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CBSE Board Exam 2020: डाउनलोड करें 10वीं के सैंपल पेपर्स, देखें पैटर्न

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नई दिल्ली
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के 10वीं के स्टूडेंट्स की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च 2020 में होंगी। सीबीएसई दसवीं की एग्जाम की डेट बोर्ड शीट दिसंबर 2019 के आखिर तक आ जाएगी। डेट शीट से जुड़ी कोई जानकारी अभी तक बोर्ड की तरफ से नहीं आई है। स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी के लिए कमर कस चुके हैं। यहां हैं हिंदी के पेपर्स जिन्हें डाउनलोड करके स्टूडेंट्स प्रैक्टिस कर सकते हैं।

10वीं के स्टूडेंट्स के लिए हिंदी आसान और स्कोरिंग सब्जेक्ट है। दसवीं के लिए हिंदी की दो किताबें चलती हैं। Hindi A (सब्जेक्ट कोड 002) और Hindi B (सब्जेक्ट कोड 85)। दोनों सब्जेक्ट कोड्स के लिए एग्जाम पैटर्न सेम है। आने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए परीक्षा पैटर्न और सैंपल पेपर्स यहां देख सकते हैं...

CBSE 10वीं हिंदी परीक्षा के लिए एग्जाम पैटर्न
दसवीं में हिंदी थिअरी के लिए अधिकतम 80 नंबर की परीक्षा होगी जिसकी समयावधि 3 घंटे की होगी। क्वेश्चन पेपर 4 भागों में बंटा होगा। स्टूडेंट्स को चारों सेक्शंस के सभी सवालों के जवाब देने होंगे। कुछ सेक्शंस में चॉइस दी होगी।

सेक्शन A. इस सेक्शन में एक रीडिंग पैसेज दिया होगा। स्टूडेंट्स को इस पैसेज पर आधारित सवालों के जवाब देने होंगे। इस सेक्शन के कुल अंक 10 होंगे।

सेक्शन B. यह हिस्सा ग्रामर का होगा। इस सेक्शन के 16 नंबर होंगे।

सेक्शन C. इस सेक्शन के सारे सवाल हिंदी विषय की किताब पर आधारित होंगे। इसके टोटल मार्क्स 34 होंगे।

सेक्शन D. यह राइटिंग सेक्शन होगा। स्टूडेंट्स को 200-250 शब्दों का एसे लिखना होगा जो कि दिए गए पॉइंट्स पर आधारित होगा। स्टूडेंट्स को लेटर और ऐडवर्टाइजमेंट की कॉपी भी लिखनी होगी। इस सेक्शन के टोटल मार्क्स 20 होंगे।

यहां देखें हिंदी सैंपल पेपर सब्जेक्ट कोड 002
यहां देखें हिंदी सैंपल पेपर सब्जेक्ट कोड 85

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CAT 2019: कुछ ही दिन रह गए हैं, जानें कैसे क्रैक करें एग्जाम

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अगर आप कॉमन ऐडमिशन टेस्ट देने वाले हैं तो आपके लिए मुश्किल से 20 दिन रह गए हैं। इस बार परीक्षा का आयोजन आईआईएम कोझिकोड करेगा और परीक्षा 24 नवंबर को होगी। आइए आज आपको बताते हैं कि अंतिम 30 दिनों में आपको जबर्दस्त स्कोर करने के लिए क्या करना चाहिए।

सभी सेक्शन को बराबर अहमियत दें
सभी सेक्शन को बराबर महत्व देना चाहिए। हर दिन सेक्शन को पढ़ने की बजाए सभी सेक्शनों के सवालों को हल करना शुरू कर दें। बेहतर होगा कि आप कॉमन ऐडमिशन टेस्ट का मॉक टेस्ट ट्राई करें, सैंपल पेपर्स और पहले के पेपरों को हल करें।

स्पीड बढ़ाएं
टेस्ट प्रैक्टिस की स्पीड को धीर-धीरे बढ़ाएं। आखिरी के 30 दिनों में जितना हो सके मॉक टेस्ट ट्राई करें। शुरू में कम टेस्ट को ट्राई करें और धीरे-धीरे बढ़ते रहें।

सही आंसर पर फोकस
सही जवाब के लिए 3 नंबर मिलेंगे लेकिन गलत जवाब होने पर 1 नंबर अतिरिक्त कट जाएगा। इसलिए तुक्का लगाने की कोशिश न करे। सही आंसर पर ही फोकस करें।

पढ़ने की आदत डालें
वर्बल अबिलिटी के लिए रीडिंग अहम है। कैट का डिजाइन ऐसे किया जाता है ताकि कैंडिडेट की पढ़ने की योग्यता का आकलन किया जा सके। आमतौर पर वर्बल अबिलिटी में 34 सवाल पूछे जाते हैं जिनमें से 24 सवाल पूरी तरह रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन के होते हैं। रीडिंग स्किल को बेहतर बनाने के लिए इकनॉमिक टाइम्स और अन्य बेहतर पेपर को पढ़ें एवं अच्छे लेखकों की किताबों को अपनी रीडिंग लिस्ट में शामिल करें।

ट्रिक
न्यूमेरिकल ऐप्टिट्यूड और लॉजिकल रीजनिंग के लिए टिप्स और ट्रिक्स पर फोकस करें। उसकी मदद से आप सवालों को तेजी से हल कर सकते हैं। चूंकि न्यूमेरिकल ऐप्टिट्यूड और लॉजिकल रीजनिंग के सवालों को हल करने में ज्यादा समय लगता है, ऐसे में इस तरह के सवालों के लिए शॉटकट ट्रिक्स काफी काम आती हैं।

लगातार नहीं पढ़ें, आराम भी करें
तैयारी के बीच आराम भी बहुत जरूरी है। अगर आप लगातार पढ़ते रहेंगे तो ऊर्जा खत्म हो जाएगी और फिर कुछ समझ नहीं आएगा। ऐसे में बीच-बीच में ब्रेक लेने से इंसान रिफ्रेश हो जाता है और नई एनर्जी महसूस करता है।

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खूब हैं मौके, जानें कैसे बनाएं मेडिकल कोडिंग में करियर

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लाइफ साइंस के छात्रों के लिए मेडिकल कोडिंग एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि मडेकिल कोडिंग है क्या। दरअसल मेडिकल कोडिंग का मतलब है मरीज की रिपोर्ट, इलाज पता लगाने की प्रक्रिया, चिकित्सा सेवाओं और उपकरणों को एक खास तरह के कोड में लिखना। मेडिकल बिलिंग के लिए यह काफी अहम होता है। मेडिकल सर्विस प्रवाइड करने वाले को इसी के आधार पर रीइंबर्समेंट मिलता है।

मेडिकल कोडिंग के पेशेवरों की बढ़ती मांग
हेल्थकेयर आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री का बिजनस तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही मेडिकल कोडिंग के पेशेवरों की मांग भी बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्थकेयर आउटसोर्सिंग के मामले में अमेरिका के बाद भारत ही दूसरे सबसे बड़े स्थान के तौर पर उभरा है। इससे आउटसोर्सिंग सेक्टर को मेडिकल कोडिंग और बिलिंग में एक्सपर्ट लोगों को हायर करने की मांग बढ़ रही है।

कोर्स
वैसे तो मेडिकल कोडिंग में करियर बनाने के लिए कोई भी डिग्री चलेगी लेकिन लाइफ साइंस में जिनलोगों के पास डिग्री है, उनको प्राथमिकता दी जाती है। मानव शरीर रचना विज्ञान, मानव शरीर क्रिय वज्ञान और चिकित्सीय शब्दावली की मजबूत जानकारी रखने वाले को मेडिकल कोडिंग स्पेशलिस्ट बनने में ज्यादा आसानी होती है।

सर्टिफिकेट कोर्स
मेडिकल कोडिंग के लिए सर्टिफिकेट प्रोग्राम की जरूरत तो नहीं है लेकिन इससे नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है। किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से मेडिकल कोडिंग में सर्टिफिकेट प्राप्त कैंडिडेट को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि वे सही कोड की पहचान करने और उसको लागू करने में ज्यादा सक्षम होते हैं। कई संस्थान हैं जो मेडिकल कोडिंग में ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट मुहैया कराते हैं।

फीस स्ट्रक्चर
आमतौर पर इसकी फीस 20 हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक होती है। फीस एक बार में ही देनी होती है। अलग-अलग संस्थानों की फीस अलग-अलग होती है। ऐडमिशन लेने से पहले आपको पता कर लेना चाहिए। जिस संस्थान में कम फीस हो और प्रतिभाशाली छात्रों के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप प्रोग्राम की व्यवस्था हो, वहां दाखिला लेना चाहिए।

