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Career Options: यहां जानें 12वीं के बाद क्या हैं यूनिक करियर ऑप्शन, मिलेगा अच्छा सैलरी पैकेज

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Career After 12th: अधिकतर स्टूडेंट्स इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि 12वीं के बाद क्या चुना जाए। अक्सर स्टूडेंट्स को उनकी स्ट्रीम के मुताबिक करियर चुनने के लिए कहा जाता है, इसलिए वह सभी ऑप्शन के बारे में सही तरह सोचते हैं। लेकिन सभी स्टूडेंट्स को अपने इंट्रेस्ट के मुताबिक करियर चुनना चाहिए। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं यूनिक करियर ऑप्शन, जो आपको काफी पसंद आएंगे। इनमें अच्छी सैलरी और स्कोप हैं, जो आपके भविष्य को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।

डाटा साइंटिस्ट
डाटा हर रूप में मौजूद होता है, चाहे वह ऑनलाइन स्टोर पर आपके द्वारा की गई खरीदारी हो, या इंस्टाग्राम पर आपके द्वारा बनाए जाने वाले अकाउंट। डाटा साइंटिस्ट, बिग डेटा इंजीनियर्स, डेटा एनालिस्ट्स, डेटा मैनेजर्स को डाटा समझाने और निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए पैटर्न बनाता है। अगर नंबर के साथ तालमेल आपकी स्किल है, तो यह आपके लिए एकदम सही करियर हो सकता है।

इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अनालिस्ट
अलग-अलग कारण से डाटा की सुरक्षा एक जरूत रही है- कई संगठन सूचना के बड़े भंडार का मैनेजमेंट करते हैं, इसलिए यह हाई टेक्नोलॉजी वाले अपराधियों के लिए एक आसान लक्ष्य बन जाता है। इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अनालिस्ट के काम में निजी व्यवसायों, सरकार और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा चलाए जाने वाले कंप्यूटर नेटवर्क का बचाव करना शामिल है। जैसा कि मशीन लर्निंग और प्रेडिक्टिव मॉडलिंग निवेश पर अपने रिटर्न को प्रदर्शित करता है, कई व्यवसायों को एक इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अनालिस्ट की जरूरत होती है।
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जेनेटिक काउंसिलर
एक जेनेटिक काउंसिलर के पास जेनेटिक फील्ड में खास नॉलेज होती है। पेशेंट को पर्सनल सहायता देने के लिए परामर्श की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि वे अपनी जेनेटिक हेल्थ के बारे में सोचते हैं। जेनेटिक टेस्ट के रिजल्ट की देखरेख करने और अधिक जानकारी लेने वाले पेशेंट का समर्थन करने के लिए जेनेटिक काउंसिलर के पास परामर्श जैसे क्षेत्रों में अच्छी नॉलेज होती है।

ग्रोथ मैनेजर
एक ग्रोथ मैनेजर, कंपनी के डेवलपमेंट की पहचान करने और अलग-अलग मौकों के लिए अपनी टीम के प्रयासों को मैनेज करने के लिए जिम्मेदार होता है। ग्रोथ मैनेजर लक्ष्य बताता है और इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टीम की मदद करता है। ज्यादातर ग्रोथ मैनेजर ग्रोथ हैकिंग से काम करते हैं। एक डेवलपमेंट हैकिंग वह है, जो लगातार प्रयोग करने की प्रेरणा देती है। ग्रोथ मैनेजर अक्सर ग्रोथ प्लान का इस्तेमाल करते हैं।
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डेवलप इंजीनियर
DevOps एक डेवलप स्ट्रेटेजी है, जो सॉफ्टवेयर और आईटी सिस्टम को चलाने का काम करती है। इसलिए, DevOps इंजीनियर और DevOps टीम डेवलपमेंट और सिस्टम के बीच संबंध बनाते हैं। यह सुनिश्चित करते हुए कि सब कुछ अच्छे से अपडेट जारी होने के लिए तैयार है। आखिर में, डेवलप इंजीनियर यह सहयोग करने और इसमें आने वाली बाधाओं को दूर करने के बारे में सचते हैं।

लीड जनरेशन स्पेशलिस्ट (Lead Generation Specialist)
एक लीड जनरल स्पेशलिस्ट मार्केटिंग से सेल्स को बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे बिक्री करने के लिए आवश्यक फर्मोग्राफिक जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। स्पेशलिस्ट उन लीड्स पर शोध करते हैं जो बताई गई आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और उन्हें बिक्री के लिए बढ़ाते हैं। लीड जनरेशन स्पेशलिस्ट यह देखते हैं कि मिलने वाले सभी अवसर सही और फायदे वाले हैं।

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Career Tips: बेस्ट करियर ऑप्शन चुनने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स

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How To Choose A Career: जैसे ही स्टूडेंट्स 12वीं में आते हैं, उनसे यह सवाल पूछा जाने लगता है कि वह आगे चलकर कौन-सा करियर ऑप्शन चुनेंगे? कई स्टूडेंट्स यह सोचते हैं कि मेरे दोस्त ने टीचर बनने का फैसला लिया है, तो मैं भी यही चुन लेता हूं। लेकिन क्या ऐसा करना सही है? आपको केवल अपनी रुचि के मुताबिक करियर चुनना चाहिए। बिना किसी संकोच के अपने ड्रीम को फॉलो करना चाहिए। जब हम करियर चुनते हैं, तो उससे हमारे पूरे जीवन पर असर पड़ता है और कई ऑप्शन ऐसे होते हैं, जिनमें हमें हमेशा चुनौती का सामना करना पड़ता है।

खुद से करें शुरुआत
अगर हमें अपने करियर के उद्देश्यों को सोचने की जरूरत है, तो इसे आत्म-जागरूकता से शुरू करना होगा, जो केवल आत्म-मूल्यांकन से ही हो सकता है। विश्लेषण हमारी ताकत, कमजोरियों, अवसरों (इस मामले में सुधार के क्षेत्र) का आकलन करने का तरीका होगा। इस मूल्यांकन से आपकी रुचियों, योग्यता और प्रोफाइल के अन्य जरूरी फील्ड की खोज होती है।आपको अपनी ताकत और इंट्रेस्टेड फील्ड की पहचान करने की जरूरत है।
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रिसर्च करें
रिसर्च छात्रों के लिए कठिन हो सकता है, लेकिन सही रिसर्च ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है। करियर के अलग-अलग ऑप्शन तलाशने से पहले विश्वसनीय सोर्स की तलाश करें। सबसे अच्छे रिजल्ट पाने के लिए सही रिसर्च की तलाश करें और अपनी खोज को सीमित करें। अलग-अलग चीजों के बारे में सोचना न भूलें!

आपके रिसर्च से आपकी सहायता करने के लिए:
  • करियर प्रोफाइल में डीप रिसर्च करें
  • अपनी रुचि के करियर के पेशेवरों से बात करें
  • अपने रिसर्च की तुलना करें और इसे सीमित करें

इंटर्नशिप जरूर करें
इंटर्नशिप उस फील्ड में व्यावहारिक एक्सपीरिएंस प्राप्त करने का एक और तरीका है, जिसमें आप रुचि रखते हैं। आपके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि इंटर्नशिप हाई स्कूल के छात्रों के लिए भी उपलब्ध है, आपको सही लोगों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त मेहनती होना चाहिए। सही सोर्स की तलाश करें। इंटर्नशिप वर्क एक्सपीरिएंस प्राप्त करने, संबंध बनाने और नौकरी की भूमिका में काम करने का बड़ा साधन है। यदि आप एक इंटर्नशिप खोजने के लिए संघर्ष करते हैं, तो उस एक्सपीरिएंस को पाने के लिए स्वयंसेवा हमेशा एक विकल्प होता है, जो आपके करियर के लिए निर्णय लेने के सफर में जरूरी है।
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अपने फैसले पर भरोसा करें
अब तक आपको उस सूचित निर्णय के लिए तैयार हो जाना चाहिए। अब जब आपने अलग-अलग करियर डोमेन को देख लिया है, तो हर विकल्प के लिए पेशेवरों और विपक्षों को सूचीबद्ध करने की कोशिश करें।

यदि आप कोई निर्णय लेने में सक्षम हैं, तो यह जरूरी है, लेकिन अगले स्टेप की योजना बनाने से पहले सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर की राय लेने में कोई बुराई नहीं है। कई करियर कोच एक्पर्ट होते हैं, जो एक व्यवहार्य रोडमैप बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं।

दोबारा जरूर सोचें
अब जब आपने निर्णय कर लिया है, तो आपका सफर यहीं खत्म नहीं होती है। आपके लिए यह समझना जरूरी है कि हम एक गतिशील दुनिया में रह रहे हैं, जहां परिवर्तन ही एकमात्र स्थिर है। करियर और पेशे पहले से कहीं ज्यादा तेजी से विकसित हो रहे हैं। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी फील्ड के साथ अपडेट रहें, और उसी के साथ अपने फिटमेंट का मिलान करने का प्रयास करें।

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Job Tips: बेहतर करियर चाहते हैं तो कर सकते हैं ये Internship

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Benefits Of Internship: अब जब आप शायद घर पर पढ़ने के आदि हो गए हैं, तो क्यों न आप वर्चुअल इंटर्नशिप का प्रयास करें? लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से, अधिकतर छात्रों के लिए इन-पर्सन इंटर्नशिप अब एक व्यवहार्य विकल्प नहीं है। इसलिए, कोरोनवायरस वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से वर्चुअल इंटर्नशिप एक बेहतरीन विकल्प के रूप में पसंद किया जा रहा है। लेकिन वर्चुअल इंटर्नशिप क्या है? कौन सी कंपनियां इन्हें ऑफर कर रही हैं? क्या उन्हें नियोक्ता इन-पर्सन इंटर्नशिप की तरह अच्छा मानते है? तो चलिए बताते हैं-

वर्चुअल इंटर्नशिप क्या है?
वर्चुअल इंटर्नशिप एक वर्क एक्सपीरिएंस प्लेसमेंट है, जिसे स्टूडेंट्स घर से कर सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान, स्टूडेंट स्काइप, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, ईमेल, वेबिनार और स्लैक के साथ कई संसाधनों से अपने नियोक्ता के साथ काम करते हैं।
वर्चुअल इंटर्नशिप (कभी-कभी रिमोट इंटर्नशिप कहा जाता है) आपके रेज़्यूम पर बहुत अच्छी लगेगी और आपको कुछ मूल्यवान वर्क एक्सपीरिएंस देगी। वर्चुअल इंटर्नशिप आप ग्रेजुएशन के लिए आवेदन और एडमिशन करते समय कर सकते हैं।
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इंटर्नशिप कितने समय तक चलती है?
अगर आपको अपनी फील्ड में इंटर्नशिप करनी है, तो इसे 3 से 6 महीने तक कर सकते हैं। अधिकतर सभी ऑर्गनाइजेशन इंटर्नशिप ऑफर करती हैं, जहां आप अपनी थियोरी को रियल लाइफ में एक्सपीरिएंस कर सकते हैं। कई बार आपके काम की वजह से इंटर्नशिप आगे बढ़ा दी जाती है और आपको ज्यादा एक्सपीरिएंस मिलता है। पार्ट टाइम इंटर्नशिप घर से की जा सकती है और आप नए चीजें सीखते हैं।

रिमोट इंटर्नशिप के फायदे
इंटर्नशिप का सबसे बड़ा फायदा यही होता है कि आप इसे कभी-भी कर सकते हैं और अपने टाइम के मुताबिक काम कर सकते हैं। आप पूरी दुनिया में कहीं भी जाकर काम कर सकते हैं और पैसे भी कमा सकते हैं।

  • पैसा और समय बचते हैं: वर्जुअल इंटर्नशिप के समय, आपको ट्रेवल नहीं करना पड़ता है। आप दुनिया में कहीं से भी काम कर सकते हैं, जिसका अर्थ है कि आप किराए और ट्रेवल खर्च के पैसे बचाते हैं।
  • रिज्यूम अच्छा होता है: घर से काम करने से आपके टाइम मैनेजमेंट और आत्म-अनुशासन में सुधार होगा, जबकि आपको वर्क एक्सपीरिएंस मिलेगा।
  • काम के बारे में समझ बढ़ती है: यदि आप एक अंतरराष्ट्रीय फर्म के लिए काम कर रहे हैं, तो आप दुनिया भर के लोगों के साथ नेटवर्क बना सकते हैं।
  • आपका कनेक्शन बढ़ता है: जब आप ऑनलाइन काम करते हैं, तो आपके कॉन्टेक्ट बढ़ते हैं। आगे चलकर फील्ड में आपका काम आसान बनता है।
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वर्चुअल इंटर्नशिप को माना जाता है एक्सपीरिएंस
जब आप जॉब के लिए इंटरव्यू या अप्लाई करते हैं, तो इंटर्नशिप को एक्सपीरिएंस माना जाता है। जितना आप ऑफलाइन इंटर्नशिप करके एक्सपीरिएंस लेते हैं, उतना ही वर्चुअल इंटर्नशिप को भी एक्सपीरिएंस माना जाता है। जब आपकी हायरिंग होती है, तो जो भी आपने इंटर्नशिप में सीखा है, वह काम आता है। आपको जॉब करते समय ज्यादा परेशानी नहीं होती है क्योंकि आपने कई चीजें सीखी होती हैं।

