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Career In Fine Arts: फाइन आर्ट्स में मिलते हैं बेहतरीन करियर ऑप्शन, जानें कितनी सैलरी

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Career In Fine Arts After 12th: फाइन आर्ट्स में करियर के शानदार विकल्प हैं। लेकिन इस फील्ड में आगे बढ़ने के लिए कैंडिडेट्स में कुछ जरूरी स्किल्स जैसे क्रिएटिविटी, इमेजिनेशन का होना बहुत जरूरी है। अगर आपके अंदर ये क्वालिटी हैं, तो आपके लिए फाइन आर्ट्स कोर्स एक बढ़िया करियर विकल्प हो सकता है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए 12वीं के बाद फाइन आर्ट्स कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं।

फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिग्री
फाइन आर्टस पेंटिंग, ड्रॉइंग, मूर्तिकला, साहित्य, म्यूजिक, डांस, वास्तुकला और थिएटर का अध्ययन है। फाइन आर्ट एक ऐसा आर्ट फॉर्म है जो उसकी सुंदरता को दिखाता है। ग्रेजुएशन डिग्री पाठ्यक्रम के माध्यम से कैंडिडेट को विज्युअल और परफॉर्मिंग आर्ट की पढ़ाई कराई जाती है। यह डिग्री छात्रों को कलाकार बनने और कला के निर्माण से जुड़ी अन्य जरूरी नियम, फैक्ट्स से रूबरू कराती है, प्रशिक्षण देती है।

फाइन आर्ट ग्रेजुएशन डिग्री से एक्टिंग, म्यूजिकल थिएटर, सेरेमिक, कंप्यूटर एनीमेशन, क्रिएटिव राइटिंग, डांस, ड्रामेटिक राइटिंग, ड्राइंग, फाइबर, फिल्म प्रोडक्शन, विजुअल इफेक्ट, एनीमेशन, ग्राफिक डिजाइन, इल्यूस्ट्रेशन, इंडस्ट्रियल डिजाइन, विजुअल आर्ट, टेक्नीकल आर्ट, इंटीरियर डिजाइन, मेटलवर्किंग, म्यूजिक, न्यू मीडिया, पेंटिंग, फोटोग्राफी, प्रिंटमेकिंग, मूर्तिकला, स्टेज मैनेजमेंट, टेलीविजन प्रोडक्शन जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। ग्रेजुएशन ऑफ फाइन आर्ट्स के बाद मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स भी कर सकते हैं। इसके बाद पीएचडी या एमफिल करने के बाद टीचिंग के फील्ड में बेहतरीन मौके मिलते हैं।
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नौकरी के अवसर
आज फाइन आर्ट में अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्तमान में, भारत में युवा उच्च सैलरी, लोकप्रियता और प्रतिष्ठा पाने के लिए इस क्षेत्र का चयन कर रहे हैं। फाइन आर्ट ग्रेजुएट को विभिन्न क्षेत्रों जैसे आर्ट स्टूडियो, विज्ञापन कंपनियों, पब्लिशिंग हाउस, प्रोडक्ट डिजाइन, मैन्यूफैक्चरिंग डिपार्टमेंट, पत्रिकाओं, टेलीविजन, ग्राफिक आर्ट, टीचिंग, थिएटर प्रोडक्शंस और कई अन्य क्षेत्रों में करियर विकल्प मिलते हैं जो आर्ट डिपार्टमेंट से संबंधित हैं।

फाइन आर्ट ग्रेजुएट कैंडिडेट डिजिटल डिजाइनर, ग्राफिक डिजाइनर, आर्टिस्ट विज्यूअलाइजिंग प्रोफेशनल्स, आर्ट प्रोफेशनल्स, इल्यूस्ट्रेटर्स, क्राफ्ट आर्टिस्ट, एनिमेटर, लेक्चरर, आर्ट म्यूजियम टेक्नीशियन, आर्ट कंजर्वेटर, आर्ट डायरेक्टर की नौकरी पा सकते हैं।

सैलरी
फाइन आर्ट्स फील्ड में बेहतर करियर के लिए जरूरी है कि कैंडिडेट्स नए- नए एक्सपेरिमेंट करते रहें। इससे कला में पकड़ और ज्यादा मजबूत बनेगी। अगर आपके अंदर कला की अच्छी समझ विकसित हो गई, तो आप लाखों- करोड़ों रूपये कमा सकते हैं। फाइन आर्ट प्रोफेशनल की सैलेरी की बात करें, तो शुरुआती दौर में 15 से 20 हजार रुपये आसानी मिल जाते हैं। जैसे-जैसे एक्सपीरियंस बढ़ता जाता है सैलेरी भी बढ़ती जाती है।
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योग्यता
10+2 परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार फाइन आर्ट में ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए पात्र होते हैं। फाइन आर्ट में ग्रेजुएट की डिग्री वाले उम्मीदवार फाइन आर्ट में मास्टर डिग्री के लिए पात्र होते हैं।

फाइन आर्ट प्रोफेशनल्स को हायर करने वाली कंपनी
इंडस्ट्रीज / कंपनीज जो फाइन आर्ट प्रोफेशनल्स को हायर करती हैं। पब्लिशिंग हाउस, डिजाइन मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी, मैग्जीन, टैक्सटाइल इंडस्ट्रीज, कॉलेज (Teaching), डिजिटल मीडिया, एडवर्टाइजिंग कंपनीज।

भारत में फाइन आर्ट के टॉप कॉलेज
  • कला भवन (Institute of Fine Arts), शांतिनिकेतन
  • संगीत और ललित कला संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
  • सर जे जे इंस्टिट्यूट ऑफ़ एप्लाइड आर्ट्स, मुंबई
  • दृश्य कला संकाय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  • कला महाविद्यालय, दिल्ली

विदेशों में फाइन आर्ट के लिए टॉप कॉलेज
  • न्यूकैसल यूनिवर्सिटी, यूके
  • नॉर्थईस्टर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी, यूएसए
  • ऑकलैंड यूनिवर्सिटी, न्यूजीलैंड
  • साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी, यूके
  • न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया

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UPSC NDA Preparation: 12वीं के बाद डिफेंस में जाने के लिए दें एनडीए एग्जाम, ये हैं तैयारी के ट्रिक्स

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NDA Exam Preparation Tips: भारतीय रक्षा बलों में शामिल होना के लिए एनडीए परीक्षा सबसे प्रमुख है। यह परीक्षा UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) द्वारा आयोजित की जाती है। यह छात्रों के लिए भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना में शामिल होने का प्रवेश द्वार है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो साल में दो बार आयोजित की जाती है। NDA 2021 प्रिपरेशन टिप्स इस परीक्षा को आसानी से क्रैक करने में आपकी मदद कर सकते हैं। हम आज यहां बता रहे हैं एनडीए 2021 की प्रिपरेशन टिप्स व इसे क्रैक करने की ट्रिक।

अपनी स्टडी को स्मार्ट तरीके से शेड्यूल करें
बेहतर तैयारी के लिए स्मार्ट स्टडी प्लान होना जरूरी है। यहां, स्मार्ट स्टडी प्लान का मतलब है अपने टाइम और एनडीए 2021 के सिलेबस को कुशलतापूर्वक मैनेज करना। आपका प्रिपरेशन शेड्यूल अच्छी तरह से अनऑर्गनाइज्ड होना चाहिए ताकि आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।

आपका बेसिक क्लियर होना चाहिए
सबसे पहले, अपने पूरे पाठ्यक्रम का विश्लेषण करें और उन विषयों को चिह्नित करें जिनमें अधिक एकाग्रता की आवश्यकता होती है। बेसिक्स से विषयों की तैयारी शुरू करें। यदि आपके बेसिक्स स्पष्ट हैं तभी आप उच्च स्तरीय प्रश्नों को हल करने में सक्षम होंगे। पहले आप बेसिक्स क्लियर करें फिर परीक्षा पैटर्न और सिलेबस को के साथ आगे की तैयारी करें।
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सामान्य ज्ञान और अंग्रेजी विषय पर ध्यान दें
एनडीए परीक्षा को पास करने के लिए अंग्रेजी में अच्छी पकड़ जरूरी है। आपकी अंग्रेजी न केवल लिखित परीक्षा में परखी जाती है, बल्कि अगर आपकी अंग्रेजी में प्रवाह है, तो यह साक्षात्कार के समय चयनकर्ताओं पर भी अच्छा प्रभाव छोड़ सकती है। चूंकि सामान्य ज्ञान पाठ्यक्रम का हिस्सा है इसलिए इसे अच्छी तरह से तैयार करें। आप समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, जनरल को पढ़कर अपने जीके के हिस्से को मजबूत कर सकते हैं। प्रमुख लेखकों की किताबें पढ़ें जो करेंट अफेयर्स पर फोकस हो।

स्टडी मटेरिअल्स
सही किताबों से तैयारी बहुत जरूरी है। बाजार बड़ी संख्या में बुक स्टॉक से भरा है लेकिन हर किताब आपके काम के लायक हो, यह जरूरी नहीं है। इसलिए किताबों का सेलेक्शन सोच-समझ कर करें।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल करें
तैयारी को सही दिशा में करना बहुत जरूरी है। पिछले वर्ष के प्रश्नों को हल करने से आपकी स्पीड बढ़ेगी साथ ही आपको एनडीए परीक्षा पैटर्न और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के कठिनाई स्तर के बारे में भी पता चल जाएगा।
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हेल्थ मेंटेनेंस और पर्सनालिटी
एनडीए के माध्यम से चयन न केवल लिखित परीक्षा पर आधारित होता है बल्कि आपका व्यक्तित्व और स्वास्थ्य भी इसमें प्रमुख भूमिका निभाता है। सभी उम्मीदवारों को पर्याप्त भोजन और पानी के सेवन से आपको फिट और स्वस्थ रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा तनाव दूर करने के लिए योग या किसी अन्य व्यायाम या ध्यान को भी प्राथमिकता दे सकते हैं।

रिवीजन
रिवीजन सफलता की कुंजी है। उम्मीदवारों के लिए यह जरूरी है कि वे छोटे-छोटे नोट्स बनाएं और इन नोट्स का रेगुलर बेसिस पर रिवीजन करते रहें। इससे उम्मीदवारों को इसे लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलेगी। ऐसे रिवीजन नोट्स परीक्षा से कम से कम एक सप्ताह पहले बना लें और इसका इस्तेमाल करते रहें। परीक्षा के अंतिम हफ्ते में अनावश्यक विषयों की पढ़ाई न करें। इससे आप वह भी भूल जाएंगे जो आपने पहले पढ़ा है। परीक्षा से पहले अंतिम सप्ताह में, उन सभी टॉपिक और विषयों का रिवीजन करें जिनका आपने ठीक से अध्ययन किया है। इससे आपको परीक्षा में स्कोर करने में मदद मिलेगी।

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Liberal Arts Top Colleges: लिबरल आर्ट्स के लिए ये हैं बेस्ट कॉलेज, जॉब लगते ही अच्छी सैलरी

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Top Colleges Of Liberal Arts:लिबरल आर्ट्स एजुकेशन भारत में काफी लोकप्रिय हो रही है। लिबरल आर्ट्स के करियर के क्षेत्र काफी विविध हैं साथ ही इसमें नौकरी के अवसर काफी व्यापक हैं। हम आपको यहां बता रहे हैं भारत के टॉप 10 लिबरल आर्ट्स कॉलेजों के प्लेसमेंट और वेतन के बारे में।

लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन
लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन का प्लेसमेंट सेल छात्रों और भर्ती करने वालों के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करता है। प्लेसमेंट के अलावा सेल कार्यशालाओं, सेमिनारों और इंटर्नशिप के अवसरों का भी आयोजन करता है।

  • मैकिन्से, बीसीजी, ब्लूमबर्ग, केपीएमजी एम्बिबे, इनमोबी, म्यू सिग्मा सहित 100 से अधिक कंपनियों ने अब तक 115 से अधिक छात्रों को फूल टाइम विभिन्न पोस्ट के लिए भर्ती करने के लिए कैंपस का दौरा किया है, जो बेहतरीन पदों और पैकेज ऑफर करते हैं।
  • पेश किया गया सालाना औसत पैकेज 7.5 लाख है और पिछले वर्ष सालाना पैकेज 7.3 लाख था। साथ ही, इस वर्ष, एक छात्र को बैंक ऑफ अमेरिका से पूरे दिल्ली विश्वविद्यालय में 37.8 लाख का सबसे बड़ा पैकेज मिला है।
  • प्लेसमेंट सेल ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड, नोमुरा, सिटी बैंक, जेएसडब्ल्यू, एमनेस्टी इंटरनेशनल आदि सहित 320 कंपनियों के साथ इंटर्नशिप के अवसर भी उपलब्ध कराए हैं, जिन्होंने अपने प्रतिष्ठित ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रमों के लिए छात्रों को काम पर रखा है। उच्चतम इंटर्नशिप ऑफर दो महीने के लिए 1,50,000 रुपए का था।
  • प्लेसमेंट में अंग्रेजी, इतिहास, मनोविज्ञान, पत्रकारिता आदि सहित विभिन्न विभागों के छात्रों को मीडिया, टेक, कंसल्टेंसी फर्मों, बैंक और शिक्षा संस्थान में कुछ शीर्ष रेटेड कंपनियों द्वारा भर्ती किया गया।
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एसआरएम विश्वविद्यालय
एसआरएम यूनिवर्सिटी करियर सेंटर (एसआरएम सीसी) एसआरएम चेन्नई प्लेसमेंट सेल है, जो प्लेसमेंट की शुरुआत से पहले ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध करता है। जॉब मार्केट बाजार की बेहतर समझ को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रों और व्यावसायिक घरानों/कॉर्पोरेटों/उद्योग प्रमुखों के बीच कैंपस साक्षात्कार और संवादात्मक बैठकें भी आयोजित की जाती हैं।

  • एसआरएम आईएसटी के छात्रों को 469 कंपनियों ने 5,684 जॉब ऑफर की है। गुगल, माइक्रोसाफ्ट, फ़ूजी ज़ेरॉक्स, हुंडई मोटर्स, होंडा, सीमेंस, एसएपी, बैंक ऑफ अमेरिका और वेस्टास कैंपस में रिक्रूटमेंट करने वाले सबसे बड़ी कंपनीज थे। 2017 में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के एक छात्र को सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी द्वारा प्रति वर्ष $ 89, 000 ऑफर किया गया था।
  • ऑफर किया गया औसत पैकेज 3 से 5 लाख जबकि उच्चतम 10-11 लाख है।
  • एसआरएम दुनिया भर के छात्रों को इंडस्ट्री में कुछ सबसे बड़े नामों के तहत इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान करता है।

जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज
जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज छात्रों के लिए प्लेसमेंट के साथ-साथ इंटर्नशिप भी उपलब्ध करता है।

