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Disaster Management: जानें क्या है आपदा प्रबंधन? इसमें कैसे बनाएं अपना करियर

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Disaster Management Career Opportunities: देश को प्रतिवर्ष कई प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं का सामना करना पड़ता है। इसमें जहां सैकड़ों इंसान व जानवरों की मौत होती है, वहीं करोड़ों- अरबो रूपए के धन-संपत्ति का भी नुकसान होता है। ऐसी विभीषिकाओं (horrors) के शिकार बने लोगों की मदद करने, उन्हें उबारने और उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाने में आपदा प्रबंधन से जुड़े लोगों का बड़ा हाथ होता है। यही कारण है कि आज सरकार, एनजीओ व अनेक निजी संस्थान आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं। जिसके कारण इस क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

आपदा प्रबंधक का क्‍या होता है कार्य
आपदा प्रबंधक से जुड़े लोगों का मुख्‍य कार्य आपदा के समय इसके शिकार लोगों की जान बचाना और उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना होता है। साथ ही उन्‍हें फिर से मुख्य धारा से जोड़ना होता है। इस काम के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें फंड मुहैया करवाती है। इसके अलावा विभिन्न विभाग के मंत्रालय भी आपदा के लिए मदद करती है। इन सबमें मुख्य सरकारी एजेंसी के रूप में गृह मंत्रालय बड़ी भूमिका निभाता है। वह आपदा के समय डिजास्टर मैनेजमेंट का कार्य संभालता है। कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय सूखे और अकाल के वक्त अपनी जिम्मेदारियां निभाता है।

आपदा के वक्त ऐसे पेशेवर बहुत ही जरूरी होते हैं, ये लोग आपदा पीड़ितों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाने और उन्हें जरूरी ट्रेनिंग देने का काम करते है। ये लोग पीड़ितों को खाना वितरित करने और घायलों के उपचार की व्यवस्था भी करते है।
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कोर्स और इसमें पढ़ाया जाने वाला सब्‍जेक्‍ट
आपदा प्रबंधन के लिए देश के कई प्रबंधन संस्थान सर्टिफिकेट से लेकर पीजी डिप्लोमा लेवल के कोर्स संचालित करते हैं। वहीं कई विश्वविद्यालय डिग्री लेवल कोर्स भी ऑफर कर रहे हैं। सर्टिफिकेट कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं पास है, जबकि मास्टर डिग्री या पीजी डिप्लोमा के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक है। डिजास्टर मैनेजमेंट के कोर्स रेगुलर और डिस्टेंस लर्निग के माध्यम से भी कर सकते हैं।

आपदा प्रबंधन के कोर्स में रिस्क असेसमेंट एंड प्रिवेंटिव स्ट्रैटजीज, लेजिस्लेटिव स्ट्रक्चर्स फॉर कंट्रोल ऑफ डिजास्टर मिटिगेशन, ऐप्लिकेशन ऑफ जीआईएस इन डिजास्टर मैनेजमेंट, रेस्क्यू जैसे विषयों को इसके अंतर्गत पढ़ाया जाता है। इसके अलावा आप इसकी अलग-अलग फिल्ड में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते है जैसे- माइनिंग, केमिकल डिजास्टर और टेक्निकल डिजास्टर आदि।

भारत में बहुत जरूरी
भारत में लोगों को हर साल डिजास्टर फेस करना पड़ता है। भू-स्‍खलन, बाढ़, भूकंप, सुनामी जैसी आपदों में से कुझ ऐसी हैं जो हर साल आती हैं। इसके अलावा भी आपदाएं कम नहीं है। मैन मेड आपदाएं घटित होती ही रहती हैं। कहीं आग लग जाती है, कहीं एक्सीडेंट। पूरा जीवन ही आपदाओं से भरा हुआ है। बीस सालों में आपदाएं पांच गुना बढ़ी हैं। सरकार को इसके लिए जीडीपी का 2.5 फीसदी खर्च करना पड़ता है।
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करियर कहां बनाएं
आपदा प्रबंधन में कोर्स करने के बाद ज्‍यादातर लोगों को सरकारी नौकरियों में, आपातकालीन सेवाओं, लॉ इन्फोर्समेंट, लोकल अथॉरिटीज, रिलीफ एजेंसीज, गैर सरकारी प्रतिष्ठानों और यूनाइटेड नेशन जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों में नौकरी मिल सकती है। प्राइवेट सेक्टर में भी आपको जॉब मिल सकती है, जैसे केमिकल, माइनिंग, पेट्रोलियम जैसी रिस्क इंडस्ट्रीज में। आम तौर पर इन इंडस्ट्रीज में डिजास्टर मैनेजमेंट सेल होता है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं रेडक्रॉस और यूएन प्रतिष्ठान भी प्रशिक्षित पेशेवर को काम पर रखते हैं। अनुभव हासिल करने के बाद खुद की कंपनी या फिर एजेंसी भी खोली जा सकती है।

इस संस्थानों से कर सकते है कोर्स
  1. इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मद्रास यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  2. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरमेंट, नई दिल्ली
  3. सेंटर फॉर सिविल डिफेंस कॉलेज, नागपुर
  4. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
  5. नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी, दार्जिलिंग
  6. सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट, पुणे
  7. डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, भोपाल

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Career In Photography: फोटोग्राफी का है शौक तो ऐसे बनाएं करियर, इन कोर्सेज से मिलेगी हाई सैलरी

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Career In Fine Art Photography: फोटोग्राफी एक ऐसी कला है, जिसका उपयोग हर कोई करना चाहता है, लेकिन इसमें माहरत हासिल करने के लिए बहुत अभ्यास और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। एक फोटोग्राफर उन चित्रों का निर्माण करते हैं जो एक कहानी बताते हैं, एक आंतरिक संदेश देते हैं या एक घटना रिकॉर्ड करते हैं। आज के समय में जिस तरह से विज्ञापन और मीडिया के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, उससे फोटोग्राफी के क्षेत्र में जॉब्‍स ऑप्‍शन में लगातार बढ़ोत्‍तरी हो रही है। इस समय सबसे ज्‍यादा पैसे फैशन और वाइल्‍ड लाईफ फोटोग्राफर बनने में है, इसमें आप एडवेंचर के साथ प्रतिमाह लाखों रूपए कमा सकते हैं।

फोटोग्राफी के लिए योग्यता
फोटोग्राफी जिन लोगों का जुनून है उन लोगों के लिए किसी भी तरह की योग्यता की जरूरत नहीं है, लेकिन इसके बाद भी अगर आप इसके लिए कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते है तो 12वीं के बाद इसके कई तरह के कोर्स में एडमिशन लेकर प्रोफेशनल फोटोग्राफी सीख सकते है। 12वीं के बाद फोटोग्राफी में कई तरह के डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स होते है उनमें दाखिला लिया जा सकता है। आप 12वीं में सफलता प्राप्त कर लेने के बाद बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स का कोर्स करके डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इस पूरे कोर्स को करने के लिए आपको तीन साल का समय देना होता है, जिसमें आपको फोटॉग्राफी करने के साथ- साथ अच्छी राइटिंग के बारे में भी सिखाया जाता है। इसके अलावा आपको फोटोशॉप जैसे सॉफ्टवेयर का भी ज्ञान होना जरूरी है ताकि अपनी फोटोग्राफी स्किल को और अधिक निखारा जा सके।

फ़ोटोग्राफ़र बनने की फायदा
  1. फोटोग्राफर बनने पर नए नए जगह घुमने का मौका मिलता है।
  2. फोटोग्राफी एक रचनात्मक कैरियर है और यह एक व्यक्ति के रचनात्मक कौशल को विकसित करता है।
  3. एक लोकप्रिय और उच्च कुशल फोटोग्राफर को भारत में अधिक भुगतान किया जाता है।
  4. अगर आप खुद को एक कुशल फोटोग्राफर के रूप में प्रतिष्ठित कर पाए, तो आपको पैसे की चिंता करने की जरुरत नहीं होगी।
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फ़ोटोग्राफ़र का करियर

फोटो पत्रकार
फोटोग्राफर्स जो सामाजिक मुद्दों को कवर करते हैं और उन्हें विभिन्न समाचार पत्रों में भेजते हैं, उन्हें फोटो जर्नलिस्ट कहा जाता है। ये पत्रकार फ्रीलांसरों के रूप में भी काम कर सकते हैं।

इवेंट फ़ोटोग्राफ़र
यह फ़ोटोग्राफ़र किसी भी कार्यक्रम जैसे पार्टियों, शादी, कुछ उत्पादों, समारोहों आदि के शुभारंभ को प्रस्तुत करते हैं। ये फ़ोटोग्राफ़र हजारों लोगों के साथ एक बड़े संगीत कार्यक्रम की तस्वीरें लेने के लिए अनुभावी होते हैं।

वन्यजीव फोटोग्राफर
यह विभिन्न चैनलों और पत्रिकाओं से जुड़े होते हैं और वन्यजीवों के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं उन्हें वन्यजीव फोटोग्राफर कहा जाता है। इन फोटोग्राफरों को विभिन्न प्रकार के पक्षियों, जानवरों आदि के चित्र लेने के लिए जाना जाता है।

फैशन फोटोग्राफर
वह फोटोग्राफर्स जो मॉडल की तस्वीरें लेते हैं और कैमरे में किसी व्यक्ति की सुंदरता को देखते हैं उन्हें फैशन फोटोग्राफर कहा जाता है। ये फोटोग्राफर स्टूडियो और बाहरी स्थानों पर भी काम करते हैं।
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एरियल फ़ोटोग्राफ़र
यह फोटोग्राफर समाचार, व्यापार, औद्योगिक, वैज्ञानिक या सैन्य उद्देश्यों में उपयोग के लिए प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध या उड़ान में विमान से समान स्थितियों के तहत स्थानों, इमारतों, परिदृश्य इलाकों की हवाई तस्वीरें लेते हैं।

विज्ञापन फोटोग्राफर
विज्ञापन एजेंसियों में काम करने वाले फोटोग्राफर जो किसी विशेष विज्ञापन के लिए तस्वीरें लेते हैं, उन्हें विज्ञापन फोटोग्राफर कहा जाता है। इनका काम विज्ञापन की तस्वीरों को क्लिक करना होता है।

फोटोग्राफर की सैलरी
फोटोग्राफर की सैलरी उसके सब्‍जेक्‍ट पर निर्भर करती है, अगर वह नार्मल फोटोग्राफर है तो प्रतिमाह वह 10 से 30 हजार रूपए कमा सकता है, वहीं अगर वह फैशन या फिर वाइल्‍ड लाईफ फोटोग्राफर है तो वह प्रतिमाह लाख से लेकर करोड़ो रूपए कमा सकता है। यह निर्भर करत है कि वह किस स्‍तर की फोटो ले सकता है।

यहां से कर सकते है फोटोग्रॉफी का कोर्स
  1. फरग्युसन कॉलेज, पुणे
  2. सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज, मुंबई
  3. ए.जे.के मास कम्युनिकेशन सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
  4. दिल्ली स्कूल ऑफ फोटोग्रॉफी, दिल्ली
  5. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे
  6. नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ फोटोग्राफी, मुंबई
  7. इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट इन एजुकेशन एंड एडवांस्ड स्टडीज, अहमदाबाद

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Quantitative Aptitude Tips: ऐसे इंप्रूव करें अपना क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड, एग्जाम्स में मिलेंगे फुल मार्क्स

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Quantitative Aptitude Tips And Tricks: भारतीय युवाओं के बीच सरकारी नौकरियां सबसे बड़ी आकर्षण का केंद्र होती हैं। प्रतिवर्ष लाखों युवा इन प्रतियोगिता परीक्षाओं में बैठकर अपनी किस्‍मत आजमाते हैं। इन परीक्षाओं को पास कर हर युवा अच्‍छी सरकारी नौकरी करना चाहता है, लेकिन यह सबके लिए आसान नहीं होता है। उम्‍मीदवारों को सबसे ज्‍यादा मुश्किल क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड सेक्शन में आता है। बेहतर तैयारी न होने के कारण ज्‍यादातर उम्‍मीदवार इसी सेक्‍शन में मात खा जाते हैं।

संख्या पद्धति से प्रारंभ करें
क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड सेक्शन की तैयारी करने के लिए सबसे पहले संख्या पद्धति से प्रारंभ करें। यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है तथा इसके लिए निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है। आपको इस टॉपिक को अच्छी तरह से तैयार करने के लिए पर्याप्त समय देना होगा। इसका अभ्‍यास करने के लिए प्रतिदिन एक विशेष समय निर्धारित करें क्योंकि यह टॉपिक सैद्धांतिक नहीं है तथा इसमें आपको कुछ भी रटना नहीं है। रेखाचित्रों का उपयोग करके एक बेहतर और सरल तरीके से कॉन्सेप्ट को समझने का प्रयास करें।

गणितीय पजल हल करें
किसी भी प्रतियोगिता की तैयारी के दौरान यदि आप गणितीय पजल को प्रतिदिन हल करते हैं, तो इससे आपको गणना में महारत हासिल करने और आपकी गति को बढ़ाने सहायता मिलेगी। यह आपके लिए इसीलिए भी बहुत लाभदायक है क्योंकि पजल को हल करना अपने दिमाग को तरो-ताजा करने के लिए एक बहुत अच्छा व्यायाम होता है।
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समय प्रबंधन करें
क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड सेक्शन में समय प्रबंधन बहुत जरूरी है। यह किसी भी चीज को बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। परीक्षा में हमेशा शॉर्टकट तकनीकों का प्रयोग करने का प्रयास करें। यदि किसी प्रश्न में लंबी गणना की आवश्यकता है, तो इसे बाद में समीक्षा के लिए चिन्हित कर दें और इसे फिर से तब देखें, जब अन्य प्रश्नों को हल करने के बाद आपके पास समय बचा हो।