इतना ही नहीं, इटर्नशिप करने के साथ-साथ आपको स्टाइपेंड यानि पेमेंट भी मिलती है। आपको आपके काम के मुताबिक कंपनी से स्टाइपेंड भी दिया जाता है।

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Career In Communication: कम्युनिकेशन डिग्री के बाद चाहिए अच्छी जॉब, ये हैं बेस्ट ऑप्शन

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Career In Communication: एक कम्युनिकेशन डिग्री सभी जानकारी को प्रभावी ढंग से बताने का तरीका सीखने के बारे में होती है। सभी इंडस्ट्री में अच्छा कम्युनिकेशन जरूरी है, जनता को प्रोडक्ट बेचने में मदद करना, इंवेस्टर और ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना कि व्यवसाय में सभी एक साथ काम कर रहे हैं।

आपकी कम्युनिकेशन डिग्री बड़े बिजनेस लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, अलग-अलग दर्शकों को प्रभावी ढंग से जानकारी देने के तरीके के बारे में बताती है। कंपनियों को रिप्रेसेंट करने और उपभोक्ताओं, ग्राहकों और सहकर्मियों के लिए कंपनी और उसकी सेवाओं या उत्पादों को सर्वोत्तम (स्पष्ट) तरीके से पेश करने के लिए मजबूत कम्युनिकेशन स्किल्स जरूरी हैं।

एचआर (Human Resources)
किसी भी बड़े व्यवसाय का एक विभाग, ह्यूमन रिसोर्सेज, प्रदर्शन और प्रेरणा को बनाए रखने के लिए जरूरी है। कम्युनिकेशन ग्रेजुएट के रूप में आपकी भूमिका कंपनी के अंदर सही लोगों को सही समय पर जानकारी देना आता है। आप नए कर्मचारियों की भर्ती, प्रशिक्षण या व्यावसायिक डेवलपमेंट के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम करते हैं। इस क्षेत्र में कम्युनिकेशन और कई अलग-अलग प्रकार के लोगों के साथ अच्छी तरह से संवाद करने की योग्यता होनी जरूरी है।
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बिजनेस में करियर
किसी भी व्यवसाय या संस्थान में कम्युनिकेशन की इतनी जरूरी भूमिका निभाने के साथ, यह डिग्री व्यवसाय की दुनिया में प्रवेश करने का एक शानदार तरीका है। प्रोडक्शन के बावजूद, एंट्री-लेवल के कम्युनिकेशन रोल के लिए आपको मजबूत लिखित और मौखिक कम्युनिकेशन और प्रेसेंटेशन स्किल्स का प्रदर्शन करने की आवश्यकता होगी। साथ ही यह नॉलेज भी होगी कि कोई व्यवसाय विभागों में कैसे कार्य करता है। कुछ अनुभव प्राप्त करने के बाद मैनेजमेंट में करियर बनाने की संभावना है।

पब्लिक रिलेशंस
कम्युनिकेशन स्किल्स आपको पब्लिक रिलेशन में करियर बनाने के लिए काम आ सकती है। पीआर संगठन और मीडिया/जनता के बीच संपर्क स्थापित करता है, और किसी भी परेशानी में अच्छे रिजल्ट या हल लेकर आता है। अगर संस्थान और जनता के साथ कोई परेशानी होती है, जो पब्लिक रिलेशंस उसे संभालता है। कुछ संगठनों में, पीआर ऊपर बताए गए काम के साथ, कभी-कभी मिलकर काम करता है। पीआर के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स होना काफी जरूरी है।
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डिजिटल मीडिया में करियर
आजकल डिजिटल वर्ल्ड में मीडिया भी डिजिटल हो गया है और अगर आपने कम्युनिकेशन में डिग्री हासिल की है, तो यह करियर ऑप्शन बेस्ट हो सकता है। इसमें आप ऑनलाइन काम कर सकते हैं। इस बड़े क्षेत्र में पत्रकारिता, वीडियो एडिटिंग, वेब डिज़ाइन, सोशल मीडिया और ऑनलाइन मीडिया जैसे करियर करियर शामिल हैं। इसमें आपको टेक्निकल चीजें सीखने की जरूरत भी पड़ सकती है।

लॉ (Law)
कम्युनिकेशन के बाद आप लॉ में भी करियर बना सकते हैं। इस प्रोग्राम में नंबर शामिल नहीं है, इसके बजाय जरूरी सोच, विश्लेषणात्मक सोच, विस्तार पर ध्यान, लिखित और मौखिक कम्युनिकेशन स्किल्स पर ध्यान दिया जाता है। आप कॉरपोरेट, कानून एजेंसी, कानून फर्म, मुकदमेबाजी, प्रशासनिक सेवाओं में कुछ का उल्लेख करने के लिए काम करने पर विचार कर सकते हैं। अगर आपने ग्रेजुएशन की है, तो लॉ के लिए तीन साल की LLB कर सकते हैं जिसके बाद आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को काम में ला सकते हैं।

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UPSC Myths: यूपीएससी एग्जाम से जुड़े इन मिथकों से रहें दूर, नहीं तो तैयारी में होगी परेशानी

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Myths About UPSC Exam: यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। शायद यही कारण है कि इसकी तैयारी शुरू करने से लेकर परीक्षा देने तक से कई गलतफहमियां या मिथ्याएं जुड़ी हुई हैं। इन गफलतों में अगर आप फंसे तो मुश्किल हो सकती है। बेहतर होगा कि इनकी सच्चाई आप जान लें। इस तरीके से तैयारी के दौरान और उससे पहले होने वाली जबरन की परेशानियों से आप बच सकते हैं।

प्यार और UPSC साथ-साथ नहीं हो सकते
इस थ्योरी या कहें हाइपोथिसिस का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है। अगर ऐसा होता, तो ज्यादातर शादीशुदा लोगों को आखिरी लिस्ट में जगह ना मिलती। लेकिन सच हम सब जानते हैं, कि इसकी आखिरी लिस्ट में कई शादीशुदा लोगों के नाम होते हैं।

इस हाइपोथिसिस के खिलाफ हम कहेंगे, जहां चाह है, वहां राह है। इसका मतलब ये नहीं कि आप प्यार और रिश्ते बनाने में ही जुट जाएं। इसका केवल इतना सा मतलब है कि कभी भी किसी एक के लिए दूसरे को छोड़ने की गलती ना करें। इससे नुकसान की ही आशंका ज्यादा रहती है।
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सोशल मीडिया, सोशल इंटरेक्शन बंद कर दें
ये सलाह कई लोगों से आपने सुनी होगी। कई लोग तैयारी ना कर पाने के पीछे इस वजह को बताते हैं, लेकिन सच्चाई क्या है वो भी जान लीजिए।
इस सलाह को आप बकवास मान सकते हैं, क्योंकि तैयारी करते वक्त अगर आप किसी से 1 घंटे की भी बातचीत करते हैं तो वो आपके दिमाग को हल्का करेगी और टेंशन भी कम करेगी।

इससे इतर अगर सोशल मीडिया अच्छे तरीके से और रेग्यूलेशन के साथ उपयोग किया जाता है तो ये आपके लिए फायदेमंद ही हो सकता है। इसका मतलब ये नहीं कि आप दिनभर यू-ट्यूब पर बिता दें, या फेसबुक पर क्यूट वीडियोज़ देखने में ही सारा समय खराब कर दें। इसके लिए आप दोषी होंगे। हमेशा किसी भी चीज को लिमिट में करने का फायदा होता है, जबकि हद से ज्यादा करना नुकसानदेह ही होता है।

Prelims के लिए NCERT पर्याप्त हैं
इस झूठ के चक्कर में कभी ना फंसे। इसके लिए केवल NCERT पढ़ना काफी नहीं है और सिर्फ NCERT को पूरा घोट लेना भी जरूरी नहीं है। इससे केवल फंडामेंटल्स यानी बेसिक कॉन्सेप्ट समझ आते हैं। कई दूसरी किताबें भी ऐसा करती हैं, UPSC ने ऐसी किसी किताब का जिक्र नहीं किया है लेकिन आपको बस ये ध्यान रखना है कि आप सिलेबस के आधार पर ही पढ़ाई करें।
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अखबार न पढ़ें, मैगजीन पर्याप्त हैं
इस गलतफहमी के चक्कर में कई उम्मीदवार मुश्किल में पड़ जाते हैं। ये सलाह आसान भी है। लेकिन यकीन मानिए ये सही नहीं है। न्यूजपेपर या अखबार आपको घटनाचक्र से जुड़ी राय बनाने में मदद करते हैं, जो निश्चित तौर पर Mains में आपके काम आती है। अखबार पढ़ने से आपकी भाषा भी मजबूत होगी जो मुख्य परीक्षा लिखते वक्त आपकी लिखावट में झलकेगी। आपके आस-पास हो रहे इवेंट्स से आप न्यूजपेपर की मदद से आसानी से रूबरू हो सकते हैं, लेकिन मैगजीन आपसे ये सुविधा भी छीन लेती है।

इससे इतर कुछ और गलतफहमियां जिनके चक्कर में आपको नुकसान हो सकता है -
  • 24 घंटे पढ़ना जरूरी है
  • तैयारी के लिए कोचिंग जरूरी है
  • केवल इंग्लिश मीडियम के उम्मीदवारों को चुना जाता है

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Career Tips: नए जमाने के करियर के लिए जरूरी हैं नये स्किल्स सीखना, जानें क्यों?

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New Skills For Future Jobs: भारत में रोजगार का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और यह पिछले कुछ दशकों से चल रहा है। उम्मीद की जाती है कि 2022 तक भारत में काम करने वालों में 37% लोग ऐसे होंगे जिनके काम के लिए काफी बदले कौशल की आवश्यकता होगी। नतीजा यह है कि समझने की आवश्यकता को स्वीकार करना बढ़ रहा है।

वाधवानी ऑपरचुनिटी ऐट वाधवानी फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, सुनील दहिया ने कौशल से जुड़ी सभी खास बातों के बारे में बताया है। जिसमें किन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार की संभावना बनने वाली है? नए जमाने के किन कौशलों की आवश्यकता है? उत्पादकता कैसे बढ़ सकती है? यह सभी सवाल शामिल हैं-

यहां जानें कुछ तथ्य
देश की आबादी का 50% से ज्यादा 25 साल से कम उम्र का है। इसलिए, उद्योग 4.0 की आवश्यकता एक कार्यकुशल, सुप्रशिक्षित कार्यबल की है जिसके परिणामस्वरूप समय रहते कौशल विकास पर फोकस किया जा रहा है।

अभी हाल तक भारतीय कामगारों में सिर्फ 10% को औपचारिक कौशल प्रशिक्षण मिला था और एसपायरिंग माइंड्स के अनुसार, “महज 26% इंजीनियर नौकरी में रखने लायक है, तथा हमारे छात्र अगले दशक के लिए तैयार नहीं हैं।”
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व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा देना
समय बदल रहा है और भिन्न स्टेकधारकों के साथ मिलकर व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा कौशल विकास को बढ़ावा देने पर नया जोर है। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की स्थापना कौशल विकास की पहल को व्यवस्थित करने के लिए की गई है।

यही कारण है कि कई व्यावसायिक और कौशल विकास कंपनियां सक्रियता से आवश्यक कौशल प्रशिक्षण देने के काम में लगी हुई हैं। इस अभियान को भारत सरकार की योजना से भी गति मिल रही है। इसके तहत 2022 तक नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन के जरिए 400 मिलियन भारतीयों को प्रशिक्षण दिया जाना है।

विकास के लिए जरूरी है कौशल
कौशल विकास के काम से जुड़ी कंपनियां प्रशिक्षण को अपनी आवश्यकताओं के अनुकूल बना रही है और कौशल के अंतर को पाटने के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रही हैं। और इसके लिए एक कुशल व प्रमाणित श्रमिक वर्ग का विकास कर रही है।

कौशल मुहैया कराने वाले संस्थान प्रासंगिक और नौकरी के लिहाज से महत्वपूर्ण या उपयोगी कौशल मुहैया करा रहे हैं। चूंकि आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान), आईटीसी (औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र) और सरकारी सहायता वाले अन्य संस्थानों की मौजूदा संरचना भविष्य की रोजगार संभावनाओं के अनुसार लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए डिजिटल मंचों की पहुंच हो रही है और सीखने वालों के लिए ऐसी संस्थाओं के दरवाजे भी खुले हुए हैं। इस तरह उद्योग को पहले दिन से उच्च उत्पादकता देनेवाले तकनीक के जानकार लोग मिल जाएंगे।
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संरचना की कमी
देश में लाखों योग्य छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत को बहुत ज्यादा पेशेवर प्रशिक्षण केंद्रों की आवश्यकता होगी। चालू संरचना बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त नहीं है। उद्योग के साथ सरकारी गठजोड़ न सिर्फ कौशल निखारने के लिए आवश्यक होगा बल्कि सही क्षेत्रों में कौशल विकास सुनिश्चित करने के लिए भी इसकी आवश्यकता होगी और यह उद्योग की आवश्यकता के अनुसार होगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों की आवश्यकता होगी जो प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रबंध करेंगे और लोगों को प्रशिक्षण दे सकेंगे।

