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बीकॉम के बाद भी आप कर सकते हैं एमसीए

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12वीं ओपन से कर रहा हूं और मीडिया में करियर बनाना चाहता हूं। मुझे कौन सा कोर्स करना चाहिए?

गौरव जैन, दिल्ली


12वीं के बाद आपको जर्नलिजम/ मास कम्यूनिकेशंस/ मास मीडिया आदि पर आधारित बैचलर्स करना चाहिए।

मैंने 12वीं साइंस से की है। नेवी में जाने के लिए किस तरह का कोर्स करना जरूरी है?

ज्योति कुमारी, दिल्ली

शॉर्ट सर्विस कमिशन ऑफिसर के रूप में युवतियां नेवी की एजुकेशन, लॉ, लॉजिस्टिक, नेवल आर्किटेक्चर आदि शाखाओं में प्रवेश पा सकती हैं। इसके लिए इन शाखाओं के अनुसार मास्टर्स/ एलएलबी /बीई/ बीटेक सरीखी डिग्री का होना जरूरी है।

क्या बीकॉम के बाद एमसीए में ऐडमिशन संभव है?

कृष्णा, दिल्ली


ग्रैजुएशन कम से कम 55% मार्क्स के साथ की है और 12वीं स्तर पर मैथ्स एक सब्जेक्ट के रूप में आपने पढ़ा है, तो अधिकांश यूनिवर्सिटीज के एमसीए कोर्स में Wडमिशन मिल सकता है। कुछ यूनिवर्सिटीज़ में एमसीए में Wडमिशन के लिए ग्रैजुएशन में मैथ्स की भी अनिवार्यता है। दिल्ली में दिल्ली यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल यूनिवर्सिटी, इग्नू आदि का नाम लिया जा सकता है। वैसे अधिकांश जगहों पर एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से ऐडमिशन दिए जाते हैं।

बैंकिंग के प्रफेशन में जाने के लिए बीबीए करनी ज़रूरी है?

ऋषभ, दिल्ली


बैंकिंग जॉब्स के लिए कॉम्पिटिटिव एग्जाम क्लियर करना पड़ता है। ग्रैजुएशन के आधार पर शामिल हो सकते हैं।

पढ़ाई या करियर के बारे में आपका कोई सवाल है? अंग्रेजी या हिंदी में educationnbt@gmail.com पर मेल करें। आपके सवालों के जवाब हमारे एक्सपर्ट देंगे। सवाल के साथ अपने शहर का नाम अवश्य लिखें।

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सलाह: इकनॉमिक्स से पढ़ाई के हैं कई फायदे

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मैं इकनॉमिक्स (ऑनर्स) करना चाहती हूं। मेरे दोस्तों ने बताया कि इसमें करियर ऑप्शंस काफी अच्छे हैं। क्या मैं अपने दोस्तों की बात मान कर इकनॉमिक्स में ऐडमिशन ले लूं, क्या इससे अच्छा करियर बनाया जा सकता है, कृपया इस बारे में बताएं?

दीक्षा मिगलानी, दिल्ली

बीए (ऑनर्स) इकनॉमिक्स के बाद इसी विषय में मास्टर्स भी करती हैं तो बैंकिंग, फाइनैंशल और इन्वेस्टमेंट सेक्टर, इंश्योरेंस, टीचिंग, मैनेजमेंट, आदि क्षेत्रों में जॉब के अवसर हो सकते हैं। यही नहीं इंडियन इकनॉमिक्स सर्विस के लिए भी प्रयास कर सकती हैं।

मैंने बीकॉम किया है। एमबीए करने की इच्छा थी लेकिन मोटी फीस देने के लिए परिवार सक्षम नहीं है। हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। मैं ज्यादा पैसा नहीं खर्च कर सकता । सलाह दें कि मुझे कौन सा कोर्स करना चाहिए?

हेमंत पाण्डेय और मो. आरिश, बदायूं

आप चाहें तो अकाउंट्स से संबंधित सॉफ्टवेयर्स की ट्रेनिंग लेकर जॉब हासिल करने का प्रयास कर सकते हैं अन्यथा बीएड सरीखा कोर्स कर टीचिंग प्रफेशन में भी करियर बनाने के बारे में सोच सकते हैं।

एमबीए (फाइनैंस) कर चुकी हूं। मैं टूर ऐंड ट्रेवलिंग के प्रफेशन में करियर बनाना चाहती हूं। मुझे कैसे शुरुआत करनी चाहिए?

कांता शर्मा,फरीदाबाद

इसके लिए आपको मार्केटिंग में एमबीए करनी चाहिए थी। फाइनैंस में स्पेशलाइज़ेशन हासिल करने के बाद आपको बैंकिंग/ फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन, इन्वेस्टमेंट एजेंसीज, ब्रोकर फर्म्स, चार्टर्ड अकाउंटैंसी कंपनियों आदि में जॉब पाने का प्रयास करना चाहिए।

पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) के बाद किस तरह का करियर बनाया जा सकता है?

ज्योति, दिल्ली

सिविल सर्विस के अतिरिक्त विभिन्न राज्यों के पीसीएस एग्जाम्स के माध्यम से आपको जॉब पाने का प्रयास करना चाहिए। यही नहीं हायर स्टडीज़ के बाद स्कूल और कॉलेज टीचिंग में भी करियर के विकल्प तलाशे जा सकते हैं।

12वीं में 90% मार्क्स थे। उसके बाद मैंने एलीमेंट्री टीचर ट्रेनिंग की है। लेकिन अब मेरी दिलचस्पी टीचिंग प्रफेशन को अपनाने में नहीं है। मैं बैंकिंग अथवा लेक्चररशिप के क्षेत्र में जाने की इच्छुक हूं। ऐसे में किस तरह का कोर्स करना चाहिए?

सौम्या मनन, दिल्ली

बैंकिंग के लिए आपको कम से कम ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद बैंकिंग सिलेक्शन एग्जाम्स में भी शामिल होना होगा। दूसरी ओर लेक्चररशिप के लिए पोस्ट ग्रैजुएशन/ पीएचडी तक पढ़ाई करनी होगी। अच्छा रहेगा कि आप खुद ही इस बारे में अंतिम फैसला करें।

चार साल पहले 41% के साथ ग्रैजुएशन की थी। अब समझ नहीं पा रहा हूं कि क्या करना चाहिए?

अजय सिंह चौहान, कानपुर

आगे पढ़ाई करने से बेहतर यही होगा कि आप शॉर्ट टर्म वोकेशनल ट्रेनिंग हासिल कर जॉब पाने अथवा सेल्फ एंप्लॉयमेंट के बारे में सोचें।

दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए कर रही हूं, जॉब पाने के लिये और क्या करना चाहिए?

रिधि भाटिया, दिल्ली

अच्छा रहेगा अगर आप पर्सनैलिटी ग्रूमिंग,कंप्यूटर और ऑफिस मैनेजमेंट/ सेक्रटरीशिप सरीखा कोर्स भी करें। इनका फायदा जॉब पाने में मिल सकता है।

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इंटरव्यू में करेंगे ये चूक तो नौकरी मिलना मुश्किल

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नई दिल्ली
बेहतर जॉब्स पाने के लिए हर कोई कोशिश करता है, लेकिन इंटरव्यू में अधिकारियों से आंख मिलाकर बात न करना, बात करते हुए अटकना या फिर ज्यादा बोलने के साथ अधिकारियों के साथ बिना गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाना, कुछ ऐसी बातें हैं जिसके कारण ज्यादातर कैंडिडेट इंटरव्यू में फेल हो जाते हैं या फिर फेल कर दिए जाते हैं।

टाइम्सजॉब्स की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू में बातचीत के अलावा अन्य कारण महत्वपूर्ण होते हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये वह बातें हैं, जिन पर इंटरव्यू देने जाते समय उम्मीदवार ज्यादा ध्यान नहीं देते। इन बातों के कारण कंपनी के उच्चाधिकारियों को लगता है कि यह इस नौकरी के लिए सही व्यक्ति नहीं है। यही कारण है कि वह इंटरव्यू में फेल हो जाते हैं।

करीब 700 उम्मीदवारों से बातचीत करने के बाद यह स्टडी रिपोर्ट तैयार की गई है। करीब 60 फीसदी उम्मीदवारों ने इस बात को माना है कि इंटरव्यू में उन्होंने सवालों के जवाब सही तरीके से दिए, लेकिन कई बातों वह चूक गए, जिसके कारण वह इंटरव्यू में फेल हो गए और उन्हें वह नौकरी नहीं मिली। इन कारणों में गर्मजोशी से हाथ न मिलाना भी शामिल है। करीब 40 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें कंपनी ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान वे ज्यादा दिलचस्पी से सवालों के जवाब नहीं दे रहे थे। उनके व्यवहार में उनको कड़ापन दिखाई दिया। 32 फीसदी का कहना था कि देरी से आने की वजह से उनका चयन नहीं किया गया। वहीं, 30 फीसदी ने कहा कि इंटरव्यू लेने वालों से आंख न मिलाने की वजह से भी उन्हें नौकरी नहीं मिली।

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फैशन के फील्ड में करियर के सुनहरे मौके

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अभिषेक सिंह, नई दिल्ली
फैशन की रूपहली दुनिया का रंग कभी फीका नहीं पड़ता है। इसके नएपन ने इसमें शिक्षा को और भी दिलचस्प बना दिया है। यही वजह है कि यूथ इसे सब्जेक्ट के रूप में ऑप्ट कर रहे हैं। उन्हें इसमें अपना ब्राइट फ्यूचर नजर आ रहा है।

