Quantcast
Channel: Career Expert Advice: करियर सलाह, Get Free Expert Advice About Your Career, Career Advice, एग्जाम प्रिपरेशन टिप्स, Exam Preparaion Tips
Viewing all 889 articles
Browse latest View live

Aviation career: क्या होते हैं केबिन क्रू और एयर होस्टेस, इनमें कैसे बनायें अपना करियर

$
0
0

Cabin Crew Career In India: क्या आप जानते हैं? इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की रिपोर्ट के अनुसार इंडियन एविऐशन इंडस्ट्री दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री हैं। जिसने एयर होस्टेस/कैबिन क्रू प्रोफेशन में नौकरियों को कई गुना बढ़ा दिया हैं।

आज हम आपको बता रहें है एविऐशन इंडस्ट्री के सबसे अहम हिस्सा एयर होस्टेस/कैबिन क्रू के बारे में। इनका काम पैसेंजर के प्लेन मे चढ़ने से लेकर प्लेन से उतरने तक की सारी अरेंजमेंट्स को देखना होता है। मतलब यह कि पैसेंजर के कंफर्ट से लेकर वेलफेयर और सेफ्टी के साथ प्लेन के टेक ऑफ करने से पहले की सारी इमरजेंसी अरेंजमेंट्स को चेक करना एयर होस्टेस/कैबिन क्रू की जॉब रिस्पॉन्सबिलिटी होती है। कैबिन क्रू में एयर होस्टेस और फ्लाइट स्टीवर्ड शामिल होते हैं।

एयर होस्टेस प्रोफेशन के लिए क्या है एलिजिबिलिटी (Eligibility For Air Hostess Profession)
एयर होस्टेस के लिए अप्लाई करने वाली फीमेल उम्मीदवार की उम्र 16 से 26 साल होने चाहिए। इसके अलावा हाइट 5’2 फुट से कम नही होनी चाहिए। जॉब के लिए अप्लाई करते समय उम्मीदवार अनमैरिड होनी चाहिए। अट्रैक्टिव पर्सनालिटी के साथ ही मेडिकली फिट भी होनी चाहिए। साथ ही उसके पास किसी भी स्ट्रीम मे 10+2 या एविऐशन में अंडरग्रेजुएट डिग्री होना जरुरी है। एयर होस्टेस के कोर्स सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री लेवल पर करवाए जाते हैं। जिसकी औसतन फीस 50,000 से 1,50,000 तक हो सकती है। हालांकि किसी एयरलाइन्स द्वारा चुने जाने पर कोर्स के लिए ज्यादा खर्चा करने की जरुरत नहीं होती है।
इसे भी पढ़ें: Science and Research: साइंस और रिसर्च के लिए बेस्ट हैं ये संस्थान, जानें कैसे होता है एडमिशन

कैसे होगा सिलेक्शन (Selection Process For Air Hostess)
ट्रेनिंग के लिए उम्मीदवार ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट या एयरलाइंस में ओपनिंग होने पर अप्लाई कर सकते हैं। यहां सिलेक्शन के बाद उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग की जाती हैं। यहां चुने गए उम्मीदवार एयरलाइंस की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए एलिजिबल होते हैं। एग्जाम क्वालीफाई करने बाद फाइनल स्क्रीनिंग के लिए उम्मीदवारों को बुलाया जाता है। जहां उनकी आवाज, लैंग्वेज फ्लूएंसी, कम्युनिकेशन स्किल और पर्सनालिटी को परखा जाता है। इसमें चयनित उम्मीदवारों को छह महीने के लिए एयरलाइन एयर होस्टेस ट्रेनिंग ऑफर करता हैं।

भारत के टॉप एयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (Top Indian Air Hostess Training Institute)
एयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीट्युट में एयर होस्टेस ट्रेनिंग के साथ ऑन-ग्राउंड सर्विस, एविऐशन कार्गो हेंडलिंग, हॉस्पिटैलिटी और कस्टमर सर्विस जैस ट्रेनिंग भी करवाते हैं।
देश के कुछ इंस्टीट्यूट जो एविऐशन इंडस्ट्री के लिए बेहतरीन केबिन क्रू तैयार करते हैं।

  • फ्रैंकफिन इंस्टीट्यूट ऑफ एयर होस्टेस ट्रेनिंग, दिल्ली
  • विंग्स एयर होस्टेस एण्ड हॉस्पिटैलिटी ट्रेनिंग, गुजरात
  • यूनिवर्सल एविएशन एकेडमी, चेन्नई
  • जेट एयरवेज ट्रेनिंग एकेडमी, मुंबई
  • द बॉम्बे फ्लाइंग क्लब कॉलेज ऑफ एविएशन, मुंबई
इसे भी पढ़ें: Highest Paying Jobs: ये हैं सबसे ज्यादा सैलरी वाली 5 मार्केटिंग जॉब, यहां जानें डीटेल

करियर स्कोप (Career Scope In Air Hostess)
एयर होस्टेस के लिए नौकरियां केवल कमर्शियल एयरलाइन्स मे ही नही बल्कि कॉर्पोरेट एयरलाइंस, एयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, चार्टर्ड एयरलाइंस, मिलिट्री एयरलाइंस, पर्सनालिटी डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, एयरपोर्ट्स, एयर होस्टेस/केबिन क्रू रिक्रूमेंट कंपनियों में भी उपलब्ध होती है।
केबिन क्रू मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा प्रोग्राम करने के बाद, एयर होस्टेस कई जॉब प्रोफाइलों जैसे - केबिन क्रू, सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट, ग्राउण्ड स्टाफ, ट्रेनर, क्रू शेड्युलर, क्रू मैनेजर पर काम कर सकती हैं।

क्या है सैलरी
किसी केबिन क्रू की सैलरी बहुत सारे फैक्टर्स पर निर्भर करती है। इन सबके बावजूद इनकी औसतन सैलरी 4 लाख से 9 लाख रुपए सालाना होती है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Improve Self-Awareness: करना चाहते हैं सेल्फ अवेयरनेस में इंप्रूवमेंट? अपनाएं ये तरीके

$
0
0

Improve Self-Awareness Skills: आत्म-जागरूकता हमारे कार्यों, भावनाओं और विचारों का सचेत ज्ञान है। यह हमारे नैतिक कम्पास की सुई है जो हमें अपने निर्णयों के बारे में जागरूक होने में सक्षम बनाती है। आत्म-जागरूकता होने से किसी को बढ़ने में मदद मिल सकती है, उनके रिश्तों में सुधार हो सकता है, उनके आत्म-प्रेम में सुधार हो सकता है। जानें स्टूडेंट्स में सेल्फ अवेयरनेस बढ़ाने के 10 आसान तरीके।

मॉनिटर सेल्फ-टॉक (Self-Talk)
अपने सेल्फ टॉक की मॉनिटरिंग करने से व्यक्ति सही और गलत के बीच अंतर कर पाता है, और बाद में सही चुनाव करता है। यदि आपकी सेल्फ टॉक डेमीनिंग है, तो अधिक मुखर रहें, यदि यह अति-आशावादी है, तो शांत रहें।

ट्रैक योर नोज (Track Your Nose)
आप कितनी बार हां कहते हैं, इस पर नजर रखने से, जब आपने चाहा था कि आपने ना कहा था, तब भी आपको समझ में आता है कि आपको दूसरों को खुश करने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है। नहीं की संख्या गिनने से आप समझ जाते हैं कि क्या आप केवल सत्यापन की तलाश में हैं या आप वास्तव में अपने समय और प्रयास को महत्व देते हैं।
इसे भी पढ़ें: Science and Research: साइंस और रिसर्च के लिए बेस्ट हैं ये संस्थान, जानें कैसे होता है एडमिशन

आत्मनिरीक्षण करें (Introspection)
क्या गलत है और क्या सही ये चुनाव करना मुश्किल है। हालांकि, विचारों, विचार प्रक्रिया और मानसिक बातचीत का आत्मनिरीक्षण करके, आत्म-जागरूक होना आसान है।

अपनी ताकत और कमजोरियों को जानें (Self Confidence)
अपनी ताकत और कमजोरी को जानने से हम अपनी क्षमताओं को समझ सकते हैं और निश्चित रूप से सीमाओं की सीमाओं को पुश कर सकते हैं। हम अपनी मौजूदा ताकत का निर्माण कर सकते हैं और अपनी कमजोरियों पर काम कर सकते हैं, उन्हें संपत्ति में बदल सकते हैं। आत्म-विकास के लिए यह एक शॉर्ट पाथवे है।

ईमानदार प्रतिक्रिया प्राप्त करें (Feedback For Betterment)
एक आत्मविश्वासी व्यक्ति की पहचान प्रतिक्रिया प्राप्त करने और उन पर काम करने की क्षमता पर भी है। अपने बारे में अधिक जानने के लिए, अपने भरोसेमंद रिश्तेदारों और दोस्तों से आपकी ताकत और कमजोरियों का वर्णन करने के लिए कहें। उनके विवरण पर काम करें और मौजूदा कमियों को सुधारकर एक संपूर्ण इंसान बनें। इन फीडबैक का विरोध उन लोगों से न करें जो इसे आपको दे रहे हैं। विचार आत्म-विकास है न कि आत्मरक्षा।
इसे भी पढ़ें: Exam Tips: GMAT और GRE जैसे एग्जाम में होती हैं ये 10 गलतियां, ऐसे करें तैयारी

ब्रेक जरूर लें (Take A Break)
यह समझ में आता है कि आप असाइनमेंट और अन्य प्रोफेशनल डेड लाइन के साथ बहुत अधिक बीजी रहते हैं लेकिन फिर भी काम को रोकना और अपने दिमाग और शरीर को थोड़ा आराम देना महत्वपूर्ण है। यह समय आपको घड़ी की कल से दूर ले जाएगा और आपको अपने भावनात्मक और शारीरिक-कल्याण का विश्लेषण करने के लिए स्पेस देगा।

जानिए आपको क्या परेशान करता है (Talk About Your Problems)
हर किसी के पास भावनात्मक क्रिप्टोनाइट होता है। उस नर्व को छूने में ज्यादा समय नहीं लगता है। हालांकि, यह आकलन करना महत्वपूर्ण है कि आपको आसानी से क्या परेशान करता है। इसके लिए एक विस्फोटक प्रतिक्रिया देने के बजाय, शांत रह कर मुकाबला करें। जब आप अपने भावनात्मक क्रिप्टोनाइट को ट्रिगर करते हैं तो शांत और एकत्रित होने से आप अपनी परेशानी से बच जाते हैं।

आत्म-विश्लेषण करें (Do Self-Analysis)
कई आत्म-विकास विशेषज्ञों का मानना है कि केवल सांस लेने से आप अपने बारे में बहुत कुछ समझ सकते हैं। सरल ध्यान तकनीक जहां आपको बस अपनी सांस को ट्रैक करना है, आपको अपना दिमाग साफ करने में मदद कर सकती है और निर्णय लेने के दौरान आपको अधिक स्पष्ट कर सकती है। यह आपको अपनी कमियों को समझने में मदद करता है और आपको आत्म-विश्लेषण की बैंडविड्थ की अनुमति देता है।
इसे भी पढ़ें: English Proficiency Tips: घर बैठे सीखें फर्राटेदार अंग्रेजी, ये हैं 7 आसान टिप्स

माइंड-मैप बनाएं (Mind Map For Career)
  • यह भावनात्मक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से जहां आप होना चाहते हैं, उसका मैप हो सकता है। यह माइंड-मैप आपके लिए यह जानने का मार्ग तैयार करेगा कि आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। उदाहरण के लिए, आप एक स्वस्थ व्यक्ति बनना चाहते हैं यदि अपनी वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करें
  • हर दिन 15 मिनट के लिए चलने का एक माइक्रो-स्टेप बनाएं, फिर 30 मिनट तक आगे बढ़ें
  • समय की कमी जैसी बाधाओं को दूर करें। इसे समायोजित करने के लिए 30 मिनट पहले उठें
  • लगातार बने रहें
  • आप अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे

स्वयं को सशक्त बनाएं
आपका अपना चीयरलीडर होना महत्वपूर्ण है। अपने आप को सशक्त बनाने से आपको इस बारे में अधिक जागरूक बनने में मदद मिलेगी कि आप अपने आप को कितना पीछे रख रहे हैं। प्रेरित रहने के लिए हर दिन खुद को उत्साहित करें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career After M.Com: एम कॉम के बाद चाहिए अच्छी नौकरी? ये हैं बेस्ट कोर्सेज ऑप्शन

$
0
0

Master of Commerce: मार्स्टस ऑफ कॉमर्स, यानि M.Com करने बाद भी क्या आप एक अच्छी सैलरी वाले जॉब के लिए परेशान हैं? और बेहतर ऑप्शन्स तलाश रहे हैं? तो यह आर्टिकल आपके लिए है। हम बता रहें वो बेस्ट करियर ऑप्शन्स जो आप M.Com करने के बाद चुन सकते हैं।
ये टॉप करियर स्कोप वाले कोर्स देश मे ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट मे भी आपके लिए कई ऑपॉर्च्युनिटी जनरेट करते हैं।

मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA)
M.com के बाद बेहतरीन करियर के लिए MBA सबसे ज्यादा किये जाना वाले कोर्सों मे से एक है। इस कोर्स मे आप केवल बिजनेस फिल्ड के थ्योरीस ही नही बल्कि उन टेक्निक्स के बारे में जानते है, जो रियल बिजनेस वर्ल्ड में किसी ऑर्गनाइजेशन मे प्रोब्लम के सॉल्युशन और बिजनेस ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यही कारण है कि कोई भी कंपनी मैनेजमेंट पॉजिशन के लिए MBA उम्मीदवार को प्रीफरेंस देती है। MBA करने के बाद आपकी औसतन सैलरी लगभग 7.2 लाख रुपए सालाना होती है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)
यदि आपको टैक्सेशन और अकाउंटेंसी जैसे सब्जेक्टस पंसद हैं तो चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक अच्छा करियर विकल्प है। CA उम्मीदवार ऑडिटिंग फर्मों, बैंकों, फाइनेंस कंपनियों, स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों, कानूनी फर्मों जैस जगहों पर अपनी सेवाएं देते हैं। आप M.com के बाद CA के इंटरमीडिएट कोर्स IPCC में डायरेक्ट प्रवेश ले सकते हैं। IPCC और 3 साल की इन्टर्नशिप/आर्टिकलशिप पूरा करने बाद आप CA फाइनल्स देने के लिए एलिजिबल होते हैं। हालांकि आर्टिकलशिप के दौरान सैलरी कम होती है लेकिन कोर्स पूरा करने के बाद आप एक हेंडसम सैलरी पैकेज एक्सपेक्ट कर सकते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की औसतन सैलरी लगभग 7.9 लाख रुपए सालाना होती है।
इसे भी पढ़ें: Aviation career: क्या होते हैं केबिन क्रू और एयर होस्टेस, इनमें कैसे बनायें अपना करियर

एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स (ACCA)
कॉर्मस के फील्ड में ACCA ग्लोबल लेवल पर मान्यता प्राप्त कोर्सेस मे से एक हैं। मतलब कि अगर आपने भारत में रहते हुए ACCA कंपलिट कर लिया है तो आप देश और विदेश कहीं पर भी नौकरी करने के लिए एलिजिबल होगें। यह सर्टिफिकेट प्रोग्राम उन उम्मीदवारों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जो बैंकिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, फाइनेंस, जैसे प्रोफेशन में अपना करियर बनाना चाहते हैं। आप ACCA के लिए नामाकंन 10+2 या ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। खास बात यह है कि कोर्स की समय सीमा आपके लेटेस्ट डिग्री पर आधारित होती है।

ACCA के लिए उम्मीदवारों का चयन मैरिट या एंट्रेंस एग्जाम द्वारा किया जाता है। M.com छात्रों के पास अकाउंटिंग कॉन्सेप्ट्स की बेहतर समझ होने कारण ACCA उनके लिए आसान और सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स की औसतन सैलरी लगभग 5 लाख से 16 लाख रुपए सालाना होती है।

कंपनी सेक्रेटरी (CS)
किसी भी पब्लिक या प्राइवेट फर्म में कंपनी सेक्रेटरी एक हाईयर पॉजिशन होल्डर होता है। जिसका काम कानुनी मुद्दों के साथ कंपनी डायरेक्टरों को फर्म के मेनेजमेंट से संबंधित मुद्दों पर सलाह देना होता है। इसके लिए लिए नामाकंन 10+2 या ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। CS कोर्स के उम्मीदवारों को कंपनी सेक्रेटरी क्रेडेंशियल प्राप्त करने के लिए फाउंडेशन प्रोग्राम, एक्ज्युकिटिव प्रोग्राम, प्रोफेशनल प्रोग्राम और 15 महीने का प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करना जरुरी होता है।

इन सभी रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने के बाद आप ICSI के साथ बतौर असोसिएट मेंबर रजिस्टर्ड हो जाते हैं। अगर आप नहीं जानते तो जान लिजिए ICSI देश का एक मात्र मान्यता प्राप्त ऑर्गनाइजेशन है जो CS कोर्स करवाता है।
कंपनी सेक्रेटरी की औसतन सैलरी लगभग 4 लाख से 10 लाख रुपए सालाना होती है।
इसे भी पढ़ें: Improve Self-Awareness: करना चाहते हैं सेल्फ अवेयरनेस में इंप्रूवमेंट? अपनाएं ये तरीके

फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर (FRM)
फाइनेंशियल इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव के कारण ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए डिमांड बढ़ी है जो रिस्क, मनी और इंवेस्टमेंट एक साथ मैनेज कर सकें। जिसके लिए ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ रिस्क प्रोफेशनल्स (GARP) द्वारा शार्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्स FRM करवाया जाता है। FRM परीक्षा में बैठने के लिए किसी भी प्रकार के कोई विशेष एकेडमिक या प्रोफेशनल एक्सपिरियंस की जरुरत नही होती है। यह एक प्रेक्टिस ऑरियंटेड एग्जाम है जो दो पार्ट्स मे कंपलिट होता है। एक सर्टिफाइड फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर बनने के लिए उम्मीदवार के पास 2 साल का वर्क एक्सपीरियंस होने के साथ मैनेजमेंट, रिस्क कंसल्टिंग या संबंधित क्षेत्र मे पोर्टफोलियो होना जरुरी है।

FRM उम्मीदवार क्रेडिट एण्ड मार्केट रिस्क, फाइनेंशियल सर्विस, ट्रेडिंग, सेल्स एण्ड मार्केटिंग जैसे डोमेन मे अपनी सर्विस देते हैं।
फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर की औसतन सैलरी लगभग 10 लाख से 18 लाख रुपए सालाना होती है।

जरूरी बातें
यहां हमने केवल आपको उन करियर स्कोप के बारे में बताया है जिसे सबसे ज्यादा M.com के बाद छात्रों द्वारा चुना जाता है। इसके अलावा CMA, CFA, CPA license, CFP, DIGITAL MARKETING ,CIB जैसे और भी ऑप्शन्स है जिसे आप अपनी सहुलियत और इंट्रेस्ट के आधार पर चुन सकते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career in Cloud Computing: ऐसे बनाएं क्लाउड कंप्यूटिंग में करियर, जानें बेस्ट जॉब्स ऑप्शन

$
0
0

Career in Cloud Computing: कोरोना महामारी से पहले चीजें बिल्कुल अगल थीं लेकिन अब हर चीज का डिजिटल मेकओवर हुआ है। भविष्य के लिए एक प्रमुख आवश्यकता उन क्षेत्रों में नौकरी होगी जो हमारे व्यवसायों और अर्थव्यवस्था के भविष्य के कामकाज के अभिन्न अंग होने जा रहे हैं। यह न केवल व्यवसायों के निर्वाह के लिए, बल्कि हमारे देश में वर्तमान में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी दर को कम करने के लिए भी आवश्यक है।

क्लाउड कंप्यूटिंग ऐसा ही एक महत्वपूर्ण डोमेन है। ऑनलाइन सीखने की सुविधा से लेकर रिमोट वर्क तक, क्लाउड बिजनेस कंटीन्यूटी के लिए महामारी और महामारी के बाद भी एक सेवियर के रूप में उभरा है। क्लाउड सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए ग्रेजुएट्स और युवा प्रोफेशनल्स को इस क्षेत्र में करियर को समझना कर आगे बढ़ने की जरूरत है।

क्लाउड कंप्यूटिंग में टॉप जॉब (Jobs After Cloud Computing)

क्लाउड डेवलपर (Cloud Developer)
यह डोमेन में एक हाई डिमांड वाली भूमिका है। ये पेशेवर ऑटोमेशन, ऑर्केस्ट्रेशन और इंटीग्रेशन सहित क्लाउड के लिए प्रोग्रामिंग सॉल्यूशंस के लिए जिम्मेदार होते हैं।

क्लाउड आर्किटेक्ट (Cloud Architect)
ये ऐसे प्रोफेशनल्स हैं जो अपनी कंपनी की समग्र क्लाउड रणनीति को लागू करते हैं। वे व्यवसाय की आवश्यकताओं का विश्लेषण करते हैं और उपयुक्त क्लाउड सेवाओं का उपयोग करके प्रासंगिक समाधान निकालते हैं।
इसे भी पढ़ें: Aviation career: क्या होते हैं केबिन क्रू और एयर होस्टेस, इनमें कैसे बनायें अपना करियर

क्लाउड सिक्योरिटी एनालिस्ट (Cloud Security Analyst)
ये अपने संगठनों में क्लाउड सिस्टम की सुरक्षा के प्रभारी हैं, जिसमें संभावित खतरों की पहचान करना और क्लाउड की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सर्वोत्तम-फिट टेक्नोलॉजी की सिफारिश करना शामिल है।

क्लाउड डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (Cloud Database Administrator)
ये पेशेवर हैं जिन्हें क्लाउड-आधारित डेटा सेवाओं के साथ-साथ हाइब्रिड डेटा स्रोतों के प्रबंधन का काम सौंपा जाता है। वे अपने संगठनों के लिए नए डेटा प्रबंधन और सुरक्षा प्रौद्योगिकियों की पहचान करने और उन्हें पेश करने की जिम्मेदारी उठाते हैं।

क्लाउड नेटवर्क इंजीनियर (Cloud Network Engineer)
वे संगठन या उसके ग्राहकों की आवश्यकताओं के लिए विशिष्ट क्लाउड नेटवर्किंग समाधानों को डिजाइन, योजना और कार्यान्वित करते हैं। वे आम तौर पर ऑन-प्रिमाइसेस और क्लाउड-आधारित हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के साथ काम करते हैं ताकि अधिकृत उपयोगकर्ताओं को संसाधनों तक पहुंच की अनुमति मिल सके।
इसे भी पढ़ें: Career After M.Com: एम कॉम के बाद चाहिए अच्छी नौकरी? ये हैं बेस्ट कोर्सेज ऑप्शन

क्लाउड के क्षेत्र में करियर की शुरुआत कैसे करें (How To Start A Career In Cloud Computing)

तकनीक और प्लेटफॉर्म को समझें (Understand Technology And Platforms)
डोमेन में आने के लिए यह पहला कदम है। क्लाउड क्या है और यह किन समस्याओं का समाधान करता है, इसकी गहन समझ प्राप्त करें।

बुनियादी बातों में दक्ष बनें
क्लाउड सर्विस मॉडल, क्लाउड फॉर्मेशन और आर्किटेक्चर, वर्चुअलाइजेशन, और अन्य जैसे डोमेन में प्रमुख विषयों की ठोस समझ से खुद को लैस करें।

सर्टिफाइड हो जाएं
सर्टिफिकेशन आपको अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करने और हमेशा बदलते उद्योग में प्रासंगिक बने रहने में मदद करेंगे। डोमेन में आपकी रुचि के क्षेत्र में इंट्री लेवल सर्टिफिकेशन का पता लगाएं। करियर बेस्ड सर्टिफिकेशन में नामांकन लें और यदि संभव हो तो रोल बेस्ड सर्टिफिकेशन प्राप्त करके विशेषज्ञ बनें - विशेष रूप से लोकप्रिय एडब्ल्यूएस, एजूर, और जीसीपी क्लाउड डेवलपर, आर्किटेक्ट और सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन हैं। यह अन्य क्लाउड उम्मीदवारों से खुद को अलग करने और भर्ती करने वालों और संगठनों द्वारा ध्यान आकर्षित करने का एक अच्छा तरीका है।
इसे भी पढ़ें: Self Awareness: पढ़ाई हो या नौकरी, खुद को जानना है बेहद जरूरी, ये हैं 10 तरीके

संबंधित स्किल हासिल करें
क्लाउड कंप्यूटिंग एक विशाल क्षेत्र है, और सीखने की प्रक्रिया का कोई अंत नहीं है। उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आपको प्रोग्रामिंग भाषाओं, क्लाउड-केंद्रित आर्किटेक्चर, प्लेटफॉर्म और एप्लिकेशन - एपीआई और वेब सेवाओं, कंटेनराइजेशन (डॉकर, कुबेरनेट्स) आदि सहित अन्य संबंधित स्किल सीखने की जरूरत है।

एडवांस्ड कॉन्सेप्ट में कुशल बनें
यदि आप इसे लंबे समय तक बनाए रखना चाहते हैं तो किसी भी डोमेन में गहराई से जाना अच्छा है। क्लाउड क्रिप्टोग्राफी, एज कंप्यूटिंग और अन्य संबंधित विषयों में अपने ज्ञान में सुधार करें। ऑनलाइन जर्नल, शोध पत्र, विश्वसनीय ब्लॉग जैसे कई संसाधन उपलब्ध हैं या आप औपचारिक प्रशिक्षण का विकल्प भी चुन सकते हैं।

थ्योरी को व्यवहार में लाएं
टेक्नोलॉजी में अनुभव प्राप्त करने और क्लाउड से परिचित होने के लिए असाइनमेंट, छोटे प्रोजेक्ट लें। कुछ विषय जिन्हें आप व्यावहारिक विशेषज्ञता के साथ उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं, वे हैं इन्फ्रास्ट्रक्चर और अनुप्रयोगों के लिए क्लाउड माइग्रेशन, सर्वर प्रबंधन और क्लाउड मॉनिटरिंग।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career In Designing: डिजाइनिंग में है ब्राइट फ्यूचर, इन 4 टॉप डिजाइन जॉब्स के लिए हों तैयार

$
0
0

High Salary Jobs: डिजाइन में करियर अब फैशन, इंटीरियर, वेब या यहां तक कि विजुअल डिजाइन तक सीमित नहीं रह गया है। अब डिजाइन हमारे जीवन का एक आंतरिक हिस्सा है, हमारे आस-पास की वास्तुकला से लेकर सबसे छोटे, रोजमर्रा के गैजेट तक इसमें शामिल है। इनमें से प्रत्येक तत्व विकसित हुआ है क्योंकि डिजाइन स्वयं विकसित और रूपांतरित हुआ है। उद्योग 4.0 के युग में, डिजाइन प्रौद्योगिकी और उपयोगकर्ता के बीच महत्वपूर्ण कड़ी बन जाएगा, जो निर्बाध और सुचारू रूप से दोनों को मिला देगा। चूंकि हर उद्योग अपने इंटरफेस और अनुभव को बेहतर बनाना चाहता है, इसलिए डिजाइन में करियर बनाने का यह सही समय है।

इंटरेक्शन डिजाइनर (Interaction Designer)
जैसे-जैसे दुनिया तेजी से डिजिटल होती जा रही है, इंटरेक्शन डिजाइनर की अत्यधिक मांग बढ़ रही है। जैसा कि नाम से पता चलता है, इंटरेक्शन डिजाइनर प्रोडक्ट, सर्विस और सिस्टम के लिए इंटरैक्टिव डिजिटल इंटरफेस डिजाइन करते हैं। ये टेक्नोलॉजी के संयोजन, संचार के सिद्धांतों और व्यवहार विश्लेषण के माध्यम से प्रोडक्ट को आकर्षक बनाते हैं। एक इंटरेक्शन डिजाइनर हमारे अधिकांश डिजिटल इंटरैक्शन के लिए जिम्मेदार होता है, चाहे वह ऐप के साथ हो या उपकरण के साथ।

इंटरेक्शन डिजाइनर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की कार्यक्षमता में सुधार से लेकर गेमिंग, हेल्थकेयर और लर्निंग सिस्टम के लिए यूजर इंटरफेस डिजाइन करने तक, तकनीक के लगभग हर पहलू पर काम करते हैं।
इसे भी पढ़ें: Self Awareness: पढ़ाई हो या नौकरी, खुद को जानना है बेहद जरूरी, ये हैं 10 तरीके

एक्सपीरिएंस डिजाइनर (Experience Designer)
एक्सपीरिएंस डिजाइनर का काम प्रोडक्ट या सर्विस एक्सपीरिएंस का निर्माण करना है। एक्सपीरिएंस डिजाइनर बेहद विस्तार-उन्मुख होते हैं। संवर्धित वास्तविकता और आभासी वास्तविकता जैसी इमर्सिव तकनीकों से जुड़े समाधानों के डिजाइन में एक्सपीरिएंस डिजाइनरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका काम सहयोग और व्यवहार की समझ के साथ-साथ विभिन्न मीडिया के ज्ञान की अपेक्षा करता है।

आज लगभग हर सेवा के डिजिटलीकरण को देखते हुए, भौतिक और डिजिटल की जटिलता को संभालने के लिए, एक्सपीरिएंस डिजाइनरों की विनिर्माण, परामर्श, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर, सार्वजनिक क्षेत्र और शिक्षा क्षेत्र सहित विभिन्न उद्योगों में मांग है।

डिजाइन रिसर्चर (Design Researcher)
अच्छे डिजाइन रिसर्चर में न केवल क्रिएटिविटी और इनोवेशन की चिंगारी होती है, वे मानव व्यवहार और मनोविज्ञान को भी समझते हैं, और रिसर्च टूल्स के उपयोग में कुशल होते हैं। डिजाइन रिसर्चर सॉल्युशन के लिए यूजर, सिनैरियो और यूजर जर्नी के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए भी जिम्मेदार हैं। वे अक्सर अत्याधुनिक उत्पादों पर काम करते हैं जो उन्हें प्रोडक्ट मैनेजरों और मार्केटिंग से लेकर मनोवैज्ञानिक और जीवविज्ञानी तक विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के साथ सहयोग करने का अवसर देते हैं। उन्हें कई परामर्श और तकनीकी कंपनियों के साथ काम करने के अवसर मिलते हैं।
इसे भी पढ़ें: Career After M.Com: एम कॉम के बाद चाहिए अच्छी नौकरी? ये हैं बेस्ट कोर्सेज ऑप्शन

