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Career Tips: केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई के लिए ये टिप्स हैं जरूरी, जानें पूरी डीटेल

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Scope Of Chemical Engineering: आज के समय में केमिकल इंजीनियरिंग करियर के दृष्टिकोण से एक बेहतर क्षेत्र है। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की कमी नहीं है। केमिकल पदार्थों की बढ़ती मात्रा एवं भागीदारी के चलते इसमें रोजगार की संभावना तेजी से बढ़ रही है। केमिकल इंजीनियर्स विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, जैसे- प्लास्टिक, पेंट्स, फ्यूल्स, फाइबर्स, मेडिसिन, फर्टिलाइजर्स, सेमीकंडक्टर्स, पेपर में कार्य करने के अलावा पर्यावरण सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा केमिकल इंजीनियरिंग की फील्ड में हालिया डेवलपमेंट्स की वजह से कई अन्य एडवांस्ड फ़ील्ड्स जैसे नैनोटेक्नोलॉजी, बायो-इंजीनियरिंग, बायो-मॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग, मेटीरियल प्रोसेसिंग आदि का विकास हुआ है।

जानें केमिकल इंजीनियरिंग के बारे में
यह ऐसी फील्ड है जो रॉ मेटीरियल्स को उपयोगी प्रोडक्ट्स में बदलने के लिए केमिकल प्रोसेसेज का विकास करने के साथ ही केमिकल प्लांट्स की डिजाइनिंग और मेंटेनेंस से जुड़े सभी कार्य करती है। यह फील्ड बायोटेक्नोलॉजी, नैनो टेक्नोलॉजी, मिनरल प्रोसेसिंग, सिंथेटिक फाइबर्स, पेट्रोलियम रिफाइनिंग प्लांट्स जैसी विभिन्न फ़ील्ड्स में रिसर्च के लिए केमिस्ट्री और इंजीनियरिंग की नॉलेज और थ्योरीटिकल आस्पेक्ट्स को कंबाइन करके इस्तेमाल करती है।

इस क्षेत्र में क्‍या है जॉब प्रोफाइल
इस क्षेत्र में प्रमुख कार्य केमिकल प्रोडक्ट्स बनाने के लिए केमिकल प्लांट्स और इक्विपमेंट्स की डिजाइनिंग, सुपरविज़न, कंस्ट्रक्शन, इंस्टालेशन और ऑपरेशन से संबद्ध होता है। ये प्रोफेशनल्स नई ड्रग्स की खोज करने के लिए बायो-टेक फर्म्स में रिसर्च और डेवलपमेंट एक्टिविटीज से संबद्ध कार्य करते हैं। इसी तरह, ये पेशेवर पेट्रोलियम रिफाइनिंग, फ़र्टिलाइज़र टेक्नोलॉजी, फ़ूड प्रोसेसिंग, पेंट्स एंड डाइज रिसाईक्लिंग मेटल्स, कॉस्मेटिक्स, मिनरल बेस्ड इंडस्ट्रीज की फ़ील्ड्स में भी काम करते हैं।
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केमिकल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता

डिप्‍लोमा कोर्सेज
डिप्लोमा कोर्सेज करनें के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से 10वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। छात्र को 12वीं की कक्षा में साइंस, मैथमेटिक्स, इंग्लिश आदि जैसे मुख्य विषय से पास होना आवश्यक है।

अंडर ग्रैजुएट कोर्सेज
अभ्यर्थी को अंडर ग्रैजुएट कोर्सेज में प्रवेशके लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स आदि मुख्य विषयों से पास होना अनिवार्य है। इसके लिए अभ्यर्थी को स्टेट, सेंट्रल और गैर सरकारी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न प्रकार की प्रवेश परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है।

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज
पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री होना अनिवार्य है।

डॉक्टोरल कोर्सेज
डॉक्टोरल कोर्सेज में एडमीशन के लिए छात्र के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री अर्थात केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री होनी आवश्यक है।

केमिकल इंजीनियरिंग हेतु प्रवेश परीक्षा
केमिकल इंजीनियरिंग में विभिन्न विषयों में प्रवेश के लिए राज्य, राष्ट्रीय और विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। केमिकल इंजीनियरिंग में एडमीशन के लिए प्रवेश परीक्षाए इस प्रकार हैं।
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अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए
  • ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन
  • ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड
  • वीआईटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
  • दी महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
  • उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम
  • बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट

पोस्टग्रेजुएट के लिए कोर्सेज
  • वीआईटी यूनिवर्सिटी मास्टर एंट्रेंस एग्जाम
  • ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग
  • बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस हायर डिग्री एग्जाम

केमिकल इंजीनियरिंग के लिये टॉप इंस्टिट्यूट्स
देश में इंजीनियरिंग कोर्सेज करने के लिए सबसे बढ़िया कॉलेजों के तौर पर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजीज़ माने जाते हैं, जिसके अनुसार टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज निम्नलिखित हैं।

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी खड़गपुर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कानपुर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रुड़की
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी
  • अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी हैदराबाद

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UPSC Exam Tips: यूपीएससी की तैयारी के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स, मिलेगा फायदा

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UPSC Exam Preparation Tips: जल्‍द ही सिविल सर्व‍िस की परीक्षा होने वाली है, जिसकी तैयारियों में इस समय छात्र जुटे हुए हैं। कोरोना के कारण इस समय ज्‍यादातर उम्‍मीदवार अपने घर पर रहकर खुद से व ऑनलाइन परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं। कोरोना के इस भयावह आतंकी माहौल में आप किस मानसिकता से गुजर रहे होंगे, इसका अनुमान लगा पाना बिल्कुल भी कठिन नहीं है, लेकिन एक बात मैं यहां जरूर कहना चाहूंगा कि यदि आप सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको इस समय दूसरों की तुलना में अधिक ठोस और स्थिर मस्तिष्क वाले एक कर्मठ युवा का परिचय देना होगा।

तैयारी में ढील नहीं
आपको यह बात गांठ बांध लेनी चाहिये कि चाहे वह प्रारंभिक परीक्षा हो या मुख्य परीक्षा या फिर अंतिम चयन ही क्यों न हो, कटऑफ मार्क्स के कम होने की उम्मीद बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। पिछली बार के परीक्षा परिणाम इस तथ्यों को प्रमाणित भी करते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी तैयारी में किसी भी तरह की कोई ढील न दें, पूरी मेहनत से अपने पाठ्यक्रम की तैयारी करें, जिससे आप दूसरों से बेहतर कर सकें।

दो भाग में बांट कर करें तैयारी
आपके सामने जो वक्त है, उसे आप दो भागों में बांट सकते हैं, इसके पहले भाग का संबंध मुख्‍य परीक्षा की तैयारी से है, यह ठीक है कि प्रारंभिक परीक्षा के बाद आपको मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिये लगभग तीन माह का समय मिलेगा, लेकिन बेहतर होगा कि आप उस समय को रिवीजन के लिए सुक्षित रखें। ऐसे में आपको करना यह चाहिये कि फिलहाल बचे हुए दिनों को पूरी तरह से मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए समर्पित कर दें। मुख्य परीक्षा की तैयारी से मेरा मतलब है, वैकल्पिक विषय और निबंध लेखन की तैयारी से।
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ऑप्शसनल पेपर में अच्छा स्कोर
पिछले कुछ वर्षों से देखने में आ रहा है कि वे ही प्रतियोगी बेहतर सफलता प्राप्त कर पा रहे हैं, जिनके ऑप्शसनल पेपर में अच्छा स्कोर होता है, आपको फिलहाल इसे समय देना चाहिए, आप खासकर अपने विषय के उन हिस्सों पर फोकस कर सकते हैं, जिन्हें आपने या तो पूरी तरह छोड़ दिया है या फिर उन्हें थोड़ी उदासीनता के साथ पढ़ा है। इससे आपका यह विषय अधिक बेहतर हो सकेगा।

निबंध लेखन की प्रैक्टिस
निबंध लेखन की प्रैक्टिस करना समय का एक बेहतर सदुपयोग हो सकता है। आप यह योजना बना सकते हैं कि मैं रविवार को कम से कम दो निबंध तो लिखूंगा ही। इससे आपकी निबंध लिखने की अच्‍छी प्रैक्टिस हो जायेगी। इसका आपको आगे चलकर लाभ मिलेगा। साथ ही यदि कुछ समय जनरल स्टपडीज और आप्शेनल पेपर के आन्सर राइटिंग को दे सकेंगे तो बेहतर होगा। बाद के जो दो महीने बचेंगे, उन्हें आप पूरी तरह से प्रारंभिक परीक्षा को दें।
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स्मार्ट वर्क की जरूरत
प्रतिवर्ष लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा में भाग लेते हैं लेकिन उनके द्वारा की गई कठोर मेहनत सही दिशा में की गई तैयारी से ही इस परीक्षा में सफलता सुनिश्चित होती है। आईएएस परीक्षा में एक कड़ी मेहनत के साथ-साथ एक स्मार्ट सोच और रणनीति का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। कई उम्मीदवार इस परीक्षा में काफी समय देते हैं और इसके बावजूद भी वह सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि वह केवल हार्ड वर्क करते हैं जबकि यदि हम इस परीक्षा की प्रकृति को देखें तो इसमें सफल होने के लिए एक विशेष अथवा स्मार्ट वर्क की आवश्यकता है। यही स्मार्ट वर्क या रणनीतिबद्ध तैयारी आपकी सफलता का मूलमंत्र साबित हो सकती है।

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Study Abroad: विदेश से पढ़ाई करके बनना चाहते हैं Entrepreneur? अच्छी सैलरी पैकेज के साथ कई फायदे

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Study Abroad Tips And Advice: इस समय देश में प्रतिदिन नए-नए उद्यमी निकल रहे हैं, जिसमें से कुछ सफल होते हैं, तो कुछ असफल। हालांकि इसके बाद भी युवा स्‍टार्टअप शुरू कर उद्यम में अपनी किस्‍मत आजमाने से पीछे नहीं हट रहे। उद्यम में हर तरह के लोग सफल हो रहे हैं, लेकिन ऐसे युवा अधिक सफल हो रहे हैं, जो किसी दूसरे देश से अपनी एजुकेशन पूरी करने के बाद यहां पर स्‍टार्टअप शुरू कर रहे। ऐसे युवाओं को अपने वैश्विक नेटवर्क के साथ नई संस्कृति, बेहतर शिक्षा का फायदा अपने स्‍टार्टअप में मिल रहा है।

भाषा कौशल में सुधार
विदेश में अध्ययन करके, आपको अपने भाषा कौशल को सुधारने का अवसर मिलेगा। कक्षा में किसी भाषा का अध्ययन करना फायदेमंद होता है, लेकिन इसे वास्तविक दुनिया में लागू करना एक पूरी तरह से अलग अनुभव होता है। यह संभावना है कि आप भाषा को तेजी से सीखेंगे क्योंकि आप इसका नियमित रूप से अभ्यास कर रहे हैं। आप उस संवादी भाषा को भी चुन सकेंगे जो आप कक्षा में नहीं पढ़ेंगे, जिससे आप स्थानीय की तरह बोल सकेंगे। यह अपने बिजनेस को ग्‍लोब स्‍तर पर पहुंचाने में काफी फायदा पहुंचाता है।

बेहतर शिक्ष्‍ख प्राप्‍त करना
प्रत्येक देश की शिक्षण की अपनी अनूठी शैली होती है। विदेश में अध्ययन करने से आपको अपने शैक्षणिक क्षितिज का विस्तार करने और विभिन्न शैक्षिक सेटिंग्स के अनुकूल होने की क्षमता विकसित करने में मदद मिल सकती है। शिक्षण की विभिन्न शैलियों को अपनाने से आपको विभिन्न प्रबंधन शैलियों के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिल सकती है। जिससे आप कार्यस्थल में अधिक बहुमुखी बन सकते हैं।
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अंतरराष्ट्रीय अनुभव का फायदा
विदेश में पढ़ाई करने से आपको अपना स्‍टार्टअप शुरू करने और कार्यबल में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिल सकती है। आपका अंतरराष्ट्रीय अनुभव विदेशी कंपनियों के साथ जुड़ने व उनके साथ डील करने का अवसर देते हैं। आप अपने बिजनेस को ग्‍लोब बना सकते हैं, इसके लिए आपको अलग से कोई मेहनत नहीं करनी पड़ेगी, यहां पर आपका अंतरराष्ट्रीय अनुभव ही काम आएगा।

नई संस्कृतियों और दृष्टिकोणों के बारे में जानकारी
एक अलग संस्कृति के साथ आपका अनुभव आपको अपने विश्वदृष्टि का विस्तार करने की अनुमति देता है। विदेश में अध्ययन करके, आप नए दृष्टिकोणों के बारे में जानेंगे और क्रॉस-सांस्कृतिक जागरूकता विकसित करेंगे। यह आपके बिजनेस में काफी फायदा पहुंचाएगा।
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सभी के साथ अधिक सहज बनेंगे
विदेश में अध्ययन करके, आप विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के साथ अधिक सहज होंगे, उनके अनूठे अनुभवों को महत्व देंगे और उनके साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करेंगे। अक्सर, हमारी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का इस बात पर बहुत प्रभाव पड़ता है कि हम विभिन्न परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया करते हैं। विभिन्न दृष्टिकोणों को प्राप्त करने से आपको अनुभवों को पूरी तरह से नए तरीके से देखने में मदद मिल सकती है। विदेश में पढ़ाई करके, आप अलग-अलग परवरिश वाले लोगों से मिलेंगे, जिससे आपको अपने क्षितिज का विस्तार करने और अपने दिमाग को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, किसी अन्य संस्कृति का अनुभव करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसमें डूब जाएं, और ऐसा करने का आदर्श तरीका दूसरे देश में रहना है।

बढ़ेगा आत्मविश्वास
दूसरे देश में रहने के दौरान अपने आप को किसी अन्य संस्कृति में विसर्जित करके, आप व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक मूल्यवान जीवन कौशल विकसित करते हैं। ये कौशल आपको अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में आत्मविश्वास का अतिरिक्त बढ़ावा दे सकते हैं। विदेश में पढ़ाई करना भारी पड़ सकता है, लेकिन जिन चुनौतियों का आप सामना करते हैं, वे आपको अधिक परिपक्व व्यक्ति बनने में मदद कर सकती हैं। आप पाएंगे कि आप अक्सर नई, अप्रत्याशित परिस्थितियों में कामयाब हो सकते हैं। यह अपने आत्मविश्वास को और बेहतर बनाने में मदद करेंगे। अपने नए वातावरण को जल्दी से अपनाने से आपकी आत्मनिर्भरता और लचीलापन बढ़ेगा।