मुख्य बातें
  • प्रौद्योगिकी, ई-कामर्स और दूरसंचार जैसे मुख्य कारण सभी उद्योगों को अपने उत्पाद और सेवाओं के लिए बदलाव की अपनी रणनीति को पुनर्पारिभाषित करने के लिए प्रभावित कर रहे हैं।
  • डिजिटल टेक्नालॉजी का आगमन उद्योग को डिजिटल बदलाव के लिए मजबूर कर रहा है
  • यह तकरीबन सभी क्षेत्रों पर लागू होता है। इनमें टेक्नाल़ॉजी, बीएफएसआई, हेल्थकेयर, रीटेल, परिवहन, आवभगत, पर्यटन, सौंदर्य, टेक्सटाइल, उड्डयन आदि शामिल हैं, तथा इससे प्रतिभा और नए कौशल की भारी आवश्यकताएं खुलेंगी।
  • नए डिजिटल कोर्स और रोजगार के नए मौके कौशल विकास क्षेत्र में भी खुल रहे हैं।
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दो तरह के कौशल
वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक मंच) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट 'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2018' यह बताती है कि जेनेरिक कौशल अब ज्यादा काम नहीं आएगा। इसकी जगह, दो प्रकार के कौशल सेट सामने आएंगे: पहला, अत्यधिक विकसित तकनीकी क्षमताओं (मशीन लर्निंग, बिग डेटा रोबोटिक्स आदि) और दूसरा, 'मानव' कौशल (बिक्री और विपणन, प्रशिक्षण और विकास, संगठनात्मक विकास आदि) के साथ।

भविष्य के लिए जरूरी है कौशल सीखना
इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि भविष्य में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल का आधा संज्ञानात्मक हैं, बाकी 50% मानव कनेक्शन और काम में सहयोग पर केंद्रित है।
यह जरूरी है कि अर्थव्यवस्था और उद्योग की मांगों के अनुसार नए युग के कौशल का विकास स्कूल के स्तर से ही औपचारिक शिक्षा प्रणाली में एकीकृत किया जाए। इसके साथ ही, औपचारिक शिक्षा प्रणाली के बाहर कौशल निर्माण को अंतर्निहित चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए प्रत्येक कदम पर अधिक ठोस और तात्कालिक कार्रवाई की जरूरत है।

पीटर ड्रकर इसे सबसे उपयुक्त रूप से कैप्चर करते हैं जब वे कहते हैं, "21वीं सदी में महत्वपूर्ण होगा कि, “केवल कौशल नया कौशल सीखने का कौशल है। बाकी सब कुछ समय के साथ अप्रचलित हो जाएगा ।

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Career Tips: सिनेमेटोग्राफी में करियर कैसे बनाएं, कहां से करें पढ़ाई, कितनी होगी सैलरी

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Career In Cinematography: क्या आपके दिमाग में किसी स्टोरी को सुनते ही उसका विज़ुअलाइजेशन शुरू हो जाता है? क्या आपके चीजों को देखने का नज़रियां बाकी सब से आपको अलग करता है? क्या आपको कैमरे का केवल शौक नहीं बल्कि उसके हर छोटे बड़े फंक्शन की समझ भी है? अगर हां, तो सिनेमेटोग्राफी करियर के सुनहरे अवसर आपका इंतज़ार कर रहे हैं।

किसी भी फिल्म की सफलता उस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी पर सबसे ज्यादा निर्भर करती है। सिनेमेटोग्राफी में स्क्रीन पर के सभी विज़ुअल इफेक्ट, कैमरा मूवमेंट, लाइटिंग, कैमरा एंगल, लेंस, फिल्टर, फोकस, रंग, फिल्ड इंटेंसिटी, एक्सपोजर आदि के साथ हि शूटिंग टेक्निक और मैथ्ड शामिल होते हैं।
बतौर सिनेमेटोग्राफर आपको स्पेशल विज़ुअल इफेक्ट, फोटोग्राफिक पिक्चर पर काम करने वाले टीम को हेड करने के साथ ही साथ क्रिएटिव क्रु मेंबर, डायरेक्टर और प्रोडक्शन टीम के साथ तालमेल बनाए रखना होता है।

सिनेमेटोग्राफी मे करियर के लिए पहला कदम क्या हो
इस क्षेत्र मे स्पेशलाइजेशन के लिए ग्रेजुएशन डिग्री, डिप्लोमा डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स कॉलेजों मे करवाए जाते हैं। इसमे नामांकन के लिए उम्मीदवार के पास किसी भी स्ट्रीम मे ग्रेजुएड डिग्री होना जरुरी है। हालांकि कुछ सर्टिफिकेट कोर्स के लिए न्युतम योग्यता 10+2 है। शैक्षणिक योग्यता के अलावा उम्मीदवार के पास कलात्मक और दुरदर्शी नज़रिए का होना बेहद जरुरी है।
इन पाठ्यक्रमों में नामांकन की फीस स्पेशलाइजेशन के क्षेत्र और इंस्टीट्यूट पर निर्भर करती है। हालांकि, 35,000 रुपये से 1,25,000 रुपये इस कोर्स की न्यूनतम औसत फीस हैं।
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कहां पढ़े सिनेमेटोग्राफी?
  1. भारत के वो बेहतरीन 9 कॉलेज जो अपने स्टुडेंट्स को सिनेमेटोग्राफी की टॉप क्लास पढ़ाई करवाते हैं-
  2. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन (एफटीआईआई), पुणे
  3. व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल (WWI), मुंबई
  4. सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (SRFTI), कोलकाता
  5. एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (एएएफटी), नोएडा
  6. बीजू पटनायक फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, ओडिशा
  7. गर्वमेंट फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, बैंगलोर
  8. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी), अहमदाबाद
  9. एल वी प्रसाद फिल्म इंस्टीट्यूट, चेन्नई और त्रिवेंद्रम
  10. के आर नारायणन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअल साइंस एंड आर्ट्स (KRNNIVSA)
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सिनेमेटोग्राफी में करियर कैसे बनाएं?
समय के साथ जैसे जैसे फिल्म मेकिंग के नए आसपेक्टस खुल रहे हैं, वैसे वैसे सिनेमेटोग्राफी के क्षेत्र में मांग भी बढ़ती जा रही है। अब सिनेमेटोग्राफर फिल्म के अलावा वेब सीरीज़, श़ॉर्ट फिल्म, टीवी शो, फिल्म क्रिएशन यूनिट, स्टूडियो और वीडियों बिजनेस से अच्छी कमाई कर सकते हैं।
इन जॉब प्रोफइल पर काम कर सकते है-
  • डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी (DOP)
  • वीडियो एडिटर
  • सिनेमेटोग्राफर
  • कैमरामेन
  • वीडियोग्राफर
  • कैमरा प्रोडक्शन असिस्टेंट
  • कैमरा ऑपरेटर
  • मोशन कंट्रोल ऑपरेटर
  • कैमरा असिस्टेंट
  • फ्रीलांसर

सिनेमेटोग्राफी की फील्ड में औसतन कमाई कितनी है?
इस क्षेत्र मे आपकी कमाई औसतन क्या होगी यह आपके जॉब प्रोफाइल, काम, एक्सपीरियंस, नॉलेज, स्किल्स, स्पेशलाइजेशन और इंडस्ट्री पर निर्भर करता है।
हालांकि, भारत में एक सिनेमेटोग्राफर की औसतन सालाना सैलरी लगभग 94,000 – 1,00,000 रुपए तक होती है। अगर आपके पास वर्क एक्सपीरियंस है तो यही सैलरी बढ़कर सालाना 5 लाख से 6 लाख तक हो सकती है।

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Improve Vocabulary: अच्छी करनी है वोकैबलरी? जरूर अपनाएं ये आसान टिप्स

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How To Improve Vocabulary:अंग्रेजी सीखने का मतलब हमेशा कक्षा में बैठना और कठिन व्याकरण का अध्ययन करना नहीं होता है। अंग्रेजी भाषा के शिक्षक आपको स्कूल के बाहर एक्स्ट्रा सीखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। भाषा के बारे में आपकी समझ को बेहतर बनाने के कई तरीके हैं, जिनमें से कई बहुत मजेदार भी हो सकते हैं। जब आप अपनी वोकेवलरी में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इसके लिए आपको बैठकर शब्दकोश याद करने की जरूरत भी नहीं है। ऐसा करने के लिए बहुत सारे मजेदार और रचनात्मक तरीके हैं।

रीडिंग (Reading)
किताबें पढ़ना वोकेवलरी बढ़ाने का सबसे सटीक उपाय है क्योंकि इसमें शब्द ही शब्द होते हैं। वोकेवलरी के लिए पढ़ना बहुत अच्छा है क्योंकि यह आपको शब्दावली सीखने और सुदृढ़ करने में मदद करता है। किताबों में आप एक प्रासंगिक शब्दावली के साथ, इसके संदर्भ में और भी नए शब्दावली सीखते हैं और आपको सबसे अधिक बार उपयोग किए जाने वाले और उपयोगी शब्द भी इसमें मिलते हैं।

नए शब्दों को ढूंढें (Find New Words)
आपको रोजाना नए शब्दों की खोज करनी चाहिए और उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए।
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नए सीखे शब्दों के नोट्स बनाएं (Make Notes Of New Words)
पहले दिन आपने जो भी नए शब्द सीखे हैं, उन्हें संक्षेप में लिखने का प्रयास करें। उन्हें अपनी एक अलग नोटबुक में लिखते जाएं। बीचबीच में आप उन्हें रिवाइज करते रहें ताकि आप भूल न जाएं।

बातचीत में अच्छी वोकेवलरी का प्रयोग करें (Use Good Vocabulary In Conversation)
यह आपको मास से अलग दिखने में मदद करेगा। धीरे-धीरे, जब आप साक्षात्कार के लिए बैठेंगे तो आप देखेंगे कि आप बहुत ही धाराप्रवाह बोल रहे हैं और यहां तक कि अच्छे शब्दों का प्रयोग भी कर रहे हैं। यह अक्सर पैनलिस्ट को काफी आकर्षित करता है।

एक अच्छा द्विभाषी शब्दकोश रखें
अस्पष्ट शब्दों को शब्दकोश में देखना अच्छा है। आप अपने दैनिक जीवन में आने वाले अपरिचित शब्दों को देखने के लिए शब्दकोश का उपयोग कर सकते हैं।
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गेम खेलें
जरूरी नहीं कि केवल किताबों से ही सीखें। आप गेम खेलते हुए भी सीख सकते हैं। बहुत सारे बोर्ड गेम हैं जो आपकी शब्द शक्ति को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं जैसे कि अनस्क्रैंबल, एक अलग तरह के पज़ल को हल करें।

मुहावरे और वाक्यांश पढ़ें (Read Idioms And Phrases)
मुहावरे विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे आपको अपने आप को और अनोखे तरीके से व्यक्त करने में मदद करते हैं। आप ‘You're correct’, के बजाय ‘You hit the nail on the head’ कह सकते हैं, जो अधिक जटिल और आकर्षक कथन है। मुहावरे मनोरंजक भी हो सकते हैं, जिससे आप अपनी पर्सनालिटी और सेंस ऑफ ह्यूमर को प्रदर्शित करते हुए खुद को अधिक ऑथेंटिक दिखा सकते हैं।

अंग्रेजी बोलने वालों की संगत में रहें, बात करें
आपको जितना हो सके अंग्रेजी में बात करने की कोशिश करनी चाहिए। आप कुछ ऑनलाइन वीडियो देख सकते हैं और उनसे भी सीख सकते हैं। अपने आसपास के अंग्रेजी बोलने वालों के साथ बात करें।
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अंग्रेजी के समानार्थी और विलोम शब्द सीखें
समानार्थी और विलोम शब्द आपकी शब्दावली का विस्तार करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। समान अर्थ वाले शब्दों को ढूंढें जिन्हें आप आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं, खुद को एक्सप्रेस करने के लिए अधिक विकल्प दे सकते हैं। किसी शब्द के विलोम शब्द को समझना भी ठीक इसी तरह फायदेमंद है। इससे आपको शब्द के अर्थ को अधिक स्पष्ट रूप से समझने में मदद मिलेगी।

अंग्रेजी न्यूज पेपर पढ़ें, अंग्रेजी फिल्में देखें (Read English Newspaper)
रोजाना अंग्रेजी अखबार पढ़ने की आदत डालें। द फाइनेंशियल टाइम्स, इकोनॉमिक टाइम्स और बिजनेस वर्ल्ड आदि जैसे विभिन्न स्रोत हैं। न्यूज को पढ़ने और समझने की आदत बनाएं। इसी तरह अंग्रेजी फिल्में देखना भी वोकेवलरी अच्छी करने का बेहतरीन तरीका है। जब भी आप अंग्रेजी फिल्में देख रहे हों तो सबटाइटल पढ़ें। यह आपको तेज और धाराप्रवाह पढ़ने में मदद करता है।

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Company Secretary career: कंपनी सेक्रेटरी बन कर संवारें करियर, ऐसे करें CS Exam की तैयारी

