पैरा मेडिकल फील्ड में करियर की बात करें तो इस समय फिजियोथेरपी स्ट्रीम में बढ़िया मौकों की संभावनाएं मौजूद हैं। फिटनेस को लेकर लोगों में बढ़ती जागरूकता ने इसके प्रफेशनल्स की मांग बढ़ा दी है। साथ ही फिजियोथेरपी को इस समय लाइलाज बीमारियों के लिए कारगर इलाज के रूप में भी देखा जा रहा है। फिजियोथेरपी का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं इसलिए इसकी मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। पोलियो, अस्थमा, सर्जरी के बाद रिहैबिलिटेशन, मांसपेशियों और हड्डियों के रोग या दूसरी क्रॉनिक बीमारियों से उबरने में फिजियोथेरपी अहम भूमिका निभा रही है। लगभग हर मेडिकल सेंटर में फिजियोथेरपिस्ट अनिवार्य रूप से शामिल किए जा रहे हैं। सिर्फ अस्पतालों में ही नहीं बल्कि स्पोर्ट्स, आर्मी जैसी फील्ड में भी बतौर फिजियोथेरेपिस्ट करियर बना सकते हैं।
क्या है फिजियोथेरपी?
फिजियोथेरपी चिकित्सा विज्ञान की एक शाखा है। फिजियो से मतलब है शरीर के बाहरी हिस्से का इलाज करना, वहीं दूसरी ओर थेरपी से मतलब है व्यायाम, इलेक्ट्रोथेरपी व मसाज जैसी टेक्निक का स्टेप बाई स्टेप इस्तेमाल करके रोगों का इलाज करना। सही मायने में देखा जाए तो फिजियोथेरपी रोगी के शारीरिक इलाज के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी बीमारियों से लड़ने के लिए उसे सशक्त बनाती है। इसमें जॉब प्रोफाइल में तो बहुत अधिक बदलाव नहीं है लेकिन काम को लेकर विस्तार की संभावनाएं बहुत हैं।
कोर्सेस जिनमें ले सकते हैं दाखिला
फिजियोथेरपी में आप डिप्लोमा, बैचलर, पीजी, एमफिल व पीएचडी तक के कोर्सेस में दाखिला ले सकते हैं। बैचलर लेवल के कोर्स को बीपीटी यानी बैचलर ऑफ फिजियोथेरपी कहते है। कोर्स का ड्यूरेशन सामान्यत: साढ़े चार साल होता है। इसमें आखिरी छह महीने इंटर्नशिप के होते हैं। एमपीटी यानि मास्टर ऑफ फिजियोथेरपी, दो साल के इस कोर्स में आप समकक्ष विषय से विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। इसमें न्यूरोलॉजिकल फिजियोथेरपी, पिडियाट्रिक फिजियोथेरपी, स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी, ऑथ्रोपेडिक फिजियोथेरपी, ऑब्सेक्ट्रिक्स फिजियोथेरपी, पोस्ट ऑप्रेटिव फिजियोथेरपी, कार्डियोवास्कुलर फिजियोथेरपी आदि में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है।
फिजियोथेरपी कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए आप गवर्नमेंट व प्राइवेट, दोनों में से कॉलेज चुन सकते हैं। गवर्नमेंट कॉलेजों में ऐडमिशन लेने के लिए आपको स्टेट या सेंट्रल लेवल के एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफाई करने होंगे। प्राइवेट कॉलेजों में कुछ कॉलेज डायरेक्ट ऐडमिशन लेते हैं व कुछ एंट्रेंस एग्जाम द्वारा ऐडमिशन लेते हैं।
कोर्स फीस
फिजियोथेरपी कोर्सेस की फीस 30,000 रुपये से लेकर यूनिवर्सिटी के नियम के अनुसार अलग अलग हैं। कुछ यूनिवर्सिटी मेरिट के आधार पर स्कॉलरशिप भी देती हैं। इसके अलावा गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट संस्थान हैं जो एजुकेशन के लिए स्कॉलरशिप भी देते हैं।
इन स्किल्स पर हो पकड़ तो बने बात
कम्यूनिकेशन स्किल
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल
सहनशक्ति व जुझारु व्यक्तित्व
आत्मविश्वास
इन ऑगनाइजेशंस में हैं अपार संभावनाएं
गर्वनमेंट/ प्राइवेट हॉस्पिटल व क्लिनिक
रिहैबिलिटेशन होम्स
ओल्ड एज होम्स
हेल्थ सेंटर्स
स्कूल व चिल्ड्रेन सेंटर्स
नर्सिंग होम्स ऐंड डे सेंटर्स
चैरिटी ऑगनाइजेशन
स्पोर्ट्स क्लिनिक, क्लब, जिम सेंटर्स
आर्मी सर्विसेस
सैलरी
करियर के शुरुआती दौर में आप 10,000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक बहुत आसानी से कमा सकते हैं। बहुत सी ऑगनाईजेशंस इंटर्नशिप के दौरान स्टूडेंट्स के काम को देखते हुए उन्हें अपने यहां ही बतौर फिजियोथेरपिस्ट रख लेते हैं या फिर फिजियोथेरपी की टीम में शामिल कर लेते है। एक्सपीरियंस होने पर आप प्राइवेट क्लिनिक खोल सकते हैं या किसी बड़े संस्थान में बतौर फिजियोथेरपिस्ट काम करके अपने करियर की ग्रूमिंग कर सकते हैं। इसमें सैलरी या अर्निंग की कोई एक्स्ट्रीम लिमिट नहीं है।
देश के फिजियोथेरपी इंस्टिट्यूट
अपोलो फिजियोथेरपी कॉलेज, हैदराबाद
पं दीनदयाल उपाध्याय इंस्टिट्यूट फॉर फिजिकली हैंडिकैप्ड, नई दिल्ली
