Quantcast
Channel: Career Expert Advice: करियर सलाह, Get Free Expert Advice About Your Career, Career Advice, एग्जाम प्रिपरेशन टिप्स, Exam Preparaion Tips
Viewing all 889 articles
Browse latest View live

IBPS Clerk: ऐप्लिकेशन, योग्यता के बारे में जानें डीटेल में

$
0
0

इन्फर्मेशन और टेक्नॉलजी सेक्टर के बाद बैंकिंग एक बड़ा सेक्टर है जहां बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिलते हैं। हर साल पूरे भारत के हजारों छात्र अलग-अलग बैंकिंग परीक्षाओं में बैठते हैं। बैंकिंग के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में पीओ, क्लर्क, एमटीएस, एसओ आदि की भर्ती होती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर बाकी बैंकों में क्लर्क पद पर भर्ती के लिए आईबीपीएस परीक्षाओं का आयोजन करता है। आइए आज आपको बताते हैं कि आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं और क्या योग्यता होती है...

परीक्षा के चरण
आईबीपीएस परीक्षा दो चरणों में होती है। पहला चरण प्राथमिक परीक्षा का होता है जिसमें इंग्लिश, न्यूमेरिक अबिलिटी और रीजनिंग के 100 सवाल पूछे जाते हैं। दूसरा चरण मुख्य परीक्षा का होता है जिसमें 200 नंबरों के इंग्लिश, क्वॉन्टिटेटिव ऐप्टिट्यूड, जनरल अवेयरनेस, कंप्यूटर नॉलेज और रीजनिंग अबिलिटी के सवाल पूछे जाते हैं। परीक्षा में हासिल मेरिट के आधार पर कैंडिडेट्स को बैंकों और उनकी शाखाओं में रखा जाता है। परीक्षा के बाद किसी बैंक में रखने के लिए किसी तरह का इंटरव्यू नहीं होता है।

बैंकों में क्लर्कों की भूमिका
बैंकों के रोजाना के काम जैसे कैश ट्रांजैक्शन, चेक क्लियर करना, डीटेल्स चेक करना आदि को क्लेरिकल स्टाफ द्वारा अंजाम दिया जाता है। बैंक स्टाफ की कुल संख्या का 70 फीसदी क्लेरिकल स्टाफ होता। इसलिए उनको किसी भी बैंक की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। क्लेरिकल स्टाफ के बगैर कोई बैंक ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकता है। अब क्लेरिकल स्टाफ की भर्ती में बैंक कम्यूनिकेशन स्किल और कंप्यूटर नॉलेज को प्राथमिकता देने लगे हैं। अगर बैंक में क्लेरिकल स्टाफ की तरक्की की बात की जाए तो उनको तरक्की के काफी अच्छे अवसर मिलते हैं। एक क्लर्क प्रोबेशनरी अफसर भी बन सकता है। इसके लिए उनको एक आंतरिक परीक्षा देनी होती है।

योग्यता की शर्तें (IBPS Clerk exam Eligibility Criteria)
आईबीपीएस क्लर्क एग्जाम के लिए योग्यता को तीन खंडों यानी आयु सीमा, शैक्षिक योग्यता और राष्ट्रीयता में बांटा जा सकता है। आइए तीनों के बारे में जानते हैं...

आईबीपीएस क्लर्क एग्जाम आयु सीमा (IBPS Clerk Exam Age Limit)
आईबीपीएस क्लेरिकल एग्जाम के लिए आवेदन करने की आयु सीमा 20 से 28 साल है यानी न्यूनतम आयु 20 साल है और अधिकतम 28 साल। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, कश्मीर डिविजन का डोमिसाइल, 1984 दंगों में प्रभावित व्यक्ति और यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का नियमित कर्मचारी या सेवा से हटाया गया हो (यह सिर्फ भोपाल में होने वाली भर्ती के लिए लागू होगा) को 5 सालों की छूट मिलेगी। 3 साल की छूट अन्य पिछड़ा वर्ग के कैंडिडेट्स को दी जाती है। तलाकशुदा महिला जिनका विवाह नहीं हुआ है और अकेले रह रही हैं, उनको 9 साल की छूट दी जाती है। दिव्यांग व्यक्ति को 10 सालों की छूट दी जाती है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों को 8 साल की छूट दी जाती है।

आईबीपीएस क्लर्क एग्जाम नागरिकता ( IBPS Clerk Exam Nationality)
नीचे उल्लिखित देशों के नागरिक ही सिर्फ आवेदन कर सकेंगे। भारत, भूटान और नेपाल के नागरिक, तिब्बती शरणार्थी और श्रीलंका, बर्मा, इथोपिया, यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया, मलावी, यूगांडा, केन्या, जाम्बिया, पाकिस्तान, जायरा से स्थायी रूप से भारत में बसने के लिए प्रवास करके आए लोग। नागरिकता से संबंधित अधिक जानकारी आईबीपीएस की वेबसाइट से हासिल की जा सकती है।

आईबीपीएस पीओ क्लर्क एग्जाम शैक्षिक योग्यता (IBPS PO Clerk exam Educational Qualification)
राज्य से मान्यता प्राप्त या केंद्रीय मान्यता प्राप्त किसी यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन की डिग्री होना जरूरी है। ग्रैजुएशन की डिग्री के अलावा कैंडिडेट्स के पास कंप्यूटर का नॉलेज भी होना चाहिए। कंप्यूटर कोर्स में उनके पास कंप्यूटर कोर्स में सर्टिफिकेट/डिग्री/डिप्लोमा होना चाहिए या 9वीं और 10वीं क्लास में एक विषय के तौर पर कंप्यूटर या इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी की पढ़ाई की हो। अगर किसी खास राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के लिए आवेदन करेंगे तो उस राज्य की भाषा आनी चाहिए।

आईबीपीएस पीओ एग्जाम रजिस्ट्रेशन और ऐप्लिकेशन का पूरा प्रोसेस (IBPS PO Exam Registration and application process)
किसी भी छात्र को आवेदन करने से पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए वैलिड ईमेल अड्रेस, वैलिड मोबाइल फोन नंबर, 10वीं, 12वीं, ग्रैजुएशन या समकक्ष परीक्षा की मार्कशीट, फोटोग्राफ और सिग्नेचर की स्कैन इमेज, कैटिगरी सर्टिफिकेट की स्कैन कॉपी (अगर कोई हो और ऐप्लिकेशन फीस के भुगतान के लिए बैंक डीटेल्स होनी चाहिए। फीस का भुगतान आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग से कर सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन के बाद कैंडिडेट्स को लॉगिन और पासवर्ड मिल जाता है। फिर उस लॉगिन और पासवर्ड का इस्तेमाल करके ऐप्लिकेशन फॉर्म भरना होगा। कैंडिडेट्स को अपनी पूरी डीटेल्स भरनी होगी, फोटो ग्राफ और सिग्नेचर अपलोड करना होगा। ये सब काम करने के बाद फीस का भुगतान करना होगा। फॉर्म सफलतापूर्वक जमा होने के बाद कैंडिडेट्स को उसका एक प्रिंट आउट ले लेना चाहिए ताकि भविष्य में काम आए।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


इंटरव्यू जैसा हो वैसी ही तैयारी करें, इन बातों का भी ध्यान रखें

$
0
0

इंटरव्यू कई तरह के होते हैं। अब शॉर्टलिस्ट होने पर आप इंटरव्यू का अपना पसंदीदा तरीका तो नहीं चुन सकते, लेकिन रिक्रूटर से प्रोसेस पूछकर तैयारी जरूर कर सकते हैं। चूंकि इंटरव्यू अलग-अलग तरह के होते हैं इसलिए तैयारी भी उन्हीं के हिसाब से करें। लेकिन इसके लिए आपको पहले यह पता होना चाहिए कि इंटरव्यू कितने प्रकार और किस तरह के होते हैं। यहां इन्हीं के बारे में बताया जा रहा है:

वन-ऑन-वन

पहले एचआर और फिर रिपोर्टिंग मैनेजर के साथ आपका कम से कम एक-एक इंटरव्यू तो होता ही है। इंटरव्यू का पैटर्न तय है तो आप कंपनी, रिक्रूटर से उसके फॉर्मैट और कंटेंट के बारे में पूछ सकते हैं। अगर तय पैटर्न नहीं है तो आपको अपने बारे में बताने का अधिक मौका मिलेगा।

फोन
फोन पर दिए जाने वाले इंटरव्यू अक्सर फेस-टू-फेस मीटिंग से पहले होते हैं। इनमें कैंडिडेट को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। फोन इंटरव्यू में सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आप बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के हाव-भाव से प्रभाव नहीं डाल सकते। इसकी पहले से तैयारी करें और इंटरव्यू देने के लिए शांत जगह चुनें। फॉर्मल ड्रेस पहनकर फोन इंटरव्यू देने पर इस प्रक्रिया की संजीदगी बढ़ जाती है। अगर आपको फोन पर कोई सवाल साफ सुनाई नहीं देता या समझ नहीं आता तो दोबारा पूछें। पूछे गए सवाल नोट करें और अपने पॉइंट्स भी लिखते जाएं। फोन इंटरव्यू के वक्त रेज्यूमे भी अपने पास रखना चाहिए।


पैनल
अगर इंटरव्यू पैनल में निर्णय लेने वाले एक से अधिक लोग हैं तो मैनेजर और स्पेशलिस्ट कई सवाल पूछेंगे। जवाब देते वक्त सवाल पूछने वाले के अलावा पैनल में शामिल दूसरे लोगों की तरफ भी देखें। इससे उनका ध्यान भी आप पर बना रहेगा। ऐसे इंटरव्यू में एक तरह के सवाल नहीं पूछे जाते। इसमें पैनल के हर सदस्य की अलग जिम्मेदारी होती है। वे अपने हिसाब से इंटरव्यू देने वाले को परखते हैं इसलिए इसकी तैयारी थोड़ा संभलकर करें।


स्काइप/विडियो
विडियो इंटरव्यू लाइव या फिर रिकॉर्डेड हो सकता है। अगर कैमरे के सामने आपको बोलने की आदत नहीं है तो इंटरव्यू से पहले विडियो रिकॉर्ड करके अभ्यास करें। फिर रिकॉर्डिंग देखकर अपने हाव-भाव, विजुअल इंपैक्ट, प्रजेंस ऑफ माइंड का विश्लेषण करके उनमें सुधार लाएं। रिकॉर्डिंग को दोस्तों और सहकर्मियों को भी दिखाएं। विडियो इंटरव्यू फॉर्मल होता है। इसलिए आपके कपड़े भी वैसे ही होने चाहिए।


