा। नीचे बताए गए पांच काम के टिप्स जरूर आजमाएं...

आईसीएसई और एनसीईआरटी की किताबों की मदद से अपनी बुनियादी जानकारी को मजबूत करें

क्वान्टिटी की जगह क्वॉलिटी को प्राथमिकता दें। जब तक पिछला टॉपिक अच्छी तरह से क्लियर नहीं हो जाए, अगले टॉपिक को न पकड़ें।

लिखित प्रैक्टिस पर ज्यादा समय दें। जितनी ज्यादा आप प्रैक्टिस करेंगे, उतना ज्यादा बेहतर रिजल्ट आएगा।

रोजाना, हफ्ते में एक बार, महीने में एक बार रिवाइज जरूर करें। इससे आपको उन चीजों को अच्छी तरह याद रखने में मदद मिलेगी, जो आपने याद किया है।

कम से कम ऑनलाइन या ऑफलाइन टेस्ट सीरीज में जरूर हिस्सा लें। इससे आपको तैयारी का स्तर पता चलेगा और कमियां सामने आएंगी जिसे दूर करके सफलता का रास्ता खुलेगा।

ऑप्शनल सब्जेक्ट की तैयारी
ऐच्छिक विषय की तैयारी तो प्रीलिम्स के समय से ही शुरू कर देनी चाहिए। कई छात्र प्रीलिम्स को खत्म होने का इंतजार करते हैं और उसके बाद सिविल सर्विसेज मेंस के ऐच्छिक विषय की तैयारी करते हैं। इस तरह वे अपना एक कीमती साल बर्बाद कर देते हैं।

जीएस पेपर्स में आप जो मार्क गंवाएंगे उसकी भरपाई ऐच्छिक विषय से हो सकती है। इसलिए शुरुआत से ही ऐच्छिक विषय को गंभीरता से लेना चाहिए। जो कुछ भी ऐच्छिक विषय चुनें, उस पर मजबूत पकड़ बनाएं।

निबंध की तैयारी के लिए क्या करें?
  • स्टैंडर्ड लेखकों द्वारा लिखित किताबों को पढ़ें
  • दुनिया भर में हो रही घटनाओं से अवगत रहें
  • राष्ट्रीय दैनिकों के संपादकीय को रोजाना पढ़ें
  • योजना और कुरुक्षेत्र पत्रिकाओं को नियमित रूप से पढ़ें
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर डिबेट्स देखें
निबंध की तैयारी के लिए क्या नहीं करें?
  • किसी भी चीज की ज्यादा प्रशंसा या फिर ज्यादा आलोचना
  • भड़कीली भाषा
  • निजी होना
  • कोट्स बदलना

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CAT Exam Details: कैट परीक्षा से जुड़ी योग्यता, फीस, रजिस्ट्रेशन के साथ तैयारी के टिप्स, पढ़ें पूरी डीटेल

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CAT Exam Paper: कॉमन ऐडमिशन टेस्ट या कैट परीक्षा का आयोजन मैनेजमेंट कोर्सेस में ऐडमिशन के लिए किया जाता है। हर साल के मध्य में इस परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाता है जबकि एग्जाम का आयोजन नवंबर-दिसंबर में किया जाता है। हर साल 2 लाख से ज्यादा छात्र इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं। बता दें कि इस परीक्षा को पास करने के बाद सिंगापुर के 115 से ज्यादा बिजनेस स्कूल में भी ऐडमिशन लिया जा सकता है।

यहां हम आपको कैट परीक्षा से जुड़ी पूरी डीटेल दे रहे हैं। इसके साथ ही परीक्षा की तैयारी की टिप्स भी दे रहे हैं। कैट परीक्षा देने से पहले आवेदक को इसकी पूरी डीटेल पता होना जरूरी है ताकि आगे कोई परेशानी खड़ी न हो।