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How To Study For CS Exam: कंपनी सचिव (सीएस) किसी कंपनी में प्रमुख पदों में से एक होता है और इसकी परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा में सफल होने के लिए कैंडिडेट के पास सही रणनीति होनी चाहिए। सीएस परीक्षा के लिए उचित रूप से तैयारी करने के लिए, आपको सीएस परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम टेबल बनाना, उसे फॉलो करना जरूरी है। बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको उचित प्रयास करने होंगे। सीएस परीक्षा में बढ़िया रिजल्ट के लिए लंबी तैयारी करनी होगी। यहां हम सीएस परीक्षा 2021 की तैयारी कैसे करें, इस बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं। ताकि आप कंपनी सचिव परीक्षा 2020-2021 की बेहतर तरीके से तैयारी कर सकें।

इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) सीएस के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को ट्रेनिंग देता है। आईसीएसआई द्वारा तीन लेवल पर प्रोग्राम इस प्रकार हैं:
  1. फाउंडेशन प्रोग्राम
  2. एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम
  3. प्रोफेशनल प्रोग्राम
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सीएस तैयारी: अंतिम 6 महीने की तैयारी के लिए टिप्स
कंपनी सचिव परीक्षा 2020-2021 के लिए बचे अंतिम छह महीने का बुद्धिमानी से उपयोग करें। अपनी कमजोरियों को खोजें और उन्हें अपनी ताकत में बदलें। जिससे आपका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा। विशेषज्ञों और पिछले वर्ष के टॉपर्स के अनुसार परीक्षा शुरू होने की तारीख से छह महीने पहले तैयारी शुरू करना बेहतर है। आपको सभी विषयों को विस्तार से कवर करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। यदि आप इस अवधि में लगन से काम करते हैं, तो आप सीएस परीक्षा 2020-2021 को क्रैक करने में सक्षम होंगे।

  • हले 2 महीने- हर विषय का विस्तार से अध्ययन करें और एक संपूर्ण कॉन्सेप्ट बनाएं। पहले मुश्किल मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करें। यह परीक्षा से पहले उन विषयों से संबंधित सभी शंकाओं को दूर करने में आपकी मदद करेगा।
  • तीसरा और चौथा महीना- अध्ययन सामग्री और पुस्तकों के पूरा होने के बाद, सैंपल पेपर को हल करने का समय आ गया है। ताकि आपको वास्तविक परीक्षा के बारे में बेहतर समझ और रफ आइडिया हो सके।
  • पिछले दो महीने- यह रिवीजन का समय है। चार पेपरों में से प्रत्येक से सभी विषयों का रिवीजन करें। प्रतिदिन कम से कम 2-3 घंटे इसके लिए दें। यदि आप अंतिम समय में एक नए कॉन्सेप्ट को सीखने के बारे में पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं, तो इसे न करें।

अपने सीएस पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को जानें
यदि आप सीएस परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो आपको सीएस परीक्षा पैटर्न और नए सीएस सिलेबस का पता होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप सीएस फाउंडेशन प्रोग्राम की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि फाउंडेशन प्रोग्राम की परीक्षा में चार पेपर होते हैं। पेपर में निम्नलिखित विषयों के प्रश्न शामिल हैं: - अंग्रेजी और बिजनेस कम्युनिकेशन, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, फाइनांशियल अकाउंटिंग और व्यवसाय कानून और प्रबंधन के तत्व। आपको बिना किसी निगेटिव मार्किंग के 100 प्रश्न मिलते हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए आपको प्रत्येक पेपर में न्यूनतम 40% अंक और सभी विषयों सहित कुल मिलाकर 50% अंक प्राप्त करने होंगे।
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टाइम टेबल बनाएं
यदि आप सीएस परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो सभी विषयों को कवर करने के लिए एक उचित टाइम टेबल बनाएं। पहले एक जटिल विषय से शुरुआत करें और जितना हो सके बेस डेवलप करने का प्रयास करें। ऐसा करके आप आसानी से उस विषय पर एक डेप्थ कॉन्सेप्ट बना सकते हैं। यह आपको अंतिम परीक्षा में बेहतर स्कोर करने में भी मदद करेगा। आप सर्वोत्तम अध्ययन सामग्री के साथ सीएस परीक्षा 2020-2021 की तैयारी करें।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें
पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र सर्वोत्कृष्ट हैं और सीएस परीक्षा की तैयारी के लिए इस पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। कभी-कभी परीक्षा में इसी तरह के प्रश्न दोहराए जाते हैं। इसलिए, पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें, इससे आपको यह पता करने में बहुत मदद मिलेगी कि एक ही कॉन्सेप्ट वाले प्रश्नों को विभिन्न रूपों में कैसे ढाला जा सकता है।

फोकस्ड रहें
आपको हर समय शांत और प्रेरित रहना होगा। हमेशा फोकस्ड रहें और समय का बेहतर उपयोग करें। अपने पढ़ाई के टाइम टेबल का पालन करें और इसे जारी रखने के लिए दृढ़ संकल्पित रहें। ढिलाई, आलस से दूर रहें।
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ज्यादा से ज्यादा सीएस प्रैक्टिस पेपर को हल करें
हर दिन अधिक वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्रों को हल करने का प्रयास करें। इससे आपको प्रश्न पत्र के पैटर्न को जानने में मदद मिलेगी। यह आपकी स्पीड को भी बढ़ाएगा और यहां तक कि आपको टाइम मैनेजमेंट स्किल डेवलप करने में भी मदद करेगा।

सीएस सिलेबस और परीक्षा पैटर्न के बारे में पूरी जानकारी रखें
फाउंडेशन, एग्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल एग्जाम में शामिल किए जाने वाले विषयों और महत्वपूर्ण टॉपिक्स को जानने के लिए छात्रों को सीएस सिलेबस और परीक्षा पैटर्न की जानकारी होनी जरूरी है ताकि उसके अनुसार तैयारी की जा सके।

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CLAT 2021: जानें एक ही बार में क्लैट एग्जाम क्रैक करने के 5 टिप्स

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Tips To Crack CLAT 2021: नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कंसोर्टियम द्वारा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 2021 की तारीखों की जल्द ही घोषणा की जाएगी। जो उम्मीदवार CLAT 2021 में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें ताजा अपडेट के लिए वेबसाइट - consortiumofnlus.ac.in पर विजिट करते रहना चाहिए। इससे पहले, CLAT 2021 13 जून, 2021 को आयोजित होने वाला था। यहां हम आपको बता रहे हैं क्लैट 2021 की परीक्षा एक ही बार में क्रैक करने के लिए 5 महत्वपूर्ण टिप्स।

समय प्रबंधन
परीक्षा में 5 व्यापक क्षेत्र होते हैं और पेपर बहुत लंबा भी होता है। प्रश्नों के उत्तर लिखने से पहले पेपर में लगभग हर चीज को बहुत अधिक पढ़ने की आवश्यकता होती है। इसलिए समय प्रबंधन इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। पेपर लिखते समय एक ही प्रश्न पर बहुत ज्यादा समय देने से बचें। इसके लिए परीक्षा से पहले टाइम मैनेजमेंट के साथ सैंपल पेपर सॉल्व करें।

रिजिडिटी से बचें और फ्लैक्सिबल बनें
कभी-कभी आप किसी लंबे प्रश्न या तर्कपूर्ण प्रश्न का उत्तर देते हुए आधे रास्ते में अटक सकते हैं। ऐसे में आपको अपने दिल की नहीं बल्कि अपने दिमाग की सुनने की जरूरत है। दिल आपको कुछ और समय इस पर बिताने के लिए कहेगा और दिमाग आपको डूबते जहाज को छोड़ने के लिए कहेगा। इसलिए, कीमती समय बर्बाद करने और नकारात्मक अंक एकत्र करने के बजाय आगे बढ़ने और आगे के प्रश्नों को देखने और उनके उत्तर लिखने के लिए पर्याप्त फ्लैक्सिबल बनें।
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पहले से ही नतीजे के बारे में न सोचें
सभी उम्मीदवार एक ही नाव पर हैं, इसलिए यदि पेपर आसान है तो किसी को बहुत खुश होने की जरूरत नहीं है और पेपर कठिन होने पर बहुत दुखी होने की जरूरत भी नहीं है। यदि पेपर कठिन है तो कट-ऑफ कम और इसके विपरीत पेपर आसान है तो कट-ऑफ अधिक होगा। तो, ऐसे में पहले ही अपनी सफलता-असफलता के बारे में पॉजिटिव या निगेटिव धारणा, विचार बनाने से बचें। पेपर देखने से पहले ही आप कितना स्कोर कर सकते हैं इस बारे में न सोचें।

यह परीक्षा के दबाव को कम-ज्यादा कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप बेतहाशा अनुमान लगाने के बजाय समझदार प्रयास करना जरूरी है।

क्वांटिटेटिव एबिलिटी सेक्शन
CLAT परीक्षा में इस सेक्शन के प्रश्नों को हल न करने का प्रयास एक बड़ी गलती होगी। गणित के बुनियादी ज्ञान के साथ, कोई भी आसानी से सभी प्रश्नों को हल कर सकता है और उन्हें सही कर सकता है। यह निश्चित रूप से अच्छे स्कोर को बढ़ाने में मदद कर सकता है और एक उम्मीदवार को पूरे कट-ऑफ के बारे में साफ अनुमान लगाने में मदद कर सकता है।
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प्रश्नों का सलेक्शन बुद्धिमानी से करें, स्मार्ट बनें
यह अजीब लग सकता है, लेकिन परीक्षा प्रश्न छोड़ने के बारे में भी यह महत्वपूर्ण है। सभी प्रश्नों को पढ़ना अत्यंत आवश्यक है और ऐसा करने का मतलब यह है कि आप उन प्रश्नों को छोड़ दें जिनके बारे में आप श्योर नहीं हैं। ऐसे प्रश्न करें जिसपर आप पूरी तरह से श्योर हों और ऐसे प्रश्नों को छोड़ दें जो आपकी क्षमता से बाहर हैं। दिए गए विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनें। और चुने गए प्रश्नों का अच्छा, सटीक आंसर लिखें।

आसान, मध्यम और कठिन प्रश्नों की पहचान करने के लिए अपने कौशल का उपयोग करें। अपने कौशल को विकसित करने का एकमात्र तरीका मुख्य परीक्षा से पहले बहुत सारे मॉक टेस्ट देना है।

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Career in Brand Management: ब्रैंड मैनेजमेंट में करियर शुरू करने से पहले जानें ये जरूरी बातें

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Make A Career In Brand Management: ब्रांड मैनेजमेंट में करियर मार्केटिंग फील्ड से रिलेटेड है यह बहुत महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी से भरा फील्ड है। इस इंडस्ट्री में काम करना विकास के अवसर तो लाता ही है साथ ही यह काम काफी दिलचस्प और मजेदार भी है। अगर आप भी ब्रांड मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम शुरू करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले इसके लिए आपको ब्रांडिंग कॉन्सेप्ट के बारे में कुछ आइडियाज लेने की जरूरत होगी जो एक मार्केटिंग कोर्स से ही मिल सकता है।

शुरू करने से पहले इन बातों पर ध्यान दें
  • ब्रांड कुछ भी हो सकता है यानी यह उत्पाद, सेवाएं, देश या यहां तक कि लोगों से रिलेटेड भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, केरल गॉड्स ओन कंट्री अभियान में एक ब्रांड था। अतुल्य भारत अभियान में भारत ब्रांड था।
  • किसी ब्रांड के साथ सकारात्मक जुड़ाव बनाना, ब्रांड मैंनेजमेंट की भूमिका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह टेलीविजन से लेकर सोशल मीडिया और ऐसे सभी प्रमुख मीडिया में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मानव संसाधन प्रबंधक भविष्य के कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए एक नियोक्ता ब्रांड बनाने का प्रयास करते हैं।
  • किसी ब्रांड के लिए जागरूकता पैदा करने का एक त्वरित तरीका यह हो सकता है कि कोई सेलिब्रिटी आपके बारे में बात करे। भारत में अक्सर क्रिकेटर या फिल्मी सितारे ऐसा करते हैं। या ओपिनियन लीडर्स, जिन्हें सोशल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर भी कहा जाता है। चूंकि खेल, फिल्मों में इनकी छवि ऐसी बनती है कि लोगों का विश्वास इनके साथ जुड़ जाता है ऐसे में ये लोग जिस भी चीज को प्रमोट करते हैं लोग उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं।
  • आपके ब्रांड द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा महत्वपूर्ण है और इसे बनाए रखने की आवश्यकता होती है। यह पब्लिक रिलेशन, या कम्युनिटी बिल्डिंग इनीशिएटिव या एनजीओ के सपोर्ट के माध्यम से हो सकता है।
  • ईवेंट ब्रांड बनाने में मदद कर सकते हैं, और ईवेंट को स्पॉन्सर भी कर सकते हैं। अपने कॉलेज के दिनों में इस तरह की गतिविधियों में अनुभव इस भूमिका के लिए खुद को ट्रेंड करने में बहुत मदद कर सकता है।
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मीडिया और कैंपेन
एडवर्टाइजिंग कैंपेन का प्रबंधन महत्वपूर्ण है। किसी एजेंसी को अपने उद्देश्य को समझाना आपके काम का हिस्सा है। इसलिए, एक दीर्घकालिक उद्देश्य और वहां पहुंचने की रणनीति दोनों की जरूरत है। इसे कैसे मापा जा सकता है, इसके बारे में कुछ नॉलेज के साथ, एजेंसी के प्रदर्शन के बारे में समझना महत्वपूर्ण है।

