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रोचक विषय है इतिहास, एक्सपर्ट्स ने दी है सलाह

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Navin.Pandey@Timesgroup.com
नवभारत टाइम्स


विषय एक्सपर्ट: कुलविंदर कौर, प्रमोद उपाध्याय

कक्षा: दसवीं
विषय: इतिहास व राज्य शास्त्र
परीक्षा तिथि: 19 मार्च 2018
समय: सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक

पूर्णांक: 40
इन बातों का रखें ध्यान
•परीक्षा में महत्वपूर्ण नाम और तिथियों का उल्लेख अवश्य करें।
•पाठ्यपुस्तक को रट्टा मारने की जरूरत नहीं है। अच्छी तरीके से अध्ययन करें। इससे उत्तर विस्तृत रूप से लिखने में आसानी होती है।
•पिछले कुछ वर्षों की परीक्षा के प्रश्न पत्र हल करें।
•परीक्षा के दौरान तनाव मुक्त रहें।

उत्तर पॉइंट में लिखना जरूरी
एक्सपर्ट के मुताबिक, इतिहास और राज्यशास्त्र के पेपर में अंकों के आधार पर उत्तर लिखना चाहिए। विद्यार्थियों को दो अंकों के लिए 4 पॉइंट, तीन अंकों के लिए 6 पॉइंट, चार अंकों के लिए 8 पॉइंट बनाकर उत्तर लिखने से पूरे अंक मिलते हैं।

ये चैप्टर हैं महत्वपूर्ण
इतिहास में शुरुआती तीन पाठ से 22 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं। इनमें साम्राज्यवाद से 6, संघर्षमयी बीसवीं शताब्दी से 12, एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में बंधुआ मुक्ति से 4 और द्वितीय विश्वयुध्दोत्तर विश्व से 6 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं। राज्यशास्त्र में लोकतंत्र से 3, राजनीतिक दल से 2, लोकतंत्र और विविधता से 3 और लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां से 4 अंक के प्रश्न आते हैं। आखिरी समय में विद्यार्थियों को अपनी पसंद के मुताबिक पाठ का चयन करके विषय की तैयारी करनी चाहिए।

इतिहास
पाठ अंक
साम्राज्यवाद 6
संघर्षमयी बीसवीं शताब्दी 12
एशिया और अफ्रीका महाद्वीप
में बंधुआ मुक्ति 04
द्वितीय विश्वयुध्दोत्तर विश्व 06


राज्यशास्त्र

पाठ अंक
लोकतंत्र 03
राजनीतिक दल 02
लोकतंत्र और विविधता 03
लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां 04

इतिहास से 28 अंक के प्रश्न

सामाजिक विज्ञान के पहले प्रश्न-पत्र में इतिहास और राज्य शास्त्र से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें 40 अंक के लिए दो घंटे का प्रश्न-पत्र होता है। इस प्रश्न-पत्र में इतिहास से 28 और राज्यशास्त्र से 12 अंक के प्रश्न होते हैं।

राज्यशास्त्र से अंतिम चार प्रश्न

इतिहास व राज्य शास्त्र के परचे में 9 प्रश्न होते हैं। इनमें प्रश्न एक से लेकर प्रश्न पांच तक इतिहास से सवाल पूछे जाते हैं, जबकि राज्यशास्त्र से आखिरी चार प्रश्न पूछे जाते हैं।

पहले तीन प्रश्न होते हैं आसान

परचे में प्रश्न क्रमांक एक में दो उपप्रश्न होते हैं। उपप्रश्न 1(ए) में रिक्त स्थान भरने के लिए होता है। इसमें तीन उपप्रश्न होते हैं, जिनमें विकल्प दिए रहते हैं। विद्यार्थियों को सही विकल्प का चयन कर उत्तर लिखना होता है। यह तीन अंकों के लिए होता है। उपप्रश्न 1(बी) भी तीन अंक के लिए होता है। इसमें समूह के घटकों के साथ उचित जोड़ियां मिलाना होती हैं। अगर विद्यार्थी ने पाठ्यपुस्तक पढ़ी होगी और कक्षा के दौरान उसके प्रश्नों के उत्तर नोटबुक में लिखे होंगे, तो वह इनके जवाब आसानी लिख सकता है। दूसरा प्रश्न 4 अंक के लिए पूछा जाता है। इसमें तीन उपप्रश्न होते हैं, जिसमें से दो उपप्रश्न के उत्तर 25 से 30 शब्दों में लिखने के लिए कहा जाता है। प्रत्येक उपप्रश्न दो अंक के लिए होते हैं। तीसरा प्रश्न चार अंक का होता है। इसमें दो-दो अंक के लिए तीन उपप्रश्न होते हैं। विद्यार्थियों को किन्हीं दो उपप्रश्नों के उत्तर लिखने होते हैं। इस प्रश्न में कथन दिया रहता है, जिस पर विद्यार्थियों को 25 से 30 शब्दों में कारण लिखने के लिए कहा जाता है।