कैट परीक्षा के लिए जरूरी योग्यता (CAT Exam Eligibility Criteria)
इस परीक्षा में बैठने के लिए छात्र के किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्याय से ग्रेजुएशन में 50 फीसदी अंक होना जरूरी है। वहीं SC/ST/PWD वर्ग के छात्रों के लिए यह सीमा 45% है। इस परीक्षा में फाइनल ईयर के छात्र भी अप्लाई कर सकते हैं या जिन छात्रों को रिजल्ट का इंतजार है लेकिन आवेदन के समय छात्र के पास आवश्यक योग्यता होनी चाहिए। कैट परीक्षा के लिए आवेदन का क्राइटेरिया कई सालों से एक ही है। जरूरी नहीं है कि आप कॉमर्स में साइंस में ग्रेजुएट हों।

कैट परीक्षा की फीस (CAT Registration Fees)
कैट परीक्षा के लिए आवेदन के समय एग्जाम फीस का भुगतान करना होता है। बिना एग्जाम फीस के छात्र एग्जाम नहीं दे सकता है। कैट परीक्षा के लिए सामान्य वर्ग के आवेदक के लिए फीस 1900 रुपए है जिसमें पिछले तीन साल से बदलाव नहीं हुआ है। वहीं SC वर्ग के आवेदन के लिए फीस 950 (CAT Exam Fees For SC), PWD वर्ग के आवेदन के लिए फीस भी 950 रुपए है इसके अलावा एसटी वर्ग के लिए भी 950 रुपए एग्जाम फीस तय की गई है।

फीस का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है। फीस में छूट लेने के लिए आरक्षित वर्ग के आवेदकों को SC/ST/PwD सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन के समय डाउनलोड करना होता है। एक बार दी गई फीस को बाद में वापस नहीं लौटाया जाता है। बता दें कि कैट रजिस्ट्रेशन के बाद किसी भी सूरत में कैटेगिरी में बदलाव नहीं किया जाता है इसलिए सोच-समझकर कैटेगिरी भरें क्योंकि इसके मुताबिक आपको आगे प्रूफ भी देना होगा।

कैट एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन (CAT Registration Form)
कॉमन ऐडमिशन टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन ऑफिशल वेबसाइट iimcat.ac.in पर जाकर कराया जा सकता है। इस परीक्षा के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन ही किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के समय छात्र को प्रेफरेंस के मुताबिक एग्जाम सेंटर के लिए चार शहरों को भरना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद छात्रों को प्रेफरेंस में दिए गए किसी एक शहर में केन्द्र दे दिया जाता है। अगर किसी सूरत में आवेदक को किसी शहर का आवंटन नहीं होता है तो उसे कोई नजदीकी शहर आवंटित कर दिया जाता है।

इस परीक्षा का आयोजन 147 शहरों में किया जाता है। बता दें कि टेस्ट सेंटर की पूरी जानकारी आवेदक के ऐडमिट कार्ड में दी गई होती है। इसमें परीक्षा केन्द्र का पता, एग्जाम टाइमिंग, छात्र का नाम, एग्जाम का नाम आदि पूरी डीटेल दी गई होती है।

कितने साल तक वैध होता है कैट स्कोर (CAT SCORE is Valid For How Many Years)
कैट स्कोर की मान्यता परीक्षा देने के अगले एक साल तक मान्य होती है जैसे 2018 में दी गई परीक्षा का स्कोर 31 दिसंबर 2019 तक वैध होगा। यह स्कोर कैट वेबसाइट पर उपलब्ध होता है इसके अलावा आवेदक को ईमेल और एसएमएस के जरिए भी सूचना दी जाती है।

कैट की तैयारी कैसे करे (How To Prepare For CAT Exam)
अपनी कमजोरी और मजबूती को पहचानें- पहले आप कैट परीक्षा के सिलेबस को समझे और इसमें से देखें कि आप किस क्षेत्र में कमजोर हैं और किस क्षेत्र में मजबूत हैं। अपनी कमजोरियों को पहचानते हुए उसे मजबूत करने की कोशिश करें और अपने मजबूत क्षेत्र को और मजबूत करें। अपनी कमजोरी को मजबूत करके आपको इसे मजबूती में तब्दील करना है जबकि अपनी मजबूती का ज्यादा इस्तेमाल करते हुए आपको ज्यादा से ज्यादा अंक प्राप्त करने की कोशिश करनी है।