  • उच्चतम वेतन पैकेज की पेशकश 18 लाख थी जबकि औसत वेतन लगभग 4-5 लाख रुपये है। शीर्ष भर्तीकर्ताओं में एनडीटीवी, बीबीसी और फोर्टिस अस्पताल शामिल थे। सात छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों जैसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, ससेक्स विश्वविद्यालय और अन्य में प्रवेश प्राप्त किया।
  • शीर्ष रेटेड भर्ती क्षेत्र विज्ञापन, डिजाइन, पत्रकारिता, प्रकाशन, कॉर्पोरेट संचार, गैर-सरकारी संगठन, कॉर्पोरेट क्षेत्र, प्रदर्शन कला, जनसंपर्क इतिहास और कला, सीएसआर, अनुसंधान और तकनीक हैं।
  • छात्रों को दी जाने वाली भूमिकाओं में मीडिया जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च और कंटेंट डेवलपमेंट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, डिजाइनिंग और सोशल मीडिया मैनेजमेंट, मार्केटिंग और ह्यूमन रिसोर्स शामिल हैं।
  • शीर्ष रिक्रूटमेंट ऑर्गनाइजेशन में थिंक टैंक, चाइल्ड राइट्स एंड यू - सोशल, कोरल रिसर्च सर्विसेज - रिसर्च, एल एंड टी टेक्नोलॉजी सर्विसेज लिमिटेड - टेक, लीना रिसर्च एंड कंसल्टिंग - रिसर्च, पेंट इट रेड - सोशल, स्लैम आउट लाउड - विजुअल आर्ट्स, सोशियोवॉश - मीडिया एजेंसी, द माइंड्स फाउंडेशन - मेंटल वेलनेस हैं।
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अशोका यूनिवर्सिटी
अशोका विश्वविद्यालय के छात्र वैश्विक परिप्रेक्ष्य, नेतृत्व कौशल और कम्यूनिकेशन स्किल से लैस होते हैं। छात्रों को भारत के कुछ बेहतरीन संगठनों द्वारा नौकरी के अवसर प्रदान किए गए हैं।

  • शीर्ष नियोक्ता आरबीएल बैंक, डेलॉइट, स्टार टीवी, अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई), मैक्स हेल्थकेयर, मैकिन्से एंड कंपनी, माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च (एसजीओ), बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, म्यू सिग्मा, मेफ्रोप्लस, ब्लूमबर्ग क्विंट, एनआरबी बियरिंग्स, बिजनेस स्टैंडर्ड, सेंट्रल हैं। स्क्वायर फाउंडेशन (सीएसएफ)
  • उच्चतम वेतन पैकेज की पेशकश 11 लाख प्रति वर्ष थी जबकि औसत वेतन लगभग 6-7 लाख प्रति वर्ष है।
  • शीर्ष भर्ती करने वाले सेक्टर मीडिया, बैंक, अनुसंधान, गैर-सरकारी संगठन और तकनीक हैं।

सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स
एसएसएलए में प्लेसमेंट उनके प्लेसमेंट सेल द्वारा देखा जाता है जो छात्रों के लिए उच्च प्लेसमेंट दर सुनिश्चित करता है।

  • प्लेसमेंट दर लगभग 90% है और औसत पैकेज 6 लाख प्रति वर्ष है। सबसे ज्यादा सैलरी 10 लाख सालाना है।
  • शीर्ष नियोक्ता हिंदुस्तान टाइम्स के साथ-साथ अन्य संगठन जैसे लिंक्डइन, डेलॉइट आदि हैं, जिन्हें छात्रों को अक्सर नियुक्त किया जाता है।
  • शीर्ष रेटेड रिक्रूटमेंट सेक्शन मीडिया, कॉर्पोरेट संचार, गैर-सरकारी संगठन, सीएसआर, अनुसंधान और तकनीक हैं।

फ्लेम यूनिवर्सिटी
फ्लेम यूनिवर्सिटी सभी स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए प्लेसमेंट प्रदान करती है।

  • 2020 बैच ने 93% प्लेसमेंट दर्ज किया है।
  • 55+ कंपनियों ने प्लेसमेंट के लिए विश्वविद्यालय का दौरा किया था।
  • औसत सीटीसी की पेशकश 5.20 - 7.73 लाख प्रति वर्ष है, जबकि उच्चतम लगभग 10 लाख प्रति वर्ष है।
  • शीर्ष भर्तीकर्ता एचडीएफसी, नीलसन फाइनेंस हब, आरबीएल बैंक, डीएचएल, एचडीएफसी, इंडसलैंड बैंक, बजाज फाइनेंस, ब्लूमबर्ग क्विंट, टीसीएस, नीलसन फाइनेंस हब हैं।
  • शीर्ष भर्ती सेक्शन फाइनांस और बैंकिंग, ई-कॉमर्स और रिटेल, मीडिया, परामर्श, अनुसंधान।
  • बिजनेस डेवलपमेंट, मार्केटिंग, शिक्षा, सेल, फाइनांस और संचालन में नौकरी के पदों की पेशकश की जाती है।

दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स
कॉलेज में ब्रॉडवे नामक एक सक्रिय और समर्पित प्लेसमेंट सेल है, जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय में शीर्ष 10 प्लेसमेंट सेल में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह कॉर्पोरेट क्षेत्र और अकादमिक दुनिया के बीच एक गतिशील इंटरफेस प्रदान करता है। पिछले 12 वर्षों के दौरान, सेल ने बड़ी संख्या में छात्रों को प्लेसमेंट और इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए हैं।

  • शीर्ष नियोक्ताओं में ईवाई, केपीएमजी, पीडब्ल्यूसी, एसएंडपी ग्लोबल, विलिस टावर्स वाटसन, जेनपैक्ट, आईटीसी लिमिटेड, एलएंडटी कंस्ट्रक्शन, विप्रो, इनशॉर्ट्स शामिल हैं।
  • औसत सीटीसी की पेशकश 3-4 लाख प्रति वर्ष है, जबकि उच्चतम लगभग 7-8 लाख प्रति वर्ष है। एक छात्र को सालाना 10 लाख का पैकेज मिला है।
  • लगभग 90% छात्रों को कॉलेज के माध्यम से अच्छा प्लेसमेंट मिलता है। और छात्रों का एक अच्छा प्रतिशत शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप पाता है।
  • शीर्ष भर्ती क्षेत्र फाइनांस और बैंकिंग, ई-कॉमर्स और रिटेल, मीडिया, कंसल्टिंग, रिसर्च हैं।
  • नौकरी के पदों में ऑडिट एसोसिएट, रिसर्च एनालिस्ट आदि हैं।
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अजीम प्रेमाजी विश्वविद्यालय
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय भी सभी छात्रों के लिए अच्छा प्लेसमेंट उपलब्ध करता है।

  • अब तक लगभग 184 संगठनों ने यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट प्रक्रिया में भाग लिया है।
  • टॉप रिक्रूटर्स में एक्शनएड, आईटी फॉर चेंज, ट्राइबल डेवलपमेंट सोसाइटी, अरमान प्रसाद पैरागॉन चैरिटेबल ट्रस्ट, मक्कला जागृति, द हेरिटेज स्कूल, अदानी फाउंडेशन, कैवल्य एजुकेशन फाउंडेशन, मल्खा ट्रस्ट, अक्षरा फाउंडेशन, सलाम बॉम्बे फाउंडेशन, ईड्रीम्स एडुसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
  • औसत सीटीसी की पेशकश 2.40 - 3.60 लाख प्रति वर्ष है, जबकि उच्चतम लगभग 12 लाख प्रति वर्ष है।
  • शीर्ष भर्ती क्षेत्र गैर सरकारी संगठन, शिक्षा क्षेत्र, वित्त और बैंकिंग, मीडिया, अनुसंधान हैं।
  • जिला स्तर पर शिक्षा और विकास कार्यक्रमों में कार्यक्रम अधिकारी / कार्यक्रम प्रबंधक / परियोजना अधिकारी जैसी नौकरी है।
  • लगभग 90% छात्रों का कॉलेज से प्लेसमेंट होता है।

क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बैंगलोर को एक मजबूत प्लेसमेंट ऑफिस / सेल के लिए जाना जाता है जिसे 1997 में स्थापित किया गया था और विश्वविद्यालय में पेश किए जाने वाले सभी पाठ्यक्रमों के लिए भर्ती अभियान चलाता है।

  • यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट प्रक्रिया में अब तक लगभग 142 संगठनों ने भाग लिया है।
  • टॉप रिक्रूटर्स में डेलॉयट, केपीएमजी, टीसीएस, ईएंडवाई, एमेजॉन, गोल्डमैन सैक्स, ड्यूश बैंक, मनीटैप, आईटीसी फूड्स, प्रैक्टो, एमटीआर, चैप्वाइंट, एक्सेला, शालम्बरजर, एचपी, एस्पायर सिस्टम्स, बैन कैपेबिलिटी नेटवर्क, सिटीग्रुप शामिल हैं।
  • औसत सीटीसी की पेशकश 5.75 - 6 लाख प्रति वर्ष है, जबकि उच्चतम 15 लाख प्रति वर्ष है।
  • शीर्ष भर्ती सेक्शन परामर्श, आईटी, वित्त और बैंकिंग, अनुसंधान, ई-कॉमर्स हैं

हंसराज कॉलेज
हंसराज कॉलेज भी सभी छात्रों के लिए अच्छा प्लेसमेंट प्रदान करता है।

  • प्लेसमेंट प्रक्रिया में अब तक करीब 142 संगठनों ने हिस्सा लिया है।
  • शीर्ष भर्तीकर्ता प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियां और एक्सिस बैंक सहित अच्छी तरह से स्थापित भारतीय कंपनियां हैं- बैन एंड कंपनी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, डे शॉ, डेलॉइट, आई ब्रिज, ग्रांट थॉर्नटन, हेल्थकार्ट.कॉम, आईटीसी लिमिटेड हैं।
  • औसत सीटीसी की पेशकश 5.7 लाख प्रति वर्ष है, जबकि उच्चतम 20.5 लाख प्रति वर्ष है। इस साल पेश किया गया उच्चतम वेतन पैकेज 22 एलपीए था।
  • शीर्ष भर्ती क्षेत्र आईटी उद्योग / बैंकिंग / ई-कॉमर्स / जनसंपर्क / विपणन / स्वास्थ्य देखभाल / इंजीनियरिंग क्षेत्र / कानून / विज्ञापन / पत्रकारिता / डिजाइन / प्रदर्शन कला / वास्तुकला / साहित्य / कॉर्पोरेट / शिक्षा क्षेत्र / अनुसंधान संस्थान / संग्रहालय / प्रकाशन गृह हैं। /एनजीओ/ सामाजिक कार्य / यात्रा और पर्यटन हैं।

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Learn English: घर में रहकर बनें इंग्लिश के मास्टर, इस तरह बेहतर करें अपनी Spoken English

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How To Improve Spoken English: कोविड -19 के प्रकोप ने लगभग सभी को अपने घरों में बंद कर दिया है। इस कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन ने दुनिया की लगभग 60 प्रतिशत छात्रों को स्कूलों और विश्वविद्यालय से दूर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसे में कुछ लोग जहां इस लॉकडाउन अवधि के दौरान कुछ नए शौक डेवलप कर रहे हैं वहीं कुछ लर्निंग एक्टिविटी में लगे हुए हैं। यह उन लोगों के लिए भी एक सुनहरा अवसर है जो घर पर रहकर अपने अंग्रेजी बोलने के स्किल को सुधारना चाहते हैं। यहां हम आपके स्पोकन इंग्लिश स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए कुछ टिप्स दे रहे हैं जो आपके लिए मददगार हो सकते हैं-

अपने आप से बात करें
अपनी पसंद का कोई भी विषय चुनें जिसे आप दूसरों के साथ चर्चा करना चाहते हैं और अपने आप से बात करने का प्रयास करें और उस विषय से संबंधित नए शब्द सीखें। आप बोलते समय अपने चेहरे के भावों की जांच के लिए शीशा देखकर भी बोलने का अभ्यास कर सकते हैं। इस अभ्यास को नए विषयों और शब्दों के साथ दोहराएं। ऐसा करते समय आपको क्लास लेने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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किताबें जोर से पढ़ें
यदि आपके पास घर पर कुछ पसंदीदा पुस्तकें हैं तो ऐसी किताबों को जोर-जोर से पढ़े। यदि जरूरत हो तो उच्चारण के लिए किसी अच्छे शब्दकोश (ऑनलाइन या ऑफलाइन) की मदद लें। कई किताबें ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, एमएचआरडी ने लॉकडाउन के बीच भारत के युवाओं को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाएं तैयार की हैं।

एमएचआरडी का नेशनल बुक ट्रस्ट लॉकडाउन के दौरान भारत के लोगों में पठन गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए "स्टे होम इंडिया विद बुक्स" पहल के साथ आया है। किताबें nbtindia.gov.in से डाउनलोड की जा सकती हैं। इसके अलावा आप ब्रिटिश काउंसिल और मैकमिलन एजुकेशन से संबंधित मोबाइल एप्लिकेशन इंस्टॉल करके किताबें डाउनलोड कर सकते हैं। आप यह जांचने के लिए उच्चारण एप्लिकेशन भी डाउनलोड कर सकते हैं कि क्या आप उस शब्द का सही उच्चारण कर रहे हैं।

रेडियो, टीवी या पॉडकास्ट का उपयोग करें
रेडियो या पॉडकास्ट सुनना या अंग्रेजी समाचार और अपनी पसंदीदा शैली की फिल्में देखना, बोली जाने वाली अंग्रेजी को बेहतर बनाने के लिए एक बहुत अच्छा अभ्यास हो सकता है। ऐसा करने से आप सीख सकते हैं कि एक एंकर या अभिनेता किसी शब्द का उच्चारण कैसे कर रहा है। चेहरे के भाव और उच्चारण को समझने के लिए अपनी पसंदीदा अंग्रेजी फिल्म दो से तीन बार देखें। समझें कि एक शब्द या पूरा वाक्य कैसे बोला जा रहा है। जानें कि अभिनेता द्वारा संवाद कैसे दिया जा रहा है, यह न केवल आपकी समझ में सुधार करेगा बल्कि आपको यह भी सिखाएगा कि अच्छी बॉडी लैंग्वेज के साथ अच्छी तरह से कैसे बोलना है।
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अंग्रेजी नाटक या ऑडियो पुस्तकें और ऑडियो नाटक सुनें
लॉकडाउन अवधि के दौरान, अपने खाली समय का सदुपयोग अच्छी ऑडियो किताबें या ऑडियो ड्रामा सुनकर करें। यह समझने की कोशिश करें कि कथाकार कहानी में शब्दों का उपयोग कैसे कर रहा है। ऐसी कई वेबसाइटें हैं जो ऑडियो ड्रामा उपलब्ध करती हैं।

दोस्तों/परिवार के सदस्यों से बात करें
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप हर दिन कम से कम आधे घंटे के लिए फोन पर अपने दोस्त के साथ केवल अंग्रेजी बोलेंगे। अपने दोस्त या परिवार के किसी सदस्य के साथ अंग्रेजी में बातचीत करके आप खुद पता लगा सकते हैं कि उनसे बातचीत करते समय आप कहां गलतियां कर रहे हैं। अपने वीकर सेक्शन की पहचान करें और अपनी बोली जाने वाली अंग्रेजी को सुधारने के लिए उस पर काम करें।

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IFS Exam Preparation Tips: इंडियन फॉरेन सर्विस एग्जाम की तैयारी, अपनाएं ये आसान टिप्स

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IFS Exam Preparation Tips: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित, यूपीएससी आईएफएस परीक्षा भारत सरकार के फॉरेन डिपार्टमेंट के लिए काम करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जाती है। यह एह राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। यह परीक्षा हर साल लाखों कैंडिडेट देते है। पहले राउंड में सफल उम्मीदवार UPSC IFS चयन प्रक्रिया के अगले दौर के लिए पात्र हो जाते हैं, जो कि मेन्स परीक्षा है। इस परीक्षा की तैयारी सुनियोजित और रणनीति बनाकर की जानी चाहिए। इसके लिए कैंडिडेट को पहले यूपीएससी आईएफएस परीक्षा के पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न के बारे में पूरी तरह से जाना जरूरी है और फिर स्ट्रैटजी बना कर तैयारी शुरू करनी चाहिए।

