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Bank Interview Questions: इंटरव्यू के कुछ खास सवाल, पूरा रट लें

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बैंक भर्ती परीक्षाओं में इंटरव्यू या पर्सनैलिटी टेस्ट एक अहम चरण होता है। इंटरव्यू क्लियर करने के बाद ही बैंक में चयन होता है। इंटरव्यू में मुख्य रूप से ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिससे छात्रों की हाजिर जवाबी, कठिन परिस्थितियों को संभालने और निर्णय लेने की क्षमता का आकलन किया जाता है। साथ ही कुछ सवाल ऐसे भी होते हैं जिसके माध्यम से छात्रों की बैंकिंग और टैक्स सिस्टम की जानकारी के स्तर का पता लगाया जाता है। सवाल कई बार उलझाने वाले होते हैं। इसलिए अगर पहले से पता हो कि किस तरह के सवाल होते हैं और तैयारी के साथ जाएं तो सफलता के चांस ज्यादा होते हैं। आइए आज जानते हैं कि बैंक भर्ती परीक्षाओं के इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं।

इंटरव्यू से संबंधित सवाल
क्या आपने पहले कभी कोई इंटरव्यू दिया है?
अगर कोई इंटरव्यू दिया है तो कोई सवाल बताइए जो वहां पूछा गया
आपने वहां जॉइन क्यों नहीं किया?
आपकी पसंद क्या हैं?
आपने इस बैंक को ही प्राथमिकता क्यों दी?

अन्य सवाल
इसके अलावा तकनीकी, बैंकिंग/वित्तीय संबंधित सवाल और करंट अफेयर्स से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

तकनीकी या फील्ड से संबंधित सवाल
आपकी स्ट्रीम क्या है?
आपका पसंदीदा विषय कौन सा है?
आपकी फील्ड से जुड़े कुछ खास सवाल
बैंकिंग/फाइनैंस से संबंधित सवाल
बैंकिंग/फाइनैंस से संबंधित सवाल कई टॉपिकों से पूछे जाते हैं। इंटरव्यू पैनल के कुछ खास टॉपिक निम्न प्रकार से होते हैं...
(क) आरबीआई से संबंधित सवाल: काम/गवर्नर/मुख्यालय आदि
(ख) मौद्रिक नीति से जुड़े सवाल
(ग) बैंक खातों के प्रकार
(घ) कार्डों के प्रकार
(च) केवाईसी से जुड़े सवाल
(छ) आर्थिक योजनाओं से संबंधित सवाल

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Bihar STET: बिहार बोर्ड ने परीक्षा के लिए जारी किए जरूरी दिशानिर्देश, जानें किन बातों का रखना है खास ध्यान

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Bihar STET Exam details: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 के री-एग्जाम (Bihar STET 2019 re-exam) के संबंध में जरूरी सूचना जारी की गई है। इसमें बिहार बोर्ड (Bihar Board) ने परीक्षा को लेकर सभी जरूरी दिशानिर्देश बताए हैं। परीक्षा में सफलतापूर्वक शामिल होने के लिए इन निर्देशों का पालन करना जरूरी है।

बिहार बोर्ड ने उम्मीदवारों को जिन बातों का खास ध्यान रखने के लिए कहा है, उनके बारे में यहां बताया जा रहा है। साथ ही बोर्ड द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पूरा पीडीएफ भी आपको इस खबर में दिया जा रहा है। आगे दिए गए लिंक से आप उसे डाउनलोड कर सकते हैं।

Bihar STET re exam 2019-20: ऐसा है परीक्षा का शेड्यूल
परीक्षा की तारीख - 9 सितंबर 2020 से 21 सितंबर 2020 तक (हर तारीख में तीन शिफ्ट्स में परीक्षा होगी)
देखें किस शिफ्ट के लिए रिपोर्टिंग टाइम क्या होगा, केंद्रों के गेट कितने बजे बंद होंगे और परीक्षा कितने से कितने बजे तक होगी।

पहली शिफ्ट दूसरी शिफ्ट तीसरी शिफ्ट
रिपोर्टिंग टाइम सुबह 7 बजे दिन के 11 बजे दोपहर 3 बजे
गेट बंद होने का समय सुबह 7.30 बजे दिन के 11.30 बजे दोपहर 3.30 बजे
परीक्षा का समय सुबह 8 से 10.30 बजे तक दोपहर 12 से 2.30 बजे तक शाम 4 से 6.30 बजे तक

हर पेपर के लिए अलग एडमिट कार्ड
बीएसईबी ने बिहार एसटीईटी री-एग्जाम 2019 के एडमिट कार्ड भी जारी कर दिए हैं। पेपर-1 और पेपर-2 दोनों के लिए अलग-अलग एडमिट कार्ड जारी किए गए हैं। अगर आपने दोनों पेपर्स के लिए आवेदन किया है, तो दोनों के लिए अलग-अलग एडमिट कार्ड डाउनलोड करने होंगे।

Bihar STET admit card डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें....

कहां मिलेगी मदद
बिहार बोर्ड ने कहा है कि अगर उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने या एसटीईटी से संबंधित अन्य कोई परेशानी हो, तो bseb.stethelpdesk@gmail.com पर ईमेल करके समाधान मांग सकते हैं।

कैसे करें ऑनलाइन परीक्षा की प्रैक्टिस
इस बार परीक्षा ऑलाइन ली जा रही है। मुख्य परीक्षा में शामिल होने से पहले आप एक बार इसकी प्रैक्टिस जरूर कर लें। बीएसईबी द्वारा इसके लिए bsebstet2019.in और biharboardonline.bihar.gov.in पर 3 सितंबर से लिंक सक्रिय किया जा रहा है। इस लिंक पर क्लिक कर आप ऑनलाइन एसटीईटी परीक्षा की प्रैक्टिस कर सकते हैं।

अन्य जरूरी दिशानिर्देश
आपने अपने आवेदन फॉर्म में अपनी जो फोटो अपलोड की होगी, उसकी पासपोर्ट साइज कलर फोटो निकाल कर अपने एडमिट कार्ड पर चिपकानी होगी। इसे सेल्फ अटेस्ट करके परीक्षा केंद्र में जाना होगा। इसकी फोटोकॉपी भी रखें। परीक्षा के दौरान ओरिजिनल एडमिट कार्ड जमा करना होगा, फोटोकॉपी आपके पास रहेगी।

एडमिट कार्ड के साथ सरकार द्वारा जारी वैध फोटो आईडी कार्ड भी लेकर जाना होगा। आईडी कार्ड और एडमिट कार्ड में आपका नाम एक ही होना चाहिए। नहीं तो परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।

परीक्षा केंद्र पर जूते-मोजे पहनकर जाने की अनुमति नहीं है। पेंसिल, बॉल प्वाइंट पेन साथ लेकर जाएं। किसी तरह का रफ पेपर नहीं ले जा सकते।

परीक्षा ऑनलाइन मोड पर हो रही है। केंद्र पर आपको यूजर नेम और पासवर्ड दिया जाएगा। इसे कंप्यूटर पर डालने के बाद ही आपकी परीक्षा शुरू होगी। कंप्यूटर ऑन होने के बाद एक बार अपना विवरण उस पर दिख रहे विवरण से जरूर मिला लें।

कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के बीच परीक्षा ली जा रही है। इसलिए इससे सुरक्षा के सभी एहतियात परीक्षा आयोजक और परीक्षार्थी दोनों को बरतने होंगे। सैनिटाइजर, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।

केंद्र में प्रवेश के समय हर अभ्यर्थी का तापमान जांचा जाएगा। 99.14 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा तापमान होने पर केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

BSEB द्वारा जारी सूचना व दिशानिर्देश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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NEET: किस विषय के कौन से टॉपिक्स हैं सबसे जरूरी, इन पर जरूर डाल लें एक नजर

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NEET important topics to revise: एमबीबीएस व बीडीएस कोर्सेस में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा नीट 2020 (NEET 2020) का आयोजन 13 सितंबर 2020 को होने जा रहा है। परीक्षा ऑफलाइन मोड पर होगी। इसके लिए करीब 15.97 लाख स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने देशभर में इसके लिए 3800 से ज्यादा परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

परीक्षा में अब सिर्फ कुछ ही समय बचा है। ऐसे में जरूरी है कि आप सबसे अहम टॉपिक्स को एक बार रिवाइज जरूर कर लें। एक्सपर्ट ललित कुमार बता रहे हैं कि नीट में फीजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के कौन से टॉपिक्स सबसे ज्यादा अहम हैं। किन पर आपको एक नजर डाल लेनी चाहिए और किन टॉपिक्स को पर्याप्त समय न होने पर छोड़ा जा सकता है।

इन टॉपिक्स को वेटेज (किसी टॉपिक से परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों की संख्या) के आधार पर बांटा गया है।

बायोलॉजी (NEET Biology important topics)
सबसे जरूरी टॉपिक्स - सेल स्ट्रक्चर, फोटोसिंथेसिस, प्लांट न्यूट्रिशन, जेनेटिक्स, प्लांट मॉर्फोलॉजी, प्लांट किंगडम, मॉनेरा, आदि। हालांकि पहले के वर्षों में ह्यूमन फीजियोलॉजी, इकोलॉजी, सेल बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोमॉलीक्यूल्स से भी ज्यादा सवाल पूछे गए हैं।

एक नजर डाल लें - एनिमल न्यूट्रिशन, एनिमल रिप्रोडक्शन एंड डेवलपमेंट, एनिमल रेस्पिरेशन, एनिमल टिशूज, इकोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी, आदि

पर्याप्त समय हो तब करें - बायोडायवर्सिटी, एनिमल किंगडम (पॉरिफेरा टू इकाइनोडर्मस), एनाटॉमी ऑफ फ्लावरिंग प्लांट्स, ग्रोथ रिपेयर एंड रीजेनेरेशन, माइक्रोब्स एंड ओरिजिन ऑफ लाइफ।

फीजिक्स (NEET Physics important topics)
सबसे जरूरी टॉपिक्स - ऑप्टिक्स, करेंट इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रोस्टैटिक्स, मैग्नेटिक इफेक्ट्स ऑफ करेंट, मॉडर्न फीजिक्स, लॉ ऑफ मोशंस, काइनेमैटिक्स, आदि। इसके अलावा हीट और थर्मोडायनेमिक्स से ज्यादातर सवाल P-Y graph या थर्मोडायनेमिक्स के सिद्धांत से पूछे जाते हैं।

ये भी पढ़ें : Maharashtra: नीट से पहले राज्य सरकार का बड़ा फैसला, मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 70:30 कोटा खत्म

11वीं के किस चैप्टर को कितना वेटेज
फिजिकल वर्ल्ड एंड मेजरमेंट - 2%
काइनेमैटिक्स - 3%
लॉ ऑफ मोशंस - 3%
वर्क, एनर्जी एंड पावर - 4%
मोशन ऑफ सिस्टम ऑफ पार्टिकल्स एंड रिजिड बॉडी - 5%
ग्रैविटेशन - 2%
प्रॉपर्टीज ऑफ बल्क मैटर - 3%
थर्मोडायनेमिक्स - 9%
बिहेवियर ऑफ परफेक्ट गैस एंड काइनेटिक थ्योरी - 3%
ऑसिलेशन एंड वेव्स - 3%

12वीं के किस चैप्टर को कितना वेटेज
इलेक्ट्रोस्टैटिक्स - 9%
करेंट इलेक्ट्रिसिटी - 8%
मैग्नेटिक इफेक्ट ऑफ करेंट एंड मैग्नेटिज्म - 5%
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन एंड अल्टरनेटिंग करेंट - 8%
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स - 5%
ऑप्टिक्स - 10%
डुअल नेचर ऑफ मैटर एंड रेडिएशन - 6%
एटम्स एंड न्यूक्लाई - 3%
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस - 9%

केमिस्ट्री (NEET Chemistry important topics)
सबसे जरूरी टॉपिक्स - अल्डेहाइड्स, कीटोन्स एंडकार्बोक्सिलिक एसिड्स, बायोमॉलीक्यूल्स, केमिकल बॉन्डिंग एंड मॉलीक्यूलर स्ट्रक्चर, केमिकल काइनेटिक्स, कोऑर्डिनेशन कंपाउंड, इक्विलिब्रियम, ऑर्गेनिक केमिस्ट्री (बेसिक प्रिंसिपल्स एंड टेक्नीक्स), पी ब्लॉक एलिमेंट्स, रेडॉक्स रिएक्शनंस, थर्मोडायनेमिक्स।

एक नजर डाल लें - अल्कोहल्स, फिनॉल्स एंड ईथर्स, क्लासिफिकेशन ऑफ एलिमेंट्स एंड पीरियॉडिसिटी इन प्रॉपर्टीज, डी एंड एफ ब्लॉक एलिमेंट्स, हाइड्रोकार्बन्स, पॉलीमर्स, एस ब्लॉक एलिमेंट्स (अल्कलाई एंड अल्कलीन अर्थ मेटल्स), सॉलिड स्टेट, सॉल्यूशंस, सम बेसिक कॉन्सेप्ट्स ऑफ केमिस्ट्री, स्ट्रक्चर ऑफ एटम।

पर्याप्त समय हो तब देखें - केमिस्ट्री इन एवरीडे लाइफ, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, एनवायरंमेंटल केमिस्ट्री, जेनरल प्रिंसिपल्स एंड प्रॉसेस ऑफ आइसोलेशन ऑफ एलिमेंट्स, हैलो अल्केन्स एंड हैलो अल्कीन्स, हाइड्रोजन, ऑर्गेनिक कंपाउंड्स कंटेनिंग नाइट्रोजन, स्टेट्स ऑफ मैटर- गैसेस एंड लिक्विड्स, सर्फेस केमिस्ट्री।

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RRB NTPC Exam Pattern: 15 दिसंबर से परीक्षा, समझें एग्जाम पैटर्न और सिलेबस

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RRB NTPC Exam Pattern and syllabus: रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) 15 दिसंबर 2020 को नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (NTPC) भर्तियों के लिए सीबीटी 1 (कंप्टूयर बेस्ड टेस्ट) का आयोजन करेगा। करीब 1.40 लाख पदों पर भर्तियों के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।

यहां आपको आरआरबी एनटीपीसी भर्ती परीक्षा (RRB NTPC Bharti Pariksha) के पैटर्न और सिलेबस की जानकारी दी जा रही है। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि इस परीक्षा के जरिए रेलवे (Indian Railway) में किन पदों पर भर्तियां की जाएंगी।

किन पदों पर होती हैं भर्तियां
आरआरबी एनटीपीसी के तहत भारतीय रेलवे में जिन पदों पर भर्तियां की जाती हैं, वे हैं -
जूनियर क्लर्क कम टाइपिस्ट, अकाउंट्स क्लर्क कम टाइपिस्ट, जूनियर टाइम कीपर, ट्रेन्स क्लर्क, कॉमर्शियल कम टिकट क्लर्क, ट्रैफिक असिस्टेंट, गुड्स गार्ड, सीनियर कॉमर्शियल कम टिकट क्लर्क, सीनियर क्लर्क कम टाइपिस्ट, जूनियर अकाउंट असिस्टेंट कम टाइपिस्ट, सीनियर टाइम कीपर, कॉमर्शियल अपरेंटिस, स्टेशन मास्टर।

कितने चरणों में होगी परीक्षा
आरआरबी एनटीपीसी के तहत विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया अलग-अलग चरणों में होगी। कुछ पदों के लिए चार चरणों की भर्ती पक्रिया होगी, कुछ के लिए तीन चरणों की।

स्टेशन मास्टर, ट्रैफिक असिस्टेंट, जूनियर क्लर्क कम टाइपिस्ट, जूनियर टाइम कीपर, अकाउंट्स क्लर्क कम टाइपिस्ट, सीनियर क्लर्क कम टाइपिस्ट, जूनियर अकाउंट असिस्टेंट कम टाइपिस्ट और सीनियर टाइम कीपर के पदों के लिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के दो चरण (CBT 1 & 2), स्किल टेस्ट और फिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन व मेडिकल एग्जामिनेशन लिया जाएगा।