फैशन एक ऐसा फील्ड है, जो यूथ को बड़ी संख्या में आकर्षित करता है। यहां ग्लैमर है। कल्पनाओं को साकार करने के अवसर हैं। ऐसे में दुनिया को जीत लेने का जज्बा आपके भीतर है और आप क्रिऐटिव सोच वाले हैं, तो आप इस फील्ड में बेहतर कर सकते हैं। यह प्रफेशन जिंदगी के बेहद करीब है। इसकी दुनिया काफी पुरानी है। सदियों से फैशन हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है। फैशन परस्त लोग जानते हैं कि फैशन कभी पुराना नहीं होता है। कुछ साल पहले से फैशन टेक्नॉलजी में ग्रैजुएशन करने का शौक यूथ में बढ़ता नजर आ रहा है। आज के दौर में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स नए ट्रेंड और कॉन्सेप्ट के साथ दुनिया के सामने उभर कर आया है। इसे पसंद किया जा रहा है। ग्लोबलाइजेशन के दौर में फैशन की दुनिया अपना असर और तेजी से डाल रही है। इंटरनैशनल डिजाइनर अपने देश में स्टोर, डिजाइनिंग सेंटर्स और प्रॉडक्शन के जरिए अपनी पैठ बना रहे हैं। वहीं, भारतीय फैशन डिजाइनर भी दुनिया में छाने को बेताब नजर आ रहे हैं। लोगों के बीच में उनके डिजाइनिंग ड्रेस की डिमांड बढ़ती ही जा रही है।

एक्सपर्ट कहते हैं कि आप फैशन डिजाइनिंग में करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने भीतर क्रिऐटिविटी और आर्टिस्टिक अप्रोच को निखारना होगा। इसके साथ ही आपको फैशन के ट्रेंड को भी समझना होता है। इस फील्ड में बेहतर करने के लिए आपको स्टाइल, फैब्रिक टेक्चर को समझते हुए अपनी क्रिऐटिविटी के साथ कलर कॉम्बिनेशन पर भी ध्यान देना होता है। फैशन डिजाइनिंग का कोर्स के लिए कैंडिडेट को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं का एग्जाम क्लियर करना होता है। देश में कई ऐसे इंस्टिट्यूट्स हैं, जो फैशन डिजाइनिंग में ग्रैजुएट, डिप्लोमा का कोर्स कराते हैं।

हम इस समय फैशन से घिरे हैं। यहां पर कपड़ों से लेकर, जूते, चश्में और जूलरी और हर एक क्षेत्र में डिजाइनर्स की डिमांड है। डिजाइनर क्लाइंट की मांग पर क्रिऐटिव चीजें बनाता है। इस दौरान मौसम से लेकर मार्केट की कंडिशन, स्टाइल, कलर, टेक्सचर और मटीरियल पर ध्यान रखना होता है। ड्रेस डिजाइनिंग की शुरुआत पेपर पर स्केच से होती है। इसलिए भी फैशन डिजाइनर को आर्टिस्टिक और क्रिऐटिव होना जरूरी होता है। इंडस्ट्री को आपसे यह उम्मीद रहती है कि आप कलर, शेड और टोन्स पर शानदार पकड़ रहते होंगे। फैशन डिजाइनर को मार्केट के रिसेंट फैशन के बारे में जानकारी रखनी चािए। इसके लिए उसे टीवी, फैशन जनरल, किताबों और इंटरनेट का सहारा लेना होता है।

उपभोक्तावाद के बढ़ने से फैशन की पहुंच हर एक व्यक्ति के जीवन तक हो रही है। हर कोई कपड़ों की बेस्ट क्वॉलिटी के साथ-साथ उसके डिजाइन और स्टाइल पर भी नजर रखता है। फैशन सिर्फ महानगरों तक ही सीमित नहीं रह गया है,बल्कि वह छोटे शहरों को भी रास आ रहा है। फैशन डिजाइनिंग में वर्तमान के साथ चलना होता है, क्योंकि फैशन का संबंध ही वास्तविक दुनिया है। हमसे है। यह न एक शानदार करियर विकल्प है, बल्कि यह हर एक व्यक्ति के साथ जुड़ा हुआ भी है। फैशन डिजाइनिंग को करियर के तौर पर अपनाकर आप अपनी क्रिऐटिविटी को सही साबित कर सकते हैं। इसके अलावा आप मैन्युफैक्चरिंग, फैशन कोऑर्डिनेटर और मार्केटिंग में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।

​फैशन इंडस्ट्री में एक शानदार करियर छिपा हुआ है। इसको करने वाले स्टूडेंट्स को फ्यूचर में लीड डिजाइनर, टेक्निकल डिजाइनर, टेक्सटाइल डिजाइन और इंजीनियरिंग, फैशन मार्केटिंग, ब्रांड मैनेजमेंट, स्टाइल और फोटोग्राफी के रूप में काम करने को मिलता है। एक अच्छा फैशन डिजाइनर इंडस्ट्री के केंद्र में होता है। वह डिजाइनिंग की तीन कैटेगरीज में अपनी भूमिका निभाता है। वह मेन्स, विमन्स और बच्चों के कपड़ों की डिजाइनिंग करता है। इन कपड़ों को और भी सेक्शन में बांटकर देखा जा सकता है। हर महीने करोड़ों का कारोबार होता है। यहां तक की भारत में तैयार होने वाले कपड़ों की मांग देश में ही नहीं, विदेशों में भी खूब है। रैंप से लेकर स्ट्रीट फैशन तक, डिजाइन की कोई सीमा नहीं रह गई है।

फैशन एक्सपर्ट मानते हैं कि फिट ड्रेस की पहुंच एलिट क्लास से आगे निकलकर आम लोगों तक पहुंच गई है। 2021 तक भारतीय कपड़ा उद्योग के 108 बिलियन डॉलर से 223 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। लगभग 100% की वृद्धि के साथ फैशन, डिजाइन ऐंड क्लॉथ का यह फील्ड अपार जॉब की संभावनाएं लेकर आने वाला है। ऐसे में हर एक इंस्टीट्यूट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे इंडस्ट्री के अनुसार डिजाइनर्स को तैयार करें, जो न सिर्फ फैशन डिजाइनिंग की टेक्नॉलजी से परिचित हों, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रीमियम फैशन शो को सफल बनाने में अहम भूमिका भी निभाएं।

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सैजमॉलजी: भूकंप की हलचल में करियर के मौके

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अकसर दुनिया के किसी भाग के बारे में भूकंप के बारे में सुनते रहते हैं। अपने देश में भी इस तरह की घटनाओं के बारे में हम अकसर सुनते रहते हैं। धरती की हलचल को समझने की भरपूर कोशिश दुनियाभर में चल रही है। इसमें आप भी शामिल हो सकते हैं, सैजमॉलजी को करियर के रूप में अपनाकर:

भूकंप से तो आप सभी परिचित होंगे। धरती के किसी कोने से अक्सर ही भूकंप की खबरें आती रहती हैं। नाम सुनते ही शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर भूकंप आता कैसे है? क्या होती हैं भूकंप तरंगे, जिनसे धरती पर भारी उथल-पुथल मच जाती है। ऐसे ही सवालों का उत्तर ढूंढना। भूकंप आने से पहले ही उसकी जानकारी हासिल कर लेना सेजमॉलजी के अंतर्गत आता है।

हम जानते हैं कि भूकंप एक नैचरल घटना है। कभी-कभी तो ये तरंगे भारी तबाही मचाकर ही शांत होती हैं। जानमाल का कम से कम नुकसान हो, इसके लिए टेक्नॉलजी ही एकमात्र सहारा है, जिसकी मदद से आम आदमी को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

आपका काम

भूकंप से होने वाली तबाही के लिए मिट्टी की स्थिति, जियालॉजिकल स्ट्रक्चर और टेक्नोटिक गतिविधियां जिम्मेदार हैं। सेजमॉलजिस्ट अपनी स्टडी से जानकारी जुटाकर लोगों के लिए ऐसा स्ट्रक्चर तैयार करवाने पर जोर देते हैं जो भूकंप जैसे खतरों से बच सकें। दरअसल, एक सेजमॉलजिस्ट लोगों से मिलता है और अलग-अलग जगहों पर भूकंप के खतरे का पता लगाकर आगे का काम शुरू करता है। अपने काम को बेहतर दिशा और परिणाम देने के लिए वह आर्किटेक्ट, प्लैनर और इंश्योरेंस कंपनी के भी संपर्क में लगातार रहता है।

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मटीारिल मैनेजमेंट कोर्स करिए, हैं ढेरों मौके

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आज शालिनी दिल्ली के एक बड़े हॉस्पिटल में परचेजिंग ऑफिसर के रूप में काम कर रही है। सैलरी अच्छी है और पसंद का काम भी। उसे चार साल पहले किसी जानकार ने मटीरियल मैनेजमेंट कोर्स के बारे में बताया था। शालिनी को कोर्स का कॉन्टेन्ट अच्छा लगा। उसने कोर्स फाइनल किया और उसे तुरंत ही जॉब मिल गई। आज वह जॉब के साथ ओपन लर्निंग से एमबीए भी कर रही है। एमबीए कंप्लीट करने के बाद उसकी आमदनी लगभग दोगुनी हो जाएगी।

सरकार ने रिटेल में एफडीआई को मंजूरी दी है। वहीं पिछले दो दशकों से लगातार भारत में विदेशी कंपनियों की मौजूदगी बढ़ी है। इन कंपनियों में हर दिन कच्चे माल की खरीद और रेडीमेड सामानों को बेचने के लिए मार्केट में भेजा जाता है। ऐसे में कच्चे माल और तैयार माल की स्टॉकिंग, अकाउंटिंग और इश्यू करने का काम कंपनी की रुटीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके लिए कंपनियों को मटीरियल मैनेजमेंट के जानकारों की जरूरत पड़ती है।