UPSC IFS 2021 के लिए सामान्य टिप्स और ट्रिक्स-

अपने एग्जाम सिलेबस को जानें
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसे प्रत्येक परीक्षार्थी को समझना और अपनाना जरूरी है। यदि आप UPSC IFS परीक्षा के सिलेबस के बारे में नहीं जानते हैं तो आप परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से नहीं कर पाएंगे। इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पहले UPSC IFS 2021 के पूरे सिलेबस को देखें और फिर उसके अनुसार तैयारी की रणनीति बनाएं। यदि आप पाठ्यक्रम के बारे में जानते हैं तो आप अपनी क्षमता और रुचि के अनुसार कमजोर और मजबूत सेक्शन की पहचान कर पाएंगे।

एक स्टडी प्लान बनाएं
एक परीक्षार्थी के रूप में आपको पहले एक स्टडी प्लान बनानी चाहिए ताकि सभी महत्वपूर्ण सेक्शन और सब्जेक्ट्स को अच्छी तरह से कवर किया जा सके। एक स्टडी प्लान बनाना बहुत जरूरी है लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है स्टडी प्लान को फॉलो करना। अपनी स्टडी प्लान को ईमानदारी के साथ फॉलो करें तभी उसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
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एक टाइम टेबल तैयार करें
टाइम-टेबल आपके द्वारा बनाई गई स्टडी प्लान से जुड़ा होता है। यह आपके स्टडी मेटेरियल्स के सेक्शन के अनुसार अपना समय तय करने में आपकी मदद करेगा। एक प्रभावी टाइम टेबल से आपको अपनी डेली रूटीन को व्यवस्थित और संरचित तरीके से विभाजित करने में भी मदद करेगी जिससे विषयों को कवर किया जा सके। आप अपने टाइम-टेबल अलग-अलग हिस्से में बांट सकते हैं। पहले आधे हिस्से को उन विषयों के लिए रखें जिन्हें समझने की तुलना में अधिक याद किया जा सकता है और अपने टाइम-टेबल के दूसरे भाग में ठीक उल्टा कर सकते हैं यानी याद करने की तुलना में समझने वाले विषयों को रखें।

लगातार पढ़ाई करें
UPSC IFS 2021 प्रवेश परीक्षा को क्रैक करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है लगातार बेहतर तरीके से पढ़ाई करना है। स्थिर और लगातार बने रहने से आपकी याददाश्त तेज होगी क्योंकि आप उन चीजों को आसानी से नहीं भूल पाएंगे जिनका आप अध्ययन करते हैं। UPSC IFS के पिछले वर्ष के क्वेश्चन पेपर को सॉल्व करें इससे आपकी प्रैक्टिस अच्छी होगी। इसे निरंतर करने के लिए आपको रिवीजन के लिए एक सेक्शन या टाइम स्लॉट रखना चाहिए। यह भी सलाह दी जाती है कि अपनी तैयारी के दौरान बड़े गैप न लें। याद रखें कि निरंतर प्रयास सर्वोत्तम परिणाम देते हैं।

हमेशा अपनी गलतियों को समझें
प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी गलतियों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है। यदि आप अपनी गलतियों को समझने के लिए समय निकालते हैं, कि आपने कोई विशेष गलती क्यों की और भविष्य में इससे बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए तो, आपको परीक्षा में अच्छे अंक मिलने की गारंटी है।

आप अपने प्रॉबल्म एरिया और उन सेक्शन के बारे में जानने के लिए UPSC IFS मॉक टेस्ट दे सकते हैं जहां आपसे गलतियां होने की अधिक संभावना है। यह न केवल आपकी गलतियों को पहचानने में आपकी मदद करेगा बल्कि आपके कमजोर सेक्शन को भी उजागर करेगा जिन पर अधिक ध्यान दिया जाना है। आपकी गलतियां परीक्षा के डिफिकल्टीज लेवल से निपटने में भी आपकी मदद करेंगी।
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तनाव में न रहें
जब यूपीएससी आईएफएस जैसे प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार होने की बात आती है, तो आपको परीक्षा के बारे में तनाव लेने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। परीक्षा के समय खुद को स्वस्थ और फिट रखें। यह आपको तनावमुक्त रहने में मदद करेगा। अपने आप को शांत रखें और कड़ी मेहनत से अध्ययन करें। प्रवेश परीक्षा में सफल होने की पूरी कोशिश करें और यह तभी संभव है जब आप सभी प्रकार के तनाव, घबराहट और चिंता से मुक्त हों। ध्यान के अलावा तनाव मुक्त होने का एक प्रभावी तरीका है अपने पसंदीदा गाने सुनना। इन तरकीबों को आजमाएं जब तक आप चयनित नहीं हो जाते।

UPSC IFS 2021 परीक्षा के लिए सेक्शन वाइज प्रिपरेशन प्लान
General Studies/General Knowledge
  • इस सेक्शन के लिए दो घंटे में का समय होता है, लेकिन परीक्षार्थियों को पूरे पेपर को समान समय में विभाजित करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक प्रश्नों को हल कर सकें।
  • अधिक संख्या में प्रश्नों को हल करने के लिए उम्मीदवारों को प्रश्नों के क्विकली हल करना जरूरी है।
  • यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए बेस्ट पुस्तकों की मदद लें। ऐसी कई पत्रिकाएं हैं जो इस संबंध में एक प्लस पॉइंट साबित हो सकती हैं।
  • समाचार पत्र पढ़ना और करंट अफेयर्स से रूबरू होना यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए जरूरी है। उम्मीदवार अपने पसंदीदा समाचार पत्र डेली बेसिस पर पढ़ सकते हैं।
  • करंट अफेयर्स पर नॉलेज के लिए उम्मीदवार अपने पंसदीदा समाचार चैनल पर भी स्विच कर सकते हैं और नियमित रूप से इसका अनुसरण कर सकते हैं।
  • पेपर- I के लिए, उम्मीदवारों को भारत और उसके भूगोल, भारत और उसके इतिहास, भारतीय राजनीति और शासन और पर्यावरण विज्ञान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • पेपर- II के लिए, उम्मीदवारों को निर्णय लेने और समस्या समाधान, तार्किक तर्क और पारस्परिक कौशल पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
  • पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने से भी उम्मीदवारों को उनकी तैयारी में मदद मिल सकती है क्योंकि यह परीक्षा पैटर्न को विस्तृत तरीके से जानने में भी मदद करता है।

सामान्य अंग्रेजी
  • परीक्षा के इस भाग के विभिन्न सेक्शन पर अलग-अलग तरीकों से ध्यान देने की जरूरत है।
  • यह महत्वपूर्ण है कि उम्मीदवार अपने विषय से जुड़े वर्तमान मुद्दों और मामलों से अवगत हों। दिए गए विषय पर निबंध लिखते समय इस जानकारी का उपयोग किया जा सकता है।
  • निबंध लिखते समय, परीक्षार्थियों को नकारात्मक छवि या दिए गए विषय के बुरे पक्ष को चित्रित नहीं करने का प्रयास करना चाहिए।
  • परीक्षार्थियों को यह याद रखना चाहिए कि विषय के गलत पक्ष को दर्शाने के बजाय निबंध को सकारात्मक रूप से समाप्त करना चाहिए। प्रासंगिक और संबंधित उदाहरणों को प्रस्तुत करना निबंध सेक्शन के लिए एक प्लस पॉइंट साबित हो सकता है।
  • यदि उम्मीदवार अंग्रेजी भाषा से अच्छी तरह वाकिफ हैं और व्याकरण अच्छी तरह से जानते हैं तो इस पेपर के अन्य सेक्शन में भी बेहतर कर सकते हैं।
  • इसके लिए उम्मीदवारों को अच्छी किताबों की मदद लेनी चाहिए जो उपयुक्त उदाहरणों के साथ व्याकरण के हिस्से को अच्छी तरह से समझाती हैं, ताकि विषयों को समझना और आसान हो सके।
  • नियमित आधार पर सैंपल पेपर को हल करने से उम्मीदवारों को प्रश्न के प्रकार और शैली को जानने में मदद मिल सकती है।
  • उम्मीदवार क्वेश्चन पेपर या सैंपल पेपर को हल करने के लिए लगने वाले समय का भी ध्यान रख सकते हैं और जरूरत अनुसार लगातार प्रयास से अपनी स्पीड में सुधार कर सकते हैं।

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GK study tips: पढ़ाई हो या नौकरी की तैयारी, इन तरीकों से बढ़ायें अपना सामान्य ज्ञान

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How To Improve General Knowledge: हर कोई अपने सामान्य ज्ञान में सुधार करना चाहता है सामान्य ज्ञान और सामान्य जागरूकता आजकल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि 80 प्रतिशत प्रतियोगी परीक्षा में जीके के पेपर होते हैं और अपने जीके में सुधार किए बिना आप इसमें पास नहीं हो सकते हैं इसलिए आपको अपने सामान्य ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए।

इंग्लिश इंटरनेशनल जीके न्यूज पेपर रोजाना पढ़ें
जीके बढ़ाने के लिए आपको इंटरनेशनल जीके अखबार पढ़ना चाहिए। दुनिया भर में हजारों क्षेत्रीय समाचार पत्र हैं, लेकिन इसमें केवल अपने आसपास की घटनाओं, कारणों से संबंधित समाचार पा सकते हैं जो पर्याप्त नहीं है। ऐसे में जीके ठीक करने के लिए आपको एक इंग्लिश इंटरनेशनल जीके न्यूज पेपर चुनना चाहिए और रोजाना 1 घंटे पढ़ना चाहिए। हर दिन जीके न्यूज पेपर पढ़ने की आदत आपके सामान्य ज्ञान में पकड़ मजबूत करेगी। सामान्य जागरूकता के साथ कंपीटिशन में आपको भीड़ से अलग करेगी। इस बात को समझें कि आज की खबर कल का इतिहास है।
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जीके बुक पढ़ें
पढ़ना आपके ज्ञान का विस्तार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। किताबें ज्ञान का सबसे अच्छा स्रोत हैं। आपको विभिन्न विषयों पर बड़ी संख्या में नॉन फिक्शन पुस्तकें पढ़नी चाहिए। क्लासिक्स बुक्स भी पढ़ें क्योंकि साहित्य पर प्रश्न बहुत आम हैं आप किताबें पढ़ कर आसानी से अधिक से अधिक सामान्य ज्ञान और जागरूकता बढ़ा सकते हैं। बुक्स स्टोर में हजारों जीके किताबें मिल जाती हैं आप यहां से अपनी पसंद में से कोई भी चुन सकते हैं और अच्छी जेनरल नॉलेज की किताब पढ़ना शुरू कर सकते हैं।

हर दिन अंग्रेजी समाचार सुनें
हर दिन कम से कम आधा घंटा अग्रेजी समाचार सुनें। हर दिन अंग्रेजी न्यूज सुनने से आपके जीके में सुधार होगा। साथ ही वर्ड पावर भी बढ़ेगी। अप वर्ड को ज्यादा सटीक तरीके से बोल पाने में सक्षम होंगे। साथ ही इससे आपकी याददाश्त में भी सुधार होगा। आप किसी भी चैनल या रेडियो में न्यूज सुन सकते हैं क्योंकि वे समाचारों का सबसे अच्छा स्रोत हैं।

वेब सर्फिंग
किसी अन्य स्रोत की तुलना में आप वेब में अधिक नॉलेज पा सकते हैं। यहां तक कि जीके पत्रिका के कुछ समाचार और लेख भी कभी-कभी इंटरनेट से लिए जाते हैं। इसलिए आपको ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से वेब पर सर्फिंग करना चाहिए। समसामयिक घटनाओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिए समाचार पत्र और पत्रिकाएं पहले स्रोत हैं, लेकिन वेब के जरिए आप ऐतिहासिक जीके और करंट अफेयर्स जैसे सभी प्रकार के जीके पा सकते हैं, इसलिए यह एक सबसे अच्छे स्रोत में से एक है।
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क्विज़ और जीके गेम्स में भाग लें
सामाचार पत्रों या वेब के जरिए आपको कम से कम हर महीने एक जीके टेस्ट जरूर देना चाहिए। कई क्विज और जीके गेम्स फार्मेट में भी उपलब्ध हैं इनमें शामिल होना बहुत ही इंट्रेस्टिंग होता है जिसमें आप खेल-खेल में सीखते और याद करते हैं।

डॉक्यूमेंट्री देखें
बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर बड़े ही इंट्रेस्टिंग तरीके से डॉक्यूमेंट्रीज बनाई जाती हैं। ये डॉक्यूमेंट्रीज नॉलेज का खजाना होती है। बहुत ही मनोरंजक तरीके से इसके माध्यम से अपने नॉलेज को बढ़ा सकते हैं।

लिखना
किसी भी विषय पर लिखना ज्ञान का विस्तार करने का एक शानदार तरीका रहा है। किसी टॉपिक पर लेख लिखना शुरू करने से पहले उसपर शोध करें, उसके बारे में पढ़ने, समझें। ऐसा करने के बाद जब आप उसके बारे में लिखते हैं तो आपके पास एक कंटेंट तैयार हो जाता है जिसे आप बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं।

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Career In Data Science: करियर के लिए बेस्ट फील्ड है ‘डाटा साइंस’, जानें कोर्स और सैलरी डीटेल

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Data Science Course: 21वीं सदी की सबसे बेहतरीन फील्ड मानी गई डाटा साइंस में केवल भारत में ही करीब 1 लाख नौकरियों के अवसर हैं। इनमें से 70 फीसदी 5 साल से कम अनुभव और औसत 10 लाख सालाना सैलरी वाली नौकरियां हैं। हो भी क्यों ना? आज जब हर हाथ में एक फोन और हर एक फोन में हजारों एप्स हैं, तो डाटा साइंस बेहद अहम हो गया है।

लेकिन डाटा साइंस है क्या? डिजिटल दुनिया में कैसे ये महती भी भूमिका निभा सकता है और आप इस फील्ड में करियर बनाकर कैसे आगे बढ़ सकते हैं? डाटा साइंस की फील्ड में जाने से पहले इन सभी सवालों के जवाब को जान लेने चाहिए।

डाटा साइंस क्या है?
ये एक विशाल फील्ड है, ऐसा इसलिए है क्योंकि कई कंपनियां आपका और हमारा डाटा किसी ना किसी तरीके से लेकर उसे स्टोर करती हैं। इसी डाटा का एनालिसिस करना, समस्याओं का समाधान करना, डाटा को आसान भाषा में लोगों या संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाना इनकी जिम्मेदारी होती है।

इसे उदाहरण से समझिए- कोई भी बैंक अपने हजारों-लाखों खाता धारकों की जानकारी को इकट्ठा करके रखता है। इसमें लोन या पर्सनल प्रोफाइल जैसी जानकारी होती हैं। अगर ये जानकारियां अव्यवस्थित होंगी तो किसी काम नहीं आएंगी, यहीं पर डाटा साइंस काम आता है। इसी के तहत कई तरह के प्रोफाइल होते हैं जिनपर लोग काम करते हैं। डाटा इकट्ठा करना, उसे व्यवस्थित करना, उसके रूझानों का, पैटर्न का तैयार करके एनालिसिस करना ही इस क्षेत्र के प्रोफेशनल्स की जिम्मेदारी होती है।
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कौन-सी स्किल्स जरूरी हैं?
डाटा साइंस में करियर बनाना है, तो डाटा स्टडी करने और उसे सुलझाने की कला आनी चाहिए। इसमें ये स्किल्स मदद कर सकती हैं -
1. कम्प्यूटर साइंस
2. मशीन लर्निंग
3. डाटा प्रोसेसिंग
4. स्टेस्टिकल रिसर्च
5. गणित
6. डोमेन एक्सपर्टीज़