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CBSE: 10वीं-12वीं का है एग्‍जाम? देखें, सैंपल क्‍वेस्‍चन पेपर्स से जुड़ी जरूरी डीटेल्‍स

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सीबीएसई ने स्‍कूलों से स्‍टूडेंट्स को यह बताने के लिए कहा है कि उन्‍हें सैंपल पेपर्स को ध्यान में रखना चाहिए, न कि पाठ्यक्रम में दिए गए डिजाइन को। बोर्ड ने बताया है कि सैंपल पेपर्स को तैयार करने के दौरान कुछ संशोधन किए गए हैं जो कि इसे पाठ्यक्रम के प्रारूप से अलग बनाते हैं।

सर्कुलर के मुताबिक, सैंपल क्‍वेस्‍चन पेपर्स के डिजाइन का इस्‍तेमाल स्‍कूल भी कर सकते हैं ताकि जो बदलाव हुए हैं, उससे स्‍टूडेंट्स परिचित हो जाएं। बता दें, 10वीं और 12वीं के सीबीएसई बोर्ड के एग्‍जाम 15 फरवरी 2020 से शुरू हो रहे हैं।

प्रैक्‍टिकल एग्‍जाम और प्रॉजेक्‍ट असेस्‍मेंट्स 1 जनवरी 2020 से 7 फरवरी 2020 के बीच होंगे। इस बार प्रैक्‍टिकल और प्रॉजेक्‍ट्स के नंबरों को सीबीएसई के ऑफिशल पोर्टल पर एग्‍जाम के बाद ही अपलोड कर दिया जाएगा।

सभी सब्‍जेक्‍ट्स के सैंपल क्‍वेस्‍चन पेपर्स कैसे करें डाउनलोड?
1. सीबीएसई की ऑफिशल वेबसाइट cbseacademic.nic.in पर जाएं।
2. 'Sample Question Paper' ड्रॉप डाउन मेन्‍यू से 'SQP 2019-2020' और फिर 10वीं या 12वीं क्‍लास सिलेक्‍ट करें।
3. अब पेज पर आपको सभी विषयों के सैंपल क्‍वेस्‍चन पेपर्स दिख जाएंगे।
4. जिस सैंपल क्‍वेस्‍चन पेपर लिंक को डाउनलोड करना हो, उस पर क्‍लिक करें।
5. क्‍वेस्‍चन पेपर और मार्किंग स्‍कीम को पढ़ लें।
6. आप इसे डाउनलोड कर प्रिंट आउट भी ले सकते हैं।

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कर लें तैयारी, MNC में जॉब के लिए पूछे जाते हैं ये 10 खास सवाल

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जॉब के लिए दिया जाने वाला इंटरव्यू का राउंड कई बार काफी मुश्किल होता है। ऐसे-ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जो न सिर्फ अजीबोगरीब लगते हैं बल्कि उनका जवाब देना भी मुश्किल होता है। कंपनी इस तरह के मुश्किल सवाल देकर एक तो छात्र की प्रतिभा का आकलन करना चाहती है। दूसरी ओर कंपनी जानना चाहती है कि कोई कठिन स्थिति में अगला इंसान कैसी प्रतिक्रिया देगा। कठिन परिस्थिति को संभाल पाएगा या नहीं। इस तरह के सवालों से एक इंसान के व्यक्तित्व का आकलन करना बहुत आसान हो जाता है। अगर आप से इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं तो घबराने की बजाए आपको पहले अपने दिमाग को शांत करना चाहिए। उसके बाद आपको जो सबसे सटीक जवाब लगे, वह बता देना चाहिए। आइए आपको आज ऐसे ही 10 अजीबोगरीब सवाल से अवगत कराते हैं।

1. अगर आप किसी द्वीप पर हैं और वहां से सिर्फ तीन चीज ला सकते हैं। तो वो कौन सी तीन चीजें होंगी, जो आप लेकर आएंगे?
2. एक टैक्सी चालक वनवे रोड पर गलत जा रहा था। एक ट्रैफिक पुलिस अफसर ने उस व्यक्ति को देखा लेकिन उसे रोकने या उस पर जुर्माना लगाने की बजाय उसे जाने दिया। आपके ख्याल से अफसर ने ऐसा क्यों किया?
3. सुपरमैन औऱ बैटमैन की लड़ाई में कौन जीतेगा?
4. अगर आपको काम के बगैर ही सैलरी ऑफर की जाए तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी?
5. 31, 28, 31, 30,...इस श्रृंखला में अगली संख्या कौन सी होगी?
6. इस साल कितने महीने ऐसे होंगे जिनमें 28 दिन होंगे?
7. क्या आप 3 कट मारकर एक केक को 8 टुकड़ों में काट सकते हैं?
8. अगर हमारा प्रतिद्वंद्वी आपको हम से ज्यादा वेतन दे तो आप क्या करेंगे?
9. मुंबई में कितनी खिड़कियां हैं, आप कैसे पता लगाएंगे?
10. एक आदमी दृष्टिबाधित है यानी उसको कुछ भी नहीं दिखाई पड़ता है। आप उसे लाल रंग कैसे समझाएंगे?

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प्रोसेस इंजिनियरिंग में हैं शानदार करियर, जानें सबकुछ

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पेट्रोकेमिकल, ऐग्रिकल्चर, केमिकल, अडवांस्ड मटीरियल, फूड, मिनरल प्रोसेसिंग और फॉर्मासूटिकल इंडस्ट्रीज में प्रोसेस इंजिनियरिंग की जरूरत पड़ती है। इंडस्ट्री में प्रॉडक्शन से संबंधित काम प्रोसेस इंजिनियर को अंजाम देने पड़ते हैं।

काम
प्रोसेस इंजिनियर वे लोग होते हैं जिनके पास प्रोसेस इंजिनियरिंग में अंडरग्रैजुएट डिग्री होती है। प्रोसेस इंजिनियर मैन्युफैक्चरर्स के लिए केमिकल प्रोसेस का डिजाइन करने और उसके रखरखाव के लिए केमिस्ट्री के सिद्धांत का इस्तेमाल करते हैं।

प्रोसेस इंजिनियरिंग क्या है?
प्रोसेस इंजिनियरिंग में कच्ची सामग्रियों से प्रॉडक्ट हासिल करने का तरीका और प्रक्रिया शामिल होती है। प्रोसेस इंजिनियरिंग की मदद से कच्ची सामग्रियों को इस्तेमाल योग्य उत्पाद में बदला जाता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर बल्क प्रॉडक्ट प्रोसेस जैसे पेट्रोलियम की रिफाइनिंग, पानी की सफाई और सिंथेसिस के माध्यम से पेनिसिलिन की मैन्युफैक्चरिंग में होता है।

कोर्स और पात्रता
प्रोसेस इंजिनियरिंग में करियर शुरू करने के लिए आपके पास बैचलर डिग्री होनी चाहिए। इस फील्ड में मास्टर कोर्स भी उपलब्ध हैं। बैचलर कोर्सों में बीटेक (केमिकल इंजिनियरिंग), बीटेक (मैन्युफैक्चरिंग इंजिनियरिंग) और बीटेक (इंडस्ट्रियल इंजिनियरिंग) शामिल हैं। इसमें दाखिला जेईई मेंस के आधार पर होता है।

मास्टर कोर्स
मास्टर कोर्सों में प्रोसेस इंजिनियरिंग में एमएससी, केमिकल इंजिनियरिंग में एमटेक, मेटालर्जिकल ऐंड मटीरियल्स इंजिनियरिंग में एमटेक और इंडस्ट्रियल इंजिनियरिंग में एमटेक शामिल हैं। इनमें दाखिला गेट परीक्षा के आधार पर होता है।

कौन कर सकता है कोर्स?
बैचलर कोर्स के लिए छात्रों का पीसीएम सब्जेक्ट्स के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है। मास्टर कोर्स के लिए इंजिनियरिंग की संबंधित फील्ड में किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट डिग्री होना अनिवार्य है।

संस्थान
* इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, रूड़की
* इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, बॉम्बे
* इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, कानपुर
* नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, तिरुचिरापल्ली
* नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, सूरतखल
* बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी ऐंड साइंस

एक प्रोसेस इंजिनियर की जिम्मेदारियां
* मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम के लिए प्रक्रियाएं तैयार करना और उनको बेहतर बनाना
* प्रक्रियाओं की क्षमता में बेहतरी के लिए नए रास्ते खोजना
* कंपनी के स्टैंडर्ड्स के मुताबिक समय पर परियोजना को पूरा करना
* रेकॉर्ड जमा करना और प्रक्रिया को लेकर रिपोर्ट तैयार करना
* वैसे अभिनव हल की तलाश करना जिससे उत्पादन में बेहतरी लाई जा सके
* उपकरणों का निरीक्षण, जांच और मरम्मत