ग्रुप इंटरव्यू
जूनियर या एंट्री लेवल में अक्सर बड़े पैमाने पर भर्तियां की जाती हैं। इसके लिए ग्रुप इंटरव्यू किए जाते हैं। इसकी तैयारी दोस्तों के साथ नकली ग्रुप इंटरव्यू के जरिये की जा सकती है। ग्रुप डिस्कशन में विनम्र बने रहें। दूसरों को बोलने दें और सही तथ्य रखें। अगले राउंड में जाने के लिए इतना मौका काफी होता है। ग्रुप डिस्कशन में अच्छे प्रदर्शन के लिए जल्द पहुंचकर टीम के दूसरे सदस्यों से बातचीत करने से मदद मिलती है।

जॉब फेयर
जॉब फेयर (मेला) में आपके पास इंटरव्यू लेने वाले को प्रभावित करने का बहुत कम समय होता है। इसकी तैयारी के लिए स्टैंडर्ड सवालों के जवाब की प्रैक्टिस पहले करें। अपने बारे में बताएं, ऐकडेमिक/पिछली जॉब का अनुभव, आपको क्यों हायर करें, आपको यह जॉब क्यों चाहिए आदि ऐसे सवाल हैं, जिनकी पहले से तैयारी की जा सकती है। हर सवाल के 30 सेकेंड और 2 मिनट के जवाब तैयार रखें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

जॉब एक्सपर्ट्स की बताई ये बातें रखेंगे ध्यान तो जल्द मिलेगी सफलता

$
0
0

सपने को साकार करने के लिए सही रणनीति की जरूरत होती है। ऐसा न करने पर सफलता हाथ से फिसल सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप पहले खुद को समझें। इससे आप कमियों को जान पाते हैं और समय रहते इसे दूर कर पाते हैं। पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ना एक अच्छी आदत है। ऐसा करने पर सफलता के ग्राफ में बढ़ोतरी होने लगती है। इस प्रोसेस से गुजरने के क्रम में ये आदतें आपकी इनहैरेंट क्वालिटी बन जाती हैं और धीरे-धीरे सफलता मिलने लगती है। सफलता की राह में आने वाली बाधाओं से कभी भी न घबराएं। इनका हिम्मत के साथ सामना करें। इस दौरान आपका ध्यान लक्ष्य पर होना चाहिए।

जॉब एक्सपर्ट मानते हैं कि अपनी कमियों पर जीत हासिल करना ही सबसे बड़ी सफलता होती है। इसलिए इन्हें दूर करने की ओर विशेष ध्यान होना चाहिए। करियर में सफलता हासिल करने के लिए फिटनेस का भी ख्याल रखें। यह आपको अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने में सहायता करता है। हमेशा आपकी नजर सॉल्यूशन पर होना चाहिए। जब आप सॉल्यूशन को अहमियत देने लगते हैं, तो धीरे-धीरे ये बातें आपकी पर्सनैलिटी का हिस्सा बनने लगती हैं।


कोशिश हो सही शुरुआत की
दिन या किसी प्रॉजेक्ट की सही शुरुआत के अपने मायने हैं। यह इसलिए जरूरी है,क्योंकि सही शुरुआत से लक्ष्य को हासिल कर पाना आसान हो जाता है। आप पूरे दिन फ्रेश फील करते हैं और आपका परफॉर्मेंस बढ़ता जाता है। डेस्क जॉब करने वाले लोगों के लिए यह और भी जरूरी है कि वह अपने फिटनेस का ध्यान रखें। सुबह उठें, योग या एक्सरसाइज करें। वॉकिंग करें तो और भी अच्छी बात है। हो सके तो इन चीजों को रेगुलर करें। इससे एनर्जी लेवल सही रहेगा।


प्रॉजेक्ट पर हो नजर
जब आप किसी टीम को लीड कर रहे होते हैं, तो आपको ज्यादा एक्टिव रहने की जरूरत होती है। आप प्रॉजेक्ट को लेकर जितनी गंभीरता दिखाते हैं, सफलता का प्रतिशत उतना ही बढ़ने लगता है। आप टीम का भरोसा जीतने में सक्षम होते हैं और प्रॉजेक्ट को कम समय में पूरा कर पाते हैं। याद रखें कि सफलता का श्रेय हमेशा पूरी टीम को दें।


मनोबल न होने दें कम
आपकी कोशिश होनी चाहिए कि किसी भी सूरत में मनोबल कम नहीं होने पाए। एक आईटी प्रफेशनल अनुपम सिंह कहते हैं कि ऑफिस से इमरजेंसी कॉल आ गई। टीम लीडर होने के नाते उन्होंने तुरंत एक्शन लिया और तीन दिन तक ऑफिस में रहे। वह कहते हैं कि जब आप ऐसा करते हैं, तो टीम का मनोबल बढ़ता है। आप लीडर हैं, तो आपको खुद को भी प्रूव करना होता है। सच है कि कंपनी में आपको कुछ कर दिखाने का मौका मिल रहा है, तो इसका मतलब है कि आप हर रोज कुछ सीख रहे हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

IBPS Clerk: जानें एग्जाम पैटर्न, सिलेबस और तैयारी के बारे में सबकुछ

$
0
0

पब्लिक सेक्टर के बैंकों में क्लर्क पदों पर भर्ती के लिए हर साल इंस्टिट्यू ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (आईबीपीएस) क्लर्क भर्ती परीक्षा का आयोजन करता है। यह परीक्षा प्री, मेंस और इंटरव्यू तीन चरणों में होती है। आइए आज आपको इसके पैटर्न, सिलेबस और तैयारी के बारे में बताते हैं...

आईबीपीएस क्लर्क प्री एग्जाम पैटर्न (IBPS Clerk Pre Exam Pattern)
आईबीपीएस क्लर्क की प्राथमिक परीक्षा 1 घंटे की होती है और ऑनलाइन आयोजित की जाती है। इसमें 3 सेक्शन होते हैं और कुल 100 सवाल। अधिकतम अंक 100 होता है। आईबीपीएस क्लर्क के प्री एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग होती है। हर गलत जवाब के लिए 0.25 मार्क्स अतिरिक्त काटे जाते हैं। कैंडिडेट्स को एग्जाम में पास होने के लिए हर सेक्शन के कटऑफ मार्क्स हासिल करना अनिवार्य होता है। सेक्शनवार विवरण निम्न है...

विषय सवालों की संख्या अंक समय
इंग्लिश लैंग्वेज 30 30 20 मिनट्स
न्यूमेरिकल अबिलिटी (मैथ्स) 35 35 20 मिनट्स
रीजनिंग अबिलिटी 35 35 20 मिनट्स
कुल 100 100 60 मिनट्स

आईबीपीएस क्लर्क मेंस एग्जाम पैटर्न (IBPS CLERK MAINS EXAM PATTERN)
आईबीपीएस की मुख्य परीक्षा का आयोजन भी ऑनलाइन होता है और इसमें भी 4 सेक्शन होते है। 4 सेक्शन से 200 मार्क्स के 190 सवाल पूछे जाते हैं। परीक्षा की अवधि 160 मिनट की होती है। पिछले साल कंप्यूटर ऐप्टिट्यूड और रीजनिंग अबिलिटी सेक्शन को अलग-अलग कर दिया गया था लेकिन इस साल कहा जा रहा है कि दोनों एक साथ होंगे और उससे 50 सवाल पूछे जाएंगे और 45 मिनट समय इस सेक्शन के लिए दिया जाएगा। कैंडिडेट्स पहले की तरह ही सेक्शनों का जवाब दे सकते हैं। उनको परीक्षा आयोजित कराने वाली अथॉरिटी द्वारा निर्धारित समयसीमा के अंदर ही परीक्षा देनी होगी। मौजूदा सेक्शन को कंप्लीट करने के बाद ही अगले सेक्शन को ट्राई किया जा सकता है। हर गलत जवाब के लिए 0.25 अतिरिक्त नेगेटिव मार्किंग है। परीक्षा का पैटर्न निम्न प्रकार से है...

विषय सवालों की संख्या अधिकतम अंक समय
जनरल/फाइनैंशल अवेयरनेस 50 50 35 मिनट्स
जनरल इंग्लिश 40 40 35 मिनट्स
रीजनिंग और कंप्यूटर ऐप्टिट्यूड 50 60 45 मिनट्स
क्वॉन्टिटेटिव ऐप्टिट्यूड 50 50 45 मिनट्स
कुल 190 200 2 घंटा 40 मिनट

गलत आंसर तो कटेंगे नबंर
प्री और मेंस एग्जाम के ऑब्जेक्टिव टेस्ट में हर गलत आंसर के लिए अतिरिक्त 0.25 मार्क्स कटेंगे। यानी अगर 1 नंबर का सवाल है और अगर गलत जवाब देते हैं तो कुल 1.25 मार्क्स कट जाएंगे। किसी सवाल को छोड़ने पर कोई अतिरिक्त नंबर नहीं कटेगा।

आईबीपीएस क्लर्क एग्जाम के लिए फाइनल स्कोर का कैलकुलेशन (Final Score Calculation for IBPS Clerk Exam)
आईबीपीएस क्लर्क एग्जाम के लिए फाइनल स्कोर कुछ खास पॉइंट्स पर तय होता है।
प्रीलिमिनरी एग्जाम (टियर-1) में स्कोर किए गए मार्क्स को फाइनल स्कोर में शामिल नहीं किया जाएगा। वह सिर्फ मेंस एग्जाम (टियर-2) के लिए क्वॉलिफाई करने के मकसद से होता है।
कैंडिडेट्स को फेज-2 और इंटरव्यू क्लियर करना होगा।
हर कैटिगरी की फाइनल मेरिट लिस्ट के लिए 100 मार्क्स के ऐग्रीगेट का इस्तेमाल किया जाता है।

आईबीपीएस क्लर्क प्रीलिम्स एग्जाम सिलेबस 2019 (IBPS Clerk Prelims Exam Syllabus 2019)
Reasoning Ability Quantitative Aptitude English Language
Logical Reasoning, Alphanumeric Series, Ranking/Direction/Alphabet Test, Data Sufficiency, Coded Inequalities, Seating Arrangement, Puzzle,Tabulation, Syllogism, Blood Relations, Input Output, Coding Decoding
Simplification, Profit & Loss, Mixtures & Alligations, Simple Interest & Compound Interest & Surds & Indices, Work & Time, Time & Distance, Mensuration – Cylinder, Cone, Sphere, Data Interpretation, Ratio & Proportion, Percentage, Number Systems, Sequence & Series, Permutation, Combination, Probability

Reading Comprehension,
Cloze Test, Para jumbles, Multiple Meaning / Error
Spotting, Fill in the blanks, Miscellaneous, Paragraph Completion