डाटा साइंस फील्ड में टॉप-5 करियर ऑप्शन

1. डाटा साइंटिस्ट
इसमें बहुत सारे अव्यवस्थित और व्यवस्थित डाटा के साथ काम करना होता है। इस डाटा को आसान और समझने योग्य बनाना डाटा साइंटिस्ट का काम होता है।

2. डाटा इंजीनियर
डाटा इंजीनियर का काम अलग-अलग जरियों से डाटा को इकट्ठा करना, उसे फिल्टर करना है। फिर डाटा को ऐसे रूप में बदलना होता है, जिससे वो डाटा साइंटिस्ट को आसानी से समझ आ सके और डाटा का अर्थ समझकर उसका सही उपयोग किया जा सके। आसान भाषा में कहें तो डाटा के एक बड़े सेट को डाटाबेस में बदलना ही इनका काम होता है। यह रॉ डाटा को उपयोग करने लायक बनाते हैं। बिना डाटा इंजीनियर के डाटा साइंटिस्ट काम नहीं कर सकते, दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं।
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3. सांख्यिकीविद् (Statistician)
सांख्यिकी यानी स्टेटिस्टिक्स का उपयोग करके डाटा को जुटाना और उसका एनालिसिस करके रिपोर्ट तैयार करनी होती है। इसमें अलग अलग प्रकार की सांख्यिकी से जुड़ी विधि और डिवाइस का उपयोग किया जाता है।

4 . बिजनेस इंटेलिजेंस डेवलपर (Business Intelligence Developer)
इस पद पर काम करने वालों को डाटा सेट्स की स्टडी करनी होती है। इसकी मदद से बिजनेस का अंदाजा लगाना और संस्थान का रेवेन्यू बढ़ाना ही जिम्मेदारी होती है। इसके लिए डाटा माइनिंग यानी डाटा ढ़ूंढने की कला होनी जरूरी है।

5. यूजर एक्सपीरियंस रिसर्चर
इनका काम कंपनी के लिए यूजर्स का एक्सपीरियंस इकट्ठा करना होता है। इसी के आधार पर कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को डिजाइन करती है और दूसरे क्षेत्रों को बेहतर बनाती है। यूजर्स के एक्सपीरियंस को इकट्ठा करने के बाद डाटा साइंस की मदद से ही जानकारी को समझने के लायक बनाया जाता है।

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Career after 12th: साइंस स्टूडेंट्स Pharmacy में बना सकते हैं शानदार करियर, मिलेगी अच्छी नौकरी

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Career In Pharmacy: साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास करने वालों के लिए फार्मेसी एक बेहतरीन करियर ऑप्शन है। ये डॉक्टर या नर्स की तुलना में भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन सवाल ये कि आखिर इस ओर आप कदम कैसे बढ़ाएंगे, क्या प्रक्रिया होगी और भविष्य में करियर कैसे बनेगा?
यहां हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देने जा रहे हैं-

फार्मेसी की पढ़ाई के लिए दाखिला कैसे लें?
सबसे अहम और बेसिक जरूरत है कि 12वीं (10+2) में विज्ञान यानी साइंस स्ट्रीम होनी चाहिए। विभिन्न स्तरों पर फार्मेसी के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं और किसी भी फार्मा पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए, उम्मीदवारों को विशेष पाठ्यक्रम के लिए जरूरी मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता होती है।

फार्मेसी में डिप्लोमा (D.pharma)
उम्मीदवारों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित के साथ उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी की हो तो वह इसे चुन सकते हैं।

फार्मेसी में स्नातक (B. Pharma)
उम्मीदवारों ने राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय शिक्षा बोर्ड से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की हो। भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित या जीव विज्ञान और अंग्रेजी विषयों का अध्ययन किया हो। कम से कम 17 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हों।
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मास्टर ऑफ फार्मेसी (M. Pharma)
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से स्वीकृत किसी फार्मेसी कॉलेज से जरूरी अंकों के साथ स्नातक यानी बी. फार्मा (B.Pharma) की डिग्री पूरी की हो।

डॉक्टर ऑफ फार्मेसी (D. Pharma)
ये छह साल का पाठ्यक्रम होता है। उम्मीदवारों को किसी भी राज्य या राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड से उच्च शिक्षा पूरी की होनी चाहिए। इतना ही नहीं अतिरिक्त विषय के रूप में गणित या जीव विज्ञान (BIOLOGY) के साथ अनिवार्य विषयों के रूप में भौतिकी (Physics) और रसायन विज्ञान (Chemistry) का अध्ययन किया हो। प्रवेश के वर्ष में कम से कम 17 वर्ष की आयु पूरी होनी चाहिए। फार्मेसी में डिप्लोमा रखने वाले उम्मीदवार भी इसके लिए योग्य हैं।

दाखिला कैसे मिलेगा?
कोर्सेस तो जान लिए, अब ये भी जान लीजिए कि इन पाठ्यक्रमों में एडमिशन कैसे मिलेगा।
फार्मेसी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए, छात्रों को अपनी 10+2 (उच्च शिक्षा) की पढ़ाई पूरी करनी होती है और राष्ट्रीय स्तर या राज्य स्तर की फार्मेसी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना होता है।

राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट GPAT है। आप परीक्षा की योग्यता मानदंड के अनुसार राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं जैसे- TS EAMCET (तेलंगाना), APEAMCET (आंध्र प्रदेश), BCECE (बिहार), WBJEE (पश्चिम बंगाल) आदि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अलग-अलग निजी और शासकीय विश्वविद्यालय भी परीक्षाएं कराते हैं। कुछ प्रसिद्ध विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाएं हैं जैसे BVP CET (भारती विद्यापीठ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट), IPU CET (इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट), MHT CET (महाराष्ट्र हेल्थ एंड टेक्निकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)
कई संस्थान 12वीं के अंकों के आधार पर भी फार्मेसी कोर्स में सीधा प्रवेश देते हैं।
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फार्मेसी की पढ़ाई कहां करें?
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में करियर आगे बढ़ाने के लिए शीर्ष संस्थान-

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च - मोहाली (http://www.niper.gov.in/)
  • डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी - मुंबई (https://www.ictmumbai.edu.in/Deptindex.aspx?page=a&ItemID=cs&nDeptID=m)
  • यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, पंजाब यूनिवर्सिटी - चंडीगढ़ (https://pharma.puchd.ac.in/)
  • फैकल्टी ऑफ फार्मेसी, जामिया हमदर्द - दिल्ली (http://www.jamiahamdard.ac.in/academic/faculty_of_pharmacy.htm)
  • मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज - मणिपाल (https://manipal.edu/mcops-manipal.html)
  • जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मैसूर (https://jssuni.edu.in/JSSWeb/)
  • इनके साथ ही जादवपुर विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान भी फार्मेसी के क्षेत्र में अच्छे संस्थान हैं।

फार्मेसी में करियर कैसे बनाएं?
फार्मेसी कोर्स पूरा होने के बाद छात्रों को बहुत सारे अवसर मिलते हैं। इनमें से कुछ अहम हम आपको बता रहे हैं -

फार्मास्युटिकल कंपनी या फार्मासिस्ट
कोर्स के बाद आप फार्मास्युटिकल कंपनी में काम कर सकते हैं या फार्मासिस्ट के रूप में अभ्यास कर सकते हैं। सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में छात्रों के लिए बड़ी संख्या में अवसर उपलब्ध हैं।
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सरकारी क्षेत्र में अच्छे अवसर
आप सरकारी क्षेत्र में भी काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी विदेशी कंपनी में भी काम कर सकते हैं।

मैनेजमेंट और मार्केटिंग
फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट और मार्केटिंग क्षेत्र में प्रोडक्शन मैनेजर, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, एरिया मैनेजर आदि के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं।
ये हैं कुछ ऐसे प्रोफाइल्स जिन पर आप फार्मेसी कोर्स के पूरा होने के बाद काम कर सकते हैं- केमिकल/ड्रग टेकनिशियन, ड्रग थेरेपिस्ट, ड्रग इंस्पेक्टर, फार्मेसिस्ट, पैथोलॉजी लैब, रिसर्च ऑफिसर, हेल्थ इंस्पेक्टर, हॉस्पिटल ड्रग कॉर्डिनेटर आदि।

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Govt Scholarships: स्कूल स्टूडेंट्स के लिए हैं ये 5 स्कॉलरशिप्स, जानें कब और कैसे करें अप्लाई

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Scholarships For Students: आर्थिक रूप से कमजोर और होशियार छात्रों को हर साल सरकार की ओर से कई तरह की स्कॉलरशिप्स दी जाती हैं। इसमें आर्थिक सहायता के अलावा भी अन्य प्रकार कि सहायता पहुंचाई जाती हैं। हम आपको ऐसी टॉप 5 स्कॉलरशिप्स के बार में बताएंगे, जिनसे हर साल लाखों बच्चों को फायदा मिलता है। यहांं आप जान सकते हैं कि स्कॉरशिप्स के लिए क्या करना होगा और किन बातों का खास तौर पर ध्यान रखना होगा-

NMMS- नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप एग्जाम
ये स्कीम आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के होशियार स्टूडेंट्स की मदद के लिए है। जो स्टूडेंट्स वर्तमान में कक्षा 9 में पढ़ रहे हैं, उन्हें माध्यमिक स्तर पर अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सालाना स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। इसमें आवेदन करने के लिए ये जरूरी है कि स्टूडेंट्स के परिवार की कुल वार्षिक आय 1.50 लाख रुपये से कम हो।

  • योग्यता- कक्षा 7वीं व 8वीं में 55 प्रतिशत अंक
  • स्कॉलरशिप- 12,000 रुपये प्रति वर्ष
  • आवेदन की समयावधि- अगस्त से नवंबर तक
  • आवेदन मोड- राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से ऑनलाइन एप्लिकेशन
  • https://scholarships.wbsed.gov.in/
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NTSE - नेशनल टैलेंट सर्च एग्जाम
NCERT यानी नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग इसे आयोजित कराता है। इस स्कॉलरशिप के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स आवेदन कर सकते हैं।

परीक्षा दो स्तर पर होती है- राज्य के स्तर पर और ऑल इंडिया स्तर पर
  • योग्यता- 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स
  • स्कॉलरशिप- 1250 रुपये प्रति महीना
  • आवेदन की समयावधि- अगस्त से सितंबर तक
  • आवेदन मोड- आवेदन संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के लाइजन ऑफिसर के माध्यम से
  • https://scholarships.wbsed.gov.in/index.php

CBSE सिंगल गर्ल चाइल्ड स्कॉलरशिप
यह मेरिट आधारित स्कॉलरशिप ऐसी छात्राओं के लिए है जो सिंगल गर्ल चाइल्ड हैं। इसका उद्देश्य उन माता-पिता के प्रयासों को बल देना है, जो लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देते हैं। ऐसी छात्राएं जो CBSE से एफिलिएटेड स्कूल में कक्षा 11वीं या 12वीं की पढ़ाई कर रही हैं और जिनकी ट्यूशन फीस शैक्षणिक वर्ष के दौरान हर महीने 1,500 से अधिक नहीं है, वो इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं।

  • योग्यता- सीबीएसई बोर्ड से कक्षा 10वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक
  • स्कॉलरशिप- दो साल तक (11वीं और 12वीं के दौरान) प्रति माह 500 रुपये।
  • आवेदन की समयावधि- सितंबर से अक्टूबर तक
  • आवेदन मोड- सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए
  • https://www.cbse.gov.in/Scholarship/Webpages/Guidelines%20and%20AF.html
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अल्पसंख्यकों के लिए प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप
भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा आयोजित इस स्कॉलरशिप का उद्देश्य अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स की प्रतिभा को आवाज देना तथा शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है। इस स्कॉलरशिप के लिए स्टूडेंट्स के पिछली कक्षा की वार्षिक परीक्षा में कम से कम 50 फीसदी अंक होने जरूरी हैं। साथ ही वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये या इससे कम होनी चाहिए।

  • योग्यता- अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स
  • स्कॉलरशिप- एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस, मेंटेनेंस अलाउएंस।
  • आवेदन मोड- नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल द्वारा।
  • https://scholarships.gov.in/

प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ये स्कॉलरशिप देता है। इसका उद्देश्य 9वीं या 10वीं कक्षा में पढ़ रहे दिव्यांगों को सहायता उपलब्ध कराना है। एक बात ध्यान देने वाली है कि इस स्कॉलरशिप का फायदा केवल उन स्टूडेंट्स को ही मिलेगा जो 40 फीसदी या इससे ज्यादा दिव्यांग हैं। स्कॉलरशिप के लिए एक और शर्त है - वार्षिक पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपये या इससे कम होनी चाहिए। इसके तहत योग्य स्टूडेंट्स को मेंटेनेंस अलाउएंस, डिसेबिलिटी अलाउएंस और बुक ग्रांट मिलेगा।
http://disabilityaffairs.gov.in/upload/uploadfiles/files/advertisement%20in%20hindi%202020-21.pdf

  • स्कॉलरशिप- मेंटेनेंस अलाउएंस, डिसेबिलिटी अलाउएंस और बुक ग्रांट।
  • आवेदन मोड- नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल द्वारा।
  • http://disabilityaffairs.gov.in/contenthi/page/scholarship-hi.php

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SSC CGL Exam Tips: एसएससी सीजीएल एग्जाम में मिलेंगे हाई मार्क्स, इस तरह सॉल्व करें पेपर

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Tips For SSC CGL Exam: SSC CGL परीक्षाओं में, उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनकी न्यूनतम समय अवधि में अधिकतम प्रश्नों को सटीकता के साथ हल करने की क्षमता के आधार पर किया जाता है। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की लिस्ट में अपनी सीट आरक्षित करने के लिए, आपको स्मार्ट टाइम मैनेजमेंट करने की जरूरत है। यहां जानें SSC CGL परीक्षा के लिए स्मार्ट टाइम मैनेजमेंट टिप्स-

SSC CGL परीक्षा की तैयारी करते समय डेली स्टडी टास्क टाइम मैनेजमेंट
1 अपने डेली टास्क की योजना बनाएं और उसे पूरा करने के लिए डेडलाइन भी तय करें। सुनिश्चित करें कि आप प्रतिदिन उस डेडलाइन को पूरा करें।
2 अपने स्टडी के घंटों को 2-2 घंटे के 4 स्लॉट में विभाजित करें। और सभी विषयों को एक-एक करके पढ़ें। आप अपने डेली टास्क को पूर्ण एकाग्रता और सही दिशा में किए गए प्रयासों के साथ पूरा करने के लिए एक स्मार्ट स्टडी स्ट्रैटजी तैयार कर सकते हैं। एसएससी सीजीएल डेली स्टडी प्लानिंग करें।

खुद का आकलन करें और उस पर काम करें
  • समय सीमा के साथ अपने डेली टास्क की लिस्ट देखें और दिन के अंत में, उन कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए की गई अपनी सभी एक्टिविटी का आकलन करें।
  • एसएससी सीजीएल पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र डाउनलोड करें और परीक्षा के दौरान आवंटित समय के भीतर उसे पूरा करने का प्रयास करें।
  • चूंकि ये परीक्षण मशीनों के माध्यम से स्वचालित होते हैं, इसलिए आपको कम से कम 100 या अधिक प्रश्नों को हल करने के लिए सीमित समय मिलता है। उस समय अवधि के बाद, परीक्षण ऑटोमेटिक बंद हो जाता है और आप अपना रिजल्ट तुरंत देख सकते हैं।
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परीक्षा के दौरान इस तरह करें टाइम मैनेजमेंट-