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High Paid Jobs: जानें भारत के ऐसे 5 सेक्‍टर जहां मिलती है सबसे अच्‍छी सैलरी

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Highest Paying Job In India: आज के समय में हर कोइ प्रोफेशनल कोर्स करके अच्छी नौकरी की तलाश में रहता है। सभी के मां-बाप यही सोचते हैं कि उनका बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर या सीए जैसे प्रोफेशन में जाए और अच्‍छा पैसा कमाए, लेकिन, इन दिनों ट्रेंड बदल चुका है, अब कई ऐसे सेक्‍टर हैं जो लाखों करोड़ों में पैकेज देते हैं। ऐसे में हर नौकरीपेशा व्यक्ति ये जरूर सोचता है कि आखिर कौन सी नौकरी सबसे अच्छी है।

एफएमसीजी सेक्टर
हाल ही में एक सर्वे सामने आया है, जिससे पता चला है कि देश में सबसे अधिक पैसे एफएमसीजी सेक्टर में मिलते हैं। इस सेक्टर में औसत सालाना सीटीसी 11.3 लाख रुपए है। सेल्स, मार्केटिंग और सप्लाई चेन मैनेजमेंट के काम करने के लिए टैलेंटेड लोगों की मांग और 10 लाख रुपए से अधिक सैलरी देने की कैटेगरी में 30 फीसदी नौकरियां इसी सेक्टर में हैं। इसी के चलते यह सेक्टर अन्य सभी से आगे है। यह सेक्‍टर लगातार ग्रोथ कर रहा है और आने वाले समय में भी इस सेक्‍टर में नौकरी की भरमार रहेगी।
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दूसरे नंबर पर है पावर
एफएमसीजी के बाद दूसरे नंबर आता है पावर सेक्टर। सर्वे के अनुसार इस सेक्टर में सभी लेवल और काम में औसतन सालाना सैलरी 9.8 लाख रुपए है। पावर का क्षेत्र भी लगातार ग्रोथ कर रहा है, जिसके कारण प्रतिवर्ष इस क्षेत्र में हजारों युवाओं को जॉब मिलती है। यह सर्वे रैंडस्टैड के द्वारा किया गया था। सर्वे में अलग-अलग सेक्टर में मिलने वाली सैलरी के बारे में बताया गया है।

तीसरे नंबर पर है आईटी
भारत में कहा जाता है कि आईटी सेक्टर में सबसे अधिक पैसा मिलता है, कोरोन के बाद सबसे ज्‍यादा जॉब भी इसी क्षेत्र में मिल रही है। लेकिन इस सर्वे में आईटी सेक्टर तीसरे नंबर पर आया है। आईटी सेक्टर में काम करने वालों को सालाना औसतन 9.3 लाख रुपए सैलरी मिलती है। आईटी कैपिटल बेंगलुरु में पूरे देश में सबसे अधिक सैलरी मिलती है। यहां पर सालाना सैलरी 14.6 लाख रुपए मिलती है।
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फार्मा और हेल्थकेयर चौथे नंबर पर
सैलरी देने में चौथे नंबर पर है फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर, जिसमें सालाना औसतन 8.8 लाख रुपए सैलरी मिलती है। हालांकि कोरोना के कारण इस क्षेत्र में सैलरी का ग्रोथ बढ़ा है।

टेलिकॉम पांचवें पर
वहीं सैलरी देने में पांचवे नंबर पर टेलिकॉम सेक्‍टर आता है, इस सेक्‍टर में सालाना सैलरी 8.7 लाख रुपए है। हालांकि सर्वे में इस सेक्‍टर में और ग्रोथ की उम्‍मीद की गई है, आने वाले समय में यह सेक्‍टर एक दो पायदान फपर जा सकता है।

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English Tips: अंग्रेजी में नई vocabulary कैसे बनाएं? ये है बेहतर तरीका

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How To Improve Vocabulary: देश जैसे-जैसे ग्‍लोबल और डिजिटल होता जा रहा है, अंग्रेजी भाषा का महत्‍व भी बढ़ता जा रहा है, आज के समय में अंग्रेजी के वगैर अच्‍छी नौकरी संभव नहीं है, इस भाषा का अब हर जगह महत्‍व है, इसलिए लोग अपनी अंग्रेजी को बेहतर करने में लगे रहते हैं, लेकिन यह आम बोलचाल की भाषा न होने के कारण, कई बार लोग शब्‍दों के चक्‍कर में उलझ जाते हैं। विदित हो कि अंग्रेजी भाषा में अपनी शब्दावली में सुधार करने के कई तरीके हैं। उदाहरण के लिए, पढ़ना, संगीत सुनना, बातें करना आपकी शब्दावली में सुधार करने का एक शानदार तरीका हो सकता है।

पर्यायवाची और विलोम
पर्यायवाची एक शब्द है जिसका एक समान कई अर्थ होते हैं। वहीं विलोम एक ऐसा शब्द है जिसका विपरीत अर्थ होता है। नई शब्दावली सीखते समय, प्रत्येक शब्द के लिए कम से कम दो पर्यायवाची और दो विलोम शब्द खोजने का प्रयास करें। विशेषण या क्रियाविशेषण सीखते समय यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

थिसॉरस का उपयोग करें
थिसॉरस ऐसी संदर्भ पुस्तक है जो पर्यायवाची और विलोम प्रदान करता है। यह लेखकों द्वारा सिर्फ सही शब्द खोजने में मदद करने के लिए उपयोग किया जाता है। एक थिसॉरस अंग्रेजी सीखने वालों को अपनी शब्दावली का विस्तार करने में काफी मदद कर सकता है। आप एक ऑनलाइन थिसॉरस का उपयोग कर सकते हैं जो पहले से कहीं अधिक समानार्थी शब्द ढूंढना आसान बनाता है।
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शब्दावली थीम्स बनाएँ
शब्दावली विषयों की एक सूची बनाएं और प्रत्येक नए आइटम के लिए एक परिभाषा और एक उदाहरण वाक्य शामिल करें। विषय द्वारा सीखना उन शब्दों पर जोर देता है जो संबंधित हैं। यह आपको इन शब्दों और आपके चुने हुए विषय के बीच संबंधों के कारण नई शब्दावली याद करने में मदद करेगा।

तकनीकि का उपयोग करें
अंग्रेजी सीखने के लिए इस विषय में फ़िल्में या सिटकॉम देखना एक शानदार तरीका है। शब्दावली सीखने के लिए ऐसी फिल्‍मों व संगीत का उपयोग करें। उदाहरण के लिए, किसी फिल्म का एक दृश्य केवल अंग्रेजी में देखें। इसके बाद, अपनी मूल भाषा में वही दृश्य देखें। उसके बाद, उसी दृश्य को उपशीर्षक के साथ अंग्रेजी में देखें। अंत में, उपशीर्षक के बिना अंग्रेजी में दृश्य देखें। चार बार दृश्य देखने और अपनी भाषा का उपयोग करने में मदद करने के लिए, आप बहुत सी मुहावरेदार भाषा सीखेंगे।

शब्दावली सूची तैयार करें
अंग्रेजी विषय के शब्दावली की एक लंबी सूची का अध्ययन करने के बजाय, अपने दैनिक उपयोग व आम बोलचाल में उपयोग होने वाले शब्‍दों की शब्‍दावली खुद तैयार करें। इससे आप इनका प्रतिदिन उपयोग कर सकेंगे, और गलती होने पर तुरंत उन शब्‍दों को याद कर सकेंगे।
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लिखना जरूरी
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भाषा सीखते समय, लिखना सीखना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि बोलना, पढ़ना और सुनना। इसलिए प्रतिदिन अंग्रेजी भाषा में जरूर लिखें, लिखने के दौरान ही आप शब्‍दों को बना व याद कर पाएंगे। लिखते समय जब हम पर्यायवाची व विलोम शब्‍दों को याद करते हैं, तो उसके साथ सभी प्रकार के उपसर्ग को जोड़कर शब्‍दों का अभ्‍यास करते हैं। आपको स्वयं वाक्य बनाने की चिंता किए बिना, वर्तनी और व्याकरण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेंगे। अपने आप को अभिव्यक्त करने के नए तरीके सीखने का यह एक अच्छा तरीका हैए जो तब उपयोगी होगा जब आप लिखना शुरू करने के लिए कदम उठाएंगे।

अंग्रेजी में सोचो
हम हर समय कुछ न कुछ सोचते रहते हैं, जो ज्यादातर हमारे आसपास व दैनिक कार्य से जुड़ा रहता है। अगर इन चीजों को अंग्रेजी में सोचने की कोशिश करें तो अपने शब्‍दावली को काफी बढ़ा सकते हैं। यह एक बहुत ही प्रभावी अभ्यास है, क्योंकि आप एक निश्चित विषय के बारे में बोलने के लिए उन शब्दों की पहचान करने में सक्षम होंगे जिन्हें आप याद कर रहे हैं। यह उपयोगी भी है, क्योंकि, यदि आप किसी चीज़ के बारे में सोचते हैं, तो संभावना है कि आप इसके बारे में दूसरों के साथ भी बात करना चाहेंगे। इस अभ्यास को वास्तविक जीवन में अंग्रेजी में अपने भविष्य की बातचीत के लिए खुद को तैयार करने के तरीके के रूप में देखें।

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Preparation Tips for CS Exam: सीएस एग्जाम की कर रहे हैं तैयारी? जरूर अपनाएं ये टिप्स

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How To Prepare For CS Exam: एक्सपर्टस और पिछले वर्ष के टॉपर्स के अनुसार परीक्षा शुरू होने की तारीख से छह महीने पहले तैयारी शुरू करना बेहतर है। इससे आपको सभी विषयों को विस्तार से कवर करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। यदि आप इस अवधि में लगन से तैयारी करते हैं, तो आप सीएस परीक्षा 2020-2021 को क्रैक करने में सफल रहेंगे।

  • पहले 2 महीने- हर टॉपिक का डिटेल स्टडी करें और थॉट कॉन्सेप्ट बनाएं। पहले मुश्किल इशूज को सॉल्व करने की कोशिश करें। यह परीक्षा से पहले उन टॉपिक्स से संबंधित सभी डाउट को दूर करने में आपकी मदद करेगा।
  • तीसरा और चौथा महीना- स्टडी मटेरिअल और बुक्स कंप्लीट होने के बाद, सैंपल पेपर्स को सॉल्व करने का समय आ गया है। ताकि आपको रीयल एग्जाम के बारे में बेहतर समझ और रफ आइडिया हो सके।
  • अंतिम दो महीने- यह रिविजन का समय है। चार पेपरों में से प्रत्येक से सभी टॉपिक्स का रिवीजन करें। प्रतिदिन कम से कम 2-3 घंटे इसमें दें। यदि आप अंतिम समय में एक नए कॉन्सेप्ट को सीखने के बारे में पूरी तरह से श्योर नहीं हैं तो इसे न करें।

अपने सीएस सिलेबस और एग्जाम पैटर्न को जानें
यदि आप सीएस परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो आपको सीएस परीक्षा पैटर्न और नए सीएस सिलेबस के बारे में पूरी तरह से पता होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप सीएस फाउंडेशन प्रोग्राम की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि फाउंडेशन प्रोग्राम की परीक्षा में चार पेपर होते हैं।
पेपर में निम्नलिखित टॉपिक्स के प्रश्न शामिल हैं:-
इंग्लिश और बिजनेस कम्यूनिकेश्न, इकोनॉमिक्स और स्टेटिस्टिक, फाइनांशियल अकाउंटिंग और एलिमेंट्स ऑफ बिजनेस लॉ और मैनेजमेंट। आपको बिना किसी निगेटिव मार्किंग के 100 प्रश्न मिलते हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए आपको प्रत्येक पेपर पर न्यूनतम 40% अंक और सभी विषयों सहित कुल मिलाकर 50% अंक प्राप्त करने होंगे।
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एक टाइम टेबल बनाएं
यदि आप सीएस परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो सभी टॉपिक को कवर करने के लिए एक उचित टाइम टेबल बनाएं। पहले टफ टॉपिक से शुरुआत करें और जितना हो सके बेस डेवलप करने का प्रयास करें। ऐसा करके आप आसानी से उस टॉपिक पर डेप्थ का नोट बना सकते हैं। यह आपको परीक्षा में बेहतर स्कोर करने में भी मदद करेगा।

सबसे अच्छे सीएस स्टडी मटेरिअल्स के साथ तैयारी करें
आप सबसे बढ़िया स्टडी मटेरिअल के साथ सीएस परीक्षा 2020-2021 की तैयारी करें।

पिछले वर्ष के क्वेश्चन पेपर की प्रैक्टिस करें
पिछले वर्ष के क्वेश्चन पेपर से प्रैक्टिस करना सबसे बेहतर है और सीएस परीक्षा की तैयारी के लिए इस पर पूरी तरह से ध्यान दिया जाना चाहिए। कभी-कभी परीक्षा में इसी तरह के प्रश्न दोहराए जाते हैं। इसलिए, पिछले साल के प्रश्न-पत्रों का अभ्यास करें, इससे आपको यह महसूस करने में बहुत मदद मिलेगी कि एक ही कॉन्सेप्ट वाले क्वेश्चन पेपर को विभिन्न रूपों में कैसे ढाला जा सकता है।
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कंपनी सेक्रेटरी एग्जाम के लिए एक बेहतर कोचिंग खोजें
एक बेहतर कोचिंग क्लास खोजें ताकि आप गहराई से तैयारी कर सकें, कॉन्सेप्ट क्लीयर कर सकें। अगर आप फाउंडेशन प्रोग्राम की तैयारी कर रहे हैं तो आप खुद से तैयारी करें। लेकिन सीएस एक्जीक्यूटिव और सीएस प्रोफेशनल स्तर के लिए कोचिंग संस्थान में दाखिला लेना बेहतर है।

फोकस्ड रहे
आपको हर समय शांत और प्रेरित रहना होगा। हमेशा फोकस्ड रहें और समय का बेहतर सदुपयोग करें। अपने टाइम टेबल का पालन करें और इसे जारी रखने के लिए डेटरमाइंड रहें। ढिलाई न करें।

