अभिषेक सिंह, नई दिल्ली
फैशन की रूपहली दुनिया का रंग कभी फीका नहीं पड़ता है। इसके नएपन ने इसमें शिक्षा को और भी दिलचस्प बना दिया है। यही वजह है कि यूथ इसे सब्जेक्ट के रूप में ऑप्ट कर रहे हैं। उन्हें इसमें अपना ब्राइट फ्यूचर नजर आ रहा है।
फैशन एक ऐसा फील्ड है, जो यूथ को बड़ी संख्या में आकर्षित करता है। यहां ग्लैमर है। कल्पनाओं को साकार करने के अवसर हैं। ऐसे में दुनिया को जीत लेने का जज्बा आपके भीतर है और आप क्रिऐटिव सोच वाले हैं, तो आप इस फील्ड में बेहतर कर सकते हैं। यह प्रफेशन जिंदगी के बेहद करीब है। इसकी दुनिया काफी पुरानी है। सदियों से फैशन हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है। फैशन परस्त लोग जानते हैं कि फैशन कभी पुराना नहीं होता है। कुछ साल पहले से फैशन टेक्नॉलजी में ग्रैजुएशन करने का शौक यूथ में बढ़ता नजर आ रहा है। आज के दौर में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स नए ट्रेंड और कॉन्सेप्ट के साथ दुनिया के सामने उभर कर आया है। इसे पसंद किया जा रहा है। ग्लोबलाइजेशन के दौर में फैशन की दुनिया अपना असर और तेजी से डाल रही है। इंटरनैशनल डिजाइनर अपने देश में स्टोर, डिजाइनिंग सेंटर्स और प्रॉडक्शन के जरिए अपनी पैठ बना रहे हैं। वहीं, भारतीय फैशन डिजाइनर भी दुनिया में छाने को बेताब नजर आ रहे हैं। लोगों के बीच में उनके डिजाइनिंग ड्रेस की डिमांड बढ़ती ही जा रही है।
एक्सपर्ट कहते हैं कि आप फैशन डिजाइनिंग में करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने भीतर क्रिऐटिविटी और आर्टिस्टिक अप्रोच को निखारना होगा। इसके साथ ही आपको फैशन के ट्रेंड को भी समझना होता है। इस फील्ड में बेहतर करने के लिए आपको स्टाइल, फैब्रिक टेक्चर को समझते हुए अपनी क्रिऐटिविटी के साथ कलर कॉम्बिनेशन पर भी ध्यान देना होता है। फैशन डिजाइनिंग का कोर्स के लिए कैंडिडेट को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं का एग्जाम क्लियर करना होता है। देश में कई ऐसे इंस्टिट्यूट्स हैं, जो फैशन डिजाइनिंग में ग्रैजुएट, डिप्लोमा का कोर्स कराते हैं।
हम इस समय फैशन से घिरे हैं। यहां पर कपड़ों से लेकर, जूते, चश्में और जूलरी और हर एक क्षेत्र में डिजाइनर्स की डिमांड है। डिजाइनर क्लाइंट की मांग पर क्रिऐटिव चीजें बनाता है। इस दौरान मौसम से लेकर मार्केट की कंडिशन, स्टाइल, कलर, टेक्सचर और मटीरियल पर ध्यान रखना होता है। ड्रेस डिजाइनिंग की शुरुआत पेपर पर स्केच से होती है। इसलिए भी फैशन डिजाइनर को आर्टिस्टिक और क्रिऐटिव होना जरूरी होता है। इंडस्ट्री को आपसे यह उम्मीद रहती है कि आप कलर, शेड और टोन्स पर शानदार पकड़ रहते होंगे। फैशन डिजाइनर को मार्केट के रिसेंट फैशन के बारे में जानकारी रखनी चािए। इसके लिए उसे टीवी, फैशन जनरल, किताबों और इंटरनेट का सहारा लेना होता है।
उपभोक्तावाद के बढ़ने से फैशन की पहुंच हर एक व्यक्ति के जीवन तक हो रही है। हर कोई कपड़ों की बेस्ट क्वॉलिटी के साथ-साथ उसके डिजाइन और स्टाइल पर भी नजर रखता है। फैशन सिर्फ महानगरों तक ही सीमित नहीं रह गया है,बल्कि वह छोटे शहरों को भी रास आ रहा है। फैशन डिजाइनिंग में वर्तमान के साथ चलना होता है, क्योंकि फैशन का संबंध ही वास्तविक दुनिया है। हमसे है। यह न एक शानदार करियर विकल्प है, बल्कि यह हर एक व्यक्ति के साथ जुड़ा हुआ भी है। फैशन डिजाइनिंग को करियर के तौर पर अपनाकर आप अपनी क्रिऐटिविटी को सही साबित कर सकते हैं। इसके अलावा आप मैन्युफैक्चरिंग, फैशन कोऑर्डिनेटर और मार्केटिंग में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं।
फैशन इंडस्ट्री में एक शानदार करियर छिपा हुआ है। इसको करने वाले स्टूडेंट्स को फ्यूचर में लीड डिजाइनर, टेक्निकल डिजाइनर, टेक्सटाइल डिजाइन और इंजीनियरिंग, फैशन मार्केटिंग, ब्रांड मैनेजमेंट, स्टाइल और फोटोग्राफी के रूप में काम करने को मिलता है। एक अच्छा फैशन डिजाइनर इंडस्ट्री के केंद्र में होता है। वह डिजाइनिंग की तीन कैटेगरीज में अपनी भूमिका निभाता है। वह मेन्स, विमन्स और बच्चों के कपड़ों की डिजाइनिंग करता है। इन कपड़ों को और भी सेक्शन में बांटकर देखा जा सकता है। हर महीने करोड़ों का कारोबार होता है। यहां तक की भारत में तैयार होने वाले कपड़ों की मांग देश में ही नहीं, विदेशों में भी खूब है। रैंप से लेकर स्ट्रीट फैशन तक, डिजाइन की कोई सीमा नहीं रह गई है।
फैशन एक्सपर्ट मानते हैं कि फिट ड्रेस की पहुंच एलिट क्लास से आगे निकलकर आम लोगों तक पहुंच गई है। 2021 तक भारतीय कपड़ा उद्योग के 108 बिलियन डॉलर से 223 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। लगभग 100% की वृद्धि के साथ फैशन, डिजाइन ऐंड क्लॉथ का यह फील्ड अपार जॉब की संभावनाएं लेकर आने वाला है। ऐसे में हर एक इंस्टीट्यूट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे इंडस्ट्री के अनुसार डिजाइनर्स को तैयार करें, जो न सिर्फ फैशन डिजाइनिंग की टेक्नॉलजी से परिचित हों, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रीमियम फैशन शो को सफल बनाने में अहम भूमिका भी निभाएं।