इंग्लिश की तैयारी (How to Prepare English for IBPS Clerk Exam?)
इंग्लिश सेक्शन को हल करने के लिए ग्रैमर और शब्दकोष पर आपकी पकड़ होनी चाहिए। ग्रैमर इंग्लिश भाषा के लिए रीढ़ की हड्डी के समान है। इंग्लिश को क्लियर करने के लिए ग्रैमर पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। ग्रैमर सेक्शन में active/ passive voice, direct एवं indirect speeches,verbs का इस्तेमाल और बुनियादी ग्रैमर से संबंधित अन्य सवाल होते हैं।

शब्द भंडार बढ़ाएं
आईबीपीएस एग्जाम की तैयारी के लिए आपकी वकैब्यूलरी मजबूत होनी चाहिए। इसके लिए विभिन्न टॉपिक क्वेस्चन से शब्दों को चुनकर अपनी वकैब्यूलरी मजबूत बना सकते हैं। इसके लिए आपको न्यूजपेपर, मैगजीन और किताबों को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। इसके अलावा इंग्लिश चैनल एवं मूवी देखें और न्यूज सुनें। शब्दों को ध्यान से सुनें और वकैब्यूलरी से संबंधित ढेर सवालों की प्रैक्टिस करें।

Spelling mistakes और sentences formation की अच्छी तरह से तैयारी करें। स्पेलिंग मिस्टेक के लिए शब्दों की स्पेलिंग पर ध्यान दें और Sentence formation के लिए आपको पैराग्राफ लिखने और पढ़ने पर कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। नियमित रूप से इंग्लिश के मॉक टेस्ट का अभ्यास करें।

रीजनिंग की तैयारी (How to Prepare Reasoning for IBPS Clerk Exam?)
IBPS Clerk Reasoning की तैयारी के लिए विश्लेषणात्मक रीजनिंग पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। ध्यान रहे कि इस सेक्शन में शॉर्टकट से आपको मदद नहीं मिलेगी। इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी और रोजाना करनी होगी।

इस सेक्शन में नंबर सीरीज के सवाल, कोडिंग और डिकोडिंग, स्टेटमेंट और आर्गमेंट, ऐल्फाबेट टेस्ट, इनपुट और आउटपुट, नंबर रैंकिंग, कॉम्प्रिहेंशन रीजनिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग आदि से सवाल पूछे जाते हैं।

एग्जाम में अच्छा नंबर लाने के लिए बेहतर रणनीति तैयार करना जरूरी है। ध्यान रखें कि यह आईबीपीएस क्लर्क एग्जाम का एक अहम हिस्सा है, इसलिए पहले कॉन्सेप्ट को अच्छी तरह समझें।

जनरल/फाइनैंशल अवेयरनेस की तैयारी (How to Prepare General / Financial Awareness for IBPS Clerk Exam?)
जनरल अवेयरनेस ज्यादा स्कोर दिलाने वाला सेक्शन है और इसमें समय भी बहुत कम लगता है। इसको हल करने के लिए किसी कौशल की जरूरत नहीं है। जनरल अवेयरनेस पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए आपको रोजाना की घटनाओं पर गहरी नजर रखनी होगी। आपको रोजाना समाचार पत्र पढ़ना चाहिए, न्यूज चैनल देखने चाहिए, नियमित रूप से पत्रिकाओं को पढ़ना चाहिए और अहम घटनाओं को नोट कर लें तो ज्यादा बेहतर है। इसमें पिछले 6 महीने की अहम घटनाओं, मार्केटिंग, पुरस्कार और सम्मान, खेल, वित्त, कृषि, बैंकिंग का इतिहास, आरबीआई का कामकाज, बैंकिंग की शर्तें, भारतीय अर्थव्यवस्था आदि से सवाल पूछे जाते हैं।

क्वॉन्टिटेटिव ऐप्टिट्यूड की तैयारी (How to Prepare Quantitative Aptitude for IBPS Clerk Exam?)
यह एक सबसे मुश्किल सेक्शन होता है जिसे क्रैक करना आसान नहीं होता है। इस सेक्शन में अटकल लगाने की कोई गुंजाइश नहीं होती है। इससे छात्रों की गणितीय क्षमता को भी परखा जाता है। कैंडिडेट्स को इसे आसान, स्कोरिंग और समय खाने वाले सवालों के बीच बांट देना चाहिए।

IBPS Quantitative Aptitude के टॉपिक्स में आंकड़ों का विश्लेषण, संख्या प्रणाली, अनुपात, समानुपात, प्रतिशतता, औसत, सरलीकरण, द्विघातीय समीकरण और कई टॉपिक्स शामिल होते हैं।

कंप्यूटर की तैयारी (How to Prepare Computer for IBPS Clerk Exam?)
कंप्यूटर की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कंप्यूटर के इतिहास और इससे जुड़े सामान्य सवालों पर ध्यान दें। इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज के साथ हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की बुनियादी जानकारी पर फोकस करें। बुनियादी जानकारी जैसे एमएस ऑफिस और कंप्यूटर मेमरी से जुड़े सवाल पर मेहनत करें। इसके अलावा कुछ कीबोर्ड शॉर्टकट को याद होना भी जरूरी है।

इस सेक्शन में पूछे जाने वाले टॉपिक्स में कंप्यूटर का बेसिक, इनपुट और आउटपुट डिवाइस, शॉर्टकट, एमएस एक्सल, एमएस पावर पॉइंट, कंप्यूटर के शॉर्टकट्स, नेटवर्क का बेसिक, इंटरनेट और प्रोटोकोल की बुनियादी जानकारी, कंप्यूटर की जेनरेशन आदि शामिल होंगे।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

साइकॉलजी में खूब है स्कोप, जानें कोर्स के बारे में

$
0
0

साइकॉलजी एक ऐसा साइंस है, जो इंसान और उसके बॉडी पार्ट्स पर स्टडी करता है। एक सर्वे के मुताबिक, आज 78.3 फीसदी लोग साइकॉलजी से जुड़ी प्रॉब्लम्स से घिरे हैं। इसी वजह से साइकॉलजी के फील्ड के स्पेशलिस्ट की डिमांड दिन-ब-दिन बढ़ रही है...

तेजी से हो रहे डिवेलपमेंट के बीच इंसान ने अपने लिए तमाम तरह की सुख-सुविधाएं जुटा ली हैं। लेकिन इसके साथ ही टेंशन, डिप्रेशन, फैमिली टेंशन, कॉम्पिटिशन और क्राइम जैसी चीजें भी बढ़ रही हैं। बेशक, डेली लाइफ में बढ़ रही टेंशन की वजह से ही आजकल साइकॉलजिस्ट की डिमांड लगातार बढ़ रही है। गौरतलब है कि कुछ साल पहले तक लोग साइकॉलजिस्ट के पास तभी जाते थे, जब कोई सीरियस प्रॉब्लम हो जाती थी। लेकिन इन दिनों इनकी डिमांड इतनी बढ़ गई है कि यूनिवर्सिटीज, स्कूल और ऑफिसेज में साइकॉलजिस्ट को परमानेंट अपॉइमेंट किया जाने लगा है।

करियर काउंसिलर
आगे बढ़ने के कॉम्पिटीशन में लोग तेजी से जॉब बदल रहे हैं। आपको अपने मन मुताबिक सही जॉब दिलाने में हेल्प करते हैं करियर काउंसिलर। करियर काउंसिलर आपको आपकी पर्सनैलिटी, कपैसिटी और कोर्स के मुताबिक सही तरीके से गाइड करने का काम करता है। यही नहीं, करियर काउंसिलर की मदद से आप इंटरव्यू की तैयारी से लेकर रिटर्न पेपर तक में सही गाइडेंस पा सकते हैं।

क्रिमिनल व चाइल्ड क्रिमिनल
अपराधियों एवं बाल अपराधियों में किसी भी वजह से अपराध फैलने के बाद हीन भावना और उग्रता आदि दूर करने एवं इसी के साथ उनमें बढ़ रही क्रिमिनल थिकिंग पर रोक लगाने के लिए भी साइकॉलजिकल प्रयास किए जाते हैं। इसके अलावा, क्रिमिनल काउंसिलर का काम बच्चों की एजुकेशन, ऐकडेमिक और सोशल प्रॉब्लम्स को सॉल्व करना है। यही नहीं, स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ को समझकर उनको गाइड करने का काम भी काउंसिलर ही करता है। काउंलिसर कई तरह की प्रॉब्लम्स, मैरिज, फैमिली, इमोशनल, एजुकेशनल और दूसरे कई मामलों में मदद करता है। बहुत बड़ी तादाद में काउंसिलर हेल्थ और सोशल वेलफेयर भी काम करते हैं। ऐसे बच्चे, जिनको पर्सनैलिटी डिस्ऑर्डर होताहै, उन्हें काउंसलिंग की जरूरत होती है।

हेल्थ की फील्ड में
आजकल लोगों में मेंटल प्रॉब्लम या बिहेवियर में बदलाव खूब देखने को मिलता है। इसलिए ऐसे ढेरों क्लिनिक खुलते जा रहे हैं, जो लोगों की इन प्रॉब्लम्स को सॉल्व कर रहे हैं। क्लिनिक्स के अलावा, स्कूल और सरकारी एजेंसियों में भी हेल्थ काउंसिलर के तौर पर आपको जॉब मिल सकती है।

सर्वे, डिजाइन और रिसर्च
सर्वे, डिजाइन और रिसर्च में भी साइकॉलजिस्ट की डिमांड लगातार बढ़ रही है। भले ही इंडिया में इसके अभी कम स्कोप हैं, लेकिन विदेशों में इस तरह के जॉब ऑप्शन लगातार बढ़ रहे हैं। इसमें करियर ऑप्शन भी काफी हैं।

क्राइम पर स्टडी
क्रिमिनल्स के बिहेवियर को समझने के लिए उनके बिहेवियर पर स्टडी की जाती है। यह क्राइम और उससे जुड़े तथ्यों की स्टडी करती है। इस फील्ड का एक्सपर्ट सुरक्षा सेवाओं जैसे क्षेत्रों में रोजगार पा सकता है। इसमें सरकारी सेवा में 15 हजार से 20 हजार रुपये तक कमाए जा सकता है और अन्य सुविधाएं व भत्ते अलग से हैं।

क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट
यूनिवर्सिटी के अलावा अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राइवेट क्लिनिकों जैसे अन्य संगठनों में क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट की डिमांड हमेशा ही बनी रहती है।

अपसेट यूथ
यंगस्टर्स को जॉब नहीं मिलने की वजह से उनमें फ्रस्टेशन बढ़ रहा है। उनको इससे निजात दिलाने में साइकॉलजिस्ट बेहद मदद करता है। इसमें उनकी साइकॉलजी को समझकर उनकी क्षमताओं का विकास किया जाता है।

सैलरी
इस फील्ड में 20- 25 हजार रुपये से लेकर 50- 50 हजार रुपये महीना आप कमा सकते हैं। इसके अलावा, आपकी सैलरी उस कंपनी पर भी काफी हद तक डिपेंड करती है, जहां आप काम कर रहे हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

स्टार्टअप में जॉब से पहले ध्यान दें, कहीं फंस न जाएं आप

$
0
0

आज के समय जिस तेजी से नए-नए स्टार्टअप सामने आ रहे हैं, वैसे ही उनमें जॉब के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर अधिकतर स्टार्टअप ज्यादा समय तक मार्केट में बने नहीं रह पाते और धराशायी हो जाते हैं। ऐसे में यहां काम करने वाले कर्मचारियों की भी नौकरी खत्म हो जाती है। अगर आप स्टार्टअप में नौकरी की राह देख रहे हैं तो पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें...