अधिक से अधिक सीएस सैंपल पेपर सॉल्व करें
हर दिन अधिक से अधिक वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्रों को हल करने का प्रयास करें। इससे आपको प्रश्न पत्र के पैटर्न को जानने में मदद मिलेगी। यह आपकी स्पीड को भी बढ़ावा देगा और यहां तक कि आपको टाइम मैनेजमेंट स्किल डेवलप करने में भी मदद करेगा।

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All About IPMAT Exam: क्या है आईपीएमएटी परीक्षा? ऐसे 12वीं के बाद सीधे पा सकते हैं IIM में एडमिशन

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IPMAT Exam Tips And Tricks: इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (आईपीएमएटी) अपनी तरह की एक अलग परीक्षा है, जिसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदौर पांच साल के इस कोर्स के लिए हर साल आयोजित करती है। यह उन छात्रों के लिए है, जिन्होंने 12 वीं पास कर लिया हो और आगे चलकर एमबीए करना चाहते हों। विश्वविद्यालय इस विशेष कार्यक्रम के लिए लगभग 150 सीटें प्रदान करता है। उपर्युक्त कार्यक्रम में प्रवेश की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों को आईपीएमएटी को पास करना होगा, यह परीक्षा काफी मुश्किल मानी जाती है, इसलिए हजारों छात्र हर साल इसको पास करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

आईपीएमएटी परीक्षा पैटर्न
  • परीक्षा का कुल समय- परीक्षा के लिए 120 मिनट मिलता है, प्रत्येक सेक्शन को 40 मिनट में पूरा करना होता है।
  • कुल प्रश्‍न - इनकी कुल संख्या 100 होती है।
  • कुल अनुभाग- 3 खंड हैं
  • अंकन योजना- प्रत्येक प्रश्न में 4 अंक होंगे। क्वांटिटेटिव एबिलिटी सेक्शन को छोड़कर प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 नंबर कट जाता है।
  • नीचे दिए गए प्रश्नों और समय अनुभाग के वितरण की जाँच करें
English Tips: अंग्रेजी में नई vocabulary कैसे बनाएं? ये है बेहतर तरीका

तैयारी कैसे करें

प्रतिदिन सभी विषयों का अध्ययन करें
उम्मीदवारों को अपनी पढ़ाई के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस प्रकार, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप सभी विषयों को दैनिक रूप से कवर कर रहे हैं। इस परीक्षा में सभी विषय समान महत्व के हैं और इसलिए, किसी भी विषय को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

लक्ष्य तय करें
उम्मीदवारों को तय करना है कि उनका लक्ष्य क्या है। इस परीक्षा में हजारों छात्र प्रतियोगी के तौर पर भाग लेते हैं, इसलिए अपना लक्ष्‍य निर्धारित करके तैयारी करें, यह मानकर चलें कि यह परीक्षा कठिन होने वाली है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र हल करें
पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों की मदद से परीक्षा में पूछे गए विषयों का विश्लेषण करें। चूंकि आईआईएम इंदौर द्वारा पाठ्यक्रम निर्धारित नहीं किया गया है, इसलिए पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का उपयोग करके यह जान सकते हैं कि परीक्षा में पहले कौन से विषय पूछे जाते थे।
Major Freedom Movements: गांधी जी के वे 7 आंदोलन, जिन्‍होंने दिखाया आजादी का रास्‍ता

मॉक टेस्‍ट दें
अपनी तैयारी के स्तर को जानने के लिए आप बहुत सारे मॉक टेस्ट दे सकते हैं। कई मॉक टेस्ट सीरीज़ ऑनलाइन उपलब्ध हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं।

वीडियो-आधारित मूल्यांकन
कोरोनावायरस महामारी के कारण, आईआईएम इंदौर प्रवेश के लिए उम्मीदवारों का वीडियो आधारित मूल्यांकन कर रही है, इसलिए इस मूल्‍यांकन के लिए भी पहले तैयारी करें।

बेसिक्स का ध्यान रखें
इस परीक्षा की तैयारी के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक यह सुनिश्चित करना है कि उम्मीदवारों को गणित, अंग्रेजी आदि में मूलभूत अवधारणाओं की स्पष्ट समझ हो। उम्मीदवारों को गणित और अंग्रेजी के मूल सिद्धांतों को स्पष्ट और संशोधित करने के लिए कक्षा 6 से 10 की गणित की पुस्तकों को संदर्भित करने की सलाह दी जाती है।

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Govt Scholarships After 10th: 10वीं के बाद कैसे मिलेगी स्कॉलरशिप? यहां देखें पूरी जानकारी

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Government Scholarship After 10th: शिक्षा एक सफल करियर की नींव होती है। हालांकि, भारत में शिक्षा की बढ़ती लागत के साथ, कई भारतीय छात्रों को 10वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखना मुश्किल लगने लगता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे कितने मेहनती या मेधावी हैं, हायर एजुकेशन जारी रखने के लिए जरूरी फाइनांशियल परेशानी के कारण छात्रों को अक्सर अपने सपने को त्यागने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इन छात्रों को सपोर्ट करने के लिए सरकार और कई निजी संगठनों की ओर से कुछ स्कॉलरशिप प्रोग्राम शुरू की गई हैं।

विद्याधन स्कॉलरशिप (VIDYADHAN SCHOLARSHIP)
विद्याधन स्कॉलरशिप प्रोग्राम सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन द्वारा आर्थिक रूप से दिव्यांग परिवारों के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा में सपोर्ट करने के लिए दिया जाता है। एग्जाम और इंटरव्यू सहित चयन प्रक्रिया के विभिन्न स्टेप के माध्यम से 10 वीं कक्षा पूरी करने के बाद छात्रों का चयन किया जाता है। चयनित उम्मीदवारों को फाउंडेशन की ओर से 2 साल के लिए स्कॉलरशिप मिलती है और लगातार अच्छा रिजल्ट मिलने पर यह सुनिश्चित हो जाता है कि उन्हें डिग्री कोर्स करने के लिए भी स्कॉलरशिप दी जाए।

प्रोग्राम के अंतर्गत वर्तमान में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पांडिचेरी, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों में 2800 से अधिक छात्र हैं। विद्याधन निम्नलिखित स्कॉलरशपि प्रोग्राम ऑफर करता है-
  • आंध्र प्रदेश इंटरमीडिएट प्रोग्राम
  • गुजरात कक्षा 11वीं प्रोग्राम
  • कर्नाटक प्लस 2 प्रोग्राम
  • केरल प्लस 2 प्रोग्राम
  • महाराष्ट्र 11वीं क्लास प्रोग्राम
  • तमिलनाडु और पुडुचेरी प्लस 1
  • तेलंगाना इंटरमीडिएट प्रोग्राम
ये सभी प्रोग्राम प्रत्येक राज्य तक सीमित हैं और एक राज्य के छात्र दूसरे राज्यों के प्रोग्राम्स के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। इन सभी स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए छात्रों की ई-मेल आईडी से रजिस्ट्रेशन कर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
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शिक्षा अभियान स्कॉलरशिप (SIKSHA ABHIYAN SCHOLARSHIP)
शिक्षा अभियान स्कॉलरशिप मोदी फाउंडेशन द्वारा संचालित एक ऑनलाइन स्कॉलरशिप है और केवल छात्रों की ट्यूशन फीस के लिए दी जाती है। छात्रों की योग्यता के आधार पर, स्कॉलरशिप 5% से लेकर 100% तक दी जाती है। स्कॉलरशिप के लिए कक्षा 8 से 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकते हैं। जो छात्र अपने बोर्ड के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं वे भी आवेदन कर सकते हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम यूपी के छात्र स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन के आधार पर छात्रों के प्रारंभिक चयन के बाद, उन्हें सब्जेक्ट एक्सपर्ट के साथ इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है ताकि वे उस स्कॉलरशिप की कैटेगरी पर डिसिजन ले सकें जिसके लिए वे आवेदन करना चाहते हैं। हालांकि, स्कॉलरशिप के लिए अंतिम चयन शिक्षा अभियान एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट पर आधारित है जो हर साल फरवरी और अक्टूबर-नवंबर के बीच चयनित राज्यों के विभिन्न केंद्रों में आयोजित की जाती है। शिक्षा अभियान एंट्रेंस एग्जाम के लिए परीक्षा शुल्क 400 रुपये है।

सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए सीबीएसई मेरिट स्कॉलरशिप योजना (CBSE MERIT SCHOLARSHIP SCHEME FOR SINGLE GIRL CHILD)
सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए सीबीएसई मेरिट स्कॉलरशिप योजना का उद्देश्य मेधावी छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप प्रदान करना है जो अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। छात्रों के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया हैं -

  • छात्र अपने माता-पिता की सिंगल गर्ल चाइल्ड होनी चाहिए।
  • छात्रों को अपनी दसवीं कक्षा की परीक्षा में 60% या 6.2 सीजीपीए या अधिक ग्रेड प्राप्त हुआ हो।
  • जो छात्र सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं।
  • ऐसे छात्र जिनकी ट्यूशन फीस एकेडमिक ईयर के दौरान 10वीं कक्षा के लिए 1500 रुपये प्रति माह से अधिक नहीं है और 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए 10% की वृद्धि है।
छात्र 10वीं कक्षा की मार्कशीट पर छपा अपना रोल नंबर और सर्टिफिकेट नंबर जमा करके और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करके स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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अखिल भारतीय मेधावी स्कॉलरशिप (ALL INDIA MERITORIOUS SCHOLARSHIP)
ऑल इंडिया मेरिटोरियस स्कॉलरशिप एक ऑनलाइन स्कॉलरशिप है जहां छात्रों को स्कॉलरशिप के लिए चयनित होने के लिए परीक्षा देनी होती है। जिन छात्रों ने कक्षा 10 और 12 दोनों की बोर्ड परीक्षा दी है, वे आवेदन करने के पात्र हैं। 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। छात्रों को रजिस्ट्रेशन के समय 249/- रुपये का एप्लीकेशन फीस देना होगा।
  • ऑल इंडिया मेरिटोरियस स्कॉलरशिप के तहत दो स्कॉलरशिप प्रोग्राम हैं- मेरिट-बेस्ड स्कॉलरशिप और नीड-कम-मेरिट-बेस्ड स्कॉलरशिप। योग्यता आधारित स्कॉलरशिप के लिए चयन पूरी तरह से टेस्ट रिजल्ट और इंटरव्यू पर निर्भर करता है।
  • दूसरी ओर, टेस्ट रिजल्ट, बोर्ड मार्क्स और इंटरव्यू के साथ परिवार की आय, नीड कम मेरिट बेस्ड स्कॉलरशिप के लिए छात्रों के चयन को तय करती है। प्रत्येक श्रेणी में 62 छात्रों के साथ अधिकतम 124 उम्मीदवारों को स्कॉलरशिप दी जाती है।

इंडियन ऑयल एकेडमिक स्कॉलरशिप (INDIAN OIL ACADEMIC SCHOLARSHIP)
इंडियन ऑयल एकेडमिक स्कॉलरशिप के तहत स्कॉलरशिप की कई कैटेगरी हैं जो 10वीं और उससे ऊपर के छात्रों को प्रदान की जाती हैं। 10वीं कक्षा पूरी करने वाले छात्रों को लगभग 2000 स्कॉलरशिप प्रदान की जाती हैं और इस स्कॉलरशिप की अवधि 2 वर्ष है। छात्रों को प्रति माह लगभग 1000/- रुपये की स्कॉलरशिप मिलती है।
जेनरल छात्र के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया उनके 10वीं कक्षा के बोर्ड रिजल्ट में कम से कम 65% स्कोर करना है, जबकि एससी या एसटी या ओबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए उनके बोर्ड के रिजल्ट में 60% है। दूसरी ओर, विकलांग व्यक्ति को इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होने के लिए कम से कम 50% अंक आवश्यक हैं।
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सरस्वती एकेडमी स्कॉलरशिप (SARASWATI ACADEMY SCHOLARSHIP)
सरस्वती एकेडमी स्कॉलरशिप 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पूरी करने वाले छात्रों के लिए विभिन्न स्कॉलरशिप प्रोग्राम प्रदान करती है। 10वीं कक्षा के छात्र भी स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो छात्र दसवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं, उन्हें सरस्वती एकेडमी स्कॉलरशिप प्रोग्राम (एसएएसटी) के लिए आवेदन कर सकते हैं और एसएएसटी में प्राप्त रिजल्ट के आधार पर, उनकी स्कॉलरशिप राशि शिक्षण शुल्क के 30% से कुल शुल्क के 100% तक हो सकती है। जो छात्र एसएएसटी में कोई रैंक हासिल करने में असमर्थ हैं, वे भी स्कॉलरशिप का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अपीयर हुए हों और उनका एप्लीकेशन बोर्ड परिणाम घोषित होने से पहले अपलोड किया गया हो। इस कैटेगरी के छात्र लगभग 15000/- की स्कॉलरशिप प्राप्त कर सकते हैं।

एनसीईआरटी स्कॉलरशिप (NCERT SCHOLARSHIP)
एनसीईआरटी स्कॉलरशिप का उद्देश्य 10वीं कक्षा के प्रतिभाशाली छात्रों को फाइनांशियल सपोर्ट प्रदान करना है ताकि उन्हें हायर स्टडी जारी रखने में मदद मिल सके। एनसीईआरटी स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए दो चरणों में टेस्ट आयोजित करता है। एनसीईआरटी परीक्षा का प्रथम स्तर स्टेट लेवल पर राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of State Education Research and Training) द्वारा आयोजित किया जाता है। जबकि दूसरे लेवल की परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा आयोजित की जाती है। छात्र आवेदन फार्म ऑनलाइन भर सकते हैं।

पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप (POST-MATRIC SCHOLARSHIP)
पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप सोसाइटी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के योग्य उम्मीदवारों के लिए स्कॉलरशिप प्रदान करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश / राज्य प्रशासन (Union Territory/ State administration) द्वारा शासित है। छात्रों को स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होने के लिए अपनी 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। चयनित छात्रों को मेंटेनेस अलाउंस, बुक अलाउंस और दिव्यांग छात्रों को एडिशनल अलाउंस प्रदान किया जाता है।

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Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

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Stock Market Trading As A Career: शेयर बाजार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ट्रेडिंग इंडस्ट्री के विस्तार के साथ इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। विभिन्न पृष्ठभूमि के कैंडिडेट अब स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में रुचि दिखा रहे हैं। फूल टाइम ट्रेडर बनने के लिए, फाइनांशियल स्टेटस, फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस का बेसिक नॉलेज होना चाहिए। पुराने दिनों में, स्टॉक एक्सचेंज कागज-आधारित फिजिकल शेयर सर्टिफिकेटस के साथ ट्रेडिंग करते थे, हालांकि, आधुनिक युग में, लगभग 100% ट्रेडिंग टेक्नोलॉजी के माध्यम से और केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर के उपयोग से होता है।