वहीं, ट्रेन्स क्लर्क, कॉमर्शियल कम टिकट क्लर्क, गुड्स गार्ड, सीनियर कॉमर्शियल कम टिकट क्लर्क, कॉमर्शियल अपरेंटिस के पदों पर भर्ती के लिए कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट के दो चरण (CBT 1 and 2) और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन व मेडिकल परीक्षा/जांच होगी। इन पदों के लिए स्किल टेस्ट नहीं लिया जाएगा।

परीक्षा का पैटर्न (CBT-1)
कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का पहला स्टेज स्क्रीनिंग के लिए होता है। यानी CBT 2 के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए यह परीक्षा ली जाती है। इसमें संबंधित पदों के लिए मांगी गई न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सवाल पूछे जाते हैं।

परीक्षा का समय - 90 मिनट
कुल सवालों की संख्या - 100
जेनरल अवेयरनेस के कितने सवाल - 40
मैथ्स से कितने सवाल - 30
जेनरल इंटेलिजेंस और रीजनिंग से कितने सवाल - 30

लेखक रखने वाले दिव्यांग उम्मीदवारों को परीक्षा पूरी करने के लिए 120 मिनट का समय दिया जाता है।

निगेटिव मार्किंग - परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होगी। हर तीन गलत जवाब पर आपके सही सवालों से अर्जित होने वाला एक अंक काट लिया जाएगा।

CBT 1 सिलेबस: इन टॉपिक्स से पूछे जाएंगे सवाल
मैथ्स - नंबर सिस्टम, डेसिमल्स, फ्रैक्शन, एलसीएम, एचसीएफ, रेशियो एंड प्रपोर्शन्स, पर्सेंटेज, मेंसुरेशन, टाइम एंड वर्क, टाइम एंड डिस्टेंस, सिंपल एंड कंपाउंड इंटरेस्ट, प्रॉफिट एंड लॉस, एलिमेंटरी अल्जेब्रा, ज्योमेट्री एंड ट्रिगोनोमेट्री, एलिमेंट्री स्टैटिस्टिक्स, आदि।

जेनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग - एनालॉजीज, कंप्लीशन ऑफ नंबर एंड अल्फाबेटिकल सीरीज, कोडिंग एंड डिकोडिंग, मैथेमेटिकल ऑपरेशंस, सिमिलैरिटीज एंड डिफरेंसेस, रिलेशनशिप्स, एनालिटिकल रीजनिंग, सिलॉजिज्म, जंबलिंग, वेन डायग्राम, पजल, डाटा सफीशिएंसी, स्टेटमेंट कन्क्लूजन, स्टेटमेंट कोर्सेस ऑफ एक्शन, डिसीजन मेकिंग, मैप्स, इंटरप्रिटेशन ऑफ ग्राफ्स, आदि।

ये भी पढ़ें : Railway Bharti: 10वीं पास के लिए 4500 पदों पर वैकेंसी, ऐसे करें आवेदन

जेनरल अवेयरनेस - राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय महत्व की समसामियक घटनाएं, गेम्स एंड स्पोर्ट्स, भारतीय कला एवं संस्कृति, भारतीय साहित्य, मॉन्यूमेंट्स एंड प्लेसेस ऑफ इंडिया, सामान्य विज्ञान व जीव विज्ञान (CBSE 10वीं कक्षा तक), भारतीय इतिहास व स्वतंत्रता संग्राम, भारत व विश्व की भौतिक सामाजिक व आर्थिक ज्योग्राफी, इंडियन पॉलिटी एंड गवर्नेंस - कॉन्स्टिट्यूशन एंड पॉलिटिकल सिस्टम, जेनरल साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट्स (भारत के स्पेस एंड न्यूक्लियर प्रोग्राम समेत), यूएन व अन्य महत्वपूर्ण विश्व संगठन, पर्यावरण के मुद्दे (भारत व विश्व), कंप्टूयर बेसिक्स एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन, कॉमन एब्रिविएशन, भारत की परिवहन प्रणाली, भारतीय अर्थव्यवस्था, भारत व विश्व के प्रसिद्ध व्यक्तित्व, सरकार के फ्लैगशिप प्रोग्राम्स, भारत के फ्लोरा एंड फॉना, भारत के महत्वपूर्ण सरकारी व पल्बिक सेक्टर ऑर्गेनाइजेशंस, आदि।

पास होने के लिए चाहिए कितने अंक
इस परीक्षा में सफल होने के लिए आपको न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य है। अलग-अलग श्रेणियों के लिए न्यूनतम अंक की सीमा अलग-अलग है।
सामान्य श्रेणी व आर्थिक कमजोर वर्ग - कुल अंकों का कम से कम 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य।
ओबीसी (नॉन क्रीमी लेयर), एससी - कुल अंकों का 30 फीसदी
एसटी - कुल अंकों का 25 फीसदी अंक

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Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी की जयंती पर देनी है स्पीच, अपनाएं ये आइडियाज

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Gandhi Jayanti speech ideas in hindi: हर साल 02 अक्टूबर पूरा देश गांधी जयंती मनाता है। वहीं, पूरी दुनिया इसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non Violence) के रूप में मनाती है। क्योंकि 151 साल पहले 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। जिन्हें आज दुनिया महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और भारत के राष्ट्रपिता के रूप में जानती है।

हर साल 02 अक्टूबर को भारत के हर कोने के साथ-साथ दुनिया के कई हिस्सों में भी महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। इस अवसर पर जगह-जगह रैली, पोस्टर प्रतियोगिता, स्पीच, डिबेट, नाटक समेत कई तरह के आयोजन किए जाते हैं।

इस साल हमारे राष्ट्रपिता की 151वीं जयंती है। अगर इस अवसर पर आपको स्पीच देनी है, तो यहां आपको कुछ आइडियाज बताए जा रहे हैं। इन्हें अपनाकर आप अपने दर्शकों, श्रोताओं से खूब तालियां व तारीफ बटोर सकते हैं।

Gandhi Jayanti: इन टॉपिक्स पर तैयार कर सकते हैं स्पीच
गांधी और सत्याग्रह (Gandhi and Satyagrah)
1906-07 में महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। यह आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में भारतायों के लिए अनिवार्य पंजीकरण और पास के खिलाफ छेड़ा गया था।

हरिजन और गांधी
हमारे समाज में जिन समुदायों के लोगों को 'अछूत' कहा जाता था, उन्हें बापू ने 'हरिजन' नाम दिया। जिस शब्द का अर्थ है हरि (भगवान) की संतान। इस एक पहल ने इन समुदायों के लोगों को सम्मानजनक जीवन दिलाने की कोशिश में बड़ी भूमिका निभाई।

स्वतंत्रता में अहिंसा की भूमिका
'अहिंसा' - जब भी अहिंसा की बात आती है, तो सबसे पहले 'बापू' का नाम आता है। महात्मा गांधी ने न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया को अहिंसा के मायने समझाए। बताया कि अहिंसा एक व्यक्तिगत आदत है जिसका अर्थ है किसी भी परिस्थिति में खुद को या दूसरों को क्षति न पहुंचाई जाए।

बापू और भारत छोड़ो आंदोलन
महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को अंग्रेजों के खिलाफ 'भारत छोड़ो आंदोलन' (Quit India Movement) की शुरुआत की थी। तब दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। इसी आंदोलन के दौरान बापू ने 'करो या मरो' (Do or Die) का नारा दिया था। विश्वयुद्ध खत्म होने तक ब्रिटिश सरकार ने कह दिया कि वह भारत को उसकी शक्तियां वापस करेगी।

2 अक्टूबर - अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
गांधी जयंती की सबसे खास बातों में से एक यह है कि इस दिन को पूरी दुनिया अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है। 15 जून 2007 को यूनाइटेड नेशंस जेनरल असेंबली ने इस तारीख को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मानए जाने के लिए सर्वसहमति से वोट दिया था।

कहा गया था कि - गांधी जी ने दुनिया को सिखाया है कि शांति का मार्ग अपनाकर भी आजादी पाई जा सकती है। उनका मानना था कि हिंसा का रास्ता चुनकर हम कभी अपने अधिकार नहीं पा सकते। अहिंसा की राह पर चलकर ही राष्ट्रपिता ने दक्षिण अफ्रीका में करीब 75 हजार भारतीयों को उनके अधिकार दिलाए थे।

'मोहनदास करमचंद गांधी' से 'राष्ट्रपिता' का सफर
जो शख्स बैरिस्टर बनकर वकालत की प्रैक्टिस करने दक्षिण अफ्रीका गया था, वह मोहनदास करमचंद गांधी था। लेकिन उनकी विचारधारा और लोगों के हक के लिए लड़ाई लड़ने के उनके तरीके ने उन्हें 'राष्ट्रपिता' और 'महात्मा' की उपाधि दिलाई।

वह सन् 1900 की शुरुआत में भारतीय प्रवासी बनकर वकालत करने दक्षिण अफ्रीका गए थे। फिर पहले विश्वयुद्ध तक भारत और भारतीयों के हक के लिए लड़ने वाले नेतृत्व बनकर उभरे। फिर अपने देश वापस लौटे और अंतिम सांस तक अपनी विचारधारा के बल पर ही दूसरों के लिए लड़ाइयां लड़ते रहे।

कुछ अन्य टॉपिक्स
21वीं सदी में गांधी और उनकी विचारधारा के मायने
'अछूत' प्रथा पर गांधी की विचारधारा
मुस्लिम समुदाय के लिए गांधी के संदेश
मानवता के लिए गांधी के संदेश
विद्यार्थियों के लिए गांधी के संदेश
शिक्षा पर गांधी के विचार
गांधी - सादा जीवन, उच्च विचार
गांधी के आंदोलन - डांडी यात्रा, भारत छोड़ो आंदोलन, स्वदेशी आंदोलन, असहयोग आंदोलन, आदि।

स्पीच देने का तरीका
स्पीच में क्या बातें कही जा रही हैं, यह काफी अहम है। लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है स्पीच देने का तरीका। इसलिए एक दिन पहले से ही आइने के सामने खड़े होकर अपनी स्पीच की प्रैक्टिस करें। कोशिश करें कि कागज देखकर स्पीच न देनी पड़े।

लोगों की आंखों में देखकर, पूरे आत्मविश्वास के साथ, सही वॉयस टोन और मॉड्यूलेशन के साथ स्पीच दें। किसी वाक्य में कहां थोड़ा विराम लेना है, कहां लंबा, इसका भी ध्यान रखें।

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NEET 2020 Topper: 720 में से 720 लाकर नीट टॉपर बने 18 साल के शोएब आफताब, बताई अपनी स्ट्रैटजी

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NEET 2020 Topper Soyeb Aftab preparation strategy: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) नीट यूजी 2020 का रिजल्ट जारी कर चुकी है। इस बार ओडिशा के शोएब आफताब ने नीट में 720 में से 720 अंक लाकर ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल किया है। हालांकि दिल्ली की आकांक्षा सिंह ने भी 720 अंक हासिल किए हैं। लेकिन परसेंटाइल स्कोर में थोड़ा फर्क होने के कारण उन्हें ऑल इंडिया रैंक 2 मिली है।

शोएब को किस विषय में मिला कितना परसेंटाइल
फीजिक्स - 99.9941475
केमिस्ट्री - 99.9881487
बायोलॉजी - 99.9968543
कुल परसेंटाइल - 99.9998537

18 साल के शोएब आफताब ने नीट की तैयारी के लिए अपनी स्ट्रैटजी बताई है। जानें उन्होंने किस विषय के लिए किस तरह तैयारी की...

नीट के लिए ऐसी रही शोएब की स्ट्रैटजी
फीजिक्स - कॉन्सेप्ट को अच्छी तरह समझना। यह कोशिश रही कि हर तरह के क्वेश्चंस कवर कर लूं। क्योंकि सवाल किसी भी तरह के पूछे जा सकते हैं। इस तरह तैयारी की कि अगर कोई नये प्रकार का सवाल पूछ लिया जाए, तो भी उसे फेस कर सकूं।

फीजिक्स में दो पार्ट होते हैं - थ्योरी और न्यूमेरिकल। थ्योरी के ज्यादातर सवाल एनसीईआरटी (NCERT) से आते हैं। थ्योरी के लिए एनसीईआरटी सबसे जरूरी है। इसके अलावा थ्योरी को अच्छी तरह समझने के लिए एसची वर्मा (HC Verma) की किताब का रेफरेंस ले सकते हैं। लेकिन इसके न्यूमेरिकल्स सिर्फ एम्स एंट्रेंस में पूछे जाते थे। क्योंकि अब एम्स एंट्रेंस भी नीट के जरिए हो रहा है, तो एचसी वर्मा के न्यूमेरिकल्स की इतनी जरूरत नहीं।

फीजिक्स के न्यूमेरिकल्स के लिए पिछले वर्षों में पूछे गए सवालों की प्रैक्टिस जरूर करें। इसके अलावा आप जिस भी कोचिंग से तैयारी कर रहे हैं, उनके न्यूमेरिकल्स प्रैक्टिस सेट से तैयारी करें। हर टॉपिक से क्वेश्चन प्रैक्टिस जरूर करें। अब नीट के लिए 12वीं की एनसीईआरटी फीजिक्स में ज्यादा महत्वपूर्ण है।

ये भी पढ़ें : NEET Result 2020 Live: नीट रिजल्ट, टॉपर्स से लेकर कट-ऑफ तक, देखें हर अपडेट

दो साल घर नहीं गए
शोएब ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने कोटा जाकर ऐलेन कोचिंग इंस्टीट्यूट ज्वाइन किया। अपने लक्ष्य के प्रति वह बेहद फोकस्ड रहे। दो साल में एक बार भी घर नहीं गए। कोविड के कारण हुए लॉकडाउन में भी वह घर न जाकर कोटा में ही रहे और अपनी नीट की तैयारी में लगे रहे।


उन्होंने बताया कि हर टॉपिक को अच्छी तरह पढ़ने के बाद उन्होंने सबका काफी रिवीजन किया। शोएब के अनुसार, हर टॉपिक का बार-बार अभ्यास ही उनके अच्छे स्कोर की वजह है। साथ ही फैकल्टीज ने भी काफी सपोर्ट किया।

शुक्रवार, 16 अक्टूबर को नीट रिजल्ट आने के बाद शोएब अपने पिता शेख मोहम्मद अब्बास, मां सुल्ताना रीजिया और बहन के साथ जयपुर के एक होटल में मीडिया से मिले।

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Govt Scholarships: आपकी पढ़ाई में काम आएंगी भारत सरकार की ये 5 स्कॉलरशिप्स

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Government Scholarship Schemes for students: शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry), भारत सरकार द्वारा हर साल स्कूल और कॉलेज लेवल पर स्टूडेंट्स की पढ़ाई में आर्थिक मदद के लिए कई स्कॉलरशिप्स दी जाती हैं। ये स्कॉलरशिप्स अलग-अलग तरह की हैं। यहां शिक्षा मंत्रालय की ऐसी 5 अहम स्कॉलरशिप्स के बारे में बताया जा रहा है जो स्कूल से लेकर कॉलेज / यूनिवर्सिटी तक आपके काम आ सकती हैं।

1. सेंट्रल सेक्टर स्कीम ऑफ स्कॉलरशिप (CSSS)
यह स्कॉलरशिप कॉलेज व यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए है। ऐसे स्टूडेंट्स को 12वीं कक्षा पास कर चुके हैं और कॉलेज या यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आर्थिक कमजोर वर्ग से आने वाले मेधावी स्टूडेंट्स इस स्कॉलरशिप का लाभ पा सकते हैं।