खुद से पूछें स्टार्टअप जॉइन करने का कारण
अगर आप किसी स्टार्टअप में नौकरी करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले स्टार्टअप जॉइन करने का कारण खुद से पूछें। अगर आप सिर्फ अच्छी सैलरी की वजह से स्टार्टअप में नौकरी करने की सोच रहे हैं तो एक बार फिर से सोच लें। हो सकता है कि आपको पैसा अच्छा मिल जाए लेकिन क्या आप वहां की दूसरी चीजों को पसंद कर पाएंगे? अगर ऐसा नहीं हुआ तो जाहिर है आपको दूसरी नौकरी बहुत जल्द ढूंढनी पड़ जाएगी।

अपने रोल के बारे में करें खुलकर बातें
जब भी कोई स्टार्टअप शुरू होता है तो शुरुआत में उसके पास फंड कम होता है। ऐसे में वह कंपनी अपने यहां काम करने वाले एंप्लॉयी से अपेक्षा रखती है कि वे अधिक जिम्मेदारी निभाएं। कई बार ऐसे भी मौके आते हैं जब एंप्लॉयी को ऐसी भी जिम्मेदारी दे दी जाती है कि जिसके बारे में उसने कभी सोचा नहीं था। ऐसे में बेहतर है कि किसी भी स्टार्टअप को जॉइन करने से पहले कंपनी के एचआर या सीईओ से अपने रोल के बारे में खुलकर बात करें।

सैलरी पैकेज को समझना है बहुत जरूरी
स्टार्टअप काफी अच्छी सैलरी दिखाकर एंप्लॉयी को अपने यहां रखते हैं। लेकिन यह सैलरी पैकेज अधिकतर हाथी के दांत जैसा होता है। दरअसल स्टार्टअप टैलंट को अट्रैक्ट करने के लिए एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शंस (ESOPs) का सहारा लेते हैं। ये कंपनी में शेयर खरीदने से जुड़ा होता है। अगर स्टार्टअप बंद हो गया तो ESOPs किसी काम का नहीं रह जाता। इसलिए स्टार्टअप्स को जॉइन करने का कारण ESOPs नहीं होना चाहिए। आपको अपने सैलरी पैकेज को समझना चहिए और आप इससे संतुष्ट नहीं हैं तो उसमें बदलाव करने के लिए कहना चाहिए। आप स्टार्टअप्स से ESOPs के बजाए फिक्स पे बढ़ाने को कह सकते हैं। साथ ही सैलरी पैकेज में जुड़े अन्य रीइंबर्समेंट के बारे में भी पूरी जानकारी ले लें। बाद में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

इन्वेस्टर्स की रखें पूरी जानकारी
आप जिस स्टार्टअप में नौकरी के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, उसकी पूरी जानकारी पहले से ही अपने पास रखें। वहीं दूसरी ओर इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि उस स्टार्टअप को फंडिंग कहां से हो रही है और इसमें किन-किन इन्वेस्टर्स का पैसा लगा है। अगर संभव हो तो इस बात का भी पता लगाएं कि उन इन्वेस्टर्स का पैसा और किन-किन कंपनियों में लगा है। इससे आपको इस बात का पता चल पाएगा कि इन्वेस्टर्स की अप्रोच कैसी है।

सैलरी आने की तारीख भी जरूर पूछें
स्टार्टअप कंपनियों में इंटरव्यू के दौरान सैलरी के बारे में जरूर बात करें। इंटरव्यू ले रहे लोगों या एचआर से यह जरूर पूछें कि कंपनी में सैलरी किस तारीख को दी जाती है। दरअसल हो सकता है कि अपने किसी प्रकार का लोन या कोई चीज लोन पर ले रखी हो और उसकी किश्त 1 तारीख को जाती हो। ऐसे में अगर स्टार्टअप कंपनी 1 तारीख को सैलरी नहीं देती है तो इससे आपको परेशानी हो सकती है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

हिंदी में है दम, खूब होती है आमदनी

$
0
0

हिंदी आज के समय सिर्फ एक बोलचाल की भाषा ही नहीं रह गई है। इस भाषा को अब प्रफेशन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है। आज दुनिया में ऐसे कई काम हैं जिन्हें हिंदी से जुड़ा व्यक्ति न केवल बेहतर तरीके से कर सकता है बल्कि अच्छी कमाई भी कर सकता है। जानें, हिंदी के दम पर किन-किन सेक्टर्स में कमाई कर सकते हैं...

ट्रांसलेशन
अगर आपकी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी या किसी दूसरी भाषा में भी पकड़ है तो आप ट्रांसलेशन के जरिए अच्छी कमाई कर सकते हैं। ऐसी कई कंपनियां हैं, जो दूसरी भाषाओं की किताबों, स्क्रिप्ट, पेपर जैसे रिसर्च पेपर आदि के हिंदी ट्रांसलेशन के लिए ट्रांसलेटर को हायर करती हैं। इसे फुल टाइम जॉब या पार्ट टाइम के तौर पर भी किया जा सकता है। यही नहीं, कई सरकारी ऑफिसों में भी ट्रांसलेटर की वैकेंसी निकलती रहती हैं।

हिंदी टीचिंग
हिंदी टीचिंग के जरिए भी अच्छी कमाई की जा सकती है। साथ ही आप हिंदी के परंपरागत टीचर या फिर आॅनलाइन ट्यूटर बन सकते हैं। देश के बाहर ऐसे कई लोग हैं, जो हिंदी सीखना चाहते हैं। ऑनलाइन ट्यूटर बन आप उन लोगों से जुड़ सकते हैं।

इंटरप्रेटर
अगर आपको हिंदी के साथ विदेशी भाषाएं भी आती हैं तो आप इंटरप्रेटर यानी दुभाषिया बनकर भी अपना करियर संवार सकते हैं। आज के दौर में जैसे-जैसे भारतीय लोगों और बिजनेसेज का ग्लोबली जुड़ाव बढ़ रहा है, इंटरप्रेटर की जरूरत में भी इजाफा हो रहा है। कई पॉलिटिकल लीडर भी विदेश दौरों या विदेशी लीडर्स के देश में आने पर वहां की भाषाओं को समझाने के लिए एक इंटरप्रेटर साथ रहते हैं।

राइटिंग/वॉइस ओवर
हिंदी वालों के लिए कंटेंट राइटिंग और वॉइस ओवर का प्रफेशनल भी एक बेहतर विकल्प है। इसके जरिए आप फिल्मों, सीरियल्स, विज्ञापन आदि के लिए कंटेट लिखकर पैस कमा सकते हैं। आज अंग्रेजी, जापानी, तमिल, कन्नड़, मलयालम आदि भाषाओं में बनी फिल्मों की हिंदी में डबिंग की जाती है। ऐसे में आप इन फिल्मों में केवल अपनी आवाज देकर भी कमाई कर सकते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

ऑफिस की मीटिंग में इन गलतियों से बचें

$
0
0

इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि मीटिंग में जाने से पहले उसके अजेंडे के बारे में कोई भी कंफ्यूजन न रहे। नहीं तो आप बातों को ना ही समझ पाएंगे और ना ही दूसरों को समझा पाएंगे। वैसे भी सभी बैठकों का एक अजेंडा होता है। अजेंडे के न होने पर उसका कोई मतलब नहीं होता। हालांकि, इनमें अजेंडा साफ नहीं होता और एक खास समय सीमा के भीतर पूरा करने की जरूरत से प्रेरित होता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि यह समय की बर्बादी और विचार विमर्श करने का एक नुस्खा है जिस पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। बिना अजेंडा की मीटिंग की कोई संरचना नहीं होती। एक अध्यक्ष की कमी अक्सर मीटिंग को अलग चर्चाओं में ले जाती है। एक मीटिंग, एक उद्देश्य, एक बातचीत किसी भी मीटिंग के लिए आदर्श वाक्य होना चाहिए।

लेट नहीं पहुंचे
अगर मीटिंग 10 बजे से होनी है और इसका मेल सभी को जा चुका है, तो इस टाइमलाइन का जरूर ही ख्याल रखें। तो क्या यह एक समय सीमा का उल्लेख करता है? इस सवाल का जवाब है नहीं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि उपलब्ध सीमित समय के भीतर बैठक के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है, ताकि मीटिंग्स को एक निश्चित समय पर शुरू किया जा सके। सबसे बुरा हिस्सा तो वह होता है जब खुद चेयरपर्सन लेट होते हैं।

मीटिंग में 'मोबाइल' नहीं
मीटिंग के दौरान मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना तानाशाही लग सकता है, लेकिन यह लोगों के ध्यान बंटने की समस्या को कम करने के लिए जरूरी है। कई बार बैठकों में प्रतिभागी अक्सर अपने फोन या आईपैड पर सिर झुकाए देखे जाते हैं जिसके कारण वे सही ढंग से मीटिंग में हो रही चर्चाओं पर ध्यान नहीं दे पाते, जो न तो उनके लिए और न ही कंपनी के लिए अच्छा होता है। इसलिए यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि मीटिंग के दौरान मोबाइल का उपयोग ना हो। उसे साइलेंट मोड पर डाल लें या फिर ऑफ कर दें।

एकतरफा संवाद नहीं
जब तक सभी को संवाद का मौका नहीं मिलेगा कोई भी मीटिंग सक्सेस नहीं हो सकती। कई मौकों पर मीटिंग में केवल एक व्यक्ति बोलता है और बाकी सुनते हैं जो की एक भाषण में बदल जाता है। मीटिंग में अन्य लोगों को अपनी बात रखने की अनुमति देनी चाहिए।

सभी को बोलने का मौका
अगर कोई व्यक्ति कुछ बोलता है तो उसे सुनने का प्रयास करना चाहिए। यह एक विनम्र, ईमानदार पेशेवर की मांग है। आपसी सम्मान की कमी की यहां कोई जगह नहीं है। एक ही समय में सभी लोगों को बात करने से बचना चाहिए।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


करियर में सफलता दिलाएंगी ये 5 चीजें

$
0
0

एक सही करियर प्लानिंग से सफलता की ओर तेजी से बढ़ने का अवसर मिलता है। करियर के नजरिए से सही प्लानिंग की बात हो रही हो, तो इसमें दूरदृष्टि का रोल भी अहम हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप दूरदर्शिता के साथ करियर प्लानिंग को अंजाम दें।