SSC CGL Tier-1 के लिए परीक्षा देने की रणनीति:
  • प्रश्नों का उत्तर देना शुरू करने से पहले पूरे पेपर का विश्लेषण करने के लिए कुछ समय निकालें। इस विश्लेषण प्रक्रिया में आप यह तय कर सकते हैं कि आपको पहले कौन से सेक्शन लेने चाहिए और कौन से अंत में।
  • सबसे आसान सेक्शन से शुरुआत करें! जैसे आप सबसे पहले एसएससी सीजीएल जनरल अवेयरनेस सेक्शन ले सकते हैं।
  • यह खंड केवल 10 मिनट के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। चूंकि आपको 25 प्रश्नों का उत्तर देना होगा और उन्हें हल करने जैसा कुछ नहीं होता है।
  • इस खंड में 15-20 प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।
  • जेनरल अवेयरनेस सेक्शन में 10 मिनट बिताने के बाद, आप अंग्रेजी सेक्शन में जा सकते हैं। यह पेपर का दूसरा कम समय लेने वाला सेक्शन है।
  • हालांकि अंग्रेजी के प्रश्न ट्रिकी होते हैं लेकिन वे कम से कम समय में हल हो सकते हैं।
  • अब आप या तो क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड या रीजनिंग ले सकते हैं। क्यूए सेक्शन के लिए बहुत सारी मैथेमेटिकल कैलकुलेशन की जरूरत होती है इसलिए आप इसे अंत में भी ले सकते हैं।
  • इस प्रकार के प्रश्नों को हल करते समय, आपको छोटे प्रश्नों और लंबे प्रश्नों को बुद्धिमानी से वर्गीकृत करना होगा।
  • कम समय में अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें क्योंकि प्रत्येक प्रश्न चाहे वह छोटा हो या लंबा, 2 अंकों का बेनीफिट पहुंचा सकता है।
  • गणित के सभी शॉर्ट ट्रिक्स और फॉर्मूले याद रखें और क्यूए और रीजनिंग के प्रश्नों का उत्तर देते समय उनका उपयोग करें।
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SSC CGL Tier-2 के लिए परीक्षा देने की रणनीति
  • एसएससी सीजीएल टियर -2 परीक्षा पैटर्न के अनुसार, उम्मीदवारों को 2 अनिवार्य पेपर यानी अंग्रेजी और एसएससी सीजीएल क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड में उपस्थित होना है। और सांख्यिकीय अन्वेषक जीआर के लिए। II और कंपाइलर और सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी पद के लिए उन्हें क्रमशः सांख्यिकी पेपर और सामान्य अध्ययन पेपर में उपस्थित होना आवश्यक है।
  • पेपर 1 क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड सेक्शन के लिए आयोजित किया जाता है, जिसमें उम्मीदवारों को 160 मिनट में 100 प्रश्नों का प्रयास करना होता है। तो, उम्मीदवारों को मुश्किल से प्रति प्रश्न 0.65 सेकंड मिलते हैं।
  • क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड के प्रश्नों को समय पर हल करने के लिए, पहले लंबे प्रश्नों को लेने के बजाय कम समय में अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।
  • लॉन्ग मैथ्ड के साथ न जाएं। इन प्रश्नों को हल करने के लिए केवल शॉर्ट ट्रिक्स और फार्मूलों का उपयोग करें अन्यथा आप उन 160 मिनटों का उपयोग अच्छी तरह से स्कोर करने में नहीं कर पाएंगे।
  • एसएससी सीजीएल अंग्रेजी सेक्शन के लिए, उम्मीदवारों को 200 प्रश्नों को 160 मिनट में यानि 1.25 मिनट प्रति प्रश्न हल करने की आवश्यकता है।
  • रीडिंग कांम्प्रिहेंशन के प्रश्नों को अंत में हल करें, क्योंकि वे समय लेने वाले प्रश्न हैं और उन्हें अधिक एकाग्रता की आवश्यकता है।
  • तब तक, आप अन्य व्याकरण के प्रश्नों को हल कर सकते हैं जिन्हें केवल 5 सेकंड के भीतर हल किया जा सकता है।
  • शेष के लिए, आपको प्रश्नों को उनके नेचर के आधार पर प्राथमिकता देनी होगी। यदि उन्हें हल करना कठिन है और आप उनके उत्तर के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, तो उन्हें छोड़ दें और SSC CGL कट ऑफ अंक संतुलन बनाए रखने के लिए अन्य प्रश्नों को हल करें।

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Exam Revision Tips: एग्जाम में मिलेंगे फुल मार्क्स, इन तरीकों से पूरा करें रिवीजन

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Tips For Exams: परीक्षा में सफलता के लिए कोई सटीक फॉर्मूला नहीं है। लेकिन बेहतर प्रदर्शन के लिए रिवीजन बहुत जरूरी है। आपने जो भी पढा़ है उसे रिवीजन करने के बाद ही पता चलता है कि उसपर आपकी कमांड कितनी अच्छी बनी है। जरूरी नहीं है कि किसी एक परीक्षा के लिए बनाई गई रिवीजन स्ट्रैटजी दूसरी परीक्षा के लिए भी उतनी ही अच्छी हो लेकिन कुछ खास तरीकों को रिवीजन के दौरान अपनाना जरूरी है जो आपके लिए बेहतर हो। जानें ऐसे ही रिवीजन के टेक्नीक के बारे में-

रिवीजन जल्दी शुरू करें
प्रभावी रिवीजन कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे जल्दबाजी में किया जा सके। आप जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे और आप जितने अधिक ऑर्गनाइज्ड होंगे, आपकी सफलता की संभावना उतनी ही अधिक होगी। आपको तनाव का सामना कम करना होगा। अपने रिवीजन के साथ एक रूटीन फॉलो करना जरूरी है यानी आप प्रत्येक दिन लगभग एक ही समय पर रिवीजन शुरू और समाप्त करें। कोशिश करें कि आप रिवीजन सुबह कर सकें यह वह समय होता है जब आपका दिमाग तरोताजा होता है।
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तय करें कि आप क्या रिवीजन करने जा रहे हैं
अपने सिलेबस को देखें और तय करें कि आप क्या रिवीजन करने जा रहे हैं। अपनी परीक्षा के फॉर्मेट का पता लगाएं क्योंकि यह निर्धारित करेगा कि आपको कितने सिलेबस को रिवीजन करने की आवश्यकता है। निबंध-आधारित परीक्षाओं के लिए, आपको पूरे सिलेबस को कवर करने की आवश्यकता नहीं है इसमें कुछ कंटेंट को अधिक विस्तार से पढ़ना अधिक प्रभावी होगा। लघु उत्तर-आधारित परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम की व्यापक लेकिन कम विस्तृत समझ की जरूरत होती है।

एक प्लान बनाएं, ब्रेक भी लें
एक विस्तृत रिवीजन टाइम टेबल तैयार करें, जिसमें नोट्स भी शामिल हों जिन्हें आपको देखने की जरूरत होगी। जितना हो सके इस पर टिके रहें। प्रभावी रिवीजन का मतलब निरंतर रिवीजन करते रहना नहीं है। रिवीजन के दौरान ब्रेक लेने से मस्तिष्क को यह याद रखने का अधिक मौका मिलता है कि आपने क्या पढ़ा है। अगर आपका ध्यान भटकने लगे, तो एक ब्रेक लें और कुछ बिल्कुल अलग करें। सात या आठ घंटे के लिए लगातार रिवीजन करने की तुलना में एक घंटे के ब्रेक के साथ पांच घंटे की पढ़ाई करना बेहतर है।

एक तरीका खोजें जो आपके लिए काम करे
फ्लैशकार्ड्स, पिछले पेपर्स, माइंड मैप्स, ग्रुप वर्क सहित कई रिवीजन तकनीकें हैं जिसे आप अपने लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आपके लिए कौन सा तरीका कारगर है, यह अपने हिसाब से तय करें। ध्यान रखें कि एक परीक्षा के लिए जो तरीका अच्छा काम करता है वह दूसरी परीक्षा के लिए भी सबसे अच्छा तरीका हो यह जरूरी नहीं। पूरी रिवीजन प्रक्रिया के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि शांत और सकारात्मक बने रहें।
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हेल्दी भोजन खाएं, नियमित एक्सरसाइज करें
अपने रिवीजन टाइम में बेस्ट करने के लिए खूब पानी पीना और संतुलित भोजन करना सबसे अच्छा है। एक्सरसाइज से आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। दोस्तों के साथ टीम स्पोर्ट्स खेलने या यहां तक कि अच्छी सैर करने से अधिक ऑक्सीजन मस्तिष्क तक पहुंचेगी और इसे बेहतर ढंग से काम करने में मदद करेगी। इससे आपको रात में बेहतर नींद लेने में भी मदद मिलेगी, जिसका अर्थ है कि आप बेहतर ध्यान केंद्रित करने और जानकारी को अधिक प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम होंगे।

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Career In Fashion Designing: फैशन डिजाइनिंग में कैसे बना सकते हैं करियर, मिलती हैं ये जॉब्स

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Jobs In Fashion Designing: फैशन डिजाइनिंग दुनिया में अत्यधिक रचनात्मक और डिमांड वाले करियर में से एक है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो फैशन के रुझानों, स्केच डिजाइनों की पढा़ई करना, पहनावे में कुछ नया और रचनात्मक क्रिएट करना पसंद करते हैं। फैशन डिजाइनिंग में करियर करियर शुरू करने के लिए एक बुनियादी डिजाइन डिप्लोमा या डिग्री प्रोग्राम लेने की जरूरत होती है जो आपको कपड़े और परिधान डिजाइन करने के साथ-साथ नए ट्रेंड का अध्ययन करने की पेचीदगियों को सीखने में मदद कर सकता है।

फैशन डिजाइनर
फैशन डिजाइनर फैशन डिजाइनिंग इंडस्ट्री से जुड़ा एक ऐसा पेशा है जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं है। यदि आप खुद एक फैशनिस्टा हैं, तो आपने शीर्ष भारतीय फैशन डिजाइनरों जैसे वरुण बहल, मनीष मल्होत्रा, सब्यसाची, रोहित बल आदि के बारे में निश्चित रूप से सुना होगा। वे वास्तव में बॉलीवुड में फैशन के ट्रेंड को बदलने में कामयाब रहे हैं।

रिटेल बायर
एक बार जब आप फैशन डिजाइनिंग में अपना करियर बना लेते हैं, तो आपको इस बात की अच्छी समझ होगी कि कौन से कपड़े किस पर अच्छे लगेंगे। एक खुदरा खरीदार के रूप में, आप अपना खुद का स्टोर बना सकते हैं और अपने उत्पाद बेच सकते हैं या आप अन्य डिजाइनरों से भी उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। अगर सही तरीके से किया जाए तो यह क्षेत्र काफी आकर्षक है।
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रिटेल मैनेजर
बुटीक, डिपार्टमेंटल स्टोर या लाइफस्टाइल, जारा, एम्पोरियो अरमानी आदि जैसे बड़े ब्रांडों में नौकरी पाना बढ़िया ऑप्शन हो सकता है। एक रिटेल मैनेजर कर्मचारियों के लिए दैनिक लक्ष्य निर्धारित करने के लिए जवाबदेह होता है और यह सुनिश्चित करता है कि मार्केटिंग और प्रमोशन उचित तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं।

फैशन स्टाइलिस्ट
जब हम फैशन डिजाइनिंग में करियर की बात करते हैं तो यह सबसे कठिन और सबसे रोमांचक जॉब प्रोफाइल में से एक है। एक फैशन स्टाइलिस्ट होने के नाते आपका काम कस्टमर के बॉडी टाइप, प्रेफरेंस और पसंद के अनुसार डिजाइनर कलेक्शन से सही आउटफिट का चयन करना है। एक स्टाइलिस्ट मेकअप, एक्सेसरीज, हेयर स्टाइल से लेकर किसी व्यक्ति के ओवरऑल लुक का ख्याल रखता है।

टेक्सटाइल डिजाइनर
एक टेक्सटाइल डिजाइनर प्रिंटेड फेब्रिक, बुनाई और बुनाई पैटर्न के लिए 2 डी यूनिक या दोहराव वाले पैटर्न डिजाइन करता है। इन कपड़ों या टेक्सटाइल का उपयोग इंटीरियर सजाने या सॉफ्ट फर्निशिंग के रूप में किया जा सकता है। टेक्सटाइल डिजाइनर या तो इंडस्ट्रीयल और नॉन-इंडस्ट्रीयल टीम के हिस्से के रूप में काम करते हैं या स्वतंत्र रूप से भी काम करते हैं। अधिकांश टेक्सटाइल डिजाइनर सीएडी का उपयोग टेक्स्चर और पैटर्न डिजाइन करने के लिए करते हैं।
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ज्वैलरी और फुटवियर डिजाइनिंग
फैशन डिजाइनिंग में करियर की बात करें तो ज्वैलरी और फुटवियर इंडस्ट्री में एक अलग मार्केट है जिसमें आप काम कर सकते हैं। आखिरकार, सही फुटवियर और सही फैशन एक्सेसरीज के बिना, परफेक्ट ड्रेस भी अधूरी रह जाती है।

पर्सनल शॉपर
क्या आपको शॉपिंग का शौक है? तो खुश हो जाइए क्योंकि एक पर्सनल शॉपर वह विशेषज्ञ होता है जो दुल्हनों, मशहूर हस्तियों के लिए हैंगर से बेहतरीन कपड़े निकालने में मदद करता है। लेकिन यह काम एक प्रोफेशनल ही कर सकता है जो अपने कस्टमर की आवश्यकताओं के अनुसार बेस्ट डील, बेस्ट शॉप्स और सबसे उपयुक्त डिजाइन और ब्रांड चुन सकता है।

मेकअप आर्टिस्ट
एक मेकअप आर्टिस्ट स्किनकेयर, हेयर स्टाइलिंग, ग्रुमिंग और बॉडी के अतिरिक्त रूप से जुड़ी हर चीज का ध्यान रखता है। हालांकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मेकअप कलाकार ब्यूटीशियन से अलग होते हैं क्योंकि वे लिमिटेड ब्यूटी ट्रीटमेंट तक ही सीमित नहीं होते हैं। मेकअप आर्टिस्ट को शादियों, प्री-वेडिंग फोटोशूट, ब्राइडल मेकअप, फैशन इवेंट्स, सेलेब्रिटीज और मॉडल्स के लिए हायर किया जाता है।
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फैशन मॉडल
एक मॉडल वह है जो बाजार में मार्केटिंग प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए नए ट्रेंड को दिखाने के लिए रैंप पर वॉक करता है। कुछ फैशन डिजाइनर खुद का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने कपड़े पहनते हैं या कभी-कभी वे अपने काम को बढ़ावा देने के लिए मॉडल किराए पर लेते हैं। अगर सामान्य चलन की बात करें तो कई फैशन मॉडल्स ने मॉडलिंग एजेंसियों के साथ खुद को साइन कर लिया है।

फैशन डिजाइनिंग सबसे आकर्षक करियर विकल्पों में से एक है। यह उन लोगों के लिए बहुत सारे अवसर खोलता है जो वास्तव में आर्ट को डिजाइन करने के शौक़ीन हैं-
  • टेक्सटाइल एक्सपोर्ट हाउस
  • फैशन बुटिक
  • स्वतंत्र रूप से फैशन डिजाइनर के रूप में काम कर सकते हैं
  • टेक्सटाइल और फेब्रिक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट रिटेल चेन
  • फैशन ब्रांड शोरूम्स
  • टीवी और फिल्म इंडस्ट्री
  • इंस्टीच्युट में फैशन डिजाइनिंग पढ़ाना