जबर्दस्त है मांग प्राइवेट कंपनियों में ही नहीं बल्कि गवर्नमेंट हाउसेस में भी हर साल करोड़ों रुपये की खरीदारी होती है। इन सामानों की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया को बारीकी से जानने, माल को संभालकर स्टोर में रखने और फिर उसे दूसरे विभागों में इस्तेमाल के लिए भेजने के काम में स्टोर कीपर, स्टोर मैनेजर और परचेजिंग ऑफिसर की जरूरत पड़ती है।

आपका काम
किसी कंपनी, इंडस्ट्री या गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में जिस माल की सप्लाई हुई है, उसके स्टैंडर्ड को देखना। इसकी परख करना मटीरियल मैनेजमेंट का अहम हिस्सा है। ऐसा नहीं करने पर उद्योगों के कामकाज में जो समान इस्तेमाल किए जाते हैं, उसमें गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। घटिया माल का इस्तेमाल कई बार उत्पादन को बुरी तरह से प्रभावित करता है। ऐसा होने पर तय समय में उत्पादन का जो लक्ष्य हासिल करना होता है, वह नहीं हो पाता। इसलिए मुख्य तौर पर इस काम से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी होती है कि वह सामान की जांच करे। संस्थानों ने इसके लिए अलग से पोस्ट तैयार किया है।

पढ़ाई
वोकेशनल कोर्स के रूप में मटीरियल मैनेजमेंट के विविध रूपों से रूबरू कराया जाता है। कोर्स की बात करें तो कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में पहले साल में छात्रों को किसी भी कंपनी में परचेजिंग व स्टोर मैनेजमेंट क्या है और किस तरह से होता है, इसका फंडा समझाया जाता है। उसके इंटर डिसिप्लनरी कोर्स के तहत कॉमर्स का एक पेपर मटीरियल की बेहतर समझ के लिए उससे जुड़े एक-एक इंटर डिसिप्लनरी पेपर को पढ़ाया जाता है। इसके बाद मटीरियल मैनेजमेंट और कंट्रोल के बारे में बताया जाता है। साथ ही फाउंडेशन कोर्स के तहत कंप्यूटर फंडामेंटल, सॉफ्टवेयर पैकेजेज, कंप्यूटराइज्ड अकाउंटिंग और बिजनस कम्यूनिकेशन कैसे की जाती है, इसकी जानकारी दी जाती है। आर्गेनाइज्ड ऐंड मैनेजमेंट ऑफ बिजनस की समझ पैदा की जाती है। आखिरी साल में मटीरियल मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं और मटीरियल बजटिंग के बारे में बताया जाता है। इसके साथ ही छात्रों को प्रोडक्शन की प्रक्रिया और सप्लाई चेन मैनेजमेंट के बारे में समझाया जाता है। इंटर डिसिप्लनरी कोर्स के तहत छात्र बिजनस लॉ से भी अवगत होते हैं।

कुछ खास बातें
रिटेल में एफडीआई की मंजूरी के बाद इस कोर्स के जानकारों की मांग में बढ़ोतरी।

सरकारी और प्राइवेट हर जगह जरूरत है इनके जानकारों की।

सैलरी शुरुआत में कम से कम चार से पांच लाख रुपये हर वर्ष।

अगर एमबीए भी कर लिया तो सोने पर सुहागा।

आप स्टोर ऑफिसर, स्टोर अकाउंटेंट, परचेजिंग ऑफिसर, लॉजिस्टिक ऑफिसर आदि के रूप में काम करेंगे। जितना अनुभव होगा सैलरी भी उतनी ही बढ़ेगी।

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इस्तीफे के बाद ज्यादा सैलरी पर रुकना ठीक नहीं

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मुंबई
इस्तीफा देने के बाद अगर आप कंपनी के काउंटरऑफर को स्वीकार कर लेते हैं यानी अधिक सैलरी पर काम करने को मान जाते हैं तो यह आपको भारी पड़ सकता है। यह बात एक हालिया सर्वे में सामने आई है। ग्लोबल रिक्रूटमेंट फर्म एंटल इंटरनैशनल नेटवर्क की 'काउंटर ऑफर ए क्लाइंट्स प्रॉस्पेक्टिव' स्टडी से पता चला कि कंपनियां टेंपररी प्रॉब्लम से बचने के लिए काउंटरऑफर्स देती हैं। वह इस दौरान रिप्लेसमेंट एंप्लॉयी की तलाश करती हैं।

एंटल इंटरनैशनल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर जोसेफ देवासिया ने बताया, 'ज्यादातर कंपनियां टैलेंटेड प्रफेशनल्स को अपने साथ रखना चाहती हैं। इसलिए कई बार एंप्लॉयी के इस्तीफा देने पर वे ज्यादा सैलरी ऑफर करती हैं। हालांकि, इसका असर कंपनी के सालाना बजट पर पड़ता है। इसलिए वे रिप्लेसमेंट की तलाश में भी रहती हैं।' 10-20 साल से ज्यादा का एक्सपीरियंस रखने वाले 107 ह्यूमन रिसोर्सेज मैनेजर्स के बीच किए गए सर्वे में पाया गया कि 76.6 फीसदी ऑर्गनाइजेशंस काउंटरऑफर पर भरोसा रखते हैं, जबकि करीब 70.1 फीसदी पार्टिसिपेंट्स ने इसे सही रास्ता नहीं माना।यह सर्वे सिर्फ इकनॉमिक टाइम्स के साथ शेयर किया गया है। इसमें शामिल होने वाले ज्यादातर लोगों का यह भी कहना है कि काउंटरऑफर स्वीकार करने के बाद एंप्लॉयीज लंबे समय तक ऑर्गनाइजेशन में नहीं रहते। 70.1 फीसदी पार्टिसिपेंट्स के मुताबिक, ऐसे एंप्लॉयीज एक साल से कम समय में कंपनी छोड़ देते हैं।

सर्वे में शामिल 73.8 फीसदी लोगों ने कहा कि जिन एंप्लॉयीज को काउंटरऑफर दिया गया, वे उन्हें बाद में निकालने को मजबूर हुए। उनके मुताबिक, ये एंप्लॉयीज पहले की तरह कंपनी के लिए वैल्यू ऐड नहीं कर रहे थे। कई मामलों में काउंटरऑफर सिर्फ इसलिए दिया गया, ताकि रिप्लेसमेंट की तलाश की जा सके। 55.1 फीसदी पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि काउंटरऑफर में एंप्लॉयीज अधिक सैलरी की उम्मीद करते हैं। वहीं, 27.1 फीसदी कंपनी में बड़ा रोल चाहते हैं। देवासिया के मुताबि, कई बार एंप्लॉयीज को अच्छी वेतन बढ़ोतरी या बड़ी जिम्मेदारी देने संबंधी काउंटरऑफर पूरे नहीं होते। इसलिए बाद में वह दूसरी नौकरी की तलाश करने लगता है।

मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म कॉर्न फेरी हे ग्रुप के सीनियर क्लाइंट पार्टनर देबब्रत मिश्रा का कहना है, 'काउंटरऑफर से पूर्वग्रह का पता लगता है, जिसमें कोई ऑर्गनाइजेशन मानता है कि उसके पास किसी को भी बनाए रखने की पावर है। हालांकि, जो व्यक्ति नौकरी छोड़ रहा है, वह ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि वह मौजूदा कंपनी से खुश नहीं है या नए ऑफर से बहुत खुश है।' काउंटरऑफर देने से कंपनियों को कम से कम छोटी अवधि में एंप्लॉयीज रिटेंशन में मदद मिलती है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ट्रेंड ठीक नहीं है।

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फायदेमंद होगी अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग

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पॉलिटिकल साइंस और मैथ्स के साथ ग्रैजुएशन कर रहा हूं। इसके बाद क्या करियर विकल्प हो सकता है?

शाहजार अहमद, दिल्ली

पॉलिटिकल साइंस की एक प्रमुख ब्रांच सैफॉलजी है। इसके अंतर्गत चुनावों से संबंधित साइंटिफिक ऐनालिसिस किया जाता है। इसमें मैथ्स और स्टैटिस्टिक्स की बैकग्राउंड वाले लोगों को ही प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि कई प्रकार के डेटा का विश्लेषण इस क्रम में करने की ज़रूरत पड़ती है। आपके लिए यह एक अच्छा करिअर ऑप्शन हो सकता है।

सिविल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा किया है। मुझे आगे क्या करना चाहिए? पारिवारिक आर्थिक दशा अच्छी नहीं है।

नमन बाजपेयी, लखनऊ

बीई आदि कोर्स में लेटरल एंट्री का विकल्प चुनेंगे तो कुछ वर्षों की पढ़ाई और करनी पड़ेगी।

बीकॉम कर रही हूं और इसके अलावा फाइनैंस ऐंड बैंकिंग में भी ट्रेनिंग की है। क्या कुछ और भी कोर्स साथ-साथ किया जा सकता है?

डौली अग्रवाल, दिल्ली

आप चाहें तो अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग भी समय रहते हासिल कर सकती हैं। जॉब पाने में यह काफी उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

बारहवीं में 54% मार्क्स हैं। मुझे सीए या बीकॉम में से कौन सा कोर्स चुनना चाहिए?

संजय कुमार, दिल्ली

मार्क्स से संकेत मिलता है कि पढ़ाई में आपकी दिलचस्पी कम है। इसलिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी जैसा कठिन कोर्स करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। बीए या बीकॉम कोर्स के बारे में सोच सकते हैं।

बीएससी (होम साइंस) कर चुकी हूं और दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीएड तथा एमएससी (फैब्रिक ऐंड अपेरल साइंस) कोर्स में ऐडमिशन मिल रहा है। कृपया बताएं कि इन दोनों में से किस कोर्स में ऐडमिशन लूं?