डाटा विजुअलाइजर (Data Visualizer)
आज लगभग हर व्यावसायिक निर्णय बिग डाटा पर निर्भर करता है। हालांकि, यह डाटा अपने रॉ रूप में अर्थहीन है और अर्थ निकालने के लिए एक सक्षम दुभाषिया की आवश्यकता है। एक डाटा विजुअलाइजर का काम डाटा से अंतर्दृष्टि प्राप्त करना है और मानचित्र, चार्ट और ग्राफ जैसी चीजों का उपयोग करके इसे समझना आसान बनाता है। डाटा विजुअलाइजर को डाटा विश्लेषण, डाटा प्रबंधन और डिजाइन क्षमताओं के मिश्रण की आवश्यकता होती है।

हर क्षेत्र में डाटा की भूमिका को देखते हुए, फार्मास्युटिकल से लेकर सॉफ्टवेयर से लेकर बैंकिंग तक, हर उद्योग में रोजगार मिल सकता है। अन्य समान जॉब रोल में बिजनेस इंटेलिजेंस एनालिस्ट, डाटा इंजीनियर और डाटा एनालिस्ट शामिल हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Tips For Graphic Designer: ग्राफिक डिजाइनर बनने से पहले इन 5 चीजों के बारे में जरूर जानें

$
0
0

How To Become A Graphic Designer: क्या ग्राफिक डिजाइन एजेंसी में काम करना आपको आकर्षक लगता है? यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो रचनात्मक कल्पना को आकर्षक डिजाइन में बदलना पसंद करते हैं, तो आपको इस करियर में आगे बढ़ना चाहिए। एक ग्राफिक डिजाइनर के रूप में, खूबसूरती के लिए एक स्वभाव और नजर रखने की जरूरत है जिसे आप ऑफलाइन और ऑनलाइन चैनलों पर डाल सकते हैं। इसमें टेक्स्ट, इमेज और लेआउट के बारे में ज्ञान सहित एक अच्छा सॉफ्टवेयर और कलात्मक कौशल शामिल है। यदि आप इन कौशलों के बारे में आश्वस्त हैं, तो ग्राफिक डिजाइन एजेंसी में शामिल होना आपके लिए बेहतरीन निर्णय हो सकता है।

टीम और ग्राहकों के साथ को-ऑर्डिनेशन
प्रभावशाली आइडिया को तैयार करने के लिए, एक अच्छी ग्राफिक डिजाइन एजेंसी के पास हमेशा आर्ट / क्रिएटिव डायरेक्टर्स, इलुस्ट्रेटर, ग्राफिक डिजाइनरों, कॉपीराइटर या कंटेट राइटर और अन्य सदस्यों की एक पूर्ण टीम होती है। एक ग्राफिक डिजाइनर वह होता है जो टीम के कई सदस्यों से आने वाले आइडिया को ऑब्जर्ब करता है और उन्हें बेस्ट पॉसिबल डिजाइन-सेंट्रिक तरीके से रखना होता है। इस प्रकार, टीम और क्लाइंट के साथ को-ऑर्डिनेशन एक ग्राफिक डिजाइनर की भूमिकाओं में से एक है।
इसे भी पढ़ें: Career After M.Com: एम कॉम के बाद चाहिए अच्छी नौकरी? ये हैं बेस्ट कोर्सेज ऑप्शन

एक रियल शेड्यूल के साथ बने रहना
हर दिन नए अवसरों और जिम्मेदारियों के साथ आता है। ग्राफिक डिजाइनर हमेशा एक समय सीमा में कई कार्यों में व्यस्त रहते हैं। मुख्य रूप से ग्राफिक डिजाइनिंग एजेंसियां सप्ताहांत की छुट्टी के साथ 9 से 5 तक काम करती हैं। यह अवधि ज्यादा भी हो सकती है। इस प्रकार, ग्राफिक डिजाइनरों को अपने काम के जीवन के असंतुलन से बचने के लिए एक रियल शेड्यूल से साथ बने रहने की जरूरत होती है।

आर्टवर्क/डिजाइन प्रोसेसिंग
एक ग्राफिक डिजाइनर की वास्तविक नौकरी कई स्किल की मांग करती है - रचनात्मक, कलात्मक, और विभिन्न सॉफ्टवेयर के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ होना। रफ ड्राफ्ट बनाने से लेकर अंतिम लेआउट में मिनट डिटेल जोड़ने तक, सब कुछ उनके सॉफ्टवेयर ज्ञान पर निर्भर करता है। ग्राफिक डिजाइन एजेंसी में काम करते समय, लोकप्रिय सॉफ्टवेयर जैसे Adobe Photoshop, Illustrator, InDesign, CorelDraw, आदि पर अच्छा प्रैक्टिकल एक्सपीरिएंस होना जरूरी है।
इसे भी पढ़ें: Career in Cloud Computing: ऐसे बनाएं क्लाउड कंप्यूटिंग में करियर, जानें बेस्ट जॉब्स ऑप्शन

मल्टीपल रिवीजन्स और फाइनल ड्राफ्ट
यह एक डिजाइनर के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। टीम के साथ अनगिनत घंटों के विचार-मंथन के बाद और कई रिवीजनों के बाद डिजाइन को बदलने के बाद, वह डिजाइन की फाइनल कॉपी तक पहुंचता है। जब तक क्लाइंट द्वारा फाइनल वर्जन को मंजूरी नहीं दी जाती, तब तक डिजाइनर का दिमाग डिजाइन का एक और बेहतर वर्जन बनाने के लिए टिक-टिक करता रहता है।

काम के हर घंटे का आनंद लेना
एक अच्छी ग्राफिक डिजाइन एजेंसी चाय, कॉफी या संगीत के बिना नहीं चल सकती। ये सबसे बड़ी अनिवार्यताएं हैं जो रचनात्मक पेशेवरों को चलाते रहते हैं। चूंकि ग्राफिक डिजाइनरों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है, इसलिए यह कॉफी ही है जो उन्हें रचनात्मक रहने के लिए अच्छे संगीत के साथ-साथ एनर्जेटिक भी रखती है। ये आदतें उनके जीवन का हिस्सा बन जाती हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career Tips: Sports Management में चाहते हैं करियर तो जानें काम की बातें, मिलेगी अच्छी नौकरी

$
0
0

Career In Sports Management: स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में डिग्री किसी व्यक्ति में ऐसे ढेरों स्किल्स डेवलप करती है जो स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को बहुत गहरे स्तर पर समझने में सक्षम बनाती है। स्पोर्ट्स मैनेजर के रूप में रणनीतिक योजना, ग्राहकों का प्रतिनिधित्व, बड़ी संख्या में मानव संसाधन गतिविधियों का प्रबंधन, प्रसारण अनुबंधों से निपटना, वित्तीय निर्णयों और बजट की निगरानी करना, अंतरराष्ट्रीय खेल संघों, राष्ट्रीय खेल संगठनों, सरकारी एजेंसियों, मीडिया निगमों, प्रायोजकों और सामुदायिक संगठनों के साथ संपर्क करना ऐसे कार्य करने होते हैं। स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में करियर बना रहे स्टूडेंट्स को इन पांच बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

इफेक्टिव कम्यूनिकेशन (Effective Communication)
एक स्पोर्ट्स मैनेजर दुनिया के सामने एक संगठन या एक एथलीट का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए उसमें प्रभावी कम्यूनिकेशन स्किल होना जरूरी है। मौखिक और लिखित दोनों संचार कौशल समान होने चाहिए क्योंकि एक स्पोर्ट्स मैनेजर विभिन्न उद्योगों के लोगों के साथ डील करेगा और ब्रांड और एथलीट से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों का मैनेजमेंट भी करेगा। इनफॉर्मेश्न को सही रूप से कन्वे करने, आवश्यक होने पर दूसरों को मनाने, अनुबंधों और समर्थन के अवसरों पर बातचीत करने, हितधारकों के बीच तनाव को कम करने और दबाव की स्थितियों को कुशलतापूर्वक संभालने की क्षमता नौकरी में दी जाती है और इसलिए बेहतर कम्यूनिकेशन स्किल की आवश्यकता होती है।
इसे भी पढ़ें: Career In Designing: डिजाइनिंग में है ब्राइट फ्यूचर, इन 4 टॉप डिजाइन जॉब्स के लिए हों तैयार

ईमानदारी आपको बहुत आगे ले जाती है
स्पोर्ट्स इंडस्ट्री अनैतिक प्रथाओं और घोटालों से ग्रस्त है, इसलिए ईमानदारी की भावना स्पोर्ट्स मैनेजर, उनकी टीम और कस्टमर को परेशानी वाली स्थितियों से दूर रखेगी। निर्णय लेने और स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में अपनी टीम और ऑर्गनाइजेशन का मार्गदर्शन करने के लिए एक मजबूत नैतिक आधार अत्यंत आवश्यक है ताकि आप अपना नाम कमा सकें और अंकित मूल्य न खोएं।

सक्षम निर्णय लेना (Efficient Decision-Making)
स्पोर्ट्स इंडस्ट्री एक अरब डॉलर का उद्योग है जहां एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स को हमेशा अपने दम पर सोचने और ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। स्थिति को सटीक रूप से पढ़ना, अवसरों की बात आने पर स्मार्ट विकल्प बनाना, सबसे अच्छी रणनीति बनाना, करंट अफेयर्स के टॉप पर बने रहना और क्लाइंट या खिलाड़ी के लाभ के लिए उनका उपयोग करना नौकरी का एक अनिवार्य हिस्सा है।
इसे भी पढ़ें: Tips For Graphic Designer: ग्राफिक डिजाइनर बनने से पहले इन 5 चीजों के बारे में जरूर जानें

टीम निर्माण (Team Building)
स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का हिस्सा बनने के लिए आपको एक व्यक्ति होना चाहिए। स्पोर्ट्स मैनेजर स्पोर्ट्स मैनेजमेंट टीम का एक हिस्सा होता है और उसे खेल को समझने के लिए एक टीम खिलाड़ी होना जरूरी है। अपने क्लाइंट के लिए सबसे अच्छा काम करने के लिए, स्पोर्ट्स मैनेजर को कोच, प्रायोजकों, प्रशिक्षकों, कानूनी टीमों, मीडिया कर्मियों और संबंधित मार्केटिंग टीमों के साथ काम करना पड़ता है। एक अच्छी टीम कुछ भी संभव कर सकती है, और इसलिए टीम निर्माण के गुण मायने रखते हैं।

भरोसा करें और साथ-साथ चलें
स्पोर्ट्स मैन या कस्टमर को अपने प्रबंधकों पर भरोसा करने की जरूरत है। एक स्पोर्ट्स मैनेजर का काम उन्हें उन गोपनीय जानकारी से रूबरू कराता है जिसे वे सुरक्षित रह सकते हैं। एक स्पोर्टस मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की कार्रवाई हमेशा उस कस्टमर के सर्वोत्तम हित में होनी चाहिए जिसका वे प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक स्पोर्ट्स मैनेजर प्रोफेशनल को क्लाइंट्स, टीममेट्स और बिजनेस पीयर्स के साथ व्यवहार करते समय एक न्यायपूर्ण व्यक्ति भी होना चाहिए। न्याय की भावना, निष्पक्ष राय और निष्पक्ष व्यवहार एक स्पोर्टस मैनेजर के गुण होने चाहिए।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career In Fitness Industry: कैसे बनाएं फिटनेस इंडस्ट्री में करियर, कितनी होगी सैलरी

$
0
0

How To Become A Fitness Trainer: हम सभी जानते हैं कि फिटनेस इंडस्ट्री लगातार विकसित हो रहा है। कोरोना महामारी के कारण एक ओर जहां लोगों में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता बढ़ी, वे योग एक्सरसाइज पर फोकस करने लगे वहीं लॉकडाउन के कारण ट्रैफिक कम होने से जिम का कारोबार प्रभावित भी हुआ। अब लोगों में होम जिम, ऑनलाइन सेशन और गाइडेंस की मांग बढ़ गई है। लोगों में स्वस्थ रहने की एक नई आकांक्षा के साथ स्वास्थ्य और फिटनेस पर खर्च करने की इच्छा भी बढ़ी है।

साइकिल की बिक्री में दिखी तेजी
महामारी के बीच साइकिल की बिक्री में तेजी आई और 2020 के अंत तक भारत भर में अधिकांश खुदरा स्टोरों में मांग बहुत अधिक हो जाने के कारण यह स्टॉकआउट तक की नौबत आ गई थी। साथ ही, फिटनेस के नए रूप जिसमें योग स्टूडियो और ओपन-एयर क्लास की ओर लोग अपना ध्यान केंद्रित करने लगे, जिससे इनकी लोकप्रियता बढ़ी।
इसे भी पढ़ें: Tips For Graphic Designer: ग्राफिक डिजाइनर बनने से पहले इन 5 चीजों के बारे में जरूर जानें

फिटनेस केवल जिम या कसरत में घंटों बिताना नहीं
अब लोगों के लिए फिटनेस केवल जिम या कसरत में घंटों बिताना नहीं है बल्कि यह एक फिट शरीर, मन और आत्मा के संयोजन को प्राप्त करने के बारे में है। महामारी के कारण, भारत ने फिटनेस सेगमेंट में अनुमानित राजस्व 2021 के अंत तक 2,152 मिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया। जिसके बाद इस ओर और ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया है (स्टेटिस्टा ईसर्विसेज रिपोर्ट 2020 - फिटनेस)। अब भारत सरकार का प्रयास अपने 'मेक इन इंडिया' अभियान के माध्यम से कल्याण और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए इस क्षेत्र को आगे बढ़ाना है।

फिटनेस और वेलनेस इंडस्ट्री में बदलती मांग के अनुसार कोर्स
अब फिटनेस और वेलनेस इंडस्ट्री में बदलती उपभोक्ता मांग को पूरा करने के लिए प्रशिक्षकों / कोचों के लिए पेशेवर बहु-कार्यात्मक पाठ्यक्रम बनाए गए हैं। आज, जैसे-जैसे स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे वन-स्टॉप-शॉप समाधानों की आवश्यकता है जो व्यक्तिगत, केंद्रित और सुलभ हों। एक कोच में, एक व्यक्ति एक ऐसे व्यक्ति की तलाश करता है जो उन्हें शारीरिक कसरत कराने, पोषण मार्गदर्शन प्रदान करके और लंबी अवधि के लाभों के लिए उनकी पूरी जीवन शैली में बेहतरीन परिवर्तन करने की सलाह देकर उनकी फिटनेस के लिए एक मार्गदर्शक बन सके। भारत में कुछ चुनिंदा संस्थान हैं जो ऐसे प्रोफेशनल्स तैयार कर रहे हैं जो बदलती मांग के अनुरूप हो।
इसे भी पढ़ें: Career Tips: Sports Management में चाहते हैं करियर तो जानें काम की बातें, मिलेगी अच्छी नौकरी