वेतन
इस फील्ड में वेतन काफी आकर्षक है। शुरुआत में एक प्रोसेस इंजिनियर को 4 से 5 लाख रुपये सालाना मिलता है। सीनियर प्रोसेस इंजिनियर की औसत सालाना सैलरी 7 से 8 लाख रुपये है।

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CAT 2019 Exam Tips: कल है एग्जाम, इन बातों पर जरूर दें ध्यान

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कैट 2019 एग्जाम 24 नवंबर रविवार को है। परीक्षा दो सत्रों-सुबह और दोपहर उपरांत- में होगी। परीक्षा 3 घंटे तक चलेगी और कंप्यूटर मोड में होगी। कैट पेपर में 3 सेक्शन हैं और हर सेक्शन की अलग-अलग लिमिट है। कुल 100 सवाल होंगे और हर सवाल के लिए 3-3 मार्क्स होंगे। हर गलत आंसर के लिए एक नंबर काट लिया जाएगा। कैट का रिजल्ट परसेंटाइल में जारी किया जाता है। रिजल्ट जारी होने से पहले कैट की आंसर की और कैंडिडेट के रिस्पॉन्स को ऑफिशल वेबसाइट पर साझा किया जाएगा। अगर कैंडिडेट्स की कोई आपत्ति होगी तो उसको दर्ज कराने के लिए समय मिलेगा।

परीक्षा से पहले की तैयारी
अगर आपने अब तक डाउनलोड नहीं किया है तो कैट 2019 ऐडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें। यह सुनिश्चित करें कि आपके फोटोग्राफ और हस्ताक्षर स्पष्ट रूप से नजर आएं।

कैट 2019 ऐडमिट कार्ड पर प्रदत्त जगह में पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ लगाएं। फोटोग्राफ वही होना चाहिए जो आपने आवेदन के समय अपलोड किया था।

कैंडिडेट्स को ऐडमिट कार्ड के साथ-साथ कम से कम एक असल (फोटोकॉपी या स्कैन न हो) और वैध पहचान का प्रमाण जैसे (कॉलेज आईडी, एंप्लॉयर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, आधार कार्ड, पहचान का शपथपत्र) लाना होगा। फोटो आईडी पर कैंडिडेट्स का वही नाम होना चाहिए जो आधार कार्ड पर हो।

परीक्षा के दौरान
सभी सवालों को ध्यान से पढ़ें और यह सुनिश्चित करें कि आपके सारे उत्तर सही ढंग से दिए गए हों। अगर कोई सवाल मुश्किल लग रहा है तो घबराएं नहीं। जितना सवाल हल कर सकते हैं, उतना सवाल हल करें।

परीक्षा में सवालों को तीन सेक्शन में बांटा जाता है-आसान, थोड़ा मुश्किल और मुश्किल। प्रत्येक सेक्शन को उचित समय दें। एक ही सवाल पर ज्यादा समय खर्च न करें। औसतन हर सवाल पर आपको 2 से 2.5 मिनट खर्च करना चाहिए। अगर किसी सवाल का जवाब नहीं आए तो अटकल न लगाएं क्योंकि नेगेटिव मार्किंग होने की वजह से नुकसान उठाना पड़ सकता है। आखिरी बार जमा करने से पहले सभी जवाबों पर एक नजर जरूर डाल लें।

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संविधान दिवस: ऐसे दें जोरदार स्पीच, जानें काम की बातें

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26 नवंबर को देश भर में संविधान दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था। 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया। यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय संविधान को अंगीकार करने की इस साल 70वीं सालगिरह है। इस मौके पर देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जहां छात्र संविधान दिवस पर अपना भाषण दे सकते हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि आप कैसे एक शानदार भाषण तैयार कर सकते हैं...

संविधान क्या है और इसका इतिहास
सबसे पहले तो आपको सभी को समझाना होगा कि संविधान क्या है और इसे किसने लिखा है। यह कैसे लिखा गया है। इससे जुड़े रोचक इतिहास का भी आप अपने शब्दों में वर्णन कर सकते हैं। संविधान बनाने में जिनलोगों की अहम भूमिका रही है, उनके बारे में संक्षिप्त में बता सकते हैं। संविधान को बनाने के लिए कई लोग जुड़े थे। उनकी कुछ खास बातों का उल्लेख कर सकते हैं।

संविधान का महत्व
एक राष्ट्र, समाज या समुदाय के जीवन में संविधान का क्या महत्व होता है। यह कैसे इंसान को सभ्य और संगठित तरीके से रहने में मदद करता है। संविधान या लिखित कानून न होने की स्थिति में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता। संविधान की गरिमा को कैसे बनाए रखा जा सकता है।

पॉइंटर्स बना लें
भाषण को एक जगह लिखकर रख लें और इन्हे पॉइंटर्स में बना लें तो याद करने में ज्यादा आसानी होगी। ज्यादातर लोग अपना भाषण रटकर बोलने की कोशिश करते हैं। ऐसे जब मंच पर आप रटी हुई बातें भूल जाते हैं तो नर्वस हो जाते हैं। ध्यान रहे कि आपका मकसद अपनी बात लोगों तक पहुंचाना है, न कि सिर्फ औपचारिकता करना। ऐसे में उनसे बातचीत के लहजे में अपनी बात कहें न कि रटकर सुनाएं। आपकी बातों में लोगों की रुचि बनी रहे इसके लिए मुहावरों और छोटे-छोटे किस्सों का जिक्र करें। अच्छी शायरियां या कविताएं भी शामिल करें।

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CTET Exam 2019: एग्जाम देने जा रहे हैं तो काम आएंगे ये लास्ट मिनट टिप्स, जरूर पढ़ें

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CTET Last Minute Tips: केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन इस बार 8 दिसंबर 2019 को किया जा रहा है। बता दें कि इस परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। 8 दिसंबर को आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है ऐसे में हम आपको यहां कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनका इस्तेमाल करके आप परीक्षा में ज्यादा से ज्यादा अंक पा सकते हैं।

पुराने प्रश्नपत्र को हल करें
सीटेट की तैयारी में कम समय बचा है लेकिन आप पिछले कुछ सालों के (CTET Previous Paper) प्रश्नपत्रों को हल करने की कोशिश कर सकते हैं इससे आपको कॉन्फिडेंस मिलेगा।

सभी सवालों को हल करें
पेपर के दौरान सभी सवालों को हल करने की कोशिश करें क्योंकि इस पेपर में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं है इसलिए सभी सवालों के जवाब दें। सभी सवालों को ध्यान से पढ़कर ही उनका उत्तर दें। जल्दबाजी में कोई सवाल हल न करें।

समय का रखें ध्यान
परीक्षा के दौरान समय का खासतौर पर ध्यान रखें। किसी भी प्रश्न पर जरुरत से ज्यादा समय न लगाएं। पहले सबसे आसान प्रश्नों को हल करें उसके बाद कठिन सवाल की ओर जाएं। सबसे कठिन सवाल को आखिर के लिए छोड़ दें।

परीक्षा के दौरान दिमाग को ठंडा रखें
परीक्षा के दौरान किसी तरह की घबराहट न आने दें। अपने दिमाग को ठंडा करके ही परीक्षा को हल करें। किसी भी सवाल से घबराने की जरुरत नहीं है। ध्यान से और समय लेकर उत्तर दें। किसी भी सवाल को हल करने जल्दबाजी न करें।

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ऑफिस में खुश रहने के लिए अपनाएं ये टिप्स, करियर को भी होगा फायदा

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दुनिया भर में वर्कप्लेस को लेकर रिसर्च चलते ही रहते हैं। इनसे कई अहम जानकारियां भी सामने आती हैं। जिन्हें अमल में लाने से कई तरह के फायदे होते हैं। इसी तरह के एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि ग्लोबल लेवल पर करीब 30 फीसदी कर्मचारी खुद को वर्कप्लेस पर काम अलग रखने की कोशिश करते हैं। इस वजह से वे दुखी होने के साथ-साथ अनप्रॉडक्टिव भी हो जाते हैं। आप भी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो आपको सेल्फ मोटिवेशन की जरूरत है।

एक्सपर्ट की मानें तो आप खुश नहीं रहेंगे तो इसका सीधा असर आपके ऊपर पड़ता है और आप अच्छा नहीं महसूस करते हैं। वर्क प्लेस पर खुश रहना जरूरी है। इसके लिए आप इन फंडों पर गौर कर सकते हैं।