डिजिटल सर्टिफिकेशन
डिजिटल मीडिया से परिचित होना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई कस्टमर डिजिटल मीडिया का तेजी से उपयोग कर रहे हैं। आदर्श रूप से, एक ब्रांड को पारंपरिक और डिजिटल दोनों के मिश्रण का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आप एक या दो डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्रों में सर्टिफिकेशन कोर्स करने के बारे में सोच सकते हैं।
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लॉन्ग टर्म व्यू
एक ब्रांड बनाना एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है। कई ब्रांड जिन्हें हम जानते हैं, दशकों पुराने हैं। लेकिन जिन ब्रांडों का ग्राहकों के साथ सकारात्मक जुड़ाव होता है, वे एक-दूसरे पर भरोसा और वफादारी की वजह से जुड़े होते हैं। एक ब्रांड मैनेजर का उद्देश्य ऐसा ही करना है। एक उत्साही ब्रांड मैनेजर के लिए सभी प्रकार के प्रोडक्ट और सर्विस सहित कई इंडस्ट्री में अवसर हैं। चुनावों के दौरान, राजनेता और राजनीतिक दल भी ब्रांड मैनेजर को नियुक्त करते हैं।

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Career In Nursing: नर्सिंग में बनाना है करियर, जरूर जानें इन जॉब्स के बारे में

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Nursing Career Options: स्वास्थ व्यवस्था को दुरुस्त रखने में स्वास्थकर्मियों के महत्वपूर्ण योगदान को नकारा नहीं जा सकता। अगर आपका 10+2 साइंस से हैं तो आपके लिए नर्सिंग आज के समय में एक बेहतरीन करियर ऑप्शन है।
हेल्थ के क्षेत्र में नर्सिंग हमेशा से लोकप्रिय पेशों की लिस्ट में टॉप पर रही है। इसका एक प्रमुख कारण कम लागत और इस क्षेत्र में नौकरी की अपार संभावनाओं का होना है।
अगर आप नर्सिंग करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। हम आपको नर्सिंग कोर्स में दाखिला लेने से लेकर इस क्षेत्र के स्कोप और सैलरी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं।

नर्सिंग में करियर के लिए कौन सी डिग्री है जरूरी
सबसे जरूरी यह है कि आप कॉलेज चुनते समय यह ध्यान मे रखें कि वह कॉलेज द इंडियन नर्सिंग काउंसिल (NIC) से सर्टिफाइड हो। नर्सिंग में करियर के लिए अलग अलग लेवल पर मौजूद कोर्सेस को चुना जा सकता हैं। इन कोर्सेस के लिए न्यूतम योग्यता 10+2 है। कुछ कॉलेजों मे एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा भी करवाए जाते हैं। और कुछ कॉलेज ऐसे भी है जो 10+2 के फाइनल के नंबर के बेसिस पर एडमिशन देते हैं। नर्सिंग के कोर्सेस की फीस कॉलजों पर डिपेंड करता है। हालांकि सरकारी कॉलेजों की फीस सामान्य तौर पर दूसरे कॉलेजों की तुलना में कम होती है।
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डिप्लोमा कोर्स- ऑक्जिलरी नर्सिंग एंड मिडवाइफ (ANM) और जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफ (GNM) ये दो सबसे पॉपुलर डिप्लोमा प्रोग्राम हैं।

कौन कर सकते है आवेदन
ANM में नामांकन में करने के लिए उम्मीदवार का 10+2 कम्पलीट होना चाहिए। वहीं, GNM में दाखिले के लिए कुछ कॉलेज प्रवेश परीक्षा भी करवाते हैं। सामान्य तौर पर अगर आपने 10+2 में भौतिकी (Physics), जीव विज्ञान (Biology) और रसायन विज्ञान (Chemistry) विषयों की पढ़ाई की है तो आप इसमें नामांकन कर सकते हैं। बशर्ते आपने फाइनल एग्जाम में कम से कम 40 प्रतिशत स्कोर किया हो।

ग्रेजुएट कोर्स– बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (B.Sc. Basic), बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (B.Sc. Post Basic), बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (B.Sc. Distance)
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कौन कर सकते है आवेदन
B.Sc. Basic कोर्स में केवल वे छात्र नामांकन कर सकते हैं जिन्होंने 10+2 में भौतिकी (Physics), जीव विज्ञान (Biology) और रसायन विज्ञान (Chemistry) विषयों की पढ़ाई की है, और फाइनल में न्यूनतम 45 प्रतिशत स्कोर किया है।

छात्र B.Sc. Post Basic के 2 साल के रेग्युलर कोर्स या डिस्टेंस कोर्स में से किसी को भी चुन सकते हैं। बशर्ते B.Sc. Post Basic में नामांकन के लिए 10+2 के साथ GNM क्वालिफाई होना चाहिए। वहीं B.Sc. Distance में नामांकन के लिए 10+2, GNM के साथ 2 साल का वर्क एक्सपीरियंस होना जरुरी है।

इंट्रेस्टेड छात्र इंडियन आर्म फोर्स में करवाए जाने वाले B.Sc. प्रोग्राम को भी चुन सकते हैं। इस प्रोग्राम में केवल फीमेल उम्मीदवार नामांकन कर सकती हैं। बशर्ते जिन्होंने 10+2 मे भौतिकी (Physics), जीव विज्ञान (Biology) और रसायन विज्ञान (Chemistry) विषयों की पढ़ाई की है, और फाइनल में न्यूनतम 45 प्रतिशत स्कोर किया है। दाखिला मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है।

पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स
  • मास्टर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (M.Sc.),
  • एमएससी मेडिकल सर्जिकल

कौन कर सकते हैं आवेदन
ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने अपनी B.Sc. की डिग्री किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से की है।
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डॉक्टरेट कोर्स- मास्टर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (M.Phil Full time),
मास्टर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (M.Phil Part time)
डॉक्टर इन फिलॉसफी (Ph.D.)।

कौन कर सकते है आवेदन
डॉक्टरेट डिग्री में नामांकन के लिए आपके पास संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री होना चाहिए।
अब सबसे ज्यादा छात्रों द्वारा चुने जाने वाले नर्सिंग प्रोग्राम्स के बारे में जान लीजिए। आप अपने इंट्रेस्ट के बेसिस पर दूसरे कोर्सेस को भी चुन सकते हैं।

क्या हैं करियर स्कोप
नर्सिंग कोर्स के छात्रों के लिए गवर्मेंट और प्राइवेट दोनो ही सेक्टरों मे करियर की अपार संभावनाएं हैं। गवर्मेंट हर साल कम से कम 22000 नए छात्र की भर्ती करती है। वहीं दूसरी तरफ हेल्थकेयर इंडस्ट्री के प्राइवेटाइजेशन ने करियर के स्कोप को ओर भी फैला दिया है।

ये हैं नर्सिंग के क्षेत्र के कुछ जॉब प्रोफाइल्स
  • स्टाफ नर्स
  • नर्सिंग सर्विस एडमिनिसट्रेटर
  • अस्सिटेंट नर्सिंग सुपरीटेंडेंट
  • इंडस्ट्रियल नर्स
  • डिपार्टमेंट सुपरवाइज़र
  • नर्सिंग सुपरवाइज़र या वार्ड सिस्टर
  • नर्सिंग सुपरीटेंडेंट
  • क्म्युनिटि हेल्थ नर्स
  • डायरेक्टर ऑफ नर्सिंग
  • मिलिट्रि नर्स
  • डिप्टी नर्सिंग सुपरीटेंडेंट
  • टीचर ऑफ नर्सिंग

नर्सिंग क्षेत्र में क्या है सैलरी पैकेज?
इस क्षेत्र में करियर के शुरुआती मे फ्रेशर औसतन 1,80,000 रुपए सालाना सैलरी पैकेज एक्सपेक्ट कर सकते हैं। यहीं सैलरी 2-3 साल के वर्क एक्सपीरियंस के बाद 3,50,000 सालाना तक हो सकती है। ज्यादा एक्सपीरियंस वाली नर्सेंस को 6,00,000 सालाना तक का सैलरी पैकेज भी ऑफर किया जाता है।

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BBA Integrated Course: कैसे करें बीबीए इंटीग्रेटेड कोर्स, अच्छी जॉब के साथ मिलेंगे कई फायदे

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Benefits Of BBA Integrated: बीबीए इंटीग्रेटेड कोर्स एडिशनल इंडस्ट्री ओरिएंटेड कोर्स का सप्लीमेंटेड कोर्स है। सबसे अच्छे कॉलेजों और बी-स्कूलों ने महसूस किया है कि सिर्फ स्नातक की शिक्षा ही काफी नहीं है। उद्योग प्रतिदिन टेक्नोलॉजी और इनोवेशन देख रहा है और शैक्षिक पाठ्यक्रमों को इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिए अब डिग्री के साथ-साथ छात्रों को डिजिटल मार्केटिंग, एनालिटिक्स और इंडस्ट्रियल अकाउंटिंग जैसे विषयों में सर्टिफिकेट कोर्स भी करने का मौका है, जिससे उन्हें बेहतर प्रोफेशनल बनने में मदद मिलती है। ये कोर्स इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं कि आज इंडस्ट्री में काम करने वाले प्रोफेशनल जॉब के दौरान ये कोर्स कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि छात्र स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान इन पाठ्यक्रमों में विशेषज्ञ बनें।

बीबीए डिग्री के साथ कुछ टॉप और सबसे लोकप्रिय इंटीग्रेटेड कोर्स

डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)
यह ऑनलाइन मार्केटिंग के रूप में भी जाना जाता है। डिजिटल मार्केटिंग डिजिटल माध्यम से की जाने वाली मार्केटिंग और विज्ञापन है। यह मार्केटिंग के सबसे किफायती रूपों में से एक है और इसकी व्यापक पहुंच है। अधिकांश लोगों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट तक पहुंच के साथ, डिजिटल मार्केटिंग भविष्य में और मजबूत होने जा रही है और यहां तक कि पारंपरिक, अधिक महंगे मार्केटिंग के रूपों को भी बदल सकती है। डिजिटल मार्केटिंग के तहत मार्केटिंग के कुछ तरीके सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) हैं, जिसमें ट्रैफिक किसी खास वेबसाइट की ओर जाता है, सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन (एसएमओ, जिसमें संभावित ग्राहक सोशल मीडिया के जरिए लगे रहते हैं, सोशल मीडिया मार्केटिंग (एसएमएम) उत्पादों के बारे में है।
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सर्टिफाइड इंडस्ट्रियल अकाउंटिंग (Certified Industrial Accounting)
बीबीए के छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के दौरान अकाउंटिंग सिखाया जाता है, लेकिन यह उनके लिए अकाउंटिंग में सक्षम होने के लिए पर्याप्त नहीं है। अकाउंटिंग व्यवसाय की भाषा है। संख्याओं में छिपा इतना व्यावहारिक डाटा है जो बेहतर निर्णय लेने, जोखिमों को नकारने और पैसे बचाने में मदद कर सकता है। इसके लिए आपका सर्टिफाइड इंडस्ट्रियल अकाउंटेंट होना जरूरी है। एक इंटीग्रेटेड बीबीए कोर्स की तलाश करें जो आईसीए द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक सर्टिफिकेट इंडस्ट्रियल अकाउंटिंग कोर्स कराता है।

यह पाठ्यक्रम छात्रों को उद्योग में उपयोग किए जा रहे नवीनतम इंटरनेशनल स्टैंडर्ड अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करना भी सिखाता है। अन्य इंटीग्रेटेड कोर्स के साथ इंडस्ट्रियल अकाउंटिंग सर्टिफिकेशन, बीबीए को नियमित एमबीए से बेहतर बनाता है।

बिजनेस एनालिटिक्स (Business Analytics)
क्या आप जानते हैं कि आज दुनिया के सभी प्रमुख व्यवसाय बिजनेस एनालिटिक्स के आधार पर व्यावसायिक निर्णय ले रहे हैं? विश्लेषिकी व्यावहारिक संसाधित डाटा और आंकड़े प्राप्त करने के लिए बड़ी मात्रा में कच्चे डाटा का उपयोग है जो आपको अतीत के व्यावसायिक निर्णयों और उनके प्रभाव को समझने में मदद करेगा, और भविष्य के लिए अनुमानित मॉडल विकसित करने में आपकी सहायता करेगा। बिजनेस एनालिटिक्स इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने सिर्फ बिजनेस एनालिटिक्स के क्षेत्र में स्नातक और मास्टर डिग्री पाठ्यक्रम विकसित करना शुरू कर दिया है। इसलिए, इस कोर्स के साथ बीबीए की डिग्री आपको डिमांड वाला प्रोफेशनल बना देगी।
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क्लाउड और मोबाइल कंप्यूटिंग (Cloud And Mobile Computing)
अधिकांश व्यवसाय क्लाउड की ओर बढ़ रहे हैं। क्लाउड न केवल डाटा स्टोरेज प्रदान करता है बल्कि कंप्यूटिंग और परिनियोजन समाधान, डाटा बैकअप और रीस्टोरेशन और उच्च ग्रेड साइबर सुरक्षा जैसी अतिरिक्त सेवाएं भी प्रदान करता है। इसलिए, सभी व्यवसाय क्लाउड पर जा रहे हैं। इसलिए, क्लाउड विशेषज्ञ की मांग बहुत अधिक है, और यदि आप क्लाउड कंप्यूटिंग को जानते और समझते हैं, तो आप अपने संगठन को इस तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने में मदद करने में सक्षम होंगे।