फिटनेस उद्योग में सर्टिफिकेट कोर्स
इस क्षेत्र में शैक्षिक प्रशिक्षण भी कोविड -19 रुझानों के पीछे बढ़ा है जैसे कि उनके प्रमाणपत्र ऑनलाइन प्राप्त करना, रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों के बजाय संतुलित पोषण पर ध्यान केंद्रित करना, घर या जिम के लिए व्यक्ति के लिए अनुकूलित फ्लैक्सिबल एक्सरसाइज प्लान या उनकी पसंद की कोई भी गतिविधि। फिटनेस और वेलनेस उद्योग में अवसरों की प्रचुरता को महसूस करते हुए, संस्थान ऐसे विभिन्न कोर्सों में एडमिशन ले रही हैं। ये कोर्स ट्रेंड प्रोफेशनल्स कोच तैयार करने के लिए एक सर्वव्यापी पाठ्यक्रम चला रहे हैं जो नए साइंटिफिक नॉलेज और अप्रोच के साथ अपने कस्टमर के लिए अभूतपूर्व परिवर्तन ला सकते हैं।

इन कोर्स में छात्रों को पोषण, व्यायाम विज्ञान और स्वास्थ्य की नए रिसर्च आधारित साइंटिफिक अंडरस्टैंडिंग के साथ डिटेल कॉन्सेप्ट के बारे में गहराई से पढ़ाया जाता है। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से ट्रेनरों को क्लाइंट बिहेवियर और मोटिवेशन स्ट्रैटजी के साथ ही प्रभावी कम्यूनिकेशन स्किल और विश्व स्तरीय फिटनेस प्रोफेशनल्स बनने के लिए नैतिकता की भी सीख दी जाती है।

  • ऐसा ही एक कोर्स इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन एंड फिटनेस साइंसेज (INFS) द्वारा हाल ही में शुरू किया गया डिप्लोमा इन न्यूट्रिशन एंड फिटनेस (DNF) है। यह डिप्लोमा ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जा सकता है और आहार मनोविज्ञान पर मॉड्यूल के साथ पोषण और स्वास्थ्य के दोहरे अनुशासन को शामिल करता है।
  • फिटनेस उद्योग विकसित हो रहा है और आईएनएफएस जैसे शैक्षणिक संस्थान यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी स्पीड बनाए हुए हैं कि इस क्षेत्र के पेशेवर चुनौतियों और उपभोक्ता की अपेक्षाओं को पूरा करने में वे सक्षम हैं।
  • पर्याप्त शिक्षा और तकनीकी प्रगति के साथ, फिटनेस और वेलनेस के क्षेत्र में उद्यम करने के इच्छुक लोगों के लिए अवसर ही अवसर है। इस क्षेत्र में एक उचित शिक्षा इस क्षेत्र में एक पेशेवर के रूप में अभूतपूर्व सफलता के लिए आधार तैयार कर सकती है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Career After Philosophy Degree: फिलॉसफी डिग्री के बाद मिलते हैं ये करियर ऑप्शन, जानें पूरी डीटेल

$
0
0

Philosophy Degree Courses: फिलॉसफी में डिग्री लेने से आप तथ्यों को याद रख पाते हैं और सोचने की क्षमता बढ़ जाती है। यह स्किल्स बढाने और अलग-अलग फील्ड्स में काम करने के लिए काफी मददगार साबित होती है। अगर आप फिलॉसफी में डिग्री प्राप्त करते हैं, तो मुश्किल सवालों को भी सही तरीके से पूछने और उनके लॉजिकल जवाब देने में सक्षम हो जाते हैं। अगर आप फिलॉसफी की डिग्री हासिल करते हैं, तो आपके लिए कई करियर ऑप्शन उपलब्ध हो जाते हैं, फिर चाहे वह लॉ में हो या टीचिंग में। तो चलिए बताते हैं आपको फिलॉसफी की डिग्री के बाद कौन-से करियर ऑप्शन होंगे बेस्ट।

शिक्षण में करियर (Career In Teaching)
फिलॉसफी की डिग्री सभी स्तरों पर शिक्षण में करियर के लिए एक अच्छी नींव प्रदान करती है। यह इसलिए क्योंकि फिलॉसफी की अपनी पूरी डिग्री के दौरान एक व्यक्ति में उत्कृष्ट संचार और महत्वपूर्ण थिंकिंग स्किल डेवलप होती है, जो एक शिक्षण कैरियर में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। हालांकि आपको शिक्षण में करियर बनाने के लिए एक पेशेवर शिक्षण योग्यता की भी आवश्यकता होगी।
इसे भी पढ़ें: Career In Designing: डिजाइनिंग में है ब्राइट फ्यूचर, इन 4 टॉप डिजाइन जॉब्स के लिए हों तैयार

पब्लिक सेक्टर में करियर (Career In Public Sector)
पब्लिक सेक्टर में करियर अत्यंत विविध हैं। इसमें एक देश के भीतर सभी राज्य-वित्त पोषित भूमिकाएं शामिल हैं। जो लोग फिलॉसफी का अध्ययन करते हैं उन्हें पब्लिक सेक्टर में करियर के लिए अच्छी तरह से रखा जा सकता है यदि उनकी डिग्री ने उन्हें जटिल सामाजिक मुद्दों और विश्व मामलों की समझ विकसित करने में मदद की है, साथ ही साथ सामान्य विश्लेषणात्मक क्षमताएं भी हैं। पब्लिक सेक्टर में संभावित करियर में सिविल सेवाएं, सरकार, स्वास्थ्य सेवाएं, पुलिस बल और सशस्त्र बल में भूमिकाएं शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में कई प्रशासनिक और अन्य कार्यालय-आधारित भूमिकाएं हैं।

पब्लिशिंग व जर्नलिज्म में करियर (Career In Publishing And Journalism)
पब्लिशिंग में करियर पत्रिकाओं, पुस्तकों, समाचार पत्रों और अकादमिक पत्रिकाओं और प्रकाशन योग्य मीडिया के अन्य रूपों के उत्पादन के इर्द-गिर्द घूमता है। ऑनलाइन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (ई-बुक्स) दोनों के लिए डिजिटल प्रकाशन की भारी वृद्धि का मतलब है कि प्रकाशन में करियर भरपूर है। प्रकाशन में आम करियर में एडिटोरियल, प्रोडक्शन, मार्केटिंग और सेल्स में भूमिकाएं शामिल हैं। जर्नलिज्म करियर में अनुसंधान, लेखन, संपादन, प्रस्तुतीकरण व प्रसारण और मल्टीमीडिया के विभिन्न रूपों पर ध्यान देने वाली भूमिकाएं शामिल हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेषज्ञता वाली स्नातकोत्तर डिग्री अक्सर आवश्यक नहीं होती है लेकिन सहायक हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: Tips For Graphic Designer: ग्राफिक डिजाइनर बनने से पहले इन 5 चीजों के बारे में जरूर जानें

मनोचिकित्सा और परामर्श में करियर (Career In Psychotherapy and Counseling)
फिलॉसफी की डिग्री से मिली विश्लेषणात्मक कौशल को देखते हुए, दर्शनशास्त्र स्नातक भी मनोचिकित्सा और परामर्श में करियर के लिए अच्छी तरह से मेल खाने वाले उम्मीदवार हो सकते हैं। इन भूमिकाओं में हालांकि अक्सर एक विशिष्ट व्यावसायिक योग्यता की आवश्यकता होती है, आमतौर पर स्नातकोत्तर डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है। इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण गुण उत्कृष्ट संचार कौशल, मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाओं का ज्ञान और सहानुभूति रखने की क्षमता है। अधिकांश काम क्लाइंट-फेसिंग होता है जिससे आप व्यक्तियों, जोड़ों, परिवारों या समूहों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

लॉ में करियर (Career In Law)
आप सोच सकते हैं कि लॉ में करियर मुख्य रूप से कानून की डिग्री वाले स्नातकों का क्षेत्र है, लेकिन वास्तव में फिलॉसफी डिग्री इस करियर के लिए एक अच्छी नींव प्रदान कर सकती है। अनुसंधान और विश्लेषण में आपके कौशल इस उद्योग के भीतर अमूल्य होंगे। हालांकि विशेष भूमिकाएं, जैसे कि एक वकील या बैरिस्टर, कानूनी प्रशिक्षण और योग्यता वाले लोगों के लिए आरक्षित हैं (जैसे एलएलबी, जेडी, एलएलएम)।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career After Physics Degree: फिजिक्स डिग्री के बाद कौन-सा करियर है बेस्ट? यहां जानें

$
0
0

After Graduation In Physics: फिजिक्स की पढ़ाई 20वीं शताब्दी की कई महत्वपूर्ण खोजों के बारे में बताता है - जिसमें लेजर, टेलीविजन, रेडियो, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर हथियार शामिल हैं। साथ ही इसने क्वांटम थ्योरी, रिलेटिविटी थ्योरी, बिग बैंग के डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिजिक्स के स्टूडेंट्स को न्यूमेरिक के लिए बहुत तेज दिमाग, साइंटिफिक थ्योरी की अच्छी समझ और फिजिकल वर्ल्ड से संबंधित खोजों में गहरी रुचि की जरूर होती है। फिजिक्स की डिग्री के साथ किस तरह के करियर ऑप्शन हैं यहां पढ़ें।

रिसर्च साइंटिस्ट
फिजिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री के बाद एक इंटर्न या टेक्नीशियन के रूप में साइंटिफिक रिसर्च के फील्ड में इंट्री संभव है। लेकिन यदि आप रिसर्च में लॉन्ग ड्यूरेशन वाला करियर बनाना चाहते हैं तो आपको आगे की पढ़ाई के बारे में सोचना चाहिए। इसमें सीनियर रोल के लिए कम से कम मास्टर डिग्री की जरूरत होती है। प्रमुख फिजिक्स इंस्टीट्यूट के माध्यम से एमएससी, एमफिस और पीएचडी की डिग्री हासिल कर सकते हैं। इस विषय के साथ स्पेस के संभावित क्षेत्रों में एस्ट्रो फिजिक्स, पार्टिकल फिजिक्स, बायोटेक्नोलॉली, नैनो टेक्नोलॉजी, एटमोस्फेयरिक, एयरोस्पेस डायनेमिक, एटोमिक एंड लेजर फिजिक्स, ओसियन और प्लानेटरी फिजिक्स और क्लाइमेंट सांइस शामिल हैं।

स्पेस और स्ट्रोनोमी साइंस में करियर
हर कोई एस्ट्रोनोट बनना चाहता है। लेकिन यदि आप फिजिक्स का अध्ययन करते हैं तो आपके पास सच में एस्ट्रोनोट बनने का मौका है। स्पेस सेक्टर में अत्यधिक कंपीटिशन है। इस सेक्टर में एडमिनिस्ट्रेटिव और ट्रेनी रोल के लिए एक ग्रेजुएशन की डिग्री काफी है। लेकिन हाई लेवल पोस्ट के लिए आपको कम से कम मास्टर डिग्री पूरी करनी होगी। कई प्रोफेशनल एस्ट्रोनोमर्स को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों या अन्य एकेडमिक संस्थानों के रिसर्च लैब में रिसर्च करने आैर पढ़ाने का मौका भी मिलता है।
इसे भी पढ़ें: Career In Fitness Industry: कैसे बनाएं फिटनेस इंडस्ट्री में करियर, कितनी होगी सैलरी

हेल्थकेयर में करियर
हेल्थ केयर सेक्टर में फिजिक्स के साथ कई करियर ऑप्शन हैं। फिजिक्स साइंटिस्ट मेडिकल टेक्नोलॉजी और डिवाइस को बनाने, रिव्यू करने और बेहतर बनाए रखने के लिए बायोमेडिकल इंजीनियरों के साथ काम करते हैं। नई टेक्नोलॉजी और डिवाइस का टेस्ट करने, उन्हें अप्रूव के लिए फिजिकिट्स की रेडियोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और न्यूक्लियर मेडिसिन जैसे सेक्टर में पोस्टिंग की जाती है।

इंजीनियरिंग
फिजिक्स में डिग्री से इंजीनियरिंग फील्ड में भी कई करियर ऑप्शन मिलते हैं। खास तौर पर मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी-बेस्ड रोल में। फिजिक्स ग्रेजुएट्स को अक्सर प्रोडक्ट और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस को सुधारने और डेवलप करने का काम दिया जाता है। साथ ही मेडिसीन, एनर्जी, ट्रांसपोर्ट, डिफेंस, स्पेस एक्सप्लोरेसन और टेलीकम्यूनिकेशन जैसे कई इंडस्ट्री में इन्हें हायर किया जाता है

एनर्जी में करियर
फॉसिल फ्यूल के खत्म होने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में एनर्जी कंपनियां विंड और सोलर एनर्जी जैसे नए ऑप्शन के साथ नए ब्रांच शुरू कर रही हैं। इस सेक्टर में रिसर्च और डेवलपमेंट में भारी निवेश भी कर रही हैं। इसी वजह से इसमें फिजिक्स कैंडिडेट्स के लिए करियर की बहुत संभावनाएं हैं। यहां प्रोफेशनल्स का मेन रोल एफिशिएंट और फंक्शनल एनर्जी सिस्टम को डेवलप करने के लिए काम करना है।
इसे भी पढ़ें: Career After Philosophy Degree: फिलॉसफी डिग्री के बाद मिलते हैं ये करियर ऑप्शन, जानें पूरी डीटेल

टेक्नोलॉजी में करियर
टेक्नोलॉजी सेक्टर निरंतर ग्रोथ और इनोवेशन का सेक्टर है। इसमें नए अवसर, चुनौतियों के साथ करियर के बेहतरीन ऑप्शन मौजूद हैं। यहां फिजिक्स ग्रेजुएट्स के पास नए थॉट्स और प्रोडक्ट को डेवलप करने के लिए अन्य विशेषज्ञों के साथ काम करने की गुंजाइश होती है। रिसर्च और डेवलपेंट के लिए काम करने वाले लोगों के लिए रोबोटिक्स, नैनोसाइंस और नैनो टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर में ख्ूब डिमांड है।

जियोफिजिक्स और मेटिओरोलॉजी में करियर
फिजिक्स डिग्री लेने वाले कैंडिडेट के पास एंवायरमेंट में करियर बनाने के भी विकल्प होते हैं। जियोफिजिसिस्ट नेचुरल डिजास्टर्स की भविष्यवाणी करते हैं। मेटिओरोलॉजिस्ट डेली वेदर फोरकास्टिंग पर फोकस करते हैं साथ ही क्लाइमेंट चेंज पर रिसर्च करते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career Tips: पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब क्यों है जरूरी? जानें कैसे मिलेंगे फायदे

$
0
0

Career Tips: कॉलेज, यूनिवर्सिटी में पढ़ना सस्ता नहीं है। खासकर तब जब आप अपने शहर या घर पर नहीं रह रहे हैं। कई बार स्टूडेंट्स उन सभी लागतों-खर्चों के बारे में सोचे बिना अपने शहर-घर से निकल जाते हैं और बड़े शहरों के कॉलेजों, यूनिवर्सिटी में एडमिश्न ले लेते हैं। एडमिशन के समय उन्हें खर्च का अंदाजा नहीं होता लेकिन बाद में उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि अपने देश सहित दुनिया भर में स्टूडेंट्स के लिए कई अलग-अलग स्कॉलरशिप हैं। लेकिन अगर तब भी पैसा पर्याप्त नहीं है या आपको किसी भी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय सहायता कि जरूरत है तो हम आपको बता रहे हैं क्या करें।