अपनी भूमिका को समझना है जरूरी

अपनी भूमिका को अच्छे तरीके से समझना और वर्कप्लेस की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा करना खुश रहने का आसान तरीका है। आज जब हर ओर प्रतिस्पर्धा है, ऐसे में शुरू से ही आपको अपने लक्ष्य को लेकर स्पष्ट होना होता है। जब टारगेट को लेकर आप क्लियर रहते हैं, तो काम पर फोकस कर पाते हैं।

सीखना है एक अच्छी आदत
वर्क प्लेस पर खुद को ऐक्टिव रखें और हमेशा ही सीखने को तैयार रहें। इससे आप सार्थक बदलाव लाने में समर्थ होते हैं। आप अपने सपनों को जिंदा रखें और जब आप ऐसा करने में सफल होते हैं, तो आपको हर रोज नई चीजों को सीखने की जरूरत होती है। आप काम और इससे परे बहुत सारी चीजों को पढ़ने की कोशिश करें। ऐसा करने पर आपके सोचने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। कहीं न कहीं इस प्रॉसेस से भी आपको लाइफ में काफी कुछ सीखने को मिलता है। इससे आप वर्कप्लेस पर खुद को खुश रख पाते हैं।

फीडबैक का उपयोग करें
एक्सपर्ट मानते हैं कि एक प्रोग्रेसिव ऑर्गेनाइजेशन्स की विशेषता होती है कि वे अपने यहां फीडबैक सिस्टम को लागू करते हैं। यह उनके यहां का एक मजबूत तंत्र है। इससे वहां पर काम करने वाले लोगों के करियर की दुविधाओं को दूर किया जा सकता है। फीडबैक ऐसा प्रोसेस है, जिससे व्यवहार, काम और तकनीकी में होने वाली कमियों को दूर किया जा सकता है। आप हमेशा फीडबैक को पॉजिटिव वे में लें।

पॉजिटिव माइंड से करें काम
पॉजिटिव माइंड सेट से काम करना जरूरी है। इससे चीजों को सही दिशा में बढ़ाने में मदद मिलती है। जब आपके साथ कुछ भी सही नहीं हो रहा हो, तो आपकी यह आदत लाभकारी साबित होती है। इसके अलावा आप अच्छी बातों को भी नोट करें। इससे नेगेटिविटी आपके ऊपर हावी नहीं हो पाती। जॉब एक्सपर्ट की मानें तो पॉजिटिव बात यह है कि आप किसी भी सूरत में खुद पर नेगेटिविटी को हावी न होने दें। विपरीत परिस्थिति में पॉजिटिव सोच के साथ काम करें। इससे आप अपने वर्क और लाइफ में भी बैलेंस बना सकते हैं।

बदलावों की लिस्ट बनाएं
सार्थक बदलाव लाने के लिए आप बदलावों की एक लिस्ट तैयार कर लें। यह याद रखें कि सिर्फ लिस्ट तैयार करने से बात नहीं बनती है, इस पर अमल भी करना होता है। लिस्ट बनाने और उसे फालो करने से आपको इसका एहसास होगा कि आप सार्थक बदलावों की ओर बढ़ रहे हैं या नहीं। अगले चरण में खुद के भीतर हो रहे सार्थक बदलावों को महसूस करते हुए उसके बारे में अपने अनुभवों को भी लिखने की कोशिश करें।

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UPTET Best Books 2019: इन किताबों से करें यूपीटीईटी की तैयारी, मिलेगी सफलता

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UPTET Book In Hindi: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए अब कम समय बचा है। इस बार इस परीक्षा का आयोजन 22 दिसंबर 2019 को किया जा रहा है। अगर आप भी इस परीक्षा की तैयारियों में लगे हैं तो किसी बेस्ट बुक की तलाश कर रहे हैं तो यहां हम आपको इस परीक्षा के लिए कुछ सबसे अच्छी किताबों की जानकारी दे रहे हैं।

ये किताबें ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं। इन किताबों को आप इंटरनेट पर सर्च करके खरीद सकते हैं साथ ही इन किताबों की कीमत भी ज्यादा नहीं हैं। हम यहां आपको यूपीटीईटी परीक्षा के लिए हिंदी मीडियम किताबों की जानकारी दे रहे हैं।

UPTET Vigyan ( Varg : VI –VIII )
यह किताब यूपीटीईटी के दूसरे पेपर के लिए तैयार की गई है। यह किताब NCERT की कक्षा 6 से आठ के सिलेबस को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इस किताब में उदाहरण देकर भी समझाया गया है जैसे इस किताब में सीटेट और विभिन्न हिंदी भाषी राज्यों के टेट परीक्षा के अनुरूप प्रश्न भी शामिल किए गए हैं ताकि अभ्यर्थियों को इन सूत्रों का संबंधित परीक्षा के प्रश्नों से सामंजस्य स्थापित हो सके। किताब के लेखकों ने सीबीएसई एवं एनसीईआरटी के विषय विशेषज्ञों तथा प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षकों के प्रशिक्षण शालाओं के प्रशिक्षकों से अध्यापन कला/ शिक्षण शास्त्र पर विशेष रूप से राय लेकर उसे अपने शब्दों में समझाने का प्रयास किया गया है,ताकि अभ्यर्थी इस विषयवस्तु को अच्छी तरह समझ कर इसके अंतर्गत पूछे जाने वाले प्रश्नों का सटीक उत्तर बड़ी आसानी से दे सकें। इस किताब की कीमत केवल 159 रुपए है।

UPTET (1-5) 2019-Guide Book
यह किताब यूपीटीईटी की बेस्ट सेलिंग बुक में से एक है इसमें 3600 महत्वपूर्ण प्रश्नो के अलावा 1 हल किया हुआ पेपर भी दिया गया है। यह किताब 2019 पेपर को ध्यान में रखकर ही खासतौर पर तैयार की गई है। इस किताब के लेखक अग्रवाल एग्जाम कार्ट एक्सपर्ट्स हैं। किताब की कीमत 199 रुपए है इसे ऑनलाइन आसानी से खरीदा जा सकता है।

UPTET Shikshak ke Liye Paper-I (Class 1-5) 2019
इस किताब को कक्षा 1 से कक्षा 5 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के एग्जाम के हिसाब से तैयार किया गया है। इस किताब में प्रैक्टिस के लिए 3 हजार प्रश्न दिए गए हैं जिनसे आवेदक एग्जाम की प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें 2018 यूपीटेट परीक्षा का हल प्रश्न पत्र भी दिया गया है।

UPTET CTET Solved Question 2019 by SSGCP GROUP
इस किताब में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों की टेट परीक्षा के हल प्रश्नपत्र दिए गए हैं। इस किताब का इस्तेमाल केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी सीटेट परीक्षा के लिए भी किया जा सकता है। इस किताब में हिंदी, इंगलिश और संस्कृत भाषा, बाल विकास एवं शिक्षण विधि, गणित और पर्यावरणीय अध्ययन जैसे टॉपिक को शामिल किया गया है। इस किताब की ऑनलाइन कीमत करीब 320 रुपए है।

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ऑफिस मीटिंग को ऐसे बनाएं ज्यादा से ज्यादा प्रॉडक्टिव

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टीम से प्लान डिस्कस करना हो या फीडबैक लेना हो, मीटिंग को इन सबके के लिए सबसे अच्छा जरिया माना जाता हैं। यही कारण है कि ऑफिस कल्चर में मीटिंग को अहम माना जाता हैं। ऐसे में इस बात का ध्यान रखना होता है कि मीटिंग फोकस्ड रहे। ऐसा नहीं करने पर सिर्फ समय की बर्बादी होती है। आज हम कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में बात कर रहे हैं, जिनसे आप ऑफिस मीटिंग को और प्रॉडक्टिव बना सकते हैं।

हो रहे नए प्रयोग
ऑफिस मीटिंग को लेकर दुनियाभर में प्रयोग किए जा रहे हैं। इस कड़ी में माइक्रोसॉफ्ट ने जापान में हफ्ते में काम के दिन घटा कर सिर्फ चार कर दिए और मीटिंग का समय सीमित करके 20 मिनट कर दिया। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि एम्प्लॉई मीटिंग में फोकस रहें और उन्हें इससे बोरियत न हो।