फैशन डिजाइनर बनने के लिए योग्यता
फैशन डिजाइनिंग में करियर बनाने के लिए जरूरी बुनियादी योग्यता फैशन डिजाइन/फैशन टेक्नोलॉजी/टेक्सटाइल डिजाइन या संबंधित क्षेत्रों में डिप्लोमा या डिग्री है। 12 वीं के बाद फैशन डिजाइनर बनने के लिए, आपको भारत में स्नातक पाठ्यक्रमों में एनआईडी परीक्षा / यूसीईईडी / सीईईडी / निफ्ट प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, जबकि आप कई डिप्लोमा और अल्पकालिक फैशन डिजाइन पाठ्यक्रम भी कर सकते हैं।

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Career after 12th: बिजनेस मैनेजमेंट के बाद कैसे मिलेगी हाई सैलरी, जानें करियर स्कोप

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Career After Business Management: आप एक छोटे बिजनेस या फिर एक बड़े कॉर्पोरेशन के लिए काम करना चाहते हैं, बिजनेस मैनेजमेंट में डिग्री ऐसे कई जॉब प्रोफाइल को पूरा करने के लिए जरूरी है। कामकाज के मामले में बिजनेस अधिक विस्तृत हो गए हैं और रिक्रूटर्स ऐसे उम्मीदवारों की तलाश करते हैं जो किसी बिजनेस को कुशलता से प्रबंधित करने के लिए ट्रेंड हों। दुनिया भर के बिजनेस स्कूल छात्रों को तेजी से बढ़ते उद्योग के लिए तैयार करने के लिए बिजनेस मैनेजमेंट में विशेष कोर्स ऑफर करते हैं।

बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स क्या है?
बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स का लक्ष्य विभिन्न प्रकार के व्यवसाय के संचालन का आयोजन, विश्लेषण और योजना बनाना है। इसके लिए स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विशेष डिग्री कार्यक्रम हैं जो अकाउंटिंग, फाइनांस, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, इकोनॉमिक्स, मार्केटिंग और मैनेजमेंट जैसे विषयों को कवर करते हैं। प्रत्येक विषय विशेषज्ञता के लिए और अवसर प्रदान करता है।

व्यवसाय के क्षेत्र में बिजनेस करने के इच्छुक छात्र बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातक कोर्स करते हैं जो उन्हें इसके विविध पहलुओं का अध्ययन कराता है। तीन वर्षों से अधिक समय तक चलने वाले इस डिग्री कोर्स में कठिन ट्रेनिंग दी जाती है और आगे एमबीए, एमआईएम और कई अन्य कोर्स करने के लिए ऑप्शन भी मिलते हैं। किसी भी स्ट्रीम वाले स्टूडेंट बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातक पाठ्यक्रम का विकल्प चुन सकता है। इसे करने के बाद करियर के कई ऑप्शन सामने होते हैं।

बिजनेस एनालिस्ट
बिजनेस एनालिस्ट नए मॉडल तैयार करने के लिए जिम्मेदार हैं जो व्यवसायों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करते हैं। व्यापार विश्लेषक वित्तीय रिपोर्टिंग और आईटी टीमों के साथ मिलकर काम करते हैं। जॉब प्रोफाइल में बजट और पूर्वानुमान, योजना और निगरानी, मूल्य निर्धारण और रिपोर्टिंग शामिल है।
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रिस्क मैनेजर
रिस्क मैनेजर की नौकरी में उन जोखिमों की पहचान करना, निगरानी करना और मूल्यांकन करना शामिल है जो किसी व्यवसाय को प्रभावित कर सकते हैं। एक बार समस्या की पहचान हो जाने के बाद, रिस्क मैनेजर जोखिम को कम करने या समाप्त करने के लिए रणनीति तैयार करता है। रिस्क मैनेजमेंट में नौकरी की अत्यधिक मांग है क्योंकि इसके लिए डिटेल पर नजर रखने और इंडस्ट्री के ट्रेंड्स को समझने की क्षमता की आवश्यकता होती है।

चार्टर्ड मैनेजमेंट अकाउंटेंट
चार्टर्ड मैनेजमेंट अकाउंटेंट कई तरह के कार्यों को संभालते हैं जिनमें पीरियोडिक फाइनांशियल स्टेटमेंट तैयार करना, प्रोजेक्ट और लोन पर बातचीत करना, किसी व्यवसाय के फाइनांशियल परफॉर्मेंस का विश्लेषण करना, वित्तीय डेटा की व्याख्या और गैर-वित्तीय स्टेकहोल्डर्स से कम्युनिकेट करना शामिल है। यह सबसे अधिक सैलरी वाली नौकरी प्रोफाइल में से एक है और आमतौर पर वर्षों के कार्य अनुभव की आवश्यकता होती है।
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प्रोजेक्ट मैनेजर
प्रोजेक्ट मैनेजर एक प्रोजेक्ट की योजना, निगरानी, निष्पादन और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हैं। वे किसी परियोजना की सफलता या विफलता के लिए जिम्मेदार होते हैं। एक कुशल प्रोजेक्ट मैनेजर प्रोजेक्ट की योजना और निष्पादन में टीम का नेतृत्व करता है और उन सभी संभावनाओं को ध्यान में रखता है जो विफलता का कारण बन सकती हैं और इस प्रकार की परेशानियों से बचने के प्लान पहले से ही बना लेता है।

बिजनेस मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन के बाकी
बाद करियर ऑप्शन-
  • कॉर्पोरट इंवेस्टमेंट बैंकर
  • बिजनेस एडवाइजर
  • आरबिट्रेटर
  • बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर
  • डाटा एनालिस्ट
  • मैनेजमेंट कंसल्टेंट
  • फॉरेंसिक एकाउंटेंट
  • स्टॉकब्रोकर
  • सप्लाई चेन मैनेजर

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Career with Graduation: डिग्री के साथ कमाई भी, जानें ऐसे 10 बेहतर तरीके

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Careers With Any Degree: यह बात तो सच है कि हम अपने कोर्स या ग्रेजुएशन के मुताबिक ही करियर चुनते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि आपके पास लिमिटेड करियर ऑप्शन हैं, आप अपनी फील्ड के अलावा भी कई करियर चुन सकते हैं। अगर हम करियर ऑप्शन की बात करें, तो कुछ करियर ऐसे हैं जिन्हें आप किसी भी डिग्री के साथ कर सकते हैं। इसके अलावा, जिस करियर को आप चुनते हैं, वहां काम करने से एक्सपीरिएंस मिलता है और फिर आप उसमें मास्टर बन जाते हैं। तो चलिए बताते हैं आपको ऐसे 10 करियर ऑप्शन, जिन्हें आप किसी भी डिग्री के बाद चुन सकते हैं।

ह्यूमन रिसोर्सेस (HR)
एचआर का काम कर्मचारियों से संबंधी परेशानी को देखना और हायरिंग करना होता है। वह पेरोल, कर्मचारियों के फायदे, सैलरी और बाकी चीजें मैनेज करते हैं। एचआर की जॉब आजकल काफी अच्छी मानी जाती है और इसमें सैलरी भी हाई मिलती है। एचआर बनने के लिए आपको किसी स्पेसेफिक डिग्री की जरूरत नहीं होती है, किसी भी कोर्स के बाद आप एचआर फील्ड को चुन सकते हैं।

अकाउंटेंसी (Accountancy)
अगर आपको अकाउंटेंसी में करियर बनाना है, तो किसी भी डिग्री के बाद इसे चुन सकते हैं। इसमें आपको स्ट्रॉन्ग न्यूमेरेसी स्किल्स और एनेलिटिकल माइंड की जरूरत होती है, जिससे मैथ्स से संबंधी काम आसानी से कर सकें। अगर आपके अच्छे ग्रेड्स हैं, तो आप किसी भी डिग्री के बाद अकाउंटेंसी में जा सकते हैं। इसकी हायरिंग के लिए आपको अकाउंटिंग एग्जाम और इंटरव्यू देना पड़ता है।

मार्केटिंग और ऐड्वर्टाइजिंग
मार्केटिंग और ऐड्वर्टाइजिंग की फील्ड में अधिकतर ज्यादा कॉम्पिटिशन रहता है, लेकिन इसमें सैलरी भी हाई होती है। अगर आपका माइंट क्रिएटिव आइडिया सोचता है, तो मार्केटिंग में करियर बनाना अच्छा ऑप्शन है। इसके लिए आप कॉपी राइटिंग, मार्केटिंग, मीडिया प्लैनर और मैनेजर बन सकते हैं। इस फील्ड में आपको किसी खास डिग्री की जरूरत नहीं होती, केवल आप ग्रेजुएट होने चाहिए।
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इंवेस्टमेंट बैंकिंग
एक इंवेस्टमेंट बैंकर फाइनेंशियल सर्विस देता है, वह भी कंपनी और अलग-अलग इंस्टिट्यूट्स को। इंवेस्टमेंट बैंकर के पास स्ट्रॉन्ग न्यूमेरेसी स्किल्स और एनेलिटिकल माइंड होना जरूरी है। इसके अलावा, अगर आपको प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में इंट्रेस्ट है और अच्छी पकड़ है, तो इंवेस्टमेंट बैंकिंग की जॉब आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। अगर आप एक अच्छी जॉब चाहते हैं, तो ग्रेजुएशन के टाइम से इंटर्नशिप भी कर सकते हैं।

मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (Management consultancy)
अगर आपको क्रिएटिव आइडिया पर काम करना पसंद है, तो मैनेजमेंट कंसल्टेंसी की जॉब कर सकते हैं। कंसल्टेंट्स अलग-अलग कंपनी, सरकार और पब्लिक सेक्टर को स्ट्रेटेगिक आइडिया देते हैं। इसके लिए आपको ऑर्गनाइस्ड और स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन स्किल्स की जरूरत होती है। अगर आपको लोगों से इंट्रैक्ट करना और कम्युनिकेट करना पसंद है, तो यह जॉब बेस्ट है।

टीचिंग (Teaching)
अगर आपको टीचिंग फील्ड में जाना है, तो आपको पोस्ट-ग्रेजुएट टीचर ट्रैनिंग कोर्स करना होगा और उसमें क्वालिफाई होना पड़ेगा। इसके बाद, आप टीचिंग फील्ड में आसानी से जा सकते हैं। टीचर बनने के लिए आपको स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन स्किल्स, पेशेंस, कॉन्फिडेंस और क्रिएटिव होना पड़ता है। अगर आपको किसी एक सब्जेक्ट की नॉलेज ज्यादा है, तो उसके लिए भी टीचर बन सकते हैं।
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पब्लिक रिलेशन्स (Public relations)
पब्लिक रिलेशन में आपको क्लाइंट्स की रेपोटेशन मैनेज करनी पड़ती है। इसमें क्लाइंट्स के साथ रिलेशन अच्छे रखने पड़ते हैं और स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन स्किल्स चाहिए। अगर आपकी राइटिंग और वर्बल स्किल्स अच्छी हैं, तो पीआए में करियर बनाना अच्छा हो सकता है। पब्लिक रिलेशन्स के लिए आप इंटर्नशिप करने के बाद अच्छी जॉब ले सकते हैं।

हॉस्पिटेलिटी और ट्रैवल मैनेजमेंट
अगर आपको मैनेजमेंट और हॉस्पिटेलिटी में करियर बनाना है, तो इसके लिए किसी स्पेसेफिक डिग्री की जरूरत नहीं होगी। इसमें आपको लैंग्वेज और कम्युनिकेशन स्किल्स की जरूरत है। हालांकि अगर आप चाहें, तो हॉस्पिटेलिटी में भी ग्रेजुएशन कर सकते हैं, लेकिन किसी भी सब्जेक्ट में डिग्री लेने के बाद इसमें जॉब कर सकते हैं। वे ट्रैवलिंग और टूरिस्ट मैनेजमेंट का काम भी करते हैं।
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सेल्स (Sales)
सेल्स से ही पता चलता है, कि हम सेलिंग की बात कर रहे हैं। इसमें आपको अलग-अलग कंपनियों के लिए सेल्स में काम करना पड़ता है। सभी कंपनियों को सेल्स कर्मचारियों की जरूरत होती है और इसमें किसी भी डिग्री के साथ करियर शुरु किया जा सकता है। अगर आप सेल्स में करियर बनाना चाहते हैं, तो कॉन्फिडेंस, कम्युनिकेशन स्किल्स और सोशल नेटवर्किंग जरूरी है।

सप्लाई चेन (Supply chain)
आजकल सप्लाई चेन में लोगों का करियर काफी आगे बढ़ रहा है। इसमें ग्रेजुएशन के बाद आप आसानी से जॉब कर सकते हैं। सप्लाई चेन में आपको अलग-अलग रिटेलर के साथ काम करना पड़ता है और वे आपको नई स्कीम के साथ सप्लाई चेन का काम देते हैं। एक अच्छी जॉब करने से पहले आप इंटर्नशिप करके एक्सपीरिएंस ले सकते हैं।

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Online Courses: जानिए ऑनलाइन कोर्स के फायदे और नुकसान

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Online Courses: ऑनलाइन कोर्स जितना फायदेमंद है उतना ही नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। लेकिन फायदा और नुकसान दोनों के लिए एक छात्र खुद जिम्मेदार होता है। ऑनलाइन कोर्स कर एक ओर जहां आप अपने स्किल में लगातार वृद्धि कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर आप बिलंब और आलस करके बहुत पीछे भी हो सकते हैं। पढ़ें ऑनलाइन कोर्स के नुकसान और फायदे क्या हैं।

ऑनलाइन कोर्स के फायदे-

हमेशा है उपलब्ध
एक ऑनलाइन कोर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपकी कक्षा और प्रशिक्षक सप्ताह के सातों दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध रहते हैं। आप लेक्चर प्राप्त कर सकते हैं, नोट्स एक्सेस कर सकते हैं, असाइनमेंट की समीक्षा कर सकते हैं, अभ्यास प्रश्नोत्तरी ले सकते हैं, प्रश्नों पर चर्चा कर सकते हैं, साथी छात्रों के साथ चैट कर सकते हैं और जब चाहें अध्ययन कर सकते हैं। आप कोर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपना स्वयं का प्रोग्राम बना सकते हैं।

दोस्त भी हो सकते हैं शामिल
ऑनलाइन में छात्र के साथ उनके परिवार, दोस्त भी कोर्स के दौरान शामिल हो जाते हैं। स्टूडेंट्स जब वेब पर सर्फिंग कर रहे हों तो माता-पिता उसे देख सकते हैं। अपने परिवार और दोस्तों का सपोर्ट मिलने से बच्चे के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
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फ्लैक्सिबिलिटी
ऑनलाइन कोर्स फ्लैक्सिबल होता है। यानी आप जब चाहें तब पढ़ाई कर सकते हैं। आप जिससे चाहें उसके साथ पढ़ाई कर सकते हैं। आप अपनी इच्छानुसार कुछ भी ड्रेसअप कर सकते हैं।

ऑनलाइन हो सकते हैं शामिल
ऑनलाइन कोर्स में ई-मेल के माध्यम से प्रशिक्षक के साथ सीधे कनेक्ट होने का ऑप्शन होता है, आप सीधे अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। कई छात्र बेवकूफ महसूस करने के डर से कक्षा में प्रश्न पूछने में सहज नहीं होते हैं। इंटरनेट उस डर को खत्म कर देता है।