पार्ट टाइम जॉब फाइनांशयिल प्रोटेक्सन दे सकती है
नौकरी की तलाश कर रहे छात्रों के लिए अनगिनत ऑप्शन हैं। साइड-जॉब, पार्ट-टाइम जॉब, वेकेशन जॉब, वर्किंग स्टूडेंट्स के रूप में जॉब, वीकेंड जॉब, इवनिंग जॉब - इस तरह के विकल्पों की कोई लिमिटेशन नहीं है और ऐसी वैकेसीं भारी संख्या में उपलब्ध होती हैं। यही नहीं इंटरनेट पर बहुत सारे जॉब बोर्ड हैं जो आपको सही नौकरी खोजने में मदद करते हैं।

साइड जॉब
साइड जॉब छात्रों को बहुत पसंद आते हैं, क्योंकि कई कंपनियां उनके लिए फ्लैक्सिबल काम के घंटे ऑफर करती हैं। इस तरह के जॉब आप अपनी क्लासेज के बीच के खाली घंटों या लीजर पीरियड काे यूटिलाइज कर कर सकते हैं या फिर शाम या वीकेंड में भी कर सकते हैं। ज्यादातर साइड जॉब वैकेंसी कैटरिंग या लॉजिस्टिक्स सेक्टर में हैं। इसके अलावा ऐसे अन्य कई सेक्टर हैं जिसमें आप साइड जॉब पा सकते हैं। एकेडमिक फील्ड में भी ऐसे अनेक ऑप्शन अवेलेबल हैं।
इसे भी पढ़ें: Career in Cloud Computing: ऐसे बनाएं क्लाउड कंप्यूटिंग में करियर, जानें बेस्ट जॉब्स ऑप्शन

वीकेंड जॉब
वीकेंड या इवनिंग में सीमित घंटों वाली नौकरियां भी बहुत लोकप्रिय हैं। आमतौर पर इसमें ऐसा होता है कि छात्र दिन के समय अपनी पढ़ाई करते हैं और शाम या वीकेंड के फ्री टाइम में ऐसे जॉब करते हैं। हालांकि इसमें एक परेशानी यह भी है कि आपका पूरा समय पढ़ाई और काम को मैनेज करने में निकल जाएगा और आप अपने दोस्तों या परिवार के लिए और अपनी हॉबीज के लिए समय न के बराबर निकाल पाएंगे। ऐसे में नौकरी ऐसी तलाश करें जो फाइनांशियल सपोर्ट देने के साथ ही आपको सूट भी करे ताकि आप खुश रह सकें।

हॉलीडे जॉब
अपनी कॉलेज की छुट्टियों के दौरान काम करना एक बेहतरीन ऑप्शन है। इससे आपको शाम या वीकेंड में कुछ खाली समय मिलेगा साथ ही सेमेस्टर या परीक्षा के समय काम करने के दौरान आपको होने वाला तनाव भी कम होगा। आप अपनी छुट्टियों में कितने दिन या सप्ताह या फिर महीने काम करना चाहते हैं यह निर्णय भी आपका अपना होगा।
इसे भी पढ़ें: Aviation career: क्या होते हैं केबिन क्रू और एयर होस्टेस, इनमें कैसे बनायें अपना करियर

अपनी आय और खर्च पर नजर रखें
अपने खर्च को ट्रैक करना आसान नहीं है तो असंभव भी नहीं है। हर किसी के साथ ऐसा होता कि कुछ विशेष महीने में ज्यादा खर्च हो जाता है लेकिन इसके बारे में सोच कर घबराने की जरूरत नहीं है। इन अधिक खर्च वाले महीनों के लिए पहले से तैयार रहने के लिए, कुछ पैसे अलग रखना बेहतर होता है। यहां तक कि अगर आप हर महीने सिर्फ 2-3 हजार भी बचाएं तो ये पैसे बढ़े खर्च वाले महीने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।

पार्ट टाइम जॉब के दौरान नेटवर्क और कॉन्टैक्ट बनाएं
किसी बड़ी कंपनी में पार्ट-टाइम जॉब करने के मौके का उपयोग कुछ नए कॉन्टैक्ट बनाने के लिए करें जो आपके भविष्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं। क्योंकि ज्यादातर छात्रों का पढ़ाई के दौरान यह तय नहीं होता है कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद क्या करना चाहते हैं ऐसे में बनाए गए कुछ कनेक्शन बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career in Gaming: एनिमेशन और VFX एक्सपर्ट की काफी डिमांड, ऐसे बनाएं करियर

$
0
0

Job Opportunities In Gaming Industry: गेमिंग इंडस्ट्री टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी दोनों का कॉम्बिनेशन है। गेमिंग इंडस्ट्री में तेजी गेम डिजाइनरों, वीएफएक्स और एनीमेशन स्टूडेंट्स के लिए नए अवसर और करियर के रास्ते खोल रहा है। यह इंडस्ट्री गेम डिजाइनर, एनिमेटर, विजुअल आर्टिस्ट, विजुअल इफेक्ट्स एडिटर, आर्टिस्ट, साउंड डिजाइनर, ऑडियो इंजीनियर, गेम डेवलपर, प्रोग्रामर, गेम टेस्टर समेत अन्य कई रोल ऑफर करता है। IMARC ग्रुप की हालिया रिपोर्ट में गेमिंग मार्केट का ग्लोबल इंडस्ट्री ट्रेंड्स, शेयर, साइज, ग्रोथ, अपॉर्चुनिटी और फोरकास्ट 2020-2025 दिया गया है। इसके अनुसार अनुमान लगाया गया है कि ग्लोबल गेमिंग मार्केट ग्रोथ 2020-2025 तक 204.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास पहुंच जाएगी।

गेमिंग उद्योग क्यों बढ़ रहा है?
इंटरनेट और मोबाइल फोन की बढ़ती पहुंच, ग्लोबल गेमिंग मार्केट के विकास को प्रमुख रूप से प्रोत्साहित कर रही है। इसके अलावा, गेम मैन्युफैक्चरर डाउनलोड करने योग्य कंटेट (डीएलसी) भी पेश कर रहे हैं जिससे गेम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। कस्टमर्स की बढ़ती आय के कारण गेमिंग डिवाइस की बढ़ती बिक्री भी मार्केट के ग्रोथ को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा फ्री-टू-प्ले बिजनेस मॉडल देने वाले ब्राउजर और मोबाइल गेम्स को अपनाने के साथ-साथ ऑनलाइन गेम्स में पॉजिटिव बदलाव आया है।
इसे भी पढ़ें: Career Tips: पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब क्यों है जरूरी? जानें कैसे मिलेंगे फायदे

वीएफएक्स और एनिमेशन विशेषज्ञों की बढ़ती मांग
गेमर्स अट्रैक्टिव विजुअल इफेक्ट्स और रियलिटी बेस्ड एनीमेशन के साथ हाई क्वालिटी प्रोडक्शन की डिमांड कर रहे हैं और स्टूडियो में अब अधिक एनीमेशन और वीएफएक्स शॉट्स शामिल किए जा रहे हैं। एनीमेशन, वीएफएक्स और वीडियो गेमिंग की मांग केबल और सैटेलाइट टीवी द्वारा टारगेट ब्रॉडकास्टिंग के घंटों में वृद्धि, कम लागत वाली इंटरनेट एक्सेस की उपलब्धता, मोबाइल उपकरणों के साथ-साथ स्ट्रीमिंग वीडियो की बढ़ती लोकप्रियता के साथ बढ़ी है।

इसके अलावा ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी जैसे इमर्सिव एक्सपीरियंस को पावर देने के लिए एनिमेशन और वीएफएक्स कंटेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है। टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास ने एनीमेशन, वीएफएक्स और गेम को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया है और यह इंडस्ट्री ग्लोबल मीडिया और इंटरटेनमेंट मार्केट में सबसे तेजी से बढ़ते फील्ड में से एक बन गया है। इस हाई डिमांड के लिए गेम, मूवी और एआर-वीआर जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों के लिए कंटेंट बनाने के लिए वीएफएक्स और एनीमेशन के क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रोफेशनल्स की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें: Career After Physics Degree: फिजिक्स डिग्री के बाद कौन-सा करियर है बेस्ट? यहां जानें

भारत गेमिंग इंडस्ट्री के लिए सोने की खान जैसा है
1.3 बिलियन आबादी और उनमें से दो-तिहाई 35 वर्ष से कम आयु के लोग यानी दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी, भारत में है। जो गेमिंग में भारत को दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनाने के लिए काफी है। भारत तेजी से गेमिंग इंडस्ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है क्योंकि यहां कंपीटिटिव कॉस्ट पर टेक्नीकल और क्रिएटिव स्किल सेट और इंटरनेशनल गेमिंग ग्रोथ की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोफेशनल एबिलिटी अवलेबल है। अंग्रेजी भाषा की सुविधा के कारण कम्यूनिकेशन में आसानी भी हमें ग्लोबल कंपीटिशन में मेन पाेल पर रखती है। इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत में युवा अब गेम डेवलपमेंट को एक सीरियस कैरियर के रूप में देख रहे हैं जिसमें ग्रोथ की पूरी संभावना है।

VFX इंडस्ट्री केसे जॉब की संभावना
वीएफएक्स एनिमेटर का काम आमतौर पर फिल्मों, टीवी शो और वीडियो गेम में होता है। वे रियल ईस्टेट, विज्ञापन और विजुअल रिप्रेजेंटेशन वाले किसी भी फील्ड में काम कर सकते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Career in Digital Banking: क्या है डिजिटल बैंकिंग? इसमें कैसे बनायें करियर, कहां मिलेगी जॉब

$
0
0

Career In Banking: ग्लोबल बैंकिंग और फाइनांस इंडस्ट्री के हर काम में नए जमाने की टेक्नोलॉजी को अपनाया जा रहा है। जिसने बीएफएसआई संस्थाओं को उनके द्वारा हायर किए जाने वाले टैलेंट के संबंध में प्रायरिटी में बदलाव करने के लिए प्रेरित किया है। डिजिटलीकरण ने दुनिया भर में कब्जा कर लिया है और टेक्नोलॉजी लगातार विकसित हो रही है, जिससे कई नए युग के करियर ऑप्शन के रास्ते भी खुल रहे हैं। डिजिटल बैंकिंग में करियर पर विचार करते समय ध्यान इन बातों का ध्यान जरूर रखें।

टेक्नोलॉजी: री-डिफाइन जॉब रोल्स
हाल के वर्षों में उभरे प्रमुख इंडस्ट्री ट्रेंड को जारी रखते हुए, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अब जॉब रोल को री-डिफाइन कर रहे हैं साथ ही बिजनेस मॉडल को भी फिर से परिभाषित कर रहे हैं ताकि मुख्य रूप से लेटेस्ट टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित नए जमाने के डिजिटल बैंकिंग सॉल्यूशन पर फोकस किया जा सके। कॉग्निजेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल बैंकिंग सॉल्युशंस इस हद तक अभिन्न हो गए हैं कि ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए), वित्तीय डेटा एनालिसिस और साइबर सिक्योरिटी के कारण बीएफएसआई इकाइयां कम पॉपुलर होने का जोखिम उठा रही हैं।
इसे भी पढ़ें: Career in Gaming: एनिमेशन और VFX एक्सपर्ट की काफी डिमांड, ऐसे बनाएं करियर

डिजिटल बैंकिंग में जगह बनाने के लिए जरूरी है अपस्किल होना

नई स्किल्स सीखें
2021 एक ऐसे युग की शुरुआत करता है जिसमें इंडस्ट्रीअल स्केल पर टेक्नोलॉजी अपनाने में तेजी से वृद्धि होगी, जो चल रहे COVID-19 महामारी के कारण तेजी से ट्रैक की गई प्रवृत्ति होगी। बैंकिंग और फाइनांस इंडस्ट्री जो इस टेक्नोलॉजी को अपनाने में सबसे आगे हैं। इस इंडस्ट्री में कैंडिडेट्स और नए जमाने के प्रोफेशनल्स को अपने स्किल को उसके अनुसार ढालने की जरूरत होगी ताकि अत्यधिक कंपीटिटिव मार्केट में वे रोजगार योग्य बने रहें।

मिलेंगे नए अवसर
एक विकसित क्षेत्र के रूप में, डिजिटल बैंकिंग नए जमाने के प्रोफेशनल्स के लिए ढेर सारे अवसर और विकास की संभावनाएं देता है। कोई भी प्रोफेशनल जो 2021 में डिजिटल बैंकिंग में अपनी जगह बनाना चाहता है, उसके पास फिनटेक और सब-टेक्नोलॉजी का नॉलेज होना चाहिए। प्रोफेश्नल्स को AI, ML, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉकचैन, RPA, साइबर सुरक्षा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे स्किल में निपुण होने की आवश्यकता है।
इसे भी पढ़ें: Career Tips: पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब क्यों है जरूरी? जानें कैसे मिलेंगे फायदे

इंटरपर्लसनल स्किल भी है जरूरी
इंडस्ट्री-सेंट्रिक और टेक्नोलॉजी स्किल के अलावा, डिजिटल बैंकिंग प्रोफेशनल्स के पास इंटरपर्लसनल स्किल, कम्यूनिकेशन, न्यूमेरिक और एनालिटिकल स्किल, लॉजिक व सेल्स और कस्टमर रिलेशन की गहरी समझ जैसे सॉफ्ट स्किल्स भी होने चाहिए। ऐसे प्रोफेशनल्स एक सफल डिजिटल बैंकिंग करियर का निर्माण कर सकते हैं। तेजी से बढ़ते हुए सेक्शन के रूप में डिजिटल बैंकिंग को एजुकेशनल और एंप्लायमेंट के फ्रंट पर अधिक महत्व दिया जा रहा है। डिजिटल बैंकिंग में सर्टिफाइड कोर्स प्रोफेशनल्स को अपने स्किल को बढ़ाने व करियर में आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।

अपडेट रखें नॉलेज
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के साथ, भारत सरकार का टारगेट देश भर में प्रतिदिन होने वाले डिजिटल लेनदेन की संख्या में वृद्धि करना है। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक मार्केट में से एक के रूप में, डिजिटल पेमेंट 2023 तक 1 ट्रिलियन अमरीकी डाॅलर को छू जाएगा। देश में डिजिटल बैंकिंग प्रोफेशनल्स के लिए बहुत अधिक गुंजाइश है। इंडस्ट्री की जरूरतों के साथ अपडेट रहने में मदद करने के लिए प्रोफेशनल्स की निरंतर अपस्किलिंग और रीस्किलिंग उनके लिए इंडस्ट्री में लगातार ग्रोथ का रास्ता बनाएगी।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