ट्रेडिंग में फुल टाइम करियर के फायदे (Stock market trading as a career option)

  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
यहां सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि यदि हम भारत में मोस्ट डिजायर जॉब और जॉब प्रोफाइल की सूची की तुलना कुछ विकसित देशों से करते हैं, तो हम एक क्लीयर डेमरसेशन (demarcation) देखते हैं। इंडियन सोसाइटी और एजुकेशन सिस्टम में हमेशा एक डॉक्टर या एक इंजीनियर की नौकरियों को सबसे प्रतिष्ठित नौकरियों के रूप में देखा गया है, जबकि विकसित देशों में छात्रों ने हमेशा ट्रेडिंग को सबसे फेवरिट माना है।
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फाइनांस, अकाउंटस और कॉमर्स में डिग्री के साथ जॉब रोल
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)

सफल ट्रेडर बनने के लिए इन बातों का ध्यान रखें
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
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योग्यता (Eligibility)
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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Scholarship Exams after 12th: बेस्ट कॉलेज में चाहिए एडमिशन? तो 12वीं के बाद जरूर दें ये स्कॉलरशिप एग्जाम

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Govt Scholarship After 12th: 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद छात्रों को मनपसंद कोर्स के लिए सही कॉलेज मिलने की चिंता सताने लगती है। इसके साथ ही इनदिनों एडमिशन के लिए कॉलेज मोटी फीस लेते हैं। ऐसे में फीस, खर्च के दबाव को कम करने का एक ऑप्शन यह है कि आप 12वीं कक्षा के बाद हायर एजुकेशन के लिए बड़ी राशि का भुगतान करने के अच्छी स्कॉलरशिप प्रोग्राम की तलाश करें और उसका फायदा उठाएं।

कॉलेज एडमिशन स्कॉलरशिप एडमिशन (CASA)
कॉलेज एडमिशन स्कॉलरशिप एडमिशन (CASA) 12वीं के बाद एक पॉपुलर स्कॉलरशिप एग्जाम है। यह छात्रों को 100% तक ट्यूशन फीस में छूट दिला सकता है। CASA एप्लीकेशन प्रोसेस आमतौर पर जून में शुरू होती है और इस स्कॉलरशिप के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं है।

योग्यता क्राइटेरिया (Eligibility for CASA)
  • सीबीएसई, आईसीएसई या किसी अन्य मान्यता प्राप्त राज्य बोर्ड से कक्षा 12वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं।
  • ग्रेजुएशन पूरा कर चुके छात्र भी पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के लिए फॉर्म भर सकते हैं।

CASA के लिए इस प्रकार आवेदन कर सकते हैं:
  • आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से CASA के साथ रजिस्ट्रेशन करें।
  • दिए गए निर्देशों का पालन करें और एप्लीकेशन फॉर्म भरें।
  • जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें
  • आवेदन करने के बाद, आपको अपनी उम्मीदवारी और आपके लिए स्कॉलरशिप के संबंध में एसएमएस और ईमेल अलर्ट प्राप्त होंगे।

शिंडलर इग्निटिंग माइंड्स स्कॉलरशिप (Schindler Igniting Minds Scholarship)
शिंडलर इग्नाइटिंग माइंड्स स्कॉलरशिप ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है। स्कॉलरशिप विशेष रूप से कक्षा 12 वीं पास छात्रों के लिए है, जो सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स करने की योजना बना रहे हैं। शिंडलर स्कॉलरशिप का उद्देश्य योग्य छात्रों को फाइनांशियल सपोर्ट प्रदान करना है। हर साल, लगभग 75 छात्रों को इस स्कॉलरशिप से सम्मानित किया जाता है, जो 20 हजार रुपए की है।

योग्यता
  • जिन छात्रों ने साइंस स्ट्रीम में कक्षा 12वीं को कम से कम 65% अंकों के साथ पास किया हो।
  • छात्र की पारिवारिक आय 2 लाख प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • इलेक्ट्रिकल, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्यूनिकेशन जैसे इंजीनियरिंग स्ट्रीम में डिप्लोमा करने की योजना बना रहे उम्मीदवार आवेदन करने के लिए पात्र हैं।
  • जो उम्मीदवार पहले से ही डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं, वे भी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • उम्मीदवार की आयु 20 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया
  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • फेसबुक, गूगल प्लस या ईमेल अकाउंट का उपयोग करके लॉगिन/रजिस्ट्रेशन करें।
  • एक बार साइन इन करने के बाद, 'स्टार्ट एप्लिकेशन' लिंक पर क्लिक करें।
  • सभी विवरण भरें और जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें फिर सबमिट करें।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड्स (Dr APJ Abdul Kalam Ignite Awards)
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड्स का आयोजन करता है। यह छात्रवृत्ति युवा दिमागों को उनके इनोवेशन और थॉट को प्रदर्शित करने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करती है। इन स्कॉलरशिप टेस्ट में 12वीं के बाद और 12वीं तक के छात्र भाग ले सकते हैं। इसके लिए अपने थॉट्स को टेक्स्ट में लिखें और इसे आधिकारिक वेबसाइट पर ईमेल करें। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि आमतौर पर हर साल अगस्त के अंतिम सप्ताह में होती है।
इग्नाइट अवार्ड्स एक वार्षिक राष्ट्रीय प्रतियोगिता (annual national competition) है जिसका उद्देश्य बच्चों की क्रिएटिविटी और इनोवेटिव स्प्रीट को बढ़ावा देना है।

योग्यता
  • इग्नाइट अवार्ड्स के लिए कक्षा 12वीं तक के छात्र अपने थॉट्स भेज सकते हैं।
  • उम्मीदवार की अधिकतम आयु 17-18 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यदि आपने हाल ही में स्कूल से पास आउट किया है, तो आप भी आवेदन करने के पात्र हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी स्कॉलरशिप (PM Narendra Modi Scholarship )
पीएम नरेंद्र मोदी ने विभिन्न अंडर ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन के लिए 12 वीं पास छात्रों के लिए स्कॉलरशिप शुरू की। यह योजना एक्स आर्मीमैन के बच्चों को फाइनांशियल सपोर्ट भी प्रदान करती है। यह B.Tech/B.E., B.A, BBA, BCA, M.A, M.Com, M.Sc, PhD, फार्मेसी और मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए 5,500 स्कॉलरशिप प्रदान करता है।

योग्यता
  • स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को न्यूनतम 75% के साथ कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण होना चाहिए।
  • छात्रों की आयु 18-25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • जिन छात्रों के परिवार की आय सालाना 6 लाख रुपये से कम है वे आवेदन करने के पात्र हैं।
  • पीएम स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि आमतौर पर नवंबर के दूसरे सप्ताह में होती है। छात्रवृत्ति के लिए चुने गए उम्मीदवारों को 2,000 रुपए प्रति माह (boys) और 2,250 रुपए (girls) दिए जाते हैं। इसके लिए केंद्रीय सैनिक बोर्ड (Kendriya Sainik Board website) की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

लड़कियों के लिए एआईसीटीई प्रगति छात्रवृत्ति (AICTE Pragati Scholarship for Girls)
देश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, एआईसीटीई उन महिला छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करता है जो टेक्नोलॉजी में हायर एजुकेशन प्राप्त करना चाहती हैं। इसलिए एआईसीटीई पुरस्कार 30,000 रुपए प्रति वर्ष 4,000 लड़कियों को दी जाती है। AICTE प्रगति स्कॉलरशिप के लिए आवेदन हर साल अगस्त / सितंबर में शुरू होते हैं, और AICTE स्कॉलरशिप के लिए कोई प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है।

योग्यता
  • महिला छात्र जो एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित किसी भी कॉलेज से डिप्लोमा या डिग्री कोर्स के प्रथम वर्ष में हैं, वे स्कॉलरशिप के लिए पात्र हैं।
  • यदि उम्मीदवार को शिक्षण शुल्क माफी के लिए चुना जाता है, तो 30000 रुपए प्रति वर्ष उम्मीदवारों को किताबें, वाहन, लैपटॉप और डेस्कटॉप खरीदने के लिए दी जाती है।

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Indian Army Exam Tips: इंडियन आर्मी के लिए इस तरह करें तैयारी, एक बार में होगा एग्जाम क्लियर

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How To Prepare For Army Exam: आर्मी बहुत ही अच्छी जॉब होती है क्यूंकि इससे हमें अपने देश की सेवा करने का मौका भी मिलता है। सच्चा आर्मी वही आदमी बन सकता है जिसे खुद के जान जाने से ज्यादा देश का सर झुकने का डर होता है, शायद यही वजह की हम सभी आर्मी की इतनी इज्ज़त और उन्हें इतना सम्मान देते है। आज के समय में भारतीय सेना युवा पीढ़ी के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्र बन गई है। एक समय था जब यह कहा जाता था कि उन्हें युवा लड़कों को भारतीय सेना में आने और शामिल होने के लिए मजबूर करना पड़ता है, लेकिन आज युवा इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।

भारतीय सेना ने वेतन से लेकर जीवन स्तर तक, चिकित्सा सुविधाओं से लेकर भारतीय सेना के वेतन में जबरदस्त वृद्धि तक हर पहलू में सुधार किया है। इस सारे बदलाव ने सेना को भारत में सबसे अधिक वांछित पेशे में से एक बना दिया है और प्रतिवर्ष लाखों युवा सेना में जाने की तैयारी करते हैं।

अवसरों की तलाश करें (Army Recruitment Opportunities)

पहली चीज जो आपको करनी चाहिए वह आगामी अवसरों की तलाश है। यदि आगामी महीनों में आपके राज्य में कोई रैली होती है, तो आप इसे 2 या 3 महीने से पहले अच्छी तरह से देख पाएंगे। अपने राज्य में सभी आगामी भारतीय सेना भर्ती के साथ खुद को अपडेट रखें। सेना के नए नियमों के अनुसार, आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़कर 23 वर्ष हो गई है, लेकिन पहले के विपरीत, एक वर्ष में प्रत्येक राज्य के लिए केवल एक खुली रैली होगी। इसका मतलब है कि आपको साल में केवल एक ही मौका मिलेगा।
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अपने दस्तावेज़ व्यवस्थित करें (Documents Required for Army)
एक बार जब आप जानते हैं कि आपके राज्य में किसी भी समय पास में एक भर्ती होगी, तो आपका अगला कदम आपके सभी दस्तावेजों को तैयार करने का होना चाहिए। आप सिर्फ इसलिए बाहर नहीं निकलना चाहते क्योंकि आपने अपने दस्तावेज तैयार नहीं किए हैं। इसलिए, कम से कम 1 या 2 महीने से पहले अपने सभी दस्तावेजों के साथ तैयार रहें। निम्नलिखित दस्तावेज हैं जो भर्ती के लिए आवश्यक हैं।
  • कक्षा 10 वीं का उत्तीर्ण प्रमाण पत्र।
  • कक्षा 10 वीं और 12 वीं की मार्क शीट।
  • राज्य के अधिवास से आवेदन, जाति प्रमाण पत्र।
  • गाँव के सरपंच द्वारा हस्ताक्षरित फोटो के साथ चरित्र प्रमाण पत्र।
  • स्कूल प्रिंसिपल द्वारा जारी किया गया चरित्र प्रमाण पत्र।
  • एनसीसी प्रमाण पत्र, रिलेशनल सर्टिफिकेट और उत्कृष्ट खिलाड़ी प्रमाण पत्र जैसे अतिरिक्त दस्तावेजों को एक संबंधित अधिकारी से सत्यापित किया जाना चाहिए।
  • राजपत्रित रैंक अधिकारी द्वारा विधिवत रूप से सत्यापित प्रत्येक दस्तावेज की एक फोटोकॉपी के साथ मूल रूप से आपके पास सभी उपर्युक्त दस्तावेज होने चाहिए।

तैयारी में इन बातों का दे ध्‍यान
आप बिना किसी तैयारी के 5 मिनट में 1600 मीटर तक चमत्कारिक ढंग से दौड़ नहीं सकते और वह भी ऐसी भीड़ के साथ जहां आपको एक इंच भी खाली जगह नहीं मिलेगी। इसलिए आप सभी को सुझाव देते हैं कि आप अपनी तैयारी भर्ती के 1 या 2 महीने से पहले शुरू कर दें।
  • अपनी तैयारी में नियमित रहें, निर्णय के दिन विसंगति बहुत महंगी साबित होगी। इसलिए, नियमित रूप से दौड़ने और अन्य व्यायाम के लिए जाएं।
  • अपनी गति और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए वीडियो देखें, यह बहुत मदद करेगा।
  • यदि संभव हो, तो एक ऐसी जमीन पर दौड़ने की कोशिश करें जो बहुत कठिन न हो, घुमावदार दौड़ें क्योंकि यह सीधे दौड़ने से ज्यादा फायदेमंद है।
  • सुनिश्चित करें कि जब आप थके हुए हों तब भी मुंह के बजाय नाक से सांस लेने की आदत डालें। नाक के माध्यम से साँस लेने से आपकी सहनशक्ति का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
  • व्यायाम करते समय बहुत अधिक पानी न पिएं, हर निश्चित अंतराल के बाद बस एक घूंट लें। लेकिन सुनिश्चित करें कि आप अपने व्यायाम के बाद बहुत सारे तरल पदार्थ और पानी का सेवन करते हैं।
  • अपने खाने की आदतों को भी नियंत्रित करने की कोशिश करें, भारी और तैलीय भोजन आपके लिए परेशानी का सबब बन जाएगा, इसलिए हल्का और स्वस्थ भोजन खाने की कोशिश करें। अपने भोजन के लिए एक विशेष समय सारिणी भी बनाए रखें और ऐसे भोजन का सेवन करें जिससे आपके शरीर में ऑक्सीजन की खपत बढ़े हरी सब्जियाँ।
  • अन्य अभ्यास जैसे पुश-अप्स, चिन-अप्स आदि का अभ्यास करना न भूलें। दौड़ साफ़ करने के बाद, आपको इन अभ्यासों से निपटने की आवश्यकता होगी।
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मेडिकल टेस्ट (Army Medical Test)
यदि आप चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं हैं तो आपकी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी। इसलिएए आपकी सबसे अच्छी चिकित्सा स्थिति में होना बहुत महत्वपूर्ण है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप सेना के चिकित्सा मानदंडों में फिट हैं। चिकित्सा परीक्षण के लिए जाने से पहले अपने नाखूनों व बाल को कटवा लें और दाढ़ी बनाना न भूलें। यदि संभव हो तो शरीर के बाल जैसे अंडरआर्म्स के बाल आदि से छुटकारा पाने की कोशिश करें। अपने कान से वैक्स निकलवाने के लिए डॉक्टर के पास जा सकते हैं।