इंटरैक्शन कर सकते हैं
ऑनलाइन कोर्स आपको पूरी दुनिया से जोड़ता है। इंटरेस्टिंग लोगों से मिलने का अवसर मिलता है। क्लास रूम के माहौल में बहुत से लोग अपने साथी छात्रों को जानने के लिए समय नहीं निकालते हैं लेकिन एक ऑनलाइन कोर्स बुलेटिन बोर्ड, चैट रूम और मेलिंग लिस्ट के माध्यम से अन्य छात्रों को जानने का अवसर प्रदान करता है। आप अन्य छात्रों के साथ ऑनलाइन स्टडी ग्रुप बना सकते हैं। जो कैंपस क्लासरूम में नहीं हो पाता।
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स्किल्स बढ़ती हैं
ऑनलाइन कोर्स असली दुनिया का स्किल सिखाता है। जब आप ऑनलाइन कोर्स को पूरा कर लेंगे, तो आप अपने रिज्यूमे में तकनीकी कौशल के रूप में ई-मेल और वेब ब्राउजिंग को शामिल कर सकेंगे। इंटरनेट के माध्यम से जानकारी प्राप्त करना सीखना आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के लिए संभावनाओं की दुनिया खोल देता है। आप ऑनलाइन नौकरी पा सकते हैं, कॉलेज के आवेदन ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं इसी तरह अन्य कई कार्य कर सकते हैं।

ऑनलाइन क्लास के नुकसान-

कैंपस में समय लगता है
ऑनलाइन क्लास में ऑन कैंपस क्लास से ज्यादा समय लगता है। ऑन-कैंपस कोर्स की तुलना में ऑनलाइन वातावरण में पढ़ाई और असाइनमेंट पूरा करने में अधिक समय लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऑनलाइन कोर्स का माहौल टेक्स्ट-आधारित है। अपने प्रशिक्षक और अन्य छात्रों के साथ संवाद करने के लिए आपको संदेश टाइप करना पड़ता है, प्रतिक्रियाएं पोस्ट करनी होती और टाइपिंग के माध्यम से संवाद करना पड़ता है जो बोलने की तुलना में धीमी होती है। इसी तरह आपके कंटेंट को पढ़ने में एक प्रशिक्षक को सुनने से अधिक समय लगता है।

इंटरनेट
आधारित कोर्स का एक नुकसान यह भी है कि इसमें अधिक शिथिलता है। एक छात्र ऑनलाइन क्लास के लिए लेट हो सकता है क्योंकि ऐसे कोर्स में समय पर कक्षा में आने के लिए कहने वाला कोई नहीं है। आपको यह याद दिलाने वाला कोई नहीं है कि असाइनमेंट दिए गए हैं उन्हें समय पर पूरा करना है या परीक्षाएं आ रही हैं। आपको उपदेश देने वाला कोई नहीं है, ऑनलाइन एनवायर्नमेंट में पढ़ना और असाइनमेंट को को टालना आसान है।
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टाइम मैनेजमेंट चाहिए
ऑनलाइन क्लास में अच्छी टाइम मैनेजमेंट स्किल की जरूरत होती है। यह ऑनलाइन कोर्स की डिमांड है कि आप व्यक्तिगत समय-प्रबंधन कौशल विकसित करें। ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए आत्म-अनुशासन की आवश्यकता होती है ताकि आप अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए समय निकाल सकें। इसका मतलब है कि आपको ऑनलाइन पढ़ाई को प्राथमिकता देनी होगी और अन्य गतिविधियों को हस्तक्षेप नहीं करने देना होगा।

क्लास के जितना इंटरैक्शन नहीं कर सकते
ऑनलाइन कोर्स में कोई आपके साथ नहीं होता आप पढ़ने के लिए अकेले होते हैं। अपने साथी के रूप में केवल कंप्यूटर के साथ अकेले अध्ययन करना थोड़ा अजीब हो सकता है। ऑन कैंपस में एक कमरे में आगे-पीछे क्लास मेट होते हैं, गैलरी में लोग होते हैं। क्लास में कमांड करने वाले टीचर होते हैं लेकिन ऑनलाइन कोर्स में ऐसा कुछ नहीं होता।

कभी-भी पढ़ाई कर सकते हैं
ऑनलाइन क्लास आपको ज्यादा इंडिपेंटेंड बनाता है यह आजादी की चाह रखने वाले छात्रों के लिए बहुत बेहतर स्थिति है। छात्र जब कॉलेज में प्रवेश करते हैं, तब वे स्वतंत्र होना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि कोई उन्हें बताए कि हर समय क्या करना है। वे अपनी आजादी चाहते हैं। लेकिन यह आजादी भटकाव भी ला सकती है।

एक्टिव लर्नर
ऑनलाइन कोर्स आपको एक्टिव लर्नर बनाता है। ऑनलाइन कोर्स में केवल आप ही अपने सीखने के लिए जिम्मेदार हैं। इसे कोई आप पर थोप नहीं सकता। कोई पढ़ाई नहीं करवा सकता। अपने सपनों को पूरा करने की चिंगारी और इच्छा आपकी होनी चाहिए।

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Tips For Debate: बच्चों को डिबेट के लिए ऐसे करें तैयार, बढ़ेगा कॉन्फिडेंस

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How To Prepare For A Debate: जब आप अपने बच्चे की वाद-विवाद या डिबेट स्किल सुधारने में मदद करते हैं तो उन्हें ऐसे प्रशिक्षित करें कि वे न सिर्फ अच्छे वक्ता बनें बल्कि एक अच्छे श्रोता भी बनें। जब बच्चे छोटे हों तभी इस स्किल को डेवलप करने के प्रयास शुरू कर दिया जाना सबसे अच्छा है। सार्वजनिक भाषण, जैसे वाद-विवाद, एक्सटेम्पोर और स्पीच, बच्चों को खुद को व्यक्त करने और उनकी विचार प्रक्रिया को विकसित करने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने में मदद करता है।

जब बच्चे छोटे हों शुरूआत तभी करें
डिबेट स्किल डेवलप करने की शुरुआात जब बच्चे छोटे हों तभी से कर दें। अलग-अलग आसान विषयों पर चर्चा करके अपने बच्चे को आत्मविश्वासी बनने में मदद करें। इसके लिए आप टेलीविजन शो, समाचार के विषयों आदि पर चर्चा कर सकते हैं।

उनके इंट्रेस्ट को पिक करें
अपने बच्चे के लिए डिबेट को दिलचस्प बनाने के लिए, उसकी रुचि का विषय देकर शुरुआत करें। प्लास्टिक का उपयोग करने के फायदे और नुकसान, महात्मा गांधी ने भारत की कैसे मदद की, पेड़ काटना क्यों अच्छा नहीं है, घर पर पालतू जानवर रखने के फायदे और नुकसान आदि विषय हो सकते हैं। यह बच्चे को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा। साथ ही वे गतिविधियों में लगे रहेंगे। घर पर अभ्यास करने से उन्हें वाद-विवाद क्या होता है, इसका प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा।
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अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता दें
जब आपका बच्चा अपने विचार व्यक्त करे तो हस्तक्षेप न करें। जो उनके मन में आता है उन्हें खुलकर व्यक्त करने दें। यह उनकी सोच कौशल और विचार प्रक्रिया को विकसित करने में मदद करेगा। साथ ही यह आपको आपके बच्चे की सोच की दिशा की एक झलक भी देगा।

उन्हें 'फॉर या अगेंस्ट' समझने में मदद करें
अपने बच्चे के पक्ष को मजबूत बनाने के लिए विषय के दोनों पहलुओं को जानने में उनकी मदद करें। इससे उन्हें अपने विचारों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। वे विपक्ष को जवाब देने के लिए भी पहले से तैयार रहेंगे।
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उनके तथ्यों को मजबूत करें
डिबेट के लिए तथ्यों को ठीक से जानना आवश्यक है। विषय पर डिटेल रिसर्च करने और उनके फैक्ट को स्पष्ट करने में अपने बच्चे की मदद करें। आप उनके साथ अपने विचार साझा कर सकते हैं, इंटरनेट पर चीजें खाेजने में उनकी मदद कर सकते हैं, शोध को प्रासंगिक बनाने के लिए दूसरों की राय पूछ सकते हैं। इससे उन्हें सही तरीके से अपनी बात रखने में मदद मिलेगी। वे उन बिंदुओं के रफ ड्राफ्ट या नोट्स भी तैयार कर सकते हैं जिन्हें वे हाइलाइट करना चाहते हैं।

उनके बॉडी पॉश्चर को ठीक करें
जब हम किसी बहस में भाग लेते हैं तो हमारा बॉडी पॉश्चर और ड्रेसिंग सेंस बहुत मायने रखता है। अपने बच्चे को सही बॉडी पॉश्चर के लिए गाइड करें, जैसे सीधा खड़ा होना और सतर्क रहना, अपने हाथों को हिलाना सीखना, दर्शकों और विरोधी टीम से आंख मिलाना आदि। साथ ही, सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अच्छी तरह से तैयार है, जैसे अच्छी तरह से कंघी किए हुए बाल, पॉलिश किए हुए जूते वगैरह के साथ। यह सकारात्मक के साथ-साथ इंप्रेशन बढा़ने में मदद करता है।
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तर्क में आगे बढ़ने के तरीके के बारे में उन्हें गाइड करें
बच्चों को बहस के दौरान विनम्र होने के मूल्य सिखाएं। क्योंकि वाद-विवाद या डिबेट आपके मजबूत विचारों को सामने रखना है न कि लड़ना। अपने बच्चे को अपने विचारों को आसानी से आगे बढ़ाने में मदद करें। उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि बोलने का सही समय कब है और कब सुनना जरूरी है।

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Career Options In Sociology: सोशियोलॉजी में बनाना है करियर? भारत में ये हैं टॉप 9 ऑप्शन

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Career In Sociology: समाजशास्त्र सामाजिक जीवन में परिवर्तन, सामाजिक कारणों और समाज पर मानव व्यवहार के प्रभावों का अध्ययन है। यह छात्रों को एक इकाई के रूप में लोगों, संस्थानों और समाज के समूहों जैसे विभिन्न संरचनाओं की जांच करने की विधि भी सिखाता है। समाजशास्त्र में स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में, छात्र सामाजिक मुद्दों का अध्ययन करने, सिद्धांतों का परीक्षण करने और सामाजिक विकास के लिए, बेहतर मॉडल विकसित करने के लिए, विश्लेषण करने के लिए कई रिसर्च प्रोजेक्ट का संचालन करते हैं।

योग्यता
स्नातक स्तर पर समाजशास्त्र का अध्ययन कर सकते हैं और फिर समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर सकते हैं। एक विषय के रूप में समाजशास्त्र अधिकांश कॉलेजों और विश्वविद्यालयों पढ़ाया जाता है।

  • समाजशास्त्र में बीए- समाजशास्त्र में बीए कोर्स में दाखिला लेने के लिए, उम्मीदवार को अपनी 10 + 2 (उच्च माध्यमिक) परीक्षा पूरी करनी होगी, जिसमें एक विषय के रूप में सामाजिक विज्ञान हो।
  • समाजशास्त्र में एमए- उम्मीदवार को न्यूनतम कुल 60% अंकों के साथ समाजशास्त्र में स्नातक पूरा करना होगा।
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समाजशास्त्र में करियर विकल्प

सामाजिक कार्यकर्ता
सामाजिक कार्यकर्ता का अर्थ है लोगों की मदद करने और समाज को बेहतर बनाने में करियर। यह समाजशास्त्र के उम्मीदवारों के लिए सबसे अधिक मांग वाली नौकरी है। समाजशास्त्र स्नातक सामाजिक गतिशीलता के ज्ञान का उपयोग सामाजिक मुद्दों का विश्लेषण करने और उन्हें हल करने में मदद करने के तरीके खोजने के लिए कर सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जरूरतमंद व्यक्तियों और परिवारों को संसाधनों का आवंटन सुनिश्चित करने के लिए मुद्दों को उपयुक्त सामुदायिक एजेंसियों के पास भेजते हैं।

पत्रकार
उन उम्मीदवारों के लिए जिनके पास लेखन की क्षमता है और जन दृष्टिकोण को देखने और सामाजिक मुद्दों का विश्लेषण करने की अच्छी समझ है, पत्रकारिता आदर्श विकल्प है। भारत में शीर्ष समाचार एजेंसियां और प्रकाशन हमेशा सामाजिक परिस्थितियों को समझने वाले पेशेवरों की तलाश में रहते हैं।

प्रशासनिक सहायता
शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों को ऐसे पेशेवरों की आवश्यकता होती है जो व्यक्तिगत और सामूहिक मनोविज्ञान का आकलन कर सकें, मानव व्यवहार को समझ सकें और मुद्दों का निवारण कर सकें। समाजशास्त्री स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कर्मचारियों का हिस्सा बन सकते हैं।
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रेहैबिलेशन काउंसलर
यदि आप अपने समाज के युवाओं की मदद करने के इच्छुक हैं, तो यह करियर विकल्प आपके लिए आदर्श है। रेहैबिलेशन काउंसलर समाजशास्त्र में सीखी गई अपनी परामर्श तकनीकों का उपयोग उन युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए करते हैं जिन्हें जीवन में गलत निर्णय लेने के लिए गुमराह किया गया है, जिन्होंने अपराध किया है या फिर जिन्हें जीवन में दुर्व्यवहार या आघात लगा है।

फैमिली काउंसलर
समाजशास्त्री कुशल परामर्शदाता होते हैं और इसलिए उनकी विशेषज्ञता का उपयोग फैमिली काउंसलिंग में किया जाता है। फैमिली काउंसलर विभिन्न पारिवारिक या वैवाहिक मुद्दों का आकलन करने और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए अपने अब्जर्वेशन और क्रिटिकल थिंकिंग का उपयोग करते हैं।

सर्वे रिसर्चर
जैसा कि नाम से पता चलता है, सर्वे रिसर्चर सर्वेक्षण करते हैं। इनमें सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों, स्वास्थ्य और संस्कृति पैटर्न का अवलोकन करना और कंज्यूमर किसी विशेष प्रोडक्ट या सर्विस पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहे हैं, शामिल हैं। वे प्रश्नावली बनाते हैं, फोकस समूह बनाते हैं, और स्पष्ट उत्तर प्राप्त करते हैं। समाजशास्त्री सबूत इकट्ठा करने और सार्वजनिक और निजी संगठनों के लिए अच्छी तरह से सूचित रिपोर्ट बनाने के लिए डेटा संग्रह और सांख्यिकीय विश्लेषण तकनीकों का उपयोग करते हैं।
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मानव संसाधन (एचआर) विशेषज्ञ
समाजशास्त्री होने का एक हिस्सा हर दिन बड़ी संख्या में लोगों के साथ बातचीत करना शामिल है। यह एक मानव संसाधन विशेषज्ञ होने की नींव है। यह तय करता है कि कोई उम्मीदवार किसी विशेष नौकरी के लिए उपयुक्त है या नहीं, किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार करता है।

पॉलिसी एनालिस्ट
समाजशास्त्रियों को अपनी शैक्षणिक यात्रा में नीतियों का अध्ययन करना होता है। यही कारण है कि उन्हें सामाजिक मुद्दों का निरीक्षण करने और इन मुद्दों को हल करने के लिए विधायकों की सिफारिश करने के लिए नीति विश्लेषकों के रूप में काम पर रखा जाता है। समाजशास्त्री अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाजशास्त्रीय अनुसंधान डेटा का विश्लेषण करने के लिए यह समझने के लिए कर सकते हैं कि क्या विशेष कानून ने सामाजिक मुद्दों और जनसंख्या पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाला है।

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Integrated Learning: डिग्री के साथ होगी नौकरी की भी तैयारी, इन कोर्सेज से मिलेगी मदद