आज के जमाने में कोई भी करियर के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहता है। लोग पांच से दस साल आगे के बारे में सोचकर फैसला लेते हैं। जहां तक महिलाओं की बात है, तो उनके लिए यह और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि उन्हें इस बात को भी ध्यान में रखकर चलना होता है कि उनके ऊपर घर की भी जिम्मेदारियां होती हैं, जिन्हें वे इग्नोर नहीं कर सकती हैं। ऐसे में पर्सनल लाइफ और प्रफेशनल लाइफ के बीच में सही सामंजस्य बैठाना भी एक बड़ी चुनौती होती है। इसे मैनेज करने की स्थिति में रास्ते और आसान हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप करियर प्लानिंग के स्मार्ट तरीकों को जान लें। यह हर तरीके से फायदेमंद होते हैं। इनके जरिए गोल आसानी से अचीव किया जा सकता है।

गोल डिसाइड करें
गोल डिसाइड किए बिना कुछ भी कर सकना मुमकिन नहीं है। इसलिए सबसे पहले जरूरी है गोल डिसाइड करना। यह आपको तय करना है कि ऐसा कौन सा क्षेत्र है, जिसमें आप बढ़िया कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि इसका फैसला आज ही लिया जाए। बल्कि इस तरह के फैसले से पहले सभी पहलुओं पर विचार कर लें। ये न सोचें कि इसमें ज्यादा समय लग रहा है या कम। बहुत सोच-विचारने के बाद ही इस तरह का कोई फैसला लें। अंतिम फैसले से जरूरत महसूस होने पर आप गाइडेंस ले लें।

ठोस ऐक्शन प्लान
दूसरे स्टेप के तहत आप यह फैसला करें कि इस गोल को हासिल करने के लिए आपको किन-किन चीजों की जरूरत पड़ सकती है और किस तरह आप बिना शॉर्टकट के जल्दी गोल हासिल कर सकते हैं। आप ऐक्शन प्लान तैयार कर लें। लेकिन इस तरह की बातों का फैसला बैठे-बैठे न लें, बल्कि इस क्षेत्र के अनुभवी लोगों से सलाह लें और टेक्नॉलजी का फायदा उठाएं। इसके बाद ही ठोस ऐक्शन प्लान तैयार करें। ये भी याद रखें कि इस ऐक्शन प्लान में सभी काम सही समयानुसार तय किए गए हों। अपने प्लान को अमल में लाने के लिए अपना 100 फीसदी दें।

दूरदृष्टि है जरूरी
अपने फाइनल गोल तक पहुंचने के लिए कितनी सीढ़ियां चढ़नी हैं और इसे पूरा करने के लिए क्या-क्या करना है, इसे प्लान करें। इस बात का ख्याल रखें कि सभी प्लान ऐसे हों, जिन पर आप आसानी से काम कर सकें और वो आपके गोल तक ले जाए। उदाहरण के लिए तीन कामों की लिस्ट बना लें, जो आपको अगली सफलता तक पहुंचने के लिए मददगार हों। सफल लोग सही प्लानिंग और दूरदृष्टि के बदौलत ही आसमान को छुते हैं। इसलिए अपने फैसले में दूरदर्शिता को शामिल करें।

जारी रखें लर्निंग प्रॉसेस
लंबी दूरी तय करने के लिए अधिक प्रतिबद्धता दिखाने की जरूरत होती है। करियर प्लानिंग के दौरान सही दिशा में पहल करने से आप काफी कुछ सीख सकते हैं। सीखने की आदत से खुद का पोजिशन स्ट्रॉन्ग होता है, क्योंकि आप अपने भीतर कुछ न कुछ एेड ऑन कर रहे होते हैं। इससे आपके भीतर लचीलापन आता है और आप अपने करियर से जुड़े फैसले को आसानी से अमल में ला सकते हैं।

टू डू लिस्ट तैयार करें
याद रखें कि गोल तक पहुंचना आसान नहीं हाता है। आप अपने टू डू लिस्ट में उन्हीं काम को शामिल करें, जिन्हें आप कर सकते हैं और जो आपको टारगेट अचीव करने में आपकी मदद करें। आप मैनेजमेंट फील्ड में हैं और तरक्की चाहते हैं, तो अपनी फील्ड से जुड़े नए रिसर्च पढ़ें। इससे आपकी नॉलेज में काफी इजाफा होगा और आपकी परफॉर्मेंस काफी अच्छी होती जाएगी। इससे आपके भीतर गजब का कॉन्फिडेंस आएगा, जो टारगेट हासिल करने के लिए जरूरी है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

स्टेम सेल में खूब है स्कोप, जानें कैसे बनाएं करियर

$
0
0

देश में स्टेम थेरपी को लेकर कई इंस्टिट्यूट रिसर्च कर रहे हैं, ऐसे में स्टेम सेल रिसर्च को ग्रोइंग फील्ड माना जा सकता है। स्टेम सेल बायॉलजी के क्षेत्र में लगातार काम बढ़ता जा रहा है।

आपने फ्यूचर की टेक्नॉलजी पर काम करने के बारे में सोचा है या इसमें अपना फयूचर इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, तो यह अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। स्टेम सेल का इस्तेमाल स्टेम सेल ऑर्गन रिसर्च और ऑर्गन को रीजनरेट करने के लिए किया जा रहा है। स्टेम सेल रिसर्च एंब्रो और एडल्ट स्टीम सेल पर किया जा रहा है। इससे जीवन पहले की तुलना में आसान हो रहा है और हम बीमारियों से लड़ने और उबरने में समर्थ हो रहे हैं। पूरे विश्व में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए स्टेम सेल थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्टेम सेल के क्षेत्र में अपना करियर सवांरने वाले स्टूडेंट्स के लिए फॉरेन में भी उम्दा चांस बन सकते हैं। आने वाले समय में स्टेम सेल रिसर्च वास्ट होने जा रहा है और अगर आप साइंस और टेक्नॉलजी के रोमांच का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो यह फील्ड आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। नई जेनरेशन इस ऑप्शन को पसंद कर रही है। आइए इस बारे में और जानते हैं।

टेक्नॉलजी की डिमांड
दुनिया में तरह-तरह की बीमारियों से लोग जूझ रहे लोगों के लिए स्टेम सेल उम्मीद की किरण बनकर आया है। स्टेम सेल से पहले भी इन बीमारियों से लड़ने के लिए लगातार खूब काम करने के बावजूद साइंटिस्ट और रिसचर्स से जुड़े लोगों को पॉजिटिव रिजल्ट कम ही मिले। स्टेम सेल रिसर्च के कमाल ने धमाल मचा दिया है और इसकी मदद से नए प्रयोग शुरू हो चुके हैं। यह बायलॉजिकल रिसर्च का वह एडवांस लेवल है, जिसमें तरह-तरह के साइंस बैकग्राउंड से आए लोग तरह-तरह की बीमारियों के लिए नई-नई थेरपी ढूंढते हैं। आज हम स्टेम सेल रिसर्च के दौर में हैं और आने वाला दौर स्टेम सेल थेरपी का है। किसी बीमारी के ट्रीटमेंट में बीमार टिश्यू में नया एडल्ड स्टेम सेल डालकर उसे हेल्दी करना, स्टेम सेल ट्रीटमेंट का बेसिक फंडा है। मसलन, ल्यूकिमिया के ट्रीटमेंट में बोन मैरो और अबलिकल कॉर्ड के स्टेम सेल का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि पाकिर्नसन, डायबीटीज मेलिटस, खतरनाक कैंसर तक के इस थेरपी से ठीक होने की संभावनाएं हैं और इन पर काम काफी आगे की स्टेज पार कर चुका है। इसलिए करियर के रूप में इसे ऑप्ट करना समझदारी होगी।

ऑप्शन की बहार
टेम सेल के कलेक्शन, प्रॉसेसिंग और बैंकिंग का काम देश में तेजी से हो रहा है। इसलिए साइंस बैकग्राउंड से जुड़े लोगों के लिए यहां पर अपार संभावनाएं हैं। स्टेम सेल टेक्नॉलजी में चाहे रिसर्च हो या थेरपी फील्ड, दोनों ही में बढि़या करियर ऑप्शन हैं। अगर आपको लगता है कि सिर्फ मेडिकल प्रफेशनल ही इस फील्ड में आ सकते हैं, तो आप गलत हैं। अगर आपने बेसिक बायॉलजी भी पढ़ी है, तो आप इस फील्ड में खुद को आजमा सकते हैं।

बीएस ग्रैजुएट, जिसने कम से कम बायॉलजी का एक सब्जेक्ट पढ़ा हो या एमबीबीएस या बीफार्मा या बीडीएस या बीवीएससी या बीई-बायोटेक्नॉलजी के स्टूडेंट के लिए स्टेम सेल रिसर्च में कई जॉब ऑप्शन हैं। धीरे-धीरे फैल रही बायोमेडिसिन की इस ब्रांच में क्वॉलिटी मैनपावर की जरूरत है। बायोमेडिसिन की मार्केट का विस्तार तेजी से हो रहा है। इसे देखते हुए साइंस में पोस्ट ग्रैजुएट्स स्टूडेंट्स के लिए यह करियर ऑप्शन बेहतर साबित हो सकता है।

हो रहे हैं रिसर्च
देश स्टेम थेरपी को लेकर कई इंस्टिट्यूट रिसर्च कर रहे हैं, ऐसे में स्टेम सेल रिसर्च को ग्रोइंग फील्ड माना जा सकता है। जहां तक लखनऊ की बात है, तो बेबी बर्थ के समय पैरेंट्स स्टीम सेल्स को प्रीजर्ब करा रहे हैं। बेसिक साइंस और क्लिनिकल एप्लिकेशंस दोनों ही में यहां स्टेम सेल बायॉलजी को लेकर काम बढ़ता जा रहा है। सरकार ने भी इस फील्ड को अच्छा-खासा फंड देना शुरू कर दिया है। लखनऊ में एक लाइफसेल के लिए काम करने वाले अनुज बताते हैं कि लोगों में स्टेम सेल प्रीजर्वेशन को लेकर अवेयरनेस बढ़ी है। अब बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों के स्टेम सेल प्रीजर्वेशन के लिए आगे आ रहे हैं। स्टेम सेल थेरपी में कई फामॉसूटिकल, बायोटेक्नॉलजी कंपनियां और कई स्टेम सेल इंस्टिट्यूशन रिसर्च कर रहे हैं, जहां स्टूडेंट्स की जरूरत है। भारत में स्टेम सेल रिसर्च में अंदाजन एक हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट है, जिसमें से ज्यादातर गवर्मेंट सेक्टर का है। चीफ साइंटिफिक ऑफिसर से लेकर लैब असिस्टेंट तक, कई पोस्ट के लिए स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि, इन फर्म में जॉब पाने के लिए बेसिक साइंस डिग्री काफी नहीं, इस इंडस्ट्री की स्टाइल को समझने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग भी जरूरी है।