भैरवी बिष्ट, दिल्ली

अगर टीचिंग में जाना चाहती हैं, तो बीएड कोर्स कर सकती हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री में करियर बनाने में दिलचस्पी है, तो एमएससी (फैब्रिक ऐंड अपेरल) कोर्स उपयोगी होगा।

बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नॉलजी कोर्स के बाद एमबीए (हॉस्पिटेलिटी) कोर्स करना ठीक रहेगा या एमएससी (बायॉकेमिस्ट्री)?

नेहा बघेल, दिल्ली

बीएमएलटी कोर्स के आधार पर ही पोस्ट ग्रैजुएशन कोर्स का चयन करना है, तो कहने की बात नहीं कि एमएससी (बायॉकेमिस्ट्री) करना उपयुक्त रहेगा।

पढ़ाई या करियर के बारे में आपका कोई सवाल है?अंग्रेजी या हिंदी में educationnbt@gmail.com पर मेल करें। आपके सवालों के जवाब हमारे एक्सपर्ट देंगे। सवाल के साथ अपने शहर का नाम अवश्य लिखें।

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सलाह: करियर में ऐसे हासिल करें कामयाबी

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मैं फॉरन सर्विसेज में अप्लाई करना चाहता हूं। इसके लिए मुझे क्या करना होगा?

जॉन

फॉरन सर्विसेज के लिए पहले सिविल सर्विसेज एग्जाम क्लियर करना होगा। इसके बाद ट्रेनिंग दी जाती है जिसके बाद थर्ड सेक्रटरी रैंक में करियर शुरू कर सकते हैं। आईएफएस ऑफिसर की पोस्टिंग दुनिया के लगभग 160 एम्बेसी और मिशन में होती हैं। इसके अलावा उन्हें ऑर्गनाइजेशन जैसे यूनेस्को, वर्ल्ड बैंक, सार में भी पोस्टिंग दी जाती है। आईएफएस में एंट्री थोड़ी डिफिकल्ट होती है क्योंकि साल भर में इसमें केवल 10-15 ही वेकंसी आती है।

मैं कॉमर्स स्ट्रीम का स्टूडेंट हूं। मैंने 2012 में बीकॉम पास किया है। मैं कंप्यूटर में कौन सा ऐसा कोर्स करूं जिससे प्राइवेट या गवर्नमेंट नौकरी आसानी से मिल जाएं। क्या ए लेवल कोर्स करके फॉरन में नौकरी कर सकते हैं?

राशिद, अमीनाबाद

कंप्यूटर की फील्ड में बहुत से कोर्स मौजूद हैं। अच्छे करियर ऑप्शन के लिए आप एमसीए, एमएससी-आईटी कर सकते हैं। डोएक ए लेवल भी अच्छा ऑप्शन है लेकिन फॉरन जॉब के लिए बी लेवल ज्यादा मान्य है। आप एसएपी कोर्स कर सकते हैं।

मैंने एएमआईई सेक्शन ए एग्जाम 2015 पास किया है। फिलहाल सेक्शन बी कर रहा हूं। क्या एएमआईई सेक्शन पास कैंडिडेट अच्छा गेट स्कोर के साथ आईआईटी से एमटेक कर सकते ?

ओजस सक्सेना

आईआईटी एमटेक के लिए गेट स्कोर मान्य है। आप एएमआईई और गेट क्लियर करके एमटेक के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

मैंने इसी साल बीएससी कंपलीट की है। आगे वेब डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहता हूं। इस कोर्स के बाद प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर में किस तरह की जॉब मिल सकती है?

शिवम पांडे

वेब डिजाइनिंग एक बहुत ही क्रिऐटिव करियर ऑप्शन है। वेब डिजाइनिंग में आप वेब लैंग्वेज जैसे कि एचटीएमएल, जावा स्क्रिप्ट्स और मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर जिनमें फोटोशॉप, ड्रीम वेवर, फ्लैश सीखते हैं। इंटरनेट और टेक्नॉलजी सेक्टर की ग्रोथ की वजह से वेब डिजाइनिंग मे लगभग सभी इंडस्ट्रीज में डिमांड है। आप वेब डिजाइनर, ग्राफिक डिजाइनर, फ्लैश डिजाइनर की जॉब्स कर सकते हैं। यह जॉब्स गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों ही सेक्टर में अवेलेबल है।

मैंने बीए किया है। अब मैं इलेक्ट्रॉनिक से आईटीआई कर रहा हूं। मैं गवर्नमेंट जॉब करना चाहता हूं। डिप्लोमा करने के बाद मैं किस तरह की जॉब के लिए अप्लाई कर सकता हूं?

आलोक कुमार

आईटीआई से डिप्लोमा करने के बाद सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन जैसे कि इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स, रेलवे, बीएसएफ, सीआरपीएफ में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसमें कम्यूनिकेशन, टीवी सर्विसिंग और सेल्स, इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

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सलाह: B.Sc के बाद बीटेक से कोई खास फायदा नहीं

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मैंने बीएससी 56% अंकों के साथ पास की है और अब बीटेक करना चाहता हूं। क्या लेटरल एंट्री के अंतर्गत ऐडमिशन संभव है?

ओजस सक्सेना,लखनऊ

हमारी राय में आपको कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की तैयारी अथवा जॉब्स के अनुसार कोई शार्ट टर्म प्रफेशनल ट्रेनिंग लेने के बारे सोचना चाहिए। बीएससी के बाद इंजिनियरिंग में ग्रैजुएशन करने का कोई औचित्य नहीं है।

इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी और आईपी यूनिवर्सिटी के बीएड कोर्स में ऐडमिशन नहीं हासिल कर सकी। अब मुझे क्या करना चाहिए?

किरण, दिल्ली

आप अपनी दिलचस्पी के अनुसार किसी अन्य पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स (रेग्युलर अथवा डिस्टेंस एजुकेशन) में फिलहाल ऐडमिशन ले सकती हैं।

एस्ट्रॉनॉट बनने के लिए मुझे किस तरह का कोर्स करना चाहिए? अभी मैं 12वीं (साइंस) कर रहा हूं।

विनय वर्मा, दिल्ली

भारत सरकार के अन्तरिक्ष विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थान इन्डियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस साइंस ऐंड टेक्नॉलजी द्वारा चार वर्षीय बीटेक ( एयरोस्पेस इंजिनियरिंग), बी टेक(ऐवियॉनिक्स) तथा पांच वर्षीय इंटिग्रेटिड एमटेक कोर्सेस का आयोजन किया जाता है। इन कोर्सेस में ऐडमिशन पाने के लिए संस्थान के एंट्रेंस एग्जाम में पास होना ज़रूरी है। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.iist.ac.in/admissions/undergraduate देख सकते हैं।

बीकॉम कोर्स, एसओएल से कर रहा हूं। इसके साथ किस तरह का शॉर्ट टर्म कोर्स करना चाहिए?

अक्षय सोनी, दिल्ली

अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर्स के कई तरह के कोर्सेज उपलब्ध हैं, जिनका फायदा बाद में आपको इस फील्ड से संबंधित जॉब पाने में मिल सकता है।

12वीं (कॉमर्स) 56% मार्क्स से बिना मैथ्स के पास की है। अब मुझे क्या करना चाहिए?

मंजीत, दिल्ली

आपको बीए में ऐडमिशन लेकर शॉर्ट टर्म वोकेशनल ट्रेनिंग के कोर्सेज भी साथ-साथ करने चाहिए। इससे जॉब मिलने में आसानी होगी।

एलएलबी कहां से संभव है?

राकेश, दिल्ली

लगभग सभी प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ में रेग्युलर एलएलबी कोर्स उपलब्ध है। इसमें एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर ऐडमिशन दिए जाते हैं। ऐसी यूनिवर्सिटी की सूची इंटरनेट से आपको बड़ी आसानी से मिल सकती है।

12वीं में 68% मार्क्स हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीएससी कोर्स में ऐडमिशन नहीं मिल सका। मैंने एसओएल से बीए का फॉर्म भी भर दिया है। लेकिन मैं दोबारा बारहवीं रिपीट करने के बारे में सोच रहा हूं। क्या यह सही होगा?

राहुल, दिल्ली

आप बारहवीं रिपीट करने का ख्याल अपने मन से बिलकुल निकाल दें। हमारी सलाह यही है कि एसओएल से बीए बहुत ही अच्छे मार्क्स से पास करने पर समूचा ध्यान लगायें। साथ में पर्सनैलिटी ग्रूमिंग, कम्यूनिकेशन स्किल्स और जॉब से सम्बंधित विभिन्न एग्जाम्स की तैयारी में भी समय लगायें। यकीन मानिए बीएससी की तुलना में कहीं ज्यादा सफल करियर बना सकेंगे।

मैंने 12वीं के बाद जेबीटी की थी। अब बीए कर रहा हूं। मैं टीचर नहीं बनना चाहता। मेरे लिए कुछ सुझाव दें?

अमित कुमार, रोहतक

बीए के बाद आपके लिए दो रास्ते हैं। पहला तो जॉब और दूसरा हायर स्टडीज। बेहतर होगा आप बीए की समाप्ति के समय इस बारे में फैसला करें। अभी तो अच्छी पर्सेंटेज के साथ ग्रैजुएशन करने पर ध्यान दें।

अभी नवीं में हूं। क्या 12वीं ओपन स्कूल से करने के बाद किसी अच्छे गवर्नमेंट या प्राइवेट कॉलेज में ऐडमिशन संभव होगा?

अभिषेक शर्मा,दिल्ली


सैद्धांतिक तौर पर ओपन से संचालित 12वीं कोर्स की वैल्यू रेग्युलर कोर्स से कम नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि कई नामी संस्थानों द्वारा साइंस तथा कुछ अन्य ऐसे प्रफेशनल कोर्सेस में रेग्युलर से 12वीं करने वालों को ही ऐडमिशन दिया जाता है।

करियर बनाने के लिए मुझे कौन सी विदेशी भाषा सीखनी चाहिए?