हर साल शिक्षा मंत्रालय इस योजना के तहत 82 हजार नए स्कॉलरशिप्स देता है। इसके तहत सालाना 10 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक छात्रवृत्ति दी जाती है। अगस्त से अक्टूबर के बीच इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। आवेदन नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (National Scholarship Portal) के माध्यम से ऑनलाइन करना होता है।

किन्हें मिलेगा लाभ - ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने 12वीं में 80 परसेंटाइल या ज्यादा अंक प्राप्त किए हों, फुल टाइम कोर्स कर रहे हों, पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से ज्यादा न हो।

2. नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप (National Means cum Merit Scholarship)
आर्थिक कमजोर वर्ग से आने वाले मेधावी छात्र-छात्राएं 8वीं कक्षा के बाद इसका लाभ ले सकते हैं। हर साल देशभर में एक लाख विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति दी जाती है। प्रति स्टूडेंट सालाना 12 हजार रुपये मिलते हैं। अगस्त से अक्टूबर माह के बीच इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (NSP) के जरिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है।

किन्हें मिलेगा लाभ - इसके लिए 8वीं में कम से कम 55 फीसदी अंक प्राप्त होने चाहिए। इसके लिए सेलेक्शन टेस्ट में शामिल होना भी जरूरी है। सेलेक्शन टेस्ट में शामिल होने के लिए 7वीं कक्षा में कम से कम 55 फीसदी अंक अनिवार्य है। पारिवारिक आय सालाना 1.50 रुपये से अधिक न हो।

3. एआईसीटीई प्रगति स्कॉलरशिप (AICTE Pragati Scholarship)
यह स्कॉलरशिप सिर्फ गर्ल स्टूडेंट्स के लिए है। एक परिवार में अधिकतम दो लड़कियों को इस स्कॉलरशिप का लाभ मिल सकता है। हर साल ऐसी 5000 स्कॉलरशिप सरकार द्वारा दी जाती है। इसके तहत लाभार्थी को सालाना 50 हजार रुपये व अन्य सुविधाएं मिलती हैं।

सितंबर से अक्टूबर के बीच इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है।

किन्हें मिलेगा लाभ - ऐसी छात्राएं जो किसी टेक्निकल डिग्री या डिप्लोमा कोर्स में फर्स्ट या सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रही हैं। जिनका उस कोर्स में एडमिशन 12वीं के मार्क्स के आधार पर लैटरल एंट्री के जरिए हुआ हो। वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये या इससे कम हो।

4. एआईसीटीई सक्षम स्कॉलरशिप (AICTE Saksham Scholarship)
विशेष रूप से सक्षम विद्यार्थियों के बीच तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह छात्रवृत्ति योजना चलाई जा रही है। इसका लाभ उन छात्र-छात्राओं को मिलता है जो विशेष रूप से सक्षम (Specially abled) हैं और किसी टेक्निकल डिग्री या डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके तहत हर लाभार्थी को सालाना 50 हजार रुपये छात्रवृत्ति व अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर के बीच आवेदन मांगे जाते हैं। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है।

किन्हें मिलेगा लाभ - ऐसे विद्यार्थी जो कम से कम 40 फीसदी दिव्यांग हों, किसी एआईसीटीई संबद्ध संस्थान में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स में लैटरल एंट्री के जरिए फर्स्ट ईयर में एडमिशन पाया हो, पारिवारिक आय सालाना 8 लाख रुपये या इससे कम हो।

5. प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (PMRF)
स्टूडेंट्स में शोध की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए यह फेलोशिप दी जाती है। पीएमआरएफ अनुदान के लिए सक्षम किसी संस्थान में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिलता है। हालांकि स्टूडेंट के लिए इस फेलोशिफ की गाइडलाइंस के अनुसार अन्य अहर्ताएं प्राप्त होना भी जरूरी है। इसके तहत 80 हजार रुपये प्रति माह स्टाइपेंड दी जाती है।

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Board Exams 2021: आखिरी 45 दिन में ऐसे करें बोर्ड परीक्षा की तैयारी, आएंगे ज्यादा नंबर

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How to prepare for Board Exam: शैक्षणिक सत्र 2021 के लिए सीबीएसई (CBSE), सीआईएससीई (CISCE) समेत अन्य बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। 10वीं, 12वीं के स्टूडेंट्स अपना बेस्ट देने की तैयारी में जुटे हैं। परीक्षा शुरू होने से पहले का यह वक्त बेहद अहम है। इस दौरान सही रणनीति से की गई तैयारी आपका स्कोर बढ़ाएगी।

आखिरी के करीब 45 दिन में बोर्ड एग्जाम्स की तैयारी करने की कुछ स्ट्रैटजी बताई जा रही है। इन्हें फॉलो करके आप बोर्ड के पेपर्स में ज्यादा अंक पा सकते हैं।

1. टाइम टेबल
बोर्ड पेपर्स के लिए तैयारी के दौरान अपना समय अच्छी तरह से ऑर्गनाइज करें। पढ़ने से लेकर आराम करने, खाने-पीने और सोने तक का समय एक टाइम-टेबल में न सिर्फ तय करें, बल्कि उसे फॉलो भी करें। इससे अच्छी तैयारी के साथ स्ट्रेस भी कम रहेगा। हर सब्जेक्ट को समय देना जरूरी है। अपने टाइम टेबल में पुराने क्वेश्चन पेपर्स और सैंपल पेपर्स को सॉल्व करना न भूलें।

2. परफॉर्मेंस एनालिसिस
सैंपल पेपर्स या पिछले सालों के पेपर्स सॉल्व करते समय अपनी परफॉर्मेंस का ख्याल रखें। ध्यान दें कि आपको किस सब्जेक्ट में कितना कम या ज्यादा समय लग रहा है। इससे आपको पता चलेगा कि किस सब्जेक्ट को कितना समय देने की जरूरत है। सब्जेक्ट्स की एनालिसिस के साथ ही उनके चैप्टर्स का भी ध्यान रखें। कुछ चैप्टर्स बेहद आसान होंगे, जिनकी तैयारी जल्दी हो जाएगी। जबकि कुछ में आपको ज्यादा मेहनत करनी होगी। जैसे ही आपको सही टारगेट का पता चल जाएगा, फिर आप आसानी से उसे पूरा भी कर लेंगे।

3. पूरी नींद और ब्रेक लें
बोर्ड पेपर्स की तैयारी करते समय बच्चे आम तौर पर सबसे बड़ी जो गलती करते हैं वो है पूरी नींद न लेना। नींद की कमी से न केवल आप शारीरिक रूप से बीमार पड़ सकते हैं बल्कि आपका दिमाग भी पहले की तरह अच्छे से काम नहीं करेगा। इससे आपकी एकाग्रता बिगड़ेगी। इसलिए 7-8 घंटे की अच्छी और पूरी नींद लें।

4. रिवीजन
सभी बच्चों ने अपने स्कूल, ट्यूशन या कोचिंग में अपना सिलेबस तो पूरा कर ही लिया होगा। अब सबसे जरूरी काम है सही तरीके से उसे दो-तीन बार फिर से पढ़ने और कॉन्सेप्ट्स को पूरा समझ लेने का। इस बार MCQ का अहम रोल होगा। इसलिए अपनी NCERT की किताबों को अच्छे से जरूर पढ़ लें। क्योंकि किसी भी छोटे से छोटे प्वॉइंट्स को लेकर सवाल बनाए जा सकते हैं। याद रखें कि हर सब्जेक्ट, हर चैप्टर और उसका हर प्वॉइंट आपको नंबर लाने में मदद करेगा।

5. सब्जेक्ट के हिसाब से तैयारी
बोर्ड पेपर्स की तैयारी करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि हर सब्जेक्ट को पढ़ने की अलग स्ट्रैटजी होती है। जैसे-
मैथमेटिक्स (Maths): आपको फॉर्मूले, डेरीवेशन और लॉजिक जितने अच्छे से आते होंगे, आप पेपर को उतनी ही आसानी से और जल्दी सॉल्व कर पाएंगे। टेबल, फॉर्मूले, शॉर्ट ट्रिक्स के नोट्स अलग बनाकर रख लें। ये लास्ट मिनट में आपकी बहुत मदद करेंगे।

साइंस (Science): फीजिक्स, केमिस्ट्री हो या बायोलॉजी, हर सब्जेक्ट बराबर वैल्यू रखता है। इसके हर सेक्शन के हिसाब से फॉर्मूले, फंक्शन, टेबल, टर्म, डायग्राम के नोट्स अलग से बनाकर रखें। खुद नोट्स बनाएंगे तो जल्दी और ज्यादा समय तक चीजें याद रहेंगी।

लैंग्वेज : लैंग्वेज की ग्रामर उसकी आत्मा होती है। चाहे हिंदी हो, संस्कृत या अंग्रेजी। ग्रामर को अलग पढ़ें, समझें। इसके अलावा लिटरेचर पर अलग से पकड़ बनाना जरूरी होगा। पैसेज हल करने की प्रैक्टिस जरूर कर लें।

सोशल साइंस (Social Science): हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस और जियोग्राफी की अलग-अलग स्ट्रैटजी से तैयारी करें। हिस्ट्री को जहां कहानी की तरह बार-बार पढ़ें, वहीं तारीखें याद करने के लिए फ्लो चार्ट, टेबल या कोई अलग ट्रिक अपनाएं। मैप पर जियोग्राफी की प्रैक्टिस जरूर कर लें।

कुछ खास टिप्सः
1. अपने नोट्स खुद बनाएं।
2.टाइम टेबल फॉलो जरूर करें।
3. तैयारी करते समय खुद को बेहतर बनाने पर फोकस करें। दूसरों से कॉम्पटीशन न करें।
4. हेल्दी ग्रुप स्टडी भी फायदेमंद हो सकती है। बशर्ते की इसमें समय बर्बाद न किया जाए।

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Board Exam Tips: इन 10 बातों का रखें ख्याल, परीक्षा में नहीं होगी समय की कमी

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Board Exam time management tips in hindi: बोर्ड की परीक्षा से पहले विद्यार्थी खूब जोर-शोर से तैयारियां करते हैं। लेकिन कई बार टाइम मैनेजमेंट में बच्चे चूक जाते हैं। जिस कारण आते हुए सवाल भी छूट जाते हैं। आपको बोर्ड परीक्षा के दौरान समय की कमी से न जूझना पड़े, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यहां आपको ऐसे 10 प्वाइंट्स बताए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप समय की बचत करते हुए परीक्षा में बेहतर स्कोर कर सकते हैं।

परीक्षा से पहले इन बातों का रखें ध्यान
लिखकर रिवाइज करें - रोज रिवीजन का टाइम सेट करें। रोजाना कम से कम दो घंटे लिखकर रिवाइज करें। इससे आपकी लिखने की स्पीड बेहतर होगी और टॉपिक्स ज्यादा समय तक याद रहेंगे।

पेपर सॉल्व करें - सप्ताह में कम से कम दो बार अलग-अलग विषयों का पूरा क्वेश्चन पेपर सॉल्व करें। आप पिछले साल के पेपर्स, इस साल के सैंपल पेपर्स का क्वेश्चन बैंक सॉल्व कर सकते हैं। अगर तीन घंटे की परीक्षा है, तो पूरा पेपर उतने ही समय में सॉल्व करने की कोशिश करें। आपको समझ आएगा कि कहां दिक्कत आ रही है। आप कितने सवाल हल कर पा रहे हैं। फिर उसमें सुधार करें।

फॉर्मूले व ट्रिक्स याद करें - गणित, फीजिक्स, केमिस्ट्री, कॉमर्स जैसे विषय, जिनमें न्यूमेरिकल्स सॉल्व करने होते हैं, उनके फॉर्मूले एक चार्ट पर बनाकर स्टडी टेबल के आसपास चिपका लें। रोज दिन में कम से कम दो बार इन्हें रिवाइज करें। कठिन फॉर्मूलों को ट्रिक्स के साथ याद करें। ताकि परीक्षा के दौरान इन्हें याद करने में आपका समय व्यर्थ न हो।

टाइमर के साथ रिवाइज करें - गणित समेत अन्य विषयों के न्यूमेरिकल्स, केमिस्ट्री या बायोलॉजी के डायग्राम्स का रिवीजन करते समय टाइमर लगाएं। देखें कि कोई सवाल सॉल्व करने में आपको कितना समय लग रहा है। क्या किसी ट्रिक या फॉर्मूले से इसे कम समय में किया जा सकता है। इस तरह से प्रश्न हल करने की स्पीड बढ़ाने में मदद मिलेगी।

परीक्षा के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
15 मिनट बेहद अहम - परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले आपको आंसर शीट और क्वेश्चन पेपर मिल जाते हैं। इस दौरान आप सबसे पहले आंसर-शीट और प्रश्नपत्र पर जरूरी विवरण ध्यानपूर्वक भर लें। फिर पूरा प्रश्न पत्र अच्छी तरह पढ़कर ये तय कर लें कि कौन से सवाल आपको पहले करने हैं।

कहां से करें शुरुआत - परीक्षा का समय शुरू होते ही सबसे पहले उन सवालों के आंसर लिख डालें, जो आपको अच्छी तरह आते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि हर सेक्शन के सवालों के उत्तर क्रमशः लिखे जाएं। इसलिए जो नहीं आते उनके लिए जगह छोड़ते चलें।

लॉन्ग पार्ट पर फोकस - जितने सवाल अच्छी तरह आते हैं, उनके उत्तर लिखने के बाद लॉन्ग आंसर्स पर फोकस करें। ज्यादा अंकों वाले सवाल हल कर लें। इसके बाद शॉर्ट आंसर्स पर जाएं। अंत में उन सवालों पर समय दें जिनके उत्तर में आपको परेशानी हो।

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राइटिंग स्टाइल पर फोकस - शब्द सीमा के अंदर ही उत्तर लिखें। जरूरत से ज्यादा लिखकर आप समय बर्बाद करेंगे। इसके लिए अतिरिक्त अंक नहीं मिलते। कोशिश करें कि प्वाइंट्स में उत्तर लिखे जाएं। टू द प्वाइंट आंसर कॉपी चेक करने वालों को भी आकर्षित करते हैं और आपका समय भी बचाते हैं। इससे स्कोर करने की संभावना बढ़ जाती है।

घड़ी पर ध्यान - प्रश्न पत्र हल करते हुए बीच-बीच में घड़ी की ओर भी देख लें। कई बार आंसर्स लिखते हुए हमें समय का पता नहीं चलता। अचानक मालूम होता है कि समय काफी कम बचा है। इससे बच्चे पैनिक हो जाते हैं और आते हुए उत्तर भी गड़बड़ हो जाते हैं।

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रिवीजन का समय - अगर आपकी परीक्षा 3 घंटे की है, तो मानकर चलें आपको 2.30 घंटे में ही उत्तर लिखने हैं। आखिरी के 30 मिनट रिवीजन के लिए रखें। कई बार कुछ सवालों के उत्तर बाकी रह जाते हैं, जिनका ध्यान नहीं रहता। रिवीजन करते हुए आप उन सभी को पूरा कर पाएंगे। साथ ही अगर आप अपनी तय समय सीमा क्रॉस भी कर जाते हैं, तो आपके पास बचे प्रश्न हल करने के लिए रिजर्व टाइम होगा।

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12वीं कॉमर्स से है तो देखें आपके लिए टॉप 10 करियर ऑप्शन

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कॉमर्स से 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं तो आगे की पढ़ाई के लिए अकाउंट्स, फाइनेंस, बिजनेस स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स अच्छे विकल्प हैं। लेकिन ग्रेजुएशन के लिए एक बेहतर गाइड और सभी करियर ऑप्शन को जानने-समझने के बाद ही आपको फैसला लेना चाहिए। यहां आप ऐसे 10 करियर ऑप्शन जान सकते हैं, जो कॉमर्स बैकग्राउंड स्टूडेंट्स के लिए बेहतर हैं।