स्वयं का आंकलन करें
जब भी आप किसी मॉक टेस्ट या पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र को हल करें, तो हमेशा समय पर ध्यान रखें तथा गति और सटीकता के संबंध में अपने प्रदर्शन और दक्षता का मूल्यांकन करें। इससे आपको यह जानने में सहायता मिलेगी कि आप कहां कमजोर हैं क्योंकि स्वयं से बेहतर, आपका आंकलन और कोई नहीं कर सकता।
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परीक्षा की तैयारी के आसान ट्रिक्स
  1. प्रत्येक परीक्षा के गणित सेक्शन का सिलेबस आपको पता होना चाहिए। सिलेबस से अवगत रहने से आपको अपने मजबूत और कमज़ोर पक्षों की जानकारी होती है।
  2. मैथ के प्रश्‍नों को हल करने के लिए फॉर्मूलों का याद होना अति आवश्यक है। इसलिए फॉर्मूले याद करे।
  3. कई छात्र ऐसे होते है जो गणित के प्रश्नों को पढ़ते है। यह गणित सिखने का सबसे गलत तरीका है। इसकी जगह आप इसकी ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करे।
  4. गणित पेपर को हल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण टिप है कि आप अपनी गति को सुधारें।
  5. पिछले वर्षों के पेपर हल करें। इससे प्रश्नों के पैटर्न को समझने में और उन्हें हल करने में काफ़ी मदद मिलती है। इससे आप प्रत्येक विषय की कठिनाई का स्तर भी जान पाएंगे।
  6. उन विषयों के बुनियादी कॉनसेप्ट को समझें जिनका उल्लेख सिलेबस में किया गया है। यदि आप कहीं किसी विषय पर अटक जाते हैं तो संदर्भ पुस्तकों का सहारा लें और इसके लिए आप किसी शिक्षक की मदद ले सकते हैं या कोई अच्छे प्रकाशक की पुस्तक अवश्य पढ़ें।
  7. कोशिश करें कि अपने ही शॉर्टकट तरीके अपनाएं। अंकगणित के लिए आप वैदिक गणित, शॉर्टकट तरीके से प्रश्न हल सिखाने वाली पुस्तक आदि का सहारा लें। जिससे अंकगणित में गणना करना आसान हो जाये।
  8. सम्भव हो बाजार या ऑनलाइन उपलब्ध मॉक टेस्ट और प्रश्न बैंक को हल करें। इससे आपको पता चलता है कि किस प्रकार प्रश्नों को सेट किया जाता है। नए ट्रिक्स और याद करने के स्मार्ट तरीके अपनाएं ताकि आप समय और परिश्रम का कुशल प्रयोग कर सकें।

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How to become a Pilot: आप कैसे बन सकते हैं पायलट, प्लेन की तरह आपकी सैलरी भी भरेगी उड़ान

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Career As Pilot: आसमान में उड़ते जहाजों को देखकर बचपन में हम सभी एक बार पायलट बनने का सपना जरूर देखते हैं। हालांकि यह एक ऐसा सपना है जिसे हर कोई पूरा करना चाहता है, लेकिन कुछ लोग ही इस सपने को साकार कर पाते हैं। पायलट का जॉब, एक ऐसा जॉब है जिसमें अच्छी सैलरी के साथ- साथ कई अन्य सुख- सुविधाएं भी मिलती हैं। यह जॉब रोमांच से भरपूर तो है ही, इसके साथ ही इस जॉब में आपको पूरी दुनिया घूमने का मौका भी मिलता है।

पायलट बनने के लिए क्या है जरूरी (What is required to become a Pilot)
अगर आप पायलट बनकर अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है। अगर आप पायलट बनना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको 10वीं क्लास अच्छे अंकों से पास करनी होगी। उसकें बाद आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ 12वीं क्लास को पास करने के साथ आपको इंग्लिश अच्छे से बोलनी आनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि आपकी इंग्लिश में कमांड बहुत अच्छी होनी चाहिए। इसके अलावा अन्‍य बातें भी जरूरी है।

  • स्नातक की डिग्री प्राप्त करें।
  • उड़ान का अनुभव प्राप्त करें।
  • पायलट लाइसेंस के लिए अप्लाई करे।
  • अतिरिक्त प्रशिक्षण और परीक्षण पूरा करें।
  • एक एयरलाइन पायलट के रूप में एडवांस रहे।
  • बारहवीं की परीक्षा के साथ प्रवेश की तैयारी करें।
  • प्राइवेट पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन करें।
  • कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन करें।

पायलट बनने के लिए एजुकेशन (Education to become a Pilot)
अगर आपने इन शर्तों को पूरा कर लिया तो आप आप 12वीं कक्षा पास करने के साथ ही पायलट प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आर्म्ड फोर्सेज सेंट्रल मेडिकल इस्टैब्लिशमेंट से मेडिकल सर्टिफिकेट होना जरूरी है। पायलट बनने के लिए आपको पायलट प्रवेश परीक्षा पायलट एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करना होता है जिसमें लिखित परीक्षा, मेडिकल परीक्षा और इंटरव्‍यू शामिल है।
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पायलट बनने में कितना समय लगता है (How long does it take to become a Pilot)
पायलट बनाने के लिए सबसे पहले किसी फ्लाइंग क्लब में एडमिशन लेना होगा, जो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए, इसके साथ ही आपको स्टूडेंट पायलट लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है और एंट्रेंस एग्‍जाम पास करना होगा। उसके बाद आपको ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। इंडिया में आपको पायलट बनने के लिए 2 से 3 साल का समय लगता है। वहीं अगर आप विदेश जाकर पायलट बनना चाहते हैं 1 साल में पायलट बन सकते हैं।

किन योग्‍यताओं की जरूरत (Qualifications for Pilot)
पायलट बनने के लिए आपको एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करना जरूरी होता है, जिसमें भारतीय नागरिक होने के अलावा 12 वीं क्लास फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ के साथ न्यूनतम 50 फीसदी अंकों से पास करना जरूरी है। इसके अलावा आपकी लंबाई कम से कम 5 फीट होनी चाहिए। वहीं आपकी उम्र कम से कम 16 वर्ष और अधिकतम 32 वर्ष होनी चाहिए। आपको किसी भी तरह की कोई गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए। आपकी आंखों का विजन सही होने चाहिए।

पायलट बनने में खर्च (cost to become a Pilot)
पायलट बनना आर्थिक रूप से भी आसान काम नहीं है, एक पायलट बनने में करीब 20 से 25 लाख रूपये खर्च होते हैं। इसका खर्च इस पर निर्भर करता है कि आपने किस प्रशिक्षण संस्थान में एडमिशन लिया है। अगर आप कम पैसों में पायलट बनना चाहते हैं तो आपको पहले इंडियन एयरफोर्स ज्वाइन करना होगा।
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यहां पर बना सकते हैं करियर

एयरलाइन पायलट (Airline Pilot)
पायलट करियर में एयरफोर्स में शामिल होने के अलावा भी कई विकल्‍प हैं। जिसमें एयरलाइन पायलट बनना मुख्‍य है। इनका काम दुनिया भर में अधिक दूरी पर यात्रियों और कार्गो को एक निश्चित समय पर ले जाने के लिए एयरलाइन को उड़ाना होता है। एक वाणिज्यिक पायलट यात्रियों और कार्गो को कम दूरी पर ले जाने के लिए क्षेत्रीय एयरलाइन को उड़ाने में शामिल होता है। युवा उम्मीदवार इस करियर को पसंद करते हैं क्योंकि इसमें आप पूरी दुनिया घूम सकते हैं।

कॉर्पोरेट पायलट (Corporate Pilot)
अगर आप एक कॉर्पोरेट पायलट बनना चाहते हैं तो यह निजी उद्यमों या व्यक्तियों के लिए छोटे कॉर्पोरेट टर्बोप्रॉप और जेट उड़ाने का काम करता है। ताकि कॉर्पोरेट अधिकारियों की बैठकों में यात्रा में सहायता की जा सके।
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चार्टर पायलट (Charter Pilot)
अगर आप किसी विशिष्ट गंतव्य और यात्रियों के लिए प्‍लेन उड़ाना चाहते हैं तो आप चार्टर पायलट बन सकते हैं, जिसे एयर टैक्सी भी कहा जाता है। आप अपनी निजी चार्टर कंपनी संचालित कर सकते हैं या अन्य चार्टर एयरलाइनों के लिए काम कर सकते हैं।

प्रमुख कॉलेज व एकेडमी (Major Colleges and Academies for Pilots)
  1. सीएई ऑक्सफोर्ड एविएशन अकादमी
  2. इंडिगो कैडेट प्रशिक्षण कार्यक्रम
  3. सरकारी विमानन प्रशिक्षण संस्थान
  4. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
  5. बॉम्बे फ्लाइंग क्लब
  6. राजीव गांधी एकेडमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी
  7. मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब
  8. राष्ट्रीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान
  9. अहमदाबाद एविएशन एंड एरोनॉटिक्स लिमिटेड
  10. पुडुचेरी ठाकुर कॉलेज ऑफ एविएशन
  11. गवर्नमेंट फ्लाइंग क्लब
  12. ओरिएंट फ्लाइंग स्कूल
  13. उड्डयन और विमानन सुरक्षा संस्थान

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Tips For Job: इन शॉर्ट टर्म जॉब ओरिएंटेड कोर्स से बनाएं करियर, जानें कितनी होगी सैलरी

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List Of Job Oriented Courses: खराब आर्थिक स्थिति के कारण भारत में ज्‍यादातर छात्र 12वीं के बाद छात्र पढ़ाई छोड़ कर जॉब की तलाश में जुट जाते हैं, लेकिन किसी खास स्किल में माहरत हासिल न होने के कारण उन्‍हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कोरोना के बाद यह स्थिति और बदली है। आज के समय में बेराजगारी लगातार बढ़ रही है और कंपनियां सिर्फ ऐसे लोगों को ही जॉब पर रख रही हैं, जो अपने कार्य में दक्ष हों। आज हम आपको ऐसे ही शॉर्ट टर्म जॉब ओरिएंटेड कोर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 12वीं के बाद आप कर सकते हैं।

डिप्‍लोमा इन 3 डी एनिमेशन
छात्रों के बीच 3 डी एनिमेशन में डिप्लोमा काफी पॉपुलर है। 12वीं में कम से कम 50 फीसदी अंक लाने वाले छात्र इसे कर सकते हैं। 3 डी एनिमेशन कंप्यूटर जनरेटेड ऑब्जेक्ट्स को बनाने के बारे में है जो 3 डी में दिखाई देते हैं। अब क्योंकि दुनिया वर्चुअल रिएलटी की तरफ बढ़ रही है, इसलिए 3 डी एनीमेशन इंडस्ट्री का विकास काफी तेज़ गति से हो रहा है।

डिप्‍लोमा इन डिजिटल मार्केटिंग
आज के समय को डिजिटल का दौर कहा जाता है, खास कर कोरोना के बाद इस क्षेत्र में और मजबूती आई है, ऐसे में डिजिटल मार्केटिंग में वर्तमान ही नहीं भविष्य में भी करियर की काफी संभावना है। इस कोर्स को 12वीं के बाद 3 से 12 माह में पूरा किया जा सकता है। हालांकि ग्रेजुएट स्टूडेंट्स भी डिजिटल मार्केटिंग में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इस शॉर्ट टर्म कोर्स को करने के बाद एग्जीक्यूटिव, मैनेजर, स्पेशलिस्ट आदि के तौर पर नौकरी मिल जाती है। इसके साथ ही वे अपना बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं।
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डिप्लोमा इन वेब डिजाइनिंग
डिजिटल के साथ वेब डिजाइनिंग की डिमांड भी आज के समय में काफी है। इस कोर्स को 12वीं पास से लेकर ग्रेजुएट पास तक के छात्र कर सकते हैं। ये काफी शॉर्ट टर्म कोर्स है जिसकी अवधि 9 से 12 महीने की होती है। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स वेब डिजाइनर के तौर पर काम कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें डिजाइनिंग एग्जीक्यूटिव और डिजाइनिंग मैनेजर के पदों पर नौकरी मिल जाती है इसके अलावा वे फ्रीलांस के तौर पर भी काम कर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

डिप्‍लोमा इन फाइन आर्ट्स
जिन छात्रों को कला से लगाव है और रंगों के साथ उन्‍हें खेलना आता है तो वह फाइन आर्ट्स में अपना करियर बना सकते हैं। इस कोर्स के लिए भी 12वीं में 50 फीसदी अंक के साथ पास होना जरूरी है। इस कोर्स में छात्रों को मुख्य रूप से ड्राइंग, स्केचिंग और डिजिटल पेंटिंग के कॉन्सेप्ट्स सीखाए जाते हैं।

डिप्‍लोमा इन फोटोग्राफी
अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है तो आप इस क्षेत्र में भी 12वीं के बाद अपना करियर बना सकते हैं। इस कोर्स की अवधि 6 से 12 माह का होता है। इसके बाद इसमें स्पेशलाइजेशन कोर्स तक किया जा सकता है। डिप्लोमा इन फोटोग्राफी कोर्स करने के बाद करियर की काफी संभावना होती हैं। ये कोर्स करने के बाद फैशन फोटोग्राफरए वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, न्यूज फोटोग्राफर की नौकरी मिल जाती है। इसके साथ ही चाहें तो खुद का बिजनेस भी शुरू किया जा सकता हैं।
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डिप्‍लोमा इन मल्टीमीडिया
मल्टीमीडिया में डिप्लोमा कोर्स इस समय छात्रों का पसंदीदा कोर्स बना हुआ है, यह कोर्स आप 12वीं के बाद कर सकते हैं, यह कोर्स 6 महीने से एक साल का होता है, वहीं आप अगर चाहें तो इसमें 2 साल का एडवांस डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। डिप्‍लोमा इन मल्टीमीडिया कोर्स करने के बाद आप एनिमेटर, ग्राफिक डिजाइनर, ब्रांड मैनेजर और प्रमोशन मैनेजर की नौकरी पा सकते हैं।

डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट
अगर आप 12वीं पास कर आगे की पढ़ाई नहीं करना चाहते तो होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स करना अच्‍छा करियर ऑप्‍शन हो सकता है। यह एक शॉर्ट टर्म कोर्स है, जिसे 3 से 12 महीने में पूरा किया जा सकता है। होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद करियर की काफी संभावना होती है। इस कोर्स को करने वाले स्टूडेंट्स शेफ, रिसेप्शनिस्ट, रूम सर्विस स्टाफ और मैनजेर की नौकरी पा सकते हैं।