बीबीए इंटीग्रेटेड डिग्री के फायदे (Benefits of BBA Integrated Degree)

  1. इंडस्ट्री रिलेटेड नॉलेज- इंडस्ट्री की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इंटीग्रेटेड कोर्स बनाए जाते हैं, इसलिए छात्रों को इंडस्ट्री से संबंधित शिक्षा दी जाती है और वे प्रोफेशनल वर्ल्ड में प्रवेश करने के ट्रेंड होते हैं।
  2. लेटेस्ट टेक्नोलॉजी- अधिकांश इंटीग्रेटेड कोर्स टेक्नोलॉजी बेस्ड और तकनीकी रूप से एडवांस्ड होते हैं। जो कुछ भी लेटेस्ट डेवलपमेंट है वह जल्दी से काेर्स में इंटीग्रेटेड हो जाता है। इसलिए, छात्र इन कोर्स के माध्यम से टेक्नोलॉजी के जानकार बनते हैं।
  3. बेहतर नौकरी के अवसर- इन इंटीग्रेटेड कोर्स की मांग इतनी अधिक है कि इन कैंडिडेट्स को अन्य उम्मीदवारों की तुलना में तुरंत काम पर रखा जाता है। रिक्रूटर्स सक्रिय रूप से ऐसे उम्मीदवारों की तलाश करते हैं जो डिजिटल मार्केटिंग, इंडस्ट्रियल अकाउंटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और बिजनेस एनालिटिक्स को जानते हों।

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Tips For Entrepreneurs: सफल आंत्रप्रेन्योर बनने के लिए अपनाएं ये टिप्स, बढ़ेगा बिजनेस

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Tips And Tricks For Entrepreneurs: ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम विविध ग्लोबल मार्केट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ उद्यमशीलता शिक्षण को जोड़ता है, जो आपको ग्लोबल कॉन्टेक्स्ट में एक सफल उद्यमी बनने के लिए तैयार करता है। आप न्यू वेंचर क्रिएशन, सोशल एंटरप्रेन्योरशिप, फैमिली बिजनेस और कॉरपोरेट एंटरप्रेन्योरशिप पर कोर्स कर सकते हैं। इसके लिए फ्रांस में EMLYON बिजनेस स्कूल, चीन में झेजियांग यूनिवर्सिटी और यूनाइटेड स्टेट्स में पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में पढ़ सकते हैं। एंटरप्रन्योर्स कई अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं और हर इंडस्ट्री, प्रोडक्ट, जेनरेशन और कल्चर में फैले होते हैं।

असफलता को जर्नी के हिस्से के रूप में स्वीकार करें
हितेन शाह, बेहद सफल एनेलिटिक्स प्लेटफॉर्म KISSmetrics के सह-संस्थापक, कई फेलियर्स प्रोडक्ट लॉन्च किया। उनके अनुसार उनकी सबसे बड़ी विफलता एक वेब-होस्टिंग कंपनी पर अपने स्वयं के पैसे का करीब 7 करोड़ खर्च करना था, जो कभी लॉन्च भी नहीं हुई थी। हितेन कहते हैं, "मेरे सह-संस्थापक और मैं परफेक्शनिस्ट थे इसलिए हमने ग्राहक किसी चीज के बारे में क्या सोचते हैं यह समझे बिना कई चीजों का निर्माण किया।
टेक-अवे: असफलता लेसन के समान है, लेकिन अपनी असफलताओं को स्वीकार करना और उनसे सीखना ही सबसे महत्वपूर्ण है।
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नए अवसरों के लिए अपनी आंखें खुली रखें
ऑनेस्ट टी के संस्थापक डॉ बैरी नेलेबफ ने अपना व्यवसाय तब शुरू किया जब उन्होंने पेय बाजार में एक अंतर देखा। उन्होंने पाया कि पानी उबाऊ है, सोडा बहुत मीठा है और डायट ड्रिंक्स अनहेल्दी हैं, इसलिए एक पूर्व छात्र के साथ मिलकर एक नया उद्यम शुरू किया। कंपनी की लोकप्रियता तब बढ़ गई जब नेलेबफ एक योगा रिट्रीट में थे और उन्होंने ओपरा विनफ्रे को देखा। उसके सामने एक सैंपल पेश किया और ऑनेस्ट टी बाद में उसकी पत्रिका में छपी। नेलबफ कहते हैं: "जब अवसर आता है, तो आपको उसके लिए तैयार रहना होगा।"
टेक-अवे: मौजूदा कंज्यूमर प्रॉब्लम से कई नए व्यवसाय बनाए गए हैं, इसलिए हर समय बिजनेस के अवसरों के लिए अपनी आंखें खुली रखें।

कभी भी क्रिएट करना बंद न करें
कलाकारों द्वारा अपलोड किए गए डिजाइनों के लिए वोट देने वाली कम्युनिटी वेबसाइट थ्रेडलेस के संस्थापक जैक निकेल ने रचनात्मक होने के अपने जुनून के कारण कंपनी की शुरुआत की। कॉलेज के दौरान चार साल तक थ्रेडलेस जैक के लिए सिर्फ एक साइड-प्रोजेक्ट था। जैक कहते हैं: "आप जो बनाते हैं उसके रिजल्ट की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं।

टेक-अवे: वह करें जो आपको पसंद है। चीजें बनाना। अपने शौक का पालन करें। आपको हमेशा इस बारे में योजना बनाने की ज़रूरत नहीं है कि यह आपको कहां तक ले जाएगा, या इसमें क्या अच्छा होगा।
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अपने आप पर यकीन रखें
सारा वुड दुनिया के अग्रणी वीडियो विज्ञापन प्लेटफॉर्म अनरूली मीडिया की सह-संस्थापक हैं। टी-मोबाइल, डोव और रेनॉल्ट जैसे शीर्ष वैश्विक ब्रांडों के साथ काम का रिजल्ट बहुत अच्छा रहा। कंपनी की बिक्री पिछले दो वर्षों में पांच गुना बढ़ गई। सारा को ग्रोइंग बिजनेस अवार्ड्स द्वारा यूके फीमेल एंटरप्रन्योर ऑफ द ईयर चुना गया। इन सफलताओं के बावजूद, उनका मानना है कि शीर्ष नेतृत्व की स्थिति में महिलाएं अभी भी बाहरी धारणाओं यानी अन्य लोग उनके बारे में क्या बोलते हैं या क्या सोचते हैं इसकी बहुत अधिक चिंता करती हैं।

टेक-अवे: हमेशा अपनी ताकत और क्षमताओं पर विश्वास करें, भले ही बाहरी अपेक्षाएं या सोच कुछ भी हों।

दुनिया को कुछ वापस दें (और वित्तीय पुरस्कार प्राप्त करें)
ब्लेक माइकोस्की एक सोशल एंटरप्रन्योर और TOMS के संस्थापक हैं, जो जूता व्यवसाय है। यह एक बच्चे को बेची जाने वाली प्रत्येक जोड़ी के लिए एक जोड़ी जूते देता है। व्यवसाय मॉडल, जिसे उन्होंने 'एक के लिए एक' अवधारणा के रूप में ट्रेडमार्क किया है, यह सोशल माइंडेड एंटरप्रन्योर वेंचर को सपोर्ट करता है वर्तमान में आईवियर में विस्तार कर रहा है। मायकोस्की के अनुसार, "मैंने बहुत पहले ही यह जान लिया था कि जब आप अपने व्यवसाय में लाभ से परे किसी उद्देश्य को शामिल करते हैं, तो आपके ग्राहक आपके सबसे बड़े बाजारिया बन जाएंगे।"

टेक-अवे: ऐसे अवसरों की तलाश करें जहां आप एक लाभदायक व्यवसाय विकसित करते हुए दुनिया में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

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Careers In Engineering: ये हैं इंजीनियरिंग में 6 इनोवेटिव करियर, जानिए कैसे मिलेगी अच्छी नौकरी

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Jobs In Engineering: इंजीनियरिंग उन कुछ करियर में से एक है जो दुनिया में स्टेबल हैं। कई पेशेवरों को टेक्नोलॉजी में अपग्रेडेशन के साथ अपने स्किल को अपग्रेड करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन इंजीनियरों को ऐसे बदलावों का आनंद मिलता है। आंकड़े यह भी कहते हैं कि इंजीनियरों का शुरुआती वेतन सबसे अधिक होता है, जो उसी क्षेत्र से संबंधित करियर के औसत वेतन से 20% है। हालांकि, एक आम गलत धारणा यह भी है कि इंजीनियरिंग की नौकरियां उबाऊ होती हैं। यदि आप इंजीनियरिंग में ही कुछ अलग ढूंढ रहे हैं, तो इंजीनियरों के लिए इन छह इनोवेटिव कैरियर के बारे में जानें।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर
क्या आप एरिका से मिले हैं? वह एक फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने जा रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि वह SARS-CoV2 के प्रति भी बेहद प्रतिरक्षित है, जो वायरस COVID-19 का कारण बनता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह एआई इंजीनियर्स की एक टीम द्वारा बनाई गई पहली एआई रोबोट है जिसने एक विज्ञान-फाई फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है। एआई इंजीनियर बनने के लिए आपको मशीन लर्निंग के बारे में जानना होगा और समस्या-समाधान और उन्नत कोडिंग में भी प्रतिभा होनी चाहिए। इस क्षेत्र में सबसे अधिक मांग वाली प्रोग्रामिंग भाषाएं पायथन, जावा, सी ++ और पर्ल हैं।

ब्लॉकचेन इंजीनियर
ब्लॉकचैन इंडस्ट्री धीरे-धीरे पाठ्यक्रम में बदल रहा है। यह अब केवल क्रिप्टोकरेंसी की नींव नहीं है। ब्लॉकचेन का अनुप्रयोग इससे कहीं अधिक है। ब्लॉकचैन इंजीनियरिंग मूल रूप से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके डिजिटल समाधान तैयार कर रहा है। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी एक संरचना है जो विभिन्न कनेक्टेड डेटाबेस में ब्लॉक नोड्स को चेन के रूप में जाना जाता है। ब्लॉकचेन इंजीनियर इन नोड्स का विश्लेषण करते हैं और इस तकनीक के बारे में समाधान प्रदान करते हैं। ब्लॉकचैन इंजीनियर बनने के लिए, आपके पास बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में उत्कृष्ट तकनीकी क्षमता और ज्ञान होना चाहिए।
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इंटरटेनमेंट इंजीनियर
इंटरटेनमेंट इंजीनियरों को ऐसे इंजीनियरों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो दर्शनीय और मनोरंजन मंचन, मनोरंजन पार्क और अन्य प्रकार के मनोरंजन के लिए यांत्रिक और संरचनात्मक प्रणालियों का निर्माण और नवाचार करते हैं। मनोरंजन इंजीनियर संगीत कार्यक्रमों के लिए अभिनव मंच सेट भी बनाते हैं जिन्हें एक विशिष्ट तरीके से स्थानांतरित करने और घुमाने के लिए डिजाइन किया गया है। एंटरटेनमेंट इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ अपने पसंदीदा स्टार के लिए मूवी सेट या कॉन्सर्ट स्टेज डिजाइन करना संभव हो सकता है।

मरीन इंजीनियर
एक मरीन इंजीनियर का काम सभी प्रकार के जहाजों और समुद्री जहाजों की योजना, डिजाइन, उत्पादन और रखरखाव करना है। नौसेना आर्किटेक्चर में इंजीनियरिंग के सबसे पुराने रूपों में से एक। मरीन इंजीनियर उस शक्ति और डिजाइन का पता लगाते हैं जो समुद्री जहाज को आगे बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका होगा। मरीन इंजीनियरिंग में महासागर विज्ञान और समुद्र विज्ञान भी शामिल है। इस विशेष करियर के लिए रोजगार के अवसरों में 9% की वृद्धि हुई है और अगले कुछ वर्षों तक बढ़ती रहेगी। मरीन इंजीनियर की नौकरी उन लोगों के लिए एक बहुत ही अभिनव करियर है जो महासागरों से प्यार करते हैं और जहाज देखने का काम करते हैं।
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फूड इंजीनियरिंग
क्या आपने कभी सोचा है कि फूड फैक्ट्री में ठीक प्रदर्शन करने के लिए मशीनें कैसे सुसज्जित हैं। फूड इंजीनियरिंग में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग शामिल है जिसमें सूक्ष्म जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, संयंत्र संचालन और फूड पैकेजिंग की सुरक्षा भी शामिल है। वे बढ़े हुए उत्पादन और कम रखरखाव के लिए टिकाऊ और लागत प्रभावी उपाय प्रदान करते हैं। वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि कारखानों में बने खाद्य पदार्थ सुरक्षित और स्वस्थ हैं या नहीं। यदि आप भोजन और इंजीनियरिंग दोनों के प्रेमी हैं, तो फूड इंजीनियरिंग आपके लिए सबसे अच्छा करियर हो सकता है।