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एजूकेशन एंड रिसर्च, पटना
पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंड़ीगढ़
निजाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, तेलंगाना
एसडीएम कॉलेज ऑफ फिजियोथेरपी, कर्नाटक
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एजुकेशन, केरल
के जे सौम्या कॉलेज ऑफ फिजियोथेरिपी, मुंबई
डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल मेडिसन एंड रिहैबिलिटेशन, तमिलनाडु
जे एस एस कॉलेज ऑफ फिजियोथेरपी, मैसूर
इन सभी संस्थानों के बैचलर कोर्स में प्रवेश लेने के लिए एलिजिबिलटी: इंटर(फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायॉलजी) 50 प्रतिशत अंकों के साथ
कोर्स ड्यूरेशन: 4 या 41/2 साल या यूनिवर्सिटी के अनुसार
एज लिमिट: 17 साल
मास्टर/डिप्लोमा/एमफिल व पीएचडी यूनिवर्सिटी के रूल्स के अनुसार
एंट्रेंस एग्जाम लिस्ट
केआईएमएस क्रिश्ना यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल सांइसेस डीम्ड यूनिवर्सिटी, फिजियोथेरपी व नर्सिंग के बैचलर व पीजी लेवल के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए हर साल एंट्रेंस एग्जाम आर्गनाइज कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मई-जून तक आते हैं।
एंट्रेंस: जून माह में
एसवीएनआईआरटीएआर-सीईटी: स्वामी विवेकानंद नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग एंड रिसर्च- सीईटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट व पीजीईटी पोस्ट ग्रैजुएट एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मई-जून तक आते है।
एंट्रेंस: जून माह में
पं दीनदयाल उपाध्याय इंस्टिट्यूट: बैचलर लेवल के फिजियोथेरपी के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम आर्गनाइजड कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: अप्रैल-मई
एंट्रेंस: जून
जवाहर लाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च:
फिजियोथेरपी में एमडी एमएस पीएचडी लेवल के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए जेआईपीएमईआर हर साल एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मार्च-मई
एंट्रेंस: कोर्स के अनुसार
आईपीयू सीईटी इंद्रप्रस्थ यूनवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट: न्यूरोलॉजी, स्पोर्ट्स आदि के बैचलर, मास्टर डिप्लोमा लेवल के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी हर साल एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मार्च
एंट्रेंस: अप्रैल-मई
क्या है फिजियोथेरपी?
फिजियोथेरपी चिकित्सा विज्ञान की एक शाखा है। फिजियो से मतलब है शरीर के बाहरी हिस्से का इलाज करना, वहीं दूसरी ओर थेरपी से मतलब है व्यायाम, इलेक्ट्रोथेरपी व मसाज जैसी टेक्निक का स्टेप बाई स्टेप इस्तेमाल करके रोगों का इलाज करना। सही मायने में देखा जाए तो फिजियोथेरपी रोगी के शारीरिक इलाज के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी बीमारियों से लड़ने के लिए उसे सशक्त बनाती है। इसमें जॉब प्रोफाइल में तो बहुत अधिक बदलाव नहीं है लेकिन काम को लेकर विस्तार की संभावनाएं बहुत हैं।
कोर्सेस जिनमें ले सकते हैं दाखिला
फिजियोथेरपी में आप डिप्लोमा, बैचलर, पीजी, एमफिल व पीएचडी तक के कोर्सेस में दाखिला ले सकते हैं। बैचलर लेवल के कोर्स को बीपीटी यानी बैचलर ऑफ फिजियोथेरपी कहते है। कोर्स का ड्यूरेशन सामान्यत: साढ़े चार साल होता है। इसमें आखिरी छह महीने इंटर्नशिप के होते हैं। एमपीटी यानि मास्टर ऑफ फिजियोथेरपी, दो साल के इस कोर्स में आप समकक्ष विषय से विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। इसमें न्यूरोलॉजिकल फिजियोथेरपी, पिडियाट्रिक फिजियोथेरपी, स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी, ऑथ्रोपेडिक फिजियोथेरपी, ऑब्सेक्ट्रिक्स फिजियोथेरपी, पोस्ट ऑप्रेटिव फिजियोथेरपी, कार्डियोवास्कुलर फिजियोथेरपी आदि में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है।
फिजियोथेरपी कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए आप गवर्नमेंट व प्राइवेट, दोनों में से कॉलेज चुन सकते हैं। गवर्नमेंट कॉलेजों में ऐडमिशन लेने के लिए आपको स्टेट या सेंट्रल लेवल के एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफाई करने होंगे। प्राइवेट कॉलेजों में कुछ कॉलेज डायरेक्ट ऐडमिशन लेते हैं व कुछ एंट्रेंस एग्जाम द्वारा ऐडमिशन लेते हैं।