विक्रांत जैन, दिल्ली

इस दृष्टि से जापानी, फ्रेंच, स्पैनिश जर्मन,चाइनीज इत्यादि भाषाओं का स्कोप फिलहाल ज्यादा है।

पढ़ाई या करियर के बारे में आपका कोई सवाल है? अंग्रेजी या हिंदी में educationnbt@gmail.com पर मेल करें। आपके सवालों के जवाब हमारे एक्सपर्ट देंगे। सवाल के साथ अपने शहर का नाम अवश्य लिखें।

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UPSC CS 2016: एग्जाम के दिन अपनाएं यह स्ट्रैटिजी

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यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (यूपीएससी) का सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन 2016 कल यानी 7 अगस्त को है। हर साल हजारों अभ्यर्थी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चुने जाने की उम्मीद से कड़ी मेहनत करते हैं। परीक्षा को लेकर छात्रों में तनाव का होना आम बात है। लेकिन, सफलता की दृष्टि से तनाव सही नहीं है। तनाव मुक्त दिमाग ही सफलता की कुंजी है। इसके लिए कुछ ऐसी कारगर स्ट्रैटिजी जरूरी है, जो तनाव दूर करने में मदद कर सके। आइये आज जानते हैं कि परीक्षा वाले दिन और उससे एक दिन पहले आपको क्या स्ट्रैटिजी अपनानी चाहिए ताकि तनाव कम हो, दिमाग शांत हो और आप अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

परीक्षा से पहले वाले दिन आपको परीक्षा में काम आने वाली स्टेशनरी और अन्य चीजों, जिसकी लिस्ट नीचे है, को एक बैग में संभालकर पैक कर लेना चाहिए।

अपने पास कम से कम तीन कलम (काली और नीली), पेंसिल, इरेजर रखें।

ऐडमिट कार्ड, आईडी प्रूफ, सामान्य (फैंसी या इलेक्ट्रॉनिक न हो) कलाई घड़ी रखें।

अपने पास पर्याप्त मात्रा में चॉकलेट्स, कूकीज, च्युइंग गम, पानी की बोतल, लंच रख लें। परीक्षा केंद्र के आसपास मौजूद दुकानों से कुछ खाने से बचें।

रास्ते में या ब्रेक टाइम के बीच पैसे की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए अपने पास कुछ पैसे रख लें।

हाथ धोने के लिए साबुन रख लें क्योंकि आपको यह कहीं नहीं मिलेगा।

परीक्षा से पहले वाली रात में कम से कम आठ घंटे की नींद लें। देखने में आया है कि आमतौर पर छात्रों में तनाव होता है, जिस कारण वे चार से छह घंटे तक ही सो पाते हैं। ऐसा करना सही नहीं है क्योंकि नींद की कमी के कारण आप पेपर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। सोने के लिए जाने से दो या तीन घंटे पहले खाना न खाएं या एक्सर्साइज भी न करें क्योंकि इससे आपकी नींद प्रभावित होगी। अगर इस सबके बावजूद भी नींद नहीं आती है, तो आपको रेड बुल, कॉफी या अन्य कुछ ऐसा ही ड्रिंक लेना चाहिए, जो आपके दिमाग से परीक्षा के टेंशन को निकाल दे।

परीक्षा से एक दिन पहले और परीक्षा वाले दिन जहां तक संभव हो खुद को शांत और संयम रखने की कोशिश करें और निम्नलिखित कदम उठाएं:-

एग्जाम के बारे में ज्यादा मत सोचें, दिमाग को आराम दें।

अपने रिविजन पर फोकस करें।

ज्यादा लोगों से बातचीत न करें क्योंकि इससे आपके दिमाग को सुकून नहीं मिलेगा।

बेवकूफी भरे ख्याल जैसे मुझे इस बार परीक्षा नहीं देनी चाहिए, अपने दिमाग में न लाएं।

सिर्फ हाथ से लिखे हुए नोट को हुई रिवाइज करने की कोशिश करें, इसके अलावा कुछ और न करें।

एग्जाम सेंटर को परीक्षा से एक दिन पहले देखकर आ जाएं क्योंकि इससे एग्जाम वाले दिन आप रिलैक्स रहेंगे।

परीक्षा से पहले हल्का नाश्ता करें और तरल पदार्थ जरूरत से ज्यादा न लें।

किसी तरह की घबराहट या नर्वस से बचने के लिए एग्जाम सेंटर पर सुबह 8.30 तक पहुंच जाएं।

हल्के और आरामदायक कपड़े जैसे टीशर्ट आदि पहनें।

सेंटर पर एग्जाम शुरू होने से कम से कम 15 मिनट पहले वॉशरूम चले जाएं ताकि बाद में आपका समय बर्बाद न हो।

क्लासरूम में परीक्षा शुरू होने से कम से कम 5-10 मिनट पहले पहुंच जाएं और शांति से बैठे रहें।

इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आपके पास किसी तरह का एग्जाम मटीरियल या मोबाइल न हो।

आराम से बैठ जाएं, औपचारिकताओं को पूरा करें और पेपर्स का इंतजार करें।

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करियर को लेकर कन्फ्यूज्ड न रहें, यहां है हल

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मैं गवर्नमेंट जॉब करना चाहती हूं। इसमें अप्लाई करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

अमृता

गवर्नमेंट जॉब के लिए आपको एंट्रेस एग्जाम क्लियर करना होगा। आप अगर अपनी क्वॉलिफिकेशन बताते तो गाइड करना बेहतर होता। गवर्नमेंट सेक्टर बहुत ही बड़ा सेक्टर है। सेंट्रल, स्टेट और बहुत सारी गवर्नमेंट बॉडी, एजेंसी, अलग डिविजन, डिपार्टमेंट में जॉब्स होती है। आप पहले यह देखिए कि आपको कौन सी फील्ड में इंट्रेस्ट है। फिर उसी के हिसाब से आप जॉब्स और एंट्रेस की जानकारी प्राप्त करें।

मैंने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है। मुझे ऐसा लगता है कि मैं प्रोग्रामिंग में बहुत अच्छा नही हूं। मेरी फाइनैंशल कंडिशन अच्छी नहीं है, जिससे मैं दोबारा यह कोर्स कर सकूं। क्या मुझे किसी और फील्ड में स्विच कर जाना चाहिए?

अब्दुल वदूद

आपको दोबारा कोर्स करने की जरूरत नहीं है। अगर आप फील्ड चेंज करना चाहते हैं तो आप ऐग्रिकल्चर, टेक्निकल राइटिंग, टीचिंग, रिसर्च और डिवेलपमेंट, ऑटोमोटिव रिपेयर की फील्ड में अप्लाई कर सकते हैं।

मैंने साइंस से 2013-14 में ग्रैजुएशन किया है। अभी तक मेरे पास कोई जॉब नहीं है। मुझे किस तरह की जॉब के लिए अप्लाई करना चाहिए?

मोनिस खान

साइंस ग्रैजुएटस के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि आप जॉब के लिए साइंस और नॉन साइंस ऑप्शन दोनों में जॉब्स के लिए मान्य है। साइंस ऐंड टेक्नॉलजी के क्षेत्र में इंडिया में बहुत अडवांसमेंट हुआ है। जिसके चलते बीएससी ग्रैजुएट्स डिमांड में हैं। आप पहले देखिए कि आपकी रुचि किस तरह की जॉब्स में हैं। कौन-सी फील्ड में आप आगे जाना चाहते हैं। साइंस फील्ड में बायॉटेक्नॉलजी, फॉरेंसिक साइंस, फार्मेसी, फूड टेक्नॉलजी सेक्टर में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

मैंने पीसीबी से इंटर पास किया है। उसके बाद बीए (इकनॉमिक्स) से किया है। अब मैं मकैनिक ट्रैक्टर से आईटीआई कर रहा हूं। क्या मैं इसके बाद पब्लिक सेक्टर में करियर बना सकता हूं?

अमित कुमार

आप पब्लिक सेक्टर में अप्लाई कर सकते हैं। आईटीआई के सभी कोर्सेस पब्लिक सेक्टर में मान्य है। आप पब्लिक सर्विस कमिशन (पीएससी) के डिफरेंट सेक्शन और रेलवे में भी आप अप्लाई कर सकते हैं।

सीबीएसई बोर्ड में मेरे 74% मार्क्स हैं। क्या मैं जेईई मेन्स के 2017 के लिए एलिजिबल हूं। जेईई मेन्स में अच्छा करने के बाद क्या मुझे एनआईटी/ आईआईटी या अन्य जीएफआईटी मिलेगा?

आकाश शर्मा

जेईई में अप्लाई करने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में 50% होने अनिवार्य है। आप आगे बिल्कुल आईआईटी में अप्लाई कर सकते हैं। हां, लेकिन इसमें टॉप 2 लाख में सिलेक्शन होता है और कैटिगरी वाइज मिनिमम मार्क्स का क्राइटेरिया भी होता है।

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IAS में सफलता के लिए योजना काफी अहम

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आपके करियर से जुड़े सवालों का दे रहे हैं हम एजुकेशन एक्सपर्ट अशोक सिंह:-

मैंने 2015 में बीए किया था। अब मुझे क्या करना चाहिए? सिविल सर्विस एग्जाम देने का भी इच्छुक हूं।

विपिन सागर, दिल्ली

अगर सिविल सर्विस में सफल होने का ही इरादा है, तो कोई अन्य कोर्स करने में समय लगाने से बेहतर है पूरी तल्लीनता के साथ इसी एग्जाम की तैयारी में जुट जाएं। इसके लिए सेल्फ स्टडी के साथ कोचिंग इंस्टिट्यूट से मदद लेना भी उपयोगी होगा। इसके अतिरिक्त इंटरनेट पर उपलब्ध परीक्षा के लिए सहायक सामग्री का भी उपयोग करें। अत्यंत अनुशासित तरीके से तैयारी करने से ही सफल हो सकेंगे। इसी तैयारी के साथ स्टेट पीसी एस एग्जाम भी दे सकते हैं।

फायर सेफ्टी का कोर्स कैसे किया जा सकता है?