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Career Tips: बेहतर करियर में Emotions का बड़ा खेल, जानिए कैसे करें काबू

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How To Control Emotions In Workplace: अगर आप करियर के उतार-चढ़ाव से परेशान हैं और करियर को आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, तो निराश मत हो। इसकी जगह अपनी भावनात्‍मक स्थित पर ध्‍यान दो, क्‍योंकि मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनना एक दिन में होने वाला कार्य नहीं है, इसके लिए आपको महिनों तक अभ्‍यास कर अपने दिमाग पर काबू पाना पड़ेगा। अगर आपने ऐसा कर लिया तो आपको कभी अपने करियर में निराश नहीं होना पड़ेगा। हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता चल है कि भावनात्‍मक रूप से मजबूत लोग करियर में अधिक सफलता अर्जित करते हैं। वहीं ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने गुस्‍से, बात-बात पर चिलाने व रोने जैसी आदतों के कारण अपने करियर को नुकसान पहुंचा लेते हैं।

इस तरह काम करता है दिमाग
भावनात्‍मक रूप से अपने आप को मजबूत करने से पहले यह जानना जरूरी है कि हमारा दिमाग कैसे काम करता है। हमारा रेप्टीलियन मस्तिष्क 20 करोड़ वर्ष में विकसित और परिपक्व हुआ है। यह अस्तित्व और प्रजनन से संबंधित होता है, क्रोध या तनाव की अवस्था में यह सचेत हो जाता है। भावनात्मक मस्तिष्क संवेदी जानकारी से जुड़ा है। यह घटनाओं के प्रति भावनाएं लाता है, इस प्रकार यह आपकी भावनाओं को नियंत्रित करता है। तार्किक मस्तिष्क कार्य आधारित होता है, यह भाषा की समझ, योजना बनाने की क्षमता और निष्कर्ष निकालने में मदद करता है।
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दिमाग को तैयार करें
भावनात्‍मक रूप से अपने आप को मजबूत बनाने के लिए दिमाग को तैयार करना जरूरी है, जब आप काम पर हों, तो क्रोध आने पर इसे शांत करने का अभ्यास करें। देखें कि आपके शरीर में क्या हो रहा है, आपको लगेगा सांसें तेज हो गई हैं। प्रतिक्रिया करने की बजाय अपनी सांसों की गति धीमी करने पर ध्यान केंद्रित करें। यदि इससे तत्काल फायदा नहीं होता है तो तनाव से निपटने के लिए खुली जगह में निकलकर तेजी के साथ चलें। अपने तार्किक मस्तिष्क को काम करने दें।

सही दिशा में इस्तेमाल करें
दिमाग में आने वाली भावनाओं को सही दिशा दिखाना जरूरी है। इससे आप पुराने अनुभवों के आधार पर जल्दी निर्णय ले पाते हैं, यह अलग बात है कि तर्क से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने पर इसका इस्तेमाल नकारात्मक नतीजे दे सकता है। लेकिन, थोड़ा डाटा या कम समय होने पर यह काफी उपयोगी साबित होता है। भावनाओं को सही दिशा में ले जाने के लिए पहले देखें कि दिमाग में क्या चल रहा है। दिमाग में आ रहे नकारात्मक ख्यालों को धीरे- धीरे सकारात्मक विचारों के साथ हटाने की कोशिश करें।
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दिगाम को काम पर लगाएं
आप अपने दिमाग के बदौलत ही सफल करियर बना पाते हैं। यह आपको सही और दूरगामी निर्णय लेने में आपकी मदद करता है, इसी की मदद से आप उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण हासिल करते हैं। बार-बार नौकरी बदलने से आप बचते हैं, प्रमोशन और इंसेंटिव के लिए काम करते हैं, अपनी शक्ति लंबी अवधि के करियर निर्णयों को लेने में लगाएं। कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने फैसलों की विरोधी विचारों के साथ जांच करें। दूसरों की बातों को ध्यान से सुनने की कोशिश करें। यदि आपको अपने फैसले पर यकीन नहीं है, भावनात्मक रूप से बहुत उत्साहित हैं या अपने विचारों से असहज महसूस कर रहे हैं, तो उस वक्त निर्णय न लें। थोड़े समय के लिए इसे टाल दें।

अपनी भावना पहचानें
आपके दिमाग में क्‍या चल रहा है, वह आपसे बेहतर कोई नहीं जानता। इसलिए आप जो भी महसूस करें, उसे एक पहचान दें। अगर आपकी भावनाएं आपको किसी कार्य के लिए उकसा रही हैं, तो सबसे पहले उस भावना के सही-गलत पहलू पर ध्‍यान दें, नहीं तो आप गलत कार्य कर अपने करियर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस तरह की स्थिति में खुद से बात करें या फिर ट्रेनर की मदद ले सकते हैं। इसमें मेंटर, प्रोफेशनल स्पॉन्सर या भरोसेमंद सहयोगी कोई भी हो सकता है।

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Career After 10th: 10वीं के बाद चहिए बढ़िया जॉब? इन डिप्‍लोमा कोर्स से बनाएं करियर

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Diploma Courses For Good Jobs: हमारे देश में 10वीं के बाद जहां ज्‍यादतर छात्र अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करते हैं, वहीं कुछ ऐसे छात्र भी होते हैं, जो आर्थिक और व्‍यक्तिगत कारणों से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। ऐसे छात्रों को आगे चलकर जॉब पाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि अब स्थिति बदल रही है, ऐसे छात्रों को ध्‍यान में रखकर कई ऐसे शार्ट ओरिएंटेड डिप्लोमा कोर्स को डिजाइन किया गया है। जिन्हें पूरा कर छात्र आसानी से अच्‍छी जॉब पा सकते हैं। इन कोर्स की एक खास बात यह भी है कि इनमें जहां आसान एडमिशन प्रोसेस और कम फीस होती है, वहीं छात्र कम समय में इसे पूरा कर जॉब पा सकते हैं।

कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग
टेक्‍नोलॉजी के इस दौर में हर इंसान अब मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहा है। जिसके कारण हार्डवेयर एक्सपर्ट्स की डिमांड भी मार्केट में बढ़ने लगी है। इसलिए आप जहां कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग का डिप्लोमा करके एक अच्छी जॉब पा सकते हैं, वहीं अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

होटल मैनेजमेंट
अगर आप 10वीं के बाद होटल मैनेजमेंट क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो यह भी कर सकते हैं। यह कोर्स डेढ़ साल का होता है, जिसके बाद आप किसी भी अच्‍छे होटल में जॉब कर सकते हैं। अगर आपको एक से अधिक भाषाओं की जानकारी है तो आप इस क्षेत्र काफी अच्‍छा करियर बना सकते हैं।

डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग
अगर आप इंजीनियर बनने का ख्‍वाब देखते हैं, लेकिन 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर सकते, तब भी आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। आज कई सारे संस्थान और पॉलीटेक्निक कॉलेज हैं जो दसवीं के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा करवाते हैं। इनको करने के बाद आपको इंजीनियरिंग के लगभग सभी फील्ड से जुड़े मिडिल लेवल के जॉब आसानी से मिल सकते हैं।
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डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी
स्‍टेनोग्राफी भी ऐसा क्षेत्र है जहां पर अच्‍छा करियर बनाया जा सकता है। आज के समय में बहुत से ऐसे संस्थान है जो स्टेनोग्राफी में डिप्लोमा करवाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप बैंक, शिक्षा, कोर्ट के साथ साथ कई अन्‍य क्षेत्रों में आसानी से नौकरी कर सकते हैं। हर सरकारी विभाग या निजी कंपनियों में ऐसी नौकरियां निकलती रहती हैं जिनके लिए स्टेनोग्राफर की भर्ती की ज़रूरत होती है। ऐसे में ये स्कोप काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर
यह भी एक रचनात्‍मक फील्ड है। इस कोर्स में आपको बिल्डिंग के निर्माण, डिज़ाइन, उसकी संरचना के बारे में जानकारी दे जाती है। अगर आप क्रिएटिव हैं और फिजिक्स व गणित का ज्ञान रखते हैं तो इस डिप्लोमा कोर्स को करने के बाद करियर की नई उड़ान भर सकते हैं।

डिप्लोमा इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
अगर आपको कॉमर्स विषय में रूचि है और आप बिज़नेस की लाइन में जाना चाहते हैं तो 10वीं के बाद बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा कर सकते हैं। इसमें आपको बिज़नेस को चलाने के दांव पेंच सिखाए जाएंगे, यह कोर्स करने के बाद जहां आप किसी कंपनी में आसानी से नौकरी पा सकते हैं तो वही खुद का बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं।
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पैरा मेडिकल कोर्स
अगर आप मेडिकल के क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो यह भी संभव है। इसमें ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी, रेडियोग्राफी, एक्स-रे टेक्नोलॉजी और ईसीजी टेक्नोलॉजी, डायलिसिस टेक्नोलॉजी, मेडिकल इमेजिंग और मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी जैसे विषयों में डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं। पैरा मेडिकल में डिप्लोमा करने के बाद लैब टेक्नीशियन या असिस्टेंट के तौर पर नौकरी मिल जाती है।

डिप्लोमा इन आर्ट टीचर
टीचर बनने का ख्‍वाब हर कोई देखता है, आप भी 10वीं के बाद टीचर बन सकते हैं। इसके लिए आपको डिप्लोमा इन आर्ट टीचिंग का कोर्स करना होगा। यह पढ़ाने के तरीके के बारे में ट्रेनिंग देता है। आर्ट टीचिंग में डिप्लोमा वे छात्र कर सकते हैं जिनकी आयु 17 वर्ष से अधिक है। डिप्लोमा इन आर्ट टीचिंग विस्तृत स्केचिंग और पेंटिंग का 6 महीने का प्रोग्राम है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आर्ट टीचिंग में डिप्लोमा होल्डर आर्ट टीचर बनने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं।

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Career After 12th: क्या है लाइब्रेरी साइंस? जानें कैसे बनाएं करियर और कितनी होगी सैलरी

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Library Science Course: स्‍कूल कॉलेज हों या फिर सरकारी व प्राइवेट संस्‍थान हर जगह डॉक्यूमेंट्स को संभालने व संरक्षण करने के लिए लाइब्रेरी का उपयोग होता है। इस लाइब्रेरी में किताबों की देखभाल करने वाले को लाइब्रेरियन कहा जाता है। अगर आपको भी किताबों से प्‍यर है और ज्ञान के भंडार के बीच अपना समय बीताना चाहते हैं, तो लाइग्ररियन बन सकते हैं, इसके लिए आपको लाइब्रेरी साइंस का कोर्स करना पड़ेगा, जिसके बाद आप लाइब्रेरी अटेंडेंट, लाइब्रेरी असिस्टेंट, जूनियर लाइब्रेरियन और लाइब्रेरियन जैसे पदों पर रहकर अच्‍छा करियर बना सकते हैं।

क्या है लाइब्रेरी सांइस का कोर्स
लाइब्रेरी साइंस का दायरा काफी बड़ा है, आज के समय यह एक हाईटेक कार्य के रूप में जाना जाता है। इसलिए इसमें करियर के अवसर भी काफी ज्यादा नजर आ रहे हैं। इस कोर्स के तहत छात्रों को लाइब्रेरी और इंफॉर्मेशन सिस्टम मैनेजमेंट, डॉक्यूमेंटेशन, मैनुस्क्रिप्ट, कैटलॉग, बिबलियोग्राफी आदि के बारे में पढ़ाया जाता है। इस क्षेत्र में अगर आप करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको कंप्यूटर की बेसिक जानकारी भी होना जरूरी है। क्योंकि आजकल सारे डेटा और रिकॉर्ड कंप्यूटर पर ही रखे जाते हैं।

लाइब्रेरी साइंस में कोर्स
अगर आप लाइब्रेरी साइंस में करियर बनाना चाहते हैं तो आप डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। इसके लिए कैंडिडेट्स को किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होना चाहिए। वहीं बैचलर इन लाइब्रेरी साइंस या बैचलर इन लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस के लिए आपको किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना होगा। बैचलर करने के बाद आम मास्टर इन लाइब्रेरी साइंस भी कर सकते हैं। इसके बाद आप एमफिल या पीएचडी कर रिसर्च या टीचिंग के सेक्टर में भी जा सकते हैं।
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करियर स्‍कोप क्‍या है
लाइब्रेरी साइंस में इस समय जॉब्‍स की कमी नहीं है, लाइब्रेरी साइंस में ग्रेजुएट होने के बाद आप सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में जॉब कर सकते हैं। जिस तरह से दिन- प्रतिदिन यूनिवर्सिटी और कॉलेज की संख्या बढ़ रहा है, ठीक उसी प्रकार इस सेक्टर में जॉब के अवसर भी बढ़ रहे हैं। आप किसी भी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, प्राइवेट संस्थान, प्राइवेट लाइब्रेरी, म्‍यूजियम आदि में लाइब्रेरियन के तौर पर काम कर सकते हैं।

इसके अलावा न्यूज़पेपर और न्यूज़ चैनल्स में भी लाइब्रेरियन की नियुक्ति की जाती हैं। अब तो कॉरपोरेट कंपनियों में भी लाइब्रेरी को प्रमोट किया जाता है, ऐसे में यहां पर भी अच्छी सैलेरी के साथ जॉब मिल सकती है। अब जमाना डिजिटल हो चुका है, इसलिए अब ऑनलाइन लाइब्रेरी या कंप्यूटर लाइब्रेरी, डिजिटल लाइब्रेरी का चलन तेजी से बढ़ा है।