बैचलर ऑफ कॉमर्स(B.Com)
कॉमर्स से अक्सर 12वीं करने के बाद स्टूडेंट्स बी.कॉम चुनते हैं, इसमें आप 3 साल की ग्रेजुएशन करते हैं। अगर बात की जाए पढ़ाई की, तो अकाउंट्स, स्टेटिस्टिक्स, मैनेजमेंट और ह्यूमन रिसोर्सेज जैसे सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं। अगर आपको अर्थशास्त्र पसंद है और इकोनॉमी के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह बेस्ट ऑप्शन है।

बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ(LLB)
अगर आपने कॉमर्स से 12वीं की है, तो LLB करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें आप बार काउंसिल ऑफ इंडिया से डिग्री प्राप्त करने के बाद लॉयर बन सकते हैं। यह आपके सब्जेक्ट्स पर निर्भर होगा कि आप फैमिली लॉयर, प्रॉपर्टी लॉयर या कंपनी लॉयर बनना चाहते हैं। न सिर्फ कॉमर्स बैकग्राउंड बल्कि आर्ट्स वाले भी इसे चुन सकते हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)
सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट एक प्रोफेशनल कोर्स माना जाता है, जिसमें कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स ही जा सकते हैं। इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपको काफी कॉम्पिटिशन मिलता है और कई सारे एग्जाम क्लियर करने के बाद एजुकेशन मिलनी शुरू होती है। अगर देखा जाए तो बैचलर की किसी भी डिग्री के मुकाबले चार्टेड अकाउंटेंट काफी मुश्किल है।

बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA)
अगर आपके करियर का गोल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में जाना है, तो बी.बी.ए करना आपके लिए बेहतर रहेगा। यह एक तीन साल की ग्रेजुएशन है, जिसे कॉमर्स बैकग्राउंड के काफी स्टूडेंट चुनना पसंद करते हैं। इसमें आपको बिजनेस संबंधी सारी पढ़ाई कराई जाती है और शुरू से ही कॉर्पोरेट ऑपरेशन संबंधी सब कुछ सीखने को मिलता है।

कंपनी सेक्रेटरी (CS)
सी.एस कोर्स भी एडमिनिस्ट्रेशन में ही आता है, जो इंस्टिट्यूट कंपनी सेक्रेट्री ऑफ इंडिया (ICSI) द्वारा कराया जाता है। कई कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स इसे चुनना पसंद करते हैं और लेकिन इसमें भी सी.ए की तरह काफी मुश्किल एंट्रेंस एग्जाम दिए जाते हैं।

बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स
बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स भी 3 साल की डिग्री होती है, जिसमें आप इकोनॉमिक्स फाइनेंस और एनालिटिकल मेथड्स के बारे में पढ़ाई करते हैं। जिन विद्यार्थियों को इकोनॉमिक्स में रुचि होती है, उन्हें बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स करना चाहिए। इतना ही नहीं, इसमें आप माइक्रो-इकोनॉमिक्स और मैक्रो-इकोनॉमिक्स को डीप में पढ़ते हैं और फाइनेंस के क्षेत्र में जाते हैं।

जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन
अगर आपको मीडिया या पी.आर के क्षेत्र में जाना है, तो जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन आपके लिए बेहतर विकल्प रहेगा। इसमें फाइनेंस और बिजनेस की जानकारी के साथ मीडिया में आप अपना करियर बना सकते हैं। इसके अलावा इकोनॉमिक्स की अच्छी जानकारी रखने के कारण आप प्रिंट, ऑनलाइन या कंटेंट क्रिएशन में अपना करियर बना सकते हैं।

बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (BMS)
अगर आपको मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना करियर बनाना है, तो बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (BMS) करना आपके लिए अच्छा रहेगा। इसमें मैनेजिंग स्किल्स और लीडरशिप के बारे में अच्छी तरह पढ़ाया जाता है। इतना ही नहीं, इसमें ह्यूमन रिसोर्स, रिसर्च मेथड के बारे में भी पढ़ाया जाता है।

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सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर
पर्सनल फाइनेंस, वेल्थ मैनेजमेंट, इंश्योरेंस प्लानिंग जैसी पढ़ाई करने के लिए आप सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर कर सकते हैं। इसे (CFP) भी कहा जाता है और इसमें फाइनेंस से जुड़ी पूरी पढ़ाई कराई जाती है। अगर आपको इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना है, तो 12वीं के बाद CFP कर सकते हैं।

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कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (CMA)
अगर आपको मैनेजमेंट अकाउंटिंग, कमर्शियल फंडामेंटल और इंडस्ट्रियल लॉ के बारे में पढ़ना है, तो आप कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट चुन सकते हैं। इसमें फाइनेंस और मैनेजमेंट दोनों की पढ़ाई कराई जाती है और कोर्स पूरा होने के बाद मैनेजमेंट के क्षेत्र में जॉब मिलती है।

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12वीं में की है आर्ट्स की पढ़ाई? इन 10 कोर्सेस से बना सकते हैं शानदार करियर

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Best Courses after 12th Arts: कुछ समय पहले तक ऐसा माना जाता था कि केवल साइंस व कॉमर्स वाले स्टूडेंट्स के पास ही अच्छे और ज्यादा करियर ऑप्शन्स होते हैं। लेकिन अब यह सोच बदल रही है। क्योंकि समय के साथ ऐसे की नये कोर्सेस की मांग बढ़ी है, जिनसे आर्ट्स स्टूडेंट्स अलग-अलग क्षेत्रों में सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। जहां ऑर्ट्स से 12वीं पास करने के बाद छात्रों को करियर की चिंता सताने लगती थी, वहीं अब उनके लिए करियर ऑप्शन्स की लंबी लिस्ट मौजूद है। यहां हम आपको ऐसे 10 नये व पुराने लेकिन दमदार करियर ऑप्शन्स के बारे में बता रहे हैं...

बीए (Bachelor of Arts)
बैचलर ऑफ ऑर्ट्स (BA) वर्षों से आर्ट्स से 12वीं करने वालों की पहली पसंद है। भारत की लगभग हर यूनिवर्सिटी यह कोर्स ऑफर करती है। इसमें छात्र इंग्लिश, हिंदी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, सोशियोलॉजी, इंटरनेशनल रिलेशंस आदि विषयों के साथ ऑनर्स कर सकते हैं।
इनमें बैचलर डिग्री करने के बाद आप मास्टर्स (PG) के साथ हायर स्टडीज कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी प्रोफेसर बन सकते हैं या रिसर्च के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। या फिर ग्रेजुएशन के बाद सीधे बैकिंग, रिटेल, प्रशासनिक सेवाओं या अन्य सरकारी नौकरियों में जा सकते हैं।

बीए एलएलबी (BA LLB)
आर्ट्स से 12वीं करने के बाद आप लॉ के क्षेत्र में जा सकते हैं। आप तीन साल की बीए एलएलबी या पांच साल का इंटीग्रेड एलएलबी कोर्स (Integrated LLB) कर सकते हैं। इसके बाद आप सरकारी या प्राइवेट वकील बन सकते हैं। कई मल्टीनेशनल कंपनियों में भी अच्छे पैकेज पर लीगल कंसल्टेंट्स हायर किए जाते हैं। आप चाहें तो ज्यूडिशियल सर्विसेस के जरिए डिस्ट्रिक्ट जज, सिविल जज के पदों पर नियुक्ति पा सकते हैं।

बीएचएम (Bachelor in Hotel Management)
आजकल होटल इंडस्ट्री और हॉस्पिटैलिटी में भी करियर के अच्छे विकल्प हैं। अगर आपकी रुचि इस फील्ड में है, तो होटल मैनेजमेंट कोर्स चुन सकते हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (IHM) समेत कई प्रतिष्ठित संस्थान यह कोर्स कराते हैं। इस कोर्स के बाद देश-विदेश के बेहतरीन होटल्स के विभिन्न विभागों में अपने इंटरेस्ट के अनुसार जॉब कर सकते हैं।

बीएफए (Bachelor in Fine Arts)
बैचलर इन फाइन आर्ट्स में चित्रकारी, मूर्तिकला, फोटोग्राफी जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। अगर आप क्रिएटिव हैं, कुछ अलग करना चाहते हैं, तो यह कोर्स आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

बीबीए (Bachelor in Business Administration)
अगर आपकी बिजनेस व मैनेजमेंट स्किल्स अच्छी है, तो यह कोर्स आपके लिए विकल्प हो सकता है। इसके बाद एमबीए (MBA) करके आप ग्लोबल लेवल की बड़ी कंपनियों में बेहतरीन पैकेज पा सकते हैं। अपनी विशेषता के अनुसार आप इसमें फाइनांस, मार्केटिंग, ऑपरेशंस या अन्य सेक्टर में स्पेशलाइजेशन ले सकते हैं।

बैचलर इन फैशन डिजाइनिंग (Bachelor in Fashion Designing)
फैशन इंडस्ट्री काफी बड़ी हो चुकी है। इसमें कई अच्छे और इंटरेस्टिंग करियर ऑप्शन हैं। निफ्ट (NIFT) समेत कई बड़े संस्थान फैशन डिजाइनिंग कोर्स कराते हैं। इस क्षेत्र में बैचलर डिग्री के साथ आप अपने करियर को शानदार दिशा दे सकते हैं।

बीजेएमसी (Bachelor in Journalism and Mass Communication)
जर्नलिज्म एंड मीडिया इंडस्ट्री काफी बड़ी हो चुकी है। मेनस्ट्रीम मीडिया हाउसेस के अलावा कई कंपनियां भी कंटेंट राइटर की पोजिशन ऑफर करती हैं। बैचलर डिग्री के बाद आप रेडियो, फिल्म मेकिंग, सिनेमेटोग्राफी, क्रिएटिव राइटिंग जैसे क्षेत्रों में डिप्लोमा करके अपने करियर को अलग दिशा दे सकते हैं।

टूर एंड ट्रैवल (Tour and Travel)
अगर आपको घूमने का शौक है, नई जगहों को एक्सप्लोर करना पसंद है.. तो टूरिज्म इंडस्ट्री को अपना सकते हैं। कई यूनवर्सिटी इस विषय पर कोर्स ऑफर करती है। बीए इन ट्रैवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट, बीबीए इन टूर एंड टैवल मैनेजमेंट, बीए ऑनर्स इन टूर एंड ट्रैवल, बीए इन टूरिज्म स्टडीज जैसे कोर्सेस कर सकते हैं। इसके बाद आप चाहें तो किसी स्थापित कंपनी के साथ जुड़कर जॉब कर सकते हैं, फ्रीलांस कर सकते हैं, या फिर खुद की एजेंसी शुरू कर सकते हैं। ट्रैवल ब्लॉगर (Travel Blogger) का करियर भी इन दिनों मांग में है।

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बैचलर इन सोशल वर्क (Bachelor in Social Work)
बीएसडब्ल्यू (BSW) तीन साल की बैचलर डिग्री है। इस कोर्स में स्टूडेंट्स को समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने की शिक्षा प्रदान की जाती है। इसके जरिए आप नेशनल व इंटरनेशनल लेवल के एनजीओ (NGOs) में रिक्रूट होकर देश-दुनिया में काम करने का मौका पा सकते हैं। कई मल्टीनेशनल कंपनियां भी अपने सोशल वर्क के लिए ऐसे योग्य उम्मीदवारों को हायर करती है।

टीचर ट्रेनिंग कोर्सेज (Teacher Training Courses)
देश में हर साल लाखों लोग सरकारी टीचर बनने के लिए अप्लाई करते हैं। लेकिन फिर भी योग्य शिक्षकों की कमी है। लेकिन आप खुद को इसके लिए तैयार करके अपने प्रतिद्वंदियों को तगड़ा कंपीटिशन दे सकते हैं। 12वीं के बाद ऐसे कई कोर्स उपलब्ध हैं जो आपके शिक्षक बनने में सहायक होते हैं। आप बीएड (B.Ed) या इंटीग्रेटेड बीएड (Integrated B.Ed), बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन), बीईएड (बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन) या D.El.Ed. (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन), एनसीटीई नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (Teacher Training) आदि कोर्स किए जा सकते हैं।

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इसके अलावा ग्राफिक डिजाइनिंग, वेब डिजाइनिंग, डिजास्टर मैनेजमेंट, ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग, एडिटिंग जैसे कई कोर्सेस हैं जिनकी आज के समय में अच्छी डिमांड है। आर्ट्स के बाद आप ये कोर्सेस कर सकते हैं।

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Liberal Arts: लिबरल आर्ट्स में क्यों बनायें करियर? डिग्री के बाद मिलते हैं ये जॉब्स, हाई सैलरी

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Career Options After Liberal Arts: लिबरल आर्ट्स डिग्री सोशल साइंस, नेचुरल साइंस और ह्यूमनिटीज के नॉलेज के आधार पर एक बेहतरीन शैक्षिक पृष्ठभूमि प्रदान करती है। लिबरल आर्ट्स डिग्री के साथ एक विशेषज्ञ के रूप में काम करने का मौका मिलता है। इसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में उच्च पदों के साथ अच्छी सैलरी पैकेज के विकल्प मिलते हैं। लिबरल आर्ट्स डिग्री के साथ बड़ी सैलरी पैकेज वाले करियर विकल्प के बारे में जानें।

मनोवैज्ञानिक (Psychologists)
सायक्लॉजिस्ट मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं जो मनुष्यों की मानसिक प्रक्रियाओं और व्यवहारों का निरीक्षण, व्याख्या और रिकॉर्ड रखते हैं। मनोवैज्ञानिक पारस्परिक, सांस्कृतिक और संगठनात्मक अंतःक्रियाओं की अधिक समझ हासिल करने के लिए सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, परीक्षणों और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके व्यवहार पैटर्न की पहचान भी करते हैं। मनोवैज्ञानिक अपने क्लाइंट को उनकी भावनाओं, विचारों, व्यवहार, कार्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करते हैं। एक पेशेवर मनोवैज्ञानिक के रूप में काम करते के लिए क्लिनिकल, काउंसलिंग या रिसर्च सायक्लॉजी में न्यूनतम मास्टर या डॉक्टरेट की डिग्री पूरी करनी जरूरी है। मनोवैज्ञानिकों की सैलरी आम तौर पर सालाना $ 67,000 (₹ 49,66,740) तक होती है।

मानव संसाधन विशेषज्ञ (Human Resources Specialists)
मानव संसाधन विशेषज्ञ वे प्रोफेशनल्स हैं जो किसी भी बिजनेस या संस्थान के लिए कर्मचारियों की भर्ती, ट्रेनिंग, मोटिवेशन के लिए काम करते हैं। मानव संसाधन विशेषज्ञ अक्सर कर्मचारी लाभ कार्यक्रमों, कर्मचारी मुआवजे को भी संभालते हैं और शिकायत प्रक्रियाओं या प्रबंधन विवादों का समन्वय करते हैं। मानव संसाधन विशेषज्ञ सभी पक्षों के लिए सर्वोत्तम कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए मानव संसाधन निदेशकों, प्रबंधकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करते हैं।
मानव संसाधन विशेषज्ञों के रूप में योग्यता के लिए प्रशिक्षण में ह्यूमन रिसोर्स, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, कार्मिक प्रशासन, लेबर रिलेशन या बिहेवियर साइंस में स्नातक या मास्टर डिग्री शामिल है। योग्य मानव संसाधन विशेषज्ञ सालाना $42,000 (₹ 31,13,426) कमाते हैं।
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जनसंपर्क विशेषज्ञ (Public Relations Specialist)