रोहित सिंह, दिल्ली

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत नैशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर में कई तरह के फायर इंजिनियिंग और सेफ्टी पर आधारित कोर्सेस संचालित किये जाते हैं। आप संस्थान की वेबसाइट http://nfscnagpur.nic.in/ से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त कई अन्य प्राइवेट संस्थान भी ऐसे कोर्सेस का आयोजन करते हैं। प्रयास करें कि ए आईसीटीई द्वारा स्वीकृत कॉलेज का चुनाव करें।

बीटेक (कंप्यूटर साइंस) में ऐडमिशन लिया है। इसमें बेहतर परफार्म कैसे कर सकता हूं?

अरुण कुमार, दिल्ली

बहुत सीधा सा फॉर्म्युला अपनाएं। आप जो भी पढ़ें उसके ऐप्लिकेशन को स्वयं कंप्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से चलाकर पुष्टि भी करें। सिर्फ रट लेने की प्रवृति इस क्षेत्र में घातक सिद्ध हो सकती है। क्लास के टीचर्स के अतिरिक्त इसमें सबसे बड़ा गुरु स्वयं इंटरनेट है। इसलिए सिद्धांतों को समझने के लिए नेट की मदद लेने से नहीं हिचकें।

क्या स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बीए करने के बाद भी एमसीए में ऐडमिशन संभव है?

वैभव जैन, दिल्ली

अगर आपके पास एक सब्जेक्ट के तौर पर गणित रहा है तोकई संस्थानों में बड़ी आसानी से आपको ऐडमिशन मिल सकता है। नामी संस्थानों में प्रायः एंट्रेंस एग्जाम के ज़रिये इस कोर्स की सीमित सीटों पर ऐडमिशन दिया जाता है।

बिना मैथ्स के कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं कर चुका हूं। क्या चार्टर्ड अकाउंटेंसी का कोर्स करना उचित होगा या बीबीए करूं?

साहिल गोयल, दिल्ली

मैथ्स के बैकग्राउंड के बिना सीए जैसा कोर्स करना काफी मुश्किल सिद्ध हो सकता है। बेहतर यही रहेगा कि आप किसी नामी संसथान से बीबीए या ऐसे समकक्ष कोर्स के बारे में सोचें।

पढ़ाई या करियर के बारे में आपका कोई सवाल है? अंग्रेजी या हिंदी मेंeducationnbt@gmail.com पर मेल करें। आपके सवालों के जवाब हमारे एक्सपर्ट देंगे। सवाल के साथ अपने शहर का नाम अवश्य लिखें।

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सरकारी नौकरी चाहिए तो मैथ्स की यूं करें तैयारी!

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डॉ. ए. के सिंह
एक विषय के रूप में मैथ्स ज्यादातर स्टूडेंट्स के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। पर कुछ ऐसे भी हैं जिनके लिए यह एक खेल भी है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, मसलन, बैंकिंग, एसएससी, रेलवे, एनडीए, सीडीएस, सीआरपीएफ, सीपीओ और पीसीएस का तो आपका मैथ्स से साबका पड़ेगा ही। अगर आपके लिए मैथ्स बड़ी परेशानी है तो हमारे एक्सपर्ट इसे आसान बना रहे हैं।

10वीं तक के ही सवाल

अमूमन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में न्यूमेरिकल के सवाल जरूर होते हैं। ये सवाल अमूमन 10वीं क्लास तक के ही होते हैं। जब कोई स्टूडेंट 10वीं में पढ़ रहा होता है, तो उसे अपनी क्लास के मैथ्स को हल करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है, पर जब वही किसी दूसरे विषय के साथ ग्रैजुएशन पास कर जाता है, तो वह 10वीं की तैयारी को अमूमन भूल जाता है। इसलिए उसे नए सिरे से तैयारी करनी पड़ती है।

बेसिक बुक्स की पढ़ाई

कोचिंग में जाने से पहले यह जरूरी है कि आप मैथ्स की तैयारी के लिए बेसिक बुक्स की पढ़ाई जरूर करें। इसका फायदा यह होगा कि आपका बेस मजबूत हो जाएगा। साथ ही अगर आप एग्जामिनेशन हॉल में कुछ ट्रिक भूल भी गए तो बेसिक प्रोसेस के द्वारा आप उसे हल कर सकते हैं। ऐसे ढेरों बुक्स ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध हैं। मसलन, आर के अग्रवाल, एस डी यादव अरिहंत आदि। ये नाम केवल संकेत के लिए ही हैं। कुछ मासिक पत्रिकाओं की आदत भी डालनी चाहिए, जैसे बीएससी, किरण, दर्पण आदि।

ट्रिक्स जो फायदेमंद हों

इस बात को जरूर याद रखें कि हर सवाल के लिए ट्रिक का उपयोग नहीं हो सकता है। हां, कैलकुलेशन और खास तरह के सवालों के लिए ही आप ट्रिक्स का उपयोग कर पाएंगे।

कर सकते हैं कोचिंग भी

ध्यान रखें कि ऐसे ढेरों उदाहरण हैं जब लोगों ने बिना किसी कोचिंग के सफलता पाई है। पर कई बार इनकी जरूरत भी पड़ती है। कोचिंग के सिलेक्शन में इस बात का ध्यान रखें कि वहां पर किस तरह के टीचर हैं। क्या वह आपकी हर तरह की समस्या को हल करने के लिए तैयार है? यानी अगर आपको मैथ्स में प्रॉब्लम ज्यादा है, तो क्या टीचर आपको अलग से टाइम दे सकता है?

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इन बातों पर दें ध्यान, करियर की भरें उड़ान

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बी.कॉम कर रहा हूं और 12वीं में 65% मार्क्स थे। क्या मुझे बैंकिंग में करियर बनाना चाहिए?

आदित्य, दिल्ली

यह आपके ऐप्टिट्यूड और बैंकिंग प्रफेशन के प्रति दिलचस्पी पर काफी हद तक निर्भर करता है। हमारी सलाह यही है कि 12वीं के मार्क्स को आधार नहीं बनाते हुए बी.कॉम के विभिन्न सब्जेक्ट्स में अपनी परफॉर्मेंस और बैंकिंग एग्जाम के स्तर को देखते हुए यह निर्णय लें तो ज्यादा बेहतर होगा। सलाह सिर्फ इतनी ही कि अगर बैंकिंग में जाना ही है तो बैंकिंग एग्जाम्स की तैयारी अभी से शुरू कर दें।

बीएससी (केमिस्ट्री) कर चुका हूं। बताएं कि इस आधार पर किस तरह की जॉब्स पाने का प्रयास कर सकता हूं?

चंदन दास, दिल्ली

आपके लिए फार्मा, फर्टिलाइजर ,इन्सेक्टिसाइड, केमिकल प्रॉडक्शन आदि से जुड़ी कंपनियों से लेकर लैब्स आदि में भी काम के अवसर हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप जॉब से संबंधित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से भी आगे बढ़ सकते हैं।

एसओएल से बी.कॉम के साथ मैं बैंकिंग ऐंड फाइनैंस का कोर्स भी कर रही हूं। क्या मुझे कोई अन्य कोर्स भी करना चाहिए या एसएससी क्लियर करने के बारे में सोचना चाहिए?

डौली, दिल्ली

अगर आपने बैंकिंग या फाइनैंस के प्रफेशन में करियर बनाने का लक्ष्य तय किया हुआ है और पढ़ाई भी उसी के अनुसार कर रही हैं, तो मन में एसएससी एग्जाम की दुविधा नहीं होनी चाहिए। बेहतर तो यही रहेगा कि आप बैंकिंग परीक्षा की तैयारी पर समय रहते फोकस करें।

मेरा बेटा थर्ड इयर पॉलिटेक्निक (कंप्यूटर साइन्स) कर रहा है। अब उसे आगे क्या करना चाहिए?

रमेश नौटियाल, दिल्ली

आपका बेटा लेटरल एंट्री से बीटेक (सेकंड इयर) में एंट्री पाने का प्रयास कर सकता है। इसी के साथ सॉफ्टवेयर/आईटी से जुड़े सर्टिफिकेशन कोर्स के एग्जाम्स भी क्लियर करते हुए ऐकडेमिक रिकार्ड को जॉब मार्केट की दृष्टि से मजबूत बना सकता है।

12वीं कॉमर्स स्ट्रीम से पास कर चुका हूं और अब कंप्यूटर हार्डवेयर नेटवर्किंग का कोर्स करना चाहता हूं?

विवेक, दिल्ली

कंप्यूटर हार्डवेयर और बी.कॉम दोनों अलग स्ट्रीम हैं। अच्छा रहेगा कि आप हार्डवेयर ट्रेनिंग पर ज्यादा फोकस करें तथा आसान सब्जेक्ट्स के साथ बीए कर अपनी ग्रैजुएशन कंप्लीट करें।

एसओएल से बी.कॉम कर रही हूं। लेकिन मेरी इच्छा मास कम्यूनिकेशन के प्रफेशन में करियर बनाते हुए रिपोर्टर बनने की है?

मोनिका, दिल्ली

अच्छा रहता कि आपने बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन/ जर्नलिजम जैसा कोर्स ग्रैजुएशन स्तर पर चुना होता। लेकिन अब आप बी.कॉम कंप्लीट करें और एमए (मास कम्यूनिकेशन)/ पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मास कम्यूनिकेशन जैसा रेग्युलर कोर्स किसी नामी संस्थान से करने का लक्ष्य रखें।

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करियर को लेकर कन्फ्यूजन है? इसे पढ़ें

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करियर को लेकर छात्रों के बीच काफी कन्फ्यूजन पाया जाता है। सही मार्गदर्शन नहीं होने पर करियर तबाह होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में उनको सही जानकारी उपलब्ध होना जरूरी है। इसी प्रयास के तहत हम छात्रों के करियर से जुड़े सवालों के जवाब देने की सीरीज चला रहे हैं। इस सीरीज में पूछे गए सवाल और उनके जवाब नीचे हैं, जिनसे आपको भी करियर के चुनाव में मदद मिल सकती है...