टेकअवे लिस्ट बनाएं
केवल मीटिंग कर लेने से काम पूरा नहीं होता। इसलिए मीटिंग से कौन से टेकअवे प्वाइंट मिले, इसकी लिस्ट जरूर बनाएं। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि ऑफिस में आपको कई प्रॉजेक्ट को हैंडल करना होता है। टेकअवे लिस्ट को अमल में नहीं लाया गया, तो मीटिंग का फायदा नहीं मिलता है और मीटिंग में डिस्कस किए गए पॉइंट लागू नहीं हो पाते हैं। इसके साथ-साथ टीम मेंबर मीटिंग को गंभीरता से नहीं लेते, जो किसी भी तरह से अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए मीटिंग की टेकअवे लिस्ट जरूर बनाएं और उसका फॉलोअप भी करें। इससे पूरी टीम को फायदा पहुंचता है और प्रॉडक्टिविटी भी बढ़ती है।

जरूरी लोगों को ही बुलाएं
मीटिंग फोकस्ड रहे, इसके लिए मुद्दों के साथ सीमित लोगों को ही मीटिंग का हिस्सा बनाएं। कई बार जरूरत से ज्यादा लोगों के मीटिंग में हिस्सा लेने से डिस्ट्रैक्शन बढ़ जाता है। अगर बॉस कुछ जानकारी सब तक पहुंचाना चाहते हैं, तो सबको मेल से भी सूचित किया जा सकता है।

पहले ही प्लान कर लें
प्लानिंग किसी भी बड़े काम को पूरा करने का पहला और महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसलिए सबसे पहले इस पर फोकस करना होता है। प्लानिंग करते समय इस बात का ध्यान रहे कि आपको चीजों को शुरुआत से ही सही तरीके से मैनेज करते हुए आगे बढ़ना है। ऐसा करने के बाद काम करते समय कोई शंका नहीं रहती है। साथ ही मीटिंग में जाने से पहले अपने प्लान को रिव्यू भी कर लें, ताकि अगर कोई जरूरी मुद्दा छूट रहा हो तो उसका पता चल जाए।

एजेंडा क्लियर रखें
कम समय की मीटिंग में कई सारे मुद्दों पर चर्चा करनी होती है, ऐसे में एजेंडा क्लियर रखना बहुत जरूरी होता है। आप पहले ही तय कर लें कि कौन सा मुद्दा कितना जरूरी है और उसपर यह होता है कि टीम को कई अहम मुद्दों पर क्लियरिटी नहीं मिल पाती, जो आगे चलकर नुकसानदायक साबित हो सकती है।

दो तरफा संवाद जरूरी
मीटिंग को दो तरफा संवाद का प्लेटफॉर्म कहा जाता है, ऐसे में बिना टीम की बात तेजी से बदलते परिवेश में टारगेट पूरा करने के लिए कंपनियों पर दबाव रहता है। ऐसी स्थिति में बहुत से बदलाव करने होते हैं। मैनेजमेंट ने किस डिपार्टमेंट के लिए क्या बदलाव किए हैं और कौन से अहम फैसले लिए गए हैं, इसकी जानकारी देने के लिए मीटिंग्स की जाती हैं। मीटिंग का उद्देश्य केवल यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि टीम में तालमेल बनाने, नए आइडिया सुने बिना इसे पूरा नहीं माना जा सकता। आप लीडर हैं, तो अपने टीम मेंबर को बात रखने का मौका दें। यह उनके, आपके और टीम के लिए जरूरी होता है। अपनी बात मीटिंग में रखने से उन्हें टीम के लिए ज्यादा योगदान करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, जो टीम का विश्वास बढ़ने का काम करता है। एक तरफा संवाद वाली मीटिंग लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाती है।

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Jee Main Exam Date 2020: सोमवार से एग्जाम, जान लें काम की बातें

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जेईई मेन जनवरी 2020 एग्जाम सोमवार 6 जनवरी, 2020 से शुरू होगा और गुरुवार 9 जनवरी, 2020 तक जारी रहेगा। जेईई मेन टे्ट की पहली शिफ्ट सुबह के 9.30 बजे से शुरू होगी और 12.30 बजे दोपहर बाद समाप्त होगी। दूसरी शिफ्ट दोपहर बाद 2.30 बजे शुरू होगी और समाप्त 5.30 बजे होगी। एनटीए मैथ्स और जनरल ऐप्टिट्यूड टेस्ट ऑनलाइन मोड में लेगा यानी परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी। ड्रॉइंग का टेस्ट ऑफलाइन मोड यानी पेपर-पेन मोड में होगा। आखिरी क्षणों में आपको कोई दिक्कत न हो, इसके लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए जो नीचे दी गई है...

नए टॉपिक को न पढ़ें
आखिरी क्षण में कोई नया टॉपिक पढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। नए टॉपिक पढ़ने से आप परीक्षा के दौरान कन्फ्यूज हो जाएंगे। कोई नया टॉपिक पढ़ने की बजाय आपको सभी अहम सूत्र और कॉन्सेप्ट को परीक्षा से पहले दो-तीन बार रिवाइज कर लेना चाहिए। जो अब तक आपने पढ़ा है, उसको याद रखने में इससे मदद मिलेगी।

एग्जाम हॉल में क्या करें?
एग्जाम हॉल में क्वेस्चन पेपर पर लिखे सभी निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। निर्देशों को पढ़ने के बाद आपको सभी सवालों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। उसके बाद आपको जवाब लिखना शुरू करना चाहिए।

जवाब लिखने की स्ट्रैटिजी
अब जवाब लिखने की स्ट्रैटिजी दिमाग में बनाएं। दो तरह के सवाल होंगे। एक टाइप तो आसान सवालों का होगा और दूसरा टाइप जटिल सवालों को जिनको हल करने के लिए समय चाहिए। आपको आसान सवालों को पहले हल करना चाहिए। इससे न सिर्फ आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि जटिल सवालों के लिए काफी समय बचेगा।

सवालों में उलझे नहीं
अगर किसी सवाल में उलझ जाते हैं तो अपना समय बर्बाद नहीं करें। उन सवालों को छोड़ दें। जो सवाल आते हैं, उनको हल करने के बाद जब समय बचे तो छोड़े हुए सवालों को हल करने की कोशिश करें।

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CA फाइनल: टॉपरों ने बताया, कैसे मिली कामयाबी

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नवंबर 2019 में हुई सीए फाइनल परीक्षा का रिजल्ट का चुका है। इसमें कोलकाता के अभय बाजोरिया व नोएडा के सूर्यांश अग्रवाल ने संयुक्त रूप से पहला स्थान हासिल किया है। वहीं कोलकाता के ध्रुव कोठारी दूसरे स्थान पर रहे। इन टॉपर्स ने सेल्फ स्टडी पर जोर दिया। टॉपर से बात करके इनकी सफलता की कहानी को बता रहे हैं राजेश भारती...

अभय बाजोरिया (पहला स्थान)
मैं पढ़ाई में हमेशा से टॉपर रहा हूं। सीए एग्जाम के लिए मेरे दिमाग में मार्क्स फोकस में नहीं थे, लेकिन मैं फेल नहीं होना चाहता था। मैंने अपनी तैयारी के लिए हर दिन नया दिन तय किया और इसी के अनुसार लक्ष्य बनाकर तैयारी की। इसके लिए मैंने अपनी तैयारी के लिए सेल्फ स्डटी पर जोर दिया।

किताबों को दिन के अनुसार बांटा
मैंने अपनी तैयारी एग्जाम से पांच महीने पहले महीने, हफ्ते और दिन के अनुसार की। जो सब्जेक्ट मुझे कुछ कठिन लग रहे थे, उनकी तैयारी पहले की। मैंने तैयारी के लिए कैलेंडर का भी सहारा लिया। हर सब्जेक्ट और बुक के लिए एक साथ तारीख तय की थी। उस तारीख के अनुसार किताब के पेजों को बांटा। तय समय में जितने पेज और सब्जेक्ट मैं तैयार कर लेता था, उन्हें कैलेंडर पर टिक कर देता था। अगर तैयार नहीं हो पाते थे, तो कैलेंडर पर क्रॉस का निशान लगा देता था और फिर उसकी तैयार और तेज कर देता था।

मिशन 'नवंबर 2019'
अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मिशन 'नवंबर 2019' तय किया। इसी मिशन को ध्यान में रखते हुए मैंने अपनी पढ़ाई के लक्ष्य तय किए और उन्हें भेदता चला गया।

मॉक टेस्ट पेपर आए बहुत काम
एग्जाम की तैयारी के लिए मॉक टेस्ट पेपर और रिविजन टेस्ट पेपर बहुत काम आए। साथ ही एग्जाम की तैयारी के लिए इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की स्टडी मटीरियल का इस्तेमाल किया। 70 से 80% सवाल इन्हीं इसी स्टडी मटीरियल से पूछे गए।

सोशल मीडिया से बनाई दूरी
एग्जाम की तैयारी से पहले मैंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल धीरे-धीरे बंद कर दिया। वॉट्सऐप के जरिए सिर्फ जरूरी लोगों से ही बातचीत करता था।