जनसंपर्क विशेषज्ञ अपने ग्राहकों, निवेशकों, उपभोक्ताओं, पत्रकारों और जनता के बीच संबंध स्थापित करने और बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जनसंपर्क विशेषज्ञ प्रेस विज्ञप्ति और लोगो बनाकर ग्राहकों के लिए एक सकारात्मक सार्वजनिक छवि विकसित करते हैं। जनसंपर्क विशेषज्ञ कंपनी के ब्रांड और छवि का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रवक्ता के रूप में कार्य करते हैं। वे शीर्ष अधिकारियों को रणनीतिक योजना भी प्रदान करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि जनता के सामने प्रस्तुत जानकारी कानूनी और सटीक हो।
जनसंपर्क विशेषज्ञों को रोजगार के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए विज्ञापन, संचार, पत्रकारिता या जनसंपर्क में न्यूनतम स्नातक की डिग्री पूरी करनी चाहिए, हालांकि कई नियोक्ता प्रबंधकीय पदों के लिए मास्टर डिग्री वाले उम्मीदवारों को पसंद करते हैं। अधिकांश जनसंपर्क विशेषज्ञ सालाना $ 40,000 (₹ 29,65,218) का वेतन कमाते हैं।

पुरातत्वविद् (Archaeologist)

पुरातत्वविद ऐसे पेशेवर हैं जो विशिष्ट संस्कृतियों, भाषाओं, रीति-रिवाजों और भौतिक स्थानों की खुदाई, पुनर्प्राप्ति और शोध के माध्यम से मनुष्यों की उत्पत्ति, विकास और व्यवहार का अध्ययन करते हैं। पुरातत्त्वविद औजारों और उपकरणों का उपयोग नींव, चूल्हा और भंडारण गड्ढों के साथ-साथ सिक्कों, मोतियों, औजारों, मिट्टी के बर्तनों और पृथ्वी के भीतर दबी हुई अन्य वस्तुओं की खोज के लिए करते हैं और फिर उन स्थानों को मैप या ड्रॉ करते हैं।
पुरातत्त्वविद ऐतिहासिक कलाकृतियों और अवशेषों पर शोध करके पहले की सभ्यताओं के इतिहास, रीति-रिवाजों और समाजों के बारे में रिपोर्ट तैयार करते हैं। एक पुरातत्वविद् के रूप में रोजगार के लिए योग्यता में मास्टर या डॉक्टरेट की डिग्री पूरी करना शामिल है। पुरातत्वविदों की वार्षिक आय $40,000 (₹ 29,65,238) तक होती है।
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लेखक (Writer)

एक लेखक पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, रेडियो, टेलीविजन और वेबसाइटों के लिए लेख, किताबें, कहानियां और कंटेंट तैयार करते हैं। लेखक रिसर्च करते हैं, इंटरव्यू करते हैं, राय देते हैं, तथ्यों की रिपोर्ट करते हैं, विज्ञापनों के लिए सामग्री विकसित करते हैं, या तकनीकी निर्देश लिखते हैं। अधिकांश लेखक रोजगार के लिए आवश्यक औपचारिक पृष्ठभूमि हासिल करने के लिए अंग्रेजी, लेखन, संचार, विज्ञापन और पत्रकारिता में अपने शैक्षिक प्रशिक्षण पूरा करते हैं।
लेखक ज्ञान का विस्तार करने और कौशल बढ़ाने के लिए रचनात्मक लेखन, तकनीकी लेखन, पत्रकारिता और संचार क्षेत्रों में ट्रेनिंग विशेषज्ञ भी हो सकते हैं। अनुभवी लेखक सालाना $ 57,000 (₹ 42,25,435) का वेतन कमाते हैं।

समाजशास्त्री (Sociologists)

समाजशास्त्री समूहों, संस्कृतियों, संस्थानों और संगठनों के व्यवहार पर रिसर्च करते हैं। समाजशास्त्री सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक और व्यावसायिक संगठनों की उत्पत्ति, बातचीत और व्यवहार का भी अध्ययन करते हैं। समाजशास्त्री सामाजिक मुद्दों को हल करने, कानूनों और सार्वजनिक नीतियों में सुधार करने और सामाजिक प्रभावों और प्रवृत्तियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सहायता करने के लिए शिक्षकों, प्रशासकों, सांसदों और अन्य सार्वजनिक हस्तियों को अपने रिसर्च रिपोर्ट देते हैं।
रिसर्च, सरकारी या परामर्श पदों के लिए समाजशास्त्री के रूप में करियर बनाने के लिए समाजशास्त्र या राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन डिग्री पूरा करना जरूरी है। मास्टर डिग्री के साथ ग्रेजुएट एडमिनिस्ट्रेटर या रिसर्च के रूप में अपर लेवल पोस्ट के लिए योग्यता प्राप्त करते हैं। डॉक्टरेट की डिग्री वाले लोग अक्सर प्रोफेसर के रूप में कॉलेज स्तर के पोस्ट पर नौकरी पाते हैं। समाजशास्त्रियों के लिए वार्षिक वेतन $ 55,000 (₹ 40,77,227) तक है।

डिजाइन और ग्राफिक आर्टिस्ट (Design and Graphic Artists)

डिजाइन और ग्राफिक आर्टिस्ट सरकारी या व्यावसायिक प्राेडक्ट और सर्विसेज के लिए विज्युअल इमेज डिजाइन करते हैं। डिजाइन और ग्राफिक कलाकार इल्यूस्ट्रेशन, टेक्स्ट, फोटो, एनिमेशन और अन्य प्रिंट तकनीकों के लिए विशेष कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या हाथ से तैयार किए गए स्केच का उपयोग करते हैं। डिजाइन और ग्राफिक कलाकारों द्वारा बनाई गई इमेज का उपयोग विज्ञापनों, प्रचार सामग्री, मार्केटिंग ब्रोशर, साइनेज, डिस्प्ले और लोगो के लिए किया जाता है।
पत्रिकाओं, वेबसाइटों, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और अन्य प्रिंटेड मटेरियल के लिए टेक्स्ट इलिमेंट्स तैयार करने के लिए डिजाइनर कॉपीराइटर, क्लाइंट और निर्देशकों के साथ मिलकर काम करते हैं। डिजाइन और ग्राफिक कलाकारों को प्रवेश स्तर के रोजगार में आगे बढ़ने के लिए फाइन आर्ट या ग्राफिक डिजाइन में ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम पूरा करना जरूरी है। डिजाइन और ग्राफिक आर्टिस्ट की सालाना आय $33,000 (₹ 24,46,336) तक होती है।

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SSC Stenographer Jobs: स्टेनोग्राफर एग्जाम से पहले अपनाएं ये जरूरी टिप्स

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Stenographer Exam Tips :SSC स्टेनोग्राफर परीक्षा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रेड सी और डी में भर्ती के लिए हर साल आयोजित की जाती है। एसएससी स्टेनोग्राफर 2021 2 चरणों में आयोजित किया जाएगा- लिखित परीक्षा और कौशल परीक्षा। इसके लिए उम्मीदवारों को न केवल थ्योरिकल पार्ट बल्कि स्किल टेस्ट की भी पूरी तैयारी करनी जरूरी है। SSC स्टेनोग्राफर परीक्षा में दिए गए प्रश्नों को हल करने के लिए तकनीकों और ट्रिक्स को तैयार करना और रणनीति बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों को कम समय में अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करने पर ध्यान देना चाहिए। यहां SSC स्टेनोग्राफर 2021 लिखित परीक्षा की लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ सरल ट्रिक्स और टिप्स दिए गए हैं:

SSC स्टेनोग्राफर 2021 की लिखित परीक्षा में तीन भाग होते हैं:

  • भाग I- जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग
  • भाग II- जनरल अवेयरनेस
  • भाग III- इंग्लिश लैंग्वेज एंड कॉम्प्रिहेंशन
जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग
जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग एक ऐसा सेक्शन है जिसमें कैंडिडेट अपनी बुद्धि, तर्कक्षमता का पूरा उपयोग कर सकता है। लिखित परीक्षा में यह एक स्कोरिंग सेक्शन है। इस सेक्शन में अच्छे अंक पाने के लिए मॉक टेस्ट दें और सैंपल पेपर हल करें। जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग पेपर लिखते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें।

1 धारणाओं से बचें। हर कॉन्सेप्ट को समझना जरूरी है।
2 नकारात्मक उपसर्ग वाले शब्दों से बचना चाहिए क्योंकि ये आमतौर पर उम्मीदवार को भ्रमित करने के लिए लगाए जाते हैं।
3 प्रश्नों को हल करने के तरीके को समझने के लिए यथासंभव उदाहरणों का अभ्यास करें।
4 अल्फाबेट, न्यूमिरिकल के दिशा-निर्देश स्पष्ट होने चाहिए।
5 यदि आपने अच्छी तरह से प्रैक्टिस नहीं की हे तो रीजनिंग ज्यादा समय ले सकता है और दिमाग भी ज्यादा लगाना पड़ सकात है इसलिए पूरी प्रैक्टिस करें।
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इस सेक्शन के कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक्स, जिनसे ज्यादातर प्रशन पूछे जाते हैं:

  • मैथेमेटिकल एंड कोड बेस्ड पज्जल
  • एनालॉजी
  • ब्लड रिलेशन्स
  • वेन डायग्राम
  • सर्कुलर सिटिंग अरेंजमेंट्स
  • असर्शन एंड रीजनिंग
  • अल्फाबेट सीरिज
  • हिडेन इमेज
  • पेपर कटिंग एंड फोल्डिंग
  • क्यूब एंड डाइसेज
  • वर्ड फॉर्मूला
  • कोर्स ऑफ एक्शन
जनरल अवेयरनेस
जनरल अवेयरनेस के तहत एग्जामिनी के द्वारा कैंडिडेट की पर्यावरण और दुनिया जिसमें वह रह रहा है उसके बारे में उसकी जानकारी को परखा जाता है। आम तौर पर इस सेक्शन को अटैम्ट करना और अच्छा स्कोर करना आसान होता है। लेकिन यदि उम्मीदवार सामान्य परिवेश/घटनाओं से अंजान है, तो इस खंड में अच्छे अंक प्राप्त करना मुश्किल है। इसमें बेहतर करने के लिए जरूरी टिप्स-

  • उम्मीदवारों को नवीनतम घटनाओं की जानकारी होनी जरूरी है। ऐसी घटनाओं से लगातार अपडेट रहें।
  • पिछले छह महीनों के करेंट अफेयर्स देश और दुनिया की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी रखें। रोजाना अखबार पढ़ने से इसमें अतिरिक्त फायदा मिलेगा।
  • महत्वपूर्ण घटनाओं के नोट्स बनाएं, ताकि आप उन्हें हर दिन रिवाइज कर सकें।
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  • पुरस्कार और सम्मान
  • भारतीय संविधान
  • भारत और विश्व
  • विज्ञान और तकनीक
  • भारतीय भूगोल- भारत में मिट्टी, भारतीय फसलें, भारत में खेती और सिंचाई, भारतीय नदियां आदि।
  • दिन और कार्यक्रम
  • कला और संस्कृति
  • भारतीय अर्थव्यवस्था
  • सरकारी नीतियां और योजनाएं
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम और मामले
  • भारतीय राजव्यवस्था
  • भारतीय इतिहास- भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, मुगल साम्राज्य आदि
  • देश, राजधानियां और मुद्राएं

इंग्लिश लैंग्वेज एंड कॉम्प्रिहेंशन
यदि उम्मीदवार स्टेनोग्राफर बनना चाहते हैं, तो उन्हें अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए क्योंकि उन्हें वरिष्ठ अधिकारी या मंत्री द्वारा बोली जाने वाली हर बात को नोट करना होगा। यही कारण है कि SSC स्टेनोग्राफर परीक्षा में अन्य वर्गों की तुलना में अंग्रेजी और कॉम्प्रिहेंशन का वेटेज सबसे अधिक है। पिछले वर्षों के ट्रेंड के अनुसार, इस खंड के प्रश्नों का लेवल मॉडरेट टू टफ होता है। इस खंड को मजबूत करने के लिए उम्मीदवारों को मॉक टेस्ट का अभ्यास करना चाहिए। इस खंड के प्रश्न इंग्लिश ग्रामर और कॉम्प्रिहेंशन एंड वोकैबलरी को कवर करेंगे। इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन सेक्शन की तैयारी के टिप्स

  • इंग्लिश ग्रामर के बेसिक रुल्स की प्रैक्टिस करें- एक्टिव एंड पैसिव वॉइस, नरेशन, पार्ट्स ऑफ स्पीच (वर्ब, एडवर्ब, नाउन, प्रोनाउन, कंजक्शन, प्रीपोजिशन आदि), आर्टिकल्स, सिंगुलर एंड प्लुरल नाउन व अन्य।
  • रोजाना अंग्रेजी किताबें और अखबार पढ़ने की आदत डालने की कोशिश करें। यदि आपको कोई नया शब्द मिलता है, तो अपने वोकैबलरी स्टॉक को बेहतर बनाने के लिए उसे नोट कर लें।

इंग्लिश लैंग्वेज एंड कॉम्प्रिहेंशन के कुछ महत्वपूर्ण खंड
-क्लोज टेस्ट, स्पेलिंग्स, सिनोनिम्स एंड एंटोनिम्स, पैराजंबल्स, कॉम्प्रिहेंशन रीडिंग, फिल इन द ब्लैंक्स, सेंटेंस करेक्शन, स्पॉटिंग एरर्स, पैरा रिप्लेशमेंट आदि।


SSC स्टेनोग्राफर परीक्षा पैटर्न
SSC स्टेनोग्राफर परीक्षा 2 चरणों में आयोजित की जाती है - लिखित परीक्षा और कौशल परीक्षा। लिखित परीक्षा में 200 अंकों के तीन खंड होते हैं।

  • भाग I जनरल इंटेलिजेंस और रीजनिंग (50 अंक)
  • भाग II जनरल अवेयरनेस (50 अंक)
  • भाग III इंग्लिश लैंग्वेज एंड कॉम्प्रिहेंशन (100 अंक)
-सामान्य उम्मीदवारों के लिए, लिखित परीक्षा के लिए समय अवधि 120 मिनट है, जबकि नेत्रहीन उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त 40 मिनट दिए जाते हैं।
-परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप, मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन होते हैं।
- हर गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक नेगेटिव मार्किंग होती है।

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Career After Class 12: ये हैं टॉप मैनेजमेंट कोर्स, जानिए 12वीं के बाद क्या-क्या हैं ऑप्शन?