मॉक टेस्ट और सेंपल पेपर पढ़ें- परीक्षा के मॉक टेस्ट का इस्तेमाल आप प्रैक्टिस के लिए करें। मॉक टेस्ट की प्रैक्टिस आप ऑनलाइन कर सकते है जिससे आपको असली के एग्जाम जैसे माहौल में प्रैक्टिस का मौका मिलेगा। इसके अलावा आप कैट परीक्षा के पुराने सेंपल पेपर्स को हल करें। इससे आपको एग्जाम के सवालों का तरीका पता चलेगा साथ ही आपके अंदर सवाल हल करने का कॉन्फिडेंस भी पैदा होगा।

टाइम का ध्यान रखें- समय एक ऐसी चीज है जिसका ध्यान आपको पेपर से पहले और पेपर के दौरान खासतौर पर रखना होगा। एग्जाम से पहले टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें वहीं एग्जाम के दौरान उन सवालों को पहले हल करें जो आपको आसान लगते हैं। ऐसे सवालों पर ज्यादा समय खराब न करें जो आपको कठिन लगते हैं। अगर कोई सवाल आपको कठिन लग रहा है तो इसपर समय न खराब करते हुए इसे अंत में हल करने की कोशिश करें।

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Civil Services Mains Exam: जानें, सिलेबस, एग्जाम पैटर्न और मार्किंग स्कीम के बारे में सबकुछ

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सिविल सर्विसेज की प्राथमिक परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स ही मेंस की परीक्षा दे सकते हैं। आइए आज आपको मेंस परीक्षा के पैटर्न, इसके सिलेबस और मार्किंग स्कीम के बारे में बताते हैं...

पेपर और मार्क्स
पेपर पेपर का नाम मार्क्स
पेपर 1 निबंध लेखन 250
पेपर 2 जनरल स्टडी-1 (Indian Heritage and Culture, History and Geography of the World and Society) 250
पेपर 3 जनरल स्टडी-II (Governance, Constitution, Polity, Social Justice and International relations)
250
पेपर 4 जनरल स्टडी-III (Technology, Economic Development, Bio‐diversity, Environment, Security and Disaster Management) 250
पेपर 5 जनरल स्टडी-IV (Ethics, Integrity, and Aptitude) 250
पेपर 6 ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर-1 250
पेपर 7 ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर-2 250
लिखित परीक्षा के कुल अंक 1750
पर्सनल इंटरव्यू 275
मेरिट कैलकुलेशन के लिए ग्रांड टोटल 2025

सिविल सर्विसेज मेंस एग्जाम पैटर्न ( Civil Services Mains Exam Pattern)
  • सिविल सर्विसेज मेंस भी ऑफलाइन एग्जाम होता है। प्रत्येक पेपर के 250 अंक निर्धारित होते हैं।
  • हर पेपर 3 घंटे का होता है। दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों को 30 मिनट अतिरिक्त दिए जाते हैं।
  • एग्जाम में कुल 9 पेपर होते हैं। सवाल ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों प्रकृति के होंगे। सवाल हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषा में होगा।
  • सिविल सर्विसेज मेंस एग्जाम को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक क्वॉलिफाइंग एग्जाम और दूसरा मेरिट एग्जाम। क्वॉलिफाइंग एग्जाम वह होता है, जिसका नंबर आपकी मेरिट लिस्ट तैयार करने में नहीं जोड़ा जाता है लेकिन उनमें पास होना अनिवार्य होता है। दूसरी ओर मेरिट पेपर्स जितने हैं, उनके नंबर मेरिट लिस्ट तैयार करने में शामिल होते हैं। मेरिट पेपर कुल 7 होते हैं जिनके कुल नंबर 1750 होते हैं।
क्वॉलिफाइंग पेपर्स
पहला पेपर: इसमें आपको कोई भी एक भारतीय भाषा लेनी होगी। संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल विषयों में से किसी एक को भारतीय भाषा के तौर पर रखा जा सकता है।)
दूसरा पेपर: इंग्लिश
ये दोनों पेपर 300-300 के होंगे।