14 अंक के लिए दो प्रश्न
प्रश्न-पत्र में चौथा और पांचवां प्रश्न 14 अंक के लिए होते हैं। चौथे प्रश्न में 6 अंक के लिए तीन उपप्रश्न दिए होते हैं, जिनमें से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 30 से 40 शब्दों में लिखने होते हैं। पांचवां प्रश्न 8 अंक का है। इसमें 60 से 80 शब्दों में दो उपप्रश्नों के उत्तर लिखने होते हैं।

आखिरी चार प्रश्न 12 अंक के

प्रश्न-पत्र में आखिरी चार प्रश्न राज्यशास्त्र से होते हैं। यह इतिहास की तुलना में आसान होते हैं। प्रश्न क्रमांक 6 में तीन उपप्रश्न होते हैं, जिनमें विकल्प दिए रहते हैं। विद्यार्थियों को इन प्रश्नों के उत्तर जरूर लिखना चाहिए। सातवें प्रश्न में पांच उपप्रश्न होते हैं। इनमें से किन्हीं तीन उपप्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में ही लिखने होते हैं। हर प्रश्न एक-एक अंक का होता है। आठवां प्रश्न चार अंकों का होता है। इसमें सत्य और असत्य वाले प्रश्न होते हैं। विद्यार्थियों को तीन में से किन्हीं दो उपप्रश्नों के उत्तर सत्य और असत्य बताते हुए लिखने होते हैं।

अंतिम यानी नौवें प्रश्न में दो उपप्रश्न होते हैं। इसमें से किसी एक प्रश्न का उत्तर 25 से 30 शब्दों में लिखने के लिए कहा जाता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह राज्यशास्त्र के सभी प्रश्नों के उत्तर जरूर लिखें।

मुंबई: स्टेट बोर्ड के दसवीं के विद्यार्थी इतिहास को बहुत उबाऊ विषय मानते हैं, जबकि यह बहुत ही रोचक विषय है। बस, विद्यार्थियों को देश-विदेश की पुरानी घटनाओं को जानने के लिए अपने भीतर जानने की ललक पैदा करने की जरूरत है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह पूरा पाठ रटने की बजाय देश, काल और घटनाक्रम को याद रखें और उससे जुड़ी हर बात को पढ़ने के बाद उस पर विचार करें। एनबीटी के एक्सपर्ट प्रमोद उपाध्याय और कुलविंदर कौर के मुताबिक, विद्यार्थी पूरा पाठ्यक्रम रटने लगते हैं। यही क्रम परीक्षा के दौरान भी बरकरार रखते हैं। इससे विद्यार्थियों को ज्यादा लाभ नहीं होता है। जिन विद्यार्थियों ने सालभर पढ़ाई की है, उन्हें परीक्षा के ऐन वक्त अपने पुराने नोट्स से इतिहास की तैयारी करनी चाहिए। इससे घटनाक्रम आदि की तैयारी करने में आसानी होती है और परीक्षा में अच्छे अंक मिल सकते हैं। जिन विद्यार्थियों ने अब तैयारी शुरू की है, उन्हें पिछले कुछ वर्ष के प्रश्न-पत्र के आधार पर योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करना चाहिए। इससे वे परीक्षा में आसानी से उत्तीर्ण हो सकते हैं। इतिहास के साथ ही राज्यशास्त्र की परीक्षा होती है। विद्यार्थियों को राज्यशास्त्र की पाठ्यपुस्तक को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।

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