फॉर्मूला वन रेसिंग इंजीनियर
रेसिंग इंजीनियर मूल रूप से F1 रेसर्स के दाहिने हाथ के लोग होते हैं क्योंकि उनका संचार रेसर को सलाह देता है कि उन्हें जीतने की जरूरत है। रेसिंग इवेंट्स के दौरान यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है जहां इंजीनियर को यह तय करना होता है कि कार कैसे चलती है, गति की दक्षता और टायरों के प्रकार में सुधार कैसे कर सकते हैं। रेसिंग इंजीनियर की नौकरी में ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग, भौतिकी, गणित और उत्कृष्ट संचार कौशल भी शामिल है क्योंकि वह रेसर और तकनीकी टीम के बीच प्राइमरी कम्युनिकेटर है। यदि आप कारों और रेसिंग में रुचि रखते हैं तो यह निश्चित रूप से सबसे अच्छा करियर है।

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English Proficiency Tips: घर बैठे सीखें फर्राटेदार अंग्रेजी, ये हैं 7 आसान टिप्स

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English Learning Tips And Tricks: अंग्रेजी भाषा शिक्षा, रोजगार, तकनीकी उन्नति और समुदायों को एक साथ लाने में योगदान देती है, विशेष रूप से भाषाई-संस्कृति के प्रतिनिधित्व वाले देश में, यह संचार के लिए एक सामान्य आधार बन जाती है। किसी से संवाद करने के लिए, बुनियादी व्याकरण नियमों को समझना महत्वपूर्ण है, जिसमें काल, विराम चिह्न, लेख, भाषण के कुछ भाग शामिल हैं, जिन्हें अक्सर भाषा सीखते समय मूलभूत स्तर पर अनदेखा कर दिया जाता है।

जरूरी बातों का रखें ध्यान
आज, छात्रों को कई स्तरों पर अंग्रेजी भाषा सीखते समय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अंग्रेजी में एक वाक्य पर काम करते समय छात्र अपनी स्थानीय भाषा से अनुवाद करते देखे जाते हैं, जो एक सामान्य चुनौती है जिसे सुधारने की आवश्यकता है। नतीजतन, वे अपने उत्तरों का चयन सतही अर्थ के आधार पर करते हैं न कि वाक्य में अन्य शब्दों के संबंध में, जिन्हें हाइलाइट करने और सुधारने की आवश्यकता है।
हम यहां आपको बता रहे हैं बच्चों को स्वाभाविक रूप से अंग्रेजी भाषा सीखने में कैसे मदद कर सकते हैं।

सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म
सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म और मैसेजिंग एप्लिकेशन द्वारा संचालित दुनिया में, शॉर्टहैंड कम्युनिकेशन के साथ एक्रोनिम्स का उपयोग बढ़ रहा है जिसने लोकप्रियता हासिल की है। छात्रों को अवेयर रहते हुए इन समरूपों के बारे में पता होना चाहिए, साथ ही उन्हें ऑफिशियल और इनफॉर्मल कम्यूनिकेशन के बीच के अंतर को जानना भी महत्वपूर्ण है। उन्हें शब्दों और अंग्रेजी व्याकरण के सही उपयोग की समझ होनी चाहिए, जिसे उन शब्दों के माध्यम से नहीं बताया जा सकता है जो आमतौर पर दिन-प्रतिदिन के कम्युनिकेशन में उपयोग किए जाते हैं।
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एक जैसे शब्दों का प्रयोग
छात्र अक्सर होमोफोन के साथ संघर्ष करते हैं और उन शब्दों के साथ सही अर्थ का मिलान करते हैं, जो एक ही तरह से बोले जाते हैं लेकिन अलग तरह से लिखे जाते हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भाषा में बेहतर कमांड सुनिश्चित करने के लिए छात्रों पास इस क्षेत्र में क्लियरिटी हो।

लंबे वाक्यों से बचें
छात्रों को वाक्यों के लंबे सेंटेंस का उपयोग करने से बचना चाहिए और संदेश को बहुत छोटे सेंटेस में लिखने के लिए शब्दों के संक्षिप्त और स्पष्ट सेट की जानकारी रखनी चाहिए।

पढ़ना भी जरूरी है
पढ़ना लिखने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और स्वाभाविक रूप से वाक्यों को निरंतर पढ़ने और लिखित रूप में किताबों से सेंटेस को आब्जर्व करने से लेखन कौशल बेहतर होगा। इसलिए किताब के लंबे चैप्टर्स, लेशन, स्टोरीज को शुरुआती ग्रेड में भी पढ़ने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: Career Tips: सिनेमेटोग्राफी में करियर कैसे बनाएं, कहां से करें पढ़ाई, कितनी होगी सैलरी

फीडबैक की लें मदद
शोध से पता चला है कि जिन छात्रों को उनके राइटिंग सैंपल पर लगातार प्रतिक्रिया दी जाती है, वे उन लोगों की तुलना में कहीं अधिक तेजी से सुधार करते हैं जो केवल अपने लेखन का एनालिसिस करते हैं। इस प्रकार, छात्रों को उनके लेखन पर रचनात्मक और विस्तृत प्रतिक्रिया देना महत्वपूर्ण है।

ऐसे बढ़ाएं स्किल्स
अंग्रेजी में लेखन की विविध शैलियां हैं जिन्हें छात्रों को सीखने और अडॉप्ट करने की आवश्यकता है, जो उन्हें रेलिवेंस, कॉन्टेक्स्ट और रिटेन कम्यूनिकेशन के प्रकार के आधार पर कम्युनिकेट करने में मदद करेगी। उदाहरण के लिए, सोशल मीडिया पेज के कंटेंट में इस्तेमाल की जाने वाली अंग्रेजी की शैली मेल के माध्यम से आधिकारिक संचार से अलग होगी।

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Education Loan: एजुकेशन लोन अप्लाई करने के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट्स जरूरी हैं, ये रही लिस्ट

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Education Loan: बेहतर करियर की संभावनाओं के कारण छात्र हमेशा विदेश में पढ़ाई करने को लेकर उत्सुक होते हैं। एक सच यह भी है कि विदेश में पढ़ाई करना कई लोगों के लिए महंगा हो सकता है। बता दें कि हर साल 3 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र विदेशों के विभिन्न यूनिवर्सिटी, कॉलेजों में जाकर पढ़ाई करते हैं, विदेश में जाकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की इतनी बड़ी संख्या के कारण हर कोई स्कॉलरशिप भी नहीं ले सकता। इसलिए ऐसे स्टूडेंट्स जो स्कॉलरशिप नहीं ले पाते वे एजुकेशनल लोन लेना पसंद करते हैं।

डिजिटल एजुकेशन लोन लेने के लिए तैयार रखें सारे जरूरी डॉक्यूमेंट्स
एक्सपर्ट के अनुसार एक बार जब आप अपनी कॉलेज की आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं और आपके पास ऑफर लेटर होता है, तो सुनिश्चित करें कि आपके पास तुरंत ऋण के लिए आवेदन करने के लिए डॉक्यूमेंट हैं। आपको अब बैंकों द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि डिजिटल ऋणदाता सभी को ऋण प्रदान करते हैं।

यहां हम आपको बता रहे हैं अपने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करने से पहले, आपके पास कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स होने जरूरी हैं।
छात्रों के लिए
केवाईसी: पैन कार्ड, आधार और पासपोर्ट
एकेडमिक्स: कक्षा -10 और कक्षा -12 की मार्कशीट, पोस्ट ग्रेजुएशन हो तो कॉलेज की डिग्री, जीआरई / टीओईएफएल, आईईएलटीएस स्कोर
फाइनांशियल: तीन महीने की पेस्लिप, छह महीने का बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 16 अगर उम्मीदवार एक कामकाजी पेशेवर है।
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को-एप्लीकेंट के लिए
केवाईसी: पैन, आधार
फाइनांशियल-
वेतनभोगी: तीन महीने की पेस्लिप, बैंक स्टेटमेंट, इनकम टैक्स रिटर्न स्लिप या फॉर्म 16
स्वरोजगार: बिजनेस प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट और दो साल के लिए आईटीआर पूरा सेट
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एजुकेशन लोन के लिए डिजिटल लोन के फायदे
  • डिजिटल ऋणदाताओं के माध्यम से, एजुकेशन लोन लेने की प्रक्रिया बहुत सरल हो जाती है और लगभग कोई कागजी कार्रवाई नहीं करने का एक एक्स्ट्रा फायदा भी होता है।
  • डिजिटल उधारदाताओं के कई लाभों में से एक यह है कि वे उधार देते समय ट्रेडिशनल इवैल्युएशन पैरामीटर से परे जाते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन ऋण आपको पैसे बचाने में भी मदद करते हैं,
  • लोन की पेशकश करने वाले फिनटेक प्लेटफॉर्म आपको भारत में बैठकर अध्ययन के देश में एक बैंक खाता खोलने की ऑफर देते हैं। इससे आपको अध्ययन देश में पहुंचते ही ट्रांजक्शन शुरू करने की सुविधा मिल जाती है। आपको किसी तरह की फॉर्मेलिटीज या एक्सचेंज करने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ती।
  • आपको नकद या विदेशी मुद्रा कार्ड ले जाने के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। वे आपको बेस्ट एक्सचेंज रेट ऑफर करके डॉलर बचाने में मदद करते हैं।

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Exam Tips: GMAT और GRE जैसे एग्जाम में होती हैं ये 10 गलतियां, ऐसे करें तैयारी

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GMAT And GRE Preparation: भारत से विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। विदेशो में तीन लाख से अधिक छात्रों के साथ, अंतरराष्ट्रीय डिग्री प्राप्त करने के लिए विदेश जाने वाले छात्रों के लिए भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। यह प्रवृत्ति शायद इसलिए हो सकती है कि भारत में जीमैट और जीआरई परीक्षार्थियों में वृद्धि देखी है। छात्र जीमैट और जीआरई को अपने सपनों के कॉलेजों का प्रवेश द्वार मानते हैं। लेकिन, क्या भारतीय छात्र इन परीक्षाओं को सही तरीके से करते हैं? इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय छात्र GMAT और GRE जैसी परीक्षाओं में कौन-कौन सी गलतियां करते हैं?

परीक्षाओं को केवल विषय ज्ञान की परीक्षा के रूप में देखना
भारतीय छात्रों में एक आम गलत धारणा है कि वे जो भी परीक्षा देते हैं वह सिर्फ ज्ञान की परीक्षा होती है। ऐसे छात्रों के लिए जीमैट और जीआरई मुश्किल हो सकते हैं। क्योंकि जीमैट और जीआरई की परीक्षाओं में एक उम्मीदवार के बिजनेस कम्कौयूनिकेश्शन स्किल का परीक्षण करते हैं, न कि उनकी अंग्रेजी का। साथ ही उनके एनालिटिकल एप्लिकेश्न स्किल का परीक्षण करते हैं न कि गणित में उनके ज्ञान का।

सर्वोत्तम उत्तरों के बजाय सही और सटीक उत्तर खोजने का प्रयास करें
यह कई लोगों को अजीब लग सकता है, लेकिन जीमैट और जीआरई ऐसी परीक्षा नहीं है जिसमें उम्मीदवार को सटीक उत्तर खोजने की आवश्यकता हो। अधिकांश समय, वे दिए गए विकल्पों को देखे बिना ही किसी प्रश्न का सटीक उत्तर खोजने का प्रयास करते हैं। असल में उन्हें दिए गए पांच विकल्पों में से सबसे अच्छा उत्तर खोजने की आवश्यकता है, भले ही उत्तर सही न लगे।
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यह भूल जाना कि समय निकल रहा है
जीमैट और जीआरई ऐसे टेस्ट हैं जिनके लिए उम्मीदवार को किसी प्रश्न में दिए गए समय पर नजर रखने की आवश्यकता होती है। यदि उम्मीदवार एक निश्चित समय में प्रत्येक प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाता है तो उसके सभी प्रयास व्यर्थ हो जाएंगे।

तक तक वेट करना जब तक कि वे उत्तर के बारे में 100% सुनिश्चित न हों
भारतीय शिक्षा प्रणाली में हम सभी को केवल तभी उत्तर देना सिखाया गया है जब हम सुनिश्चित हों कि यह सही है। लेकिन जीमैट और जीआरई में एक उम्मीदवार को कुछ प्रश्नों पर लगाना सीखना होगा। यह उन्हें उन प्रश्नों के लिए समय बचाने में मदद करेगा जिन्हें वे हल कर सकते हैं।

"ब्रूट-फोर्स" दृष्टिकोण लागू करें
हम सभी के पास एक सहपाठी होता जो दिन में 14 घंटे अध्ययन करता था या परीक्षा देने से पहले हर एक पुस्तक का उल्लेख करता था। हो सकता है कि उन्होंने स्कूल में अच्छे ग्रेड प्राप्त किए हों। लेकिन यह तरीका उन लोगों के लिए काम नहीं करेगा जो जीमैट या जीआरई की तैयारी कर रहे हैं। इन परीक्षाओं के लिए प्रश्नों और उत्तरों का अभ्यास और विश्लेषण करके स्मार्ट तरीके से अध्ययन करना जरूरी होता है।
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मीट्रिक के रूप में केवल 'सटीकता' पर भरोसा करना
एक मीट्रिक के रूप में 'सटीकता' पर भरोसा न करें क्योंकि जीमैट एक उम्मीदवार का मूल्यांकन उनके द्वारा हल किए जाने वाले प्रश्नों की अंतर्निहित कठिनाई के आधार पर करता है। यदि वे 700 से अधिक अंक-स्तरीय प्रश्नों का सही उत्तर देते हैं, तो उम्मीदवार को उसी स्तर के अधिक प्रश्नों को हल करने को मिलेगा।