रैली में ध्‍यान देने की बात
सबसे पहले आप सामने की पंक्ति में और पहले बैच में आने की पूरी कोशिश करें। दौड़ की शुरुआत में बहुत अधिक ऊर्जा न जलाएं, बस एक अच्छी गति से दौड़ें। शांत रहने की कोशिश करें, जब आप अपने साथ भीड़ को देखेंगे, तो आपका आत्मविश्वास कम हो सकता है, लेकिन चिंता न करें, हर किसी ने आपके जितना कठिन काम नहीं किया है। अंतिम में अपनी गति बढ़ाएं और अपना सर्वश्रेष्ठ दें। रैली में भाग लेने के दौरान अपना संतुलन ढीला न करें, एक बार गिरना आपको बहुत महंगा पड़ सकता है।

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Career In Teaching: टीचिंग में करियर कैसे बनाएं? एजुकेशन से लेकर जॉब प्रोफाइल तक, जानें पूरी डीटेल

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How To Become A Teacher: देश में शिक्षा का स्‍तर लगातार बढ़ता जा रहा है, शहर से लेकर गांव तक हर जगह प्रतिवर्ष हजारों नए स्‍कूल-कॉलेज खुल रहे हैं। जिनमें पढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष शिक्षकों की नई भर्तियां भी होती हैं, जाहिर है कि इस क्षेत्र में न कभी मंदी आई है और न ही आएगी। हालांकि कोरोन के कारण यह क्षेत्र अभी जरूर प्रभावित हुआ है। शिक्षक कैसे बना जाए और उसके क्‍या फायदे व नुकसान है, आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

बैचलर ऑफ एजुकेशन (Bachelor of Education)
शिक्षा के क्षेत्र में आने के लिए युवाओं के बीच यह कोर्स काफी लोकप्रिय है। पहले यह कोर्स एक साल का था, जिसे 2015 से बढ़ाकर दो साल का कर दिया गया है। इस कोर्स को करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है। एग्जाम देने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। इस कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार प्राइमरी, अपर प्राइमरी और हाई स्कूल में पढ़ाने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। कई प्राइवेट कॉलेज एंट्रेंस टेस्ट के बिना भी सीधे एडमिशन तो देते हैं मगर उन कॉलेजों से बीएड करना ज्यादा लाभदायक है जो एंट्रेंस प्रोसेस के तहत दाखिला देते हैं। हर साल बीएड कोर्स के लिए एंट्रेंस टेस्ट कंडक्‍ट किया जाता है, राज्यस्तरीय परीक्षाओं के अलावा इग्नू, काशी विद्यापीठ, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीएड पाठ्यक्रमों को काफी बेहतर माना जाता है।

बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट
बीटीसी सिर्फ उत्तर प्रदेश के उम्‍मीदवारों के लिए है। यह भी दो साल का कोर्स है, इस कोर्स को करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है, इस परीक्षा के लिए जिले स्तर पर काउंसलिंग कराई जाती है, परीक्षा देने के लिए उम्मीदवारों का ग्रेजुएट होना जरूरी है, साथ ही इसके लिए आयु सीमा 18 से 30 साल रखी गई है। इस कोर्स को करने के बाद उम्‍मीदवार प्राइमरी और अपर प्राइमरी लेवल के टीचर बनने के योग्‍य हो जाते हैं।
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नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (Nursery Teacher Training)
यह कोर्स महानगरों में ज्यादा प्रचलित है, यह दो साल का होता है, इस कोर्स में एडमिशन 12वीं के अंकों के आधार पर या कई जगह प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। प्रवेश परीक्षा में करंट अफेयर्स, जनरल स्टडी, हिन्दी, रीजनिंग, टीचिंग एप्टीट्यूड और अंग्रेजी से सवाल पूछे जाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद उम्‍मीदवार प्राइमरी टीचर बनने के लिए एलिजिबिल हो जाते हैं।

बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन ( Bachelor in Physical Education)
फिजिकल एजुकेशन में रोजगार के काफी नए अवसर शिक्षकों को मिल रहे हैं। निजी और सरकारी स्कूल बड़े पैमाने पर फिजिकल टीचरों की बहाली कर रहे हैं, इस पाठ्यक्रम में शिक्षक बनने के लिए दो तरह के कोर्स कराए जाते हैं, जिन उम्मीदवारों ने ग्रेजुएट लेवल पर फिजिकल एजुकेशन एक सब्‍जेक्‍ट के रूप में पढ़ा है वे एक साल वाला बीपीएड कोर्स कर सकते हैं। वहीं, जिन्होंने 12वीं में फिजिकल एजुकेशन पढ़ी हो वे तीन साल वाला स्नातक कोर्स कर सकते हैं। इसके एंट्रेंस टेस्ट में फिजिकल फिटनेस टेस्ट के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी देनी होती है। एंट्रेंस टेस्‍ट में पास होने के बाद इंटरव्‍यू भी क्‍वालिफाई करना जरूरी है।

जूनियर टीचर ट्रेनिंग ( Junior Teacher Training)
जूनियर टीचर ट्रेनिंग कोर्स के लिए न्यूतम योग्यता 12वीं है और इस कोर्स में दाखिला कहीं मेरिट के आधार पर तो कहीं प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है। इस कोर्स को करने के बाद उम्‍मीदवार प्राइमरी टीचर बनने के लिए एलिजिबिल हो जाते हैं।
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डिप्लोमा इन एजुकेशन ( Diploma in Education)
डिप्लोमा इन एजुकेशन का यह दो वर्षीय कोर्स बिहार और मध्य प्रदेश में प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए कराया जाता है। इस कोर्स में 12वीं के अंकों के आधार पर एडमिशन होता है।

शिक्षक बनने के फायदे

  • शिक्षक को समाज में बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
  • शिक्षक बनने का एक फायदा यह है कि उन्हें एक साल में बहुत सारी छुट्टियां मिलती हैं। जैसे कि गर्मियों की छुट्टी, सर्दी की छुट्टी और बाकी सभी सरकारी छुट्टियां।
  • शिक्षक अपने काम से कभी नहीं उबता है। वह अपने बच्चों की तरह ही उन्हें भी पढ़ाता है और अच्छे संस्कार भी देता है।
  • शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है क्योंकि हर साल उन्हें एक ही विषय पढ़ाना होता है जिससे कि उन्हें वह याद हो जाता है और आसानी से पढ़ा पाते हैं।
  • शिक्षक को अपनी कक्षा में ज्यादा जिम्मेदारी नहीं उठानी पड़ती है। न तो कोई पैसे का कोई लेनदेन करना पड़ता है और न ही रोज नए लोगों का स्वागत करना पड़ता है।
  • इसमें किसी तरह की असुरक्षा का डर नहीं रहता है। यदि किसी कारणवश कक्षा में जल्दी नहीं भी पहुंच पाते है तो उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता और इनसे किसी के जानमाल तक को नुकसान नहीं पहुंचता है।
  • बचपन में जब अपने शिक्षक से पढ़ते हैं तब उनके पढ़ाने के अधिकतर क्रियाकलाप हम जान जाते हैं और उस वजह से हमें पढ़ाने में भी आसानी होती है।
  • शिक्षकों को एक दिन में केवल कुछ ही क्लास पढ़ाना पड़ता है। बाकी क्लास दूसरे शिक्षक पढ़ाते हैं।
  • शिक्षक को शारीरिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। कक्षा या कमरे में बैठकर आराम से बच्चों को केवल पढ़ाना होता है।

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Study MBBS Abroad: विदेश से करना चाहते हैं MBBS? इन देशों में सबसे सस्ती होगी पढ़ाई

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Best Country For MBBS: मेडिकल का क्षेत्र करियर के सबसे लोकप्रिय ऑप्‍शन में से एक है। हर मां-बाप अपने जीवन में एकबार जरूर सोचता है कि उसका बेटा-बेटी डॉक्‍टर बनें, हालांकि आज के समय में यह आसान नहीं है। एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करना डॉक्टर बनने की यात्रा का पहला कदम है, लेकिन इस पहले कदम को उठाने की हिम्‍मत ही कोई सामान्‍य परिवार नहीं कर सकता। क्‍योंकि भारत में मेडिकल सीट प्राप्त करना इतना आसान नहीं है।

उपलब्ध सीटों की संख्या और आवेदकों की संख्या के बीच अंतर के कारण, भारत में एमबीबीएस प्रवेश के लिए यह प्रतियोगिता बढ़ रही है। वहीं प्राइवेट कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने में करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं, इसलिए छात्र विदेश में एमबीबीएस कोर्स का विकल्प चुनते हैं, जहां पर सस्‍ती और अच्‍छी एजुकेशन मिलती है।

विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई क्यों (Why Study MBBS Abroad)
  • आमतौर पर, मेडिकल कॉलेजों में विदेश में प्रवेश पाने के लिए कोई दान शुल्क नहीं देना पड़ता है।
  • विदेशों में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए किसी भी तरह की प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता नहीं है।
  • छात्र विदेश में सस्ती कीमत पर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
  • विश्वस्तरीय अवसंरचना और सुविधाओं की उपलब्धता भी इसका प्रमुख कारण है कि छात्र विदेश में चिकित्सा अध्ययन करना चाहते हैं।
  • इन देशों में रहने की लागत कम है।
  • विदेशों में कई चिकित्सा विश्वविद्यालय शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी भाषा का उपयोग करते हैं। इससे छात्रों के लिए पाठ्यक्रम का अध्ययन करना आसान हो जाता है।
  • विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करते समय, आपके लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण और कार्य प्रदर्शन प्राप्त करने के कई अवसर हैं। आपको विदेशों में शीर्ष चिकित्सा विश्वविद्यालयों में विभिन्न देशों, पृष्ठभूमि और जातीयता से आने वाले छात्रों के साथ बातचीत करने का मौका मिल सकता है।
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एमबीबीएस प्रवेश प्रक्रिया क्या है? (What is MBBS Admission Process?)
विदेशों में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया बहुत सरल और परेशानी मुक्त है। छात्र को ऑनलाइन प्रवेश पत्र भरने और आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करने की आवश्यकता है। एक बार जब आप दस्तावेज जमा करते हैं, तो तुरंत प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, छात्र को संबंधित देश के शिक्षा मंत्रालय से एक निमंत्रण पत्र मिलता है। इसके बाद, आप वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

यूक्रेन
यूक्रेन वह देश है जहां बीमारियों के इलाज के लिए विश्व स्तरीय उपकरण हैं। इसमें कुछ सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज हैं जिनकी लागत बहुत कम है और सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा शिक्षा प्रदान करते हैं। इसमें ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो चिकित्सा में अपने यूजी और पीजी को पूरा करने के लिए भारतीय और अन्य अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए सस्ती हैं। यूक्रेन के लगभग सभी कॉलेजों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, जैसे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। यहां पर शिक्षा प्राप्‍त करने में करीब 20 से 25 लाख रुपए लगते हैं।

यूक्रेन में मेडिकल के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय (Famous Universities of Medical in Ukraine)
  • कीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • विनीतस नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • टेरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • डोनेट्स्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी
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किर्गिज़स्तान
किर्गिज़स्तान एक ऐसी जगह है, जहाँ आप 15 से 20 लाख रुपये के भीतर अपना मेडिकल कोर्स पूरा कर सकते हैं, यानी बहुत कम कीमत पर। यह चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए सबसे सस्‍ती जगहों में गिना जाता है। विश्वविद्यालय अच्छी बुनियादी सुविधाओं और कम लागत के साथ उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं। किर्गिस्तान के सभी संस्थानों को एमसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त है।

कुछ प्रतिष्ठित संस्थान (Kyrgyzstan's Prestigious Institutes)
  • ओश राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय
  • जलालाबाद मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • एशियाई चिकित्सा संस्थान
  • किर्गिज़.रूसी स्लाव विश्वविद्यालय
  • इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मेडिसिन

रूस
यूरोपीय देश वास्तव में बहुत महंगे हैं, शैक्षिक और रहने का खर्च अधिक है। लेकिन रूस में एक अलग परिदृश्य है। अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में शैक्षिक खर्च और रहने की लागत बहुत कम है। पेशेवर डॉक्टरों की मांग रूस में बहुत अधिक है जो समय की अवधि में आरओआई बढ़ाती है। इसलिए रूस को चुनना भारतीय छात्रों के लिए अच्छे फैसलों में से एक होगा। यहां पर आप 20 से 25 लाख रुपए में मेडिकल कर सकते हैं।

रूस में कुछ चिकित्सा संस्थान (Some Medical Institutions in Russia)
  • साइबेरियाई राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय
  • रियाज़ान मेडिकल यूनिवर्सिटीए रियाज़ान
  • मोर्दोविया स्टेट यूनिवर्सिटी
  • कुबन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी
  • उत्तरी राज्य विश्वविद्यालय
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फिलीपींस
यहां पर मेडिकल की पढ़ाई अमेरिकन पद्धति पर चलती है। यहां पूरी पढ़ाई को दो भागों में बांटा गया है। पहला भाग बीएस प्रोग्राम होता है जो एक साल का होता है, उसके बाद अपीयर नामक परीक्षा में अपीयर होना पड़ता है। जिसके बाद एमडी कोर्स करना होता है, जो चार साल का होता है। फिलीपींस में मेडिकल शिक्षा पूरे पांच साल का खर्च भारतीय रुपए में लगभग 14 लाख से 15 लाख तक पड़ता है।

फिलीपींस के अच्‍छे मेडिकल संस्‍थान (Best Medical Institutes In Philippines)
  • अम्मा स्कूल ऑफ मेडिसिन
  • लिसेयुम नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ परपेचुअल हेल्प
  • बिकल क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ मेडिसिन
  • डावाओ मेडिकल स्कूल फाउंडेशन
  • कगयन स्टेट यूनिवर्सिटी