सिविल सर्विसेज मेंस एग्जाम मार्किंग स्कीम (Civil Services Mains Exam Marking Scheme)

  • मुख्य परीक्षा के कुल अंक 1750 होंगे।
  • प्रत्येक सवाल के 2.5 अंक होंगे।
  • अभ्यर्थियों को उनके विचार, कॉन्टेंट के फ्लो, समस्या/स्थिति की समझ, संभव हल/रणनीति प्रस्तुत करने, प्रजेंटेशन और भाषा के आधार पर ग्रेडिंग दी जाएगी।
  • कैंडिडेट्स दो ऑप्शनल पेपर का चुनाव कर सकते हैं। इन दोनों ऑप्शनल पेपर का कैंडिडेट्स को एग्जाम देना होगा।

ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की लिस्ट
कृषि, भूगोल, वाणिज्य और लेखा, गणित, नागरिक प्रशासन, भौतिकी, पशुपालन और पशु चिकित्सा, भूविज्ञान, सांख्यिकी, मानव शास्त्र , इतिहास, अर्थशास्त्र, मकैनिकल इंजिनियरिंग, समाजशास्त्र, प्राणी विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, विधि, रसायन शास्त्र, राजनीति शास्त्र और अंतरराष्ट्रीय संबंध, प्रबंधन, मनोविज्ञान, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, चिकित्सा विज्ञान, सिविल इंजिनियरिंग, दर्शनशास्त्र

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XAT Exam: जानें परीक्षा का पैटर्न और सिलेबस, पढ़ें तैयारी के बेहतरीन टिप्स

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XAT Exam Date: 2020 से आयोजित होने वाली XAT परीक्षा में केवल चार सेक्शन ही रहेंगे। इससे पहले ये सेक्शन पांच हुआ करते थे लेकिन अगले साल के लिए निबंध लिखने के सेक्शन को एग्जाम से हटा दिया गया है। Xavier Aptitude Test इस परीक्षा को पास करने के बाद छात्रों को देश के प्रमुख बिजनेस स्कूल के मैनेजमेंट कोर्सेस में ऐडमिशन मिलता है। इस परीक्षा का आयोजन जमशेदपुर का XLRI कराता है।

यहां हम आपको इस परीक्षा के एग्जाम पैटर्न और सिलेबस की पूरी जानकारी दे रहे हैं क्योंकि किसी भी परीक्षा में बैठने से पहले उसके पैटर्न और सिलेबस की जानकारी जरूरी है। सिलेबस और पैटर्न के आधार पर ही एग्जाम की तैयारी की जाती है। इस तरह के मैनेजमेंट एंट्रेंस टेस्ट के सिलेबस और पैटर्न में हर साल कुछ न कुछ बदलाव आ जाता है इसलिए छात्रों को एग्जाम के सिलेबस और पैटर्न से अपडेट रहना चाहिए।

जाने एक्सैट एग्जाम का पूरा पैटर्न (XAT Exam pattern)

सेक्शन

कुल अंक

सवालों की संख्या


मात्रात्मक क्षमता और डेटा व्याख्या






25

27

डिसिजन मेकिंग

25

22

मौखिक और तार्किक क्षमता

25

26

सामान्य ज्ञान

25

25

कुल

100

100


-पूरी परीक्षा के लिए 180 मिनट का समय दिया जाता है

-प्रत्येक सही जवाब के 1 अंक दिए जाते हैं

-वहीं प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काट लिए जाते हैं

-हालांकि GK सेक्शन में निगेटिव मार्किंग नहीं होती है।

-पूरे पेपर में 100 सवाल पूछे जाते हैं।

-ये है एक्सैट एग्जाम का पूरा सिलेबस (XAT Syllabus)

विषय

महत्वपूर्ण टॉपिक


मात्रात्मक क्षमता और डेटा व्याख्या


ज्यामितीय, टेबल, ग्राफ, दूरी और गति, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, अंकगणित