करियर ऑप्‍शन क्‍या है
अब लाइब्रेरी साइंस काफी विकसित सेक्टर के रूप में जाना जाता है। जिसकी जरूरत हर जगह पर पड़ती है। जिसके कारण इस क्षेत्र में करियर के अनेक ऑप्शन हैं। आप कोर्स पूरा कर निम्‍न पदों पर रहकर करियर बना सकते हैं। जिसमें जूनियर लाइब्रेरियन, सहायक लाइब्रेरियन, डिप्टी लाइब्रेरियन, लाइब्रेरियन, लाइब्रेरी अटेंडेंट, पुस्तकालय सहायक, शोधकर्ता व वैज्ञानिक, सलाहकार, तकनीकी सहायक, अभिलेख प्रबंधक, सूचना केंद्र का प्रमुख, वरिष्ठ सूचना विश्लेषक, कानून लाइब्रेरियन, इंडेक्सर, सूचना वास्तुकार, पुरालेखपाल शामिल है।
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कितनी मिलती है सैलरी
लाइब्रेरी साइंस में कोर्स करने के बाद आप प्रेशर के तौर पर 20 से 30 हजार रूपए कमा सकते हैं, इसके बाद जिस तरह से आपका अनुभ्‍व बढ़ेगा, उसी के अनुसार आपका पद और वेतन भी बढ़ेगा। वहीं अगर आपकी जॉब गवर्नमेंट सेक्‍टर में लग गया तो आप हर माह लाखों रुपए कमा सकते हैं।

कहां से करें कोर्स
  1. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद
  2. पटना विश्वविद्यालय, पटना
  3. दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  4. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
  5. एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली
  6. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
  7. चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ
  8. लखनऊ यूनिवर्सिटी
  9. गुरुघासीदास यूनिवर्सिटी, छत्तीसगढ़
  10. सीएसजेएम यूनिवर्सिटी, कानपुर
  11. बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
  12. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, गुजरात
  13. जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
  14. उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी

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Career As Makeup Artist: जानिए कैसे बनें मेकअप आर्टिस्‍ट? मिलती है अच्छी जॉब

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Career Of A Makeup Artist: आज के समय में हर कोई सुंदर दिखना चाहता है, चाहे वह महिला हो या फिर पुरूष। सुंदरता बढ़ाने के लिए लोग मेकअप पर निर्भर हैं। घर से बाहर शायद ही कोई महिला बिना मेकअप के निकलती है। मेकअप के इस दौर को सबसे ज्‍यादा बढ़ावा दिया है, टेलीविजन, फिल्म और फैशन इंडस्ट्री ने। इनके कारण पहले जहां सिर्फ महिलाएं ही मेकअप करती नजर आती थी, वहीं अब पुरूष भी इनसे पीछे नहीं हैं। इन सभी को खूबसूरत बनाने का काम करते हैं मेकअप आर्टिस्ट। मेकअप आर्टिस्ट ही वह व्यक्ति होता है जो किसी भी आर्टिस्ट को उसके किरदार में ढालने में एक अहम भूमिका निभाता है।

मेकअप आर्टिस्ट का कार्य
किसी भी चेहरे को सुंदर बनाना मेकअप आर्टिस्ट का मुख्‍य कार्य होता है। मेकअप आर्टिस्‍ट यह पता लगाता है कि किसी के चेहरे के अनुसार उस पर कैसा मेकअप सूट करेगा, वो व्यक्ति कैसे सुंदर लगेगा। ये सारा काम मेकअप आर्टिस्ट का होता है। फिल्मों और टीवी सीरियल में आपने देखा होगा कि कैसे एक सामान्य सी दिखने वाली लड़की बहुत सुंदर दिखने लगती है। ये सब मेकअप आर्टिस्ट का ही कमाल होता है। लड़कियों की तरह ही लड़कों का भी मेकअप होता है, जिससे वह ज्‍यादा स्‍मार्ट दिखें।

किस तरह का करें कोर्स
मेकअप आर्टिस्ट बनने के लिए बुहत ज्‍यादा पढ़ाई की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन इस क्षेत्र में महरत हासिल करने के लिए कोर्स की जरूरत पड़ती है, क्योंकि मेकअप किसी व्यक्ति की स्किन से जुड़ा मामला है, आपने कोई प्रॉडक्ट उस व्यक्ति पर लगाया और वो खराब हुआ तो उसकी स्किन हमेशा के लिए खराब हो सकती है। ऐसे में आपको मेकअप आर्टिस्ट से जुड़ा कोर्स जरूर करना चाहिए। जिसमे आप मेकअप और कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट से जुड़ी बारीकियों को समझ सके। इसके लिए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शामिल हैं। इसमें दाखिला आप 12वीं के बाद ले सकते हैं। इन कोर्स में उम्र की कोई सीमा नहीं होती है।
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इन स्किल्स की जरूरत
मेकअप आर्टिस्‍ट बनने के लिए आपका क्रिएटिव माइंड होना बेहद आवश्यक है, जिससे आप अपने क्लाइंट की पर्सनैलिटी के अनुरूप मेकअप कर पाएं। हर चेहरा एक जैसा नहीं होता। इतना ही नहीं, जो व्यक्ति क्लाइंट की डिमांड और मौके के हिसाब से परफेक्ट मेकअप कर पाने में सक्षम होता है, उसे इस क्षेत्र में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। साथ ही एक मेकअप आर्टिस्ट को हर स्टाइल और गेटअप के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए आपको लेटेस्ट मेकअप ट्रेंड के बारे में हमेशा रिसर्च करती रहनी चाहिए। इतना ही नहीं, उसे अपने टूल्स, प्रॉडक्टस व उन्हें इस्तेमाल करने के बारे में भी सही तरह से पता होना चाहिए। एक मेकअप आर्टिस्ट को पब्लिक डील भी करना होता है, इसलिए आपका कम्यूनिकेशन लेवल भी बढ़िया होना चाहिए।

करियर कहां बनाए
आप इस फील्‍ड में कई जगह करियर बना सकते हैं। अगर आप अपने काम में एक्‍सपर्ट हैं तो फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में काम कर प्रतिमाह लाखों रुपए कमा सकते हैं। बड़े- बड़े एक्टर्स को पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट की तलाश होती है। इसके अलावा आप टीवी चैनल, प्रॉडक्शन हाउस, फैशन इंडस्ट्री में नौकरी की तलाश कर सकते हैं। यहां भी मेकअप आर्टिस्ट की काफी ज्यादा जरूरत होती है। अगर आप किसी के अधीन नौकरी नहीं करना चाहते हैं तो आप खुद भी मेकअप का काम शुरू कर सकते हैं।
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मेकअप आर्टिस्‍ट की सैलरी
मेकअप आर्टिस्‍ट की सैलरी आपके कार्य, कार्य स्‍थल और अनुभव पर निर्भर करता है। अगर आप फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और अन्य स्थानों में कार्य कर रहे हैं तो प्रतिमाह लाखों रूपए कमा सकते हैं, वहीं अपना रोजगार शुरू करके भी अच्‍दा पैसा कमा सकते हैं।

कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान
  1. हेज़ल इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्यूटी एंड वेलनेस, पंजाब
  2. राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान
  3. वीएलसीसी संस्थान
  4. पर्ल अकादमी, विभिन्न केन्द्र
  5. लैक्मे ट्रेनिंग अकादमी, दिल्ली
  6. ओरेन ब्यूटी अकादमी, विभिन्न केन्द्र
  7. ऑरा ब्यूटी अकादमी, पंजाब

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Teacher's Day Speech: शिक्षक दिवस की ऐसे करें तैयारी, जमेगा अच्छा इंप्रेशन

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Teachers Day Speech For Students: महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर को प्रतिवर्ष भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों के सम्‍मान में स्‍कूल कॉलेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें छात्र भाषण के माध्‍यम से अपनी बात रखते हैं। छात्र किस तरह से अपना भाषण तैयार करें उसमें यह सैंपल भाषण उनकी मदद कर सकता हैं।

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षक व शिक्षिकाएं और मेरे प्यारे सहपाठियों नमस्‍कार

आज हम सभी यहां 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। सबसे पहले मैं यहां पर मौजूद सभी लोगों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। साथ ही मैं उन सभी लोगों का आभार व्‍यक्‍त करता हूं, जिन्‍होंने मुझे इस मौके पर अपना विचार रखने का मौका दिया।

हम शिक्षक दिवस को टीचर्स डे भी कहते हैं, यह दिन पूरे भारत में, उन सभी विद्यार्थियों के लिए सबसे सम्मानपूर्ण अवसर होता है, जो शिक्षा पूरी कर देश की सेवा कर रहे हैं या फिर शिक्षा ग्रहण कर रहे। छात्र इस दिन अपने शिक्षकों से मिले ज्ञान के लिए उनका आभार प्रकट करते हैं।

इसलिए हम प्रतिवर्ष इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसी दिन 1888 में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे 1952 से 1962 तक भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप व्यतीत किया और अपने दायित्वों को पूरा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। वर्ष 1962 में उनके राष्ट्रपति के रूप में चुनाव होने के बाद, विद्यार्थियों ने, उनके जन्मदिन 5 सितम्बर को मनाने की प्रार्थना की।
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छात्रों के बहुत अधिक अनुरोध करने के बाद उन्होंने जवाब दिया कि, 5 सितम्बर, को मेरे व्यक्तिगत जन्मदिन के रूप में मनाने के स्थान पर यह अच्छा होगा कि, इस दिन को पूरे शैक्षिक पेशे के लिए समर्पित किया जाये। और तब से 5 सितम्बर पूरे भारत में शैक्षिक पेशे के सम्मान में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्‍मानित किया जाता है। भारत के सभी छात्रों के लिए, शिक्षक दिवस उनके भविष्य को आकार देने में उनके निरंतर, निस्वार्थ और कीमती प्रयासों के लिए उनके द्वारा अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को अर्पित करने का उत्सव और अवसर है।
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एक शिक्षक देश में शिक्षा प्रणाली को समृद्ध करने और उसकी गुणवत्‍ता बढ़ाने के लिए निरतंर बिना थकावट के कार्य करता है। जहां हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं, वहीं शिक्षक स्‍कूल में पढ़ाई के साथ हमें सही और गलत का फर्क बता कर हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं। साथ ही शिक्षक सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसलिए हमारे देश में कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता-पिता से भी ऊपर होता है। शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है। सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हमें हमारे शिक्षक अपने स्वंय के बच्चों से कम नहीं समझते और हमें पूरी मेहनत से पढ़ाते हैं। एक बच्चे के रुप में, जब हमें प्रेरणा और प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है, जिसे हम निश्चित रुप से अपने अध्यापकों से प्राप्त करते हैं। वे हमें जीवन में किसी भी बुरी स्थिति से ज्ञान और धैर्य से माध्यम से बाहर निकलना सीखाते हैं। प्रिय शिक्षकों, हम सभी इस ज्ञान के लिए हमेशा आपके आभारी रहेगें।

हमारे महान कवि कबीरदास जी ने कहा है कि अगर आपको शिक्षक और भगवन दोनों एक साथ दिखें तो हमें पहले शिक्षक का चरण स्पर्श करना चाहिए। क्‍योंकि एक शिक्षक ही हमें ज्ञान दे कर भगवान तक पहुंचने का रास्ता दिखा सकता है। इसी के साथ मैं अपनी बात समाप्‍त करूंगा।

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Career After 12th: क्या है B.Voc कोर्स? जानें कैसे करें और कहां मिलेगी नौकरी

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Bachelor of Vocation course: सभी लोग एजुकेशन के बाद अच्‍छी नौकरी, वेतन और करियर के साथ बेहतर भविष्‍य चाहते हैं। इसके लिए छात्र देश से लेकर विदेश तक जाकर पढ़ाई भी जमकर करते हैं। क्‍योंकि जितनी अच्‍छी नौकरी होगी, उतना अच्‍छा जीवन होगा। अच्‍छे करियर के लिए ज्यादातर स्टूडेंट्स साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग या मैथमेटिक्स स्ट्रीम को चुनते है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह है कन्वेंशनल इंजीनियरिंग डिग्री में सभी तरह के इम्पोर्टेन्ट अध्यन का न मिल पाना। इसी अपूर्ण को पूर्ण करने के लिए भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी अपने विभिन्न कोर्सो के माध्यम से स्टूडेंट्स को बीवोक (B.Voc) कोर्स कराता है। जिस से सभी स्टूडेंट्स अपने स्किल को डेवलप कर अपना करियर बना सकें।

क्‍या है बीवोक कोर्स (B.Voc)
यह एक तीन साल का डिग्री कोर्स होता है, जिसे विभिन्न विषयों जैसे होटल मैनेजमेंट, मेटल कन्स्ट्रक्शन, उद्यमिता विकास, हेल्थकेयर में स्किल डेवलप कराया जाता है। इसका का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है और छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण के साथ विभिन्न आधुनिक क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करना है। इससे युवा अपने भीतर छिपे हुए हुनर को विकसित कर पाएंगे।
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बीवोक कोर्स करने की योग्यता
यह कोर्स आप 10वीं के बाद भी कर सकते हैं, बशर्ते आपको दसवीं के बाद 2 साल की आईटीआई का कोर्स करना होगा, उसके बाद आप वोकेशन कोर्स कर सकते है। वहीं अगर आप 12वीं के बाद करना चाहते हैं, लेकिन कुछ सब्जेक्ट्स के लिए आपकी स्ट्रीम उस सब्जेक्ट से संबंधित होनी चाहिए। वोकेशन कोर्स की एडमिशन हर साल होता है, इसके लिए आपको इंटर्नशिप एग्जाम देना आवश्यक है। इंटर्न्स एग्जाम पास होने वाले स्टूडेंट्स का ही एडमिशन लिया जाता है। इस कोर्स में 3 साल में 6 सेमेस्टर होते है और हर सेमेस्टर में आपका एग्जाम होता है तथा आपको हर सेमेस्टर में एग्जाम पास करने के बाद आपको सर्टिफिकेट दिया जाता है। अगर आप किसी कारणवश पहले साल में इस कोर्स को छोड़ देते है तो आपको डिप्लोमा का सर्टिफिकेट भी मिलता है। वहीं तीनों साल को पूरा करेंगे तो आपको ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त होगी।