जर्मनी
जर्मनी में एमबीबीएस की यूनिवर्सिटी पूरी दुनिया की टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटी में शामिल हैं। ये यूनिवर्सिटी बेहतरीन शिक्षा, आधुनिक उपकरण और गतिशील वातावरण के लिए जानी जाती हैं। इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और यूनाइटेड नेशनल ऑर्गनाइजेशन जैसे विभिन्न संगठनों द्वारा मान्यता दी गई है। यहां पर छात्र 25 से 30 लाख में अपनी एजुकेशन पूरी कर सकते हैं।

जर्मनी की टॉप संस्‍थान (Germany's top institutes)
  • हैम्बर्ग यूनिवर्सिटी
  • लुबेक यूनिवर्सिटी
  • फ्री यूनिवर्सिटी आफ बर्लिन
  • हीडलबर्ग यूनिवर्सिटी
  • वुर्ज़बर्ग यूनिवर्सिटी

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Career after BBA: बीबीए के बाद चाहते हैं हाई सैलरी? ये करियर ऑप्‍शन रहेंगे बेस्ट

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Jobs After BBA: इंटरमीडिएट परीक्षा को पूरा करने के बाद, जब सभी स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा की तरफ अगर्सर होते हैं तो उनमें से कुछ बीबीए कोर्स का चयन करते है जिसका संक्षिप्त रूप है बैचलर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन। यह ऐसे स्टूडेंट्स का पसंदीदा करियर ऑप्शन है जो मैनेजमेंट में अपना करियर बनाना चाहते हैं। यह एक तीन साल की पेशेवर डिग्री है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय और प्रबंधन के लिए प्राथमिक विद्या प्रदान करना है। बीबीए कोर्स छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता का अवसर देता है। जिनमें से कंप्यूटर सूचना प्रणाली, आंतरिक व्यापार, अचल संपत्ति, वित्त, विपणन लेखांकन और विपणन आदि शामिल है।

बीबीए डिग्री हासिल करने के बाद छात्रों को एम.एस ऑफ़िस और एम.आई.एस जैसे किसी एक क्विक लर्निंग कोर्स का सर्टिफिकेशन किसी अच्छे कोचिंग संस्‍थान से अवश्य प्राप्त करना चाहिए। इस तरह की ट्रेनिंग से आप कॉर्पोरेट दुनिया में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जायगे। बीबीए डिग्री के साथ-साथ नवीनतम सॉफ़्टवेयर की जानकारी और सर्टिफिकेशन आपको कॉरपोरेट वर्ल्ड में एक आसान तरीके से नौकरी प्राप्त करने में मदद करेगी।

बीबीए के बाद करियर स्कोप (Career Scope after BBA)
जिस तरह से प्रतिदिन नई-नई कंपनियां खुल रही हैं, उससे आजकल बीबीए ग्रेजुएट्स के लिए जॉब के ढेरों अवसर मौजूद हैं। खासतौर पर बीबीए ग्रेजुएट्स एक मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर विभिन्न कंपनियों में सेल्स और मार्केटिंग डिपार्टमेंट में जॉब तलाश सकते हैं। कुछ वर्षों के अनुभव के साथ बीबीए की डिग्री से आप किसी भी कंपनी में अवश्य ही लीडरशिप पोजीशन प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि कुछ कोर्स ऐसे हैं, जिनको करने के बाद आप अच्‍दी पोजिशन से जॉब शुरू कर सकते हैं।
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मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (Master of Business Administration)
बीबीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद सबसे कॉमन और सबसे पसंदीदा कोर्स एमबीए (मास्टर ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन) है। इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद न केवल आपको एक सम्मानजनक मैनेजमेंट पोजीशन के साथ आकर्षक वेतन ही मिलता है बल्कि आप अपने बॉस खुद बन सकते हैं। एमबीए की समयावधि 2 वर्ष की होती है। एमबीए कोर्सेज में मार्केटिंग, फाइनेंस, एचआर और इंटरनेशनल ट्रेड में कई स्पेशलाइजेशन कोर्सेज शामिल हैं जो आप अपनी रूचि और कौशल सेट के अनुसार चुन सकते हैं। इसका यह मतलब है कि एमबीए करने के बाद आप टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर, मैन्युफैक्चरिंग, गवर्नमेंट एजेंसीज, नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन्स और एफएमसीजी कंपनियों और कार्यक्षेत्रों में जॉब्स कर सकते हैं।

मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (Post Graduate Diploma in Management)
मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (पीजीडीएम) का वैकल्पिक ऑप्शन है। हालांकि एमबीए और पीजीडीएम कोर्सेज के बीच कोई ज्यादा फर्क नहीं है। एमबीए यूनिवर्सिटीज द्वारा ऑफर किया जाने वाला एक डिग्री कोर्स है जबकि, पीजीडीएम विभिन्न ऑटोनोमस इंस्टिट्यूशंस द्वारा ऑफर किया जाने वाल डिप्लोमा कोर्स है। कई कॉलेज 1 वर्ष के पीजीडीएम कोर्सेज भी ऑफर करते हैं। आईआईएमज और एक्सएलआरआईज में एडमिशन लेना वास्तव में काफी मुश्किल होता है इसलिए स्टूडेंट्स मिड लेवल एमबीए कॉलेजों द्वारा ऑफर किये जाने वाले पीजीडीएम कोर्सेज कर सकते हैं। पीजीडीएम कोर्सेज का भी काफी बढ़िया करिकुलम स्ट्रक्चर होता है और जॉब्स देते समय कई कंपनियां इन कोर्सेज को महत्व देती हैं।

मैनेजमेंट स्टडीज में मास्टर डिग्री (Master's Degree in Management Studies)
मैनेजमेंट स्टडीज में मास्टर डिग्री (एमएमएस) भी एमबीए का एक वैकल्पिक ऑप्शन है। एमएमएस की ड्यूरेशन भी 2 वर्ष है और यह कोर्स विभिन्न सरकारी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटीज द्वारा ऑफर किया जाता है। इस कोर्स में एडमिशन लेने का बेसिक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया कम से कम 50 फीसदी मार्क्स के साथ किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री है। फाइनल इयर के स्टूडेंट्स भी इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। एमएमएस एक कोर्स के तौर पर स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट स्किल्स सीखने और विभिन्न स्तरों पर बिजनेस एक्टिविटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है।
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बीबीए के बाद प्राइवेट सेक्टर जॉब्स (Private Sector Jobs After BBA)
अगर हम प्राइवेट सेक्टर में जॉब की बात करे तो इस फ़ील्ड में प्रतिस्पर्धा कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है। इस क्षेत्र में कुशल उमीदवारो की आवश्यकता होती है जो अपने क्विक प्रॉब्लम सॉल्विंग और निर्णय लेने के टैलेंट के साथ दिनपरतदीन मार्केट में आने वाली चुनौतियों को आसानी से सोलव कर सके। कॉर्पोरेट छेतर में मैनेजमेंट प्रोफेशनल को काफी अच्छा वेतन मिलता है

कुछ इंडस्ट्रीज़ के नाम इस प्रकार है-
  • एंटरटेनमेंट
  • फाइनेंस
  • इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ;आईटीद्ध
  • इंश्योरेंस
  • मीडिया
  • ऑनलाइन मार्केटिंग
  • मैन्युफैक्चरिंग
  • एडवरटाइजिंग
  • एविएशन
  • बैंकिंग
  • कंसल्टेंसी
  • डिजिटल मार्केटिंग

सरकारी सेक्टर जॉब्स (Government Sector Jobs)
अगर हम बात करे सरकारी क्षेत्र में प्रबंधन पेशेवरों के वेतन पैकेज की तो निजी क्षेत्र के मुक़ाबले गवर्नमेंट सेक्टर म कुछ ज्यादा अच्छा वेतन नहीं होता हैए परन्तु सार्वजनिक क्षेत्र में आपको काम का प्रेशर बहुत कम है और नौकरी की सुरक्षा और स्थिरता अधिक मिलेगी।
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बीबीए स्नातक के लिए कार्य क्षेत्र (Work Areas for BBA Graduates)
बीबीए कम्पलीट करने के बाद, आप अपने स्कील्स और शौक अनुसार निम्नलिखित क्षेत्रों में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं
  1. एंटरप्रेन्योरशिप
  2. फाइनेंस एंड एकाउंटिंग मैनेजमेंट
  3. एचआर मैनेजमेंट
  4. मार्केटिंग मैनेजमेंट
  5. सप्लाई चेन मैनेजमेंट
  6. टूरिज़्म मैनेजमेंट

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NEET Exam Tips: नीट एग्जाम की कर रहे हैं तैयारी, तो रिजल्ट के प्रेशर और स्ट्रेस को ऐसे करें दूर

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NEET Exam Crack Tips: एग्जाम पूरी तरह से एक अलग माहौल बनाते हैं। एग्जाम में शामिल होने वाला हर स्टूडेंट काफी दबाव महसूस करता है। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश एग्जाम (National Eligibility cum Entrance Test) जिसे आमतौर पर नीट (NEET) के रूप में जाना जाता है, हाई कॉम्पिटिशन की वजह से यह एक बेहद मुश्किल एग्जाम माना जाता है।

इसके अलावा, कई बार परिवार का दबाव स्टूडेंट्स का आत्मविश्वास कम करता है और घबराहट बढ़ा देता है। नीट एग्जाम में तनाव से निपटने और कट-ऑफ मार्क्स हासिल करने के लिए, कई स्टूडेंट्स प्रैक्टिस के लिए रात के समय पढ़ाई करते हैं और इससे उनकी पूरी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर असर पड़ता है। इस लेख में, NEET Physics Kota के डायरेक्टर, प्रशांत शर्मा ने ऐसी टिप्स के बारे में बताया है जो आपको एग्जाम के डर और चिंता को कम करने में मदद करेंगी।

जल्दी रिवीजन करना शुरू करें
अक्सर स्टूडेंट्स 17 घंटे के लिए अपना रिवीजन शेड्यूल करते हैं और समय कम होने की वजह से वे कुछ टॉपिक्स को मिस कर देते हैं। यह स्टूडेंट्स पर अधिक दबाव बनाता है और उन टॉपिक्स का एक भी सवाल एग्जाम हॉल में स्टूडेंट्स के दिमाग को बेहद प्रभावित करेगा। इसलिए, एग्जाम से 2-3 महीने पहले रिवीजन शेड्यूल करना हमेशा बेहतर होता है और एग्जाम से पहले वाला एक महीना रिलैक्स करने के लिए रखा जाना चाहिए।

याद करना, प्रैक्टिस और टेस्ट, इन तीनों को फॉलो करें
नीट की तैयारी के लिए लर्न-प्रैक्टिस-टेस्ट सबसे अच्छा तरीका है। कई स्टूडेंट्स इनमें से किसी एक स्टेप को छोड़ देते हैं और दबाव महसूस करते हैं। प्रैक्टिस करते समय स्पीड और करेक्टनेस जरूरी पार्ट्स हैं। इसलिए, हमेशा अपनी सीखने की प्रक्रिया में स्पीड और करेक्टनेस पर ध्यान दें।
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अपना खुद का टाइम टेबल बनाएं
हर व्यक्ति अलग तरह से सोचता है और अलग तरह से पढ़ता है। फिर कैसे एक जैसा ही टाइम टेबल हर किसी को सूट कर सकता है? किसी दूसरे के बनाए हुए टाइम टेबल को फॉलो करने के बजाय, अपनी स्ट्रॉन्ग और कमजोर टॉपिक्स का विश्लेषण करें और उनके मुताबिक अपना खुद का टाइम टेबल बनाएं।

विषयों को मिलाएं
कई स्टूडेंट्स अक्सर एक ही टॉपिक पर ध्यान केंद्रित करते हैं या एक के बाद एक टॉपिक को पढ़ने के लिए शेड्यूल बनाते हैं। ऐसा करते समय, कुछ ऐसे उदाहरण भी हो सकते हैं जहां आखिर में, बाकी टॉपिक्स को छोड़ दिया जाता है और आप उन्हें याद करने से चूक सकते हैं। इसलिए, बैलेंस बनाने के लिए हर दिन हर एक टॉपिक को थोड़ा-थोड़ा समय देने की सलाह दी जाती है।

शॉर्ट नोट्स बनाएं और अपनी गलतियों की एक लिस्ट बनाएं
अपने क्लास नोट्स के साथ, एक प्रैक्टिस करते समय जरूरी प्वॉइंट्स जैसे लिस्ट, नाम, घटनाएँ, फॉर्मुले आदि के अलग से नोट्स बनाएँ। प्रैक्टिस टेस्ट की तैयारी करें और साथ ही, अपनी गलतियों को एक जर्नल में नोट करें। ये नोट्स एग्जाम हॉल में जाने से पहले या एग्जाम से एक दिन पहले आपके रिवीजन करके जाएं। इससे आपको मदद मिलेगी।
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अच्छे से सोएं
डॉक्टरों के अनुसार शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए कम से कम 6-7 घंटे की नींद जरूरी है। यदि आप सोने के लिए एक निश्चित समय नहीं देते हैं, तो आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, आपको अपने टाइम टेबल में रेस्ट करना और सोने का टाइम शामिल करना चाहिए ताकि आप उन्हें याद न करें। अपने शरीर को आराम देने के लिए 1-2 घंटे की पढ़ाई के बाद कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लेना भी जरूरी है। ब्रेक के दौरान, थोड़ी देर स्ट्रेचिंग करने की कोशिश करें और बॉडी को फिट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्ट्रेचिंग से शरीर का सर्कुलेशन बेहतर होता है।

बॉटम-लाइन का रखें ख्याल
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश एग्जाम (NEET) की तैयारी चुनौतियों, ध्यान भटकाने और आत्म-संदेह से भरी होती है। ऊपर बताए गए टिप्स आपको नीट एग्जाम के लिए अधिक दबाव लेने के दौरान होने वाले तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करते हैं। हमेशा याद रखें कि कोई भी व्यक्ति रातों-रात सफलता प्राप्त नहीं कर सकता, चाहे वह अधिक दबाव और तनाव ही क्यों न ले। एनईईटी एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाने और सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश के लिए बहुत समर्पण की जरूरत होती है।

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BTech Courses: बीटेक करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये हैं 5 बेस्ट कोर्स, मिलेगी अच्छी नौकरी

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Best BTech Course: यदि आप बीटेक के अंतिम सेमेस्टर में हैं, तो आपके सामने सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि आगे मैं क्‍या करूं। अन्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की कठिन राह से गुजरने के बाद, आप एक बार फिर से जीवन के एक मुश्किल मोड़ पर होंगे जहाँ आप अपने करियर को चुनने का महत्वपूर्ण फैसला ले रहे होंगे। प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग योजनाएं और आकांक्षाएं होती हैं और भविष्य में वे जो चाहते हैं उसका चयन उसी के अनुसार किया जाना चाहिए। यह वह समय होगा जब आप तय करेंगे कि आप भविष्य में कहां जाना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं।