करियर ग्राफ
स्टेम सेल रिसर्च में जो स्टूडेंट बढ़ना चाहते हैं, उनके पास पहले जूलॉजी, बायोफिजिक्स, लाइफ साइंसेज, माइक्रोबायॉलजी, एमसी रिजनरेटिव, बायोकेमिस्ट्री, जेनेटिक्स, बायोटेक्नॉलजी की डिग्री का ऑप्शन है। इसके बाद स्टूडेंट कई एरिया में करियर बना सकते हैं जैसे क्वॉलिटी, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट, प्रोडक्शन, क्लिनिकल रिसर्च, सप्लाई चेन, ह्यूमन रिसोर्सेज, फाइनेंस और दूसरे एडमिनिस्ट्रेटिव फंक्शन।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Gandhi Jayanti SMS In Hindi: इन 10 संदेशों से दें दोस्तों और अपनों को बधाई

$
0
0

1. ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान
-गांधी जयंती की शुभकामनाएं

2. भगवान हमें सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दे
-गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

3. रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम, भज प्यारे तू सीताराम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, साब को सन्मति दे भगवान
-गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

4. मानवता की प्रतिमा को उनकी जयंती पर नमन
-हैपी गांधी जयंती

5. गांधी जयंती पर मेरा सभी से बस यही कहना है
जीना है तो गांधी जैसे वरना जीना भी क्या जीना है
-हैपी गांधी जयंती

6. आओ हम भी करे उस महात्मा को नमन
देश के लिए त्यागा जिसने अपना तन-मन-धन
-गांधी जयंती की शुभकामनाएं

7. गांधी है जिसका नाम
दुनिया करती उन्हें सलाम
-गांधी जयंती की शुभकामनाएं

8. सत्य और अहिंसा था जिसका नारा
वह महात्मा था प्यारा, बापू हमारा
-गांधी जयंती की शुभकामनाएं

9. आओ आज बापू के पथ पर चलने की खाएं कसम
देना पड़े चाहे कितना भी बलिदान, न भटकेंगे हम
-गांधी जयंती की शुभकामनाएं

10. बापू की जयंती पर सुन ले दुनिया ये संदेश
महात्मा के मार्ग से ही दूर होगा सारा क्लेश
-गांधी जयंती की शुभकामनाएं

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

12वीं का देना है एग्‍जाम? मैथ्‍स के लिए ये जरूरी टिप्‍स आएंगे काम

$
0
0

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 12वीं की मैथ्‍स के लिए नया एग्‍जाम पैटर्न पेश किया है। इसके मुताबिक, 20 नंबर प्रैक्टिकल या प्रॉजेक्‍ट वर्क होंगे जबकि रिटन एग्‍जाम 100 के बजाए 80 नंबर का होगा। नए एग्‍जाम पैटर्न के हिसाब से पेपर 3 घंटे का होगा। पेपर में 36 सवाल होंगे जो कि चार सेक्‍शन ए, बी, सी, डी में डिवाइड होंगे।

सेक्‍शन ए 20 सवालों का होगा और सभी के 1-1 नंबर होंगे। सेक्‍शन बी 6 सवालों का होगा और सभी के 2 नंबर होंगे। वहीं, सेक्‍शन सी भी 6 सवालों का होगा और सभी के 4 नंबर होंगे जबकि सेक्‍शन डी 4 सवालों का होगा और सभी 6 नंबर होंगे।

मैथ्‍स एग्‍जाम के लिए जरूरी टिप्‍स:

मैथ्‍स की बेसिक जानें
मैथ्‍स की बेसिक को समझना बेहद जरूरी है। अगर आपका बेसिक सही है तो आप किसी भी तरह के सवाल को हल कर लेंगे। ऐसे में इस बात का विशेष ध्‍यान रखें।

सिलेबस पूरा करें
कम से कम एग्‍जाम से दो महीने पहले पूरे सिलेबस को कम्‍प्‍लीट करने पर फोकस करें ताकि आपको रिवीजन और मॉक टेस्‍ट का पर्याप्‍त समय मिले। सिलेबस पूरा सबसे अहम फैक्‍टर है क्‍योंकि कई बार ऐसा होता है कि ऐसे सवाल एग्‍जाम में आ जाते हैं, जिनकी आप उम्‍मीद नहीं करते हैं।

हर दिन कम से कम आधे घंटे मैथ्‍स पर दें
हर दिन कम से कम आधे घंटे मैथ्‍स प्रैक्टिस करें। हर सब्‍जेक्‍ट को पूरा समय देने की जरूरत होती है, ऐसे में अगर आप हर सब्‍जेक्‍ट पर आधे घंटे देते हैं तो आप आराम से हर विषय के पूरे सिलेबस को कम्‍प्‍लीट कर सकेंगे।

जिन टॉपिक्‍स में हों कमजोर, उसमें करें ज्‍यादा प्रयास

उन टॉपिक्‍स या कॉन्‍सेप्‍ट्स पर फोकस करना बेहद जरूरी है जिसमें आप खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। उन टॉपिक्‍स को पढ़ें जो आपके हिसाब से कम इंट्रेस्टिंग हैं और फिर उसे फॉलो करें जिसमें आपकी रुचि है।

मॉक टेस्‍ट सॉल्‍व करें
एग्‍जाम से पहले मैथ्‍स के ज्‍यादा से ज्‍यादा सैंपल पेपर्स को हल करने की कोशिश करें। इससे आपको बोर्ड एग्‍जाम के दौरान टाइम को मैनेज करने में मुश्‍किल नहीं होगी।

सवालों को ध्‍यानपूर्वक पढ़ें
एग्‍जाम के वक्‍त सवाल को समझना बहुत जरूरी है। कई बार सवालों के जवाब सवालों में ही छिपे होते हैं। यही नहीं, कोशिश करें कि आसान सवालों को पहले ही हल कर लें। इससे आपका मोराल बूस्‍ट होगा और आपको कठिन सवालों के लिए ज्‍यादा समय मिल जाएगा।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

JEE MAin 2020: खूब पूछे जाते हैं ये टॉपिक, कर लें पूरी तैयारी

$
0
0

JEE Main 2020: जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन का (जेईई) मेन के आवेदन की प्रक्रिया चल रही है और परीक्षा की तारीखों की घोषणा भी हो गई है। अब परीक्षा के लिए तैयारी का समय है। जेईई मेन की तैयारी में 11वीं और 12वीं क्लास के फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के चैप्टरों का समान वेटेज होता है। लेकिन हर विषय में कुछ ऐसे टॉपिक होते हैं जिससे ज्यादा नंबरों के सवाल आते हैं और उन टॉपिक की तैयारी करके आप ज्यादा नंबर ला सकते हैं। आइए आज उन टॉपिकों के बारे में जानते हैं...

मैथ्स
Mathematics: Quadratic equations and expressions, complex numbers, probability, vectors, matrices in Algebra; circle, parabola, hyperbola in coordinate geometry; functions, limits, continuity and differentiability, application of derivatives, definite integral in calculus.

कैसे करें तैयारी
मैथ्स में एक तो आपको सारे फॉर्म्युले सही से याद कर लेने चाहिए और फॉर्म्युला आधारित सवालों की अच्छी तरह से तैयारी कर लेनी चाहिए। इसके अलावा मुश्किल सवालों को भी हल कर लेना चाहिए।

फिजिक्स
Kinematics, gravitation, fluids, heat and thermodynamics, waves and sound, capacitors and electrostatics, magnetics, electromagnetic induction, optics and modern physics.

कैसे करें तैयारी
फिजिक्स के लिए आपको सबसे पहले कॉन्सेप्ट क्लियर कर लेना चाहिए। कॉन्सेप्ट बेस्ड सवालों की अच्छी तरह से तैयारी कर लें।

केमिस्ट्री
Coordination chemistry and chemical bonding in inorganic chemistry, electrochemistry, chemical and ionic equilibrium, mole concept in physical chemistry and organic chemistry.

कैसे करें तैयारी
पीरियॉडिक टेबल को अच्छी तरह कंठस्थ कर लें। इनऑर्गैनिक केमिस्ट्री के लिए एनसीईआरटी को पढ़ें। ऑर्गैनिक केमिस्ट्री के लिए सबसे पहले सारे बुनियादी कॉन्सेप्ट को क्लियर करें और फिर प्रैक्टिस शुरू करें। फिजिकल केमिस्ट्री के लिए जितना ज्यादा हो सके न्यूमेरिकल आधारित सवालों की तैयारी करें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

NTA JEE Main 2020: जानें नए पैटर्न में कैसी होगी मार्किंग स्कीम

$
0
0

जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेन का पहला पेपर (बीई/बीटेक के लिए) और दूसरा पेपर (बी.आर्क/बी.प्लानिंग के लिए) कंप्यूटर आधारित होगा। बी.आर्क के लिए ड्रॉइंग का टेस्ट ऑफलाइन मोड में होगा यानी पेन और पेपर मोड में। कैंडिडेट जो कोर्स करना चाहते हैं उसके आधार पर उनको बीई/बीटेक, बी.आर्क और बी प्लानिंग का चयन करना होगा।

जेईई मेन 2020 के एग्जाम पैटर्न के मुताबिक, पेपर एक में मल्टिपल चॉइस क्वेस्चन और न्यूमेरिकल क्वेस्चन पूछे जाएंगे जबकि पेपर 2 बी.आर्क और बी.प्लानिंग के छात्रों के लिए होगा। आइए एग्जाम पैटर्न, विषय, अंकों का बंटवारा और मार्किंग स्कीम के बारे में जानते हैं।

पेपर-1: पहला पेपर बीई या बीटेक के छात्रों के लिए होता है। JEE Main 2020 के एग्जाम पैटर्न के मुताबिक इसमें मल्टिपल चॉइस क्वेस्चन (एमसीक्यू) 20 पूछे जाएंगे। इनमें 3 या 4 ऑप्शन होगा जिनमें से एक सही होगा। न्यूमेरिकल के पांच सवाल होंगे जिनमें मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री को बराबर वेटेज दिया जाएगा। एमसीक्यू के सही सवालों के लिए चार नंबर होगा और गलत जवाब के लिए एक नंबर अतिरिक्त काटा जाएगा। न्यूमेरिकल के लिए चार नंबर होगा और गलती होने पर कोई अतिरिक्त नंबर नहीं काटा जाएगा। इस पेपर में कुल 300 नंबर होंगे। पेपर का ड्यूरेशन तीन घंटा होगा और तीनों विषय से कुल 75 सवाल होंगे। ये पेपर पूरी तरह कंप्यूटर आधारित होगा।