सूर्यांश अग्रवाल (पहला स्थान)
मैंने अपनी तैयारी के लिए RTP (रिविजन टेस्ट पेपर) और MTP (मॉक टेस्ट पेपर) की खूब सारी प्रैक्टिस की। इन पेपर को सॉल्व करने से फाइनल एग्जाम की मेरी तैयारी बेहतर हो पाई। मैंने तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। साथ ही मैंने एग्जाम से पहले पांच महीने का एक लक्ष्य तय किया था। अपनी तैयारियों को अंतिम रूप इन्हीं पांच महीने में दिया।

14 से 15 घंटे पढ़ाई
पांच महीनों में से शुरू के चार महीने मैंने 14 से 15 घंटे पढ़ाई की। इस दौरान मैंने हर सब्जेक्ट को गहराई से पढ़ा। साथ ही किसी भी प्रकार की समस्या के हल के लिए साथी लोगों और टीचर की हेल्प ली। आखिरी महीने में उन टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान दिया जो मुझे कुछ हार्ड लगे। अपनी तैयारी के दौरान मैंने फेसबुक और इंस्टाग्राम को बंद कर दिया। हालांकि वॉट्सऐप का मैं इस्तेमाल करता था, लेकिन सिर्फ इतना कि किसी सब्जेक्ट में कोई परेशानी आए तो किसी साथी से उसका हल पूछ सकूं। साथ ही फैमिली से बातचीत के लिए भी वॉट्सऐप इस्तेमाल करता रहा।

15 मिनट का सही प्रयोग
दरअसल, पेपर तीन घंटे में सॉल्व करना होता है। इससे पहले 15 मिनट पेपर को पढ़ने के लिए मिलते हैं। इन 15 मिनट में मैंने तय कर लिया था कि मुझे तीन घंटे का पेपर किस तरह पूरा करना है।

ध्रुव कोठारी (दूसरा स्थान)
मैंने अपनी तैयारी का प्लान एग्जाम से पांच महीने पहले बना लिया था। इन पांच महीनों से पहले मैं सभी प्रकार के ट्यूशन बंद कर चुका था। मेरा फोकस सिर्फ और सिर्फ सीए फाइनल एग्जाम पर था। इन पांच महीनों को मैंने तीन भागों में बांटा और इसी के अनुसार सेल्फ स्टडी की। पांच महीनों का मेरा शेड्यूल इस प्रकार था:

शुरू के ढाई महीना
इस दौरान मैंने हर सब्जेक्ट को 2 से 10 दिन का समय दिया ताकि उसे डिटेल में पढ़ सकूं।

बीच का डेढ महीना
इस दौरान मैंने हर सब्जेक्ट को 5 से 6 दिन का समय दिया। कम समय इसलिए क्योंकि मैं पहले इन सब्जेक्ट्स को एक बार पढ़ चुका था।

आखिरी का एक महीना
इस दौरान मैंने हर सब्जेक्ट को 2 से 3 दिन का समय दिया। उन सभी डाउट्स को भी क्लियर किया जहां मुझे परेशानी आई। इसके लिए मेरे टीचर व साथी काम आए।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया बंद
इन पांच महीनों के दौरान मैंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद कर दिया। हालांकि बीच-बीच में दिमाग को तरोताजा करने के लिए मैं कुछ देर के लिए यू-ट्यूब का इस्तेमाल कर लेता था। इस दौरान मैं अपनी पसंद की मूवी और सीरियल देखता था।

मॉक टेस्ट जरूर दें
मैंने एग्जाम की बेहतर तैयारी के लिए ICAI की स्टडी मटीरियल का इस्तेमाल किया। मॉक टेस्ट दिए और पुराने एग्जाम के पेपर सॉल्व किए। खुद के नोट्स भी बनाए।

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JEE मेन: पढ़ें, टॉपर निशांत की सफलता की कहानी

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नई दिल्ली
दिल्ली के निशांत अग्रवाल उन नौ स्टूडेंट्स में शामिल हैं, जो जेईई मेन में 100 पर्सेंटाइल के साथ टॉपर बने हैं। निशांत कहते हैं, टॉप करने का तो नहीं सोचा था, रिजल्ट देखकर मैं हैरान और खुश दोनों ही था। यह मेरी पहली कोशिश थी। अब पहले फरवरी में क्लास 12 के बोर्ड और फिर जेईई एडवांस्ड पर फोकस रहेगा। आईआईटी दिल्ली से पढ़ना मेरा सपना है।

नैशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार रात को इसी महीने हुए जेईई मेन के रिजल्ट का ऐलान किया। निशांत कहते हैं, अब जनवरी और अप्रैल दोनों में एग्जाम होता है। जनवरी के एग्जाम से मुझे आइडिया मिल गया कि मैं कितना तैयार हूं। निशांत 11वीं क्लास से इंजिनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। उनके जुड़वा भाई प्रणव भी इंजिनियरिंग की ही रेस में हैं और जेईई मेन में उन्हें 99.93 पर्सेंटाइल मिली है।

साकेत में रहने वाले निशांत रोजाना 10-11 घंटे की पढ़ाई करते हैं। उनका कहना, मैं अपना टाइमटेबल फॉलो करता हूं। अपनी जरूरत के हिसाब से इसे बनाया है। जो पढ़ा उसे समझकर और एंजॉय करके पढ़ा। पढ़ाई मेरे लिए प्रेशर नहीं है। द्वारका के न्यू सैनिक पब्लिक स्कूल के निशांत कहते हैं, मैंने तैयारी के लिए कोचिंग भी जॉइन की क्योंकि मुझे लगता है कि वे अनुभवी टीचर्स होते हैं और आपका बेस्ट बाहर निकालते हैं। हालांकि, खुद की पढ़ाई बहुत मायने रखती है।

इस बार 9 स्टूडेंट्स के परफेक्ट स्कोर
इस बार जेईई मेंस के रिजल्ट में 9 छात्रों ने परफेक्ट 100 स्कोर हासिल किए हैं। यह जानकारी एचआरडी मिनिस्ट्री की ओर से दी गई है। जेईई मेन जनवरी 2020 में जिन स्टूडेंट्स ने 100 पर्सेंटाइल स्कोर हासिल किए हैं उनमें आंध्र प्रदेश के लांडा जितेंद्र और थदावर्थी विष्णु श्री साई शंकर, दिल्ली के निशांत अग्रवाल, गुजरात के निसार्ग चड्ढा, हरियाणा के दिव्यांशु अग्रवाल, राजस्थान के अखिल जैन और पार्थ द्विवेदी और तेलंगाना के रोंगाला अरुण सिद्धार्थ और चागरी कौशल कुमार रेड्डी शामिल हैं।

रेकॉर्ड टाइम में आया रिजल्ट
इस बार एनटीए ने रेकॉर्ड 10 दिन के अंदर परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। देश के 233 शहरों और विदेश में रोजाना दो शिफ्टों में परीक्षा का आयोजन 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी, 2020 तक किया गया था। कुल 9,21,261 कैंडिडेट्स ने इस बार बीई/बीटेक की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। देश और विदेश में करीब 570 परीक्षा केंद्र थे।

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CBSE 12th Board Exam 2020: अंग्रेजी के पेपर की ऐसे करें तैयारी, आएंगे जबर्दस्त मार्क्स

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा 2020 की डेटशीट जारी कर दी है। सीबीएसई द्वारा जारी बोर्ड एग्जाम के शेड्यूल के मुताबिक, 12वीं क्लास इंग्लिश का एग्जाम 27 फरवरी, 2020 को होगा। छात्रों के पास अभी इंग्लिश के पेपर की तैयारी के लिए एक महीने से ज्यादा का समय है। आइए आज आपको बताते हैं कि तैयारी में किन बातों पर ध्यान दें....