कैम्पस प्लेसमेंट (Campus Placement)
बीटेक के बाद अगर आपको आगे की पढ़ाई या हायर स्टडीज करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो यह सबसे अच्छा विकल्प है। अधिकांश अच्छे इंजीनियरिंग संस्थानों में कैम्पस प्लेसमेंट होता है। कैम्पस में उपलब्ध प्लेसमेंट ऑफ़र के लिए आवेदन करें और उनके लिए अच्छे से तैयारी भी करें। उन नौकरियों को पाने की कोशिश करें, जिन पर आप इंजीनियरिंग के क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए रुचि रखते हैं और बाद में आप अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए कैंपस प्लेसमेंट हर साल बढ़ रहे हैं।
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एमटेक (Mtech)
अगर आप आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो एमटेक एक अच्‍छा विकल्‍प है। यह आपको अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र का चयन करने और इसमें उत्कृष्टता प्राप्त करने का मौका देता है। छात्रों को एक विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान की जाती है जो बाद में नौकरी के साक्षात्कार के दौरान एक बढ़त प्रदान करती है। आईआईटीए एनआईटी और सीएफटीआई जैसे शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में एमण्टेक की पढ़ाई करने के लिए स्नातक छात्रों को ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) को क्वालिफाई करना होगा।

भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा प्रस्तावित एमटेक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए गेट की परीक्षा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। बेशक, निजी विश्वविद्यालय के साथ-साथ कुछ राज्य भी हैं जो अपने स्वयं के इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से स्नातकोत्तर की पेशकश करते हैं।

एमबीए भी है विकल्‍प (MBA Career Option)
अगर आपको लगता है कि आप एक टेक्‍निकल व्‍यक्ति नहीं है और आप खुद को किसी एमएनसी में बिजनेस सूट में खुद को देखना चाहते हैं, तो हो सकता है कि आपका झुकाव एमबीए की तरफ भी हो। यह मत सोचिए कि इन दिनों हर कोई एमबीए कर रहा है और इसकी कीमत घटी है। अगर आप मैनेजमेंट सेक्‍टर में करियर बनाना चाहते हैं तो एमबीए एक सही चयन है। आप हमेशा लोकप्रिय रहे क्षेत्रों जैसे एचआरए मार्केटिंग, सेल्‍स या नए डोमेंस जैसे डिजिटल मार्केटिंग, इंटरनेशनल रिलेशंस आदि में स्‍पेशलाइज कर सकते हैं।

भारत में कई तरह के एंट्रेस एक्‍जाम होते हैं जो आपको टॉप 30 एमबीए कॉलेज में एडमिशन दिलाने में मदद करते हैं। कॉमन एडमिशन टेस्‍ट एमबीए के लिए आईआईएम और अन्‍य लीडिंग संस्‍थानों के लिए गेटवे का काम करता है। अन्‍य एक्‍जाम में एनमेट, स्‍नेप, सीमेट आदि हैं।
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सिविल सर्विसेस की तैयारी (civil services झreparation)
पढ़ाई के दौरान हर छात्र एक न एक बार सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के बारे में सोचता है, लेकिन ज्‍यादातर छात्र इस सपेन को पूरा नहीं कर पाते, क्‍योंकि इसे क्रेक करना मुश्‍किल है। यह सही है कि यह दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है और सिविल सर्वेंट बनने के लिए भारी प्रतियोगिता है लेकिन सिविल सर्विसेस केवल एक्‍जाम क्रेक करना और इंटरव्‍यू क्‍लीयर करना ही नहीं है। यह आपको हर चीज पर जज करता है कि आप क्‍या सोचते हैं, आप कौन हैं। आपको अपना पूरा फोकस इसके एक्‍जाम पर देना होगा।

शॉर्ट टर्म कोर्सेस (Short Term Courses)
कई तरह के शॉर्ट टर्म कोर्सेस और डिप्‍लोमा कोर्सेस है जो आप बीटेक के बाद कर सकते हैं। यह सर्टिफिकेट एम्‍बडेड टेक्‍नोलॉजीए वीएलएसआईए रोबोटिक्‍सए एथिकल हैकिंगए प्रोटोकॉल टेस्‍टिंगए मशीन डिजाइनिंग

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Career In Polytechnic: पॉलिटेक्निक के बाद चाहिए हाई सैलरी वाली जॉब तो ये हैं ऑप्शन, यहां देखें

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Career In Polytechnic After 12th: बारहवीं के बाद लाखों छात्र टेक्निकल फ़ील्ड में अपना करियर बनाने के इच्छुक होते है, ऐसे छात्रों में से हजारों छात्र पॉलिटेक्निक में दाखिला लेते हैं, लेकिन कॉलेज से पास आउट होने के बाद वो कंफ्यूज हो जाते है कि पॉलिटेक्निक के बाद आगे की पढ़ाई कैसे करें या पॉलिटेक्निक के बाद करियर विकल्प कौन-कौन सा है। इस लेख में हम आपको देंगे पूरी जानकारी।

एक नज़र पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पर (All About Polytechnic Diploma)
पॉलिटेक्निक शब्‍द Poly + Technic इन दोनों शब्दों के मिलने से बना है, जिसका मतलब है- बहुत सारी कलाओं का संस्थान या आसान भाषा में कहें तो एक ऐसा संस्थान जहां पर अलग-अलग कलाओं के बारे में अध्ययन किया जाता है। पॉलिटेक्निक एक ऐसा संस्थान है जहां पर विद्यार्थी इंजीनियर बनने के लिए आता है और हम ये भी कह सकते है इंजीनियर बनने की पहली सीढी ही पॉलिटेक्निक होता है। जहां पर छात्र को इंजीनियरिंग की बेसिक चीज़ों के बारे में स्टडीज कराया जाता है।

पॉलिटेक्निक कैसे करें (How To Do Polytechnic)
पॉलिटेक्निक के लिए दसवीं और बारहवीं पास करना जरूरी है, इसके बाद आप किसी भी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज से कर सकते है, लेकिन अगर आप सरकारी कॉलेज से करते है तो यह आपके लिए एक बेहतर चयन हो सकता है। सरकारी कॉलेज में प्राइवेट कॉलेज की अपेक्षा बहुत कम फीस लगती है और पढ़ाई भी बेहतर होते है। इस तीन वर्षीय डिप्लोमा को करने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होता है।

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के बाद आगे अध्ययन (Further Study After Polytechnic Diploma)
पॉलिटेक्निक एक टेक्नीकल डिप्लोमा होती है, इससे आपको अच्छी नौकरी पाने में बहुत आसानी होगी। लेकिन विभिन्न प्रकार की नौकरियों में जॉब की संभावना और हायर लेवल की नौकरियों के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए डिप्लोमा करने के बाद भी अध्ययन करना जरुरी है। अगर आप हायर लेवल की जॉब पाने के लिए आपको आगे की पढाई जारी रखनी पड़ेगी। इसके लिए आप निम्नांकित कोर्सेज पर विचार कर सकते हैं।
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बीटेक लेटरल एंट्री स्कीम (B.Tech Lateral Entry Scheme)
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए सबसे लोकप्रिय और उपयुक्त विकल्प इंजीनियरिंग डोमेन से, बी.टेक या बीई का कोर्स करना है। इस कोर्स के लिए उम्मीदवारों को कॉलेज और पाठ्यक्रम के लिए संबंधित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। कई इंजीनियरिंग कॉलेज इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री एडमिशन भी प्रदान करते हैं। लेटरल एंट्री का मतलब है कि आप सीधे दूसरे वर्ष में इंजीनियरिंग कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। कुछ कॉलेजों ऐसे भी जिनमे में डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।

स्टडी डोमेन में ग्रेजुएशन (Graduation In Study Domain)
वहीं आप पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के बाद अपने सम्बन्धित डोमेन में तीन साल के नियमित ग्रेजुएशन कोर्स में शामिल भी हो सकते है। यह विकल्प गैर-इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स, बीएससी, बीए, बीसी, और बीकॉम जैसे तीन साल के रेगुलर ग्रेजुएशन प्रोग्राम्स की अपेक्षा डिप्लोमा धारकों के लिए विशेष रूप से व्यावहारिक है। लेकिन इसके लिए उम्मीदवार के पास 12 वीं का रीजल्ट तथा डिप्लोमा का सर्टिफिकेट होना आवश्यक है तभी उन्हें इसमें एडमिशन मिल सकता है।

एआईएम सर्टिफिकेशन (AIM Certification)
इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले डिप्लोमा धारकों के लिए एक और अन्य ऑप्शन्स एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स है, एएमआईआई सर्टिफिकेशन बीई के बराबर एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन डिग्री है, एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स को पूरा करने वाले उम्मीदवारों को इंजीनियरिंग संस्थान, भारत द्वारा एआईएम प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है। एआईएम परीक्षा में दो खंड होते हैं और इस कोर्स को पूरा करने में लगभग 4 साल लगते हैं। हालांकि, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को स्ट्रीम ए, यानि प्रोजेक्ट वर्क में शामिल होने की बहुत जरुरत नहीं होती है। इसलिए, वे केवल 3 वर्षों में ही एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स कर सकते हैं।
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रोजगार के अवसर (Employment Opportunities)
यह डिप्लोमा छात्रों को बेहतरीन फ़ील्ड और विभिन्न करियर अवसर प्रदान करता है इसीलिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को कई छात्र करियर के लिए बेहतरीन ऑप्शन मानते है। ऐसे में डिप्लोमा होल्डर्स पीएसयू की नौकरी कर सरकारी सेवा क्षेत्र में शामिल होने, निजी कंपनियों के साथ नौकरियाँ लेने या यहां तक कि अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का विकल्प चुन सकते हैं।

सरकारी क्षेत्र (Government Sector Jobs)
इनके लिए सरकारी तथा उनके सहयोगी सार्वजनिक क्षेत्र में बहुत सारे बेहतरीन नौकरी के अवसर प्रदान किये जाते है। इस तरह की कंपनियां जूनियर लेवल पोजिशन और टेकनीशियन स्तर की नौकरियों के लिए डिप्लोमा धारकों को अच्छी सैलरी के साथ जॉब प्रोवाइड करती है।
  • रेलवे
  • भारतीय सेना
  • लोक कार्य विभाग
  • सिंचाई विभाग
  • ओएनजीसी- तेल और प्राकृतिक गैस निगम
  • डीआरडीओ- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन
  • गेल- गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
  • भेल- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
  • आईपीसीएल- इंडियन पेट्रो केमिकल्स लिमिटेड
  • एनटीपीसी- नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन
  • बीएसएनएल- भारत संचार निगम लिमिटेड
  • बुनियादी ढांचा विकास एजेंसियां

निजी क्षेत्र (Private Sector Jobs Polytechnic Diploma)
सरकारी क्षेत्र की तरह ही निजी क्षेत्र की कंपनियां भी विशेष रूप से विनिर्माण, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स और टेकनीशियन स्तर में काम करने के लिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को हायर करती हैं।
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निजी क्षेत्र की कंपनियां (Private Sector Companies)
  1. इलेक्ट्रिकल व पवार फर्म- टाटा पावर, बीएसईएस, सीमेंस, एल एंड टी आदि।
  2. मैकेनिकल इंजीनियरिंग फर्म- हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसीसी लिमिटेड, वोल्टस इत्यादि।
  3. कम्प्यूटर इंजीनियरिंग फर्म- टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, पोलारिस इत्यादि।
  4. ऑटोमोबाइल- मारुति सुजुकी, टोयोटा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, बजाज ऑटो इत्यादि।
  5. एयरलाइंस- इंडिगो, स्पाइसजेट, जेट एयरवेज इत्यादि।
  6. संचार फर्म- भारती एयरटेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस, आइडिया सेल्युलर इत्यादि।
  7. निर्माण फर्म- यूनिटेक, डीएलएफ, जेपी एसोसिएटेड, जीएमआर इंफ्राए मित्स इत्यादि।

स्व-रोजगार (Self-Employed After Polytechnic Diploma)
इन डिप्लोमा धारकों के लिए एक बेहतर करियर विकल्प स्‍व-रोजगार है। यह क्षेत्र इसलिए भी लोकप्रिय है कि यहां पर छात्रों अपनी करियर में ग्रोथ की संभावना बहुत अधिक होती है जो की कही जॉब कर नहीं मिल पाती है। पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षण के समय सभी डिप्लोमा कोर्सेज में विशेष रूप से संबंधित विषय के व्यावहारिक या अनुप्रयोग सम्बन्धी पहलुओं पर छात्रों को मूल रूप से प्रशिक्षित करते हैं। यह छात्रों को विशेष रूप से मूल बातें सीखने के लिए तैयार करता है और अपना खुद का अपना व्यवसाय शुरू करने के काबिल बनाता है।

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Writing Tips: लिखने का शौक है तो इन बातों का रखें ध्‍यान, बढ़ेगी राइटिंग स्किल्स

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Writing Tips In Hindi: पढ़ने में लेख बहुत ही आसान लगता है, लेकिन जब हम उसे लिखने बैठते हैं तो हमें समझ नहीं आता कि कहां से शुरू करें, क्या लिखें और क्या न लिखे। जब हम बात करते हैं, तो शब्‍द अपने आप आते जाते हैं, हमें लगता है कि लिखना भी इसी तरह आसन होग, लेकिन लिखते समय हमें शब्‍द नहीं मिलते, क्‍योंकि लिखा सिर्फ वही जाता है, जो जरूरी होता है। तो चलिए जानते हैं राइटिंग स्किल्स के लिए कौन-सी टिप्स हैं जरूरी-

ऑटिकल कैसे लिखा जाता है
जब भी आप किसी भी टॉपिक पर आर्टिकल लिखते हैं तो आपको बहुत सारी बातों को ध्यान रखना पड़ता है जो आपके लिखने की क्षमता को कई गुना ज्यादा निखरता हैं इसलिए ऑटिकल लिखने के लिए नीचे दिए गए जानकारी को ध्यान से पढ़े जो आपको ऑटिकल लिखने में कई ज्यादा मदद करेंगा।