CAT Exam Preparation: कैट एग्जाम में करना चाहते हैं 99+ स्कोर, अपनाएं ये ट्रिक्स

$
0
0

Score Good In CAT Exam: कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) आईआईएम द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। आईआईएम या अन्य प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों जैसे फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (दिल्ली), शैलेश जे मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (मुंबई), एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (मुंबई) और कई अन्य संस्थानों में एडमिशन लेने के लिए यह एक मैनडेटरी एग्जाम है। परीक्षा हर साल नवंबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाती है। कैट 2019 का आयोजन 28 नवंबर, 2021 को किया जाएगा, तो चलिए जानते हैं जरूरी टिप्स।

अपने लक्ष्य के बारे में सोचे (Think About Your Goal)
पहले दिन से स्पष्ट रहें कि आपका लक्ष्य 99 पर्सेंटाइल स्कोर करना है। अपने लक्ष्य के बारे में दृढ़ रहें और आशावादी रहें कि आप यह स्कोर हासिल कर सकते हैं। तय करें कि आपको देश के प्रतिष्ठीत आईआईएम में एडमिशन लेना है और इसके लिए पूरी मेहनत व ईमानदारी के साथ तैयारी में लगे रहें।

मॉक टेस्ट हल करें (Solve Mock Test)
शुरुआत से ही कड़ी मेहनत करें। पूरे मन से अध्ययन करें। हर दिन कम से कम 3-4 मॉक सॉल्व करें। हर मॉक को ऐसे सॉल्व करें जैसे कि आप कैट दे रहे हों। प्रत्येक मॉक चेक के बाद गलत उत्तरों की जांच करें और ये गलतियां दोबारा न हो इसके लिए प्रैक्टिस करें। अपनी लिमिटेशन से आगे निकलें और जितना हो सके उतना मेहनत करें। उन विषयों पर मेहनत करें जो आपको कठिन लगते हैं। साथ ही उन सभी विषयों का रिवीजन करते रहें, जिनमें आप पहले से ही अच्छे हैं। प्रत्येक प्रश्न को हल करते समय उस पर पूरा फोकस करें।
इसे भी पढ़ें: Tips For Graphic Designer: ग्राफिक डिजाइनर बनने से पहले इन 5 चीजों के बारे में जरूर जानें

अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए स्ट्रैटजी बनाएं (Make Strategy)
सबसे पहले परीक्षा पैटर्न के बारे में जानें। समझें कि 99 पर्सेंटाइल स्कोर करने के लिए आपको प्रत्येक सेक्शन में कितने प्रश्नों को सही करना होगा। मॉक का अभ्यास करते समय इन स्ट्रैटजी को आजमाएं। यह आपको बताएगा कि कौन सी स्ट्रैटजी अधिक सटीक है।

हर बार अपने परफॉर्मेंस को देखें (Track Your Practice)
प्रैक्टिस करने के बाद, हर बार मूल्यांकन करें कि आपने क्या किया है। अपनी गलतियों को नोट करें। इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आप किन सेक्शन में अच्छे हैं और किन सेक्शन में अधिक प्रैक्टिस की जरूरत है। फिर उसी अनुसार ऐसे प्रश्नों की प्रैक्टिस करने के लिए योजना बनाएं और उसे फॉलो करें। अपने स्ट्रेंथ को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट होने से बचें। अपनी वीकेनस को भी जानें और उन वीकनेस को स्ट्रेंथ में बदलने के लिए कड़ी मेहनत करें।

दबाव में न आएं (Do Not Put Yourself Under Pressure)
एक चीज जो 99 पर्सेंटाइल स्कोरर को कम पर्सेंटाइल स्कोरर से अलग करती है, वह यह है कि वे दबाव से कैसे निपटते हैं। परीक्षा के दौरान कैसी भी स्थिति हो आप अपना आपा न खोएएं। आपको धैर्य के साथ स्थिति से निपटने की जरूरत है। अक्सर, ऐसे प्रश्न होते हैं जिन्हें उम्मीदवार पहले अटेंप्ट में हल नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में प्रश्न को छोड़ दें और बाकी के पेपर को हल करने के लिए आगे बढ़ें। इस तरह आप अपना समय नहीं गंवाएंगे। यदि आप घबराते हैं और उस प्रश्न को हल करने में लगे रहते हैं तो आप शायद आगे अपना पेपर पूरा नहीं कर पाएंगे। इसलिए खुद पर भरोसा रखें।
इसे भी पढ़ें: Career After Philosophy Degree: फिलॉसफी डिग्री के बाद मिलते हैं ये करियर ऑप्शन, जानें पूरी डीटेल

टाइम मैनेजमेंट करें (Time Management)
प्रॉब्लम को सॉल्व करने में तेजी लाएं। किसी विशेष प्रश्न पर ज्यादा समय बर्बाद न करें। यदि आप किसी उत्तर के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, तो प्रश्न को बाद के लिए रखें और यदि आपके पास अंत में समय हो तो इसे हल करें। लेकिन स्पीड के साथ हल करते समय, आप सिली मिस्टेक्स करने का जोखिम न उठाएं। कम पर्सेंटाइल का एक बड़ा कारण सिली मिस्टेक्स हैं। आपको हर सवाल के साथ अलर्ट और केयरफुल रहने की जरूरत है। प्रश्न को ठीक से समझें।

प्रैक्टिस और विश्लेषण (Practice and Analysis)
जितना हो सके उतने प्रश्नों को हल करें। नियमित प्रैक्टिस करते रहें। कहा जाता है कि अभ्यास मनुष्य को पूर्ण बनाता है, इसलिए इस विचार को मन में रखें और मॉक टेस्ट दें। उन सभी विषयों की प्रैक्टिस करें जिनमें आप पहले से ही अच्छे हैं। प्रत्येक प्रश्न को हल करते समय केयरफुल रहें और उस पर पूरा ध्यान केंद्रित करें।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

IIT Preparation: 11वीं से ही शुरू करें IIT JEE की तैयारी, ये आसान टिप्स करेंगी मदद

$
0
0

Tips For IIT JEE Exam: ज्यादातर छात्र कक्षा 11 में आईआईटी जेईई यानी जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर देते हैं। कक्षा 11 की शुरुआत में आपके पास जेईई सिलेबस को समय पर पूरा करने के लिए एक इफेक्टिव स्ट्रैटजी और शेड्यूल की योजना बनाने और उस टारगेट को पूरा करने के लिए पूरा समय होता है। कक्षा 11 में जेईई की तैयारी शुरू करते समय इन बातों को न भूलें

जेईई के पूरे सिलेबस के साथ आगे बढ़ें
सबसे पहले यह जान लें कि जेईई के लिए आपको क्या पढ़ना है। कक्षा 11 व 12 में आपको फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ्स के चैप्टर पढ़ने होंगे। लेकिन जेईई का सिलेबस इससे बहुत ज्यादा बड़ा है। जब आप जेईई की तैयारी शुरू कर रहे हों तो जेईई के पूरे सिलेबस पर एक नजर डालें। जेईई मेन और जेईई एडवांस के सिलेबस के बारे में अलग-अलग टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। दोनों परीक्षाओं का सिलेबस लगभग समान है। क्वेश्चन का लेवल जेईई एडवांस में थोड़ा अधिक होता है। आपको जेईई मेन और जेईई एडवांस के लिए अलग से तैयारी करने की जरूरत नहीं है।

जेईई की तैयारी के लिए जरूरी किताबें और स्टडी मेटेरियल्स
आपको शुरुआत में ही यह तय करना होगा कि आप जेईई की तैयारी की किताबों, स्टडी मेटेरियल्स से पढ़ाई शुरू करना चाहते हैं, या किसी कोचिंग में शामिल होना चाहते हैं। कोचिंग में आपको जेईई स्टडी मेटेरियल्स मिलेंगे जो सिलेबस को कवर करने के लिए बहुत होते हैं। कोचिंग मॉड्यूल में जेईई लेवल के अनुसार सभी थ्योरी और क्वेश्चन होंगे। एनसीईआरटी की किताबें भी इसकी तैयारी के लिए बहुत अच्छी होती हैं।
इसे भी पढ़ें: Career in Digital Banking: क्या है डिजिटल बैंकिंग? इसमें कैसे बनायें करियर, कहां मिलेगी जॉब

स्टडी शेड्यूल या टाइम टेबल तैयार करें
अपने दिन की शुरुआत टाइम टेबल के अनुसार करने से आप लगातार स्टडी करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। यदि आप एक निश्चत शेड्यूल को फॉलो नहीं कर पा रहे तो फिर अपनी कंफर्ट लेवल के अनुसार आगे बढ़ें। आप हर दिन स्टडी के न्यूनतम घंटों को तय कर सकते हैं, चाहे समय स्लॉट कुछ भी हो। जब भी आप पढ़ाई करें तो आपको पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करनी चाहिए। हर तरह के डिस्ट्रैक्शन से दूर करें। ध्यान रखें कि आप अपने डेली या वीकली टारगेट को पूरा कर रहे हैं।

बेसिक समझें, कॉन्सेप्ट को मजबूत करें
जेईई आपके बेसिक्स की जांच करता है। टफ कॉन्सेप्ट को जानने से पहले आपको आसान, बेसिक कॉन्सेप्ट को समझना होगा। कैसे शुरू करें?, मुझे कहां से शुरू करना चाहिए?, कब पढ़ाई करनी चाहिए? जैसे सवालों से भ्रमित न हों। अपने पसंदीदा विषय से शुरुआत करें। यह आपको परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने का आत्मविश्वास देगा। पहले थ्योरी पार्ट को समझें और फिर प्रॉब्लम सॉल्व करने की प्रैक्टिस करें। यह कॉन्सेप्ट को बेहतर तरीके से समझने का तरीका है।

यदि आप किसी प्रॉब्लम को सॉल्व नहीं कर पा रहे हैं, तो थ्योरी को बार-बार तब तक पढ़ें जब तक आपको क्लियर न हो जाए। परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट और प्रश्नों को हल करने का पैटर्न महत्वपूर्ण है। पढ़ाई के साथ-साथ नोट्स भी लिखते रहें। इसमें आप इंपॉर्टेंट प्वाइंट्स, शॉर्टकट, फॉर्मूला, रिएक्शन, मिस्टेक्स आदि को शामिल कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: Career After Physics Degree: फिजिक्स डिग्री के बाद कौन-सा करियर है बेस्ट? यहां जानें

बेहतर विकल्प है कोचिंग
जेईई की तैयारी के लिए कक्षा 11 की शुरुआत में कोचिंग अच्छा विकल्प है। कोचिंग क्लासेस में आप अपने डाउट, क्वेश्चन कुछ भी पूछ सकते हैं जो कुछ भी आपको परेशान कर रहा है या टफ लग रहा है, एक्सपर्ट उसे आसान तरीकों से समझाते हैं।

लगातार तैयारी में लगे रहें
जेईई पास करने के लिए दृढ़ संकल्प होना चाहिए। ऐसे समय भी होंगे जब आपको चीजों को समझना और मैनेज करना टफ लगेगा। ऐसे में हिम्मत न हारें। तैयारी जारी रखें।

पढ़ाई करते हुए बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें
यदि आप पढ़ाई के बीच में ब्रेक नहीं लेते हैं, तो आपको तैयारी के दौरान थकान महसूस होगी। पढ़ाई में ध्यान और एकाग्रता बनाए रखने के लिए लंबे अध्ययन के घंटों के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें। ब्रेक कुछ भी हो सकता है, थोड़ी सैर पर जाने से, कोई खेल खेलने से, या अपनी पसंद की कोई चीज देखने से आप रिफ्रेश महसूस करेंगे।

8 पढ़े हुए टॉपिक को लगातार रिवाइज करते रहें
IIT-JEE की तैयारी में काफी समय लगता है। आप विषयों को समझते हैं, प्रॉब्लम्स को सॉल्व करते हैं। समय के अनुसार पुराने कॉन्सेप्ट भूल सकते हैं। ऐसे में अच्छी तैयारी के लिए, लगातार रिवीजन जरूरी है। सोने से पहले हमेशा महत्वपूर्ण बिंदुओं का रिवीजन करें।
इसे भी पढ़ें: Career Tips: पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब क्यों है जरूरी? जानें कैसे मिलेंगे फायदे

बड़े रिजल्ट पाने के लिए छोटे लक्ष्यों पर फोकस करें
जेईई सिलेबस शुरू में बहुत बड़ा लगता है। आपको इसे मॉड्यूल में डिवाइड करने की आवश्यकता है। एक समय में एक टॉपिक लें और उससे संबंधित टारगेट को पूरा करने पर ध्यान दें। एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, सिलेबस के अगले टॉपिक पर जाएं। थ्योरी को रिवाइज करें और सभी टॉपिक की प्रॉब्लम्स को सॉल्व करें।

अपनी लर्निंग और परफॉर्मेंस को मापते रहें
आपको अपने लर्निंग, स्पीट, एक्यूरेसी और टाइम मैनेजमेंट स्किल की जांच करने के लिए रेगुलर बेसिस पर टेस्ट देने की जरूरत है। आपको ऑनलाइन मॉक टेस्ट सॉल्व करने होंगे क्योंकि जेईई मेन और जेईई एडवांस दोनों कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित किए जाते हैं। एक टेस्ट को सॉल्व करने के बाद, टेस्ट में आपने जो सिली मिस्टेक्स किए हैं उसका पता लगाएं। आपका टारगेट अपने वीकर एरिया पर काम करना होना चाहिए और अगले टेस्ट में उन्हीं गलतियों को न दोहराएं। इस तरह आप तैयारी के दौरान दी जाने वाली प्रत्येक टेस्ट के साथ अपने स्कोर में सुधार कर सकते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


MNS Written Exam: डिफेंस फोर्स में होना है शामिल? इन टिप्स से करें एग्जाम और इंटरव्यू क्लियर

$
0
0

Interview Tips For Defence forces: जब हम डिफेंस फोर्स में शामिल होने की इच्छा रखने वाली युवा महिला कैंडिडेट्स के बीच सबसे अधिक डिमांड वाले करियर ऑप्शन के बारे में बात करते हैं, तो मिलिट्री नर्सिंग सर्विस - एमएनएस परीक्षा हमेशा लिस्ट में सबसे ऊपर होती है। आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज और कमांड हॉस्पिटलों द्वारा ऑफर किए गए कुल 220 रिक्तियों के साथ 4-वर्षीय बीएससी नर्सिंग कोर्स में एडमिशन पाने के लिए, युवा महिला कैंडिडेट्स को लिखित और इंटरव्यू दोनों राउंड में एक्सीलेंस परफार्मेंस के साथ MNS एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है।

अंत में, सभी स्टेज को पूरा करने के बाद, कैंडिडेट्स को मेरिट-कम-च्वाइस के आधार पर आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेजों और कमांड हॉस्पिटलों में एडमिशन दिया जाता है।

देशभर के इन 6 कॉलेजों में मिलता है एडमिशन
बीएससी नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए देश भर के 6 कॉलेजों में एडमिशन होता है जिसमें एएफएमसी पुणे, सीएच (ईसी) कोलकाता, आईएनएचएस अश्विनी, एएच (रैंडआर) नई दिल्ली, सीएच (सीसी), लखनऊ और सीएच (एएफ) बैंगलोर हैं।
इसे भी पढ़ें: IIT Preparation: 11वीं से ही शुरू करें IIT JEE की तैयारी, ये आसान टिप्स करेंगी मदद