1. सबसे पहले तो छात्र इस मानसिकता से बाहर निकलें कि इंग्लिश एक कठिन विषय है। कई छात्र इसे काफी मुश्किल मानते हैं और वहीं अपनी हिम्मत हार जाते हैं। इस तरह का डर पीछे छोड़कर इंग्लिश की तैयारी में जी-जान से जुट जाएं।

2. इंग्लिश में हर चैप्टर को पूरी तरह पढ़ना और उसे समझना जरूरी है ताकि अगर चैप्टर के बीच से प्रश्न आते हैं तो आप उसे आसानी से हल कर सकें। इंग्लिश में लोकल और ग्लोबल कॉम्प्रिहेंसिव को जानना व समझना जरूरी है। इसके लिए काफी प्रैक्टिस की जरूरत है।

3. बेशक 12वीं में इंग्लिश का कोर्स कम है लेकिन उसकी गहराई से तैयारी जरूरी है। इसके लिए टेक्सट बुक्स ही काफी है। हेल्प बुक्स बिल्कुल न लें। अधिक अभ्यास के लिए पिछले कुछ सालों के पेपर और सैंपल पेपर सॉल्व करें। यह एग्जाम की तैयारी का अहम हिस्सा है।

4. इसके अलावा लेटर, ऐडवर्टाइजमेंट व नोटिस का अभ्यास लिखकर करें। इनमें तय फॉर्मेट को फॉलो करना जरूरी है। इस फॉर्मेट का लिखकर अभ्यास करें। कई तरह की तैयारियां जैसे जॉब ऐप्लिकेशन, इंक्वायरी आदि से संबंधित नोटिस व लेटर आदि की प्रैक्टिस हर टीचर करवाता है। साथ ही आसान शब्दों का प्रयोग करें। इससे गलतियां भी कम होगी और नंबर भी ज्यादा आएंगे।

5. इंग्लिश का पेपर लंबा आता है। ऐसे में प्रश्नों को हल करते समय वर्ड लिमिट का ध्यान रखें। टू द पॉइंट आंसर लिखें। प्रश्न संख्या 3 नोट मेकिंग से आता है। अक्सर छात्र इसमें पूरे वाक्य लिखते हैं, जबकि इसे पॉइंट में लिखना चाहिए। नॉवल को ठीक से पढ़े। इसके करेक्टर और इवेंट आदि के राइटअप की तैयारी लिखकर करें।

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NTA CMAT GPAT 2020: कल एग्जाम, ये चीजें साथ लेकर न जाएं

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देश भर के विभिन्न केंद्रों पर 28 जनवरी, 2020 को नैशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कॉमन मैनेजमेंट ऐडमिशन टेस्ट (सीमैट) 2020 और ग्रैजुएट फार्मेसी ऐप्टिट्यूड टेस्ट (जीपैट) 2020 का आयोजन किया जाएगा। सीमैट और जीपैट राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। सीमैट के आधार पर मैनेजमेंट प्रोग्रामों और जीपैट के आधार पर एम.फार्मा प्रोग्रामों में दाखिला होता है। परीक्षा के समय किसी तरह की परेशानी का सामना न उठाना पड़े, उसके लिए नीचे लिखी गई बातों पर ध्यान दें...

सीमैट/जीपैट ऐडमिट कार्ड
अगर अब तक ऐडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं किया है तो जल्द डाउनलोड कर लें और प्रिंट आउट भी ले लें। ऐडमिट कार्ड पर परीक्षा केंद्र पर रिपोर्टिंग का समय, परीक्षा केंद्र के बंद होने का समय, परीक्षा की तारीख, परीक्षा का समय और पाली एवं परीक्षा का स्थल को चेक कर लें।

सही समय पर पहुंचे
ऐडमिट कार्ड पर समय लिखा हो, उसी समय पर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। अगर गेट बंद होने के समय के बाद आप पहुंचते हैं तो आपको परीक्षा स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। निर्देशों पर सख्ती से पालन करना होगा। परीक्षा से पहले की कई औपचारिकताओं को पूरा करना होगा, इसलिए समय पर पहुंचे।

साथ लेकर जाएं ये चीजें
* एनटीए की वेबसाइट से डाउनलोड किया हुआ सीमैट/जीपैट का ऐडमिट कार्ड
* एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ। ऑनलाइन ऐप्लिकेशन में जो अपलोड किया है, वही वाला फोटो होना चाहिए।
* एक वैध फोटो पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/वोटर आईडी कार्ड/पासपोर्ट/आधार कार्ड (फोटोग्राफ के साथ)/ई-आधार/राशन कार्ड/फोटो के साथ बैंक पासबुक
* अगर शारीरिक रूप से दिव्यांग होने का दावा किया है तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र

ये चीजें लेकर न जाएं
* इंस्ट्रूमेंट/पेंसिल बॉक्स या ज्योमेट्री बॉक्स
* हैंडबैग/पर्स
* किसी तरह का पेपर
* खाने की चीज और पानी
* मोबाइल फोन/ईयरफोन/माइक्रोफोन/पेजर
* कैलकुलेटर
* डॉक्युपेन
* साइड रूल्स
* लॉग टेबल्स
* कैमरा
* टेप रिकॉर्डर
* किसी भी तरह की घड़ी
* किसी तरह की धातुई चीज या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स

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How To Become IAS: कैसे बनते हैं आईएएस ऑफिसर, क्या होती है आईएस की ताकत, जानें सब कुछ

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How To Become IAS Officer: भारतीय नागरिक सेवा के तहत आईएएस ऑफिसर का चयन किया जाता है। यह नौकरी के लिए भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। आईएएस ऑफिसर भारतीय नौकरशाही में टॉप पर होता है। इससे ऊपर केवल केवल मंत्री होते हैं। भारत में ऑल इंडिया सर्विस के तहत तीन टॉप अफसर चुने जाते हैं जिसमें IAS, IPS और IFS शामिल हैं।

सिविल सर्विस परीक्षा में टॉप रैंक आईएएस पाने वाले ही आईएएस चुने जाते हैं। इनके जिम्मे देश चलाने का अधिकार होता है। सिविल सर्विस परीक्षा देने के लिए किसी भी आवेदक का ग्रेजुएट होना जरूरी है।

कैसे करें IAS की तैयारी

-सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है अगर कोई इस परीक्षा में शामिल होना चाहता है तो उसे कम उम्र से ही इसकी तैयारी कर देनी चाहिए। ध्यान रहे कि सामान्य वर्ग के आवेदक अधिकतम 32 वर्ष की उम्र तक 6 बार इस परीक्षा में हिस्सा ले सकता है। इसके लिए पढ़ाई के साथ कोचिंग ली जा सकती है। दसवीं के बाद सिविल सर्विस की पढ़ाई पर फोकस शुरू कर देना चाहिए।

-रोज अखबार और मैगजीन जरूर पढ़ें इनसे आप करंट अफेयर्स को लेकर जागरुक रहेंगे। साथ ही किसी विषय की तैयारी करने में आपको ज्यादा रिसर्च की जरुरत नहीं पड़ेगी।

-दसवीं के बाद उस विषय को चुनें जिसमें आपकी रूचि हो और जिसे आप सिविल सर्विस के दौरान चुन सकें। पसंद का विषय होने से आपको तैयारी में भी आसानी होगी।

-अपने समय को मैनेज करें। अपना एक रूटीन बनाएं और उसी के हिसाब से तैयारी करें। अनावश्यक कामों में अपना समय बर्बाद न करें।

-यूपीएसई की परीक्षा में कुल 25 विषयों में से अपना विषय चुनना होता है। विषय वही चुनें जिसमें पढ़ाई करना आपके लिए आसान हो।

क्या करता है आईएएस ऑफिसर

सरकार की नीतियों को लागू करना और उनका पालन करवाना मुख्य रूप से आईएएस का काम होता है। जिले में आईएएस जिला मजिस्ट्रेट, कलेक्टर या कमिश्नर हो सकता है। इसके अलावा पद बढ़ने पर कैबिनेट सेक्रेटरी, जॉइंट सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी , डिप्टी सेक्रेटरी आदि पद भी मिलते हैं। भारत में नौकरशाही का टॉप पद कैबिनेट सचिव का होता है जो संसद के प्रति जवाबदेह होता है।

इसके अलावा आईएएस ऑफिसर को सरकार के विभिन्न विभागों, कंपनियों, बोर्ड आदि का प्रमुख भी बनाया जाता है जैसे सीबीएसई और बिहार बोर्ड के चेयरमैन आईएएस ऑफिसर हैं।

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GATE 2020 Mechanical exam: कल है एग्जाम, ट्राई कर लें ये खास सवाल

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ग्रैजुएट ऐप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजिनियरिंग (गेट) 2020 के मकैनिकल इंजिनियरिंग का पेपर 1 फरवरी, 2020 को दो सत्रों में होगा। सुबह वाला सत्र 9.30 बजे से शुरू होगा और 12.30 बजे तक चलेगा। दोपहर बाद वाला सत्र 2.30 बजे से शुरू होगा और शाम के 5.30 बजे तक चलेगा। छात्रों को परीक्षा से पहले और दौरान कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए...