एमसीए डिस्टेंस एजुकेशन से करनी चाहिए या रेग्युलर मोड से?

अमन

किसी नामी संस्थान से रेग्युलर एमसीए कोर्स करना आपके करियर के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

बीकॉम पास किया है और सीए में भी ऐडमिशन लिया था। लेकिन शुरुआती पेपर्स दो बार के प्रयास के बावजूद क्लियर नहीं कर सका। सोचता हूं कि ये सब छोड़कर अब सीडीएसई या एसएससी की तैयारी करूं। कृपया बताएं बड़ी उलझन में हूं?

दीपक सिंह पंवार और संदीप

इतना घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। आप बैकिंग अथवा एसएससी की विभिन्न परीक्षाओं के माध्यम से करियर बनाने का प्रयास करें अथवा अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर्स की ट्रेनिंग लेकर निजी क्षेत्र की कंपनियों के अकाउंट्स विभागों में जॉब पाने की कोशिश करें।

एसओएल से इंग्लिश ऑनर्स कर रही हूं। मुझे सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कैसे करनी चाहिए?

टीना राणा

यूपीएससी की वेबसाइट www.upsc.gov.in से आपको इस एग्जाम के पैटर्न और विभिन्न सब्जेक्ट्स के सिलेबस के बारे में सम्पूर्ण जानकारियां बड़ी आसानी से मिल जाएंगी। यही नहीं पुराने टेस्ट पेपर्स भी वेबसाईट पर मिल सकते हैं। इसी के आधार पर आप अभी से नियमित रूप से इस एग्जाम की तैयारी शुरू कर सकती हैं। बाद में किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट में ऐडमिशन लेकर वहां के अनुभवी टीचर्स की मदद भी ले सकती हैं।

इग्नू से एमए कर रही हूं। दो बार एसएससी के एग्जाम भी दिए लेकिन सफल नहीं हो सकी। क्या मुझे प्राइवेट जॉब्स के लिए कोशिश करनी चाहिए?

मानसी

प्राइवेट जॉब करने में कोई बुराई नहीं है। आप सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की जॉब्स के लिए निरंतर प्रयास करती रहे। इसके अतिरिक्त एसएससी एग्जाम में असफलता के कारणों को ठीक से समझने का प्रयास करें और गलतियां सुधारते हुए तैयारी करें। हो सकता है इस बार आप अच्छा प्रदर्शन करें।

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फूड टेक्नॉलजी में करियर, ग्रोथ का भरपूर मौका

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एक प्राइवेट कंपनी में सेल्स मैनेजर की पोस्ट पर हूं। मैंने बीकॉम किया था। जॉब के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता हूं। क्या करूं?

अंकित वर्मा

सेल्स प्रफेशन बेहद चैलेंजिंग और साथ ही ग्रोइंग करियर ऑप्शन है। आप अगर चाहें तो आगे किसी अच्छे डिस्टेंस इंस्टिट‌यूट से एमबीए कर सकते हैं। सेल्स के अलावा कहीं ऑप्शन देख रहे हैं तो इस फील्ड में पूरी जानकारी प्राप्त करें और एक अच्छा कोर्स करें।

मैं इस साल इंटरमीडिएट में हूं। मैं आगे फूड टेक्नॉलजी में अपना करियर बनाना चाहता हूं। गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर में जॉब स्कोप के बारे में बताएं।

सतीश चंद्र

फूड टेक्नॉलजी एक चैलेंजिंग करियर ऑप्शन है। फूड टेक्नॉलजी सेक्टर इंडिया में अभी एक ग्रोइंग सेक्टर है। इसमें ट्रेंड प्रफेशनल की डिमांड बहुत है। जॉब के ऑप्शन कंज्यूमर ऑर्गनाइजेशन, फूड रिसर्च लैबरेटरी, केटरिंग कंपनी, फूड होलसेलर हॉस्पिटल, रेस्ट्रान्ट में उपलब्ध है। होम साइंस में फूड टेक्नॉलजी, न्यूट्रिशन और फूड सर्विसेज मैनेजमेंट करे तो आपको आगे फूड टेक्नॉलजी सेक्टर में बेहतर विकल्प मिल सकते हैं। अडवांस करियर ऑप्शन के लिए आप सर्टिफिकेशन डायटिटिक्स, अप्लाईड न्यूट्रीशन, फूड साइंस ऐंड प्रिजर्वेशन भी कर सकते हैं। रिसर्च साइंटिस्ट, फूड टेक्नॉलजिस्ट, इंजिनियर, ऑर्गैनिक केमिस्ट, बायोकेमिस्ट, ऐनालिटिकल केमिस्ट, होम इकॉनमिस्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

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सफलता चाहिए तो पढ़ें इन सवालों का जवाब

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करियर को लेकर सही मार्गदर्शन बहुत जरूरी है। बगैर मार्गदर्शन के कई बार आप योग्य होते हुए भी सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। मार्गदर्शन जरूरी तो है लेकिन छात्र के लिए यह तय करना संभव नहीं होता है कि मार्गदर्शन किस से लें। ऐसे में हम आपकी मदद कर रहे हैं। आइये जानते हैं किस फील्ड में जाने के लिए कौन सा कोर्स बेहतर रहेगा...
यूपीटीयू से बीटेक (मकैनिकल इंजिनियरिंग) कर रहा हूं। मुझे इसके बाद एमटेक करना चाहिए या एमबीए?
अजय भारद्वाज
अगर रिसर्च और टीचिंग को करियर बनाना है तो देश-विदेश में एमटेक करने के बारे में सोचें। मैनेजमेंट, मार्केटिंग अथवा ऐडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हैं तो एमबीए किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से करें।
बीबीए पास किया है। इसके बाद आगे पढ़ाई के क्या ऑप्शंस हो सकते हैं?
रविंदर कुमार
बीबीए के बाद शुरुआती स्तर की सेल्स/ मार्केटिंग की जॉब्स मिल सकती है। लेकिन इसके आधार पर भविष्य में ज्यादा आगे बढ़ने की गुंजाइश न के ही बराबर होती है। आपको एमबीए की डिग्री किसी शीर्ष इंस्टिट्यूट से हासिल करने पर ध्यान देना चाहिए।
बीबीए, एलएलबी का फ्यूचर क्या हो सकता है?
हरेंदर सिंह
कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस कर सकते हैं अथवा कॉर्पोरेट क्षेत्र के लीगल डिपार्टमेंट में जॉब प्राप्त कर सकते हैं।
बीसीए कर रही हूं। मुझे इसके बाद एमसीए अथवा एमबीए में से कौन सा कोर्स करना चाहिए?
अलका गर्ग, नोएडा
देखा जाए तो आपको एमसीए के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि तीन साल का समय इस सब्जेक्ट में आप बीसीए कोर्स के पहले ही लगा चुकी हैं।
एसओएल से बीए कर चुका हूं। जॉब कैसे मिल सकती है?
अमन वधवा
हो सके तो कोई प्रफेशनल/ वोकेशनल/ टेक्निकल कोर्स भी साथ-साथ कर लें। इससे जॉब पाने में आसानी होगी।
एमबीबीएस में ऐडमिशन नहीं मिल सका। अभी बीएएमएस में एडमिशन मिल रहा है। क्या मुझे यह कोर्स करना चाहिए या एक बार फिर एमबीबीएस का एंट्रेंस एग्जाम देना चाहिए?
सविता यादव
पैरामेडिकल से सम्बंधित कई अन्य प्रफेशनल कोर्स जैसे नर्सिंग, रेडियॉलजी, मेडिकल लैब टेक्नॉलजी के कोर्स भी उपलब्ध हैं। आप इन ऑप्शंस पर भी विचार कर सकती हैं।

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करियर: आपके सवालों का जवाब दे रहे एक्सपर्ट

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मैं गाजियाबाद से एमसीए कर रहा हूं। आर्म्ड फोर्स और नेवी की जॉब्स में अप्लाई करना चाहता हूं। क्या करूं?

ईशान गुप्ता

आर्म्ड फोर्स में ऐडमिशन के लिए यूपीएससी एग्जाम क्लियर करना होता है। इसके लिए एलिजिबिलटी 50% से ग्रैजुएशन के साथ उम्र 19 से 24 साल के बीच होनी चाहिए। एक रिटन टेस्ट और इंटेलिजेंस व पर्सनैलिटी टेस्ट होता है। रिटन टेस्ट में मैथमेटिक्स और जनरल अबिलिटी के सवाल होते हैं जिसके लिए आपको बेसिक्स में अच्छे से प्रिपरेशन करनी चाहिए। आप कोचिंग इंस्टिट्यूट भी जॉइन कर सकते हैं। साथ ही फिजिकल फिटनेस भी बहुत जरूरी है।

मैंने बॉटनी और केमिस्ट्री से बीएससी की है। इसके साथ ही एचआर से एमबीए भी किया है। आगे एचआर में जॉब करना चाहता हूं। क्या करूं?