बीवोक कोर्स क्‍यों करें
आज के समय में छात्र अपनी स्किल डेवलप करने वाले कोर्स करने के लिए विदेश जाते हैं, क्‍योंकि वहां जो भी पढ़ाई होता है स्किल बेस्ड होता है। हमारे देश की सबसे बड़ी कमी है कि हम जो भी पढ़ाई करते हैं उसमें हमें जरूरी स्किल नहीं मिल पाता है। इस कमी को पूरा करने के लिए भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी अपने विभिन्न कोर्सेज के जरिए बच्चों को स्किल्ट्रेनिंग प्रदान करना चाहती है जिससे सभी विद्यार्थी एक बेहतर भविष्य के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो पाए।
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बीवोक कोर्स कैसे करे
आज का समय बीवोक कोर्स का है। क्‍योंकि एक समान होटल मैनेजमेंट या सामान्य इंजीनियरिंग की डिग्री इतनी वैल्यू नहीं रखती जितनी एक बीवोक डिग्री होती है। इसका कारण्‍ है, इसमें पढ़ाई के साथ-साथ आप स्किल्स भी सीख लेते हैं। इसमें आप विभिन्न सब्जेक्ट जैसे कि हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, आर्ट्स, कॉमर्स, डेयरी फार्मिंग कोर्स कर सकते हैं। वहीं टेक्निकल कोर्सेज जैसे मेडी कंस्ट्रक्शन और टेक्नीशियन जैसे कोर्स भी होते हैं। इसमें छात्रों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए मशीन दी जाती है। हर छात्र काम की बारीकी को अच्छे से समझ सके इसके लिए स्विस ट्रेनर की निगरानी में हर छात्र को व्यक्तिगत तौर पर मशीन पर ट्रेनिंग दी जाती है। हर वर्ष छात्र को 6 महीने यूनिवर्सिटी में और बाकी 6 महीने इंडस्ट्री में ट्रेनिंग दी जाती है।

बीवोक कोर्स के बाद सैलरी
सभी चाहते हैं कि पढ़ाई पूरी होने के बाद एक अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिले। वोकेशनल कोर्स करने के बाद आप किसी भी कंपनी में फ्रेशर के तौर पर 20,000 से 30,000 से नौकरी शुष्‍ कर सकते हैं। जिसके बाद आप अनुभव व अपने स्किल के साथ आगे बढ़ सकते हैं।

बीवोक कोर्स के लिए मुख्‍य संस्‍थान
  1. एसएमएस, लखनऊ
  2. एचआईएमसीएस, मथुरा
  3. एचआईटीएस, चेन्‍नई
  4. जैन यूनिवर्सिटी, बंगलौर
  5. पारूल यूनिवर्सिटी

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Career Tips: ड्राइंग एंड पेंटिंग में ऐसे बनाएं करियर, जानिए कहां है स्कोप और नौकरी

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Career In Drawing And Painting: बदलते समय के साथ लोगों की सोच भी बदल रही है, खास कर ऐसे माता- पिता की जो अपने बच्‍चों पर बचपन से ही डॉक्‍टर-इंजीनियर बनने का दबाव डालते और इसे ही करियर के लिए सबसे बेहतर मानते थे। आज के समय में करियर के कई विकल्प खुल गए हैं। अब सिर्फ कॉमर्स या साइंस जैसे स्ट्रीम ही करियर की संभावना नहीं रह गया है। यही कारण है की मां-बाप अपने बच्‍चों को पसंद के अनुसार अपना करियर बनाने का मौका दे रहे हैं। इस समय फैशन एक ऐसा क्षेत्र है जो युवाओं को खुलकर जीने का मौका दे रहा है, जिससे आज युवा बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की तरफ आर्कषित हो रहे हैं और पेंटिंग, ड्राइंग, मूर्तिकला के साथ अन्य कला में अपनी प्रतिभा निखारने के साथ अपना करियर बना रहे हैं।

क्या है बैचलर ऑफ फाइन आर्ट
बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स का स्‍वरूप बहुत बड़ा है। इसमें छात्रों को नृत्य, चित्र, फोटोग्राफी, फिल्म, वास्तुकला, आदि की शिक्षा दी जाती है। यह कोर्स आप 12वीं के बाद कर सकते हैं, ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में बीएफए चार सालों का कोर्स होता है। शुरूआती सालों में आपको विजुअल आर्ट के सभी विषयों की जानकारी दी जाती है लेकिन अंतिम साल में आपको स्पेशलाइजेशन के रुप में एक विषय चुनना होता है।

जरूरी स्किल
अगर आप इस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते है तो आपको कला की अच्छी समझ होनीं चाहिए। इसके लिए आपमें कल्पनाशीलता और क्रिएटिविटी जैसी स्किल की बेसिक जानकारी जरूरी है। इसके अलावा थिंकिंग पावर और ड्राइंग, पेंटिंग, स्‍कैचिंग की अच्छी समझ होना जरूरी है। वहीं इस फील्ड के लिए आप नए- नए एक्सपेरिमेंट करते रहना जरूरी है, जिससे आपकी कला का और विकास हो सके। एक पेंटर के रूप में, एक उम्मीदवार विभिन्न कलाकृतियां बना सकता है जैसे कि वाटर कलर पेंटिंग, ऑइल पेंटिंग, इंक वॉश पेंटिंग, ऐक्रेलिक पेंटिंग, पेस्टल कलर पेंटिंग, ग्लास पेंटिंग, एनकॉस्टिक पेंटिंग आदि। एक पेंटर आमतौर पर स्वतंत्र रूप से काम करता है या उसका प्रदर्शन करता है।
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बैचलर ऑफ फाइन आर्ट में करियर
यह एक ऐसा सेक्टर है जहां पर छात्रों को बीएफए कोर्स करने के बाद आसानी से जॉब मिल जाती है। आज कल बैचलर ऑफ़ फाइन आर्ट्स में काफी बच्चों को दिलचस्पी होती है। बैचलर ऑफ़ फाइन आर्ट्स एडवरटाइजिंग कम्पनीज, आर्ट स्टूडियोज, बाउटिकेस आदि जगहों पर जॉब कर सकते हैं। आज के समय में बैचलर ऑफ फाइन आर्टस का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। वहीं अच्छी पेंटिग्स भी लाखों- करोड़ो रुपए में बिक रही हैं, जिससे कलाकारों को उसका पूरा फायदा भी मिल रहा है। अगर आप चाहें तो आप इसमें एमए करके रिसर्च के लिए जा सकते हैं और इसके बाद आप किसी प्राइवेट संस्थान या किसी सरकारी कॉलेज में पढ़ा सकते हैं।

वैसे तो कोर्स पूरा होने के पहले ही अगर आपने मेहनत की तो आपको सफलता मिलनी शुरू हो जाती है, ज्यादातर को प्राइवेट संस्थानों में, घरों और ऑफिसों, सरकार की तरफ से दीवारों को सजाने या उनपर पेंट, पोर्ट्रेट बनाने जैसे काम मिलने शुरू हो जाते हैं। फ्रीलांस आर्टिस्ट के तौर पर भी आप कार्य कर सकते हैं।
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कोर्स एंड जॉब प्रोफाइल क्‍या होती है
एक पेंटर बनने के लिए आपको बीए इन ड्राइंग एंड पेंटिंग, बीएफए पेंटिंग, बीए इन पेंटिंग, बीए इन विजुअल आर्ट्स, बीएफए एप्लाइड आर्ट्स, एमएफए, एमए इन ड्राइंग एंड पेंटिंग, डिप्लोमा इन पेंटिंग का कोर्स करना पड़ेगा। जिसके बाद आप पेंटर, क्राफ्ट आर्टिस्ट, विजुअलाइजेशन प्रोफेशनल, इलेस्ट्रेटेर, डिजिटल डिज़ाइनर, ग्राफ़िक डिज़ाइनर, आर्ट प्रोफेशनल, आर्ट डायरेक्टर, आर्ट कंजरवेटरआर्ट, डनेपनउ, आर्ट रेस्टोरेशन स्पेसलिस्ट, मुरलिस्ट पेंटर, कॉमिक आर्टिस्ट, एंटीरियर डिज़ाइनर से जॉब प्रोफाइल पर कार्य कर सकते हैं।

कहां से करें कोर्स
  1. छत्रपति साहूजी महाराज यूनिवसिर्टी, कानपुर
  2. एमिटी यूनिवसिर्टी
  3. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  4. सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट एंड डिजाइन, बैंगलोर
  5. भारती विद्यापीठ दीमेड यूनिवर्सिटी
  6. कमला नेहरू कॉलेज फॉर वुमेन
  7. सावित्री बाई फूले यूनिवर्सिटी
  8. निम्स यूनिवर्सिटी
  9. यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ
  10. पटना यूनिवर्सिटी, पटना
  11. कॉलेज ऑफ आर्ट्स, नई दिल्ली
  12. जीडी गोएंका यूनिवर्सिटी, गुड़गांव

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Jobs and Career after PhD: सिर्फ प्रोफेसर ही नहीं, पीएचडी के बाद ये भी हैं बेस्ट करियर ऑप्शन

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Alternative Career After PhD: भारत में पीएचडी एक ऐसा स्नातकोत्तर शैक्षणिक डिग्री है जो विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा उन छात्रों को दी जाती है जो अपने चुने हुए क्षेत्र में व्यापक रिसर्च के आधार पर एक थीसिस या रिसर्च पत्र प्रस्‍तुत करते हैं। एजुकेशन के दौरान पीएचडी छात्र द्वारा प्राप्त की जा सकने वाली डिग्री का उच्चतम स्तर होता है। हमारे देश में लोगों के बीच पीएचडी को लेकर एक आम धारणा है कि जो लोग टीचिंग लाइन में जाना चाहते हैं, वहीं पीएचडी करते हैं, कुछ हद तक यह सही भी है, लेकिन इसका दायरा टीचिंग से कहीं आगे तक है।

पीएचडी के बाद करियर संभावनाएं
पीएचडी करने वाले सभी रिसर्च स्कॉलर को यह बात समझनी होगी कि यह डिग्री सिर्फ वैल्यू नॉलेज और स्किल्स के अनुसार आंकी जाती है। इसलिए अपने मनचाहे करियर में मास्टरी प्राप्त करने के लिए आपके पास ये दोनों चीजें होनी चाहिये। जिसके बाद आप अपना करियर बना सकते हैं। आज के समय में भी ज्‍यादातर लोग पीएचडी के बाद टीचिंग लाइन में जाना पसंद करते हैं, इसके बाद इंडस्ट्रियल आर एंड डी लैब प्रोफेशनल्स और स्टार्ट-अप्स मेंटर्स, इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन्स में समर्पित पीएचडी ग्रुप्स होते हैं जो रिसर्च एक्टिविटीज और नये प्रोडक्ट्स की डिजाइनिंग का कार्य करने के साथ ही महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठकों में शामिल होते हैं। डेवलपमेंट सेंटर्स की तुलना में, इंडस्ट्रियल आर एंड डी लेब्स की एवरेज सैलरीज काफी अच्छी होती हैं।

कई जगहों पर डेवलपमेंट सेंटर्स विभिन्न कार्यों के लिए पीएचडी ग्रेजुएट्स को हायर करते हैं, लेकिन उनकी सैलरी विशेष आर एंड डी की तुलना में समान या कुछ अधिक होती है। किसी रिसर्च लैब या डेवलपमेंट सेंटर ज्वाइन करने वाले पीएचडी ग्रेजुएट का सैलरी स्ट्रक्चर और डेजिग्नेशन हमेशा किसी अन्य ग्रेजुएट से ज्यादा हाई होते हैं।
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बदल चुका है अब ट्रेंड
देश में लगातार बढ़ रहे स्टार्ट-अप्स ने पीएचडी के क्षेत्र को ही पूरी तरह बदल दिया है। जहां पहले पीएचडी का कार्यक्षेत्र सिर्फ एकेडमिक क्षेत्र तक ही सीमित था, वहीं आज एकेडमिक क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स के मिश्रण से पीएचडी ग्रेजुएट्स को कई नये ऑप्शन्स मिल गये हैं। आजकल स्टार्ट-अप्स इनोवेशन और इम्प्रोवाइजेशन का स्टोरहाउस बन चुके हैं, तो पीएचडी ग्रेजुएट्स किसी नये और उभरते हुए संगठन में काम करना चाहते हैं ताकि अपनी एक्सेप्शनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट क्षमताओं के माध्यम से नये प्रोडक्ट्स को डिज़ाइन करने के लिए वे अपने नॉलेज बेस्ड स्किल्स का उपयोग कर सकें।

इस समय पीएचडी ग्रेजुएट्स स्‍टार्ट-अप परिवेश में काम तलाश रहे हैं ताकि उन्हें अच्छा कार्य- अनुभव प्राप्त हो जाए और फिर, वे एकेडमिक क्षेत्र ज्वाइन कर लें, जहां पर वे अपने स्किल्स और विशेषज्ञता का प्रोडक्टिव तरीके से उपयोग कर सकें।

पीएचडी ग्रेजुएट का सुनहरा भविष्य
अब वह समय चला गया जब पीएचडी वालों का काम सिर्फ कॉलेजों में पढ़ाना होता था। अब सभी क्षेत्र में पीएचडी ग्रेजुएट्स अपना सुनहरा भविष्‍य बना रहे हैं। इसका मुख्‍य कारण है कि यहां उन्हें काम करने की पूरी आजादी के साथ बहुत बढ़िया सैलरी पैकेज मिलता है। अधिकांश मामलों में, एकेडमिक क्षेत्र की जॉब्स के तहत कई अन्य लाभ जैसे फ्री एकोमोडेशन भी शामिल होते हैं। पीएचडी ग्रेजुएट्स के लिए इस बात का भी चांस होता है कि वे किसी अन्य देश में काम करें। कंपनियां पीएचडी कैंडिडेट्स को हायर करते समय अक्सर अपने भावी कैंडिडेट्स के सुपीरियर एनालिटिकल स्किल्स और जटिल समस्याओं को तुरंत सॉल्व करने की काबिलियत देखते हैं।
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करियर ऑप्‍शन
आज के समय पीएचडी कैंडिडेट्स लगभग हर सेक्‍टर में मौजूद हैं क्योंकि अब वे केवल एकेडमिक क्षेत्र में ही काम करने तक सीमित नहीं हैं। छात्र पीएचडी पूरी करने के बाद प्रोफेशनल्स एकेडमिक रिसर्च के क्षेत्र से किसी कॉरपोरेट परिवेश में काम करना चाहते हैं ताकि अपने स्किल्स का बेहतरीन इस्तेमाल कर सकें, लेकिन आप जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं उसमें स्पेशलाइजेशन होना जरूरी है। जैसे अगर आप बैंकिंग सेक्टर में काम करना चाहते हैं तो आपके पास फाइनेंस में पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए। ऐसा इसलिये जरुरी है क्योंकि एकेडमिक रिसर्च से यह बदलाव आपके स्टडी एरिया से काफी आगे तक जा सकता है।