गेट 2020 मॉक टेस्ट को ट्राई करें
गेट 2020 एग्जाम का आयोजन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) करेगा। आईआईटी दिल्ली की ऑफिशल वेबसाइट पर मॉक टेस्ट के लिंक को इनेबल कर दिया गया है। एग्जाम पैटर्न से अवगत होने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देना चाहिए। कैंडिडेट्स गेट 2020 की ऑफिशल वेबसाइट gate.iitd.ac.in पर मकैनिकल इंजिनियरिंग का मॉक टेस्ट दे सकते हैं। आपकी आसानी के लिए हमने नीचे मकैनिकल इंजिनियरिंग के मॉक टेस्ट का लिंक दे दिया है।

गेट 2020 मकैनिकल इंजिनियरिंग मॉक टेस्ट पेपर को ट्राई करने के लिए यहां क्लिक करें

पिछले साल के गेट 2019 मकैनिकल इंजिनियरिंग पेपर का विश्लेषण
पिछले साल गेट मकैनिकल इंजिनियरिंग एग्जाम 2 फरवरी को आयोजित हुआ था। पिछले साल के पेपर की खास बातें नीचे दी गई हैं...

गेट मकैनिकल इंजिनियरिंग 2019 सेशन 1: जिन छात्रों ने गेट 2019 के पहले सत्र में शिरकत की थी, उनका कहना था कि कुछ सवाल आसान तो कुछ थोड़ा मुश्किल थे। कुछ सवाल काफी लंबे थे। कुल सवाल 26 थे जिनमें से 10 सवाल 1-1 अंक के और 16 सवाल 2-2 अंकों के थे। ज्यादा वेटेज के सवाल मैन्युफैक्चरिंग और थर्मोडायनामिक्स टॉपिक्स से पूछे गए थे।

गेट मकैनिकल इंजिनियरिंग सेशन 2: जिन कैंडिडेट्स ने गेट मकैनिकल इंजिनियरिंग 2019 सेशन के दूसरे सत्र की परीक्षा दी थी, उन्होंने बताया कि परीक्षा कठिन थी। सवाल काफी ट्रिकी थे। दूसरे सेशन में करीब 32 NAT सवाल थे जिनके लिए समय का मैनेजमेंट काफी मुश्किल था। मैन्युफैक्चरिंग और थर्मोडायनामिक्स टॉपिकों का काफी वेटेज दिया गया था।

पिछले साल के पेपर पर एक नजर डालें
किसी पेपर को समझने के लिए पिछले साल का पेपर काफी मदद करता है। पिछले साल के पेपर से आपको पैटर्न समझ आ सकता है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कौन सा टॉपिक अहम है। इससे अंत समय में रिविजन में आसानी होती है।

पिछले साल पहले सेशन का पेपर देखने के लिए यहां क्लिक करें

पिछले साल दूसरे सेशन का पेपर देखने के लिए यहां क्लिक करें

रिविजन कर लें
अब कुछ नया पढ़ने का समय नहीं है। इसलिए अपने दिमाग को रिलैक्स दें। आपने अब तक जो पढ़ रखा है, उसको रिविजन कर लें। खासतौर पर अहम टॉपिक को रिवाइज करना न भूलें।

अच्छे स्कोर के लिए कितने सवाल हल करें
गेट एग्जाम में ज्यादा से ज्यादा सवालों को हल करने की कोशिश करें क्योंकि इस एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है। लेकिन ध्यान रहे कि कम से कम समय में आप ज्यादा से ज्यादा सवालों को कॉन्फिडेंस के साथ हल करें। किसी एक सवाल को ज्यादा समय देने से भी एग्जाम में सवाल हल करने की लय बिगड़ सकती है।

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Career in Nuclear Physics: न्यूक्लियर फिजिक्स में सुनहरा करियर, लाखों में सैलरी

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दुनिया ने साइंस और टेक्नॉलजी के मैदान में काफी तरक्की की है। आज के समय में कुछ हद तक कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज भी संभव है। ये सब तकनीक की वजह से संभव हो पाया है। भारत भी अन्य देशों की तरह ऊर्जा, रक्षा और चिकित्सीय तकनीक में आत्मनिर्भर होना चाहता है। इसके लिए बड़ी संख्या में ऐसे वैज्ञानिकों की जरूरत है जो तकनीक को हैंडल कर सके और विवेकपूर्ण तरीके से न्यूक्लियर कचरों का प्रबंधन सुनिश्चित कर सके। इसी तरह से बढ़ती हुई आबादी के साथ ऊर्जा की मांग भी बढ़ी है। लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग के खतरे को देखते हुए ऊर्जा के वैकल्पिक हल को तलाशना जरूरी हो गया है। ऐसे में न्यूक्लियर फील्ड ऊर्जा की मांग को पूरा करने में सहायक साबित होगी। इन वजहों से न्यूक्लियर फिजिसिस्ट या न्यूक्लियर फिजिक्स के एक्सपर्ट की मांग बढ़ी है और न्यूक्लियर फिजिक्स करियर के एक आकर्षक विकल्प के तौर पर उभरा है।

न्यूक्लियर फिजिक्स है क्या?
न्यूक्लियर फिजिक्स क्या है, इससे पहले यह समझ लें कि कोई पदार्थ या चीज का सबसे छोटा कण परमाणु कहलाता है। परमाणु भी कई छोटे-छोटे कण से मिलकर बना होता है जिनको इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन और प्रोटॉन कहा जाता है। न्यूक्लियर फिजिक्स में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के बारे में पढ़ा जाता है। इसमें यह भी बताया जाता है कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के आपस में क्या संबंध हैं और क्या क्रियाएं करते हैं। इसका इस्तेमाल दवा, बिजली उत्पादन, अंतरिक्ष तकनीक, खाद्य सामग्री से विकिरण दूर करने, यंत्र बनाने और अन्य फील्ड में किया जा सकता है।

कोर्स
12वीं लेवल पर भी न्यूक्लियर फिजिक्स पढ़ा जा सकता है। इसके लिए फिजिक्स और केमिस्ट्री को अनिवार्य विषय के तौर पर रखना होगा। कई कॉलेज, यूनिवर्सिटी और संस्थान न्यूक्लियर फिजिक्स में बीएससी, एमएससी, पीएचडी प्रोग्राम करा रहे हैं। आमतौर पर इस स्ट्रीम में दाखिले के लिए कटऑफ मार्क्स काफी ज्यादा चाहिए होता है।

कहां से करें कोर्स?
* इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी कानपुर
कोर्स: न्यूक्लियर इंजिनियरिंग ऐंड टेक्नॉलजी में डॉक्टोरल ग्रेड की पढ़ाई
* इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
कोर्स: पार्टिकल कॉलिजन और हाई एनर्जी कॉलिजन में रिसर्च प्रोग्राम
* साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स
कोर्स: अटॉमिक और न्यूक्लियर फिजिक्स में रिसर्च
*डिपार्टमेंट ऑफ मकैनिकल इंजिनियरिंग, एसआरएम यूनिवर्सिटी कांचीपुरम, तमिलनाडु
कोर्स: न्यूक्लियर इंजिनियरिंग
*डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, संबलपुर यूनिवर्सिटी
कोर्स: न्यूक्लियर फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में डॉक्टर ऑफ फिलॉस्फी
*सेंटर फॉर न्यूक्लियर मेडिसिन, पंजाब यूनिवर्सिटी
कोर्स: मास्टर ऑफ साइंस (न्यूक्लियर मेडिसिन)

कोर्स का औसत खर्च
न्यूक्लियर फिजिक्स में बीटेक कोर्स का खर्च आमतौर पर 5 से 6 लाख रुपये होता है। वैसे दूसरे टेक प्रोग्राम सस्ते हैं जिसके लिए 50 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक खर्च करना होगा। लेकिन उसके लिए GATE एग्जाम में बैठना होगा और कुछ कॉलेजों का ऐडमिशन टेस्ट भी देना पड़ सकता है।

सैलरी पैकेज
एक न्यूक्लियर वैज्ञानिक को भारत में भी अच्छी सैलरी मिल सकती है। आमतौर पर 25 लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये सलाना का पैकेज मिलता है। किसी संस्थान में लेक्चरर और प्रफेसर के तौर पर भी जॉब की जा सकती है लेकिन वहां प्रफेशनल के मुकाबले कम सैलरी मिल सकती है।

संस्थान जहां मिल सकती है जॉब
* रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)
* भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
* भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी)
* साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स
* अटॉमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड (एईआरबी)
* डिपार्टमेंट ऑफ अटॉमिक एनर्जी (डीएई)
* अटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टोरेट फॉर एक्सप्लोरेशन ऐंड रिसर्च (एएमडी)
* न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल)
* न्यूक्लियर फ्युएल कम्पलेक्स (एनएफसी)
* वैरिएबल एनर्जी साइक्लॉटरॉन सेंटर (वीईसीसी)
* यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल)
* इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिक्स

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