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Top Management Courses: 12वीं के छात्रों के लिए मैनेजमेंट से जुड़े कुछ अच्छे कोर्स मौजूद हैं, जिन्हें कोई भी स्ट्रीम का छात्र 12वीं के बाद कर सकता है। जानें ऐसे ही प्रमुख मैनेजमेंट कोर्स के बारे में जिन्हें 12 वीं विज्ञान / वाणिज्य / कला स्ट्रीम से स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले छात्र आसानी से कर सकते हैं।

1 BBA (Bachelor of Business Administration)
BBA का मतलब बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन है। बीबीए कोर्स की अवधि 3 साल है। कई निजी और साथ ही सरकारी संस्थान में यह काेर्स कराया जाता है। यह एक अंडरग्रेजुएट कोर्स है जिसमें 12वीं साइंस/कॉमर्स/आर्ट्स तीनों स्ट्रीम के छात्र इसे कर सकते हैं। बीबीए के बाद, कोई भी पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) कोर्स या एमबीए भी किया जा सकता है। कुछ कॉलेज बीबीए काेर्स भी कराते हैं जाे खास फिल्ड से रिलेटेड हाेता है जैसे एयरपोर्ट मैनेजमेंट में बीबीए और इवेंट मैनेजमेंट में बीबीए। ऐसे ही कुछ प्रमुख बीबीए ऑनर्स प्रोग्राम हैं-बैंकिंग और बीमा, इंटरनेशनल बिजनेस, एविएशन मैनेजमेंट, हेल्थ केयर मैनेजमेंट, इवेंट मैनेजमेंट, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट। बीबीए स्नातकों को आमतौर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों, कार्यालयों और अन्य कार्य स्थानों में प्रबंधकीय पदों के साथ काम सौंपा जाता है।

2 BMS (Bachelor of Management Studies)
BMS का मतलब बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज है। बीएमएस कोर्स की अवधि 3 साल है। बीबीए और बीएमएस दोनों एक ही पाठ्यक्रम की तरह लगते हैं लेकिन इनमें समानताअाें के साथ ही काफी अंतर भी है। बीएमएस पारंपरिक प्रबंधन अध्ययनों जैसे एनालिटिक्स पर अधिक केंद्रित है। दूसरी ओर, बीबीए बिजनेस स्टडीज से संबंधित मुख्य विषयों पर अधिक केंद्रित है। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास छात्र इस कोर्स को कर सकते हैं। बीएमएस पूरा करने के बाद छात्र एमबीए कर सकते हैं। बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां, छोटी और मझोली कंपनियां भी बीएमएस फ्रेशर्स को हायर करती हैं।
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3 बीबीए+एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स
यह कोर्स बीबीए के साथ-साथ एमबीए डिग्री दोनों मिश्रण है। पाठ्यक्रम की अवधि 5 वर्ष है। इस कोर्स को करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि छात्रों को बीबीए के बाद पीजी कोर्स एमबीए अलग से नहीं करना होगा। इसके अलावा, केवल प्रतिष्ठित संस्थान ही भारत में इस एकीकृत पाठ्यक्रम की पेशकश कर रहे हैं। बीबीए+एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स 12वीं उत्तीर्ण छात्रों के लिए फायदेमंद है, इन्हें एमबीए प्रवेश के लिए अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ती है।

4 होटल और आतिथ्य प्रबंधन में डिग्री (Degree In Hotel & Hospitality Management)
होटल प्रबंधन अध्ययन का उद्देश्य छात्रों को पर्यटन के साथ-साथ होटल उद्योग में विभिन्न भूमिकाएं निभाने के लिए तैयार करना है। डिग्री कोर्स- बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट 4 साल का होता है। ग्रेजुएशन के बाद पर्यटन क्षेत्र में अच्छी नौकरी मिल सकती है। भारत में इस समय पर्यटन क्षेत्र काफी फल-फूल रहा है। सरकार इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही है और रेलवे टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, आयुर्वेद टूरिज्म आदि जैसे सेक्टर भी अा रहे हैं। इस काेर्स के बाद सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में अच्छी नौकरी ढूंढना मुश्किल काम नहीं होगा।

5 होटल प्रबंधन में बी एससी (B.Sc. In Hotel Management)
होटल मैनेजमेंट कोर्स को MBA का ही ब्रांच कहा जा सकता है। यह बी एससी कोर्स 3 साल का होता है। बी एससी डिग्री पूरी करने के बाद, कोई एम एससी या एमबीए के लिए भी जा सकता है। इस कोर्स के कैंडिडेट होटल और रिसॉर्ट में हायर किए जाते हैं। इस कोर्स के बाद खुद का बिजनेस भी शुरू किया जा सकता है, जैसे स्कूल / कॉलेज कैंटीन शुरू करना, कॉर्पोरेट कैंटीन, अपना होटल, रेस्टोरेंट खोलना आदि।
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6 12वीं के बाद डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्स
कई नौकरी उन्मुख डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्स भी हैं। इन्हें सभी स्ट्रीम- साइंस/कॉमर्स/आर्ट्स के छात्र कर सकते हैं। इस तरह के डिप्लोमा कार्यक्रम की अवधि लगभग 1-2 वर्ष है।

  • डिप्लोमा इन रिटेल मैनेजमेंट
  • डिप्लोमा इन ऑर्गजाइजेशन मैनेजमेंट
  • डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट
  • डिप्लोमा इन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट
  • डिप्लोमा इन फैशन मार्केटिंग एंड मर्चेंडाइजिंग
  • डिप्लोमा इन मार्केटिंग एंड एडवरटाइजिंग
  • डिप्लोमा इन इवेंट मैनेजमेंट
  • डिप्लोमा इन ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट

7 बीए मैनेजमेंट कोर्स
ज्यादातर लोग बीए को पुराने और पारंपरिक पाठ्यक्रम के रूप में देखते हैं जो दर्शनशास्त्र, इतिहास, भाषा, गणित आदि विषयों से संबंधित है। लेकिन समय बदल गया है। नए विषयों और क्षेत्रों को बीए में शामिल किए गए हैं। बीए प्रोग्राम के लेवल के तहत अब 3 साल लंबे मैनेजमेंट कोर्स भी उपलब्ध हैं। कुछ प्रमुख बीए प्रबंधन कोर्स-
  • होटल मैनेजमेंट में बीए
  • रिटेल मैनेजमेंट में बीए
  • फैशन मर्चेंडाइजिंग और मार्केटिंग में बीए
  • ट्रेवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट में बीए

8 बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज)
बीबीएस एक 3 साल लंबा अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है। अंग्रेजी विषय के साथ किसी भी स्ट्रीम (विज्ञान / वाणिज्य / कला) से 10 + 2 उत्तीर्ण छात्र इस कोर्स को कर सकते हैं। यह बीबीए और बीएमएस जैसे कोर्स का एक अच्छा विकल्प है। यह कोर्स एचआर, मार्केटिंग और फाइनांस जैसे ट्रेडिशनल मैनेजमेंट सब्जेक्ट्स पर केंद्रित है।

9 बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स)
बीबीई एक 3 साल ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है। गणित और अंग्रेजी विषयों के साथ किसी भी स्ट्रीम (विज्ञान / वाणिज्य / कला) से 10 + 2 उत्तीर्ण छात्र ये कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम के छात्रों को सबसे ज्यादा सूट करता है (क्योंकि अर्थशास्त्र विषय इस कोर्स का खास अंग है)। इस कोर्स को पूरा करने के बाद, स्नातक एमबीई (मास्टर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स) नामक पीजी कोर्स के लिए जा सकते हैं, जो बीबीई प्रोग्राम का एडवांस रूप है।

10 बीआईबीएफ (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्त स्नातक)
BIBF एक 3 साल लंबा अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है। अंग्रेजी विषय के साथ किसी भी स्ट्रीम (विज्ञान / वाणिज्य / कला) से 10 + 2 उत्तीर्ण छात्र इस कोर्स को कर सकते हैं। कोर्स इंटरनेशनल बिजनेस, लेटेस्ट ट्रेंड और इंटरनेशनल बिजनेस और फाइनांस मैनेजमेंट में अपनाये जाने वाले नियमों पर फोकस है।

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Study Tips: पढ़ने के बाद भूल जाते हैं टॉपिक्स? अपनाएं ये आसान स्टडी टिप्स

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Ways To Memorize Study Notes: क्या आप भी पढ़ी हुई चीजें तुरंत भूल जाते हैं या फिर ऐसा होता है कि आपको लगता है कि कोई विषय बहुत अच्छी तरह से पढ़ कर याद कर लिया है, लेकिन जब लिखना शुरू करते हैं तो कई प्वाइंट्स भूल चुके होते हैं। स्पष्ट रूप से विषय को समझने के अलावा, याद रखना सीखने की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यहां हम आपको बता रहे हैं पढ़ी हुई चीजें को याद रखने का बेहतर तरीका क्या है:

हर टॉपिक को अच्छी तरह समझें
किसी भी चीज को सीखने का सबसे अच्छा तरीका होता है उसे पूरी तरह से समझना। किसी भी विषय के बारे में अपनी समझ में सुधार करने के लिए,आप जिस विषय को पढ़ रहे हों उसकी मूल बातों को सबसे पहले समझना जरूरी है। किसी भी विषय को समझने के लिए हमेशा उसकी सबसे आसान पुस्तक पढ़ने से शुरुआत करें। बहुत से लोग इस विषय पर सबसे जटिल किताबें उठाते हैं और उन्हें लगता है कि वे इसे पढ़ेंगे और इसे दूसरों की तुलना में बेहतर समझेंगे। लेकिन क्योंकि वे किताबें जटिल होती हैं, इसलिये अक्सर उन्हें विषय समझ में नहीं आता।
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याद रखने के लिए दोबारा किताब पढ़ें
विषय को किसी और को समझाने में सक्षम होना। जैसे ही आप इसे किसी और को समझाना शुरू करते हैं, आप जल्दी से समझ जाएंगे कि आप क्या नहीं जानते हैं। फिर उस प्वाइंट को क्लियर करने के लिए पुस्तकों में वापस जाएं और उसे दोहराएं इससे आप जिस प्वाइंट पर अटक रहे थे वह भी समझ में आ जाएगा। जैसे ही आप किसी को कुछ समझाने में सक्षम होते हैं, इसका मतलब है कि आपने विषय को समझ लिया है।

अपने पॉइंट्स को लिखकर याद करें
सेकंड प्वाइंट का अभ्यास बार-बार करें। अगर आपने दो लोगों को किसी भी विषय के बारे में समझाने का प्रयास किया है और अब तीसरे व्यक्ति को समझाने का प्रयास कर रहे हैं तो इसका मतलब साफ है कि वह विषय लगभग आपको याद हो चुका होगा। यानी लोगों को बार-बार उस विषय पर समझाएं।
होता ये है कि आपका ब्रेन प्रत्येक प्रयास में आपके द्वारा की जाने वाली हर चीज और हर चीज का थोड़ा सा हिस्सा रखता है। प्रत्येक दोहराव के साथ, आपके ब्रेन को वही याद रखने के लिए कम संघर्ष करना पड़ेगा जो वह पहले से याद रखता है। इस तरह हम अपने दिमाग में बहुत सारी चीजें याद रख सकते हैं।
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दोहराव का भी कुछ खास तरीका है-
एक ही बात को कई बार लिखें। आपको एहसास होगा कि आपको लगता है कि आप इसे जानते हैं लेकिन जब आप इसे लिखना शुरू करते हैं, तो आपको लगेगा कि कुछ-कुछ भूल रहे हैं। इस पद्धति को आजमाने से पता चलेगा कि आपने जो लिखना शुरू किया वह पूरी तरह से याद नहीं किया था और आपको फिर पुस्तक को देखना पड़ेगा। इससे भी दोहराव होगा और मेमोरी और अच्छी बनती जाएगी।

  • किसी दोस्त को सिद्धांत या विषय बताएं। विषय को दोहराने का यह एक शानदार तरीका है। ऐसा करना किसी विषय को पढ़ने का सबसे अच्छा तरीका तो है ही साथ ही आप एक दोस्त की मदद भी कर रहे हैं।
  • आप जो याद रखना चाहते हैं उसे रिकॉर्ड कर सकते हैं और इसे बार-बार सुन सकते हैं।
  • विषय से संबंधित बातों को दूसरों से सुनें। आज कल यूट्यूब पर ढेर सारे स्टडी मटेरियल उपलब्ध हैं। इसके माध्यम से एक ही विषय के कई लेक्चर्स सुनें। इससे आपको मेमोरी बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी। आप विषय को समझने के तरीकों की संख्या में वृद्धि करें। जितने अधिक तरीके, उतनी ही अधिक मेमोरी।
  • कुल मिला कर दोहराव की शक्ति को भुलाया नहीं जा सकता। एक कहानी से इसे ऐसे समझें- एक डॉक्टर एक मरीज का इलाज कर रहा था, जो पूरी तरह से याददाश्त खो चुका था, इतना कि मरीज अपने बारे में और अपने घर की चीजों के बारे में बहुत कुछ भूल गया था। डॉक्टर ने उसे एक टूथब्रश दिया और उस पर पेस्ट लगाया। रोगी ने डॉक्टर को दिखाया कि दांतों को कैसे ब्रश करना है। वह ब्रश करना क्यों नहीं भूला था? सिर्फ इसलिए कि उन्होंने इसे अपने जीवन में इतनी बार दोहराया था कि उन्हें इसके बारे में सोचना ही नहीं पड़ा।

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Career Tips: न्यूट्रिशियनिस्ट कोर्स की काफी डिमांड, जानें कितनी मिलती है सैलरी

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Nutritionist Course After 12th: विकल्पों के कारण विस्तृत हो रहे हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र जो हाल के वर्षों में काफी पॉपुलर हुआ है, वह है न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स में करियर बनाना। न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मेडिकल और फिटनेस दोनों क्षेत्रों के पैरलर चलता है, जो इसे काफी प्रोगेसिव और गोल ओरिएंटेड बनाता है। 12वीं के बाद आप इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।

ग्रेजुएशन के साथ शुरू कर सकते हैं न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स में करियर
एक न्यूट्रिशन एक्सपर्ट या डाइटिशियन डायटेटिक्स, फूड और न्यूट्रिशन, क्लिनिकल न्यूट्रिशन और पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ अपना करियर शुरू कर सकता है। इस क्षेत्र में बीएससी के रूप में बहुत सारे अवसर हैं। न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स का दायरा विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में फैला हुआ है। शारदा विश्वविद्यालय जैसे अन्य कई विश्वविद्यालयों द्वारा 12वीं के बाद डाइटिशियन कोर्स करने का विकल्प भी है। डाइटिशियन भी फूड सर्विस सिस्टम मैनेजमेंट का अध्ययन करते हैं, जो इस क्षेत्र में प्रबंधन की डिग्री के समान है। कार्यक्रम में पोषण, मनोविज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के पाठ्यक्रम शामिल हैं। कई न्यूट्रिशन और डायटेटिक्स विषय के किसी विशेष सेक्शन में स्पेशलाइजेशन के लिए और आगे की डिग्री ले सकते हैं।
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पोषण और स्वास्थ्य के बारे में गाइड करते हैं
आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ ऐसे पेशेवर हैं जो अपने पेशेंट और क्लाइंट की पोषण और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करते हैं। उनकी भूमिका सही पोषण सामग्री की तलाश करने और स्वस्थ खाने की आदतों को अपनाने में उनकी सहायता करना है। पोषण और डायटेटिक्स में डिग्री हासिल करने के बाद का करियर काफी शानदार है क्योंकि लोग आजकल स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में जागरूक होते जा रहे हैं। यह पेशा आहार, पोषण और अच्छी खाने की आदतों के बीच संबंध और विशिष्ट बीमारियों को रोकने या प्रबंधित करने के बारे में जागरूकता फैलाकर बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही इसमें पेशेंट्स के प्रोग्रेस की अच्छी तरह से डाक्यूमंटेशन की जरूरत होती है।

करियर (Career As A Nutritionist)
आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ अक्सर फ्रीलांसर के रूप में काम करते हैं और रोगियों से मिलते हैं। कुछ उम्मीदवार विभिन्न ऑर्गनाइजेशन के लिए कंसल्टेंट के रूप में काम करते हैं। कुछ कैंडिडेट एडमिनिस्ट्रेटिव टास्क जैसे मार्केटिंग, शेड्यूलिंग अपॉइंटमेंट, रिकॉर्ड रखना और क्लाइंट के लिए एजुकेशनल प्रोग्राम या इंफॉर्मेशनल मटेरिअल्स भी तैयार करते हैं। इन्हें क्लाइंट के हेल्थ के बारे में हमेशा अलर्ट रहना पड़ता है।
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अकर्षक वेतन
यह एक अत्यधिक आकर्षक और अच्छी सैलरी वाली नौकरी है। भारत में एक आहार विशेषज्ञ का वेतन काफी अधिक होता है। न्यूट्रिशियनिस्ट एक क्लाइंट या पेशेंट से एक बार का कंसल्टेशन चार्ज कम से कम ₹6,680 से ₹10, 000 तक लेते हैं। इसके अलावा, हेल्थ कोच ₹20,635 से ₹1,04,805 तक प्रति महीने कमाते हैं। पोषण और डायटेटिक्स में करियर के लिए इन प्रोफेसनल्स को बहुत ही अच्छी सैलरी दी जाती है-