सोचकर लिखना सीखें
किसी भी लेख को लिखने से पहले यह सबसे महत्वपूर्ण अंग और सबसे पहला भाग होता है कि आप किसी भी टॉपिक में कोई भी ऑटिकल लिखते है तो सिर्फ एक विचार को ध्यान में रखकर ना लिखे बल्कि उस पूरे समाज और सभी लोगों के लिए लिखें जो आपके इस ऑटिकल का फायदा मिल सकें। और इमेजिनेशन ही एक ऐसी चीज है जिसे आप हर तरह का सीन क्रिएट कर सकते हैं इमेजिनेशन के जरिये ही आप अपने अंदर ही अंदर आर्टिकल का एक बेतरीन स्ट्रक्चर तैयार कर सकते है जो आपके रीडर्स को आपका पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए उत्साहित करता है।
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बार-बार ना करें किसी शब्‍द का इस्‍तेमाल
लेखन कार्य करते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि कोई शब्‍द बार-बार रिपीट न करें, अगर आप अपने लेख में ऐसा करेंगे तो पाठक आपका लेख पढ़ते पढ़ते बोर हो जाएंगे, उन्‍हें आपके लेख में नयापन नहीं मिलेगा। इसलिए एक जैसे शब्दों का प्रयोग न करके उसके जैसे समान अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग करें जिसे रीडर्स को यह न लगे कि वह बार-बार की की लाइन पढ़ रहा है।।

अधूरी जानकारी न दें
लेख लिखते समय आपको यह नहीं पता होता कि आपके लेख को कौन और कितना पढ़ा लिखा व्‍यक्ति पढ़ रहा है। इसलिए आपने ऑटिकल में जब भी आप किसी भी टॉपिक के बारे में बताएं तो इस बात को ध्यान में रखकर लिखें जिसको पढ़कर उस टॉपिक के बारे में किसी भी रीडर में मन में अधूरी जानकारी ना रहें। इसलिए आपको अपने आर्टिकल को बिल्कुल ज़ीरो से लिखना चाहिए ताकि हर वर्ग का व्यक्ति बहुत आसनी से समझ सकें क्योंकि जब आपके लिखे गए तथ्य लोगों के समझ नही आते तो वह आपके आर्टिकल को छोड़कर चले जाते है।

अपने अनुभव के साथ लिखें
अगर आप किसी एक ऐसे विषय पर लिख रहे हैं जिसमें आपका अपना कोई पर्सनल अनुभव हैं तो आपको उसी आधार पर अपने लेख को लिखना चाहिए। क्योंकि हम सब की एक जैसी समस्याएं होती हैं और रीडर्स उस समय सबसे ज्यादा लेख को पढ़ने के लिए उत्साहित होता है जब उसे लगता है कि उसकी समस्या भी बिल्कुल ऐसी है और फिर वह उनका हल जाने के लिए अंत तक आर्टिकल पढ़ता है।
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लिखने का क्‍या है सही तरीका
लेख कोई भी हो, वह सरल और साधारण भाषा में होना चाहिए। ताकि उसे एक बार पढ़ना शुरू करें तो अंत तक उसे पूरा पढ़ कर ही रखें। यह ध्‍यान रखना चाहिए कि आपके लेख में पाठकों को हर सवालों के जवाब मिल सके। इसलिए लेख लिखने से पहले उसके फॉर्मेट के बारे में हमें पता होना चाहिए। लेख लिखने की शुरुआत कैसी करनी चाहिए, कहां पर किस बारे में बताना चाहिए, आर्टिकल को पूरा कैसे करना चाहिए, उसके अंदर कौन-कौन सी बातों का उल्लेख करना चाहिए, ऐसे कई सारी बातों का ध्यान में रखकर आर्टिकल आप शानदार रूप से लिख सकते हैं।

शांत वातावरण
किसी भी लेख को लिखने के लिए शांत वातावरण बेहद जरूरी है, अगर कोई लिखता है तो वह एक ऐसा वातावरण देखते है जहाँ शांति हो और वहाँ वे अपनी लिखने की कौशल को एक बेहतर लेखन शैली पर लेकर जा सकें। ऐसा इसलिए ताकि वह किसी भी तरीके से डिस्टर्ब न हो और अपनी इमेजिनेशन पर पूरी तरह से केंद्रित रह सकें। लिखते समय अगर हमें डिस्टर्ब कर देता है तो हम उस इमेजिनेशन से एक दम बहार आ जाते है औऱ फिर से उसपर केंद्रित होने में काफ़ी समय लग सकता है इसलिए हमेशा एक अच्छा और बेहतरीन ऑटिकल लिखने के पहले शांत वातावरण की जरूरत होती है।

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Life Skills For Career: कामयाबी के लिए जरूरी हैं लाइफ स्किल्स, इन टिप्स से मिलेगी मदद

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Life Skills And Career: अगर किसी भी व्‍यक्ति को किसी भी कार्य में सफलता पानी है तो इसके लिए उसे स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि जब तक स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तब तक सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती। किसी भी व्‍यक्ति के सफलता में उसकी जीवन शैली सबसे महत्‍वपूर्ण होती है, इस लिए किसी भी इंसान को सफल होने के लिए अपनी जीवन शैली या जीवन कौशल को सुधारना सबसे जरूरी होता है। जीवन कौशल वो सकारात्मक योग्यता है जो व्यक्ति को रोजमर्रा की जरूरतों तथा कठिनाईयों से गुजरने मे समर्थ बनाती हैं।

क्‍या है जीवन कौशल? (What is life skill?)
हर इंसान के जीवन में उसका सकारात्मक व्यवहार व आउट-स्पोकनता वह योग्‍यता होती है जो उसको सफल बनाती है। किसी भी व्‍यक्ति की आउट-स्पोकनता उसके जीवन को दिशा देती है। अगर किसी के जीवन में आउट-स्पोकनता, समय प्रबंधन, सात्विक चिंतन, संबंधों में सुधार, स्वयं की देखभाल के साथ-साथ पूर्णतावादी होना जैसी जीवन कौशल है, तो वह अपने जीवन में चुनौतियों का सामना कर सकता है।

आउट-स्पोकन होना (Be Out-Spoken)
आउट-स्पोकन होना एक ऐसा कौशल है जो हमारी भावनाओं, आवश्यकताओं, इच्छाओं तथा विचारों के सुस्पष्ट तथा विश्वासपूर्ण संप्रेपषण में साहयक होता है। यह ऐसी योग्यता है जिसके द्वारा किसी के निवेदन को अस्वीकार करना, किसी विषय पर बिना आत्मचेतन के अपने मत को अभिव्यक्त करना, प्रेम, क्रोध इत्यादि को अभिव्यक्त करना संभव होता हैं। यदि आप आउट-स्पोकन हैं तो आपमें उच्च आत्म-विश्वास एवं आत्म-सम्मान तथा अपनी अस्मिता की एक अटूट भावना होती है।
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समय प्रबंधन करना (Time Management)
कोई भी इंसान जिस तरह अपना समय व्यतीत करता हैं वह आपके जीवन की गुणवत्ता को निर्धारित करता है।। समय का प्रबंधन तथा प्रत्यायोजित करना सीखने से, दबाव-मुक्त होने में सहायता मिलती है। समय दबाव कम करने का एक प्रमुख तरीका, समय के प्रत्यक्षण मे परिवर्तन लाना है। समय प्रबंधन का प्रमुख नियम यह है कि आप जिन कार्यों को महत्त्व देते हैं उनका परिपालन करने मे समय लगाएँ या उन कार्यों को करने मे जो आपके लक्ष्यप्राप्ति में सहायक हो।

यह सपष्ट होना चाहिए कि आप क्या करना चाहते है तथा आप अपने जीवन मे इन दोनो बातों मे सामंजस्य सथापित कर सके। इन पर समय प्रबंधन निर्भर करता है। आप जो भी करने जा रहे हो उसकी एक समुचित रूपरेखा तैयार करिए, आप देखेंगे कि आपने जो अपने काम करने की रूपरेखा तैयार की है वह कितनी अधिक आपको मदद कर रही है।

स्वयं की देखभाल
यदि हम स्वयं को स्वस्थ, दुरुस्त तथा खुश रखते हैं तो हम दैनिक जीवन के दबावों का सामना करने के लिए शारीरिक एवं सांवेगिक रूप से और अच्छी तरह तैयार रहते हैं। हमारे श्वसन का प्रतिरूप हमारी मानसिक तथा सांवेगिक स्थिति को परिलक्षित करता है। जब हम दबाव में होते हैं तो हमारा श्वसन और तेज़ हो जाता है, जिसके बीच-बीच में अक्सर आहें भी निकलती रहती हैं। इनका निश्चित प्रभाव तनाव का सामना करने की हमारी क्षमता तथा कुशल-क्षेम पर पड़ता है।
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आहार
संतुलित आहार व्यक्ति की मन स्थिति को ठीक कर सकता है, ऊर्जा प्रदान कर सकता है, मांसपेशियों का पोषण कर सकता है, संतुलित आहार व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकता है तथा व्यक्ति को अधिक अच्छा अनुभव करा सकता है। जिससे वह जीवन में आने वाले दबावों का सामना और अच्छी तरह से कर सके। स्वास्थ्य जीवन की कुंजी है, इसलिए सभी को दिन में तीन बार संतुलित और विविध आहार का सेवन करना।

व्यायाम
व्यायाम ऐसी प्रक्रिया है जिससे हम अपने शरीर की देखभाल करते है। बड़ी संख्या में किए गए अध्ययन शारीरिक स्वस्थता एवं स्वास्थ्य के बीच सुसंगत सकारात्मक संबंधों की पुष्टि करते हैं। इसके अतिरिक्त, कोई व्यक्ति स्वास्थ्य की समुन्नाति के लिए जो उपाय कर सकता है उसमें व्यायाम जीवन शैली में वह परिवर्तन है जिसे व्यापक रूप से लोकप्रिय अनुमोदन प्राप्त हैं। नियमित व्यायाम वज़न तथा दबाव के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा दबावए दुश्चिंता एवं अवसाद को घटाने में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित करता हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जो व्यायाम आवश्यक है, उनमें तनाव या खिंचाव वाले व्यायाम जरूरी है। जहाँ खिंचाव वाले व्यायाम शांतिदायक प्रभाव डालते है, वहाँ वायुजीवी व्यायाम शरीर के भाव-प्रबोधन स्तर को बढ़ाते हैं।

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Workload and Stress: काम के साथ कैसे दूर करें अपना स्ट्रेस? जानें आसान टिप्स, जो देंगी पॉजिटिव एनर्जी

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How To Manage Stress: नौकरी करने वाले हर व्‍यक्ति ने कभी न कभी अपने कार्यस्थल पर वर्क प्रेशर और तनाव जरूर महसूस किया होगा। चाहे आप कोई भी नौकरी कर रहे हों, उससे चाहे आपको कितना भी लगाव हो, लेकिन एक समय ऐसा जरूर आएगा जब आपको लगेगा कि काश मैंने ये नौकरी न की होती। सभी नौकरी में चुनौतियों को समय सीमा तक पूरा करने या महत्वपूर्ण दायित्वों को पूरा करने के लिए अल्पकालिक तनाव का अनुभव करना होता है। परन्तु, जब यही तनाव दीर्घावधि हो जाता है, तो आपके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

आपके तनाव का कारण क्‍या है? (What Is The Cause Of Your Stress?)
सभी के लिए तनाव के कारण को पहचानना सबसे जरूरी है। आप अपने व्‍यवहार से खुद अंदाजा लगा सकते हैं, कि आप किन परिस्थितियां में कार्य कर रहे हैं, अगर आप तनाव में हैं तो आप कैसी प्रतिक्रिया दें, इन प्रतिक्रियाओं, विचारों, भावनाओं और सबसे महत्वपूर्ण रूप से परिस्थितियों और वातावरण को रिकॉर्ड करना आपकी मदद करेगा। इस स्थिति में सबसे अच्छे तरीके से जवाब देने की कोशिश करें। पॉजिटिव और सक्रिय प्रतिक्रियाएं निश्चित रूप से तनाव को कम करती हैं।
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कार्यस्थल पर तनाव का कारण (Causes Of Stress At Workplace)
आपकी महत्‍वकांक्षा आपको बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर करती हैं, लेकिन अधिक दबाव आपको तनाव की ओर ले जा सकता है। कार्यस्थल पर तनाव के इनमें से कई कारण हो सकते हैं।
  • सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध न होना
  • प्रबंधन में कमियाँ
  • अपने कार्य को लेकर निश्चित नहीं होना
  • आपकी पोस्‍ट के हिसाब से गलत योग्यता
  • काम के बोझ तले दब जाना
  • काम समाप्त करने की बहुत कम समय सीमा
  • अपने कार्य पर नियंत्रण की कमी
  • कार्यस्थल पर शोषण

तनाव के भविष्‍य में प्रभाव
सभी के लिए बहुत लम्बे समय तक अधिक तनाव में रहना मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक थकान का कारण बन जाता है जिसे बर्नआउट कहा जाता है। ऐसा होने से आपको थकान महसूस होती है और काम करने में भी मन नहीं लगता है। हो सकता है कि आपको अपनी नौकरी में संतुष्टि भी न मिले। बर्नआउट आपके स्वास्थ्य और कार्यप्रदर्शन को क्षति पहुंचा सकता है इसलिए इससे कैसे निपटा जाएए इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
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कैसे दूर करें तनाव (How To Relieve Stress)
अपने कार्यस्‍थल पर होने वाले तनाव से जूझने के कई तरीके होते हैं जिनमें सचेतन और मेडिटेशन मन को शांत करने वाली तकनीक होती हैं या आप कुछ समय के लिए थोड़ा ब्रेक भी ले सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपनी जीवनशैली को जितना संभव हो उतना स्वास्थ्यवर्धक रखें। अच्छी नींद लाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित आहार का सेवन करें।

कार्यस्थल पर यह करें
  1. रिलैक्स करने वाली तकनीक और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली, तनाव को रोकने के लिए हमेशा पर्याप्त नहीं होती हैं। कभी-कभार आपको अपनी कार्यशैली या वातावरण को बदलने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
  2. कंपनियां कभी भी आपकी तनावपूर्ण स्थिति को लेकर आपका आकलन नहीं करेंगे, आपका प्रबंधक आपको समर्थन प्रदान करने के लिए उत्तरदायी होता है, इसलिए अगर आपको कोई समस्या है तो उन्हें इस बारे में अवगत कराएं। किसी भी प्रकार का शोषण या उत्पीड़न होने पर अपने मानव संसाधन विभाग को इस बारे में सूचित करें ताकि वो इससे निपट सकें।
  3. यदि आपको लगता है कि तनाव से आपकी मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ रहा है तो अपने डॉक्टर से बात करें।

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