डिसिजन मेकिंग

विश्लेषणात्मक तर्क,सिचुएशनल, डेटा अरेंजमेंट सेट्स आदि

मौखिक और तार्किक क्षमता

रीडिंग कम्प्रेहेंसन, शब्दावली, पैरा कम्पलीशन, पैरा जंबल

सामान्य ज्ञान

इतिहास, राज्य और देश, राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, बिजनेस, खेल, साहित्य



पूरे पेपर को हल करने के लिए कुल 180 मिनट का समय दिया जाता है। पेपर का आयोजन ऑनलाइन मोड में किया जाता है। अब सिलेबस में से निबंध के सेक्शन को हटा दिया गया है जो पहले इस एग्जाम का हिस्सा हुआ करता था। इसलिए अब आवेदकों को ज्यादा स्कोर करने के लिए अन्य चार सेक्शंस पर फोकस करना होगा।

यहां हम आपको एग्जाम के मुख्य बिंदुओं के बारे में बता रहे हैं

-2020 एग्जाम से निबंध के सेक्शन को हटा दिया गया है पूरे पेपर में केवल चार सेक्शन ही होंगे।

-पूरा पेपर बिना ब्रेक का होगा और प्रत्येक सेक्शन के लिए अलग से समय नहीं दिया गया है पूरे पेपर के लिए 180 मिनट का समय होगा।

-पेपर में कुल 100 सवाल पूछे जाएंगे। जिसमें 75 सवाल निगेटिव मार्किंग के होंगे जबकि सामान्य ज्ञान के 25 सवालों में कोई निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

-इस परीक्षा का आयोजन हर साल जनवरी में किया जाता है।

एक्सैट एग्जाम की ऐसे करें तैयारी (XAT Exam Preparation Tips)

एग्जाम पैटर्न और सिलेबस को समझें- हर परीक्षा का एक अलग एग्जाम पैटर्न और सिलेबस होता है और इसी के आधार पर परीक्षा की तैयारी की जाती है। सिलेबस के आधार पर ही टॉपिक्स की तैयारी करते हैं। सिलेबस से बाहर टॉपिक्स को पढ़ना समय की बर्बादी है। इसलिए सबसे पहले एग्जाम के पैटर्न और सिलेबस को समझें और फिर तैयारी करें।

मॉक टेस्ट से प्रैक्टिस करें- एक्सैट एग्जाम का मॉक टेस्ट आपको ऑनलाइन आसानी से मिल जाएगा। इस परीक्षा का मॉक टेस्ट कई वेबसाइट्स पर फ्री में भी उपलब्ध है। मॉक टेस्ट के जरिए प्रैक्टिस करने से आपको असली माहौल में सही सवालों के साथ प्रैक्टिस का मौका मिलेगा। जिससे आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा।

डिसीजन मेकिंग सेक्शन पर ध्यान दें- यह एक ऐसा सेक्शन है जहां आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। यह पूरा सेक्शन आपकी सोच और समझ पर निर्भर करता है। इस सेक्शन की तैयारी का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इस सेक्शन के पुराने सवालों को हल करें।

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SBI Clerk Mains Pattern 2019: ऐसे करें मेन एग्जाम की तैयारी, जानें एग्जाम पैटर्न

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SBI Clerk Mains 2019 Pattern: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने क्लर्क पदों के लिए आयोजित प्री परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है साथ ही मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के ऐडमिट कार्ड भी जारी कर दिए गए हैं। इस ऐडमिट कार्ड को आप एसबीआई की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

मुख्य परीक्षा का आयोजन 10 अगस्त 2019 को होना है ऐसे में आपके लिए एग्जाम पैटर्न के बारे में जानना बहुत जरूरी है।