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Benefits Of Integrated Learning: पहले स्टूडेंट्स के पास केवल डिग्री होती थी और पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें एक्सपीरिएंस लेना पड़ता था। लेकिन क्या आप जानते हैं Integrated Learning क्या है? इसमें यूनिवर्सिटी डिग्री के साथ-साथ आपको वर्क एक्सपीरिएंस भी देती हैं। न सिर्फ थियोरी पढ़ाई जाती है, बल्कि आप प्रैक्टिकल वर्क ज्यादा कर पाते हैं। इससे वर्कप्लेस, वर्क कल्चर जैसी कई चीजें जानने का मौका मिलता है। पढ़ाई, प्रोजेक्ट्स और एग्जाम में स्टूडेंट्स इतने बिजी होते हैं कि एक्सपीरिएंस करने का मौका नहीं मिल पाता है। इसलिए एकीकृत शिक्षण (Integrated Learning) बेस्ट है, इसमें आपको प्रैक्टिकल का पूरा समय दिया जाता है।

बिजनेस में मिलकर काम करने का मौका
अगर बात करें स्टूडेंट्स की पढ़ाई की, तो वह केवल थियोरी पढ़ते हैं। लेकिन उसे कैसे अप्लाई करना है, यह वे फील्ड में ही सीख पाते हैं। इसलिए एकीकृत शिक्षण बेहद खास है, इसमें आपको फील्ड पर भेजा जाता है और अपनी पढ़ी हुई थियोरी को अप्लाई करने का मौका दिया जाता है। आप जब बिजनेस के साथ मिलकर काम करते हैं, तो नई चीजें सीखने का अवसर भी मिलता है।

वर्कप्लेस के कल्चर के बारे में पता चलता है
जब आप कहीं पार्ट टाइम जॉब करते हैं, तो कई काम करने के लिए फ्री टाइम मिल जाता है। लेकिन फुल टाइम जॉब करने का एक्सपीरिएंस और ऑफिस का कल्चर कैसा है, यह एकीकृत शिक्षण में ही सीखा जा सकता है। Integrated Learning में आपको क्लासरूम से बाहर निकलर ऑफिस जाने का मौका मिलता है और किस तरह काम करनी है, यह भी जान जाते हैं।
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टेक्निकल स्किल्स सीखते हैं
Integrated Learning में आप ऑफिस जाते हैं और वहां की रियर थियोरी समझते हैं। बेसिक से लेकर टेक्निकल वर्क करने की क्षमता आती है और आप अलग-अलग चीजों में काम कर पाते हैं। जितना हम किताबों में पढ़ते हैं, उससे कई गुणा ज्यादा फील्ड में सीख पाते हैं। आप अपनी नॉलेज बढ़ाने, कम्युनिकेशन बेहतर करने के लिए एकीकृत शिक्षण चुन सकते हैं।

आपको अच्छी जॉब मिलती है
जब भी आप जॉब के लिए अप्लाई करते हैं, तो सबसे पहले सीवी यानि रिज्यूम देखा जाता है। इसलिए जरूरी है कि जॉब से पहले आपके पास कुछ महीनों का एक्सपीरिएंस हो। एकीकृत शिक्षण से मिले एक्सपीरिएंस के बारे में आप लिख सकते हैं और वहां क्या सीखा यह भी बता सकते हैं। ज्यादातर उन्हीं लोगों को हायर किया जाता है, जिनके पास अच्छी नॉलेज और एक्सपीरिएंस होता है।

आपके कॉन्टेक्ट बढ़ते हैं
किसी भी इंडस्ट्री में कॉन्टेक्ट बनाना काफी जरूरी है, क्योंकि आप बिना कॉन्टेक्ट के काम नहीं कर सकते हैं। आप अपने सहकर्मी (colleagues) और क्लाइंट्स के साथ अच्छे कॉन्टेक्ट बना सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपका सोशल सर्कल बड़ा होता है और उन लोगों से जुड़कर उनके साथ काम कर सकते हैं। वर्क एक्सपीरिएंस के लिए आप इंटर्नशिप के बारे में भी जान सकते हैं।
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इंडस्ट्री में होने वाली प्रॉब्लम को समझते हैं
ऐसा जरूरी नहीं कि अगर आप सभी परेशानियों को किताबों में पढ़ें, तो वह समझ आ जाएं। इंडस्ट्री में होने वाली कुछ समस्या ऐसी भी होती हैं, जिन्हें आप फील्ड में ही समझ सकते हैं। उनसे कैसे निपटना है और उनके हल क्या हो सकते हैं, यह सभी बातें इंडस्ट्री में काम करते समय ही समझ आ पाती हैं। Integrated Learning में आप अपनी थियोरी से सीखे हुए जवाब को अप्लाई करना भी सीखते हैं।

आपका नजरिया बदलता है और नए आइडिया आते हैं
एकीकृत शिक्षण में आप अपना नजरिया रख सकते हैं और नए आइडिया दे सकते हैं, जो कंपनी के लिए फायदेमंद हों। किसी भी स्थिति में अपना योगदान देने के लिए बेहतर आइडिया, कम्युनिकेशन स्किल्स और माइंडसेट होना जरूरी है। यह सभी चीजें आप केवल एकीकृत शिक्षण में ही सीख सकते हैं। आप यह भी सीखते हैं कि अपने वर्कप्लेस में किस तरह से काम करना है और इंडस्ट्री को आगे ले जाना है।

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Tech Skills: अगर आप भी बनना चाहते हैं Entrepreneur, तो ये 7 टेक स्किल्स हैं जरूरी

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Tips For Entrepreneurs: यह बात तो हम सभी जानते हैं कि आजकल हर फील्ड में कॉम्पिटिशन काफी बढ़ गया है। ऐसे में व्यवसायी बनना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। एक व्यवसायी को टेक्निकल टूल्स का काफी इस्तेमाल करना पड़ता है, इसलिए अगर आप भी भविष्य में व्यवसायी बनना चाहते हैं तो टेक स्किल्स जरूर सीख लें। कोर्स या डिग्री लेने के साथ-साथ आप इन स्किल्स पर काम कर सकते हैं और जान सकते हैं कि फील्ड में इन्हें कैसे इस्तेमाल करना है। इसमें 3D प्रिंटिंग, वायरफ्रेम और बिग डाटा जैसी कई स्किल्स शामिल हैं।

3D प्रिंटिंग (Printing)
हेल्थकेयर से लेकर एजुकेशन सेक्टर तक, 3D प्रिंटिंग ने अपना एक अलग रोल निभाया है। चाहे प्रोडक्ट मटेरियल बनाना हो या प्रोड्यूस करना हो 3D प्रिंटिंग काफी जरूरी है। अगर आप आने वाले समय में प्रोडक्ट-बेस्ड व्यवसायी बनना चाहते हैं, तो 3D प्रिंटिंग जैसी स्किल्स सीखना काफी जरूरी है। यह स्किल आपके प्रोडक्ट को आगे बढ़ाने और कंपनी के वेलफेयर में काम आएगी। व्यवसायी बनने के लिए आपको 3D प्रिंटिंग की स्किल्स जरूर सीखनी चाहिए।

वायरफ्रेम (Wireframe)
एक नई व्यवसायी के रूप में आप इस समय के एक-मैन-बैंड हो सकते हैं, बिना किसी विकास/तकनीकी टीम के आपको अपने रास्ते पर लाने में मदद करने के लिए वायरफ्रेम जरूरी है। अगर आप एक टीम के साथ काम कर रहे हैं, तो वायरफ्रेम आना जरूरी है। जब इसे सही तरीके से चलाया जाता है, तो वायरफ्रेमिंग अनिवार्य रूप से आपके वेबसाइट विज़िटर को बताता है कि उन्हें साइट का इस्तेमाल और नेविगेशन कैसे करना चाहिए।
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बिग डाटा और डाटा एनालिटिक्स (Big Data And Data Analytics)
एक व्यवसायी को बिग डाटा आना काफी जरूरी है और आपको यह भी जानना चाहिए कि इसे फायदे के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाए।
यह आपको अधिक इंफॉर्मेटिव व्यावसायिक निर्णय लेने में मदद करेगा क्योंकि आपको अपने क्लाइंट्स की जरूरत, आदत और रूचि के बारे में बेहतर जानकारी मिलती है। जब अच्छा कंटेंट बनाने की बात आती है, तो ट्रैफ़िक को बिक्री में बदलने की क्षमता आती है। हमेशा याद रखें कि अगर आपके पास अच्छी नॉलेज है, तो वही पावर भी बन सकती है।

सोशल मीडिया (Social Media)
डिजिटल वर्ल्ड में सभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए आपको सोशल मीडिया स्किल्स आनी जरूरी हैं। चाहे आप प्रोडक्ट-बेस्ड व्यवसायी हों या सर्विस-बेस्ड, आपको सोशल मीडिया से अपने बिजनेस मार्केटिंग बढ़ाने की ट्रिक्स आनी जरूरी हैं। यह एक ऐसा कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म है, जहां से आप लाखों लोगों से जुड़ सकते हैं। सोशल मीडिया से अपने प्रोडक्ट्स को आगे कैसे बढ़ाना है, यह स्ट्रेटेजी आना काफी जरूरी है।
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सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (Search engine optimization)
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन को SEO भी कहा जाता है और किसी भी व्यवसायी को यह आना काफी जरूरी है। यह बेहद आसान स्किल है, जो आप कुछ ही दिनों में डेवलप कर सकते हैं। आपकी वेबसाइट को आगे बढ़ाने के लिए SEO एक बेहद खास रोल निभाता है। इससे आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक आता है और साइट बिजनेस के रूप में अच्छा काम करती है। जब वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक आने लगता है, तो अर्निंग भी हाई होती है।

तो अगर आप Entrepreneur बनना चाहते हैं, तो ये स्किल्स जरूर सीख लें। इसके अलावा, आप UX design भी सीख सकते हैं, जिससे सेल्स और वेबसाइट ट्रैफिक बढ़ाने में मदद मिलती है।

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Career After 12th: नहीं ली 12वीं में Commerce के साथ मैथ्स? चुन सकते हैं ये करियर

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Commerce Without Maths Courses: जब 11वीं में सब्जेक्ट्स चुनने की बात आती है, तो अधिकतर स्टूडेंट्स जिन्हें मैथ्स पसंद नहीं होती है वे कॉमर्स बिना मैथ्स (Commerce without Maths) के लेते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके पास कोर्स या स्कोप की कमी होती है। कॉमर्स लेने के बाद अंडर-ग्रेजुएट से लेकर प्रोफेशनल कोर्स तक कई करियर ऑप्शन हैं, जिन्हें कॉमर्स स्टूडेंट्स चुन सकते हैं। इसमें बी.कॉम प्रोग्राम, लॉ और डिजिटल मार्केटिंग जैसे कई ऑप्शन शामिल हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है स्कोप।

अंडर-ग्रेजुएट कोर्स

बी.कॉम प्रोग्राम
बी.कॉम. या बैचलर ऑफ कॉमर्स तीन साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है और कॉमर्स स्ट्रीम में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ऑप्शन में से एक है। इस तीन साल के ग्रेजुएट कोर्स में चुनने के लिए फाइनेंशियल, कॉर्पोरेट टेक्स, सांख्यिकी, मैनेजमेंट, कंपनी लॉ, ऑडिटिंग और व्यवसाय मैनेजमेंट जैसे टॉपिक को अलग-अलग ऑप्शन के साथ पढ़ाया जाता है।
बीकॉम में एंट्री मुख्य रूप से बोर्ड की योग्यता के आधार पर होता है।

लॉ (Law)
कॉमर्स के बाद सबसे अधिक मांग वाला करियर लॉ है। जबकि सबसे सुविधाजनक तरीकों में से एक CLAT (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) और अन्य लॉ एंट्री एग्जाम को क्रैक करना है। इस प्रोग्राम में नंबर शामिल नहीं है, इसके बजाय जरूरी सोच, विश्लेषणात्मक सोच, विस्तार पर ध्यान, लिखित और मौखिक कम्युनिकेशन स्किल्स पर ध्यान दिया जाता है। आप कॉरपोरेट, कानून एजेंसी, कानून फर्म, मुकदमेबाजी, प्रशासनिक सेवाओं में कुछ का उल्लेख करने के लिए काम करने पर विचार कर सकते हैं।
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होटल मैनेजमेंट
नई टेक्नोलॉजी के आने के साथ, हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में जॉब के अवसर सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। बीएससी/ बीए होटल मैनेजमेंट/ बीबीए हॉस्पिटैलिटी 12वीं के बाद 3-4 साल का डिग्री प्रोग्राम है। होटल मैनेजमेंट डिग्री प्रोग्राम को आगे बढ़ाने के लिए एंट्री एग्जाम और इंटरव्यू देना पड़ता हैं। कॉमर्स के बाद आप इसे भी चुन सकते हैं।

मास कम्युनिकेशन
पिछले कुछ सालों में कम्युनिकेशन फील्ड में तेजी आई है। मास कम्युनिकेशन ने अपनी अलग जगह बनाई है, इच्छुक छात्रों के लिए कुछ नए करियर के अवसर प्रदान करता है। दुनिया भर में डिजिटल मीडिया में वृद्धि के साथ, सोशल मीडिया मैनेजर, डिजिटल मार्केटिंग, ब्लॉगर्स, शोध विश्लेषक, ग्राफिक्स डिजाइनर, एडिटर, कंटेंट क्रिएटर, कॉपी राइटर जैसे कई नए करियर विकल्प पेश किए हैं। विश्वविद्यालय ज्यादातर एंट्री एग्जाम के आधार पर एंट्री करते हैं।

प्रोफेशनल कोर्स

सीए (Chartered Accountancy)
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India) द्वारा प्रशासित एक प्रोफेशनल कोर्स है। यह आपको फाइनेंस, राइटिंग एग्जाम, टेक्सेशन आदि से जुड़ी डीप नॉलेज और ट्रेनिंग के साथ बिजनेस के सभी क्षेत्रों में काम करने का मौका देता है। कठिनाई का स्तर यह प्रोग्राम बाकी के मुकाबले मुश्किल है। परीक्षा के अगले सेट के लिए योग्य होने के लिए एक छात्र को सभी परीक्षाओं को पास करने की आवश्यकता होती है। आप अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री या बाकी के साथ 12वीं के बाद इस कोर्स को कर सकते हैं।
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कंपनी सेक्रेटरी (Company Secretary)
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ( Institute of Company Secretaries of India) कंपनी सेक्रेटरी के बिजनेस प्रोग्राम को चलाता है, कंपनी और निदेशक मंडल के बीच एक जुड़ाव और कॉर्पोरेट प्रशासन की सुविधा प्रदान करता है। एक सीएस यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी की नीतियों का सही से पालन किया जा रहा है और कंपनी के कानून में डीप नॉलेज और ट्रेनिंग के साथ संशोधन किया जा रहा है। सीएस की सभी परीक्षाओं को पास करने और ज्यादा वर्क एक्सपीरिएंस पाने के बाद कॉर्पोरेट फर्म में वरिष्ठ स्तर के पदों को पाया जा सकता है।

डिजिटल मार्केटिंग
ऑनलाइन उपयोगकर्ता के अनुभव के सबसे जरूरी पार्ट्स में से एक डेटा विश्लेषण है। डाटा विश्लेषण सार्थक जानकारी और पैटर्न के लिए डाटा को क्लियर करने और बदलने की एक प्रक्रिया है। जिसका उपयोग व्यावसायिक फर्म द्वारा रणनीति बनाने और निर्णय लेने के लिए किया जाता है। अधिकांश लोगों को लगता है कि डाटा विश्लेषक के रूप में काम करने के लिए आपको गणित विशेषज्ञ होने की आवश्यकता है, हालांकि, डाटा विश्लेषण में केवल एक ही प्रकार के गणित की आवश्यकता होती है, जो आंकड़ों के साथ होता है।

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