परीक्षा के सवालों को आसान समझना
इन परीक्षणों के प्रश्न काफी भ्रामक हो सकते हैं। GMAT और GRE के कठिन प्रश्न बाकियों से अलग नहीं लगेंगे। असल में, वे हल करने में वास्तव में आसान लग सकते हैं। इसके कारण, एक उम्मीदवार जल्दी से गलत उत्तर चुन सकता है। बाद में ही उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है और वे सवाल का विश्लेषण करते हैं।

केवल छोटी अवधि के टेस्ट का अभ्यास करना
GMAT और GRE ऐसी परीक्षएं हैं जो तीन घंटे तक चलते हैं। जब उम्मीदवार घर पर प्रश्नों का अभ्यास करते हैं, तो वे उन्हें हल करते हैं क्योंकि वे किसी दबाव में नहीं रहते हैं लेकिन, परीक्षा के दिन, उनके लिए इतनी लंबी अवधि तक ध्यान केंद्रित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इससे बचने के लिए उन्हें घर पर ही दी गई समय सीमा में पूरी परीक्षा देने का अभ्यास करने की जरूरत है।
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तैयारी के लिए केवल वीकेंड पर ही भरोसा करना
जीमैट या जीआरई की तैयारी करने वाले उम्मीदवार को लगातार प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए, न कि केवल सप्ताहांत पर या जब भी उन्हें समय मिले। भले ही वे काम कर रहे हों, उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे सप्ताह के दौरान कुछ समय अलग रखें और प्रश्नों का अभ्यास करें।

गलत अध्ययन सामग्री चुनना
ऑनलाइन बहुत सारे संस्थान हैं जो GMAT और GRE के लिए कोर्स और कंटेंट बेचते हैं। लेकिन उनमें से ज्यादातर ऐसी तकनीकें सिखाएंगे जो उम्मीदवार परीक्षा देते समय जल्दी से लागू नहीं कर पाएंगे। इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवार को सही संसाधनों की खरीद करनी चाहिए और उन्हें बेहतर बनाने के लिए उपलब्ध सर्वोत्तम पाठ्यक्रम का चयन करना चाहिए।

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World Youth Skills Day: एक सफल करियर के लिए जरूरी है कौशल? जानें कैसे सीखें

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How To Learn Skills: आज यानि 15 जुलाई 2021 को World Youth Skills Day मनाया जा रहा है, इसलिए एचएसएनसी (हैदराबाद सिंद नेशनल कॉलेजिएट) यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट डॉ. निरंजन हिरानंदानी ने करियर के लिए जरूरी कौशल के बारे में बताया है। बता दें इस यूनिवर्सिटी समूह में मुंबई के तीन प्रतिष्ठित कॉलेज-केसी कॉलेज, एचआर कॉलेज और बॉम्बे टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज (बीटीटीसी) शामिल हैं।

आज की तेज़ रफ्तार वाली इस दुनिया में, एक ऐसे करियर का चुनाव करना बहुत जरूरी है जो कौशल विकास और व्यक्तिगत प्रगति दोनों के लिए अच्छा संकेत हो। आजकल मिलेनियल्स एक ऐसे करियर का विकल्प पसंद करते हैं, जो उनके सीखे गए कौशल को उपयोग में लाता हो और उन्हें सफल करियर वृद्धि हासिल करने में सहायता करें।

भविष्य के बारे में सोचकर चलें
सबसे पहली बात, व्यावसायिक विकल्प के संबंध में सीखने वालों के लिए उपलब्ध अलग-अलग तरह के कोर्सेज़ की जानकारी के साथ एक उचित व्यवसाय का चुनाव करना चुनौतीपूर्ण बन गया है। इसलिए, छात्रों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे एक भविष्य देखने वाले की तरह नज़र रखें, जो उनके व्यावसायिक रुचि के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाए। एक बार विज़न स्थापित हो जाने पर, व्यवसाय की व्यावहारिकता का मूल्यांकन करना बहुत जरूरी है, विशेष तौर पर बढोतरी, सफलता, अर्थव्यवस्था, और संवहनीयता की संभावना के बारे में।

एक अलग दृष्टिकोण अपनाना भी है जरूरी
आपको वांछित क्षेत्र में शिक्षा के अलग-अलग पहलूओं को मापने और एक प्रगतिशील कोर्स चुनने की आवश्यकता होती है, जो व्यक्ति की रुचि के लिए लाभदायक और उसके कौशल के योग्य हों। संबंधित उद्योग और चुने हुए व्यावसायिक रुचि वाले क्षेत्रों के अपडेट्स पर नज़र रखते हुए और आवश्यक प्रक्रिया की एक सूची बनाकर इन कौशल को कुछ सालों में विकसित किया जा सकता है। परिभाषित की गई रणनीतियों के आधार पर इन स्टेप्स से लंबे समय में छात्रों को करियर में बढोतरी के लिए, उनकी भूमिका तय करने और व्यवसाय में संतुष्टि हासिल करने में सहायता मिलेगी।
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संचार पर ध्यान दें
बिज़नेस और स्वयं के विकास के लिए एक विचार, रणनीति, बिज़नेस प्लान या लक्ष्य अभिव्यक्त करते समय सही तरीके से अपनी बात रखने की योग्यता बहुत जरूरी है। रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन द्वारा सीखने वाले आज के दौर में सही अर्थ को समझना और गहन जानकारी डीकोड करना बेहद जरूरी है। अच्छी तरह बातचीत करने का कौशल एक लक्ष्य को वास्तविकता में परिवर्तित करने की कला को दर्शाता है। कम्युनिकेशन स्किल्स बिजनेस को आगे बढाता है और नेटवर्किंग को बढावा देता है, जो प्रगति के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए, व्यक्तिगत और व्यावसायिक लक्ष्यों के लिए यह एक अंतर्निहित कौशल है।

एक लीडर बनें
रणनीतिक विचार करना, निर्णय लेना, संकट के समय संवाद और टीम विकसित करना एक लीडर के जरूरी कार्य हैं। कार्य के लिए स्वेच्छा से मुख्य भूमिका निभाना एक सफल लीडर बनने की दिशा में लक्ष्य साधने का काम करता है। यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति में ज़िम्मेदारी लेने, क्रिटिकल थिंकिंग/ जरूरी सोच के लिए प्रेरित करने, उत्तरदायी रहने, चुनौतियों से निपटने और निर्धारित लक्ष्यों की ओर टीम को सावधानीपूर्वक ले जाने की योग्यता है। वांछित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक प्रभावशाली व्यक्ति के तौर पर यह उन्हें सबसे आगे की श्रेणी में दावेदार के रुप में रखता है।
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विकसित टेक्नोलॉजी अपनाएं
आजकल एक व्यक्ति के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह नई विकसित की गई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी रखे, खासतौर पर उस क्षेत्र में जिसमें वह आगे बढ़ना चाहता है। सारी दुनिया में महामारी के फैलाव के कारण प्रत्येक उद्योग के ऑपरेशन टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गए हैं। इसलिए साधारण करियर ऑप्शन से हटकर अन्य करियर के लिए तर्काधार एवं विश्लेषणात्मक सोच जैसे कौशल को बेहतर बनाना जरूरी हो गया है। यह नवीनतम टेक्नोलॉजी के साथ मिल जाते हैं और आज की डिजिटल दुनिया में टेक्नोलॉजी कुशल बने रहने में सहायक होते हैं।

मैनेजमेंट स्किल्स पर काम करें
इसके साथ ही कार्यात्मक कौशल जैसे समय प्रबंधन, कार्य उन्मुखता, कार्य पूरा करने के समय को ध्यान में ऱखते हुए आगे बढ़ना और आत्मविश्वास के साथ काम करना, किसी भी व्यक्ति की सफलता के लिए जरूरी हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रत्येक व्यक्ति अनोखा होता है और विचार करने की उनकी अपनी प्रवृत्ति होती है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति विकास पर एक अनोखी छाप छोड़ने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही चुने गए विकल्प का ज्ञान हासिल करते हुए कुछ जरूरी कौशल उतने ही जरूरी होते हैं। हाँलाकि, आप कौशल को तभी अच्छी तरह सीख सकते हैं, जब उन्हें काम में लाएं और एक्सपीरिएंस करें।

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Science and Research: साइंस और रिसर्च के लिए बेस्ट हैं ये संस्थान, जानें कैसे होता है एडमिशन

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Science And Research Jobs: आईआईटी हर इंजीनियरिंग कैंडिडेट का पहला लक्ष्य होता है। हर साल देशभर के 10 लाख कैंडिडेट्स में से 16 हजार स्टूडेंट्स इसमें अपनी जगह बनाते हैं। लेकिन सिर्फ आईआईटी के पीछे भागते रहना सही नहीं है। अगर करियर की बात करें तो आईआईटी से अलग करियर विकल्प और भी हैं। कैंडिडेट्स के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि अपना उचित लक्ष्य तय करें और आईआईटी के अलावा अच्छे संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया के बारे में जानें।

इंडियन इंस्टीच्युट ऑफ साइंस, बैंगलोर
370 एकड़ में फैले बैंगलोर के इस संस्थान की स्थापना 1909 में भारत सरकार ने जमशेदजी टाटा और मैसूर महाराज के सहयोग से किया। यहां बैचलर ऑफ साइंस की पढ़ाई होती है। पहले 18 महीने यानी 3 सेमेस्टर सभी विद्यार्थी फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायोलॉजी, इंजीनियरिंग और ह्यूमेनिटी की पढ़ाई करते हैं फिर स्पेशलाइजेशन करते हैं। एडमिशन 12वीं के बाद केवीपीवाई से किशोर वैज्ञानिक प्रतिभा योजना पास कर, जेईई मेन, जेईई एडवांस्ड या फिर नीट के माध्यम से ले सकते हैं। ट्यूशन फीस - जेनरल, ओबीसी के लिए 10 हजार सालाना, एससी, एसटी के लिए पूरी फीस माफ है। यहां कुल सीट -120 है।
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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च
साइंस एजुकेशन, रिसर्च एंड ट्रेनिंग के लिए बेस्ट रिसोर्स तैयार करने के लिए एमएचआरडी की ओर से आईआईएसईआर की स्थापना की गई। यह संस्थान भोपाल, बरहमपुर, कोलकाता, कोहाली, पुणे, तिरुअनंतपुरम और तिरुपति में भी है। यहां कुल सीट -1734 है। इन संस्थानों में सभी जगह बीएस-एमएस डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई होती है। ये पांच साल का डिग्री प्रोग्राम है जिसमें पहले दो साल बेसिक साइंस के कोर कोर्स कराए जाते हैं। तीसरा और चौथा साल स्पेशलाइजेशन कराया जाता है और पांचवें साल में रिसर्च पर फोकस होता है। बीएस डिग्री - सिर्फ भोपाल में है।

इन संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया
  • केवीपीवाई के आधार पर- इसके लिए एप्लीकेशन 31 अगस्त 2021 तक उपलब्ध है।
  • जेईई एडवांस्ड के आधार पर टॉप 15 हजार रैंक वालों के लिए
  • आईआईएसईआर एप्टीट्यूट टेस्ट - एससीबी चैनल के आधार पर - एप्लीकेशन 31 अगस्त 2021 तक
  • आईआईएसईआर एप्टीट्यूट टेस्ट- परीक्षा 16 सितंबर
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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी- तिरुवंतपुरम
रिसर्च और आउटर स्पेस के लिए आईआईएसटी एशिया की पहली यूनिवर्सिटी है जिसकी स्थापना 2007 में हुई। यहां कुल सीट 154 है। 2021 में दाखिला 12वीं या फिर जेईई एडवांस्ड के आधार पर होगा। इंफॉर्मेशन ब्रोशर 1 अगस्त से उपलब्ध होगा।
कोर्स
  • 4 साल बीटेक -एरोस्पेस इंजीनियरिंग
  • 4 साल बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
  • 5 साल डुएल डिग्री बीटेक प्लस मास्टर ऑफ साइंस मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी

नेशनल इंस्टीच्युट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मुंबई और भुवनेश्वर
साइंस के क्षेत्र में मेधावी विद्यार्थी को ट्रेनिंग देने के लिए इसकी स्थापना 2007 में की गई। ये होमी जहांगीर भाभा इंस्टिट्यूट का ऑफ कैंपस सेंटर है। संस्थान में 5 साल इंटीग्रेटेड एमएससी प्रोग्राम इन बेसिक साइंस, बायोलॉजी, केमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स और फिजिक्स की पढ़ाई होती है। भुवनेश्वर में कुल सीट 200 और मुंबई में 57 कुल सीट उपलब्ध हैं। एडमिशन एनईएसटी टेस्ट के माध्यम से ले सकते हैं। एनईएसटी का आयोजन - 14 अगस्त को होगा। इसके लिए आवदेन करने की अंतिम तारीख 15 जुलाई तक है। एग्जाम कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट है।

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