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दो दिन में ऐसे कर सकते हैं हिंदी की तैयारी

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नवीन पांडे, मुंबई
बारहवीं की परीक्षा जारी है और दसवीं (एसएससी) की परीक्षा 1 मार्च से शुरू होने वाली है। एसएससी के जिन विद्यार्थियों ने प्रथम भाषा के रूप में हिंदी को चुना है, उनका पेपर पहले दिन ही है। परीक्षा शुरू होने में पांच दिन बचे हैं। इसमें विद्यार्थियों को सभी विषयों का रिवीजन भी करना है। एनबीटी के एक्सपर्ट कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिनकी मदद से विद्यार्थी प्रथम भाषा हिंदी की दो दिन में तैयारी कर सकते हैं। हिंदी का प्रश्न-पत्र आसान होता है। इसीलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि वे तनावमुक्त होकर अगले कम से कम दो दिन हिंदी की तैयारी करें।

आसान है पूरा प्रश्न-पत्र
हिंदी का प्रश्न-पत्र 80 अंकों का होता है। परीक्षा में तीन घंटे में सभी प्रश्नों के उत्तर लिखना होते हैं। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए प्रश्न-पत्र को बहुत आसान बनाया गया है। पेपर में परिच्छेद (पैराग्राफ) आधारित प्रश्नों की अधिकता होती है। विद्यार्थी परिच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आसानी से लिख सकते हैं।

पांच विभागों में बंटा है प्रश्न-पत्र
हिंदी का प्रश्न-पत्र पांच खंडों में बंटा होता है। इसमें गद्य विभाग से 20, पद्य विभाग से 16, पूरक पठन से 4, व्याकरण से 10 और रचना विभाग से 30 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं।

आसानी से मिल सकते हैं 20 अंक
एक्सपर्ट मनोज राय के मुताबिक, प्रश्न-पत्र में पहला प्रश्न गद्य विभाग से आता है। इसमें तीन उप-प्रश्न होते हैं। यह उप-प्रश्न क, ख और ग तीन भागों में विभाजित होते हैं। यह उप-प्रश्न क्रमशः 8, 8 और 4 अंक के होते हैं। इसमें आकलन, अभिव्यक्ति और व्याकरण का समावेश होता है। तीनों उप-प्रश्न आसान होते हैं। इसमें परिच्छेद दिए रहते हैं, उसी को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर लिखना होता है। इसीलिए विद्यार्थियों को बोर्ड की परीक्षा के पिछले दो प्रश्नों को जरूर पढ़ना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को पता चल जाएगा कि परीक्षा में कैसे उत्तर ढूंढकर लिखना है। पहले दो परिच्छेद पठित और तीसरा परिच्छेद अपठित होता है।

पद्य विभाग से 8 अंक के दो प्रश्न
पद्य विभाग से 8-8 अंक के दो प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों में विद्यार्थियों को पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखना पड़ते हैं। दोनों उपप्रश्न में 2-2 अंक के लिए कविता का भावार्थ लिखना होता है।

पूरक पठन से चार अंक
तीसरा प्रश्न पूरक पठन विभाग से चार अंक के लिए पूछा जाता है। इसमें एक परिच्छेद दिया रहता है, उसे पढ़कर संजाल पूर्ण करना होता है। इसके उपप्रश्न में 2 अंक के लिए दिए गए विषय पर 6 से 8 वाक्य में विचार लिखने के लिए कहा जा सकता है।

अच्छे से तैयार करें व्याकरण
प्रश्नपत्र के चौथे विभाग में 10 अंक के लिए व्याकरण से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह बहुत सरल होते हैं। विद्यार्थियों को इसकी तैयारी अच्छे से करनी चाहिए। सही उत्तर पूरे अंक दिलाता है, जबकि गलत उत्तर अच्छे अंक प्राप्त करने में बांधा बन सकता है। व्याकरण में शब्द का वाक्य में प्रयोग, अधोरेखांकित शब्द का भेद पहचानने, शुद्ध वाक्य लिखने, सहायक क्रिया छांटने, प्रथम और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखने, अव्यय का वाक्य में प्रयोग करने, अव्यय पहचानकर उसका भेद लिखने, काल परिवर्तन करने, मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग करने आदि पूछा जा सकता है।

दिमाग लगाइए, 30 अंक पाइए
एक्सपर्ट अरविंद कुमार सिंह के मुताबिक, प्रश्न-पत्र में अंतिम दो प्रश्न यानी पांचवां और छठा प्रश्न 30 अंक के लिए रचना विभाग से आते हैं। इसमें पत्र-लेखन, कहानी लेखन, प्रसंग वर्णन, विज्ञापन, स्वमत, निबंध आदि लिखने के लिए कहा जाता है। विद्यार्थियों को इन प्रश्नों का उत्तर लिखने के लिए अच्छे से तैयारी करनी चाहिए। पत्र-लेखन आदि लिखते समय अंग्रेजी शब्दों के उपयोग से बचना चाहिए। पर्यवेक्षकों के मुताबिक, विद्यार्थियों को ढंग से हिंदी लिखनी नहीं आती है। अंग्रेजी के प्रयोग से पर्यवेक्षक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। विद्यार्थियों को शुद्ध और स्पष्ट शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। रचना विभाग के प्रश्न से विद्यार्थियों को अच्छे अंक मिलते हैं। इसीलिए परीक्षा में समय रहते इसका उत्तर लिख लेना चाहिए।

संजाल पूर्ण करने पर 10 अंक
बोर्ड की पिछली परीक्षा में गद्य विभाग के तीनों परिच्छेद में 6 अंक, पद्य विभाग के दोनों पद्यांश में 4 और पूरक पठन विभाग के एक प्रश्न में दो अंक के लिए संजाल पूर्ण करने के लिए कहा गया था। इसलिए परिच्छेद पढ़कर संजाल पूर्ण करने की विधि को अच्छी तरह से समझ लें।

टिप्स
पिछले वर्ष का प्रश्न-पत्र को हल करना बहुत फायदेमंद होगा।

हिंदी के उत्तर लिखने में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग न करें। अक्सर देखने में आता है कि छात्र अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग करते हैं। विशेषकर पत्र-लेखन के दौरान पता लिखने में। ऐसा करने से बचें।

परीक्षा में समय प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट) का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। समय का सही उपयोग न करने की वजह से कभी-कभी जरूरी और ज्यादा अंकों वाले प्रश्न छूट जाते हैं।

विद्यार्थी किसी एक प्रश्न पर अधिक समय न दें। सही पद्धति से प्रश्नों का उत्तर दें। अक्सर विद्यार्थी कम अंक के प्रश्नों पर ज्यादा वक्त लगा देते हैं, इससे ज्यादा अंक वाले प्रश्नों का हल करने के लिए समय नहीं मिल पाता।

अशुद्धता और अस्पष्ट उत्तर होने से इसका शिक्षक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उत्तर न पढ़ पाने की वजह से परीक्षक अंक काट लेता है।

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