पीएचडी स्पेशलाइजेशन की लिस्ट
  1. केमिस्ट्री में पीएचडी- केमिकल रिसर्च सेंटर्स एंड लेबोरेटरीज में एनालिस्ट
  2. जियोलॉजी में पीएचडी- जियोलॉजिकल सेंटर्स में हेड ऑफ़ सर्विस
  3. न्यूट्रीशन में पीएचडी- साइंटिफिक एडवाइजर
  4. बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी- पेटेंट लॉयर
  5. लॉ में पीएचडी- गवर्नमेंट सेक्टर्स में एडवाइजरी पोजीशन्स
  6. इंग्लिश लिटरेचर में पीएचडी- कॉलेज प्रोफेसर
  7. लिंग्विस्टिक्स में पीएचडी- पब्लिक सेक्टर एंड साइंस कम्युनिकेशन
  8. फार्मेसी में पीएचडी- मेडिकल रिसर्च सेंटर्स
  9. बायोलॉजी में पीएचडी- साइंस राइटिंग
  10. मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में पीएचडी- मेडिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर्स

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Teachers' Day 2021 Wishes: इस टीचर्स डे पर अपने टीचर को ऐसे करें विश, यहां जानें बेस्ट कोट्स

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Teacher's Day 2021 Wishes: हमारे देश में शिक्षक और गुरू को भगवान के बराबर दर्ज दिया जाता है। शिक्षक से मिले ज्ञान के बिना जीवन की कल्‍पना नहीं की जा सकती है। शिक्षक हमारी जिंदगी का वो शख्स होता है जो हमारे जिंदगी को दिशा देता है। आज आप भले ही अपनी शिक्षा पूरी कर ली हो या शिक्षा ले रहे हैं, 5 सितंबर को उन्‍हें याद जरूर करते होंगे। आज हम आपको शिक्षक दिवस के मौके पर ऐसे बधाई संदेश बता रहे हैं, जिसे आप अपने टीचर को भेज सकते हैं।

1. आप मेरे जीवन की प्रेरणा रहे हैं, आपने हमेशा मुझे सत्य और अनुशासन का पाठ पढ़ाया है।
आपको शिक्षक दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं

2. शांति का पढ़ाया पाठ, अज्ञान का मिटाया अंधकार।
गुरू ने सिखाया हमें, नफरत पर विजय है प्यार।।
शिक्षक दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं

3. भगवान ने दी जिंदगी, मां-बाप ने दिया प्यार।
पर सिखने और पढ़ाई के लिए, गुरू हम है तेरे शुक्रगुजार।।
शिक्षक दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।

4. पथ सही हमको दिखाया आपने, हम थे अनपढ़ और मूरख अब तलक
ज्ञान का दीपक जलाया आपने, शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

5. माता गुरू हैं, पिता भी गुरू हैं, विद्यालय के अध्यापक भी गुरू है।
जिससे भी कुछ सिखा हैं हमने, हमारे लिए हर वो शख्स गुरू हैं।।
शिक्षक दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।
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6. जो बनाए हमें इंसान, दे सही-गलत की पहचान
उन शिक्षकों को प्रणाम, शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं।

7. रोशनी बनकर आये जो हमारी जिंदगी में, ऐसे गुरूओं को मैं प्रणाम करता हूं
आसमान तक पहुंचाने का जो रखते हैं हुनर, ऐसे टीचर्स को मैं सलाम करता हूं

8. अक्षर-अक्षर हमें सिखाते शब्द-शब्द का अर्थ बताते,
कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन जीना हमें सिखाते।
Happy Teacher's Day 2021

9. आप से ही सीखा, आप से ही जाना, आप को ही बस हमने गुरू है माना
सीखा है सबकुछ बस आपसे हमने, शिक्षा का मतलब बस आपसे ही जाना।
हैप्‍पी टीचर्स डे।

10. आपने बनाया है मुझे इस योग्य, कि प्राप्त करू मैं अपना लक्ष्य
दिया है आपने हर समय इतना सहारा, जब भी लगा मुझे कि अब मै हारा। हैप्‍पी टीचर्स डे।

11. शिक्षक ईश्वर से बढ़कर होते है, ये कबीर बतलाते है
क्‍योंकि शिक्षक ही भक्तो को, ईश्वर तक पहुंचाते है।
Shikshak Divas 2021
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12. गुरू का महत्व कभी होगा ना कम, भले कर ले कितनी भी उन्नति हम
वैसे तो है इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान, पर अच्छे बुरे की नहीं है उसे पहचान।
हैप्‍पी टीचर्स डे।

13. गुरू बिना ज्ञान कहां, उसके ज्ञान का आदि न अंत यहां।
गुरू ने दी शिक्षा जहां, उठी शिष्टाचार की मूरत वहां।
Shikshak Divas 2021

14. ले गए आप इस स्कूल को उस मुकाम पर, गर्व से उठते हैं हमारे सर।
हम रहे ना रहे कल, याद आएंगे आपके साथ बिताये हुए हर पल।।
Happy Teacher's Day 2021

15. बिना गुरू नहीं होता जीवन साकार, सर पर होता जब गुरू का हाथ
तभी बनता जीवन का सही आकार, गुरू ही है सफल जीवन का आधार।
हैप्‍पी टीचर्स डे।
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16. गुरू की ऊर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार।
गुरू की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार।
गुरू का सद्सान्निध्य ही, जग में हैं उपहार।
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।।
हैप्‍पी टीचर्स डे।

17. इन कमल चरणों में हमको स्थान दो
ले शरण अपनी हमें सम्मान दो।
तुम तलक आने की हमको राह दे
ऐसा गुरूवर ही हमें भगवान दो।।
हैप्‍पी टीचर्स डे।

18. शिक्षक हमें शिक्षा दो, जीवन राह दो
हारे को हरिनाम दो, डूबते को सहारा दो।
जब भी मुश्किल आये, ज्ञान गंगा दो
हे गुरूदेव हमें जीवन जीने की राह दो।
Happy Teacher's Day 2021

19. गुरू का स्थान सबसे ऊंचा, गुरू बिन कोई ना दूजा
गुरू करे सबकी नया पार, गुरू की महिमा सबसे अपार
हैप्‍पी टीचर्स डे।

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JEE Main: IIIT, NIT के अलावा ये टॉप-20 कॉलेज लेते हैं जेईई मेन स्कोर पर एडमिशन, देखें लिस्ट

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List of Top Colleges which take admission on JEE Mains score: जेईई मेन के सभी चार सत्रों की परीक्षा हो चुकी है। हालांकि जेईई मेन सेशन-4 एग्जाम में गड़बड़ियों के आरोप को लेकर विवाद गहरा रहा है, जिससे इसके रिजल्ट (JEE Main session 4 result) पर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। जेईई मेन अगस्त 2021 रिजल्ट के बाद ही मेरिट लिस्ट बनेगी और स्टूडेंट्स को उनका फाइनल स्कोर मिलेगा। बहरहाल आप जान लीजिये कि एनआईटी, ट्रिपल आईटी के अलावा वे कॉन से टॉप कॉलेज हैं, जो जेईई मेन्स के स्कोर के आधार पर एडमिशन देते हैं।

जेईई मेन (JEE Main) और जेईई एडवांस्ड (JEE Advanced) देश की सबसे लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों स्टूडेंट्स इस इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम में शामिल होते हैं। उनका सपना होता है आईआईटी (IIT), एनआईटी (NIT), ट्रिपल आईटी (IIIT) जैसे देश के सर्वश्रेष्ण व प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पाना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन कॉलेजों के अलावा भी कई ऐसे टॉप संस्थान हैं जो जेईई मेन स्कोर के आधार पर इंजीनियरिंग कोर्सेज़ में एडमिशन लेते हैं।

हम यहां आपको ऐसे टॉप 20 कॉलेज के नाम बता रहे हैं। इनकी लिस्ट शिक्षा मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली एनआईआरएफ रैंकिंग (NIRF Ranking) के आधार पर बनायी गयी है। यह देश की सर्वमान्य रैंकिंग है जो भारत सरकार द्वारा तय विभिन्न मानकों के आधार पर किसी संस्थान को दी जाती है।

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Top Colleges for Engineering Degree: आईआईटी, एनआईटी जैसे संस्थानों के अलावा एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर ये है टॉप 20 इंजीनियरिंग कॉलेजों की लिस्ट
अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई - एनआईआरएफ रैंक 14
वेल्लौर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) - रैंक 15
जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता - रैंक 17
इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई - एनआईआरएफ रैंक 18
अमृता स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग - रैंक 20
जामिया मिल्लिया इस्लामिया - रैंक 28
थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी - रैंक 29
बिट्स पिलानी (BITS Pilani) - रैंक 30
एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा - रैंक 32
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम - रैंक 33

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शिक्षा ओ अनुसंधान - रैंक 34
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी - रैंक 36
शन्मुग्धा आर्ट्स साइंस टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च एकेडमी - रैंक 37
बीआईटी मेसरा, रांची (BIT Mesra) - रैंक 38
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) - 39
एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी - रैंक 41
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT), भुवनेश्वर - रैंक 42
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हैदराबाद - रैंक 43
श्री शिवसुब्रमन्यम् नादर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कांचीपुरम - रैंक 44
मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) - रैंक 45

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Career in Food Technology: 12वीं के बाद कैसे करें फूड टेक्नोलॉजी कोर्स और कितना स्कोप? यहां जानें

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Food Technology Course: खाने के बिना कोई भी इंसान जीने के बारे में सोच नहीं सकता है। इसके बिना पृथ्वी से जीवों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। समय के साथ लगभग सभी चीजें बदली हैं, साथ ही हमारे खान-पान में भी बदलाव आता है। आज के समय में हमारे सामने प्रोसेस्ड फूड का एक नया विकल्प आया है। इस समय फूड एक ऐसा इंडस्ट्री बन गया है, जो लोगों की जरूरत है। जिस तरह से हमारी निर्भरता प्रोसेस्ड फूड पर बढ़ती जा रही है वैसे फूड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर की कई संभावनाएं और अवसर भी पैदा हो रहे है। एक रिपोर्ट के अनुसार फूड प्रोसेस की मल्टी-नेशनल कंपनियां भारत आ रही हैं, लेकिन भारत में कुशल लोगों की कमी है। आज इस फिल्ड में करियर की कई संभावनाएं है।

क्‍या है फूड टेक्नोलॉजी
फूड टेक्नोलॉजी के तहत वो सभी कार्य आते हैं जो फूड प्रोसेसिंग में रॉ इंग्रेडिएंट्स को खाने योग्य फॉर्म्स में बदलने के लिए सभी कार्य करते हैं। फूड टेक्नोलॉजी में 4 वर्ष की अवधि का बीई व बीटेक कोर्स करवाया जाता है। इस कोर्स में विभिन्न फूड आइटम्स पर केमिकल प्रोसेस शामिल होती हैं, जिनके इस्तेमाल से अनेक फूड प्रोडक्ट्स बाज़ार में बेचने के लायक और लंबे समय तक उपयोग करने के लायक बन जाते हैं। फूड टेक्नोलॉजी के माध्यम से साफ़, नई कटी फसल का इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकता है और स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक, आकर्षक और बाज़ार में बेचने योग्य फूड प्रोडक्ट्स तैयार किये जाते हैं।

कोर्स के लिए योग्‍यता
सभी के लिए इस क्षेत्र में भरपूर मौके उपलब्ध हैं। अगर आप इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित या होम साइंस में 12 वीं पास होना अनिवार्य है। इसके बाद फूड साइंस, केमिस्ट्री या माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर डिग्री कर सकते हैं। यह कोर्स चार साल का होता है। वहीं बैचलर डिग्री करने के बाद फूड केमिस्ट्री, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और अन्य क्षेत्रों में एडवांस डिग्री भी कर सकते हैं। साथ ही डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है। अगर आपने ग्रेजुएशन पूरी कर ली है, तो आप उपरोक्त विषयों में एमएससी भी कर सकते हैं। आगे की पढ़ाई के लिए इस क्षेत्र में शोध-अध्ययन करने की भी काफी गुंजाइश है।
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कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षाएं
अगर आप इस क्षेत्र में आना चाहते हैं तो आपको ऑल इंडिया जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम देना होगा, जिसके बाद आप फूड टेक्नोलॉजी और बायो केमिकल साइंस में सरकारी कॉलेजों से बीटेक की डिग्री कर सकते हैं। वहीं, आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए जेईई मेन और जेईई एडवांस की परीक्षा पास करनी पड़ेगी। गेट फूड टेक्नोलॉजी एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से आईआईएससी बेंगलुरू में दाखिला मिलेगा। इसके अलावा सभी निजी संस्थान अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करते हैं।

जरूरी स्किल
  • इसमें करियर बनाने के लिए खाद्य विज्ञान की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उसका क्रियान्वयन उत्पादन प्रक्रिया के दौरान करने की कुशलता भी होनी चाहिए।
  • इन्हें खाद्य पदार्थों का काफी अध्ययन करना पड़ता है, इसलिए इनकी कंप्यूटर स्किल और नई तकनीक के साथ काम करने की क्षमता भी बेहतर होनी चाहिए।
  • इनके अंदर ध्यान केंद्रित करने की अच्छी क्षमता होनी चाहिए, ताकि भोजन से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी भी इनकी नजर से न बचे।
  • साथ ही बिजनेस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा इनका विश्लेषणात्मक और गणित का ज्ञान भी बेहतर होना चाहिए।
  • इस क्षेत्र में आने वाले लोगों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इन्हें ज्यादातर समय स्वतंत्र रूप से काम करना पड़ता है।
  • स्वास्थ्य, सुरक्षा और साफ-सफाई के बारे में भी खास जानकारी होना अनिवार्य है।
  • इन पेशेवरों को उत्पादनकर्ताओं के लिए काम करना होता है। इसलिए इनका संवाद-कौशल भी अच्छा होना चाहिए। इन पेशेवरों के पास टीम में काम करने की अच्छी क्षमता होनी चाहिए।