SBI Clerk Mains Exam Pattern 2019

सेक्शन

सवालों की संख्या

कुल अंक

समय

सामान्य इंगलिश

40

40

35 मिनट

क्वांटिटिव ऐप्टिट्यूड

50

50

45 मिनट

रीजनिंग एबिलिटी और कंप्यूटर ऐप्टिट्यूड

50

50

45 मिनट

जनरल/फाइनेंस अवेयरनेस

50

50

35 मिनट

कुल

190

200

2 घंटे 40 मिनट


प्रत्येक टेस्ट के लिए अलग से समय दिया गया है। इसमें सामान्य इंगलिश का टेस्ट हिंदी और इंगलिश दोनो भाषाओं में होगा। बाकी सेक्शन में मल्टीपल चॉइस सवाल पूछे जाएंगे। सामान्य इंगलिश को छोड़कर अन्य सेक्शन में गलत उत्तर देने पर एक चौथाई अंक काट लिए जाएंगे। इस पेपर में आवेदकों को न्यूनतम क्वालिफाइंग अंक लाने होंगे जो बैंक तय करेगा।

SBI Clerk Mains Exam 2019 की ऐसे करें तैयारी
अपनी कमजोरी को पहचानें- आपके पास समय बहुत कम बचा है ऐसे में आपकों तैयारी में अभी से जुट जाना चाहिए। मुख्य एग्जाम के सारे सेक्शन के बारें में आपको पता है अब आपको इसमें से अपनी कमजोरी पहचाननी है और उसपर काम करना है। जितना ज्यादा आप प्रैक्टिस करेंगे उतना आपको फायदा होगा।

पुराने सैंपल पेपर पढ़ें- एसबीआई के इसी तरह के पुराने पेपर्स को हल करने की कोशिश करें। कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ सवाल पुराने पेपर में से आ जाते हैं। पुराने पेपर हल करने से आपके अंदर कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।

टाइम व्यर्थ न करें- टाइम का महत्व पेपर से पहले और पेपर के दौरान दोनो ही समय अहम होता है। सिलेबस से बाहर पढ़ाई करने पर समय व्यर्थ न करें केवल जो सिलेबस में है उसी की तैयारी करें और पेपर के दौरान जो सवाल आपको कठिन लग रहा है उसपर समय खराब न करते हुए आसान सवालों को हल करें। कठिन सवालों के लिए अंत में समय छोड़ दें।

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SANP Exam Pattern और Syllabus की पूरी जानकारी

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SANP Exam Pattern And Syllabus: सिम्बायोसिस इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट प्रोग्राम्स में दाखिले के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। हर साल इस परीक्षा के एग्जाम पैटर्न और सिलेबस में थोड़ा बहुत बदलाव होता है रहता है। यह पूरी परीक्षा कंप्यूटर आधारित होती है और इसके लिए आवेदन भी ऑनलाइन ही करना होता है। यहां हम आपको इस परीक्षा के सिलेबस और एग्जाम पैटर्न की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

किसी भी परीक्षा में बैठने से पहले उस परीक्षा के एग्जाम पैटर्न और सिलेबस के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। आमतौर पर इस परीक्षा का आयोजन दिसंबर-जनवरी में किया जाता है। इस परीक्षा में मुख्य तौर पर चार सेक्शन होते हैं और प्रत्येक सेक्शन के हिसाब से अंक दिए जाते हैं।

स्नैप परीक्षा का पैटर्न (SANP Exam Pattern)

सेक्शन

सामान्य सवाल

स्पेशल सवाल

कुल अंक

सामान्य इंगलिश: रीडिंग कम्प्रेहेंसन, वर्बल रीजनिंग, वर्बल एबिलिटी

30

5

40

क्वांटिटीव, डेटा इंटरप्रेटेशन और डेटा सफिशिएंशी

30

5

40

करंट अफेयर्स

20

5

30


विश्लेषणात्मक और तार्किक रीजनिंग

30

5

40

कुल

110

20

150



-स्नैप एग्जाम में कुल चार सेक्शन होते हैं जिनमें अलग-अलग अंक दिए जाते हैं।

-परीक्षा के लिए कुल 2 घंटे का समय दिया जाता है।

-स्नैप एग्जाम में 2019 से दो तरह के सवाल पूछे जाने लगे हैं सामान्य सवाल मल्टीपल चॉइस होते हैं जिनमें चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनना होता है वहीं स्पेशल सवाल के नीचे एक खाली स्थान दिया जाता है जिसमें वर्चुअल कीबोर्ड से उत्तर लिखना होता है।