होता है टफ कॉम्पीटिशन
चूंकि आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेजों और कमांड अस्पतालों को भारत के एक प्रमुख मेडिकल इंस्टीट्यूट और एजुकेशन व रिसर्च के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में मान्यता दी गई है, इसलिए एडमिशन के लिए अपनी सीटें सुरक्षित करने के लिए युवा महिला कैंडिडेट के बीच हमेशा हाई कंपीटिशन रहता है। इस प्रकार, एमएनएस एडमिशन एग्जाम से डिफेंस सर्विस में योग्य महिला कैंडिडेट को एश्योर्ड कैरियर ऑप्शन मिलता है। एमएनएस परीक्षा को पहले प्रयास में पास करने की मेंटलिटी अपने आप में दृढ़ विश्वास और ट्रू पोटेंशियल के साथ शुरू होती है। संभावित कैंडिडेट को लिखित और इंटरव्यू दोनों राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करने की जरूरत होती है।

इंटरव्यू को पास करने के लिए जरूरी टिप्स
पहले प्रयास में MNS परीक्षा को पास करने के लिए डेडिकेटेड अप्रोच के साथ केवल एक चीज की सबसे अधिक आवश्यकता होती है और वह है हार्ड वर्क। MNS परीक्षा मॉडरेट लेवल की होती है, लेकिन कंपीटिशन टफ होता है, इसलिए जो कैंडिडेट आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेजों में अपना एडमिशन सिक्योर करना चाहते हैं, उन्हें अपनी तैयारी अन्य लोगों की तुलना में थोड़ी अधिक गहराई से करनी होगी। MNS इंटरव्यू एक पैनल इंटरव्यू है जिसमें 4-5 सीनियर ऑॅफिसर बेस्ट मिलिट्री नर्सों का चयन करते हैं।

इंटरव्यू बहुत जरूरी भूमिका निभाता है क्योंकि MNS की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, B.sc नर्सिंग की लगभग 1 सीट के लिए 3-4 कैंडिडेट होते हैं जिनका पैनल द्वारा इंटरव्यू लिया जाता है। ऐसे में MNS के इंटरव्यू में टफ कंपीटिशन होता है।
इसे भी पढ़ें: CAT Exam Preparation: कैट एग्जाम में करना चाहते हैं 99+ स्कोर, अपनाएं ये ट्रिक्स

MNS लिखित परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारी के टिप्स
MNS लिखित परीक्षा मॉडरेट लेवल की होती है और इसमें जेनरल अंग्रेजी, फिजिक्स, कैमेस्ट्री, बायोलॉजी और जेनरल इंटेलिजेंस जैसे सब्जेक्ट्स के प्रश्न होते हैं। जेनरल अंग्रेजी पूरे सिलेबस का एक बेसिक कंपोनेंट है और इसमें रीडिंग कंप्रीहेंशन, कीवर्ड और वोकेवलरी से फैमिलियर होना, सिनोनिम एंटोनिम का नॉलेज आदि जैसे सब्जेक्ट शामिल हैं। पर्याप्त अंक प्राप्त करने के लिए MNS सिलेबस में जेनरल इंटेलिजेंस और जेनरल साइंस का समान स्थान है।

10+2 सिलेबस का बेसिक नॉलेज और MNS सिलेबस में शामिल कुछ एडवांस टॉपिक से फैमिलियर होना जेनरल साइंस में एक्सीलेंस पाने के लिए काफी है। इसी तरह, जनरल इंटेलिजेंस उम्मीदवारों की जेनरल और मेंटल अवेयरनेस का टेस्ट करता है। यह मुख्य रूप से तर्क और प्रॉब्लम सॉल्विंग अप्रोच पर केंद्रित है।

MNS परीक्षा कैसे पास करें
परीक्षा को पास करने के लिए, MNS सिलेबस का पूरा नॉलेज होना और परीक्षा पैटर्न और चयन प्रक्रिया को जानना जरूरी है। यह जरूरी है कि कैंडिडेट प्रोपर टाइम टेबल बनाकर उसे फॉलो करते हुए लगातार पढ़ाई करते रहें। मॉक टेस्ट को सॉल्व करके रेगुलर प्रैक्टिस के माध्यम से बेहतर परफॉर्मेंस के लिए अपनी कैपेबिलिटी का लगातार विश्लेषण करते रहें। डेली बेसिस पर इंपोर्टेंट कॉन्सेप्ट का रिवीजन करते रहने से जरूरी टॉपिक्स लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलेगी।

इंटरव्यू प्रोसेस के दौरान एक कैंडिडेंट के एटिट्यूट, इंटेलिजेंस और इनर स्किल को परखा जाता है। MNS का इंटरव्यू काफी पेचीदा होता है क्योंकि इसमें कैंडिडेट्स को इंटेलिजेंस ऑब्जर्वेंस और पर्सनालिटी के आधार पर परखा जाता है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

English Skills: इंग्लिश लिसनिंग स्किल्स करनी है बेहतर? इन टिप्स से मिलेगी मदद

$
0
0

English Listening Skills: अपनी अंग्रेजी लिसनिंग स्किल में सुधार करने के लिए आपको हर दिन बहुत सारी अंग्रेजी सुननी चाहिए। बहुत सारी अंग्रेजी सुनने का एक तरीका यह है कि इसे दिलचस्प यू ट्यूब चैनल, फेमस टीवी शो और फिल्में देखकर मनोरंजक बनाया जाए। यदि आपने अभी-अभी सीखना शुरु किया है, तो शुरुआत में छोटे कंटेंट की मदद लें। और हो सके तो कुछ नई शब्दावली सीखने के लिए अंग्रेजी के कुछ कंटेंट पढ़ने में भी समय दें। यदि आपकी सुनने की समझ मीडियम लेवल की है और ऐसा लगता है कि इसमें अब सुधार नहीं हो रहा है, तो टफ अंग्रेजी कंटेंट को अधिक सुनें।

शुरुआत ऐसे करें
  • हर हफ्ते कुछ फिल्में अंग्रेजी में देखें।
  • सप्ताह में 3 - 4 बार अंग्रेजी में कुछ सुनें।
  • प्रतिदिन 15 मिनट अंग्रेजी सुनें।
  • अपने अंग्रेजी सुनने के स्किल में सुधार करने के लिए, आपको लंबे समय तक नियमित रूप से अंग्रेजी सुननी चाहिए। सिर्फ एक या दो महीने के लिए हर दिन कई घंटे अंग्रेजी सुनना पर्याप्त नहीं है। आपको इसे कई महीनों (या एक वर्ष से अधिक) तक करने की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें: MNS Written Exam: डिफेंस फोर्स में होना है शामिल? इन टिप्स से करें एग्जाम और इंटरव्यू क्लियर

समय न हो तब भी लिसनिंग स्किल को कैसे सुधारें
यदि आप अपनी लिसनिंग स्किल में सुधार करना चाहते हैं तो इन दो बातों का ध्यान रखें
  • हर दिन ज्यादा से ज्यादा अंग्रेजी सुनें
  • इसे लंबे समय तक फॉलो करें

यदि आपके पास ज्यादा समय न हो तो ये है तरीका
  • इस बात का ध्यान रखें कि आपके मोबाइल फोन में हमेशा अंग्रेजी के लिसनिंग मटेरियल अवेलेबल हों।
  • इसके लिए सबसे पहले, आपको अपने फोन में बहुत सारी अंग्रेजी लिसनिंग कंटेंट डाउनलोड करनी होगी। इस तरह, आप चाहे कहीं भी हों, आप अंग्रेजी सुन सकते हैं।
  • पॉडकास्ट ऑडियो शो इंटरनेट से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।

समय का करें सही इस्तेमाल
  • बोरिंग टाइम को लिसनिंग टाइम में बदल दें। ऐसे काम करते हुए आप अंग्रेजी के कंटेंट सुन सकते हैं जिसमें आपको एकाग्रता या फोकस करने की जरूरत न हो। इस तरीके से हर दिन 1 - 2 घंटे अंग्रेजी सुनना काफी आसान है।
  • बस/ट्रेन की सवारी करने के दौरान।
  • घर के काम करते हुए (कुकिंग, क्लीनिंग करना आदि)
इसे भी पढ़ें: IIT Preparation: 11वीं से ही शुरू करें IIT JEE की तैयारी, ये आसान टिप्स करेंगी मदद

इसे मजेदार और मनोरंजक बनाएं
हम सभी हर दिन मनोरंजक चीजों पर समय बिताते हैं जैसे गेम खेलना, इंटरनेट पर सर्फिंग करना आदि। हम इन चीजों पर बहुत समय बिताते हैं क्योंकि ये मजेदार हैं। इसलिए यदि आप अंग्रेजी सुनने में बहुत समय बिताना चाहते हैं, तो इसे मनोरंजक बनाएं। यदि आप ऐसा करते हैं, तो अपने सुनने के कौशल में सुधार करना आसान होगा।

अंग्रेजी सुनना म जेदार कैसे बना सकते हैं?
  • यू ट्यूब पर एंटरटेनिंग चैनल्स को सब्सक्राइब करें। YouTube देखना आपकी अंग्रेजी सुनने की समझ को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है।
  • अंग्रेजी के फेमस टेलीविजन सीरियल्स और फिल्में देखें।

क्या होगा यदि आप कंटेट को नहीं समझ पा रहे हैं?
  1. कुछ न करें सिर्फ सुनें धीरे-धीरे चीजें समझ में आने लगेगी।
  2. कुछ आसान सुनें। यदि आप जो कंटेंट सुन रहे हैं वह बहुत कठिन (या उबाऊ) है, तो इसे हटा दें और सुनने के लिए कुछ और आसान खोजें।
  3. नई वोकेवलरी सीखने के लिए अंग्रेजी में पढ़ें। अगर आपको लगता है कि आप जो कुछ भी सुनते हैं, उसे समझना बहुत मुश्किल है, तो इसका मतलब है कि आपकी वोकेवलरी शायद बहुत छोटी है। इसलिए आपको ज्यादातर अंग्रेजी बातचीत को समझने में परेशानी होती है। ऐसी स्थिति में अंग्रेजी सुनने के अलावा, आप अंग्रेजी में भी पढ़ें ताकि बातचीत में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले शब्दों और सेंटेंस को जल्दी से सीख सकें।
  4. यदि आप एक बिगिनर हैं, तो छोटे कंटेंट से शुरू करें।
इसे भी पढ़ें: Career Tips: पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब क्यों है जरूरी? जानें कैसे मिलेंगे फायदे

इन बातों का रखें खास ध्यान
  • कुछ ऐसा न सुनें जिसे समझना काफी मुश्किल हो।
  • खुद को दिन में कई घंटे अंग्रेजी सुनने के लिए मजबूर न करें।
  • शुरुआत में सिर्फ 10 - 15 मिनट सुनना ठीक है। कुछ ऐसा सुनना भी ठीक है जिसे समझना बहुत आसान हो। बस सुनिश्चित करें कि आप इसे (लगभग) हर दिन करते हैं।

आसान कंटेंट सुनने के बाद धीरे-धीरे टफ कंटेंट सुनना शुरू करें

  • ऐसी बातचीत वाले कंटेंट, शो सुनें जिसमें लोग थोड़ा तेज बोलते हैं।
  • एक वार्तालाप सुनें जिसमें कुछ शब्द और वाक्यांश होते ,हैं जिन्हें आप नहीं जानते लेकिन फिर भी समझ पा रहे हैं।
  • एक ऐसी बातचीत जिसमें आप 80 - 90% कंटेंट को समझ सकते हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Benefits Of E-Learning: ऑनलाइन पढ़ने के भी कई फायदे, फ्यूचर ऐसे बनेगा ब्राइट

$
0
0

Benefits Of E-Learning For Students: कोविड -19 महामारी के कारण ई-लर्निंग में जबरदस्त ग्रोथ हुआ है। वैश्विक एडटेक बाजार जो 2019 में 18.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, 2025 तक 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। एकेडमिक से नॉन-एकेडमिक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट तक, ई-लर्निंग ने टीचिंग और लर्निंग के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। आज हम आपको बता रहे हैं मानव इतिहास के सबसे कठिन समय में से एक के दौरान ई-लर्निंग क्षेत्र कैसे विकसित हुआ है और यह शिक्षा के भविष्य में क्या भूमिका निभाएगा।

कोविड-19 महामारी के दौरान ई-लर्निंग इंडस्ट्री का ग्रोथ
जब पूरे विश्व में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था, तब स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के पास छात्रों और कर्मचारियों को कोविड -19 के स्ट्रेस से बचाने के लिए संस्थानों को बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अगर यह आपदा दो दशक पहले आ जाती तो पूरी शिक्षा व्यवस्था रूक जाती। सौभाग्य से ऐसा नहीं हुआ और ई-लर्निंग के जरिए इस चुनौती से का समाना करना आसान हो गया। अल्टरनेट एजुकेशन प्लेटफॉर्म तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए लॉकडाउन अवधि के दौरान कई एडटेक स्टार्टअप खोले गए। कई प्रीमियम मेंबर्स के अलावा मुफ्त सेवाएं भी दे रहे हैं, जिसके अपने फायदे हैं।

इस परिवर्तन ने शिक्षा को अधिकांश छात्रों के लिए सुलभ बना दिया है, वरना ज्यादातर लोग इससे वंचित रह जाते। इसलिए यह कहा जा सकता है ई-लर्निंग एजुकेशन के लिए लाइफ सेवर साबित हुआ है, इसने इसके इन इफेक्टिव होने के मिथक को भी तोड़ दिया है। कई स्कूलों और कॉलेजों ने यहां तक घोषणा कर दी है कि वे महामारी के खत्म होने के बाद भी ई-लर्निंग जारी रखेंगे।
इसे भी पढ़ें: Career in Gaming: एनिमेशन और VFX एक्सपर्ट की काफी डिमांड, ऐसे बनाएं करियर

ई-लर्निंग चुनौतियों का सामना कर रहा है?
आइडियली ई-लर्निंग हमारे पास अब तक के सबसे अच्छे शिक्षण मॉडलों में से एक है, लेकिन इसमें चुनौतियां भी हैं। ये चुनौतियां इसके इम्प्लीमेंटेशन की हैं। हमारे देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है (2019 के सितंबर तक 687 मिलियन), अभी भी दूरदराज के क्षेत्रों में तकनीकी पहुंच की कमी बनी हुई है। हमारे जैसे देश में, जहां हमारी 60% से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, राष्ट्रीय स्तर पर ई-लर्निंग मॉडल को लागू करना एक चुनौती है। कहा जा रहा है कि सरकार कई डिजिटलीकरण पहल करके इस अंतर को पाटने की कोशिश कर रही है। आशा है कि निकट भविष्य में, हमारे देश के सुदूर क्षेत्र ई-लर्निंग के लाभों को उठाने के लिए तकनीकी रूप से उन्नत हो जाएंगे।
इसे भी पढ़ें: Career After Physics Degree: फिजिक्स डिग्री के बाद कौन-सा करियर है बेस्ट? यहां जानें

ई-लर्निंग का भविष्य
बहुत से लोग सोच रहे हैं कि महामारी के खत्म होने और स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थान फिर से खुलने के बाद ई-लर्निंग इंडस्ट्री का क्या होगा। इसका उत्तर यह है कि यह अभी भी बढ़ता रहेगा और इस भविष्यवाणी के पीछे तर्क यह है कि इसके संपर्क में आने के बाद लोगों ने महसूस किया है कि यह ट्रेडिशनल लर्निंग मेथड की तुलना में बहुत अधिक फायदेमंद है। जानें ई-लर्निंग के कुछ फायदों के बारें में-