पेपर-2: यह पेपर बी.आर्क के छात्रों के लिए होता है। बी.आर्क के लिए पेपर नंबर दो में 3 पार्ट्स होते हैं। पहला पार्ट्स होता है मैथ्स जिसमें 100 नंबरों का 20 ऑब्जेक्टिव क्वेस्चन होता है और पांच न्यूमेरिकल सवाल होता है। दूसरे पार्ट में 200 मार्क्स का 50 एमसीक्यू होता है और तीसरे पार्ट में दो सवाल 100 नंबरों का होता है।

एमसीक्यू के सही जवाब के लिए चार नंबर मिलता है और गलत जवाब के लिए एक नंबर अतिरिक्त नंबर कटता है। न्यूमेरिकल के सही सवालों के लिए 4 नंबर मिलता है और गलत जवाब के लिए कोई अतिरिक्त नंबर नहीं कटता है। इस पेपर के लिए कुल नंबर 400 है। पेपर तीन घंटे का होगा और तीनों पार्ट्स को मिलाकर 77 सवाल होंगे।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

World Students Day Speech: विश्व छात्र दिवस पर यूं करें बेहतरीन स्पीच तैयार

$
0
0

15 अक्टूबर को हर साल विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है। 15 अक्टूबर को 1931 को देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजी अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। उनकी जयंती को संयुक्त राष्ट्र हर साल विश्व छात्र दिवस के तौर पर मनाता है। इस दिन स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। छात्रों के लिए निबंध और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। आइए इस मौके पर आपको बताते हैं कि आपको कैसी स्पीच देनी चाहिए...

डॉ.कलाम के जीवन पर
आप एक ऐसी स्पीच तैयार कर सकते हैं जिसमें डॉ.कलाम के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया हो। जैसे उन्होंने शुरुआती पढ़ाई कहां से की और उच्च शिक्षा कहां से प्राप्त की। उनका शुरुआती जीवन कैसा था। उनकी उपलब्धियों का बखान कर सकते हैं।

डॉ.कलाम की प्रेरक कहानियां
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पूरी जिंदगी इंसान के लिए प्रेरणा है। उन्होंने सादगी, ईमानदारी और मेहनत की जो मिसाल कायम की है, वह सबके लिए प्रेरणा है। उनकी जिंदगी की उन घटनाओं पर आप प्रकाश डाल सकते हैं जिससे दूसरों को प्रेरणा मिले। जैसे उन्होंने अखबार बेचकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला। ऐसी ही और कहानियां ढूंढने पर मिल जाएंगी।

लीडर के तौर पर कलाम
डॉ. कलाम ने देश के प्रमुख वैज्ञानिकों संस्थानों का प्रभार संभालने से लेकर देश के राष्ट्रपति पद तक पर रहे। उनके अंदर नेतृत्व की क्या खासियत थी, उसके ऊपर एक स्पीच तैयार की जा सकती है। कैसे वह अपने अधीन काम करने वाले वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते थे आदि जानकारी को लेकर एक बेहतरीन स्पीच तैयार कर सकते हैं।

शिक्षक के तौर पर कलाम
डॉ. कलाम को पढ़ाने का भी काफी शौक था। उनका निधन भी उस समय हुआ जब वह आईआईएम में लेक्चर देने के लिए स्टेज पर पहुंचे ही थे।

ऐसे तैयार करें भाषण
भाषण को एक जगह लिखकर रख लें और इन्हे पॉइंटर्स में बना लें तो याद करने में ज्यादा आसानी होगी। ज्यादातर लोग अपना भाषण रटकर बोलने की कोशिश करते हैं। ऐसे जब मंच पर आप रटी हुई बातें भूल जाते हैं तो नर्वस हो जाते हैं। ध्यान रहे कि आपका मकसद अपनी बात लोगों तक पहुंचाना है, न कि सिर्फ औपचारिकता करना। ऐसे में उनसे बातचीत के लहजे में अपनी बात कहें न कि रटकर सुनाएं।

आपकी बातों में लोगों की रुचि बनी रहे इसके लिए मुहावरों और छोटे-छोटे किस्सों का जिक्र करें। अच्छी शायरियां या कविताएं भी शामिल करें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


World Students Day 2019 Essay: विश्व छात्र दिवस पर लिखें यह निबंध

$
0
0

डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम छात्रों के लिए रोल मॉडल थे। उनका जीवन छात्रों के लिए प्रेरणा था कि कैसे एक वंचित और गरीब परिवार का लड़का कुछ ऐसा कर सकता है जिस पर देश को नाज हो। डॉ.कलाम की उपलब्धियों को देखते हुए साल 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन यानी 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया। उन्होंने अपने भाषणों, लेखनी और किताबों से हजारों छात्रों को प्रोत्साहित किया।

कैसे मनाया जाता है विश्व छात्र दिवस?
इस मौके पर सभी राजनीतिक पार्टियों और देश के प्रमुख ओहदों पर बैठी गणमान्य हस्तियां देश के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं। देश के इस महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति को याद करने के लिए स्कूल और कॉलेजों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। उनका मानना था कि छात्र राष्ट्र के भविष्य हैं। अगर उनको सही से निखारा जाए और सही शिक्षा जाए तो वे क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने गरीबी, निरक्षरता और कुपोषण जैसी समस्याओं से लड़ने के लिए शिक्षा को एकमात्र हथियार बताया। स्कूलों और कॉलेजों में इस मौके पर नाटक, भाषण प्रतियोगिताओं और निबंधन लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। देश के महान वैज्ञानिक और 'मिसाइल मैन ऑफ इंडिया' के सम्मान में विज्ञान प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाता है।

उनके ही जन्मदिन को क्यों चुना गया?
एपीजे अब्दुल कलाम छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उनका छात्रों से गहरा लगाव था। एक छात्र के तौर पर उनका खुद का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण था और कठिनाइयों एवं संघर्ष से भरा था। उनके जीवन में एक ऐसा भी समय आया जब अपनी शिक्षा और अपने परिवार के खर्च के लिए उनको अखबार बेचने पड़े। लेकिन शिक्षा के प्रति लगाव की वजह से उन्होंने सभी कठिनाइयों को हंसकर झेल लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि न सिर्फ वह देश के महान वैज्ञानिक बने बल्कि देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर भी बैठे। उनका जीवन दुनिया भर के लाखों-करोड़ों छात्रों के लिए प्रेरणा रहा और सदियों तक रहेगा।

अपने पूरे वैज्ञानिक और राजनीतिक जीवन में कलाम ने खुद को शिक्षक समझा। जब वह छात्रों को संबोधित करते थे तो उनको काफी संतुष्टि मिलती थी। छात्रों और पढ़ाई के प्रति उनका लगाव उनकी जिंदगी की एक घटना से समझा जा सकता है। एक बार उन्होंने शिक्षक बनने के लिए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद तक त्याग दिया था। यह पद कैबिनेट स्तर का पद था।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

वर्कप्लेस पर भेदभाव से लड़ने को ऐसे हों तैयार

$
0
0

वर्कप्लेस पर स्थिति तब और ज्यादा नाजुक हो जाती है, जब आपको भेदभाव का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में धैर्य से काम लें। खुद को समय दें। सही रणनीति के तहत ही कोई भी फैसला लें। यह जरूरी है कि हो रही घटनाओं को समझने की कोशिश करें। यह समझ लें कि किसी भी फैसले का असर आप पर ही होना है। यह सच है कि जब भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने लगते हैं, तो ही इसपर ब्रेक भी लग पाता है। धीरे-धीरे चीजें बेहतर होने लगती हैं, लेकिन इसके लिए आपको डर से जीतना पड़ता है। अपने खिलाफ हो रहे भेदभाव से निपटने के लिए किन बातों को अमल में लाया जा सकता है आइए, समझने की कोशिश करते हैं।

तुरंत उठाएं आवाज
आपको लग रहा है कि वर्कप्लेस पर आपके साथ भेदभाव हो रहा है, तो तुरंत आवाज उठाएं। कंपनी में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए कई तरह के नियम होते हैं। इसलिए कंपनी जॉइन करते समय इसके बारे में विस्तार में जान लें। कंपनियां ऐसे मामलों में तुरंत ऐक्शन लेती हैं। याद रखें कि आप सही हैं, तो आपकी बात को प्रमुखता से सुनी जाएगी।

कानूनी समझ जरूरी
एंप्लॉयी इस मामले में कानूनी समझ विकसित नहीं करते हैं। इस कारण वे समय रहते ऐक्शन नहीं ले पाते हैं और यह सोचते हैं कि चीजें खुद-ब-खुद सही हो जाएंगी। इसलिए अपनी समझ को मजबूती दें। जॉनिंग के समय इन चीजों को गंभीरता से लें। एचआर से इस विषय पर चर्चा करें। इससे मैसेज जाएगा कि आपको भेदभाव के खिलाफ उठाए जाने वाले स्टेप्स की अच्छी समझ है। जान लें कि कंपनी में इन चीजों के खिलाफ कैसे नियम हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

अप्लाइड साइंस में भी करियर का जबर्दस्त मौका, जानें सबकुछ

$
0
0

12वीं बाद पढ़ाई के ट्रेंड को अगर देखें तो ज्यादातर लोग बीटेक ही करते हैं। लोगों की सोच यह कि बीटेक से जो बचते हैं, वे ही बीएससी का रुख करते हैं यानी बीएससी उनकी पहली चॉइस नहीं होती लेकिन मजबूरन उन्हें इसमें ऐडमिशन लेना पड़ता है। अगर आपकी भी सोच यही है तो जान लीजिए, आप भ्रम में हैं। बीएससी अपने आप में एक ऐसी डिग्री है जो करियर में आगे एक नहीं वरन कई रास्ते खोलती है। वर्तमान समय में कई नई डिग्रियों के बीच बीएससी की परंपरागत डिग्री भले ही थोड़ी 'ओल्ड फैशन्ड' मानी जाती हो मगर असल में इस परंपरागत डिग्री के बाद आगे पढ़ाई करने के साथ-साथ जॉब के लिए भी कई आकर्षक राहें खुलती हैं। जरूरत है तो बस सब्जेक्ट पर अच्छे से पकड़ बनाकर उसके सब्जेक्ट्स के अप्लाइड पार्ट पर काम करने की। आपका करियर बनाने में बीएससी कैसे काम आ सकती है, विशेषज्ञों से मिलकर जाना गौतम तिवारी ने पूरा हाल...