  • सर्टिफाइड न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट (Certified Nutrition Specialist)
  • क्लिनिकल डाइटिशियन (Clinical Dietician)
  • डायटेटिक टेक्नीशियन (Dietetic Technicians)
  • हेल्थ कोच (Health Coach)
  • हेल्थ एडुकेटर एंड कम्युनिटी हेल्थ वर्कर (Health Educators and Community Health Workers)
  • होलिस्टिक न्यूटिशियनिस्ट (Holistic Nutritionist)
  • लाइसेंस्ड न्यूट्रिशियनिस्ट (Licensed Nutritionists)
  • न्यूट्रिशन स्पेशिलिटिज (Nutrition Specialties)
  • रजिस्ट्रर्ड डायटिशियन (Registered Dieticians)
  • रजिस्टर्ड नर्स (Registered Nurses)
  • रिहैबिलेशन काउंसिल (Rehabilitation Counsellors)
  • स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट (Sports Nutritionist)

अलग-अलग सेक्टर्स में प्रोफेशनल्स के तौर पर करते हैं काम
आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ शिक्षकों के रूप में, लोगों को स्वास्थ्य के बारे में सिखाते हैं और वेलनेस को बढ़ावा देते हैं। इसमें व्यक्तियों और समुदायों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए रणनीतियों का विकास और कार्यान्वयन भी शामिल है। इसके साथ ही, रजिस्टर्ड नर्स (आरएन) या रिहैब काउंसलर्स जैसे प्रोफेशनल्स के रूप में, केयर करने वाले सेक्टर में सहयोग करते हैं। इसके अलावा, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट के रूप में, स्पोर्टस पर्सन को सही पोषण लेने में मदद करते हैं। स्कूलों और अस्पतालों में फूड एंड न्यूट्रिशन में करियर बनाया जा सकता है। अन्य मेडिकल फैसलिटी हेल्प जैसे रिहैबिलेशन सेंटर भी स्वास्थ्य और पोषण विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाती है। इसके साथ ही, पोषण विशेषज्ञ और आहार विशेषज्ञ लॉन्ग टर्म केयर फैसलिटीज, कॉरपोरेशन, फूड मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज, कम्युनिटी एंड पब्लिक हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, स्वास्थ्य संगठनों, गवर्मेंट एजेंसियों और नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन में भी काम कर सकते हैं।

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Career After MBA: अच्छी सैलरी के साथ MBA के बाद मिलते हैं कई करियर ऑप्शन

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Career Opportunities And Salary After MBA: मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिट्रेशन (एमबीए) एक स्पेशलाइजेशन प्रोग्राम है जो बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है। एमबीए की डिग्री आपको व्यवसाय के क्षेत्र में एक प्रगतिशील करियर शुरू करने में मदद कर सकती है। चूंकि एमबीए कई अलग-अलग बिजनेस और मैनेजमेंट स्ट्रीम में स्पेजलाइजेशन देता है, इसलिए जल्दबाजी में निर्णय लेने से पहले प्रत्येक के बारे में जानकारी लेकर समझना आवश्यक है।

फाइनांस में एमबीए (MBA in Finance)
फाइनांस में एमबीए बैंकिंग, फाइनांस सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ की संभावनाओं वाला पॉपुलर एमबीए स्पेशलाइजेशन है। फाइनांस मैनेजमेंट किसी भी इंडस्ट्रीज के फाइनांशियल रिसोर्सेज/एसेट्स की प्लानिंग, मैनेजमेंट और विनियमन पर केंद्रित है। फाइनांस में एमबीए पूरा करने के बाद, कॉरपोरेट फाइनांस, कॉरपोरेट बैंकिंग, क्रेडिट रिस्क मैनेजमेंट, एसेट मैनेजमेंट, हेज फंड मैनेजमेंट, प्राइवेट इक्विटी, ट्रेजरी, सेल्स एंड ट्रेडिंग में करियर बनाने के विकल्प हैं।
गोल्डमैन सैक्स, मेरिल लिंच, मॉर्गन स्टेनली और जेपी मॉर्गन भारत में एमबीए फाइनेंस प्रोफेशनल्स की भर्ती करने वाले कुछ शीर्ष भर्ती कर्ता हैं।

सैलरी
भारत में, शीर्ष बी-स्कूलों से फाइनांस में एमबीए ग्रेजुएट काे 10 से 15 लाख रुपये के पैकेज, अन्य संस्थानों से आने वाले उम्मीदवार 4 से 6 लाख रुपये के शुरुआती पैकेज कमा सकते हैं। बढ़ते अनुभव और ज्ञान के साथ वेतन बढ़ता है। मध्यम स्तर के प्रोफेशनल्स 20 से 30 लाख रुपये का वार्षिक पैकेज कमाते हैं, जबकि वरिष्ठ स्तर के प्रोफेशनल्स 35 - 50 लाख और उससे भी अधिक प्रति वर्ष कमाते हैं।
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बिजनेस एनालिटिक्स में एमबीए (MBA in Business Analytics)
बिजनेस एनालिटिक्स में एमबीए एक स्पेजलाइजेशन फिल्ड है जो छात्रों को विभिन्न एनालिटिकल टूल्स (सांख्यिकीय और मात्रात्मक विश्लेषण, व्याख्यात्मक और प्रीडिक्टिव मॉडलिंग, डेटा विजुअलाइजेशन, आदि) का उपयोग करने के तरीके सीखाता है ताकि कई स्रोतों से डेटा एकत्र किया जा सके। ताकि कस्टमर बिहेवियर, मार्केट ट्रेंड और बिजनेस इंटेलिजेंस से संबंधित अन्य मामले में इसका उपयोग कर विश्लेषण किया जा सके।
बिजनेस एनालिटिक्स में एमबीए ग्रेजुएट सूचना प्रौद्योगिकी, हेल्थकेयर, वित्तीय संस्थानों, ई-कॉमर्स इत्यादि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, एक्सेंचर, कैपजेमिनी, विप्रो, अमेजॅन इत्यादि बिजनेस एनालिटिक्स पेशेवरों के लिए कुछ शीर्ष भर्ती कर्ता हैं।

सैलरी
व्यापार में एनालिटिक्स के बढ़ते महत्व के कारण भारत में बिजनेस एनालिटिक्स पेशेवरों का औसत वेतन 11 लाख प्रति वर्ष जबकि फ्रेशर्स लगभग 5 - 8 लाख प्रति वर्ष, अनुभवी पेशेवर 10 - 18 लाख प्रति वर्ष और शीर्ष स्तर के लोग 30 - 55 लाख सालाना तक वेतन पा सकते हैं।

मार्केटिंग में एमबीए (MBA in Marketing)
मार्केटिंग मैनेजमेंट में एमबीए व्यवसाय के मार्केटिंग पहलू पर केंद्रित है। जिसमें छात्रों को ब्रांड मार्केटिंग, बिक्री, विभिन्न मार्केटिंग चैनलों और तकनीकों, एक्जीक्यूटिव और लीडरशिप मैनेजमेंट स्किल, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, मार्केट रिसर्च, कस्टमर बिहेवियर के बारे में पढ़ाया जाता है। मार्केटिंग मैनेजमेंट में MBA करने के बाद आप निम्नलिखित क्षेत्रों में नौकरी पा सकते हैं –
कॉम्पेटिटिव मार्केटिंग, बिजनेस मार्केटिंग, ऑनलाइन मार्केटिंग, एनालिटिकल मार्केटिंग, कस्टमर रिलेशनशिप मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग मैनेजमेंट, प्रोडक्ट एंड ब्रांड मैनेजमेंट, रीटेलिंग मैनेजमेंट के क्षेत्र में कई विकल्प हैं। मार्केटिंग मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स एडवर्टाइजिंग एजेंसी, मार्केटिंग कंपनी, एफएमसीजी सेक्टर, फाइनांशियल सर्विस, आईटी आदि में जॉब पा सकते हैं। भारत में कुछ प्रमुख भर्ती कंपनियां हैं - एक्सेंचर, अमेज़ॅन, कैपजेमिनी, इंडसइंड बैंक, आईएनजी वैश्य बैंक, इंडिया इंफोलाइन, आदि।
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सैलरी
भारत में मार्केटिंग मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स फ्रेशर्स जो प्रतिष्ठित बी-स्कूलों के ग्रेजुएट हों का वार्षिक वेतन 3.5 - 18 लाख तक हो सकता है। वेतन अनुभव के साथ बढ़ता है जो 15 - 40 लाख प्रति वर्ष तक हो सकता है।

ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में एमबीए (MBA in Human Resource Management)
ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में एमबीए ऑर्गजाइजेशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कर्मचारियों के प्रदर्शन को ज्यादा से ज्यादा करने पर फोकस है। यह छात्रों को मानव संसाधनों का प्रबंधन करने के तरीके के बारे में बताता है। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स आईटी कंपनियों, कानून फर्मों, विज्ञापन फर्मों, खुदरा कंपनियों, मीडिया घरानों, समाचार पत्रों आदि में रोजगार के भरपूर अवसर पा सकते हैं।

सैलरी
एक एचआर प्रोफेशनल प्रति वर्ष 2.5 - 4 लाख रुपये का प्रारंभिक वेतन पा सकता है। हालांकि, प्रतिष्ठित बी-स्कूलों के ग्रेजुएट लगभग रु. 4.5 - 8 लाख प्रति वर्ष मध्य स्तर के पदों के लिए, वार्षिक वेतन 10-18 लाख, जबकि वरिष्ठ स्तर के पेशेवर लगभग 25 - 40 लाख प्रति वर्ष पा सकते हैं।

ऑपरेशंस मैनेजमेंट में एमबीए (MBA in Operations Management)
ऑपरेशंस मैनेजमेंट का काम उत्पाद की गुणवत्ता और लागत, निर्माण समय, उत्पादकता बढ़ाने और ग्राहकों की संतुष्टि को बढ़ाने सहित व्यवसाय संचालन से संबंधित हर चीज को अनुकूलित करने के इर्द-गिर्द घूमता है। खरीद प्रबंधन, सूची प्रबंधन, विक्रेता प्रबंधन और उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) एक व्यवसाय के संचालन प्रबंधन और सप्लाई चेन बनाते हैं।
इस विशेषज्ञता के साथ ग्रेजुएट आमतौर पर उत्पाद / सेवा आधारित इकाइयों में नौकरी प्राप्त करते हैं जिसमें रिटेल, लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्टेशन, मैन्यूफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, फाइनांस इंस्टीट्यूशन, मैनेजमेंट कंल्टेंसी, इंफॉरमेंशन टैक्नोलॉजी आदि में नौकरी पाते हैं। डैमको, ब्लू डार्ट, फर्स्ट फ्लाइट, गेल, ओएनजीसी, और एनएचपीसी भारत में ऑपरेशन मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए प्रमुख भर्ती करने वालों में से हैं।

सैलरी
भारत में, ऑपरेशंस मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स का औसत शुरुआती वेतन 4 - 7.5 लाख। प्रतिष्ठित बी-स्कूल ग्रेजुएट्स 6 - 10 लाख प्रति वर्ष, मध्य स्तर के प्रोफेशनल्स का वार्षिक वेतन 15-20 लाख और अपर लेवल के प्रोफेशनल्स का 28 - 40 लाख तक होता है।

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Career After English Literature: इंग्लिश लिटरेचर के बाद ये हैं बेहतरीन करियर ऑप्शन, कर सकते हैं ट्राई

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Career In English Literature: अंग्रेजी लिटरेचर में ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ करियर के कई विकल्प हैं। डिग्री के साथ कम्यूनिकेशन और राइटिंग स्किल बेहतर हो तो मीडिया से लेकर प्राइवेट, सरकारी ऑर्गनाइजेशन में करियर की भरमार है। जानें इस सब्जेक्ट के साथ ऐसे ही कुछ खास करियर ऑप्शन के बारे में।

अंग्रेजी साहित्य डिग्री के साथ मीडिया और पत्रकारिता में करियर
मीडिया सेक्टर में टेलीविजन से लेकर फिल्म, अखबार से लेकर न्यूज ब्लॉग, विज्ञापन से लेकर पीआर और गेमिंग से लेकर गेम रिव्यू तक सब कुछ शामिल है। बढ़िया लेखन वाले अंग्रेजी लिटरेचर ग्रेजुएशन की बहुत मांग है। यहां आपको यह चुनने की जरूरत है कि आपको किस क्षेत्र में जाना है, आप एक संपादक, कंटेंट राइटर, ब्लॉग लेखक, समीक्षा लेखक और बहुत कुछ हो सकते हैं। आप मीडिया में शीर्ष तक पहुंच सकते हैं। मीडिया और पत्रकारिता में अपने रोजगार के विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए, आपको सोशल मीडिया, पर्सनल पोर्टफोलियो, वर्तमान मीडिया के अनुरूप क्षमताओं के साथ एक्टिव रहने की जरूरत है।
अंग्रेजी लिटरेचर में यूजी या पीजी डिग्री हासिल करने के दौरान, आपको विभिन्न मीडिया एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली इंटर्नशिप में भाग लेने की जरूरत होती है। आपको ब्लॉग के लिए समाचार लिखकर, फिल्मों की समीक्षा करके और कंटेट या ई-मेल ड्राफटिंग जैसे एक्सपीरिएंश प्राप्त करने की आवश्यकता है। डिजिटल पब्लिशिंग में विभिन्न करियर विकल्प हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक जर्नल और ई-बुक्स के साथ-साथ ऑनलाइन न्यूज साइट्स और मैगजीन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। एक अंग्रेजी साहित्य स्नातक के पास डिजिटल प्रकाशन में विभिन्न कार्य होते हैं जिसमें कंटेंट एडिटिंग और साइटों पर पब्लिशिंग शामिल है।
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टीचिंग और एकेडमिक करियर
एक इंगलिश लिटरेचर ग्रेजुएट माध्यमिक स्तर से विश्वविद्यालय स्तर तक छात्रों को पढ़ाने में सक्षम है। हालांकि, शिक्षक या प्रोफेसर बनने के लिए अतिरिक्त योग्यता की आवश्यकता होती है। विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में अंग्रेजी शिक्षकों की बहुत मांग है। अधिकांश स्कूल उच्च वेतन के लिए अंग्रेजी शिक्षकों को नियुक्त करते हैं। इसी तरह, देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अंग्रेजी व्याख्याताओं या प्रोफेसरों की मांग है। आजकल अधिकांश कोचिंग सेंटर जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रदान करते हैं, वे अंग्रेजी साहित्य स्नातकों को भी नियुक्त करते हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए व्याकरण पढ़ा सकते हैं। ये संस्थान हर घंटे के आधार पर प्रशिक्षकों की भर्ती करते हैं और आकर्षक वेतन देते हैं।

विज्ञापन और जनसंपर्क में करियर
अंग्रेजी साहित्य स्नातकों के पास रचनात्मकता, संचार कौशल, कल्पना, तर्क और लेखन कौशल होना चाहिए जो उन्हें विज्ञापन और जनसंपर्क में विभिन्न करियर के विकल्प देता है। इन नौकरियों में विज्ञापन कॉपीराइटर, क्रिएटिव डायरेक्टर, इवेंट ऑर्गनाइजर, मैनेजर और अन्य शामिल हैं। ये रोमांचक करियर हैं जहां आपको अपनी बात करने की कला, क्रिएटिविटी और राइटिंग स्किल का उपयोग करने की आवश्यकता होती है।
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बीपीओ में करियर
बीपीओ में अच्छे वेतन के साथ नौकरियों के विकल्प हाेते हैं। इन नौकरियों के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री काफी है। हालांकि, यदि आप यूएस या यूके स्थित बीपीओ में काम करने के इच्छुक हैं, तो आपके पास बहुत ही बढ़िया कम्यूनिकेशन स्किल होना जरूरी है साथ-साथ एक अमेरिकी उच्चारण accent भी आना जरूरी है। डेल, एक्सेंचर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और अन्य जैसी कंपनियां आमतौर पर उन लोगों को नौकरी की पेशकश करती हैं जिनके पास अंग्रेजी पर अच्छा कमांड होने के साथ उच्चारण भी बढ़िया हो।