जॉब प्रोफाइल
अगर आप एक फूड टेक्नोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं तो आपको फूड प्रोसेस के सभी काम करने होंगे। इसमें उस फूड की गुणवत्ता, स्वाद और रंग-रूप का ख्याल रखना होता है। इसके अलावा एक फूड टेक्नोलॉजिस्ट कच्चे और बने हुए माल की गुणवत्ता, स्टोरेज और हाइजिन आदि की निगरानी भी करता है। एक फूड प्रोसेस पनी पूरी तरह से फूड टेक्नोलॉजिस्ट पर ही निर्भर करती है।

इनकी कहां है जरूरत
इस समय फूड टेक्नोलॉजिस्ट की जरूरत दुनिया के हर देश को है। भविष्य में खाद्य पदार्थों की कोई कमी न हो इसलिए हर देश फूड टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहा है। जिसमें क्वालिटी और स्वाद के साथ ही पोषक तत्वों पर काम किया जाता है। भारत में इनकी सबसे ज्‍यादा जरूरत है। इस समय सरकारी एनजीओ से लेकर कई प्राइवेट एनजीओ हैं जो इस क्षेत्र में काम कर रही हैं।
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फूड टेक्नोलॉजी के लिए प्रमुख कोर्स
अगर आप इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो आपको फूड टेक्नोलॉजी में बीएससी ऑनर्स, बीटेक फूड टेक्नोलॉजी, एमटेक फूड टेक्नोलॉजी, पीजी डिप्लोमा इन फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी और एग्री बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए करना होगा।

कहां मिलेगी नौकरी और सैलरी
अगर आपने फूड टेक्नोलॉजी में कोर्स किया है तो आप के पास नौकरी के कई विकल्प होते है। आप इससे जुड़ी फील्‍ड जैसे फूड प्रोसेसिंग यूनिट, रिटेल कंपनी, होटल्सए एग्री प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी से जुड़कर काम कर सकते है। इसके अलावा आपको कई प्रयोगशालाओं में भी काम मिल सकता है जो खाद्य वस्तुओं पर रिसर्च और उन्हें संरक्षित करने का काम करती है। इस फील्‍ड में शुरूआती तौर पर आपको 20 से 25 हजार आसानी से मिल सकते हैं। कुछ सालों के एक्सपीरियंस के बाद आप 30 सें 40 हजार रूपये महीने या इससे ज्यादा कमा सकते है। इसके अलावा आप खुद भी फूड टेक्नोलॉजी के बिजनेस में आकर अच्छा पैसा कमा सकते है।

कोर्स के लिए प्रमुख संस्‍थान
  1. दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  2. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  3. बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
  4. कानपुर यूनिवर्सिटी, कानपुर
  5. कोलकाता विश्वविद्यालय, कोलकाता
  6. गुरू नानक देव यनिवर्सिटी, अमृतसर
  7. मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई
  8. सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर
  9. बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

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Aerospace Engineering: कौन बन सकता है एयरोस्पेस इंजीनियर? यहां जानें कोर्स से जुड़ी पूरी डीटेल

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Aerospace Engineering After 12th: अगर आप बचपन में आसमान में उड़ते प्‍लेन को देखकर उत्‍साहित हो जाते थे और अब भी नीले आसमान में उड़ान भरने के साथ अंतरिक्ष का सैर करना चाहते हैं तो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग आपके लिए एकदम सही करियर विकल्प है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग आपको अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने के साथ आपके सपनों को साकार करने का मौका देगा। इस क्षेत्र में एयरोस्पेस इंजीनियर का मुख्य काम एयरक्राफ्ट, स्पेस क्राफ्ट, उपग्रह और मिसाइलों को डिजाइन करना है। साथ ही सभी डिजाइन का सही आकलन करने के लिए उनके प्रोटोटाइप का परीक्षण करते हैं। इसके अलावा ये निर्धारित योजनाओं के अनुकूल कार्य भी करते हैं।

इन कार्यों के अलावा इस क्षेत्र में कार्य करने वाले इंजीनियर एयर क्राफ्ट की ताकत उसकी क्षमता, विश्वसनीयता और विमान तथा उसके अन्य पार्ट्स का लम्बे समय तक टिकाऊ बने रहने के लिए ध्वंसात्मक तथा गैर ध्वंसात्मक परीक्षण की दिशा में कार्य कर सकते हैं या फिर कार्य करने के लिए निर्देश दे सकते हैं।

एयरोस्पेस इंजीनियर का कार्य
इस क्षेत्र में एयरोस्पेस इंजीनियर का कार्य स्पेसक्राफ्ट, डिफेंस सिस्टम और एविएशन और एविओनिक्स में इस्तेमाल होने वाली नई इंजीनियरिंग तकनीकों को तैयार करना है। इसके अलावा एक एयरोस्पेस इंजीनियर वायुगतिकीय द्रव प्रवाह जैसे क्षेत्रों में कुशल होता है। जैसे- संरचनात्मक डिजाइनय मार्गदर्शन, नेविगेशन और नियंत्रणय इंस्ट्रूमेंटेशन और संचार, रोबोटिक्स, या प्रणोदन और दहन आदि। साथ ही वे विभिन्न प्रकार के एयरोस्पेस मशीनरी को डिजाइन करने का प्रशिक्षण भी प्राप्त करते हैं। उदाहरण के लिए वाणिज्यिक विमान, हेलीकॉप्टर, युद्धक विमान अंतरिक्ष यान, उपग्रह, प्रक्षेपण वाहन, रॉकेट और मिसाइल।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के लिए एजुकेशन
अगर आप एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो आपको न्यूनतम स्नातक की डिग्री यानी बी.ई या फिर बी.टेक व बी.एस या फिर किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से समकक्ष की आवश्यकता होती है। इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री उन उम्मीदवारों के लिए एक 4 वर्ष का कार्यक्रम है, जिन्होंने भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के साथ कक्षा 12वीं की शिक्षा पूरी की है। टफ मैथ्‍य और कम्प्यूटेशनल फ़ार्मुलों के साथ भौतिकी की गतिशीलता को समझना एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक कार्यक्रम में दाखिला लेने के लिए कुछ आवश्यक लक्षण हैं। वहीं एमएसए एम.टेक और पीएचडी आदि विश्वविद्यालयों जैसे स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए निबंध परीक्षा और व्यक्तित्व साक्षात्कार के बाद मानकीकृत परीक्षा में स्कोर करना जरूरी है।
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एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में जरूरी स्किल

क्रिएटिव थिंकिंग एबिलिटी
एक एयरोस्पेस इंजीनियर में क्रिएटिव थिंकिंग एबिलिटी होना चाहिए। सीधी बात कि उनमें यह सोचने में सक्षम होना चाहिए कि किन परिस्थितियों में डिजाइन, सामग्री और अंतिम उत्पाद या परियोजना विफल हो सकती है और एक गड़बड़ या विफलता के मामले में वैकल्पिक विकल्प क्या होने चाहिए।

टीम वर्कर
एक एयरोस्पेस इंजीनियर टीम में काम करता है, उसे काम के माहौल में सीखने और बनाने में सक्षम होने के लिए एक अच्छा टीम वर्कर होना चाहिए।

राइटिंग स्किल
एयरोस्पेस इंजीनियर के लिए यह बहुत जरूरी स्किल है कि उनके अंदर स्पष्ट लेखन के लिए अच्छा लेखन कौशल होना चाहिए और ऐसे डिज़ाइन बनाने चाहिए जो अन्य टीम के कार्यकर्ता पूरी तरह से समझ सकें।

एनालिटिकल स्किल
एयरोस्पेस मशीन के साथ विभिन्न वातावरणों के विकल्पों का सुझाव देने के लिए एयरोस्पेस मशीन और उसके डिज़ाइन की कार्य परिस्थितियों को समझने के लिए साउंड एनालिटिकल स्किल होने चाहिए।

बिजनेस स्किल
एयरोस्पेस इंजीनियर को यह पता होना जरूरी है कि वो जिस परियोजना में लगे हैं, उसकी लागत क्या होगी और कंपनी या सरकार को फायदा कैसे मिलेगा। क्‍योंकि सभी तरह के फायदे के लिए रूपरेख एयरोस्पेस इंजीनियर को बनानी पड़ती है।
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भारत में एयरोस्पेस इंजीनियर का दायरा

करियर स्‍कोप
अगर आप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो आपको एयरलाइंस के अलावा वायु सेना, कॉर्पोरेट रिसर्च कंपनियों, रक्षा मंत्रालय, हेलीकाप्टर कंपनियों, विमानन कंपनियों में जॉब मिल सकती है। भारत के अंदर इस क्षेत्र में प्रमुख भर्ती करने वालों में से कुछ हैं हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड, रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाएं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, नागरिक उड्डयन विभाग, एयर इंडिया, भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन व अन्य।

जॉब के अवसर
इस क्षेत्र में जॉब के लिए आपके पास कम से कम इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन डिग्री होना आवश्यक है। कई ऐसे एम्प्लॉयर जो विशेष रूप से जो इंजीनियरिंग कंसल्टिंग सर्विसेज प्रदान करते हैं, उन्हें एक सर्टिफाईड इंजीनियर की आवश्यकता होती है। इस समय देश में निम्‍नलिखित संगठन जॉब दे रहे हैं।
  1. एयर फ़ोर्स
  2. सरकारी अनुसंधान
  3. कॉर्पोरेट अनुसंधान
  4. हेलीकॉप्टर कंपनियां
  5. एयरलाइंस
  6. एयरशिप्स
  7. विमानन कंपनियां
  8. फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट
  9. रक्षा मंत्रालय
  10. मिसाइल
  11. उपग्रह
  12. अंतरिक्ष यान
  13. अंतरिक्ष शिल्प
  14. अंतरिक्ष यात्री

एयरोस्पेस इंजीनियर कहां काम करते हैं
इंजीनियर ज्यादातर सरकारी एजेंसियों और मेन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज में काम करते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ चुनिंदा एयरोस्पेस इंजीनियरों को नासा जैसे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर काम करने के लिए भी चुना जाता है। वर्तमान में एयरोस्पेस इंजीनियर एयरोडायनेमिक्स के बेसिक कॉन्सेप्ट पर काम कर रहे हैं। साथ ही इनके पास एयरक्राफ्ट पावर प्लांट जैसे टर्बो प्रोप, पिस्टन इंजन और जेट्स के कामकाज के विषय में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। कुछ एयरोस्पेस इंजीनियर राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित परियोजनाओं पर काम करते हैं और इसके लिए उन्हें सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करनी पड़ती है।

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Career Tips: इंश्योरेंस इंडस्ट्री में करियर बनाना है बेहद आसान, जानें योग्यता और जॉब स्कोप

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Insurance Industry In India: इंश्योरेंस इंडस्ट्री एक ऐसी इंडस्ट्री है जो पिछले कुछ सालों से लगातार तेजी से विस्तार कर रही है, जिसके चलते एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की डिमांड काफी बढ़ गया है। अगर आप भी इंश्‍योंरेस सेक्‍टर में करियर बनाने का सोच रहे हैं तो यह समय काफी अच्‍छा है, खास कर कोरोना के बाद इंश्‍योंरेस के हेल्‍थ सेक्‍टर में बूस्‍ट आया है। आज के समय लगभग हर परिस्थिति से निपटने के लिए बीमा कंपनियों के पास पॉलिसी हैं। जीवन बीमा, यात्रा बीमा, वाहन बीमा, स्वस्थ्य बीमा तथा गृह बीमा इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित हैं।

एजुकेशन
इस क्षेत्र में जाने के लिए आप 12वीं व ग्रेजुएशन के बाद भी जा सकते हैं, लेकिन विषय का पूरा ज्ञान लेने के लिए एक्चुरियल साइंस से संबंधित कोर्सेस में स्नातक डिग्री के लिए मैथ्स या स्टेटिस्टिक्स में 55 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना आवश्यक है जबकि पीजी डिप्लोमा, मास्टर्स डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए मैथ्स-स्‍टेटिस्टिक्स, इकोनॉमेट्रिक्स सब्जेक्ट से स्नातक जरूरी है। स्टूडेंट्स, इंस्टीट्यूट ऑफ एक्चुरीज ऑफ इंडिया को मेंबर के तौर पर भी ज्वाइन कर सकते हैं। एक्चुरी प्रोफेशनल बनने के लिए स्टूडेंट्स को एक्चुरियल सोसाइटी ऑफ इंडिया का फेलो मेंबर होना जरूरी है। यह संस्थान इसमें कोर्सेस भी कराता है।

इंश्‍योरेंस का कार्य क्षेत्र
इसके लिए मैथ्स और स्टैटिस्टिक्स के मेथड्स का इस्तेमाल करके इंश्योरेंस और फाइनेंस इंडस्ट्री में जोखिम का अनुमान लगाते हैं। एक्चुरियल प्रोफेशनल्स यह हिसाब लगाते हैं कि किसी पॉलिसी होल्डर को प्रीमियम के तौर पर कितनी राशि का भुगतान करना होगा या किसी कंपनी को पेंशन या रिटर्न पर कितना खर्च करना होगा। प्रोफेशनल का काम अचानक घटी घटना के आर्थिक प्रभाव का अंदाजा लगाने का भी होता है। आज इस क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स को इंश्योरेंस इंडस्ट्री का बैकबोन भी कहा जाने लगा है।
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स्किल व एलिजिबिलिटी
इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए खुद को अपडेट रखना जरूरी है। खुद में लोगों की परेशानी को समझने, नई तकनीक सीखने में हिचकिचाहट न होने, कम्युनिकेशन के साथ मैथ और स्टेटिस्टिक्स पर पकड़ मजबूत रखने जैसे स्किल का होना जरूरी है। अपनी योग्यता के आधार पर आप एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर एंड असिस्टेंटए डेवलपमेंट ऑफिसरए इंश्योरेंस एजेंटए इंश्योरेंस सर्वेयरए एक्चुरी मैनेजरए रिस्क मैनेजर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।