राहुल वर्मा

एचआर फील्ड में बहुत सी संभावनाएं है। इसमें जनरलिस्ट प्रोफाइल, टैलंट एक्यूजिसन, एनालिस्ट, ट्रेनिंग व डिवेलपमेंट, परफॉर्मेंस मैनेजमेंट प्रमुख हैं। फ्रेशर के लिए प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों ही सेक्टर में जॉब एचआर ट्रेनी होती है।

मैंने इंजिनियरिंग में बैचलर किया है। मेरे बीटेक में 67.48% मार्क्स थे। मेरा हमेशा से टेलिकम्युनिकेशन फील्ड में इंट्रेस्ट रहा है। आगे एक टेलिकम्युनिकेशन कंपनी में काम करना चाहता हूं। कैसे इस इंडस्ट्री में करियर बना सकता हूं?

मोहित शर्मा

टेलिकम्युनिकेशन इंडस्ट्री एक बहुत ही ग्रोइंग इंडस्ट्री है। इसमें बहुत सी जॉब अवसर मौजूद हैं। टेलिफोन इंडस्ट्री, सेल्युलर फोन इंडस्ट्री, सेटेलाइट कम्युनिकेशन में सबसे ज्यादा टेलिकम्युनिकेशन प्रफेशनल्स की जरूरत है। इस सेक्टर में नेटवर्क इंजिनियर, टेलिकॉम इंजिनियर और प्रॉडक्ट डिजाइनर की डिमांड बहुत है। टेलिकॉम इंडस्ट्री में ऑपरेटर, वेंडर्स और प्रॉडक्ट कंपनी ऑपरेट करती हैं। आप इसमें से किसी भी जॉब के लिए बतौर ट्रेनी अप्लाई कर सकते हैं।

आइडिया सेल्युलर और आदित्य बिड्ला ग्रुप में जॉब के लिए कैसे अप्लाई किया जा सकता है।

सोनल सिंह

दोनों ही बहुत सम्मानीय ऑर्गनाइजेशन हैं। आप डायरेक्ट वेबसाइट के जरिए अप्लाई कर सकती हैं। दोनों ही कंपनी में फ्रेशर और एक्सपीरियंस लोगों के लिए ऑपच्युनिटी है। आप वेबसाइट के जरिए अप्लाई करें। सिलेक्शन के बाद रिटन टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू क्लियर करना होता है। इससे जुड़ी जानकारियां आपको दोनों ही कंपनी की वेबसाइट पर मिल जाएंगी।

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ऐसे करें स्टडी, पढ़ा हुआ हमेशा रहेगा याद

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कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स हों या रेग्युलर स्टडीज के एग्जाम, अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कैंडिडेट्स अपने कोर्स की पढ़ाई तो कर लेते हैं लेकिन उसे तैयारी का नाम देने पर हिचकने लगते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि तैयारी और सिर्फ पढ़ाई करने में क्या फर्क है। कुछ कैंडिडेट ऐसे भी होते हैं जो पढ़ाई तो करते हैं लेकिन नतीजे वैसे नहीं आ पाते जैसे उनके ही जैसे दूसरे कैंडिडेट के आ जाते हैं। यहां फर्क तैयारी करने के तरीके का होता है। दरअसल कैंडिडेट किस तरह की पढ़ाई और तैयारी के लिए अपने को किस तरह से तैयार करता है, यह बहुत मायने रखता है। टेक्निकल शब्दों में कहें तो स्टडी स्किल्स कितनी मजबूत हैं, इस पर निर्भर करता है, आपकी तैयारी कैसी है। अनीता तिवारी ने विशेषज्ञों से मिलकर जाना कि ये स्किल्स क्या हैं और इन्हें कैसे डेवलेप कर सकते हैं? एक रिपोर्ट।

इन्हें भी आजमाएं

पढ़ाई के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लें।

अपना कोई कीवर्ड तय करें जिसे सोचते ही आप पढ़ाई पर फोकस हो जाएं

क्लास के नोट्स जरूर बनाएं

उन नोट्स को घर आकर अपनी भाषा में लिखें

कठिन लगने वाला विषय पहले पढ़ें

इम्पॉर्टेंड वोकैब की लिस्टिंग करें

कुछ पढ़ाई साथियों के साथ बैठकर करें और उसे डिस्कस करें

स्टडी में तलाशें इनके जवाब

अगर ऐसा हो/न हो तो क्या होगा

यह कैसे संभव हुआ

इसका क्या मतलब है?

किनके बगैर यह संभव नहीं?

यह कब तक ऐसे होगा?

इसकी किससे तुलना की जा सकती है‌?

स्टडी स्किल्स

ये वे टेक्निक्स कही जाती हैं जिनकी मार्फत पढ़ाई बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से की जा सकती है। कई बार ऐसा होता कि याद तो किया लेकिन भूल गए या याद तो किया था लेकिन एग्जामिनेशन हॉल में याद आया ही नहीं, यह सब इन्हीं स्किल्स की गैरमौजूदगी के कारण होता है। अगर स्टडी स्किल्स पर पकड़ बना ली जाए तो इनसे उबरा जा सकता है।

क्रिटिकल थिंकिंग

कैंडिडेट जब पढ़ाई करता है तो अगर वह सिर्फ शब्दों को रिसाइट करता है तो वह कभी स्थाई नॉलेज नहीं पा सकेगा। मनोवैज्ञानिक डॉ. पी के खत्री कहते हैं कि ज्यादा लम्बे समय तक चीजों को याद रखने के लिए इन्फर्मेशंस को इकट्ठा कर, उन्हें समझ कर प्रोसेस करना चाहिए। इसके बाद एक्सप्लनेशंस निकालने चाहिए। इस तरह जो नतीजे कैंडिडेट समझेंगे, वह स्थाई होगा। यानी यहां याद की हुई चीज भूलने की गुंजाइश नहीं होगी।

इसे क्रिटिकल अनैलिसिस इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इस तरह से पढ़ने पर आप एक नहीं कई नतीजे निकाल सकते हैं और अपनी स्टडी को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

नोट्स मेकिंग

मजबूत तरीके से पढ़ाई करने के प्रोसेस का यह एक अहम हिस्सा है। यानी जो पढ़ रहे हों, उसके नोट्स जरूर बनाएं। एक प्रैक्टिस शॉर्ट नोट्स की भी होती है। मतलब जो नोट्स आप बना रहे हैं उसमें भी जो बहुत खास हो उसकी अलग नोटिंग करें। यह कम समय में और कभी भी आपको पढ़ाई का रिविजन करा सकेंगे।

मेमरी

अगर आपने शॉर्ट नोट्स बनाए हैं तो उनके मेमरी में न रहने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। मनोवैज्ञानिक सृष्टि श्रीवास्तव कहती हैं कि इस तरह के शॉर्ट नोट्स को बस दिन में एक बार दोहराना होता है। धीरे-धीरे यह आपकी मेमरी की हार्ड डिस्क में सेव होता जाएगा।

स्टडी इन ग्रुप्स

पीयर एज ग्रुप का हर व्यक्ति पर बहुत प्रभाव रहता है। इसलिए मनोवैज्ञानिक यह सलाह देते हैं कि जो कुछ भी आपको पढ़ाई में कठिन लग रहा हो, उसे ग्रुप में स्टडी करिए। डिस्कशन से बहुत सारी चीजें दिमाग में स्थाई हो जाती हैं। ऐसा करने से कई बार उन कठिन टॉपिक्स को पढ़ने के कुछ सरल तरीके भी पता चल जाते हैं।

टाइम मैनेजमेंट

स्टडी ठीक से हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि कैंडिडेट का टाइम मैनेजमेंट दुरुस्त हो। पहले तो तब जब वह स्टडी प्लान कर रहा हो तो हर जरूरी टॉपिक को उचित समय मिले। बेहतर होगा कि कैंडिडेट हर टॉपिक की टाइम लिमिट तय कर ले। अगर कोई टॉपिक जल्दी खत्म हो गया हो तो उसका समय कठिन टॉपिक में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्लानिंग में रिविजन का टाइम जरूर तय कर लें। यह भी समझें कि सिर्फ टाइम तय करना ही काफी नहीं है, उसे फॉलो करना भी बेहद जरूरी है। इस तरह जब आप टाइम क्लॉक फॉलो करेंगे तो कोई टॉपिक तैयारी से बचेगा नहीं और हर एक का रिविजन भी हो सकेगा।

ऐसा हो तो समझें तैयारी पूरी

कैंडिडेट कोई भी टॉपिक पढ़ने के बाद, उसके कॉन्टेंट से संबंधित कुछ सवाल अपने मन में पूछे। अगर इन सवालों के जवाब हां में आते हैं तो आप तैयारी से निश्चिंत हो सकते हैं और अगर ऐसा नहीं है तो फिर तैयारी पर और ध्यान देने की दरकार है।

आपने जो भी पढ़ा है क्या आप उसका सामान्य अर्थ समझ पाए हैं?

क्या आप उससे कुछ और नतीजे निकाल पा रहे हैं?

क्या आप उससे संबंधित प्रॉब्लम सॉल्व करने में खुद को सक्षम पा रहे हैं?

क्या आप किसी दूसरे टॉपिक से उसकी कम्पैरेटिव स्टडी कर सकते हैं?

पढ़ाई तब स्थाई होती है जब आप उसे सिर्फ पढ़ें ही नहीं बल्कि उस पर मनन करें। उसे गुंथें। उस टॉपिक के बारे में अपनी छोटी से छोटी जिज्ञासा को शांत करें। हर जिज्ञासा के साथ आगे बढ़ें। याद रखिए, टॉपिक्स को इंटरलिंक करके पढ़ना हमेशा एक साथ दो टॉपिक्स पर आपकी पकड़ मजबूत करता है।

डॉ. पीके खत्री , मनोवैज्ञानिक

रिविजन एक ऐसी टेक्निक है जिसे अगर सही तरह से किया जाए तो एग्जाम में कैंडिडेट कुछ नहीं भूलेगा। प्रॉब्लम की डिफिकल्टी के हिसाब से कई रंग के हाईलाइटर का यूज करें। इससे आपको रिविजन के समय बहुत आसानी होगी।

डॉ. सृष्टि श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक

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