  1. ई-लर्निंग बहुत फ्लैक्सिबल है और हर छात्र को उसके अनुसार लर्निंग को आसान बनाता है।
  2. इसमें शिक्षकों की एनर्जी अटेंडेंस लेने और आंसर शीट का मूल्यांकन करने जैसे कार्यों में लगने के बजाए पूरी तरह से पढ़ाने पर फोकस होता है।
  3. ऑडियो-विजुअल कंटेट के माध्यम से इसमें पढ़ाई ज्यादा मजेदार व आसान हो जाता है। जिससे स्टूडेंट्स टफ कॉन्सेप्ट को भी आसानी से समझ पाते हैं।
  4. यह हर तरह के स्टूडेंट्स को पैरलर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है। यहां तक कि विजुअली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स को स्क्रीन रीडर और वैसे स्टूडेंट्स जो टाइप नहीं कर सकते उन्हें जरूरी उपयोगी टूल्स अवेलेबल कराता है।
  5. यह ज्योग्राफिकल बैरियर को खत्म करता है और स्टूडेंट्स की पहुंच सबसे बेस्ट संस्थान या बेस्ट एजुकेशन तक संभव बनाता है। भले ही स्टूडेंट्स देश के किसी कोने में रहते हों।
  6. वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए भी इसके माध्यम से कई तरह के जरूरी सर्टिफिकेशन कोर्स अवेलेबल हैं जो उनके करियर में आगे बढ़ने के लिए काफी फायदेमेंद होता है। इसके माध्यम से ये प्रोफेशनल्स अपना काम करते हुए पढ़ाई कर पाते हैं।
  7. यह शिक्षा की लागत को काफी कम करता है और इसे उन छात्रों के लिए किफायती बनाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से संबंधित हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

NEET exam 2021: नीट एग्जाम पास करना है तो जरूर अपनाएं ये आसान तरीके

$
0
0

NEET Exam Strategy: मेडिसिन की फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए नीट यानी National Eligibility cum Entrance Test पास करना जरूरी है। यह परीक्षा प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में यूजी कोर्स में एडमिशन के लिए सबसे प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा इस साल 12 सितंबर को आयोजित होगी। NEET का सिलेबस थ्योरी-मुश्किल है और इसके लिए स्मार्ट स्ट्रैटजी की आवश्यकता होती है। हालांकि अभी महामारी की स्थिति आपको परेशान कर सकती है और आपको डिस्ट्रैक्ट कर सकती है लेकिन कैंडिडेट्स को इस परीक्षा की तैयारी, स्ट्रक्चर और प्लान के लिए बचे हुए समय का पूरा इस्तेमाल करना चाहिए।

सिलेबस जानें
सबसे महत्वपूर्ण बात जो किसी भी नीट कैंडिडेट को पता होनी चाहिए, वह है नया और ऑफिशियल नीट सिलेबस। सिलेबस, परीक्षा पैटर्न और वेटेज के बारे में पूरा नॉलेज टाइम प्लान बनाने और डिवाइड करने में मदद करेगा, खास तौर पर जिन कॉन्सेप्ट पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है उसके लिए यह बहुत मददगार साबित होगा।

टाइम मैनेजमेंट
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते समय, समय का बहुत महत्व है। एक प्रोपर शेड्यूल, टाइम लाइन सेट करने और सिलेबस को सुव्यवस्थित करना जरूरी है। प्लान के अनुसार पूरी तरह से लगे रहें और विषयों के बीच समय बांटें। उन टॉपिक को अधिक समय दें जिनमें आपको अधिक प्रैक्टिस की जरूरत है। एक डीटेल प्लान बनाएं और इसे डिसिप्लिन के साथ फॉलो करें क्योंकि यह लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे महत्वपूर्ण है।
इसे भी पढ़ें: English Skills: इंग्लिश लिसनिंग स्किल्स करनी है बेहतर? इन टिप्स से मिलेगी मदद

प्रैक्टिस करते रहें
मॉक टेस्ट के साथ प्रैक्टिस करने से आपको कॉन्सेप्ट और सवालों में कोई कंफ्यूजन नहीं होगी। यह भी समझ आएगा कि आप परीक्षा के दौरान अपने समय का कितनी अच्छी तरह मेनेजमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने वीकर सेक्शन का विश्लेषण और आकलन कर सकते हैं और फिर उनके अनुसार काम कर सकते हैं। आप पिछले वर्षों के सैंपल पेपर को सॉल्व कर सकते हैं।

नोट्स तैयार करें
पढ़ाई करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है नोट्स बनाना। जब हम पढ़ते समय लिखते हैं तो नॉलेज हमारे दिमाग में लंबे समय तक बना रहता है। छोटे और स्पष्ट नोट्स लिखने से मेमोरी बढ़ती है और परीक्षा के दौरान स्टडी मेटेरियल्स को याद करना ज्यादा आसान हो जाता है। नोट्स में फ्लो चार्ट और डायग्राम शामिल करना काम आएगा। यह रिवीजन के दौरान भी मदद करेगा।

अच्छे स्टडी मेटेरियल्स से तैयारी करें
किसी भी प्रवेश परीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण हाेता है एक अच्छा स्टडी मटेरिअल्स। NEET की तैयारी करते समय अच्छी किताबें और स्टडी मेटेरियल्स से तैयारी करें। आज कई स्टडी सोर्स ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। आज के दिन और युग में नॉलेज आसानी से उपलब्ध है और हमें जो उपलब्ध है उसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: Benefits Of E-Learning: ऑनलाइन पढ़ने के भी कई फायदे, फ्यूचर ऐसे बनेगा ब्राइट

पेपर पैटर्न और मार्किंग स्कीम का ध्यान रखें
यह महत्वपूर्ण है कि परीक्षा अटेंप्ट करने से पहले आप सवालों के फ्लो और पेपर पैटर्न को समझ लें। आपको सभी विषय के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। वेटेज की स्पष्ट समझ के साथ आप एक प्लान तैयार कर सकते हैं। एग्जाम के दौरान दिए गए तय अवधि में सैंपल सॉल्व करने की प्रैक्टिस कर सकते हैं। परीक्षा में यह जरूरी है कि पहले उन प्रश्नों को सॉल्व करें जिनके बारे में आप श्योर हैं और फिर अन्य प्रश्नों की ओर बढ़ें।

हमेशा याद रखें, स्वास्थ्य ही धन है
जैसे-जैसे कोविड -19 मामलों की संख्या हर दिन बढ़ रही है, सुरक्षित और स्वस्थ रहना अनिवार्य है। एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें, फाइबर और प्रोटीन युक्त आहार खाएं, पर्याप्त पानी पिएं और पूरी नींद लें। यह आपको स्वस्थ रहने और आपके दिमाग को सक्रिय रखने में मदद करेगा। साथ ही आपको परीक्षा के लिए पॉजिटिव और फोकस रहने में भी मदद करेगा।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Job tips: पढ़ाई के साथ नौकरी करना आसान, बस अपनाने होंगे ये तरीके

$
0
0

Career Tips: ज्यादातर इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को अपनी स्टडी के कुछ खर्चों को कवर करने के लिए किसी प्रकार की जॉब करने की जरूरत होती है। अगर आप भी ऐसे स्टूडेंट्स में से एक हैं तो, कोई चिंता नहीं, आप यह कर सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही 8 तरीके जिसे अपना कर आप अपनी पढ़ाई के साथ काम भी कर सकते हैं। इससे आप जो पैसा कमाएंगे, उससे आप एजुकेशन लोन के एक हिस्से का भुगतान कर सकते हैं, अपने ट्यूशन या किसी अन्य खर्च का भुगतान कर सकते हैं।

पार्ट टाइम जॉब
पार्ट टाइम जॉब आपके स्टडी के खर्चों को कवर करने का एक शानदार तरीका है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि नौकरी कितनी अच्छी है, आप कुछ पॉकेट मनी भी कमा सकते हैं। आप फ्लैक्सिबल पार्ट टाइम जॉब पा सकते हैं, जिससे आप अपना खुद का शेड्यूल बना सकते हैं। कॉल सेंटर में काम करने या कैंपस में काम करने से लेकर किसी बड़े फर्म में सहायक होने तक, पार्ट टाइम जॉब एक बहुत ही बेहतर एक्सपीरियंस देती है। आप अपने इंट्रेस्ट के फील्ड में पार्ट टाइम जॉब करने पर विचार कर सकते हैं। एक इंटरनेशनल स्टूडेंट के रूप में, आपको सेमेस्टर (अधिकांश यूरोपीय देशों में) के दौरान 20 घंटे/वीक के लिए पार्ट टाइम जॉब करने की परमिशन भी मिलती है।

समर और विंटर वेकेशन जॉब
विभिन्न देशों में, आप एकेडमिक ईयर के बीच तीन महीने के लिए पूरी तरह से काम कर सकते हैं। समर वेकेशन की नौकरियों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आपको इस दौरान अपनी पढ़ाई के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। केवल एक चीज जिस पर आपको फोकस करने की जरूरत होती है वह है आपका काम।
इसे भी पढ़ें: Benefits Of E-Learning: ऑनलाइन पढ़ने के भी कई फायदे, फ्यूचर ऐसे बनेगा ब्राइट

इंटर्नशिप
इंटर्नशिप करना एक प्रतिष्ठित कंपनी में सक्सेस करियर ग्रोथ के लिए एकदम सही है जो आपके स्टडी से भी जुड़ी है। कुछ इंटर्नशिप पेड होते हैं और कुछ अनपेड भी होते हैं। आपको अपनी इंटर्नशिप पूरी करने के बाद जॉब का अवसर भी मिलता है। यदि काम पर नहीं रखा गया है, तो आपको भविष्य में नौकरी के अवसरों के लिए अच्छा एक्सपीरियंस मिल जाता है और ऐसे लोगों के साथ संबंध बन जाते हैं जो आपके भविष्य के काम के सहयोगी बन सकते हैं। इंटर्नशिप किसी के लिए भी सही है क्योंकि आप उस क्षेत्र को बेहतर तरीके से जानते हैं जिसके बारे में आप जानना चाहते हैं।

वर्क प्लेसमेंट
वर्क प्लेसमेंट एक वर्क प्लेस में प्रोफेशनल एक्सपीरियंस पाने का बेहतरीन तरीका है। आमतौर इसे करने के दौरान किसी तरह के पैसे नहीं दिए जाते हैं। यह कई विश्वविद्यालयों द्वारा डिग्री प्रोग्राम के पार्ट के रूप में यह ऑफर किए जाते हैं। ग्रेड आपके कार्य प्लेसमेंट के दौरान आपके पूर्ण किए गए कार्यों पर निर्भर होते हैं और आपको संभवतः प्लेसमेंट के हिस्से के रूप में एक प्रोजेक्ट और प्रोग्रेस रिपोर्ट को पूरा करने की जरूरत होती है। वर्क प्लेसमेंट आमतौर पर विश्वविद्यालय में आपके दूसरे और अंतिम वर्ष के बीच लिया जाता है। अधिकांश बड़े ग्रेजुएट रिक्रूटर्स शुरुआती नवंबर से मार्च अवधि तक प्लेसमेंट की एडवरटिजमेंट करते हैं।

वॉलेंटरिंग
कम्युनिटी की मदद करते हुए एक्सपीरियंस और इंडस्ट्री कनेक्शन प्राप्त करें। आपकी डिग्री के आधार पर, वॉलेंटरिंग वर्क वास्तव में नौकरी से अधिक उपयोगी और सहायक हो सकता है। वॉलेंटरिंग वर्क आपको सामाजिक समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है और आप समस्या के कुछ हिस्से को सॉल्व करने में योगदान दे सकते हैं। आपका विभिन्न सामाजिक समस्याओं को रोकने में मदद करने वाले संघों या संगठनों की मदद कर सकते हैं। एक वॉलेंटरिंग वर्क के दौरान आप ऐसे लोगों से मिल सकते हैं जो भविष्य की नौकरी की सिफारिशों के लिए विश्वसनीय संपर्क बन सकते हैं या एक दिन आपके रिक्रूटर्स बन सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: English Skills: इंग्लिश लिसनिंग स्किल्स करनी है बेहतर? इन टिप्स से मिलेगी मदद

वर्क शैडोइंग
हॉलीडे में काम करने का एक अच्छा तरीका शैडोइंग के रूप में काम करना हो सकता है। इसमें आपको एक तय फील्ड में शामिल काम के प्रकार के लिए समझ हासिल करने का मौका मिलता है। शैडोइंग वर्क के लिए आप कभी एडवरटिजमेंट नहीं देखेंगे, आपको खुद हमेशा कंपनी से संपर्क करना होगा। कंटेंट और काम की शर्तों पर बातचीत करनी होगी।

इनसाइट प्रोग्राम्स
इनसाइट प्रोग्राम्स ज्यादातर प्रथम वर्ष के स्नातक छात्रों के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिसका उद्देश्य ऑर्गनाइजेशन / कंपनी में इनसाइट प्रदान करना है। यह बताना कि वे "पर्दे के पीछे" कैसे काम करते हैं। इनसाइट प्रोग्राम इंटर्नशिप और अन्य वर्क एक्सपीरियंस के अवसरों के लिए आवेदन प्रक्रिया में पहला कदम हो सकता है। इसके अतिरिक्त इनसाइट प्रोग्राम्स बेहद फायदेमंद होते हैं यदि वे एक रिसर्च प्रोजेक्ट, असाइनमेंट या स्नातक पेपर से संबंधित हैं जिस पर आप काम कर रहे हैं। इनसाइट प्रोग्राम्स के दौरान, आप मजे कर सकते हैं क्योंकि आप वर्कशॉप, प्रेजेंटेशन में भाग लेंगे। सर्वे और अन्य इंटरेक्टिव गेम्स में शामिल होंगे।

कैजुअल इंप्लाइ या फ्रीलांसर
यह आपके लिए एक इंप्लाइ के रूप में और कंपनी के लिए भी एक फ्लैक्सिबल अरेंजमेंट है। एक कैजुअल इंप्लाइ के रूप में, आपको एक शॉर्ट नोटिस पर काम करने के लिए कहा जा सकता है और ज्यादातर मामलों में, आपको एक शॉर्ट नोटिस पर इनफॉर्म भी किया जाएगा जब आपके काम की आवश्यकता नहीं होगी। दूसरी ओर, क्लियर कॉन्ट्रैक्ट न होने की भरपाई के लिए आपको अपने काम के घंटों के लिए थोड़ा अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा। आप घर से, कंप्यूटर के सामने, एक निश्चित या फ्लैक्सिबल शेड्यूल पर काम कर सकते हैं। वर्क फ्रॉम होम जॉब बहुत सुविधाजनक हो सकता है। इसमें अधिकांश नौकरियों में राइटर, एडिटर, डेटा इंट्री, वर्चुअल कंसल्टेंट और कस्टमर सर्विस रीप्रेजेंटेटिव शामिल हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Viewing all 889 articles
Browse latest View live