अप्लाइड साइंस देगी मौका
बीएससी का मतलब सिर्फ फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, बायॉलजी ही नहीं है। अप्लाइड साइंस के कई ऐसे सब्जेक्ट्स हैं जिनमें बीएससी करके आप आसानी से अपना करियर बना सकते हैं। ऐसे कुछ उपयोगी विषय हैं...कम्प्यूटर साइंस, माइक्रोबायॉलजी, ऐनिमेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, न्यूट्रिशन, बायॉइन्फर्मेटिक्स, बायॉकेमिस्ट्री, मल्टीमीडिया, इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी, ऐविएशन, अग्रीकल्चर, साइकॉलजी, जेनेटिक्स, फरेन्सिक साइंस, फैशन टेक्नॉलजी, नर्सिंग, फूड टेक्नॉलजी, फॉरेस्ट्री, एक्वाकल्चर, फिजियोथेरपी आदि।

इनमें से किसी विषय में बीएससी करने के बाद उससे संबंधित क्षेत्र में कई तरह के अवसर खुल जाते हैं। बीएससी के बाद कोई स्किल-बेस्ड शॉर्ट-टर्म टेक्निकल कोर्स भी कर सकते हैं। जैसे एसएपी, जावा, एसक्यूएल, फाइनैंशल अकाउंटिंग आदि। इंडस्ट्रीज में ऐसे प्रफेशनल्स की मांग रहती है। बीएससी ग्रैजुएट्स को भी कई सेक्टर में अच्छी कमाई व भविष्य के लिए आकर्षक संभावनाओं वाली जॉब मिल सकती है। ये इंडस्ट्रीज हैं-हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइडर्स, स्पेस रिसर्च इंस्टिट्यूट्स, अग्रीकल्चर इंडस्ट्री, फार्मासूटिकल्स ऐंड बायॉटेक्नॉलजी इंडस्ट्री, ऑइल इंडस्ट्री, रिसर्च फर्म्स, इंडस्ट्रियल लैबोरेट्रीज, टेस्टिंग लैबोरेट्रीज, हॉस्पिटल, फूड इंडस्ट्री, केमिकल इंडस्ट्री आदि।

बीएससी के बाद डिप्लोमा कोर्स

बीएससी के बाद कुछ अच्छे डिप्लोमा कोर्स कर के भी आप आसानी से अपना करियर बना सकते हैं। ये डिप्लोमा कोर्स इस प्रकार हैं...

• पी.जी डिप्लोमा इन प्रिवेंटिव ऐंड प्रोमोटिव हेल्थ केयर
• पी.जी डिप्लोमा इन इंस्ट्रक्शनल डिजाइन (PGDID)
• पी.जी डिप्लोमा इन केमो-इंफर्मेटिक्स (PGDCI)
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ रियल एस्टेट -प्रिंसिपल्स ऐंड प्रैक्टिसेज ऑफ़ रियल एस्टेट
• मास्टर ऑफ़ साइंस इन काउंसलिंग ऐंड फैमिली थेरपी ( CFT)

बीएससी बाद पोस्ट ग्रैजुएशन भी विकल्प
यदि आप बीएससी करने के बाद पोस्ट ग्रैजुएशन करना चाहते हैं तो आप एमएससी कर सकते हैं। बीएससी में अगर आपके पास मैथ्स है तो मैथ्स से एमएससी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर बायो, फॉरेस्ट्री, जूलॉजी जैसे सब्जेक्ट हैं तो भी एमएससी बेहतर विकल्प है।

बीएससी के बाद पोस्ट ग्रैजुएशन में सिर्फ एमएससी ही विकल्प नहीं बल्कि एमबीए करके मैनेजमेंट के क्षेत्र में, एमसीए करके आईटी के क्षेत्र में या फिर बीएड करके एजुकेशन के क्षेत्र में भी जा सकते हैं।

बीएससी बाद हॉबी कोर्सेस भी देते हैं करियर

जरूरी नहीं कि बीएससी के बाद आईटीआई या डिप्लोमा से जुड़े कोर्स करना ही पसन्द करें। छात्र अपने हॉबी के अनुसार भी कोर्सेस कर सकते हैं। जैसे ऐनीमेशन, फिल्म डिजाइनिंग और फॉरेन लैंग्वेज कोर्सेज

राइटिंग ऐंड जर्नलिज्म कोर्सेज(बतौर विज्ञान पत्रकार)
सरकारी और निजी जॉब में भी रहते हैं कई मौके बीएससी के बाद या तो आप आगे पढ़ाई कर सकते हैं यदि आप चाहे तो बीएससी के बाद जॉब भी कर सकते हैं। यदि आप बीएससी के बाद सरकारी या प्राइवेट नौकरी करना चाहते हैं तो आपके पास जॉब के लिए कई एग्जाम दे सकते हैं।

इंटीग्रेटेड एमएससी भी है बीएससी का विकल्प
मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री जैसे विषयों में अगर आपकी रूचि है और रिसर्च या अकेडमिक्स में आपकी रूचि है तो बीएससी की जगह इंटीग्रेटेड एमएससी को तरजीह देना फायदेमंद हो सकता है। इंट्रीग्रेटेड एमएससी पांच साल का कोर्स होता है। इसमें ऐडमिशन नेस्ट परीक्षा के जरिए ऑल इंडिया लेवल पर होते हैं। यह इंटर के बाद किया जा सकता है जिसमें बीएससी और एमएससी आप एक साथ पढ़ कर निकलते हैं। हालांकि कुछ निजी कॉलेज भी अब इंटिग्रेटिड एमएससी करा रहे हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

CBSE Class 10th Board Exam 2020: जानें कैसा होगा इंग्लिश का पेपर

$
0
0

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) अगले साल फरवरी-मार्च में 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा 2020 का आयोजन करेगा। दिसंबर 2019 के अंत तक सीबीएसई बोर्ड एग्जाम 2020 की डेटशीट जारी की जाएगी।

सीबीएसई 10वीं इंग्लिश का एग्जाम पैटर्न
सीबीएसई क्लास 10वीं में इंग्लिश का पेपर 80 नंबर का होगा। पूरे पेपर को हल करने के लिए तीन घंटे का समय दिया जाएगा। पेपर को तीन सेक्शनों-सेक्शन ए, सेक्शन बी और सेक्शन सी में बांटा जाएगा। पेपर में दिए गए सभी सवाल अनिवार्य होंगे। हर तरह के सवालों के लिए अलग-अलग निर्देश दिए गए होंगे। छात्रों को सभी निर्देशों को सावधानीपूर्वक पढ़ना होगा। हर तरह के सवालों के लिए जवाब की शब्द सीमा निर्धारित होगी। छात्रों को उस शब्द सीमा को पार नहीं करना चाहिए।

सेक्शन ए: रीडिंग
यह सेक्शन 20 मार्क्स का होगा। इस सेक्शन में दो रीडिंग पैसेज होगा। हर पैसेज के अंत में कुछ सवाल होंगे जिसका छात्रों को जवाब देना होगा।

सेक्शन बी: राइटिंग और ग्रामर
राइटिंग और ग्रामर 30 मार्क्स का होगा। इस सेक्शन में कुल 5 सवाल होंगे। इस सेक्शन में पूछे गए सवालों में पत्र लिेखन, निबंध लेखन, कहानी लेखन, खाली स्थानों को भरना, गलत शब्दों को पहचानना और उनको सही करना, शब्दों को फिर से व्यवस्थित करना शामिल होगा।

सेक्शन सी: लिटरेचर
लिटरेचर भी 30 मार्क्स का होगा। इस सेक्शन में कुल 4 सवाल पूछे जाएंगे। ये सभी सवाल छात्रों की टेक्स्टबुक से होंगे।

कैसे करें सभी सेक्शन की तैयारी
रीडिंग: रीडिंग सेक्शन की तैयारी के लिए रोजाना न्यूज पढ़ने की आदत डालें। न्यूज आर्टिकल्स और अलग-अलग विषयों पर विचारों को पढ़ें और समझें। अहम बिंदुओं को कहीं लिख लें। मुश्किल शब्दों का अर्थ भी जान लें। इससे सेक्शन में अच्छा स्कोर हासिल करने में मदद मिलेगी।

राइटिंग और ग्रैमर: इसके लिए आपको पहले से राइटिंग की प्रैक्टिस करनी होगी।

लिटरेचर: इसके लिए टेक्स्टबुक को अच्छी तरह से पढ़ें। स्टोरी को समझें और जो जवाब मांगा गया है, वह सही से लिखें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

LIC Assistant Exam 2019: कल से LIC असिस्टेंट एग्जाम शुरू, साथ ले जाएं ये चीजें

$
0
0

भारतीय जीवन बीमा निगम 30 और 31 अक्टूबर, 2019 को असिस्टेंट के पदों पर भर्ती के लिए प्राथमिक परीक्षा का आयोजन करेगा। एलआईसी कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन) मोड में असिस्टेंट प्राथमिक परीक्षा का आयोजन करेगा।

परीक्षा का विवरण
पेपर कुल 100 नंबरों का होगा जिसमें तीन सेक्शन इंग्लिश लैंग्वेज/हिंदी लैंग्वेज, न्यूमेरिकल अबिलिटी और रीजनिंग अबिलिटी से सवाल पूछे जाएंगे। इंग्लिश/हिंदी लैंग्वेज से 30 मार्क्स के 30 सवाल पूछे जाएंगे। न्यूमेरिकल अबिलिटी में 35 नंबर के 35 सवाल और रीजनिंग अबिलिटी में 35 नंबर के 35 सवाल पूछे जाएंगे। सभी सेक्शन को हल करने के लिए 20-20 मिनट दिए जाएंगे यानी पूरे पेपर को हल करने के लिए 60 मिनट का समय दिया जाएगा।

एलआईसी असिस्टेंट प्रीलिमिनरी एग्जामिनेशन 2019 के लिए कॉल लेटर 16 अक्टूबर, 2019 को जारी किया जाएगा। अगर आपने अब तक कॉल लेटर डाउनलोड नहीं किया है तो नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक से डाउनलोड कर लें। आपको बता दें कि कॉल लेटर के बगैर परीक्षा नहीं देने दिया जाएगा।

कॉल लेटर डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक

क्वॉलिफाइंग होगी इंग्लिश/हिंदी लैंग्वेज
ध्यान रहे कि इंग्लिश/हिंदी लैंग्वेज का पेपर क्वॉलिफाइंग होगा और लैंग्वेज सेक्शन के मार्क्स को रैंकिंग के लिए शामिल नहीं किया जाएगा। कैंडिडेट्स के पास इंग्लिश और हिंदी में से कोई एक लैंग्वेज का जवाब देने का विकल्प होगा।

ये चीजें साथ लेकर जाएं
कैंडिडेट्स के पास अपना कॉल लेटर होना चाहिए। कॉल लेटर पर फोटो चिपका लें। साथ में फोटो आईडी कार्ड ऑरिजनल और फोटोकॉपी रख लें।
साथ में एक बॉलपॉइंट पेन रख लें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Viewing all 889 articles
Browse latest View live


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>