कोर्स फीस
फिजियोथेरपी कोर्सेस की फीस 30,000 रुपये से लेकर यूनिवर्सिटी के नियम के अनुसार अलग अलग हैं। कुछ यूनिवर्सिटी मेरिट के आधार पर स्कॉलरशिप भी देती हैं। इसके अलावा गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट संस्थान हैं जो एजुकेशन के लिए स्कॉलरशिप भी देते हैं।
इन स्किल्स पर हो पकड़ तो बने बात
कम्यूनिकेशन स्किल
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल
सहनशक्ति व जुझारु व्यक्तित्व
आत्मविश्वास
इन ऑगनाइजेशंस में हैं अपार संभावनाएं
गर्वनमेंट/ प्राइवेट हॉस्पिटल व क्लिनिक
रिहैबिलिटेशन होम्स
ओल्ड एज होम्स
हेल्थ सेंटर्स
स्कूल व चिल्ड्रेन सेंटर्स
नर्सिंग होम्स ऐंड डे सेंटर्स
चैरिटी ऑगनाइजेशन
स्पोर्ट्स क्लिनिक, क्लब, जिम सेंटर्स
आर्मी सर्विसेस
सैलरी
करियर के शुरुआती दौर में आप 10,000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक बहुत आसानी से कमा सकते हैं। बहुत सी ऑगनाईजेशंस इंटर्नशिप के दौरान स्टूडेंट्स के काम को देखते हुए उन्हें अपने यहां ही बतौर फिजियोथेरपिस्ट रख लेते हैं या फिर फिजियोथेरपी की टीम में शामिल कर लेते है। एक्सपीरियंस होने पर आप प्राइवेट क्लिनिक खोल सकते हैं या किसी बड़े संस्थान में बतौर फिजियोथेरपिस्ट काम करके अपने करियर की ग्रूमिंग कर सकते हैं। इसमें सैलरी या अर्निंग की कोई एक्स्ट्रीम लिमिट नहीं है।
देश के फिजियोथेरपी इंस्टिट्यूट
अपोलो फिजियोथेरपी कॉलेज, हैदराबाद
पं दीनदयाल उपाध्याय इंस्टिट्यूट फॉर फिजिकली हैंडिकैप्ड, नई दिल्ली
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एजूकेशन एंड रिसर्च, पटना
पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंड़ीगढ़
निजाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, तेलंगाना
एसडीएम कॉलेज ऑफ फिजियोथेरपी, कर्नाटक
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एजुकेशन, केरल
के जे सौम्या कॉलेज ऑफ फिजियोथेरिपी, मुंबई
डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल मेडिसन एंड रिहैबिलिटेशन, तमिलनाडु
जे एस एस कॉलेज ऑफ फिजियोथेरपी, मैसूर
इन सभी संस्थानों के बैचलर कोर्स में प्रवेश लेने के लिए एलिजिबिलटी: इंटर(फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायॉलजी) 50 प्रतिशत अंकों के साथ
कोर्स ड्यूरेशन: 4 या 41/2 साल या यूनिवर्सिटी के अनुसार
एज लिमिट: 17 साल
मास्टर/डिप्लोमा/एमफिल व पीएचडी यूनिवर्सिटी के रूल्स के अनुसार
एंट्रेंस एग्जाम लिस्ट
केआईएमएस क्रिश्ना यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल सांइसेस डीम्ड यूनिवर्सिटी, फिजियोथेरपी व नर्सिंग के बैचलर व पीजी लेवल के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए हर साल एंट्रेंस एग्जाम आर्गनाइज कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मई-जून तक आते हैं।
एंट्रेंस: जून माह में
एसवीएनआईआरटीएआर-सीईटी: स्वामी विवेकानंद नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग एंड रिसर्च- सीईटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट व पीजीईटी पोस्ट ग्रैजुएट एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मई-जून तक आते है।
एंट्रेंस: जून माह में
पं दीनदयाल उपाध्याय इंस्टिट्यूट: बैचलर लेवल के फिजियोथेरपी के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम आर्गनाइजड कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: अप्रैल-मई
एंट्रेंस: जून
जवाहर लाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च:
फिजियोथेरपी में एमडी एमएस पीएचडी लेवल के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए जेआईपीएमईआर हर साल एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मार्च-मई
एंट्रेंस: कोर्स के अनुसार
आईपीयू सीईटी इंद्रप्रस्थ यूनवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट: न्यूरोलॉजी, स्पोर्ट्स आदि के बैचलर, मास्टर डिप्लोमा लेवल के कोर्सेस में ऐडमिशन लेने के लिए गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी हर साल एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराता है।
ऐप्लिकेशन फार्म: मार्च
एंट्रेंस: अप्रैल-मई
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