जॉब्‍स के अवसर
अगर आपके पास एक्चुरियल साइंस की डिग्री है तो आपके लिए इन दिनों नौकरियों के लिए कई रास्ते खुल गए हैं। इंश्योरेंस, बैंकिंग, बीपीओ- केपीओ, आईटी सेक्टर, मल्टीनेशनल कंपनियों, फाइनेंशियल कंपनियों आदि में इनके लिए अच्छे मौके होते हैं। दूसरी तरफ, बीपीओ कंपनी में भी जोखिम के बारे में विश्लेषण करने के लिए बड़े पैमाने पर एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की हायरिंग होती है। बीपीओ में काम करने वाले एक्चुरी प्रोफेशनल्स की सैलरी भी आम बीपीओ एंप्लॉइज की तुलना में दो से तीन गुना अधिक होती है।
भारत में संभावनाएं इसलिए भी अधिक हैं, क्योंकि वैश्विक ग्राहकों को कम संसाधन और न्यूनतम लागत में अच्छी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। वहीं एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की डिमांड सरकारी और प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों में ही नहीं, बल्कि टेरिफ एडवाइजरी कमिटी, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी, सोशल सिक्योरिटी स्कीम, फाइनेंशियल एनालिसिस फर्म में भी है।
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सैलेरी
इस क्षेत्र में आप फ्रेशर के तौर पर प्रतिमाह 20 से 30 हजार रुपये तक आसानी से पा सकते हैं। वहीं अनुभव व समय के साथ किसी उच्च पद पर पहुंचने पर आप 1 लाख रुपये का मासिक वेतनमान भी ले सकते हैं। यदि आपने किसी टॉप कॉलेज से एमबीए इन इंश्योरेंस किया है तो आप अपनी फर्स्‍ट जॉब में ही ज्यादा बेहतर वेतनमान की अपेक्षा कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान
  1. कालेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय
  2. एकेडमी ऑफ इंश्योरेंस मैनेजमेंट, दिल्ली
  3. बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, दिल्ल
  4. इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई
  5. एक्चुरियल सोसाइटी ऑफ इंडिया
  6. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
  7. यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे, पुणे
  8. एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस एंड एक्चुरियल साइंस, नोएडा

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Careers in textiles: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है टेक्सटाइल इंडस्ट्री, जानें कोर्स और जॉब प्रोफाइल

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Textile Industry In India: किसी भी देश व सभ्‍यता के विकास में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का बहुत बड़ा योगदान होता है। भारत में भी यह इंडस्ट्री देश की नींव रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है, इसे देश के सबसे पुराने इंडस्ट्री में से एक माना जाता है। भारत में पहले सिर्फ फैब्रिक प्रोडक्शन किया जाता था, लेकिन अब नई टेक्नोलॉजी के आने से यह तेजी से विकसित हुई है। अब यह इंडस्ट्री रिसर्च, डेवलपमेंट, मेन्युफैक्चरिंग और मर्केंडाइजिंग जैसी कई श्रेणियों में काम कर रही है। जिसके कारण इसमें जॉब के अवसर भी पहले की अपेक्षा अब तेजी से बढ़ रहे हैं।

जानें क्‍या है टेक्सटाइल इंजीनियरिंग
टेक्सटाइल सेक्‍टर में रंग, वस्त्र फाइबर, मशीनरी और उत्पाद, कपड़ा और परिधान प्रक्रियाओं को डिजाइन और नियंत्रित करने की प्रक्रिया शामिल है। जिसमें फैशनेबल कपड़ों की मांग को ध्यान में रखते हुए, बहुत ज्यादा रिसर्च, क्रिएटिविटी और इनोवेशन की जरूरत होती है। इसमें टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की यह शाखा उन सिद्धांतों का भी अध्ययन करती है जो कपड़ा फाइबर के निर्माण में पॉलिमर का विश्लेषण करते हैं। जिनका उपयोग सभी प्रकार के यार्न और टेक्सटाइल कपड़ों के निर्माण में किया जाता है। कपड़ा इंजीनियरिंग में, कपड़े को आकर्षक और फैशनेबल बनाने पर जोर दिया जाता है।
इसके लिए टेक्सटाइल इंजीनियर को काफी रिसर्च और एक्सपेरिमेंट करना पड़ता है। टेक्सटाइल इंजीनियर को नवाचार, अनुसंधान और रचनात्मकता जैसे कौशल की आवश्यकता होती है।

किस तरह का कोर्स करें
अगर आप टेक्सटाइल इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स या बायोलॉजी जैसे विषय में पढ़ाई करनी होगी। इसके बाद टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में बीई या बीटेक, टेक्सटाइल डिजाइनिंग में बीए, टेक्सटाइल डिजाइन में बीएससी, बैचलर ऑफ डिजाइन, डिप्लोमा इन टेक्सटाइल मेन्युफैक्चर या टेक्सटाइल केमिस्ट्री में बीटेक कर सकते हैं। वहीं आप इन कोर्सेज में एडवांस्ड डिप्लोमा, एमईए एमटेक और उसके बाद पीएचडी भी कर सकते हैं।
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जॉब प्रोफाइल क्‍या है
टेक्सटाइल इंडस्ट्री में आप कई जॉब प्रोफाइल पर रहकर कार्य कर सकते हैं। जिसमें मुख्‍य रूप से प्रोडक्शन कंट्रोल, प्रोडक्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग प्रोसेस, सेल्स, कॉर्पोरेट मैनेजमेंट, सुपरविजन आदि डिपार्टमेंट्स में काम कर सकते हैं। एक टेक्सटाइल इंजीनियर आम तौर पर इंजीनियरिंग प्रोसेस से जुड़ा होता है, जबकि अपैरल और गारमेंट्स की डिजाइनिंग और मेन्युफैक्चरिंग के लिए काम करने वाले प्रोफेशनल्स प्रोडक्ट रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में काम करते हैं।

इन स्किल की जरूरत
अगर आप इस फील्ड में जाना चाहते हैं तो आपके अंदर कई स्किल का होना जरूरी है। जिसमें मुख्‍य रूप से कम्युनिकेशन स्किल्स, कम्प्यूटर स्किल्स, एनालिटिकल स्किल्स और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स होनी जरूरी हैं। इसके अलावा उनमें चीजों की बारीकियों पर ध्यान देने की क्षमता, लॉजिकल थिंकिंग और क्रिएटिविटी होनी भी जरूरी है।

करियर की संभावनाएं
इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं है। कोर्स पूरा होने के बाद आप टेक्सटाइल मिल्स, एक्सपोर्ट हाउसेज, निटवेयर मेन्युफैकचरिंग यूनिट्स, टेक्सटाइल डाइंग एंड प्रिंटिंग यूनिट्स में काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप सरकार द्वारा प्रायोजित अथवा निजी सिल्क, हैंडलूम, जूट, खादी, क्राफ्ट डेवलपमेंट संस्थानों में काम कर सकते हैं। आप फैशन रीटेलर्स डिजाइन स्टूडियोज और बड़ी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज जैसे में भी काम कर सकते हैं।
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सैलरी कितनी
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा व डिग्री के बाद आप फ्रेशर के तौर पर अगर आप नौकरी करना चाहते हैं तो 30 से 45 हजार रूपये का शुरुआती वेतन आसानी से मिल जाता है। अनुभव के बाद, आप प्रति माह 50 हजार से एक लाख तक कमा सकते हैं। अगर आपने आईआईटी से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है, तो आपको शुरुआती वेतन काफी आकर्षक लग सकता है।

प्रमुख संस्थान
  1. आईआईटी दिल्ली
  2. गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, सेरामपुर
  3. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन, कल्याण
  4. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
  5. उत्तरप्रदेश टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, कानपुर
  6. डॉ बीआर अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जालंधर
  7. एलडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अहमदाबाद

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Real Estate Industry: क्या है रियल एस्टेट बिजनेस? जानें इस फील्ड में करियर बनाने के लिए कौन-सी स्किल्स हैं जरूरी

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Real Estate Industry Jobs: इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर और रियल एस्‍टेट का क्षेत्र ऐसा है जिसमें कभी मंदी तो कभी तेजी आती रहती है, लेकिन इसमें जॉब की संभावनाएं कभी कम नहीं होती हैं। कोरोना में छाई मंदी के बाद एकबार फिर से इस क्षेत्र में तेजी बढ़ रही है, जिसके कारण इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं बन रही है। आज वर्तमान में इस बिज़नेस के द्वारा बहुत सारे मिलिनीयर्स अपने बिज़नेस को बड़े बड़े पैमानों पर करके मिलियन में कमाई कर रहे।

रियल एस्टेट बिज़नेस क्‍या है
यह एक बहुत अलग तरह का व्यवसाय है, इस व्यवसाय में जहां लाभ होने के प्रतिशत बहुत ज्यादा होते हैं वहीं नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसका असार जॉब पर भी पड़ता है। अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो ये व्यवसाय घर, जमीन, ऑफिस, फ्लेट आदि के खरीदने बेचने का बिज़नेस है। इसे आप खुद भी कर सकते है और पार्टनरशिप और टाई अप के ज़रिये भी आप काम शुरू कर सकते है।

एजुकेशन व जरूरी स्किल
अगर आप इस क्षेत्र में अच्‍छी पोजिशन पर जाना चाहते तो कम से कम ग्रेजुएशन पास होना जरूरी है। इसके अलावा आपमें अंग्रेजी लैंग्‍वेज व अन्‍य विशेष गुण होने चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में सफल हो सकें। अगर स्किल की बात करें तो इसके लिए आपको लगातार लोगों से अपनी जान-पहचान बढ़ाने की कला और जमीन, प्लॉट, फ्लैट, घर और विला खरीदकर बेचने के लिए उच्च दर्जे की सेलिंग स्किल होनी चाहिए। इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री मुख्यतः दो चीज़ों पर निर्भर करती है।

कोयला खदानों और टार फैक्ट्रियों से कच्चा माल लेकर सड़क-निर्माण, विनिर्माण क्षेत्र से सीमेंट, बालू, ईंट लेकर मल्टी- स्टोरी बनाने में खपाना। इन दोनों तरह के उद्योगों में लागत से अधिक मूल्य पर फ्लैट्स, बड़े-बड़े ब्रिज, कॉमर्शियल स्पेस बेच कर पैसा कमाया जाता है।
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यहां बना सकते हैं करियर
रियल एस्टेट बिज़नेस में जाने के लिए छात्र 12वीं व ग्रेजुएशन के बाद जाते हैं, हालांकि अगर आप तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर इस क्षेत्र में जॉब करने के लिए आपको देश भर में फैले इंजीनियरिंग कॉलेजों से सिविल अथवा कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग में डिग्री लेनी होगी। तकनीक से जुड़ी नौकरियों के अलावा इस क्षेत्र में आप सेल्स और मार्केटिंग अथवा इंटरनेशनल रिलेशंस में एमबीए करके या बिजनेस कम्युनिकेशंस में डिग्री प्राप्त कर किसी कंस्ट्रक्शन कम्पनी के साथ अपने करियर की शुरूआत कर सकते हैं। विभिन्न कंपनियों के कार्य के आधार पर आप सेल्स मैनेजर, सेल्स एग्जीक्यूटिव, कंस्ट्रक्शन एग्जीक्यूटिव जैसे पदों से शुरूआत कर सकते हैं।

ऐसे शुरू कर सकते हैं अपना बिजनेस
इस क्षेत्र में आप सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री लेकर जहां नौकरी कर सकते हैं, वहीं खुद का रियल-एस्टेट बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले कॉनटेक्‍ट बनाने के अलावा बाज़ार से कच्चा माल व मजदूर प्राप्त कर सकते हैं। आपके व्यापार के आकार के आधार पर बैंक भी आपको लोन दे सकता है। यदि आपमें ज्यादा पैसा कमाने की इच्छा और लगन है और यदि आप 24 घंटे सातों दिन कठिन परिश्रम करते हुए बिल्डर्स, कंसल्टेंट्स, मजदूर एवं साईट मैनेजर की टीम को मार्गदर्शन दे सकते हैं तो इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं रियल-एस्टेट का क्षेत्र आपके लिए है। एक बिल्डर के तौर पर आपको सीमेंट, चूना मसाला, ईंट एवं अन्य कच्चा सामान खरीदकर मजदूरों और आर्कीटेक्ट को तय करना होता है।

बिल्डर का कार्य पुरानी, गिरवी रखी हुई तथा वाद-विवाद वाली ज़मीन, प्लॉट अथवा घर को कानूनी तौर पर सही बनाकर उसे बेचने योग्य बनाना भी होता है। अब अगला कदम आता है प्रोपर्टी को बेचना जिसके लिए आपको एक अच्छा समन्वयक होना ज़रूरी है। हालांकि आपको शुरूआत में यह एक कठिन कार्य लगेगा परन्तु लंबे समयय बाद यह आपके लिए किसी भी और प्रोफेशन से ज्यादा पैसे कमाने वाला प्रोफेशन साबित होगा।
Careers in textiles: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है टेक्सटाइल इंडस्ट्री, जानें कोर्स और जॉब प्रोफाइल

जॉब ऑप्‍शन
वहीं अगर रियल-एस्टेट व इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जॉब की बात करें तो आप सेल्स एग्जीक्यूटिव, प्रोपर्टी मैनेजर, एस्टेट मैनेजर, आईटी मैनेजर, रियल एस्टेट और प्रोफ़ेसर जैसे पद आपको प्राप्त हो सकते हैं। ये वेबसाइट्स तकनीकी क्षेत्र में कई अवसर उपलब्ध कराती हैं। यदि आप सिविल इंजीनियर या एक आर्कीटेक्ट हैं तो भी आप कंस्ट्रक्शन टीम का भाग बन सकते हैं। अन्य फील्ड सेल्स की नौकरियों की तुलना में निर्माण क्षेत्र की जॉब ज्यादा थकाऊ होती है। दूसरी ओर, इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र से आते हैं तो सिविल इंजीनियर, इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजर, स्टोर या वेयरहाउस मैनेजर तथा इन्वेंटरी एग्जीक्यूटिव्स के जॉब प्रोफाइल पर कार्य कर सकते हैं।

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