नागरिक सेवाएं (Civil Services)
यदि आप सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी की तलाश में हैं तो सिविल सेवा सबसे अच्छा विकल्प है। अंग्रेजी साहित्य में अधिकांश स्नातकों ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। हालांकि, इन नौकरियों के लिए बहुत कंपीटिशन है। यदि आप सिविल सेवा परीक्षा पास करना चाहते हैं, तो आपको अपने सोशल लाइफ को पूरी तरह से छोड़ कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना होगा।

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Career In Economics: इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में कैसे बनाएं करियर, कौनसी नौकरियां दिलाएंगी रुतबा और शोहरत

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Career In Economics Field: यदि आपके पास गणित की अच्छी खासी समझ, तार्किक दृष्टिकोण और कम्युनिकेशन स्किल है तो आप अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। बाजारों में अपनी उच्च उपयोगिता और नौकरी के भारी मांग के कारण अर्थशास्त्र का दायरा विविध अवसरों से भरा हुआ है। एक प्रशिक्षित अर्थशास्त्री की न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में उच्च मांग होती है। हम आपको बता रहे हैं अर्थशास्त्र क्षेत्र के कुछ बेहतरीन करियर स्कोप जिसमे आप अपना करियर बना सकते है।
जानें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में क्या हैं करियर स्कोप:

शिक्षक या प्रोफेसर (Teaching Profession)
शिक्षण पेशा अर्थशास्त्र में सर्वश्रेष्ठ करियर स्कोप में से एक है। अर्थशास्त्र स्नातक के रूप में, आप सीटीईटी या अन्य राज्य स्तरीय शिक्षण परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और शिक्षक बन सकते हैं। अगर आपके पास एमए की डिग्री है तो राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। और भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर या किसी शोध संस्थान में जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्राप्त कर सकते हैं। बेशर्त आपने एमए में 50 प्रतिशत से उत्तीर्ण किया हों।

भारतीय आर्थिक सेवाएं (Indian Economics Services)
IES अर्थशास्त्र में एक बेहतरीन करियर स्कोप है। आपको भारतीय आर्थिक सेवा परीक्षा में उपस्थित होने के लिए एमएससी या एमए कम से कम 55% अंकों के साथ पुरा करना होगा। चयन के बाद, देश के लिए योजना आयोगों में आर्थिक योजना और विश्लेषण जैसे कार्य करने का अवसर मिलता है। योजना बोर्ड, आर्थिक मामलों के मंत्रालय, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण और अन्य विभागों में भी रखा जा सकता है।
आईईएस परीक्षा यूपीएससी द्वारा आयोजित कराया जाता है।
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बीएफएसआई (BFSI)
BFSI (Banking, financial services and insurance) अर्थशास्त्र में सबसे लोकप्रिय करियर स्कोप है। बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए, आप आईबीपीएस और स्टेट बैंक भर्ती परीक्षा जैसी परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, अर्थशास्त्र की बड़ी कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भी काम के अवसर मिल सकते हैं। सार्वजनिक, निजी या विदेशी बैंकों में क्लर्क, विकास अधिकारी, शाखा प्रबंधक, आर्थिक सलाहकार आदि के रूप में भी काम कर सकते हैं।

बीमांकक और डेटा विश्लेषण (Actuary and Data Analysis)
बीमांकिक विज्ञान, उद्योग में कार्य कर रहे व्यवसायों और संगठनों को प्रभावित करने वाले जोखिमों और अनिश्चितताओं को मापने और प्रबंधित करने पर केंद्रित है। ऐसे जोखिमों की भविष्यवाणी करने और उनके प्रबंध के लिए परिसंपत्ति प्रबंधन, देयता प्रबंधन, गणित और संभाव्यता, डेटा विश्लेषण और मूल्यांकन सहित कई स्किल्स और ज्ञान की जरुरत होती है, जिसके लिए अर्थशास्त्रीयों की नियुक्ती की जाती है।

अनुसंधान और परामर्श (Research and Consultancy)
अर्थशास्त्र के ग्रेजुएड अर्थशास्त्र अनुसंधान में करियर का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें उन्हें कई तरह के काम जैसे कि डेटा एकत्र करना, बाजार के रुझान का पूर्वानुमान, आर्थिक और सांख्यिकीय डेटा का अध्ययन करना होता है।
उम्मीदवार परामर्श फर्मों में भी शामिल हो सकते हैं या स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं। आम तौर पर, आर्थिक सलाहकार वित्तीय सेवाओं, श्रम, बाजार विश्लेषण, दूरसंचार आदि जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञ के रुप में काम करते हैं।
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उद्यमिता (Entrepreneurship)
अर्थशास्त्रियों के पास बाजार के बारे में अच्छा खासा ज्ञान होता है। वे बाजार के रुझान और व्यापार के लाभदायक क्षेत्रों को जल्दी से समझ पाते हैं। इसलिए अपना खुद का व्यवसाय शुरु करना भी एक बेहतरीन करियर स्कोप है अर्थशास्त्र के स्टुडेंट्स के लिए।

अब इस क्षेत्र की ज्यादा कमाई वाली नौकरियां जान लीजिए:

अर्थशास्त्री (Economist)
अर्थशास्त्री डेटा इक्टठा करने के लिए डेटा नमूनाकरण और सर्वेक्षण तकनीकों में अत्याधिक कुशल होते हैं तथा इसकी मदद से, वे पूर्वानुमान के लिए वर्तमान और ऐतिहासिक दोनों प्रवृत्तियों का मूल्यांकन करते हैं, जो व्यवसायों और संगठनों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
भारत में अर्थशास्त्रियों का औसत वार्षिक वेतन ₹783,829 है।

बाजार अनुसंधान विश्लेषक (Market Research Analyst)
एक बाजार अनुसंधान विश्लेषक का काम अपने ज्ञान, विश्लेषणात्मक और सांख्यिकीय स्किल्स के उपयोग से उपस्थित डेटा का इस्तेमाल कर कंपनी के मुनाफे को बढ़ाना होता है।
भारत में एक मार्केट रिसर्च एनालिस्ट का औसत वेतन साढ़े 5 लाख के करीब होता है।

क्रेडिट विश्लेषक (Credit Analyst)
क्रेडिट एनालिस्ट ऐसे विशेषज्ञ होते हैं जो किसी व्यक्ति या व्यवसाय की साख का निर्धारण करते हैं। वे संभावित ग्राहकों का सूक्ष्म आर्थिक विश्लेषण करते हैं ताकि उन्हें ऋण देने से जुड़े जोखिमों का मूल्यांकन और पहचान की जा सके।
भारत में क्रेडिट विश्लेषकों का औसत वार्षिक वेतन ₹592,605 है।

सांख्यिकीविद (Statistician)
सांख्यिकीविद व्यावसायिक समस्याओं का सबसे उपयुक्त समाधान खोजने के लिए कठिन तथ्यों और संख्याओं का अध्ययन करते हैं। संक्षेप में, इनका काम मात्रात्मक डेटा एकत्र करने, विश्लेषण करने, व्याख्या करने और प्रस्तुत करने से संबंधित होता हैं।
भारत में सांख्यिकीविदों का औसत वेतन ₹511,759 है।

वित्तीय विश्लेषक (Financial Analyst)
वित्तीय विश्लेषक कंपनी को स्मार्ट निवेश निर्णय लेने में मदद करने के लिए बाजार के रुझान, जनसांख्यिकी और सूक्ष्म आर्थिक कारकों का अध्ययन करते हैं।
भारत में वित्तीय विश्लेषकों का औसत वार्षिक वेतन ₹409,903 है।

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Career In Interior Design: इंटीरियर डिजाइनिंग में कैसे बनाएं करियर, क्या है जॉब स्कोप

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Interior Designing Career Scope: इंटीरियर डिजाइनिंग खाली इनडोर स्पेस को कलात्मक, रचनात्मक और टेक्नीक के माध्यम से आकर्षक बनाने की कला सिखाता है। इस कोर्स के साथ इंटीरियर, टेक्सटाइल और फर्नीचर डिजाइन के साथ-साथ आर्किटेक्चरल टेक्नोलॉजी, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट आदि में करियर बना सकते हैं। आज के समय में हर कोई अपने घर, ऑफिस को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक बनाना चाहता है जो कि इंटीरियर डिजाइनिंग के माध्यम से ही हो पाता है। यही वजह है कि इंटीरियर डिजाइनिंग तेजी से उभरता हुआ करियर बन रहा है।

इंटीरियर डिजाइनिंग का बढ़ता दायरा
आज के समय में इंटीरियर डिजाइनिंग केवल घरों को सजाने तक सीमित नहीं है। अब अपार्टमेंट, बंगला, ऑफिस, हॉस्पिटल, होटल, ऑडिटोरियम, कियोस्क समेत अन्य पब्लिक प्लेसेज भी इंटीरियर डिजाइनर की मदद से आकर्षक बनाए जा रहे हैं।

स्किल
  • इंटीरियर डिजाइन की अच्छी समझ, रुचि, रचनात्मकता
  • कस्टमर की डिमांड के अनुसार डिजाइन बदलने की क्षमता
  • कस्टमर के बजट के अनुसार इंटीरियर डिजाइनिंग
  • नए टेंड, डिमांड की समझ
  • बेहतर कम्यूनिकेशन स्किल
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करियर
  • इंटीरियर डिजाइनर घर, ऑफिस समेत अन्य पब्लिक-प्राइवेट प्लेस को अपने कस्टमर के बजट के अनुसार खूबसूरत, आकर्षक बनाते हैं।
  • इंटीरियर डिजाइनिंग कोर्स के साथ ऑफिस डिजाइनिंग, किचन डिजाइनिंग, होटल डिजाइनिंग, रूम डिजाइनिंग, बिजनेस डिजाइनिंग में व अन्य में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।
  • इंटीरियर डिजाइनर फ्रीलांसर होने के साथ ही किसी कंपनी के साथ भी जुड़ कर काम कर सकते हैं। - ऑर्किटेक्ट फार्म, होटल, रिजॉर्ट चेन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, टाउन प्लानिंग ब्यूरो, हॉस्पिटल, मॉल, शोरूम आदि में खुद के इंटीरियर डिजाइनिंग सर्विस भी दे सकते हैं।
  • फिल्म और टीवी इंडस्ट्रीज में भी अच्छे इंटीरियर डिजाइनर्स की डिमांड है।

योग्यता
  • 12वीं पास कैंडिडेट इंटीरियर डिजाइनर कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • प्रवेश परीक्षा के माध्यम से अच्छे सरकारी संस्थानों में प्रवेश दिया जाता है।
  • कई संस्थान, कॉलेज व यूनिवर्सिटी इंटीरियर डिजाइनिंग कोर्स में डिप्लोमा भी कराते हैं।

इंटीरियर डिजाइन में एसोसिएट डिग्री
इंटीरियर डिजाइन में एसोसिएट डिग्री शिक्षार्थियों को दो साल के अध्ययन के बाद इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए तैयार करती है - इंटीरियर डिजाइन में करियर बनाने का सोच रहे लोगों के लिए यह एक बढ़िया विकल्प। इस डिग्री के बाद प्रोफेशनल्स डिजाइन फर्मों के साथ-साथ अन्य क्रिएटिव पोस्ट पर काम कर सकते हैं।

कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अपने डिजाइनों को तकनीकी ड्राइंग में बदलने के लिए ड्राफ़्टर आर्किटेक्ट और इंजीनियरों के साथ काम करते हैं। स्केच बनाते हैं और आर्किटेक्चरल डिटेल जोड़ कर इसे प्रैक्टिकल रूप देते हैं। वे डायमेंशंस भी बनाते हैं, मेटेरियल्स के बारे में बातते हैं, और नए डिजाइन भी पेश करते हैं। इस कोर्स को करने के बाद डाफ्टर, कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग इंस्पेक्टर, वुडवर्कर बन सकते हैं। वेतन $56,830 (₹42,17,524) तक होता है।
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इंटीरियर डिजाइनिंग में बैचलर डिग्री
इंटीरियर डिजाइनिंग में बैचलर डिग्री। इसमें डिजाइन एलिमेंट्स, वातावरण निर्माण, विज्युअल कम्यूनिकेशन, मेटेरियल्स एंड एपलीकेशन, टिकाऊ वातावरण और कलर थ्योरी के बारे में पढ़ाया जाता है। ज्यादातर ये कोर्स 4 साल के होते हैं हालांकि कम अवधि के भी कोर्स उपलब्ध हैं। इंटीरियर डिजाइनर क्लाइंट के निर्देश अनुसार इनडोर स्पेस बनाते हैं। वे नवीनीकरण के लिए स्थानों का दौरा करते हैं, डिजाइन, योजनाएं बनाते हैं, खर्च का अनुमान बताते हैं, कंस्ट्रक्शन के दौरान प्रोजेक्ट की देखरेख करते हैं, और क्लाइंट के साथ काम करते हैं ताकि उनकी शैली से मेल खाने वाले डिज़ाइन बन सकें। इंटीरियर डिजाइनर, लैंडस्केप आर्किटेक, इंडस्ट्रियल डिजाइनर, कंस्ट्रक्शन मैनेजर बन सकते हैं। वेतन: $56,040 (₹41,58,784)

इंटीरियर डिजाइन में मास्टर डिग्री
मैनेजेरिअल और लीडरशिप वाले पोस्ट के लिए कैंडिडेट अक्सर इंटीरियर डिजाइन में मास्टर की पढ़ाई करते हैं। यह डिग्री प्रोफेशनल्स की अन्य टीमों का नेतृत्व करने के लिए जरूरी नॉलेज देती है। इस कोर्स के बाद इंटीरियर डिजाइन डायरेक्टर, आर्किटेक्चरल मैनेजर, अर्बन-रिजनल प्लानर, सिविल इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर बन सकते हैं। ये अक्सर अन्य डिजाइनरों की देखरेख के लिए इंटीरियर डिजाइन फर्मों के अपर लेवल पर काम करते हैं। चल रही परियोजनाओं पर परामर्श और काम पर रखने, बजट बनाने, कर्मचारी मुआवजा और बेनिफिट, मार्केटिंग और सेल्स जैसे एडमिनिस्ट्रेटिव कार्यों को संभालते हैं। वेतन $95,630 (₹70,96,797) के तक।

इंटीरियर डिजाइन में डॉक्टरेट की डिग्री
इंटीरियर डिजाइन में डॉक्टरेट प्रोग्राम इस विषय की उच्चतम शिक्षा है। जो व्यक्ति इस कोर्स को करते हैं वे आमतौर पर रिसर्च, पोस्ट सेकंडरी टीचिंग या एडवांस बिजनेस रोल में काम करते हैं। कई स्पेशलाइज्ड कोर्स को पूरा करने के अलावा, छात्र रिसर्च करते हैं और रिसर्च मैनेजमेंट भी लिखते हैं। ये कोर्स पूरे होने में 3-5 साल लगते हैं, हालांकि अंशकालिक विकल्प भी हैं। ये कार्यक्रम मास्टर स्तर के शोध से परे जाते हैं।

इस कोर्स के बाद इंटीरियर डिजाइन प्रोफेसर, इंटीरियर डिजाइन रिसर्चर, चीफ एक्जीक्यूटिव ऑॅफिसर जैसे पदों पर काम करते हैं। ये प्रोफेशनल्स इस फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक इंटीरियर डिजाइनरों को शिक्षित करने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में काम करते हैं। वे व्याख्यान देते हैं, पेपर और प्रोजेक्ट असाइन करते हैं, ग्रेड परीक्षा देते हैं, मेंटरशिप प्रदान करते हैं, और असाधारण छात्रों के लिए नेटवर्किंग कनेक्शन प्रदान करते हैं। वेतन: $79,540 (₹59,02,742) तक होता है।

अन्य कोर्स
  • डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइन
  • डिप्लोमा इन इंटीरियर स्पेस एंड एथनिक डिजाइन
  • बीबीए इन इंटीरियर डिजाइन
  • एमबीए इन इंटीरियर डिजाइन
  • पीजी डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइन
  • एडवांस डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइन

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