-सामान्य सवालों में प्रत्येक सही जवाब के एक अंक और स्पेशल सवाल में सही जवाब के 2 अंक दिए जाते हैं।

-स्नैप परीक्षा में निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान है प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक चौथाई अंक काट लिए जाते हैं।

जानें स्नैप एग्जाम का पूरा सिलेबस (SNAP Exam Syllabus)

सेक्शन 1- सामान्य इंगलिश: रीडिंग कम्प्रेहेंसन, वर्बल रीजनिंग, वर्बल एबिलिटी

रीडिंग कम्प्रेहेंसन

इस सेक्शन में 2 पैसेज होते हैं जिससे जुड़े करीब 10 सवाल पूछे जाते है

इस सेक्शन में पैसेज करंट अफेयर, साहित्य या किसी के विचारों से जुड़े होते हैं।

इस सेक्शन में जितने सभी सवाल पूछे जाते हैं वो सब पैसेज से ही जुड़े होते है

वर्बल एबिलिटी

-इस सेक्शन में कुल 20-22 सवाल पूछे जाते हैं

-पर्यावाची, विलोम शब्द, रिक्त स्थान

-मुहावरे, लोकोक्तियां, शब्दावली का इस्तेमाल आदि

-वाक्य में सुधार और ग्रामर

वर्बल रीजनिंग

-इस सेक्शन में 2-4 सवाल पूछे जाते हैं

- क्रिटिकल रीजनिंग

-समरूपता

सेक्शन 2- क्वांटिटीव, डेटा इंटरप्रेटेशन और डेटा सफिशिएंशी

इस सेक्शन में कुल 35 सवाल पूछे जाते हैं जिसमें 30 सामान्य और 5 स्पेशल सवाल होते हैं। इस सेक्शन के अलग-अलग भागों का सिलेबस इस प्रक्रार है।

क्वांटिटीव एबिलिटी

-लुघगणक

-लिनियर एक्वेशंस

-प्रोगरेशन

-मेंसुरेशन

-असमानता

-द्विपद प्रमेय

-नंबर सिस्टम

-एलजेबरा

-त्रिकोणमिती

-समुच्चय सिद्धान्त

-मिश्रण और आवंटन

-ज्यामीतिय

-क्रमपरिवर्तन और संयोजन

-संभाव्यता कार्य

डेटा इंटरप्रेटेशन और डेटा सफिशिएंशी

इस सेक्शन में 10-12 सवाल पूछे जाते हैं इस सेक्शन में इन टॉपिक पर सवाल पूछे जाते हैं

-सीरिज

-ग्राफ

-पाई चार्ट

-टेबल

-बार ग्राफ

सेक्शन 3- करंट अफेयर्स

इस सेक्शन में कुल 25 सवाल पूछे जाते हैं जिसमें से 20 सामान्य और 5 स्पेशल सवाल होते हैं।

-अंतर्राष्ट्रीय घटनाएं

-विज्ञान और तकनीक

-भूगोल

-बिजनेस और इकोनॉमिक्स

-पर्सनेलिटी और अवॉर्ड

-खेल


सेक्शन 4- विश्लेषणात्मक और तार्किक रीजनिंग

इस सेक्शन में कुल 35 सवाल पूछे जाते हैं जिसमें से 30 सामान्य और 5 स्पेशल सवाल होते हैं। इस सेक्शन मे नीचे दिए टॉपिक्स शामिल किए जाते हैं।

-घड़ी और कैलेंडर

-सिटिंग अरेंजमेंट

-फैमिली ट्री-ब्लड रिलेशन से जुड़े सवाल

-गणितीय रीजनिंग

-कोडिंग-डीकोडिंग

-विजुअल रीजनिंग

-क्रिटिकल रीजनिंग

-वर्बल एंट मिसलेनियस रीजनिंग

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